परदेसी complete

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Sexi Rebel
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Re: परदेसी

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3) रोहित

रोहित ने आहना को अपनी छाती से लगा लिया. आहना थोड़ा गुस्से में थी इसलिए थोड़ा रेज़िस्ट किया, पर रोहित ने धीरे से उसके कानो में बोला "टेन्षन मत लो जान, सिर्फ़ पढ़ाई के लिए जा रहा हूँ, हमेशा के लिए थोड़े ना" और वो जैसे उसकी बाहों में पिघल गयी. फिर उसने उसकी आँखो में झाँका और उसके होठों को अपने होठों से दबा दिया. उसकी जीभ आहना के मूह में घूमने लगी और हाथ धीरे धीरे उसके उरोज़ सहलाने लगे. आहना के मूह से एक आह निकली और वो भी रोहित की जीभ को चूसने लगी. जब रोहित के ठंडे हाथ उसकी पीठ पर पड़े, तब उसको रीयलाइज़ हुआ कि उसकी टी-शर्ट उपर उठ चुकी है और उसके उरोज़ पूरे बाहर हैं. रोहित धीरे धीरे उन्हे चूस रहा था और अपना हाथ आहना की पीठ पर फेर रहा था. धीरे धीरे रोहित ने उसकी टी-शर्ट उतारी. वो इतना गरम हो चुकी थी कि उसने खुद ही अपने हाथ उपर उठा दिए ताकि कोई मुश्किल ना हो.

आहना ने रोहित को धक्का दे कर सोफे पे बैठा दिया और उसकी जीन्स और अंडरवेर उतार दी. फिर वो उसके लंड को सहलाने लगी और धीरे धीरे उससे अपने मूह में लेने लगी. रोहित धीरे धीरे रिदम बनाता गया और झटके दे कर अपना लंड उसके मूह के अंदर बाहर करने लगा. लंड को चूस्ते हुए आहना की बड़ी बड़ी काली आँखें रोहित को ही देख रही थी. उनमें एक अजीब सी शैतानी थी जैसे उसको चॅलेंज कर रही हो कि आज जो कुछ भी कर सकता है कर दे. उसने अपनी जीब से रोहित का पूरा लंड गीला कर दिया था और उसकी गोटियों को सहला रही थी. अब रोहित से रहा नही जा रहा था. वो खड़ा हुआ और उसने अपनी पोज़िशन बदल ली. अब आहना सोफे पे थी और रोहित खड़ा था. रोहित का लंड, एकदम गीला होकर सलामी दे रहा था. रोहित ने आहना की जीन्स और अंडरवेर उतारी और अपना मूह उसकी चूत के पास रख दिया. वो धीरे धीरे गरम साँसें फेंकने लगा उसकी चूत की फांको पे. उससे पता था कि इससे वो और ज़्यादा उत्तेजित होती है. फिर वो अपनी जीभ उसकी फांको के बाहरी हिस्से पे फिराने लगा. आहना की दोनो टांगे रोहित के कंधे पर थी और वो अपने हाथों से अपनी चूचियाँ मसल्ने लगी. उसके निपल पत्थर की तरह हार्ड हो चुके थे. धीरे धीरे रोहित अपनी जीभ उसके क्लिट पे फेरने लगा जिससे आहना के जिस्म में मानो करेंट की एक ल़हेर दौड़ गयी. वो समझ गयी कि रोहित की कलाकारी के आगे उसको झड़ने में ज़्यादा टाइम नही लगेगा.

रोहित अपनी ज़बान उसके क्लिट पर फेरते हुए, अपनी 2 उंगलियाँ उसकी चूत से अंदर बाहर कर रहा था. "ओह... रोहित..... आआआः" कहते हुए आहना ने अपना पानी छोड़ दिया जिससे रोहित ने अपनी जीभ भिगो दी. फिर उसने अपना मूह उसकी टाँगों के बीच से निकाला और उसको फ्रेंच किस करने लगा. अपने रस का स्वाद चख कर आहना और भी गरम हो गयी.

"रोहित प्ल्ज़ फक मी."

