नए पड़ोसी complete

Post Reply
User avatar
Kamini
Novice User
Posts: 2112
Joined: 12 Jan 2017 13:15

Re: नए पड़ोसी

Post by Kamini »

thanks for shearing
User avatar
kunal
Pro Member
Posts: 2708
Joined: 10 Oct 2014 21:53

Re: नए पड़ोसी

Post by kunal »

एक निहायत उम्दा कहानी, आगे क्या हुआ जानने की उत्सुकता है आशा है की जल्द ही नया कुछ आएगा
Rishu
Novice User
Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

मुझे ओम की बात सुन कर बहुत गुस्सा आया. "छोडूंगा नहीं साले मयंक को. मुह तोड़ दूंगा मादरचोद का." मैंने गुस्से से कहा. ओम ने मुझसे कहा, "सोच लो मनीष भाई. अगर मयंक से लड़ाई कर लोगे तो रुची के सपने ही देखते रहोगे. हर लड़की किसी न किसी की बहन होती है. भाई तुम अगर उसकी बहन को चोदने की सोच सकते हो तो वो क्यो नहीं सोच सकता. खाली तुम ही खिलाडी हो क्या? मुझे तो लगता है तुम्हारी बहन भी मयंक को पसंद करती है. उससे गिफ्ट वगेरह भी लेती है. कही ऐसा न हो की तुम्हारे झगडे में मयंक का काम हो जाये और तुम्हारे साथ klpd हो जाए. अरे घर जाकर मेरी बात ठन्डे दिमाग से सोचना." मैं ओम की बात सुन कर चुप चाप वापस घर आ गया. मुझे ये भी समझ आ गया था की केवल मयंक ही नहीं ओम भी बड़ा खिलाडी आदमी है. अगर वो आंटी को चोद सकता है तो रुची और रश्मि दीदी को भी तो चोदने की फ़िराक में होगा. मैंने तय किया की मैं अभी मयंक से लड़ाई नहीं करूंगा क्योंकि रश्मि दीदी कॉलेज से शाम को ५ बजे घर आती है और ५.३० पर मम्मी भी लौट आती है तो मयंक को दीदी अकेले नहीं मिलने वाली और इतनी जल्दी वो और कुछ कर नहीं सकता. बस मुझे ये पक्का करना था की दीदी और मयंक का मामला कहा तक पंहुचा है. अभी दीदी के आने में १ घंटा बाकी था तो मैंने सोचा की दीदी के रूम में जाकर देखना चाहिए. हो सकता है की कहीं कुछ मिल जाए जिससे पता चले की क्या हो रहा है.
Rishu
Novice User
Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

मैं दीदी के कमरे में गया और पहली बार उनकी कपड़ो की अलमारी खोल के देखी. मेरा दिल धड़क रहा था. अलमारी में कागजो के नीचे मुझे एक थैंक यू कार्ड मिला. मैंने उसे पढ़ा तो वो मयंक ने ही दीदी को दिया था. उसमे मयंक ने दीदी को फ्रेंडशिप एक्सेप्ट करने के लिए थैंक्स बोला था. दीदी ने इस कार्ड को छिपा कर रखा था इसका मतलब दीदी को इतनी समझ तो थी की मयंक दोस्ती नहीं कुछ और करना चाहता है. मुझे दीदी के ऊपर भी थोडा गुस्सा आया की इसको भी बड़ी आग लगी है. मैंने थोडा और देखा तो मेरे हाथ में दीदी की स्किन कलर की ब्रा और पैंटी आ गयी. ये एक नेट वाली काफी स्टाइलिश ब्रा पैंटी थी. मैंने यू ही नंबर देखने के लिए उसे उठा लिया. ब्रा का नंबर ३४ था पर पैंटी पर कही नंबर नहीं लिखा था. मैं ध्यान से देखने लगा और अचानक ही देखते देखते मैं दीदी की पैंटी सूंघने लगा. मेरा लंड एकदम लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया था. अचानक मैंने सोचा की मैं ये क्या कर रहा हूँ और दीदी के कपडे वापस रख कर उनके कमरे से बाहर आ गया. थोड़ी देर में घर की घंटी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो सामने दीदी थी. आज पहली बार उनको देख कर मैं ये इमेजिन करने लगा की दीदी उस ब्रा पैंटी में कैसी दिखेगी. आज मैंने पहली बार दीदी के बदन की तरफ ध्यान दिया. मेरे दिमाग में बार बार ओम भैया के बात आ रही थी की तेरी बहन है भी तो सोने की बेबी डॉल. मैंने ये ख्याल अपने दिमाग से झटके और दीदी से कहा की मैं कोचिंग जा रहा हूँ और घर से निकल गया.
Rishu
Novice User
Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

अगले दिन रोज की तरह मयंक और मैं कॉलेज के लिए घर से निकल पड़े. कल की बातों की वजह से मैं मयंक से बात नहीं कर रहा था. मयंक ने बस में मुझसे पुछा, "क्या बात है. आज बड़ा चुप चुप है." मैंने कहा "नहीं कोई ख़ास बात नहीं है." मयंक बोला "सुन आज कॉलेज छोड़ और मेरे साथ चल. तेरा मूड ठीक कर दूंगा." मैंने पुछा "कहा?" तो मयंक बोला "चल तो सही." और वो मुझे लेकर बस से उतर गया और एक सिनेमा हाल के सामने पहुच गया जहा मोर्निंग शो में एक इंग्लिश फिल्म चल रही थी. मयंक ने टिकेट खरीदी और हम दोनों अन्दर चले गए. मैंने डरते हुए मयंक से पुछा "यार अगर कोई जान पहचान का मिल गया तो?" मयंक बोला "पहली बार मोर्निंग शो देखने आये हो क्या? अरे अन्दर कोई किसी को नहीं पहचानता. जो दिखेगा वो भी तो फिल्म देखने ही आया होगा." मैंने पहली बार इतनी गरम फिल्म देखी थी वरना मैं तो अभी तक बस मस्तराम के ही भरोसे था. फिल्म के बाद मयंक बोला "मजा आ गया. आज तो इसी हेरोइन को याद करके मुठ्ठ मारेंगे. क्यों भाई."
"बिलकुल भाई" मैंने जवाब दिया. वैसे तो मयंक से मेरी दोस्ती अच्छी थी पर हम एक दुसरे की नज़र में आज तक शरीफ बने थे. आज जब मयंक और मैंने वो शराफत का नकाब उतार फेका तो हमारे बीच ज्यादा पर्देदारी नहीं बची थी. मैंने मयंक से सीधे ही पूछ लिया "भाई कोई बोल रहा था की तुम मेरी बहन के बारे में कुछ गलत बोल रहे थे इसीलिए मेरा मूड कुछ ख़राब है." मयंक ये सुन कर थोडा चौंका तो पर फिर आराम से बोला "मैंने रश्मि के बारे में किसी से कोई गलत बात नहीं की. तुमने क्या सुना है." मैंने कहा "तुमने किसी से कहा है की वो तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है." मयंक ने साफ़ मना कर दिया. वो बोला "मैंने किसी से ऐसा नहीं कहा. हां कभी कभी रश्मि रुची से मिलने घर आती है तो बात हो जाती है. इसीलिए हमारी थोड़ी दोस्ती जरूर है पर इसमें तुम्हे परेशान होने वाली क्या बात है."
Post Reply