वतन तेरे हम लाडले complete

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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

sexi munda wrote: 15 Oct 2017 16:33 had se jyada mast kahani hai Raj bhai
Rohit Kapoor wrote: 15 Oct 2017 18:54 Kamuk update hai bhai
Bahut garam aurat hai Marya
Smoothdad wrote: 15 Oct 2017 19:18superb....
shubhs wrote: 16 Oct 2017 08:05बहुत ही हसीन
VKG wrote: 16 Oct 2017 09:05घर मे फूट
xyz wrote: 16 Oct 2017 13:30hot update bhai
dhanyawad dosto
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

फैजल को यूँ चुप देखकर मारिया ने अपने शरीर से चादर हटा दी और बोली लो अब जी भर कर देख लो मेरा शरीर। जैसे ही फैजल की दृष्टि मारिया के शरीर पर पड़ी तो वह अपनी आंखें झपकाना भूल गया था, मारिया वही नाइटी पहने थी जो अभी कुछ देर पहले ही पहन कर वह लोकाटी के साथ सेक्स कर रही थी। सेक्सी ब्रा में बड़े बड़े मम्मे आपस में मिलकर सेक्सी क्लीवेज़ बना रहे थे और उसके नीचे नेट की नाइटी से मारिया का सारा शरीर झलक रहा था जबकि उसके पेट से नाइटी वैसे ही हटी हुई थी और उसकी नाभि दिख रही थी, नीचे मात्र पैन्टी मारिया ने पहन रखी थी उसके नीचे मारिया के पैर बिल्कुल नंगे थे। मारिया को इतनी सेक्सी पोशाक में देखकर फैजल अपनी नज़रें झपकाना ही भूल गया। फैजल को यूँ अपनी तरफ देखते हुए पाकर मारिया ने प्रसन्नता से कहा अब यूँ ही देखते रहोगे या कुछ करोगे भी ??? अभी तुम्हारे बाबा साईं के लिए पहनी थी यह नाइटी मगर मेरे अंदर 4, 5 धक्के लगा कर ही वह खुद तो फारिग हो गए और मुझे वैसे ही प्यासा छोड़ दिया, क्या अब तुम मेरी प्यास बुझाओगे ???

ab aage................

यह सुनकर फैजल एक दम आगे बढ़ा और मारिया के शरीर पर टूट पड़ा। । उसने मारिया को अपनी गोद में उठा कर उसकी पतली ब्लाउज को पकड़ लिया था और दीवाना वार मारिया की गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लबों पर टूट पड़ा था और मारिया भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मारिया के लबों को चूसने के बाद फैजल ने मारिया को फिर से नीचे उतारा और एक ही झटके में उसका ब्रा उतार कर साइड में फेंक दिया और उसकी नाइटी भी उतार दी। वह महज अभी पैन्टी पहने फैजल के सामने खड़ी थी। उसे विश्वास था कि फैजल का शक्तिशाली लंड आज उसको बहुत अच्छी तरह से चोदेगा। फैजल ब्रा उतारते ही मारिया के 36 आकार के मम्मों पर टूट पड़ा और उन पर पागल वार प्यार करने लगा। वह मारिया के मम्मों के निपल्स को मुँह में लेकर चूस रहा था और मारिया तीव्र भावनाओं से अपने मुंह से आह ह ह ह आह ह ह ह की आवाजें निकाल रही थी। अभी फैजल ने मुश्किल से 2 मिनट ही मारिया के बूब्स को चूसा होगा कि अचानक बाहर वाला दरवाजा खुला तो दोनों एक साथ चौंक गये उन्होंने एकदम दरवाजे की तरफ देखा तो वहां फग़ान खड़ा था। उसने कुछ देर दोनों को देखा और फिर दरवाजे की कुंडी लगा कर बोला मुझे वापस भेज कर क्या कर रही हो तुम? ??? फैजल के साथ यह सब कुछ करने का क्या मतलब है? क्या तुम मुझे भी रास्ते से हटाकर उसको यहाँ की सरकार देना चाहती हो ??

यह सुनकर मारिया के मन में एक और विचार आ गया और वह बोली कि नहीं फैजल काफी देर से मेरे शरीर पर विशेष रूप से छाती पर नजरें जमाए बैठा था और तुम्हारे पास आने से पहले तुम्हारे बाबा ने कुछ देर मुझे चोदा मगर वह कुछ ही देर में मेरे अंदर ही फारिग हो गए और मुझे प्यासा छोड़ दिया तो मैंने सोचा कि फैजल जो मेरे शरीर को पहले ही घूर रहा था उसके लंड से अपनी प्यास बुझाई जाए, मगर मुझे अच्छा लगेगा अगर तुम दोनों भाई मिलकर मेरी प्यास बुझाओ .