"ज़रूर आहना. चलो पलट जाओ" कहते हुए उसने आहना को पलटना में मदद करी. अब आहना टाँगें नीचे कर की ऑर अपने कूल्हे उठा कर, रोहित के लंड को अंदर लेने के लिए तय्यार हो गयी. रोहित ने अपने लंड को फिर थोड़ा थूक से भिगोया और उसकी चूत के द्वार पर रख दिया. उसने अपने दोनो हाथ उसकी गान्ड पर रख दिए और एक झटके के साथ अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

"अयाया.. आराम से.. रूओह्ह्हीईत"

"आज आराम नही है आहना. पता नही आज के बाद कब मिलेंगे" कहते हुए रोहित ने उससे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया. पूरा माहौल आहना की आहो और उनके जिस्म के टकराने की आवाज़ से भर गया. झटकों से आहना के उरोज़ उपर नीचे हो रहे थे. रोहित ने थोड़ा आगे झुक कर उन्हे पकड़ लिया और चोदते हुए ही उनके साथ खेलने लग गया. अब आहना से और नही रहा गया और फिर एक लंबी चीख के साथ उसने अपना पानी छोड़ दिया. उसकी चूत की दीवारों ने रोहित के लंड को जक्कड़ लिया और रोहित को पता चल गया कि वो भी अब ज़्यादा देर टिकने नही वाला. उसने अपना लंड बाहर निकाला और आहना को घुमा कर अपना लंड उसके मूह में डाल दिया. आहना ने अपनी जीभ उसपर फेरनी शुरू ही करी थी कि रोहित ने उसके बाल पक्कड़ कर उसका मूह थोड़ा उपर किया और दूसरे हाथ से लंड की हिलाते हुए अपना वीर्य उसके मूह पर झटकने लगा.

रोहित का वीर्य आहना के मूह और बालों पर गिर गया. रोहित जानता था कि इस बात से आहना बहुत चिड़ती है लेकिन उसको यह करने में बहुत मज़ा आता था. जब उसका पूरा रस निकल गया तो वो निढाल हो कर नीचे बैठ गया और आहना से चिपट गया. दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे कि तभी रोहित का फोन बज पड़ा.

"बेटा कहाँ हो? हम एरपोर्ट के लिए निकल रहे हैं.."

"पा आप निकलो, मैं सीधा वहीं पहुँचता हूँ. फ्रिड्ज के उपर मेरा पासपोर्ट और टिकेट्स पड़े हैं. उनको लेना मत भूलना"

"हां बेटा मैने वो ले लिए हैं. जल्दी आ जाना. ज़्यादा टाइम नही बचा है फ्लाइट में"

"बस अभी पहुँचता हूँ पा" कहते हुए रोहित ने फोन काटा और जल्दी से उठ के अपने कपड़े पहनने लगा. आहना मायूस हो कर बस उससे देखे जा रही थी. उनके 6 महीने का प्यार आज इस मोड़ पर आ कर शायद ख़तम होने वाला था. "बहुत लेट हो गया मैं आहना"

"मैं तो चाहती हूँ कि तुम्हारी फ्लाइट ही मिस हो जाए"

"ऐसा मत बोलो.. बहुत उम्मीदें हैं मुझसे घर वालों को"

"तुम मेरे टच में रहोगे ना रोहित."

"बिल्कुल आहना. बिल्कुल टच में रहूँगा. कैसी बात करती हो तुम भी"

"वहाँ जा कर किसी और से दिल ना लगा बैठना"

"शट अप आहना. चलो अब गले मिलो और एक गुड बाइ किस दो. जल्द ही दोबारा मुलाक़ात होगी. और प्लीज़ आँसू बहाना बंद करो. मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगता जब कोई रोता है तो" कहते हुए उसने आहना के आँसू पोछे, उसे किस करी और भारी मन से निकल गया एरपोर्ट को.

"कितनी देर लगा दी बेटा पहुँचने में. फ्लाइट के चेक्किन का अनाउन्स्मेंट हो चुका है" एरपोर्ट पहुँचते ही उसकी माँ ने उसको फटकार लगाई

"माँ थोड़ा दोस्तों से मिल रहा था. देरी हो गयी. कोई टेन्षन नही है"

"बेटा तू बड़ा हो गया है अब, ज़िम्मेदारी लेनी सीख.."

"माँ प्ल्ज़ यह लेक्चरबाजी नही यहाँ. मूड मत खराब करो"

"हां हां.. कुछ भी अच्छी बात बताओ तो साहबज़ादे का मूड खराब हो जाता है. वहाँ अच्छी तरह से रहना बेटा और रोज़ फोन करना"

"हां माँ रोज़ फोन करूँगा. और प्लीज़ आप आँसू बहा के टिपिकल मदर इंडिया मत बनो. देखो कितने लोग सी ऑफ करने आए हैं, कोई आपकी तरह सेनटी है क्या"

"अर्रे इन गोरों को तो अपने बच्चों से लगाव ही नही होता. यह तो बस उनसे जान छुड़ाना चाहते हैं. पर बेटा वहाँ बुरी संगत में ना पड़ना"

"पा कुछ समझाओ ना माँ को. क्या एक ही रेकॉर्ड बजाए जा रही हैं"

"बेटा हम तुम्हारे पेरेंट्स हैं. हम तुम्हें नही बताएँगे तो और कौन बाएगा"उसके पापा बोले

"अच्छा तो आप दोनो की मिली भगत है यह. कुछ नही होता. सुना लो जितना सुनाना है. अब तो थोड़े दिन बाद ही मुलाक़ात होगी"

तभी सेक्यूरिटी चेक इन की फाइनल अनाउन्स्मेंट हो गयी.

