वतन तेरे हम लाडले complete

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pongapandit
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by pongapandit »

Bhai apki lekhni kamal ki hai
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rangila
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rangila »

शर्मा जी अपडेट एक दम हॉट है ख़ास कर पाकिस्तानी अभिनेत्री की चुदाई पढ़ कर मज़ा आ गया
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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

Rohit Kapoor wrote: 21 Aug 2017 18:55 super hot erotic updates dear,
Kamini wrote: 21 Aug 2017 19:19 कामुकता को अपनी उत्कृष्ट और उत्तम लेखनशैली से जिस प्रकार आपने प्रस्तुत किया है, वो उत्साहवर्धक है।
अगली कड़ी की उत्सुकता से प्रतीक्षा में
shubhs wrote: 21 Aug 2017 19:46 बिल्कुल अगली कड़ी की प्रतीक्षा में
mastram wrote: 21 Aug 2017 20:41 masti se paripoorn update Raj bhai
pongapandit wrote: 21 Aug 2017 20:52 Bhai apki lekhni kamal ki hai
rangila wrote: 22 Aug 2017 07:42 शर्मा जी अपडेट एक दम हॉट है ख़ास कर पाकिस्तानी अभिनेत्री की चुदाई पढ़ कर मज़ा आ गया
धन्यवाद दोस्तो अपना साथ और प्यार यूँ ही बनाए रखें

अगला अपडेट अगली ही पोस्ट में
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

Imageराज अब तक समझ नहीं पाया था कि यह किसकी आवाज है, लेकिन ऐनी जाफ़री ने जब साना कह कर उसे संबोधित किया तो उसे लगा कि शायद यह साना जावेद की बात कर रही है। राज ने धीरे से ऐनी जाफ़री से पूछ ही लिया कि ये कौन है जो बोल रही है ??? तो ऐनी जाफ़री ने बताया कि साना जावेद है, यह सुनना था कि राज के लंड में एक नई जान आई। उसकी पसंदीदा हीरोइन उसके साथ वाले बाथरूम में चुदवा रही थी, साथ ही दूसरी तरफ से साना जावेद की चीखों में भी मामूली वृद्धि हुई और फिर एक लम्बी सिसकी के साथ साना जावेद की चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर साना जावेद की आवाज़ आई, क्या यार, सारी साड़ी खराब कर दी मेरी। चलो तुम जाओ अब, मैं साड़ी ठीक कर के आती हूँ। उसके बाद आगे चुप्पी छा गई, बस बाथरूम का दरवाजा खुलने और बंद होने की आवाज आई मगर इस ओर राज का लंड अब तूफानी गति से ऐनी की गाण्ड में चुदाई कर रहा था और ऐनी जाफ़री ने चीखें मार मार कर सारा बाथरूम सिर पर उठा रखा था। हक़ीकत में यह था कि ऐनी जाफ़री को चीख़ें मारने का शौक था, वह किसी से भी चुदवाती तो उसको खुश करने के लिए खुद ही चीखें मारती और सेक्सी आवाजें निकालती, लेकिन यह भी एक हक़ीकत ही थी कि आज ऐनी जाफ़री मेजर राज को खुश करने के लिए नहीं चीख रही थी बल्कि राज का 8 इंच लंबा और मोटा लोड़ा जिस गति से उसकी चुदाई कर रहा था, मजे की तीव्रता से ऐनी जाफ़री की चीखें स्वतः ही निकल रही थीं। इन चीखों के दौरान एक बार फिर ऐनी जाफ़री की आवाज़ आई अबे रंडी की बच्ची चुप हो जा मगर इस बार ऐनी जाफ़री ने कोई जवाब नहीं दिया। Image

