तो मैंने और सनी ने कहा कि ठीक है आज इसको सैंडविच बना देते हैं. सनी बेड पर लेट गया और दिव्या उसके ऊपर बैठकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर हिलने लगी उसके बाद दिव्या सनी की छाती के ऊपर अपनी चूचियां रखे लेट गई और उसने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठा लिया जिससे मैं उसकी गांड में लंड डाल सकूं… चुदाई से और चटाई से दिव्या की चूत और गांड बहुत चिकनी हो गई थी तो मैंने उसकी गांड पर लंड रखकर धीरे से धक्का दिया तो लंड अंदर चला गया. हम दोनों ने दिव्या को सेंडविच बनाकर उसकी चूत और गांड की चुदाई शुरू कर दी और दिव्या उचक उचक कर मचलने लगी और चूत और गांड में एक साथ चुदाई के मजे लेने लगी. कहां उसको दर्द हुआ करता था लेकिन आज वह इतनी एक्साइटेड भी कि खुद ही उछल उछल कर जग रही थी और कह रही थी "मुझे मेरी चूत में और गांड में ऐसे ही चोदो और जोर जोर से चोदो…. चोदते रहो आवारा कुत्तों चोदो चोदो मुझे खूब चोदो मेरा सैंडविच बना दो ….आवारा कुत्तों मुझे कुतिया बना दो…. मैं तुम्हारी कुतिया हूं मेरी चूत गांड फाड़ डालो...ऐसे मोटे-ताजे माल को ग्रुप में चोदते हुए में मुझे और सनी को बहुत मजा आ रहा था और हम दोनों से एक साथ चुदते हुए दिव्या की हवस और मजे का तो कोई ठिकाना ही नहीं था वासना में पागल हुई जा रही थी. थोड़ी देर बाद दिव्या बोली की सनी मेरी गांड भी मारो. मैं नहीं चाहती कि मेरे शरीर का कोई छेद ऐसा बचे जिसमें मैं तुम्हारे सेक्सी लंड का मजा ना लू.
सनी बोला "तुम्हें नहीं पता कि तुम कितनी सेक्सी माल हो डार्लिंग?? तुम इतनी सेक्सी हो कि तुम्हारे किसी छेद को मैं चौदे बिना छोड़ ही नहीं सकता……..तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम्हारे किसी छेद को बिना चुदाईे छोड़ दूंगा ……… तुम्हारे शरीर के एक-एक एक एक हिस्से को चोदूंगा. मैं तेरा हर यूज़ करूंगा…. मैं ही तुझे छोड़ने वाला कहां हूं …..मैं तेरा मुंह ,चूत और गांड सब को चोदूंगा ……. मैं तो तुझे चोदता रहूंगा ……"
उसके बाद दिव्या बोली "साले चोदो तुम दोनों मुझे चोदो आज और मुझे चोद चोद कर रंडी बना दो और जहां चाहे वहां चोदो मेरी चूत गांड मे जैसे चाहो मुझे वैसे चोदो … कभी मुंह में कभी कभी गांड में कभी चूत मे जैसे चाहो वैसे चोदो…. …..चाहे मेरी चूत में दोनों लंड एक साथ डाल दो चाहे मेरी गांड में दोनों लंड एक साथ डाल दो… चाहे मेरे मुंह में दोनों लंड एक साथ डाल दो और जगह बदल बदल कर चोदो …..मेरे शरीर का कोई सा हिस्सा ऐसा नहीं बचना चाहिए जहां पर तुम दोनों का लंड ना रगड़ा हो….………मेरा जीवन सफल कर दो आज मुझे चोदकर….………मुझे एक साथ चोद कर पूरी औरत बना दो…..………मेरी चूत मुंह और गांड में एक साथ मजा देकर मुझे औरत होने का संपूर्ण सुख दे दो आज तुम…."
दिव्या की उत्तेजक बातें सुनकर हम एक्साइटेड हो गए और हम उसे आसन बदल-बदल कर कई बार चोदा. तीन बार चोद कर मैं तो बैठ गया लेकिन सनी उस को दो बार और चोदा. …दिव्या की चुदाई से सनी का मन ही नहीं भर रहा था उसका तो मन हो रहा था कि वह दिव्या की चूत और गांड सबकुछ फाड़ डाले … जितना मजा दिव्या को और मुझे आज दिव्या की ग्रुप चुदाई में आया इतना मजा तो अकेले अकेले चुदाई करके नहीं आया. आज दिव्या ने भी जी भर के चुदवाया और उसने चुदाई का पूरा मजा लिया …..कभी बीच में कभी ऊपर कभी नीचे कभी सेंडविच कभी गांड में कभी दोनों जगह.. ….जबरदस्त चुदाई के बाद दिव्या के होठ, चूत और गांड बहुत सेक्सी लग रही थी. … तीनों से ही भरा हुआ माल टपक रहा था..
