नए पड़ोसी complete

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Rishu
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Re: नए पड़ोसी

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रुची बोली "अरे इतनी भी क्या जल्दी है? कितना तो मजा आया आज. एक राउंड और हो जाये."

"जानेमन आज मजा तो बहुत आया पर तुमने फार्म हाउस की जो बात बताई है उससे मुझे थोड़ी चिंता हो गयी है. जाकर लल्ला से पूछता हूँ की इन सालों का प्लान क्या है. चलो तुम भी फटाफट कपडे पहन कर घर जाओ. आंटी तुम्हारा इंतज़ार कर रही होंगी." मैंने रुची से कहा.

"पहले देखो तो सही की लाला दुकान पर है या नहीं क्योंकि तुम्हारे पास आने से पहले मैं घर गयी थी तो दुकान बंद करके लाला मम्मी को चोदने में लगा था. इसीलिए मैं इधर आ गयी." रुची ने कहा.

मैंने कपडे पहन लिये थे. मैंने कहा "यार मैं तो जा रहा हूँ. तुम यही रुको मैं देखता हूँ की लाला कहाँ है. जब तुम जाना तो घर लॉक कर देना. मैं चाभी तुमसे कल ले लूँगा." रुची कुछ कहती उससे पहले ही मैं घर से निकल गया क्योंकि मैं आंटी की चुदाई के बारे में रुची से बात नहीं करना चाहता था. घर से निकलते ही मैंने देखा की लाला आंटी के घर से निकल रहा था. इससे पहले की वो दुकान खोलता मैंने उसे रोका और कहा "चलो लाला भाई. फार्म हाउस चलो."

"पर मनीष भाई ओम भैया तो कह गए थे की ५ बजे के बाद निकलना" लल्ला ने कहा.

"यार अभी तो बस चलो. बाकी सब रस्ते में बताऊँगा." मैंने लल्ला से कहा.

लल्ला ने ज्यादा बहस नहीं की. उसको भी लग रहा होगा की फार्म हाउस पर रश्मि की चुदाई चल रही होगी और ये यहाँ दुकान पर बैठा है तो वो बोला "अच्छा रुको, हम बाइक लेकर आते है."

५ मिनट बाद हम दोनों फार्म हाउस के रस्ते पर थे. अब लल्ला ने पुछा "अब बोलो क्या हुआ."

"यार तुम लोग वहां बाहर से भी बन्दे बुला रहे हो क्या?" मैंने पुछा.

"ऐसी तो कोई बात नहीं है. ये तुमसे किसने कहा?" लल्ला ने पुछा.

"तो वहां सलमान और रुबेन नाम का कोई आदमी ओम ने नहीं बुलाया है." मैंने सीधे ही लल्ला से पुछा.

"वो दोनों मेरे दोस्त है, ओम का उनसे क्या लेना देना." लल्ला ने कहा.

"देखो भाई, सच सच बताओ की जब ओम रुची को उस फार्म हाउस ले गया था तो वो दोनों वहाँ थे या नहीं."

"थे क्योंकि मैं नहीं जा पाया था इसीलिए सलमान को भेज दिया था और रुबेन को सलमान साथ ले गया था पर अभी वहां कोई बाहरी नही होगा सिर्फ हम चार लौंडे होंगे क्योंकि हम जानते है की रश्मि रुची नहीं है. अगर बाहर के लौंडे देखेगी तो बिदक जाएगी. बल्कि ओम ने तो प्लान किया था की एक रंडी को भी बुला लिया जाए ताकि रश्मि सिर्फ तुम्हारे साथ ही रहे लेकिन उसकी बुकिंग पहले ही कहीं हो रखी थी तो वो नहीं आ पायेगी. पर तुम परेशान न हो हम लोग आराम से करेंगे." लल्ला ने कहा.
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

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"थैंक्स गॉड. वैसे पहले जब मैंने सोचा की उस नीग्रो का एक फुटिया लंड जब दीदी को चोदेगा तो कितना मजा आयेगा पर फिर मैं डर गया की जाने रश्मि दीदी की आज क्या हालत होगी." मैंने कहा.