लेकिन राज को अब ऐसा लग रहा था कि उसके सामने ऐनी जाफ़री नहीं बल्कि उसकी प्यारी और सेक्सी हीरोइन साना जावेद है जिसको वह सपनों में कई बार चोद चुका था, और अब राज आंखें बंद किए ऐनी की गाण्ड की जगह साना की छोटी मगर सेक्सी गाण्ड की कल्पना कर धक्के पर धक्का मार रहा था। उसे यही लग रहा था अब वह वास्तव में साना जावेद की चुदाई कर रहा है यही कारण था कि उसके धक्कों की गति इस हद तक पहुंच चुकी थी कि ऐनी जाफ़री को भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। उसको लग रहा था कि उसकी चूत फिर से पानी छोड़ने वाली है, और यही हुआ कुछ ही देर बाद ऐनी जाफ़री ने एक बार फिर सिसकियाँ मार मार कर अपनी चूत का सारा पानी निकाल दिया। जैसे ही ऐनी की चूत ने पानी छोड़ा राज जो पूरी गति के साथ ऐनी जाफ़री की गाण्ड मार रहा था वह बोला कि मेरा भी निकलने वाला है तो ऐनी जाफ़री ने कहा अंदर मत छोडना निकलने लगे तो लंड बाहर निकाल लेना। यह सुनते ही राज ने लंड बाहर निकाल लिया क्योंकि उसका पानी बस अभी निकलने ही वाला था, जैसे ही राज ने लंड बाहर निकाला उसने अपना लंड पकड़ कर मुठ मारनी शुरू कर दी और ऐनी जो कि गाण्ड राज की ओर किए झुकी खड़ी थी तुरंत सीधी हो गई और राज की ओर मुंह करके कमोड पर बैठ गई।
Image
उसने राज के हाथ से उसका लंड पकड़ लिया और खुद उसकी मुठ मारने लगी, ऐनी जाफ़री किसी भी लंड की पानी निकासी की विशेषज्ञ थी और, उसके हाथों में जादू था, वह महज 4, 5 ही झटके मारे होंगे कि राज के लंड ने वीर्य छोड़ दिया, इस दौरान ऐनी जाफ़री ने राज के लंड को अपने मुँह के बिल्कुल सामने कर मुंह खोल लिया था, जैसे ही राज के लंड से वीर्य की धार निकली, वह सीधी ऐनी जाफ़री के गले तक पहुँच गई मगर उसने अपना मुंह बंद नहीं किया , नहीं तो तीसरी और फिर चौथी धार भी सीधी उसके मुंह में ना गई होती जिससे ऐनी का मुंह भर चुका था मगर राज का लंड अभी और धारें मारने के मूड में था। अब ऐनी जाफ़री ने अपना मुंह बंद करके राज के लंड का रुख अपने मम्मों की ओर कर लिया था। कुछ वीर्य ऐनी जाफ़री के मम्मों पर गिरी। और फिर राज के लंड से वीर्य निकलना बंद हो गया .
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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

ऐनी जाफ़री ने अपने मुंह में मौजूद वीर्य पी लिया था और अब उसका मुँह खाली था, कुछ वीर्य उसके होठों पर और कुछ ज़ुबान पर जमी हुआ था, अपने मम्मों से वीर्य उंगली से लगाकर ऐनी उसको भी चाट रही थी। फिर ऐनी जाफ़री ने मेजर राज को बाहर निकलने का इशारा किया तो राज शर्मा अपने लंड को बाथरूम में पड़े टिशू पेपर से साफ करके वापस अंडर वेअर में डाल पेंट सही करके बाहर निकल गया, जहां सामने ही वाश बेशन के साथ साना जावेद अपनी साड़ी ठीक कर रही थी। उसको देखते ही राज की तो जैसे बोलती बंद हो गई। साना जावेद ने हमेशा की तरह साड़ी के नीचे सिर्फ एक ब्रा पहन रखा था, उसकी पूरी कमर नंगी थी, और सामने शीशे साना जावेद का सुंदर क्लीवेज़ दिख रहा था जिसको मेजर राज शर्मा देख रहा था। इतनी देर में ऐनी जाफ़री भी बाथरूम से निकल चुकी थी। बाहर निकल कर वह भी सीधी वॉश बेसिन पर गई और अपना हाथ गीला कर अपने सीने से वीर्य साफ किया और अपनी शर्ट फिर से सही कर ली

साना जावेद ने ऐनी जाफ़री को देखा और गुस्से से बोली चुप कर के तेरे से कोई काम नहीं होता ???

