नए पड़ोसी complete

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rakshu143
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Joined: 19 Jul 2017 12:32

Re: नए पड़ोसी

Post by rakshu143 »

Ab hoga dhmaka but bahut chhota aur late update diya h dost
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Kamini
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Joined: 12 Jan 2017 13:15

Re: नए पड़ोसी

Post by Kamini »

mast update
Rishu
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Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

मैंने ओम का प्लान ठीक से समझ लिया और वापस घर आ गया और लाला का इंतज़ार करने लगा. अभी ५ बजने में काफी समय था इसीलिए मैं काफी बेसब्र हो रहा था पर करीब ३ बजे मेरे घर की बेल बजी तो मुझे लगा की लाला जल्दी आ गया है. मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने रुची थी.

"अरे तुम यहाँ? तुम्हे तो रश्मि दीदी के साथ फार्म हाउस जाना था." मैंने रुची से पुछा.

"मम्मी ने KLPD कर दी यार." रुची ने अन्दर आते हुए कहा.

"क्या हुआ? दीदी कहाँ है?" मैंने डरते हुए पुछा. मुझे लगा की प्लान फेल हो गया है.

"यार मयंक तो बहाना बना कर निकल गया की रात को नहीं आयेगा. उसको तो मम्मी ने कुछ कहा नहीं पर जब मैं और रश्मि निकलने लगे तो पूछने लगी की कहाँ जा रहे हो और कितनी देर में आओगे. मैंने बोला की पारलर जा रहे है और शाम को एक दोस्त के यहाँ पार्टी है तो पारलर से वहां चले जायेंगे तो मना कर दिया और बोली की घर में मयंक और पापा दोनों नहीं है तो तुम पारलर से वापस घर आ जाना. पार्टी में जाने की कोई जरूरत नहीं. हुह खुद तो इस उम्र में भी दसियों लंड खाती है और मुझे...." रुची कहते कहते रुक गयी...

मैं समझ गया की इसे पता है की इसकी माँ हम सबसे चुदती है पर मैंने उस तरफ बात ही नहीं की और पुछा "ओह तो फिर रश्मि दीदी?"

"फिर क्या? हम दोनों पारलर गए. रश्मि की वैक्सिंग वगेरह करवा दी, झांटे साफ़ करवा दी और फेसिअल वगेरह करवा के उसको तो भेज दिया ओम के साथ फार्म हाउस और मैं वापस आ गयी. सोचा घर जाने से पहले तेरे साथ एक राउंड खेल लूं. तेरे जाने में तो अभी टाइम है." रुची कपडे उतारते हुए बोली.

"यार मैं तो डर ही गया की मेरे साथ आज फिर klpd न हो जाए. चलो रश्मि दीदी तो पहुच गयी फार्म हाउस. आंटी को शायद अकेले डर लगता हो इसीलिए तुम्हे न जाने दिया हो." मैंने रुची को बाँहों में भरते हुए कहा.

"क्या डर यार. मेरा तो मूड ख़राब कर दिया. और रश्मि का सोच. आज तो भोसड़ा बन जायेगा उसका. वैसे तो हम दो लडकिया होती तो संभाल लेती. अब सोच उसको अकेले ५-६ लौंडो को झेलना पड़ेगा." रुची ने कहा.

"५-६ लौंडे कौन. हम 4 ही तो हैं. मैं लाला ओम और मयंक."

"और सलमान जिसका फार्म हाउस है फिर वो भी कभी कभी अपने एक अफ्रीकन दोस्त को बुला लेता है क्योंकि एक तो वो फ्री में ड्रग्स ले आता है और दूसरा उसके लंड का साइज़. करीब करीब १२ इंच का होगा और लौकी जितना मोटा." रुची अब पूरी नंगी हो गयी थी और उसने नीचे बैठ कर मेरा लंड निकालकर अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी.
Rishu
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Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

ये सब सुन कर मुझे थोडा झटका तो लगा पर साला कोई नीग्रो मेरी बहन को चोदेगा ये सोच कर लंड भी खड़ा हो गया. जब रुची ने लंड मुह में लेकर चुसना शुरू किया तो मेरे आनंद की सीमा न रही. फिर भी मैंने खुद पर कण्ट्रोल करते हुए पुछा "ओम ने मुझसे तो ये सब नहीं कहा. इतना सब तुम्हे कैसे पता."