"आज अपनी बहन को चोद लो फिर रुबेन का क्या है. कल उसको तुम्हारे घर भेज दूंगा. अपनी आँखों के सामने चुदवा लेना रश्मि को. पूरे १३.५ इंच का लंड है उसका 4 इंच मोटा. मजा तो तुम्हारी बहन को बहुत आयेगा." कहकर लाला हँसने लगा.

मैं अब थोडा नार्मल हुआ वरना रुची ने तो मुझे डरा ही दिया था. अब मैं लाला से बोला "एक बात और लल्ला भाई. अरे जब किसी को चोदा करो तो दरवाजा बंद कर लिया करो. अब आज रुची ने तुम्हे उसकी मम्मी की लेते देख लिया."

मेरी बात सुन कर लाला और जोर से हँसने लगा और बोला "यार वो तो मैंने जानबूझ कर दरवाजा खुला छोड़ा था ताकि रुची देख ले क्योंकि मेरे प्लान के लिए ये बहुत जरूरी था. चलो अब कन्फर्म हो गया की रुची ने हमें देख लिया."

"कैसा प्लान" मैंने पुछा.

"दोनों माँ बेटी को एक साथ एक ही बिस्तर पर चोदने का प्लान." लाला बोला और बाइक की स्पीड बढ़ा दी. करीब ४० मिनट बाद हम दोनों शहर से बाहर एक फार्म हाउस पर खड़े थे.
आस पास दूर दूर तक कुछ भी नहीं था. कोई दूसरा फार्म हाउस भी नही. मैंने लाला से पुछा "ये फार्म हाउस है किसका."

"है तो मेरे दोस्त सलमान का ही. पुश्तैनी चमड़े का व्यापारी है. १०-१२ साल पहले उसके घरवालों ने अपनी ऐयाशी के लिए बनवाया था पर अब उन्होंने एक दूसरा फार्म हाउस शहर से थोडा पास बनवा लिया है तो वो अब इधर कम ही आते है. अब ये दोस्तों के काम ही ज्यादा आता है." लाला ने बाइक बंद करदी और धीरे से अन्दर घुसा. मैं भी पीछे पीछे चल दिया. मैंने कुछ बोलने की कोशिश की तो लाला ने मुझे इशारे से चुप करवा दिया और बाइक एक किनारे लगा कर पेड़ो की ओट से फार्म हाउस के किनारे से बनी सीढियों से मुझे छत पर ले आया. छत पर एक कमरा बना था जिसमे एक टीवी और एक सोफा पड़ा था. हम दोनों सोफे पर जाकर बैठ गए.

"ये लोग कहाँ है. नीचे दिखे नहीं." मैंने लाला से पुछा.

"यार ओम आ तो गया है. गाडी तो थी बाहर. नीचे हाल या बेडरूम में होंगे. अभी देखता हूँ." कहकर लाला ने टीवी ऑन कर दिया. रंगीन टीवी पर छोटे छोटे कई दृश्य आ गए. अब तो cctv आम बात है पर तब मैंने ऐसा कभी नहीं देखा था. पूछने पर लाला ने कहा की ये कमरा सिक्यूरिटी वालों का था और इस टीवी से वो पूरे फार्म हाउस पर नज़र रखते थे. एक जगह रश्मि मयंक और ओम के साथ एक स्विमिंग पूल में नज़र आ रही थी. मैंने कहा यार ये सीन पूरे स्क्रीन पर नहीं आ सकता. लाला ने कुछ बटन दबाया और अब सिर्फ स्विमिंग पूल का सीन पूरे टीवी पर आ गया. छोटे में पता नहीं चल रहा था पर जब पूरे स्क्रीन पर देखा तो हमे पता चला की तीनो पूरे नंगे होकर पूल में तैर रहे थे. रश्मि दीदी के नंगे बदन को देख कर लाला ने अपना लंड मसला और मुझसे कहा "यार मानो न मानो तेरी बहन है एक नंबर माल."
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Re: नए पड़ोसी

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"तो चलो न हम भी वहीँ चलें. यहाँ क्यों बैठे है." मैंने लाला से बोला.

