नए पड़ोसी complete

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kunal
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Re: नए पड़ोसी

Post by kunal »

रिशू भाई इतना तो ना तड़पाओ बस एक अच्छे से अपडेट का सवाल है
mini

Re: नए पड़ोसी

Post by mini »

kal sunday h..dhyan rakhna....aana hi hoga update
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

कमेंट्स के लिए शुक्रिया दोस्तों और देरी के लिए माफ़ी

अब आगे

"तड़प तो मैं रही हूँ. आओ आकर मेरी प्यास बुझाओ." आंटी ने बड़े फ़िल्मी अंदाज से कहा. ओम आंटी की साड़ी एक तरफ फेंक कर आंटी के ऊपर कूद गया. उसने आनन फानन में आंटी का पेटीकोट और ब्लाउज ब्रा समेत उतार फेंका. आंटी ने पैंटी नहीं पहनी थी और उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. ओम से रहा नहीं गया और उसने अपना मुह आंटी की दोनों टांगो के बीच घुसा दिया.

ओम जोर जोर से आंटी की चूत चाट रहा था और आंटी बुरी तरह सिसकार रही थी. मैं जिंदगी में पहली बार एक नंगी औरत लाइव देख रहा था वरना इससे पहले तो मैंने सिर्फ फ़ोटो में और आज सुबह फिल्म में ही औरतों को देखा था. वासना से मेरा बुरा हाल हुआ जा रहा था तभी शायद ओम ने आंटी की चूत में काटा तो आंटी जोर से चिल्ला पड़ी.

जल्दी से ओम ने अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया और बोला "चिल्ला क्यों रही हो? कोई सुन लेगा तो?

आंटी बोली, "ऐसे करोगे तो चिल्लाऊँगी ही. ऐसा तो शादी के इतने सालों में आज तक कभी इन्होने भी नहीं किया."

तो ओम बोला "ठीक है जानेमन अब आराम से करूंगा."

"आराम से करवाने के लिए तो ये है ही फिर तुमसे करवाने का क्या फायदा." आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा और ओम का मुह फिर से अपनी चूत की तरफ धकेल दिया और ओम जोर जोर से आंटी की चूत चाटने लगा.

आंटी फिर से सिसकारियाँ भरने लगी "आआह्ह्ह्ह्ह् य्य्य्याआ. हां ऐसे हीईईईइ. फाड़ मत देनाआआआआ. वरना इनको क्या कहूँगी. आआअह्ह्ह. खुश कर दो तो रोज दूँगी... मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ.... हाआअ आआआह्ह्ह्ह. मैं गयीईई. ईईई.
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

आंटी का बदन सूखे पत्ते जैसा कापने लगा. शायद वो झड गयी होंगी. फिर ओम ऊपर आ कर आंटी को बोला "ले अब मुँह खोल… और चूस इसे"

ओम ने अपना लंड का लण्ड आंटी के मुँह में ठूस दिया और वो उसे मज़े से चूसने लगी. ओम का लंड बहुत बड़ा नहीं था जैसा की मैं मस्तराम की किताबो में देखता था... खड़ा होकर करीब ६ इंच का रहा होगा पर आंटी के मुह में पूरा नहीं जा पा रहा था. मैंने सोचा फिरंगी औरतें 9-9 इंच के हथियार अपने मुह में कैसे ले लेती हैं और ये ओम ६ इंच का लंड लेकर इतना उछल रहा था हालाँकि मेरा खुद का लंड तो उससे भी छोटा था पर मुझे लगता था की जब मेरी उम्र बढ़ेगी तो मेरा लंड भी ८-9 इंच का हो जायेगा जैसा की ब्लू फिल्मो में लडको का दिखाते है. मैं इसी तरह की फालतू बातें सोच रहा था की तभी आंटी बोली, "तुम्हारा निकल रहा है"

"पी जा उसे, बिलकुल बर्बाद नहीं होना चाहिए" ओम ने लंड वापस आंटी में मुह में डाल दिया. आंटी ने सारा का सारा माल पी लिया और चाट चाट के लंड साफ़ भी कर दिया. फिर आंटी ने ओम को नीचे कर दिया और खुद ऊपर लेट कर ओम के होटों को कस के चूसने लगी. कम से कम दस मिनट तक चूमा चाटी का कार्यक्रम चला.

अब मेरे लण्ड की भी बुरी हालत हो रही थी पर मैंने सोचा की पूरा देखने के बाद ही मुठ मारूंगा. अब आंटी फिर से नीचे आ गई और ओम ने उनकी टाँगे उठा के अपने कंधे पर रखी और अपना एक झटके में अपना लण्ड आंटी की चूत में डाल दिया. आंटी के मुह से एक सिसकी निकल गयी. ओम का पूरा लंड आंटी की चूत के अन्दर गायब हो गया फिर ओम ने झटके लगाना शुरू किये. नीचे से आंटी चूतड़ उठा-उठा कर साथ दे रही थी. दोनों खेले खाए लोग थे. बहुत ही रिदम में चुदाई शुरू हो गयी थी. ओम ने धक्को की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ाना शुरू किया और कमरा थापों से गूजने लगा.

फिर से आंटी की आवाज़े निकलना शुरू हो गई- धीईरे……. धीईर्र……!

Rishu
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Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

करीब बीस मिनट की जम के चुदाई के बाद ओम ने अपना माल दुबारा से आंटी की चूत में ही निकाल दिया और वो आंटी के ऊपर ही ढेर हो गया.. आंटी भी शांत पड़ गयी तो मैं समझ गया की दोनों झड़ गए है.

फिर कुछ देर बाद ओम आंटी के ऊपर से हटा तो आंटी बोली की अन्दर क्यों निकाला. कही कुछ हो गया तो? ओम बोला कुछ नहीं होगा मेरी जान. तुम ही तो कह रही थी की तुम्हारे बच्चे नहीं होते.

अरे वो तो इनकी वजह से नहीं होते. आंटी बोली.

ठीक है. आगे से कंडोम लगा के करेंगे. अभी तुम गोली खा लेना.

आगे से क्या मतलब? आंटी बोली.

क्यों मजा नहीं आया क्या? अंकल ज्यादा मजा देते है क्या? ओम ने पुछा.

बहुत मजा आया. अगर ऐसा मजा इन्होने दिया होता तो तुम्हारा नंबर ही न लगता. आंटी हँसते हुए बोली और दोनों वापस कपडे पहनने लगे और मैं धीरे से वापस अपने घर आ गया. मेरा लंड फटा जा रहा था तो मैंने आंटी का नाम लेकर फटाफट मुठ मारी. थोड़ी देर बाद मुझे लगा की मुझसे गलती हो गयी अगर मैं उस समय कमरे में घुस जाता तो आंटी को मुझसे भी चुदवाना ही पड़ता. मैंने भी ठानी कि रुची तो ठीक है पर पहले एक बार तो आंटी की चूत जरुर मारूँगा.

मुझे पता चल गया था की अंकल आंटी को संतुष्ट नहीं कर सकते इसलिए ओम अब तो रोज़ आंटी की लेगा तो ये मौका मुझे दुबारा भी मिल जायेगा बस मुझे थोडा चौकन्ना रहना होगा और मौके पर थोड़ी हिम्मत दिखानी होगी...

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