"अच्छा माँ... पा... मैं चलता हूँ. आप दोनो अपना ख़याल रखना और ज़्यादा टेन्षन मत लेना. मैं बिल्कुल ठीक रहूँगा वहाँ पे" कहते हुए उसने अपने माँ और पापा के पैर छुए और समान ले कर चल दिया चेक-इन के लिए.

"ओह्ह नो.. प्ल्ज़ .. नोट दा मेर्गेंसी सीट. डोंट यू हॅव एनी अदर सीट अवेलबल ?"

"आइ आम सॉरी सर, बट दा एंटाइयर क्रॅफ्ट इस कंप्लीट्ली बुक्ड. दट ईज़ दा ओन्ली सीट विच वी कॅन अलॉट. इफ़ यू वान्ट यू कॅन एक्सचेंज दा सीट इनसाइड दा क्रॅफ्ट वित एनी पॅसेंजर"

"वो तो मैं कर ही लूँगा गोरी, तुझे बताने की ज़रूरत नही है. ओके देन, आइ गेस आइ डोंट हॅव आ चाय्स" कहते हुए उसने बोरडिंग पास लिया और चल पड़ा प्लेन की तरफ. बचपन से ही उसे प्लेन्स से बहुत डर लगता था. वो बिल्कुल नही जानता था कि ऐसा क्यूँ है, पर जब भी वो प्लेन में बैठता, डर के मारे उसका बुरा हाल होता. आज भी कुछ अलग नही था. उपर से यह एमर्जेन्सी सीट. उसने सोचा 2 घंटे का ही तो सफ़र है, किसी तरह से निकाल लेंगे, किसी का एहसान क्या लेना, इसी लिए उसने सीट भी एक्सचेंज नही करी.

अभी फ्लाइट टके ऑफ भी नही हुई थी कि उसका पूरा चेहरा पसीने से भर चुका था.

"आर यू ओके सर? डू यू नीड एनी असिस्टेन्स?" एर होस्टेस्स ने उसकी हालत देख कर उससे पूछा

"नो आइ आम फाइन. जस्ट सम बटरफ्लाइस इन दा स्टमक. आइ एम श्योर एवेरितिंग विल बी ऑलराइट आंड वी विल लॅंड सेफ्ली"

"श्योर सर. इफ़ यू नीड एनितिंग, जस्ट प्रेस दिस बटन" कह कर एर होस्टेस्स चली गयी

"पहली बार प्लेन से सफ़र कर रहे हो क्या आप?" उसके साथ वाले आदमी ने उससे पूछा. शकल से वो इंडियन लगता था और पान चबा रहा था जिससे शक की कोई गुंजाइश नही रही

"जी नहीं"

"ह्म्म शकल से भी नही लगते. हमारा तो प्लेन में बहुत आना जाना लगा रहता रहता है. कभी न्यू यॉर्क, कभी यहाँ कभी वहाँ. क्या करें कुछ काम ही ऐसा है. आप भी टोरोंटो जा रहे हैं?"

"जी जब यह प्लेन टोरोंटो जा रहा है तो ज़ाहिर सी बात है के मैं भी वहीं जा रहा होऊँगा"

"वैसे बात तो सही है. मेरा तो कारोबार हैं वहाँ पे. अपनी कॅब एजेन्सी है. काफ़ी मुनाफ़ा होता है"

"आप कौन है और यह सब मुझे क्यूँ बता रहे हैं? शादी का रिश्ता पक्का करना है क्या?" उसने थोड़ा खीजते हुए बोला

"अर्रे मैं तो बस ऐसे ही बात कर रहा था. गुस्सा क्यूँ होते हो. अब नहीं करूँगा" कहते हुए उसने उधर की तरफ मूह कर लिया. रोहित ने अभी चैन की सास ली ही थी कि वो आदमी फिर से बोल पड़ा "देखिए अगर मैं आपकी मॅगज़ीन ले जाउ तो आपको कोई ऐतराज़ तो नही होगा ना?"

"मेरी मॅगज़ीन क्यूँ ले जाएँगे आप? आपके पास भी तो है.."