इस पर ऐनी जाफ़री ने मुस्कुरा कर साना को देखा और राज की ओर इशारा करते हुए बोली, एक राउंड लगाकर तो देख उसके साथ, फिर मुझे बता कि चुप कर के कोई काम होता है या नहीं। साना जावेद ने हिकारत भरी नज़रों से राज शर्मा की तरफ देखा और फिर उसकी नजरें राज की पेंट की तरफ गई जहां अब कुछ नहीं था, ऐनी जाफ़री की गाण्ड और चूत की शानदार चुदाई के बाद राजक लंड बैठ चुका था। साना जावेद ने कहा क्यों लगाऊ दूसरों के साथ राउंड जब मेरे पास फवाद जैसा मस्त आदमी है। इस पर ऐनी जाफ़री ने ठहाका लगाया और बोली तुझे शायद फवाद ने नहीं बताया होगा कि वह मेरे साथ भी कई बार राउंड लगा चुका है, मगर मैं तुझे बता रही हूँ कि फवाद वास्तव में दबंग है और दबा के मारता है, मगर इस केप्टन की तो बात ही कुछ और है, तू फवाद को भूल जाएगी।

इसके बाद साना जावेद बिना कोई बात किए बाहर चली गई और ऐनी जाफ़री राज को देख कर मुस्कुराने लगी और बोली शानदार हथियार है तुम्हारे पास। आज पहली बार किसी सेना के अधिकारी को दी है और मज़ा आ गया है। इतने में बाहर से क़दमों की आवाज़ आई और कुछ ही देर में अर्मीना ख़ान अंदर आई, मगर ऐनी जावेद और मेजर राज को देखकर थोड़ी घबरा गई और वापस जाने लगी तो ऐनी जाफ़री ने कहा अर्मीना आजा यार, हम फ्री हो गए हैं और वापस जा रहे हैं, तू आराम से अपने प्रेमी के साथ मज़े करना। यह सुनकर अर्मीना निगाहें नीचे कर मुस्कुराई और बाहर खड़े हमज़ा अब्बासी को अंदर आने का इशारा किया, हमज़ा अब्बासी भी पंज़ाई फिल्मों का प्रसिद्ध नायक था, वह काफी बूढ़ा हो चुका था मगर आज भी जवान लड़कियों की चूतों को खूब शांति देता था, अर्मीना ख़ान उसे लेकर सीधी बाथरूम में घुस गई जबकि ऐनी जाफ़री और राज वापस नीचे मंजिल पर मौजूद बड़े हॉल में चले गए जहां साना के डांस की अनाउसमेंट हो रही थी।

