नए पड़ोसी complete

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rajsharma
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Re: नए पड़ोसी

Post by rajsharma »

मस्त मजेदार अपडेट हैं दोस्त
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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jay
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Re: नए पड़ोसी

Post by jay »

मित्र आपकी कहानी के 2 लाख व्यूज का पड़ाव पार करने पर

आपको बहुत बहुत बधाई

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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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rangila
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Re: नए पड़ोसी

Post by rangila »

मस्त कहानी है मित्र अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

अगले दिन हम लखनऊ लौट कर आ गए. उसी दिन रात में रेणुका ने मुझे फोन कर दिया की वो लोग ठीक से पहुच गए है और ये भी बताया की राजेश उसके साथ एक शानदार होटल के सुइट में रुका है. उस दिन के बाद न रेणुका का फ़ोन आया न राजेश का. राजेश मेरी बीवी के साथ एक ही होटल में रह सकता था क्योंकि वहाँ उन्हें कोई देखने वाला नहीं था पर मुझे और दिव्या को ये छूट नहीं थी क्योंकि यहाँ मोहल्ले वाले जो थे तो रोज शाम को मैं छत कूद कर राजेश के यहाँ चला जाता और रात भर दिव्या की जबदस्त चुदाई करता और सुबह वापस अपने घर आकर बैंक चला जाता.

हमारे लौटने के बाद काफी दिन यही सिलसिला चलता रहा और दिव्या को मैं जितना चोदता उतनी ही उसे चोदने की ललक बढती जाती पर मेरा ये काम भी गड़बड़ हो गया क्योंकि दिव्या और राजेश की बेटी जो हॉस्टल में रहती थी वो एक हफ्ते की छुट्टियों में घर आ गयी. उसके आने से एक दिन पहले ही दिव्या ने मुझसे कह दिया "देखो मनीष, कल सुरभि घर आ रही है. वो एक हफ्ते रहेगी तो तुम एक हफ्ते तक मेरे पास मत आना."

मुझे लगा की अब एक हफ्ते मैं क्या करूंगा क्योंकि अभी रेणुका और राजेश को वापस आने में १०-१२ दिन बाकी थे तो मैंने रश्मि दीदी को फ़ोन किया. इधर उधर की बात के बाद मैंने कहा "दीदी कितने दिन हो गये तुम यहाँ नहीं आई. कुछ दिनों के लिए आ जाओ न. तुम्हारी बड़ी याद आ रही है." पर दीदी ने मना कर दिया. वो बोली "यार अभी तो नहीं आ सकती. कुछ दिनों बाद कोशिश करती हूँ."

तो अगले एक हफ्ता मुझ पर भारी बीता. कभी दीदी को याद करके मुठ मारी तो कभी दिव्या को और कभी मेरी बीवी राजेश से कैसे चुद रही होगी ये सोच कर. बीच में एक दिन छुट्टी ले ली और जाकर नीलम भौजी को छोड़ आया पर अब वो भी वैसा मजा नहीं देती थी. खैर जैसे तैसे हफ्ता बीता और सुरभि वापस गयी.

उसी दिन शाम को मैं दिव्या की भीषण चुदाई के मूड में उसके घर पंहुचा तो वो किचन में कुछ काम कर रही थी तो मैं उससे इधर उधर की बात करने लगा. मैंने दिव्या से पुछा "वैसे तो सुरभी यहाँ सिर्फ लम्बी छुट्टियों में आती थी इस बार हफ्ते की छुट्टी में कैसे आ गयी."
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