हमने रात को 1:00 बजे चुदाई शुरू की थी और सुबह के 4:00 बजे तक चलती रही… उसके बाद दिव्या को बीच में लेकर मैं और सनी सो गए. करीब 5 घंटे की नींद लेने के बाद जब हमारी नींद खुली तो हम रात के मजे के बारे में सोच कर फिर एक्साइटेड हो गए और दिव्या ने सनी का लंड पकड़ कर फिर से चूसना शुरू कर दिया और उसने कहा कि मुझे फिर चुदवाना है……… हम तो इंतजार कर रहे थे. हमने फिर मिलके चुदाई शुरू कर दी … मैंने एक बार निकाला और इसके बाद मैं बाथरुम में चला गया जबकि सनी ने और भी दो बार चुदाई की…… थक तो दिव्या भी गई थी पर वह सनी को पूरा मजा देना चाहती थी इसलिए जब भी जितनी बार थी सनी चोद रहा था वह खुशी खुशी मजा लेकर चुद रही थी.
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Re: नए पड़ोसी
बहुत बढ़िया जा रहे हो दोस्त
अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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- Dolly sharma
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Re: नए पड़ोसी
superb story
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: नए पड़ोसी
मुझे दिव्या को सनी से चुद्वाते देख कर बहुत मजा आ रहा था तो मैंने दिव्या से बोला कि हम आपस में तो चुदाई करते ही रहेंगे पर यहाँ तुम सनी के साथ खुलकर चुदो. अब बाकी के ३ दिन वह हमारे साथ रहेगा. मैं चाहता हूं कि 3 दिन तुम लोग जैसे चाहो वैसे चुदाई करो. दिव्या ने हामी भरी और अगले ३ दिन मैंने और सनी ने मिलकर दिव्या को आगे पीछे से खूब बजाया. बीच में राजेश से दिव्या की बात हुई तो दिव्या ने उसे बता दिया की कैसे मैंने उसे एक फिरंगी से भी चुदवा डाला है. राजेश ने उससे कहा की अब गोवा के मजे बहुत हो गए कल तुम दोनों मुंबई पहुचो. मैं भी तुम्हे वहीँ मिलूंगा.
दिव्या ने उससे रेणुका के बारे में पुछा तो उसने कहा की मिल कर बताऊँगा. तो अगले दिन हमने सनी को अलविदा कहा और मुंबई के लिए निकल गए. मुंबई में भी हमारा होटल बहुत बढ़िया था पर यहाँ राजेश ने हम दोनों के लिए अलग अलग रूम बुक किये थे. दिव्या ने बताया की राजेश ने बोला था की एक रूम राजेश का है और एक मेरा. क्योंकि वो भी आज शाम को यहाँ आ जायेगा इसीलिए दो कमरे बुक किये है पर तुम एक ही चाभी लो. गोवा की दिन रात दारू और चुदाई से हम दोनों बहुत थके थे तो हम दोनों ने कमरे में पहुच कर एक साथ नहाया और बिना कपडे पहने ही सो गए. शाम को हमारी नींद तब खुली जब राजेश ने हमे जगाया. हम दोनों ही नंगे सो रहे थे तो राजेश को देख कर मैं थोडा हडबडा गया और उठ कर अंडरवियर पहन लिया पर दिव्या तो उसकी बीवी थी तो वैसे ही नंगी पड़ी रही.
राजेश बोला "यार मुझसे क्या पर्दा. लो मैं भी कपडे उतर देता हूँ." और उसने अपने सारे कपडे उतार दिए. मैंने राजेश से पुछा की वो अन्दर कैसे आया तो उसने बताया की उसके और मेरे कमरे के बीच में एक दरवाजा है जिससे वो कमरे जुड़े है. राजेश ने ये स्पेशल कमरे इसलिए बुक किये है ताकि हमको एक दुसरे के कमरे में जाने में कोई दिक्कत न हो.