साना जावेद ने उसी साड़ी में एक मशहूर हिन्दी गाने पर जबरदस्त डांस किया और वापस एक टेबल पर फवाद ख़ान के पास जाकर बैठ गई। जबकि हाल में शो अपने चरम पर था, एक के बाद एक शानदार नायक और हीरोइन मंच पर आ रहे थे, कुछ तो परफॉर्म कर रहे थे जबकि कुछ चुटकुले सुनाने या पुरस्कार प्राप्त करने आए थे। कुछ ही देर के बाद ऐनी जाफ़री को भी मंच पर बुलाया गया तो वह मंच पर चली गई और इस मौके का फायदा उठाकर कैप्टन राज शर्मा अपनी सीट से उठा और सीधा साना जावेद की ओर जाने लगा। साना जावेद ने राज शर्मा को अपनी ओर आता देखा तो नागवारी से दूसरी ओर देखने लगी। राज साना और फवाद ख़ान के बीच आकर खड़ा हो गया, फवाद ने भी उसको हैरत से देखा कि यह कौन है जो ऐसे हम दोनों के बीच आ गया। कैप्टन ने साना जावेद को देखा और खुशी के साथ अपना हाथ आगे बढ़ाकर हैलो मेडम कहा। मगर साना मेडम को न जाने किस बात का गुस्सा था उसने राज शर्मा को कोई लिफ्ट नहीं करवाई। इस पर फवाद ख़ान ने राज का बढ़ा हुआ हाथ थामा और उसको जोर से दबा कर मगर चेहरे पर कोई भाव लाए बिना बोला, चलो बेटा मेडम आपसे मिलना नहीं चाहती। उत्तर में अब मेजर राज ने जोर लगाया तो फवाद के चेहरे पर एक रंग आया और एक गया उसकी चीख तो नहीं निकली मगर वह जो अपने आप को सबसे शक्तिशाली युवा समझता था आने वाले व्यक्ति की शक्ति देखकर हैरान रह गया था, इससे पहले कि वह कुछ बोलता मेजर राज शर्मा ने फवाद ख़ान से थोड़ा झुक कर कहा मेडम तो मुझे जरूर मिलेंगी, बल्कि आपको छोड़कर मेरे पास आएगी और ये कह कर मेजर ने फवाद ख़ान का हाथ छोड़ा और फिर से साना जावेद की ओर मुड़ा और उसके पास होकर थोड़ा झुका और उसके कान में कहा मेडम मेरा नाम कैप्टन फ़िरोज़ है और मुझे कर्नल इरफ़ान ने भेजा है। आप से निश्चित रूप से काम है, तुम मेरे साथ आओ।

यह कह कर राज बाहर की ओर निकला और साना के चेहरे पर एक रंग आया और एक गया, वह हैरान होकर कैप्टन को देखने लगी, फिर फवाद ख़ान की ओर देखकर बोली, सॉरी डार्लिंग आई हैव टू गो .... बाय। और तुरान कैप्टन फ़िरोज़ के पीछे हॉल से बाहर निकल गई। हॉल से बाहर निकलकर उसने दाँये बाँये देखा तो कैप्टन फ़ीरोज़ बाईं ओर गलियारे में खड़ा साना का इंतजार कर रहा था। साना तेज तेज चलने के साथ केप्टन फ़ीरोज़ तक पहुंची और बोली, कौन हो तुम ??? मैं तुम्हें नहीं जानती और न ही कर्नल ने तुम्हारे बारे में मुझे कुछ बताया है।

कैप्टन फ़ीरोज़ ने कहा मेडम इस तरह की बात यहाँ नहीं दीवारों के भी कान होते हैं। किसी सुरक्षित स्थान पर चलकर बात करते हैं। यह सुनकर साना जावेद बोली चलो फिर ऊपर वाली मंजिल में एक कमरे की चाबी मेरे पास है वहाँ चलते हैं। यह कह कर साना उसी लिफ्ट के माध्यम से राज को लेकर ऊपर वाली मंजिल पर चली गई जिस लिफ्ट में ऐनी जाफ़री गई थी। कुछ ही देर बाद साना जावेद कमरे के दरवाजे के की होल में अपनी ब्रा से एक चाबी निकाल कर घुमाने लगी।

