नीचे जाकर देखा तो पता चला की आंटी को तैयार करने में ओम को कोई तकलीफ नहीं हुई होगी क्योंकि लाला आंटी की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और ओम का कहीं आता पता नहीं था शायद वो रश्मि दीदी और नीलम आंटी को चोद कर थक चूका था और वापस दुकान पर चला गया था. मैंने देखा की वाकई लाला का लंड ओम से बड़ा और मोटा था जो की आंटी की चूत में पूरा पूरा जा रहा था और आंटी मस्ती में "येस्स हाईईई औऊउर जूऊर्र्र्र सीईईईई हाआआआअ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़" की आवाजे निकाल रही थी. ओम गलत कह रहा था ये लंड ओम के लंड से एक इंच से ज्यादा बड़ा था और ब्लू फिल्मों में जो हब्शी होते है उनके लंड जैसा लग रहा था.
मैं आंटी की तारीफ़ किये बिना नहीं रह सका की इतना मोटा लंड कैसे आराम से खा रही थी. अच्छा हुआ रिशू ने रुची को बचा लिया वरना उसकी तो चूत ही फट जाती. लाला आंटी को भीषण तरीके से चोद रहा था. कभी गोद में उठा लेता था तो कभी बेड पे लिटा देता था. कभी दीवार से लगा कर तो कभी पलटा कर आंटी की चुदाई कर रहा था. करीब आधे घंटे की भीषण चुदाई के बाद आंटी और लाला एक साथ झड गए और एक दुसरे से चिमट कर लेट गए. लाला बोला "मजा आ गया मेरी जान. बहुत दिनों की प्यास आज बुझी है. अब तो रोज यही मजा दूंगा."
"हाँ मजा तो बहुत आया. सही कह रहा था ओम बहुत जानदार हथियार है तुम्हारा. वैसे इस महीने तो कोई दिक्कत नहीं है जब मन करे आ जाना." आंटी ने लाला से कहा.
"अगले महीने कोई दिक्कत होने वाली है क्या?" लाला ने पुछा.
"कुछ दिनों की दिक्कत होगी क्योंकि अगले महीने मयंक रुची से राखी बंधवाने आयेगा तो कुछ दिन रुकेगा." आंटी ने जवाब दिया.
आंटी की बात सुन कर याद आया की अगले महीने राखी है. पिछली राखी और इस राखी के बीच मेरे और रश्मि दीदी के बीच कितना कुछ बदल गया. मैं ये सोचते सोचते छत पर वापस आ गया.
नीचे गया तो रश्मि दीदी अपने कमरे में थी और मैं अपने रूम में चला गया. मम्मी पापा आये तो दीदी ने उनसे कहा की बाथरूम का लॉक ख़राब हो गया है. पापा ने मुझसे कहा की किसी को बुला कर ठीक करा देना और मैंने भी बोला की जी ठीक है एक दो दिन में करवा दूंगा. अगले दिन मम्मी पापा के जाने के बाद दीदी मुझसे बिना कुछ बोले ऊपर वाले बाथरूम में नहाने चली गयी और थोड़ी देर में ही ओम भी आ गया.
मैंने बोला "आज तो दीदी ऊपर वाले बाथरूम में चली गयी है. तुमको उनके निकलने का वेट करना पड़ेगा."
ओम मेरी बात सुन कर हंस दिया और बोला "देखते रहो कैसे तुम्हारी चुदासी बेहना मेरे लिए बाथरूम का दरवाजा खुद ही खोल देगी." और वो ऊपर चल दिया. मैं भी पीछे पीछे चल दिया. ओम ने ऊपर जाकर अपने सारे कपडे उतार कर बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो दीदी ने अन्दर से पुछा "क्या है मनीष. मैं नहा रही हूँ."
ओम ने जवाब दिया "मैं हूँ डार्लिंग. जल्दी से दरवाजा खोलो."
2 मिनट तक दीदी कुछ नहीं बोली फिर मेरे आश्चर्य की सीमा नहीं रही जब दीदी ने दरवाजा खोल दिया और ओम बाथरूम के अन्दर चला गया.
नए पड़ोसी complete
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Re: नए पड़ोसी
Bro next update jaldi Dena yaarrr.......
- pongapandit
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Re: नए पड़ोसी
Mitr apki kahani ke har updates ka intzar rahta hai plz update jaldi dene ki koshis kiya karen
- kunal
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Re: नए पड़ोसी
Shandaar update
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: नए पड़ोसी
Badhiya fantasy
Bus updatecjaldi jaldi do
Otherwise story ka maza bigad jata h
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Otherwise story ka maza bigad jata h