"अर्रे दो ले जाउन्गा घर पे तो ठीक रहेगा ना.. मेरी 2 बेटियाँ है. दोनो एक एक ले लेंगी. नहीं तो लड़ाई हो जाएगी"

"यह लीजिए. रख लो. और मुझे बख्स दो"

"अर्रे देखो प्लेन चल पड़ा. अभी यह उड़ेगा. लेकिन यह क्या सीट मिल गयी है.. विंग के सिवा कुछ दिखता ही नही है"

"क्या देखना है बाहर? किसी को हाथ हिला कर बाइ करना है क्या? यार भगवान के लिए मुझे बख्स दो"

"अर्रे भगवान को बीच में क्यूँ ला रहे हैं.. वैसे भी उनके बहुत करीब से उड़ रहे हैं, ऐसा ना हो कि उनको आप पसंद आ जाओ" कहता हुआ वो खिलखिला कर हँसने लगा.

रोहित को बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन उसने किसी तरह से अपने उपर काबू किया और दूसरी तरफ मूह फेर के सोने की कोशिश करने लगा. कब उसकी आँख लग गयी, उसको पता भी नही चला. थोड़ी देर में एक झटके के साथ उसकी आँख खुली. उसने देखा कि प्लेन को काफ़ी झटके लग रहे हैं. तभी अनाउन्स्मेंट हुई कि बाहर बहुत टर्ब्युलेन्स है. ऑक्सिजन मास्क्स भी नीचे लटक गये. बाहर बारिश बहुत तेज़ हो रही थी और बिजली कड़कती दिखाई दे रही थी. तब एक झटके के साथ प्लेन लड़खड़ाने लगा. रोहित ने देखा के प्लेन के विंग में आग लग गयी है और उसकी हालत बहुत खराब हो गयी. एक बिजली कबोल्ट प्लेन पे गिरा और इससे पहले रोहित कुछ समझ पाता, अंदर आग ही आग हो गयी. लोग चीखने चिल्लाने लगे और प्लेन का एक हिस्सा जलने लग गया. बाहर और अंदर के प्रेशर के डिफरेन्स के कारण, प्लेन का पीछे का हिस्सा टूट गया और रोहित और कयि लोगों समेत, प्लेन से अलग हो गया और नीचे गिरने लग गया. नीचे गिरते वक़्त उसे एक ज़ोर के धमाके की आवाज़ आई और वो समझ गया कि आधा प्लेन ब्लास्ट हो चुका है. बचे हुए लोग, तेज़ी से ज़मीन की तरफ गिर रहे थे और उनका बचना भी नामुमकिन था.

रोहित ने अपनी आँखें बंद कर ली और उसकी पूरी ज़िंदगी की तस्वीरें उसके आगे घूमने लगी. उसके माँ बाप, उसके दोस्त, उसके सभी चाहने वाले एक एक करके उससे याद आने लगे. ज़िंदगी के आखरी चन्द लम्हों में वो अपनी सारी खुशियाँ याद करने लगा और उसकी आँखों से आसू बहने लगे. तभी अचानक उसकी छाती पर हवा का ज़ोरदार वार हुआ और उसे ऐसा लगा मानो वो उपर की ओर खिच रहा है. उसने अपनी आँखें खोली तो सामने का मंज़र देख कर उसे यकीन नही हुआ. जहाँ सब कुछ नीचे गिरता जा रहा था, वहीं किसी कारण से रोहित उपर उठ रहा था. उसने अपने आप को थोड़ा संभाला और एक तरफ झुक गया. अब तो जो हो रहा था उसपे यकीन करना एकदम असंभव था. वो हवा में ग्लाइड कर रहा था. बिल्कुल एक पक्षी की तरह. दायें, बायें, उपर, नीचे - जिस दिशा में वो जाना चाहता था, वो जा पा रहा था. वो सच मूच उड़ रहा था

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Sexi Rebel
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Re: परदेसी

Post by Sexi Rebel »

बंधुओ आज का अपडेट दे दिया है आपको कैसा लगा
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Rohit Kapoor
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Re: परदेसी

Post by Rohit Kapoor »

अविश्वनीय घटना का सृजन कर दिया मित्र

कहानी मज़ेदार होती जा रही है
mini

Re: परदेसी

Post by mini »

great great mast erotic lajabab
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Sexi Rebel
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Re: परदेसी

Post by Sexi Rebel »

Rohit Kapoor wrote:अविश्वनीय घटना का सृजन कर दिया मित्र

कहानी मज़ेदार होती जा रही है
mini wrote:great great mast erotic lajabab

dhanyawad bandhuo
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