"ओम ने बोला था की तुझे देख कर रश्मि कही भड़क न जाए इसीलिए तेरे चक्कर में मुझे भी यहाँ बैठना पद रहा है वरना अभी इसी पूल में चोद देता तेरी बेहेनिया को. पर चिंता न कर ओम सही समय पर हमें बुला लेगा."

हम दोनों वापस टीवी पर दीदी और उन दोनों की जल क्रीडा देखने लगे. ओम और मयंक अपने लंड रश्मि दीदी के बदन पर यहाँ वहां रगड़ रहे थे. कभी गांड पर और कभी चूत पर. फिर उन दोनों ने दीदी को पूल से निकाला और उलटा करके लिटा दिया फिर ओम ने दीदी के हाथ पकडे और मयंक ने पैर और दीदी को झुलाते हुए लेकर अन्दर चले गए. लाला ने फ़ौरन चैनल बदला और बेडरूम का सीन आ गया. वो दोनों दीदी को झुलाते हुए अन्दर लेकर आये और दीदी को बेड पर लिटा दिया. दीदी ने ओम से कुछ कहा जो हम सुन नहीं पाए तब लाला ने टीवी की आवाज़ तेज़ कर दी. मयंक बोला मैं टॉवल लेकर आता हूँ. मयंक टॉवल लेकर आया तो ओम ने टॉवल ले ली और रश्मि दीदी की जांघो पर बैठ कर दीदी का गीला बदन पोछने लगा.
ओम का लंड पूरा खड़ा हो चूका था. अब मयंक ने दीदी की टाँगे पकड़ कर फैला दी तो ओम का लंड दीदी की चूत पर टक्कर मारने लगा पर ओम ने लंड दीदी की चूत में डाला नहीं बल्कि उसने आराम से दीदी को पोछा और फिर दीदी के बगल में लेट गया. दूसरी तरफ मयंक लेट गया और दीदी की चुन्चियो से खेलने लगा.

दीदी को लगा था की शायद ओम अब उनकी चुदाई करेगा इसीलिए उन्होंने पुछा "क्या हुआ. लेट क्यों गए"

ओम बोला "डार्लिंग तुम तो जानती हो की आज मेरा बर्थडे है और मैं और मेरे दोस्त केक एक ख़ास तरह से खाते हैं इसीलिए मैंने रुची को बुलाया था. पर जब वो नहीं आई तो एक रंडी को बुलाया पर वो भी धोखा दे गयी तो अब हम केक कैसे काटेंगे और कैसे खायेंगे."

"अरे रंडी की क्या जरूरत? तुम लोगों ने मुझे भी तो रंडी बना ही दिया है. और वैसे भी जो रुची कर सकती है वो मैं क्यों नहीं कर सकती? बोलो क्या करना है" दीदी ने हँसते हुए कहा.

"देख तेरी बहन अपने मुह से बोल रही है की वो रंडी है." लाला अपना लंड मसलते हुए बोला.

उधर ओम ने कहा "वैसे कोई बड़ी बात नहीं है बस बिना कपड़ो के तुम केक लेकर पार्टी में आओगी और तुम्हारे बदन पर रख कर केक कटेगा और फिर तुम्हारे ही बदन पर मल दिया जायेगा. उसके बाद जिसको भी केक खाना हो वो तुम्हारे बदन से चाट कर खा लेगा."

"पार्टी में? कहाँ है पार्टी?" दीदी ने पुछा.