यह सुनकर फग़ान एकदम आगे बढ़ा और वह भी पागल वार मारिया को बाहों मे भर कर उसके होठों से रस चूसने लगा। फैजल के लिए यह सब कुछ अजीब था, मगर फिर भी सोचा कि आज यह अनुभव भी कर ही लेना चाहिए, उसने मारिया को फग़ान की बाहों में ही रहने दिया, मगर पीछे खड़े होकर मारिया की पैन्टी उतार दी और नीचे बैठ कर उसके चूतड़ों को पकड़ कर चूसने लगा। वह मारिया के चूतड़ों की पहाड़ियों को खोलकर उसमें निहित गाण्ड के छेद पर अपनी जीभ चला रहा था और अपने हाथों से मारिया के चूतड़ों को जोर से दबा रहा था। फग़ान भी कुछ देर मारिया के लबों को चूसने के बाद अब मारिया के बड़े मम्मों का आनंद ले रहा था . जबकि मारिया ने फैजल को भी अपना हाथ उसके चेहरे पर रख कर उसे ऊपर उठा लिया था और अपने मम्मे चूसने के लिए कहा था। अब एक मम्मा फैजल के मुँह में था और दूसरा मम्मा फग़ान के मुंह में, दोनों बहुत ही बेताबी से मारिया के सेक्सी बूब्स को चूस रहे थे। उनकी अपनी पत्नियों के मम्मे न तो इतने बड़े थे और न ही इतने सेक्सी। फैजल की पत्नी के मम्मे 32 आकार के थे और फग़ान की पत्नी के मम्मे 34 के थे मगर लुढ़के हुए थे। मारिया के 36 आकार के कसे हुए और तने हुए मम्मे देखकर फग़ान पागल हो गया था।

कुछ देर बाद फैजल और फग़ान दोनों एक दूसरे की ओर मुंह करके खड़े थे और उन दोनों के बीच मारिया जमीन पर बैठी थी। उन दोनों के लौडे मारिया के हाथ में थे, वो कभी फग़ान का 8 इंच का लोड़ा चूसती तो कभी फैजल का 7 इंच लंबा लोड़ा अपने मुंह में डाल चौपे लगाती। फैजल और फग़ान दोनों को ही अपनी किस्मत पर नाज़ था कि उन्हें इतनी सेक्सी और युवा पाकिस्तानी लड़की चुदाई के लिए मिल गई है। दोनों ने मिलकर करीब 2 घंटे तक मारिया की खूब चुदाई की और मारिया ने भी दोनों के लंड का खूब मज़ा लिया। बारी बारी दोनों से चुदवा कर मारिया ने अपनी रात को बहुत सुंदर बना लिया था। दोनों के लंड वीर्य 2, 2 बार निकला था जबकि मारिया की चूत का पानी 4 बार निकल चुका था। वह उसे लंबी चुदाई से थक तो गई थी मगर उसने एंजाय भी खूब किया था। फैजल ने दोनों बार अपना वीर्य मारिया की चूत में निकाला था और वह जल्दी फारिग हो गया था दोनों बार जबकि फग़ान ने मारिया को ज़्यादा मज़ा भी दिया और ज़्यादा देर तक मारिया की चुदाई भी की कभी घोड़ी बना कर तो कभी अपने ऊपर बिठा कर और कभी खुद मारिया के ऊपर चढ़ कर उसको चोदा। फग़ान ने एक बार अपना वीर्य मारिया के चूतड़ों पर निकाला जबकि दूसरी बार उसने वीर्य मारिया के मुंह में निकाला जिसको मारिया ने बड़े चाव के साथ पी लिया था
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Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

मारिया को चोदने के बाद दोनों अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए थे, जबकि मारिया भी अपनी चूत चुदवाने के बाद थोड़ा मुश्किल से चलती वापस लोकाटी के पास चली गई थी जो अभी तक सोया पड़ा था लोकाटी के पहलू में लेट कर मारिया खुद को दाद दे रही थी कि उसने बहुत आसानी से दोनों भाइयों को पिता के खिलाफ कर दिया था और उनके लंड से अपनी चूत को चुदवा कर मजे भी ले लिए थे। अब वह आने वाले हालात के बारे में सोच रही थी कि न जाने वह यहां कैसे निकलेगी और उसके साथ क्या होने वाला है?