"अरे ओम मुझे भी ले गया था उसी फार्म हाउस पर. तब तो केवल ३ लोग ही थे. ओम सलमान और वो हब्शी क्या नाम था उसका हाँ कुछ रुबेन जैसा. पर मेरी तो जान ही निकल गयी थी. तभी तो ओम चाहता था की आज ३ लड़कियां हों. वैसे ओम कह रहा था की हम दोनों के अलावा भी कोई पूजा नाम की रंडी भी बुलाई है पर उसका पक्का नहीं है. वो मिल जाए वरना रश्मि तो मरी आज." रुची फिर से मेरा लंड चूसने लगी.

मुझे रश्मि दीदी की थोड़ी चिंता हुई तो सोचा की फटाफट रुची को चोद कर लाला के पास चलना चाहिए. मैंने रुची को बोला "यार ज्यादा टाइम नहीं है. चलो कुतिया बन जाओ."

"आज कुछ अलग करो न." रुची मचलते हुए बोली.

मैंने मन ही मन रुची को गालिया देते हुए कहा की अच्छा मेरे साथ लेग्क्रोस करके बैठ जाओ और हम एक दूसरे से लंड और चूत को सटाकर बैठ गए. अब मैं कभी रुची के चूचों को मस्लता कभी उन्हें अपने मुँह में भरता. वह कभी मेरे निप्पल को अपनी जीभ से चाँटती कभी गले को चूमते. लंड तो मेरा पहले से ही तन्नाया था और अब रुची भी ऊपर नीचे हो कर मचलने लगी.

मैंने फट से रुची को अपनी जांघो पर लेकर थोड़ा सा उठाया और लंड उसकी चूत में घुसा दिया. लंड चूत में जाते ही उसने अपनी जीभ पूरी मेरे मुंह में घुसा ली और ऊपर नीचे होने लगी. मैं भी उसे अपनी जाँघों से ऊपर नीचे करके इस अनोखी चुदाई का मजे ले रहा था. इस पोज में पहली बार करने के कारण हमको मजा तो काफी आ रहा था पर थोड़ी देर बाद रुची थोड़ी ढीली पड़ने लगी तब मैंने उसे जमीन पर लिटा दिया.

अब मैंने उसकी दोनों टाँगें हवा में दोनों तरफ फैलाई. घुँटनों के बल उसपर झुका और लंड उसकी चूत में घूसा दिया और फटाफट फूल स्पीड में हमारी चुदाई चालू हो गई. मैं रुची के दोनों चूचों को कसकर दबाने और मसलने लगा. और धकाधक चोदने लगा. ये सोचकर की थोड़ी ही देर बाद मैं ऐसे ही अपनी सगी बेहेन को भी पेल रहा होऊंगा मेरा लंड मदमस्त होने लगा. उधर रुची भी काफी गरम थी तो उसकी चूत से भी हल्का पानी गिरने लगा. वो जो अभी तक सिसक रही थी अब चिल्लाने लगी. वो अब जोरों से आह.. आह.. ऊई माँ.. अरे माई रे.. कर रही थी.

मैंने अब उसके मुंह में अपनी जीभ डाल दी. हम दोनों की आँखें अपने आप ही बंद हो गई जैसे नशे में शराबोर हो. मुझे उसे चोदने का इतना मजा पहले कभी नहीं आया था जितना आज आ रहा था. उसी पोज में सेक्स करते हुए हमें काफी देर हो गई. जब मैं थोड़ा धीमा पड़ने लगा तो रुची मेरे ऊपर आ गयी और रगड़ मारते हुए मुझे चोदने लगी. अब हम दोनों को ऐहसास हो गया की हम दोनों ही झड़ने वाले थे. थोड़ी देर बाद ही वह मेरे पेट पर ऊपर नीचे करते हुए झड़ गई पर झड़ने कुछ देर बाद तक वह मुझे चोदती रही, और कुछ सेकेण्ड बाद ही मैं भी उसकी चूत में झड़ गया. कुछ देर तक हम यूँ ही जमीन पर नंगे पड़े रहे फिर मैं जल्दी से खड़ा हुआ और लंड से रुची का रस साफ़ करके कपडे पहनने लगा.
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