"इसी फार्म हाउस में १ घंटे बाद. पर परेशान न हो हम लोगों को मिला कर सिर्फ ५-६ लोग ही होंगे और वो भी सब नंगे ही होंगे तो तुमको ज्यादा शर्म नहीं आयेगी." ओम ने जाल बिछाते हुए कहा.
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Re: नए पड़ोसी

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"नहीं नहीं अगर सिर्फ तुम दोनों होते तो बात और थी पर और लोगो के सामने. न बाबा न." दीदी ने इंकार किया.

ओम ने कहा "मैं तो जानता था की तुम्हे प्रॉब्लम होगी. इसीलिए रुची को बोला था और वो तैयार भी थी पर उसकी मम्मी ने गड़बड़ कर दी. यार मयंक अब तो नाक कट जाएगी. एक काम करते है. पार्टी कैंसिल कर देते है और वापस चलते है. वरना थोड़ी ही देर में लाला वगेरह आ सकते है."

मयंक ने दीदी से कहा "क्या यार रश्मि, मान जाओ न. कितने दिन से प्लान किया था की रात भर मस्ती करेंगे पर तुम हो की सारा मूड ख़राब कर रही हो."
उधर दीदी ने लाला का नाम सुन कर सोचा की ओम ने बोला है की ५-६ लोग होंगे. अब ३ हम हो गए और एक लाला मतलब बाहर के १ या २ आदमी होंगे. दीदी के ऊपर वैसे भी वासना का नशा हावी था. उन्होंने कहा "तुम भी क्या याद करोगे की रश्मि ने क्या बर्थडे गिफ्ट दिया था. ठीक है ले आऊँगी केक नंगी होकर. अब बस जल्दी से चूत में लंड डाल दो. बहुत तड़प रही है लंड के लिए."

"वाह रश्मि वाह. थैंक्यू. चुदाई के लिए तो पूरी रात पड़ी है पहले तो तुम्हारे हां करने की ख़ुशी में शम्पैन खोली जाएगी. क्यों मयंक." ओम ने मयंक को इशारा किया. मयंक तो पहले ही तैयार था फ़ौरन बोतल और गिलास लेकर आ गया. ओम ने बोतल खोली और सारा झाग दीदी के बदन पर गिरा दिया और गिलास में डाल कर दीदी की तरफ बढ़ा दिया.

दीदी ने मना करते हुए कहा "ओम तुम तो जानते हो की मैं शराब नहीं पीती."

"अरे शैम्पेन शराब नहीं होती. पी कर तो देखो." ओम ने दीदी के मुह में गिलास लगा दिया और मयंक ने दीदी का सर पकड़ लिया. आधी शैम्पेन दीदी के मुह में गयी और आधी गिर पड़ी. ओम ने थोडा नाराज़गी दिखाते हुए कहा "क्या यार रश्मि, तुम मेरे लिए जरा सी शैम्पेन नहीं पी सकती."

ओम को नाराज़ होता देख दीदी बोली "अच्छा लाओ पी लेती हूँ."

ओम ने कहा "अब इस बोतल में बचा ही क्या है. ये तो मैं पी लूँगा जाओ मयंक अपने और रश्मि के लिए और शैम्पेन ले आओ."

लाला ने फ़ौरन चैनल बदला. ये किचेन का सीन था. स्लैब पर दो केक और काफी सारी शराब के बोतले रखी थी. एक कोने में कुछ खाने का सामान था. तभी मयंक अन्दर आया और उसने दो गिलासों में आधा गिलास स्कॉच डाली और बाकी आधा स्प्राइट और लेकर वापस बेडरूम में चला गया. लाला ने फिर से बेडरूम का चैनल लगा दिया. यहाँ ओम दीदी के बदन से खेल रहा था पर उन्हें चोद नहीं रहा था. मयंक ने वापस आ कर एक गिलास दीदी की तरफ बढ़ा दी पर ओम ने उसे अपने हाथ में ले लिया और एक एक घूँट अपने मुह में भरकर फिर दीदी को किस करके उनके मुह में डाल देता था. अब दीदी बिना किसी नखरे के उसे पी रही थी. थोड़ी ही देर में पूरा गिलास खाली हो गया.
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Re: नए पड़ोसी

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लाला बोला "भाई कम से कम 4 पेग गटक गयी साली. अगर सच में नहीं पीती तो खड़ी भी न हो पायेगी."