सुबह मारिया की आंख खुली तो कमरे में लोकाटी मौजूद नहीं था, मारिया ने कपड़े पहने और कमरे से बाहर निकल गई जहां पहले से 2 महिलाएँ कल की तरह उसके पीछे पीछे चलने लगी मगर मारिया ने दोनों को मना कर दिया और वहीं रुकने के को कहा। खुद मारिया अब पहली मंजिल पर मौजूद उस कमरे से चली गई जहां से नीचे वाले अतिथि कक्ष को देखा जा सकता था। मारिया वहां पहुंची तो उसे सामने कुर्सी पर एक आर्मी ऑफिसर बैठा दिखाई दिया। जो सामने बैठे लोकाटी से बातचीत कर रहा था, जबकि कमरे में और कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं था। मारिया काफी देर तक उस व्यक्ति को पहचानने की कोशिश करती रही मगर उसे समझ नहीं आय कि यह कौन व्यक्ति है। फिर अचानक लोकाटी ने उसे कर्नल इरफ़ान कह कर संबोधित किया तो मारिया के शरीर से प्राण निकलने लगे . अब यहाँ मारिया को अपना बचना मुश्किल नजर आ रहा था, क्योंकि लोकाटी के पास मारिया का असली नाम अंजलि था और वह कर्नल इरफ़ान की बेटी राफिया की दोस्त थी इस मामले में हो सकता था कि वह कर्नल इरफ़ान कोबता दे कि वह अंजलि को अपने साथ ले आया है और जब वह कर्नल इरफ़ान से मिलेगी और कर्नल इरफ़ान इनकार कर देगा कि राफिया की तो इस नाम की कोई दोस्त नहीं और न ही वह अंजलि को जानता है तो समस्या बढ़ सकती थी मारिया के लिए।

अब मारिया यही सोच रही थी कि उसे कर्नल इरफ़ान की आवाज़ सुनाई दी। कर्नल इरफ़ान जो बातें लोकाटी से कर रहा था वह सुनकर मारिया के मन में ख़ौफ़ छाने लगा था, उसने मेजर राज के बारे में लोकाटी बता दिया था और साथ ही यह भी बता दिया था कि वह इमरान बनकर उसकी बेटी के साथ रहा था और अब वह पाकिस्तान में ही छिपता फिर रहा है लेकिन कर्नल इरफ़ान अभी इस विशेष अभियान को पूरा करने के लिए इंडिया आ चुका है। फिर कुछ ही देर के बाद मारिया को कर्नल इरफ़ान चेहरा नजर आया तो उस पर जैसे क़यामत टूट पड़ी। कर्नल इरफ़ान को देखते ही एक बार उसका दिल किया कि वह अब नीचे जाए और कर्नल इरफ़ान पर चाकू के वार कर करके उसकी एक एक बोटी अलग कर दे, मगर उसने अपने ऊपर काबू रखा और अपने मन में अब यहाँ से भागने का प्लान बनाने लगी। कुछ ही देर बाद उसने सोच लिया था कि वह यहां से कैसे निकलेगी। वह तुरंत फग़ान के कमरे में गई और फग़ान को अकेले में ला कर उसको उसको उसके बेटे शाह मीर का जीवन खतरे में होने की सूचना दी। इकलौते बेटे की जिंदगी का सुनकर वह परेशान हो गया था, मारिया ने उसे बताया कि नीचे कर्नल इरफ़ान बैठा है और वह तुम्हारे बाबा साईं को कह रहा है कि हमें जल्द ही स्वतंत्रता आंदोलन की घोषणा करनी होगी, उसके साथ साथ फैजल से तुम्हारे बाबा साईं को मरवाने के बाद आप को भी मारने की कोशिश की जाएगी, क्योंकि वह जानता है कि तुम्हारे बाबा के बाद तुम सरदार बनने के ज़्यादा योग्य होगे क्योंकि तुम्हारा वारिस भी है जबकि फैजल का वारिस कोई नहीं इसलिए उसे आप से खतरा है, वह तुम्हारे बाबा साईं को मारने के बाद तुम्हें और तुम्हारे बेटे को मारने की भी कोशिश करेंगे। तुम्हें तो मैं नहीं बचा सकती, तुम्हें खुद अपनी रक्षा करनी होगी, लेकिन तुम्हारे बेटे को यहां से किसी दूसरे शहर ले जा रही हूँ जहाँ वह सुरक्षित रहेगा और अगर तुम्हें कुछ हो भी जाता है तो तुम्हारा बेटा बड़ा होकर वापस अपने क्षेत्र में आए तो लोग उसको अनाथ समझ कर उसका साथ देंगे और फैजल के खिलाफ हो जाएंगे और यदि तुम फैजल को खत्म करने में कामयाब हो गए तो शाह मीर तुरंत ही तुम्हारे पास आ जाएगा

बेटे के जीवन के जोखिम के बारे में सुनकर फग़ान काफी परेशान हो गया षा और उसने बिना सोचे समझे अपने 15 वर्षीय बेटे को मारिया केसाथ भेजने पर सहमति व्यक्त कर दी और एक चोर रास्ते से उन्हें हवेली से निकलवा दिया। हवेली से निकलने के बाद मारिया जल्द से जल्द मुंबई जाना चाहती थी, क्योंकि वहां से उसका पकड़े जाना बहुत मुश्किल था, इतने बड़े शहर में एक छोटी सी जगह पर आसानी से छिपा जा सकता था और पाकिस्तान से रवाना होने से पहले मेजर राज ने भी समीरा को बताया था कि वह पाकिस्तान से वापस आएगा तो सीधा अपने शहर में ही आएगा .
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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mast update
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