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लोकाटी ने रास्ते में ही यह अंजलि को यह भी बता दिया था कि उसके नाम की उसकी सेकेट्री है, क्योंकि ऐसे में एक जैसे दो नाम जाएँगे जिससे परेशानी होगी, तो उसे अपना नाम बदलना होगा, और फिर उसने खुद ही अंजलि को नया नाम दे दिया । अंजलि का नया नाम मारिया रखा गया। अंजलि को भी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी। रात लोकाटी का जहां कश्मीर में उतरा जहां से लोकाटी और मारिया एक लैंड क्रूजर में बैठकर लोकाटी के घर चले गए, यह कोई महल नुमा घर था, लोकाटी का यह वैभव देखकर मारिया की आँखें खुली की खुली रह गईं थीं। हर तरफ बंदूक धारी, बड़े बड़े वाहनों की लाईनें और इतना बड़ा महल नुमा घर, अंजलि को अंदाज़ा हो गया था कि जब ऐसे शासक केवल अपनी सुरक्षा और अपनी महिमागान करने में लगे होंगे तो भला वहां की जनता कैसे समृद्ध हो सकती है। एक गलियारे से होकर सामने एक हॉल नुमा कमरे आया जिसमें 2 मध्यम आयु के लोग बैठे थे, उनकी आकृति करीब काफी मिलती थीं लोकाटी को देखते ही दोनों भागते हुए लोकाटी की ओर आए और दोनों ने बारी बारी थोड़ा झुककर लोकाटी को सलाम किया, और उसके हाथ चूमे और फिर एक साइड पर होकर मोदबाना शैली में खड़े गए। यह दोनों लोकाटी के पुत्र थे। एक का नाम फैजल जब कि दूसरे का नाम फग़ान था। लोकाटी ने दोनों की खैरियत की पूछने के बाद उनके साथ मारिया परिचय करवाया कि यह हमारी मेहमान हैं, कुछ दिन हमारे साथ ही रहेंगी। और जल्द ही हमारी शादी हो जाएगी। लोकाटी ने विशेष रूप से यह बात बताई थी ताकि उसके बेटे कहीं मारिया पर बुरी नजर न रखनी शुरू कर दें

अब दोनों लड़के जा चुके थे जबकि लोकाटी मारिया को लेकर अपने कमरे में चला गया था, जहां पर 2 महिलाएँ बैठी लोकाटी का इंतजार कर रही थी। मारिया लोकाटी के पीछे अंदर गई। दोनों महिलाएँ लोकाटी को देखकर तुरंत उसकी ओर भागी आईं और उसका हाथ पकड़ कर चूमा और फिर एक साइड पर खड़ी हो गईं। ये दोनों महिलाएँ जिनकी उम्र लगभग 30 के आसपास होगी लोकाटी की रात की रमणीय करने के लिए थीं। लोकाटी अक्सर उनकी चूत से अपने लंड को शांत करता था। और वह आज भी इसी इंतजार में थी, उन्हें विशेष रूप से तैयार करवाया गया था और कहा गया था कि आज अकबर लोकाटी साहब तशरीफ़ ला रहे हैं तो उनकी राहत के खिलौने के रूप में दोनों महिलाओं को विशेष रूप से तैयार किया जाएं। मगर जब उनकी नज़र लोकाटी के पीछे खड़ी युवा मारिया पर पड़ी तो उन दोनों ने भी थोड़ा आश्चर्य से फटी हुई आँखों से उसे देखा, और जब लोकाटी ने उन दोनों महिलाओं को कमरे से बाहर जाने को कहा और मारिया से मुखातिब होते हुए बोला आओ डार्लिंग, इसे अपना ही कमरा समझो। दूसरी तरफ दोनों महिलाएँ चुप करके कमरे से निकल गईं, वो लोकाटी की पत्नियाँ तो थीं नहीं, बस उसके खेलने का समान थीं, इसलिए उन्हें यह बात कोई ऐसी बुरी भी नहीं लगी थी, और एक तरह से वह खुश भी थीं कि लोकाटी के बूढ़े लंड की बजाय आज वह लोकाटी के बेटों के जवान लंड पर सवारी करेंगी . उनमें से एक महिला एक के पास चली गई जबकि दूसरी कृमि के पास चली गई। वे दोनों भी अचानक सरपराईज़ पर हैरान थे। दोनों ने अपनी-अपनी पत्नियों को सोने के लिए कहा और दूसरी आने वाली औरत को अलग कमरे में ले गए जहां वो रात भर उनके शरीरों से आराम पा सकें।