ओम ने खाली गिलास मयंक को दे दिया और दूसरा उसके हाथ से ले लिया और रश्मि दीदी को दे दिया. दीदी नाक भौ सिकोड़ती उसे भी पी गयी. लाला उठ कर खड़ा होकर अपने कपडे उतारने लगा और बोला "जब रश्मि को केक लेने भेजे तो नंगा होकर नीचे आ जाना."

लाला के नीचे जाते ही मैंने अपने कपडे उतारे और नंगा हो गया. टीवी पर मैं देख ही रहा था की ओम और मयंक दीदी के बदन से खेलने में लगे थे. लाला भी अब बेडरूम में पहुच चूका था. दीदी ने लाला को देखा तो पहले तो पहचान नहीं पाई. फिर इन दोनों ने जब बताया की ये लाला है तो दीदी लडखडाती जबान में बोली "अरे कब हिक्क्क आये तुम्म्म "
मैं समझ गया की इन लोगों ने दीदी को इतनी क्यों पिलाई है ताकि वो मुझे न पहचान सकें पर मैं तो चाहता था की दीदी को होश में चोदू. दीदी को पता चले की वो अपने सगे भाई से चुदवा रही है.

उधर ओम ने दीदी से कहा "जाओ जानेमन अब केक ले आओ."

दीदी ने उठने की कोशिश की और लडखडा गयी. मयंक ने दीदी को सहारा दिया और बाहर ले गया. ओम ने लाला से पुछा "मनीष कहा है. स्कॉच व्हिस्की का नशा ज्यादा देर नहीं टिकता. थोड़ी देर में कम होने लगेगा और २-३ घंटे में होश में आ जाएगी. उससे पहले ही उसका काम करवाना है."

"ऊपर है. आ जाओ मनीष" लाला ने कैमरे में इशारा करते हुए कहा.

मैं फ़ौरन नीचे पंहुचा. लाला और ओम मुझे लेकर हाल में आ गए. दीदी सामने से अपने हाथों में केक लेकर आ रही थी. दीदी नशे में लडखडा रही थी. मयंक उनके पीछे पीछे आ रहा था की अगर वो गिरे तो मयंक उनको संभाल ले. पर दीदी जैसे तैसे डाइनिंग टेबल तक आ गयी और केक वहां पर रख दिया. दीदी ने मुझ मर कोई ध्यान नहीं दिया. अब मयंक ने दीदी को डाइनिंग टेबल पर लिटा दिया और केक ट्रे से उठा कर दीदी के पेट पर रख दिया. ठंडा केक पेट पर रखे जाने से दीदी के मुह से सिसकारी निकल गयी.

अब ओम आगे बढ़ा और प्लास्टिक की चाकू से दीदी के पेट पर रखे केक को काटने लगा. हम लोग ताली बजा कर हैप्पी बर्थडे गाने लगे. दीदी भी नशे में हैप्पी बर्थडे गा रही थी और ताली बजा रही थी. ओम ने पहला टुकड़ा दीदी को खिलाया और बाकी का केक दीदी की चुचियों, चूत, गाल, होठ और जांघो पर लगा दिया. और हम लोगों से कहा की हाँ तो भाई लोग अब आप लोग सेल्फ सर्विस कीजिये.

ओम के इतना कहते ही सारे लोग दीदी के बदन पर टूट पड़े. मयंक दीदी की चुन्चियों को चूस चूस कर केक खाने लगा तो लाला दीदी के गाल काटने लगा. ओम ने दीदी के होठ चूसने शुरू किये तो मैंने सोचा की मैं दीदी के हनी होल से शुरुवात करता हूँ. ओम ने दीदी की चूत के अन्दर तक केक भर दिया था तो मैंने अपनी जीभ अन्दर तक डाल कर केक खाना शुरू किया.
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