दिव्या ने उससे पुछा की तुम्हारा और रेणुका का कुछ हुआ क्या? तो राजेश ने कहा "डार्लिंग शुरू में थोड़ी दिक्कत तो हुई पर मैं कभी नाकाम हुआ हूँ. तीन दिन से मनीष की बीवी को ठोक रहा हूँ."
"सच" मैंने पुछा.
"खुद ही देख लेना अभी तुम्हारे साथ मिलकर चोदुंगा उसे. मेरे कमरे में ही है. तुम्हारी वजह से थोडा शर्मा रही थी पर मैंने उसे राजी कर लिया की अगर उसने हम दोनों से बंद कमरे में नहीं चुदवाया तो फिर मैं उसे खुले आसमान के नीचे चोदुंगा.." राजेश हसते हुए बोला.
"पर ये काम तो जब हम वापस आते तब भी हो सकता था न. आप रेणुका को यहाँ क्यों ले आये." मैंने कहा.
"यार अब तुमने तो हमारी बीवी के साथ हनीमून मना लिया अब हमारी बारी है. देखो तुमने वादा किया था की तुम मेरी हर बात मानोगे अब पीछे मत हटना." राजेश ने कहा.
"नहीं मैंने कहा था तो पीछे हटने का मतलब ही नहीं है. आपका क्या प्लान है." मैंने कहा.
दिव्या ने उससे रेणुका के बारे में पुछा तो उसने कहा की मिल कर बताऊँगा. तो अगले दिन हमने सनी को अलविदा कहा और मुंबई के लिए निकल गए. मुंबई में भी हमारा होटल बहुत बढ़िया था पर यहाँ राजेश ने हम दोनों के लिए अलग अलग रूम बुक किये थे. दिव्या ने बताया की राजेश ने बोला था की एक रूम राजेश का है और एक मेरा. क्योंकि वो भी आज शाम को यहाँ आ जायेगा इसीलिए दो कमरे बुक किये है पर तुम एक ही चाभी लो. गोवा की दिन रात दारू और चुदाई से हम दोनों बहुत थके थे तो हम दोनों ने कमरे में पहुच कर एक साथ नहाया और बिना कपडे पहने ही सो गए. शाम को हमारी नींद तब खुली जब राजेश ने हमे जगाया. हम दोनों ही नंगे सो रहे थे तो राजेश को देख कर मैं थोडा हडबडा गया और उठ कर अंडरवियर पहन लिया पर दिव्या तो उसकी बीवी थी तो वैसे ही नंगी पड़ी रही.
राजेश बोला "यार मुझसे क्या पर्दा. लो मैं भी कपडे उतर देता हूँ." और उसने अपने सारे कपडे उतार दिए. मैंने राजेश से पुछा की वो अन्दर कैसे आया तो उसने बताया की उसके और मेरे कमरे के बीच में एक दरवाजा है जिससे वो कमरे जुड़े है. राजेश ने ये स्पेशल कमरे इसलिए बुक किये है ताकि हमको एक दुसरे के कमरे में जाने में कोई दिक्कत न हो.
दिव्या ने उससे पुछा की तुम्हारा और रेणुका का कुछ हुआ क्या? तो राजेश ने कहा "डार्लिंग शुरू में थोड़ी दिक्कत तो हुई पर मैं कभी नाकाम हुआ हूँ. तीन दिन से मनीष की बीवी को ठोक रहा हूँ."
"सच" मैंने पुछा.
"खुद ही देख लेना अभी तुम्हारे साथ मिलकर चोदुंगा उसे. मेरे कमरे में ही है. तुम्हारी वजह से थोडा शर्मा रही थी पर मैंने उसे राजी कर लिया की अगर उसने हम दोनों से बंद कमरे में नहीं चुदवाया तो फिर मैं उसे खुले आसमान के नीचे चोदुंगा.." राजेश हसते हुए बोला.
"पर ये काम तो जब हम वापस आते तब भी हो सकता था न. आप रेणुका को यहाँ क्यों ले आये." मैंने कहा.
"यार अब तुमने तो हमारी बीवी के साथ हनीमून मना लिया अब हमारी बारी है. देखो तुमने वादा किया था की तुम मेरी हर बात मानोगे अब पीछे मत हटना." राजेश ने कहा.
"नहीं मैंने कहा था तो पीछे हटने का मतलब ही नहीं है. आपका क्या प्लान है." मैंने कहा.