दोनों महिलाओं के कमरे से जाते ही लोकाटी ने मारिया के शरीर पर प्यार करना शुरू कर दिया और उसको बेड पर लिटा कर खुद उसके ऊपर लेट गया और एक हाथ से मारिया के खूबसूरत गोल 36 आकार के मम्मे दबाने शुरू कर दिए, जबकि दूसरा हाथ मारिया की गर्दन के नीचे रख कर उसके होंठों को चूसने लग गया। मारिया कुछ देर तक चुपचाप उसके चुंबन का जवाब देती रही वह जानती थी कि लोकाटी काफी देर से उसको चोदने के लिए बेताब है, लेकिन मारिया का बिल्कुल भी मन नहीं था फिर से लोकाटी जैसे व्यक्ति के लंड के नीचे आने का। उसने कुछ देर तक लोकाटी को अपना मम्मा भी दबाने दिया और होंठ भी चूसने दिए, मगर फिर अपने चेहरे पर नागवार भाव लाते हुए उसने लोकाटी से कहा, जानू में आज बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है, अगर तुम्हें बुरा न लगे तो यह सब हम कल मिलकर करें ??? लोकाटी ने आज तक किसी औरत की इच्छा की चिंता नहीं की थी उसका जब दिल चाहता था औरत को चोद देता था बिना यह विचार किए कि उसका मूड है या नहीं, मगर आज पहली बार मारिया जैसी हसीन और जवान लड़की की बात उसने मान ली थी और मारिया के एक बार कहने पर वह साइड में हो गया था। कुछ ही देर बाद लोकाटी मारिया के साथ लेटा खर्राटे ले रहा था जबकि मारिया भी काफी देर से सोने की एक्टिंग कर रही थी।

जब मारिया को लगा कि लोकाटी अब गहरी नींद सो रहा है वह लोकाटी का हाथ अपने ऊपर से हटा कर बेड से उतर गई और कमरे में इधर उधर टहलने लगी। वह सोच रही थी कि आखिर मैं यहाँ क्या कर सकती हूँ और कैसे मेजर राज की मदद कर सकती हूँ और इंडिया को बड़ी तबाही से बचा सकती हूँ। काफी देर सोचने के बाद भी उसकी समझ में कुछ नहीं आया तो उसने लोकाटी के कमरे की तलाशी लेना शुरू कर दी। मारिया ने इधर उधर कमरे में नज़र दौड़ाई तो एक तरफ कुछ अलमारियाँ मौजूद थीं, मारिया ने वह अलमारी खोली, कुछ में लोकाटी के कपड़े पड़े थे तो कुछ अलमारियों में लड़कियों के अंडर गारमेंट्स आदि और सेक्सी नाइटी पड़ी थीं। लोकाटी रात लड़कियों के साथ मजे करते हुए उन्हें नाईटीज़ और सेक्सी कपड़ों में से अपनी पसंद की नाइटी पहनने के लिए देता था।

एक कोठरी में मारिया ने तलाशी ली तो उसमें एक छोटी अलमारी पड़ी थी। मारिया ने सोचा कि हो न हो उस अलमारी में निश्चित रूप से कोई महत्वपूर्ण चीज़ होगी। मारिया ने तुरंत अलमारी खोलने की कोशिश की जोकि बंद थी अब मारिया ने उसकी चाबी के लिए इधर उधर हाथ मारने शुरू किए मगर कहीं से उसकी चाबी नहीं मिली। फिर मारिया ने साइड टेबल के दराज बहुत सावधानी के साथ खोले तो उनमें से एक दराज में से मारिया को कुछ चाबियाँ मिल गईं, वो बड़ी सावधानी के साथ चाबी उठाकर वापस गुप्त अलमारी के पास आई जो एक और कोठरी के अंदर बनी हुई थी। बारी बारी मारिया उसमें चाबी लगाने लगी तो अचानक एक चाबी इसमें लग गई। मारिया ने वह चाबी घुमाई तो वह बिना आवाज पैदा किए घूम गई और फिर बहुत ही सावधानी के साथ मारिया ने वह अलमारी भी खोल ली। अलमारी में मारिया को एक खाकी रंग का लिफाफा मिला, लिफाफा देखकर अब मारिया दिल धक धक करने लगा था। मारिया ने मुड़ कर एक बार सोए हुए लोकाटी को देखा जिसका मुंह दूसरी तरफ था और उसके ख़र्राटों से कक्ष गूंज रहा था। फिर मारिया फिर से लिफाफे लिए मुड़ी और वह लिफाफा उठाकर फर्श पर बैठ गई। मारिया ने डरते डरते वह लिफाफा खोला कि शायद इसमें उसे कोई काम की चीज मिल जाएगी। मगर मारिया को तब बहुत अफसोस हुआ जब इस लिफाफे में से जमीन के कुछ कागजात निकले जो किसी अनजान व्यक्ति ने अपनी कुछ अच्छी जमीन लोकाटी नाम की थी। इसके अलावा और कोई काम की चीज इस लिफाफे से बरामद नहीं हुई। मारिया ने निराशा का शिकार होकर वह लिफाफा वापस रखकर अलमारी को उसी तरह वापस बंद कर दिया और चाबी भी वापस उसी दराज में रख कर वह दराज भी सावधानी के साथ बंद कर दिया। उसके बाद मारिया ने और कुछ स्थानों की तलाशी ली मगर मारिया को कोई ऐसी चीज नहीं मिली जो उसके किसी काम आ सके।

निराश होकर मारिया फिर से लोकाटी के साथ जा कर लेट गई और न जाने कब उसकी आंख लगी। दिन के 12 बजे मारिया की आंख खुली तो वह कमरे में अकेली ही लेटी थी। लोकाटी शायद कमरे से निकल चुका था। कुछ देर मारिया यूं ही उठ कर बेड पर बैठी रही फिर उठकर बाथरूम चली गई और फ्रेश होकर वापस निकली तो सामने 2 महिलाएं खाना लगा रही थीं। मारिया को बाथरूम से निकलता देखकर दोनों अत्यंत सम्मान के साथ आगे बढ़ी और बारी बारी मारिया का हाथ पकड़कर चूमा। मारिया को यह सब अजीब लगा और उसने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की मगर यह तो यहां की परंपरा थी। इसलिए इन महिलाओं ने मारिया को वैसे ही इज़्ज़त दी जैसे इस क्षेत्र की परंपराओं के अनुसार दी जाती थी। फिर उन्होंने मारिया को नाश्ते का बताया कि उसका नाश्ता तैयार है। नाश्ते की मेज पर न जाने क्या कुछ मौजूद था मगर मारिया ने इसमें से महज 2 ब्रेड के पीस एक हाफ फ्राई अंडा खाया और एक जूस का गिलास पी कर बाहर चली गई। दोनों औरतें मारिया के पीछे पीछे चलने लगी।मारिया उसी बड़े हाल की ओर बढ़ने लगी तो उन महिलाओं ने मारिया को वहां जाने से मना किया मगर मारिया ने उनकी एक न सुनी और उस हाल में चली गई, मारिया के सिर पर न तो दुपट्टा था और न ही गले में। ऊपर से उसने कमीज भी फिटिंग वाली पहन रखी थी जिसमें उसके सीने के उभार बहुत स्पष्ट नज़र आ रहे थे। हॉल में लोकाटी एक कुर्सी पर बैठा था, उसके दाँये और बाएं उसके पुत्र फैजल और फग़ान बैठे थे जबकि सामने कुछ और लोग मौजूद थे जो शायद घाटी के विभिन्न क्षेत्रों के एमपी एमएलए आदि थे।
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