परदेसी complete

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Sexi Rebel
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Re: परदेसी

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"एवेरिवन प्लीज़ गेट अप. वी हॅव रीच्ड" सोनिया की आवाज़ सुनते ही सब उठ गये. नींद से अभी भी उनका बुरा हाल था. शायद दवाई का असर अभी तक था. सब लोगों ने सेफ्टी बेल्ट लगा ली और डिसेंट का इंतेज़ार करने लगे. रोहित और तान्या अभी भी चुप थे, बिट्टू सिर्फ़ दिया के बारे में सोच रहा था और दिया अपने पेरेंट्स से मिलने के लिए बेताब हो रही थी. हेलिकॉप्टर लॅंड हुआ और उसके ब्लेड्स बंद होते ही रणवीर ने दरवाज़ा खोल दिया.

"थॅंक यू रणवीर" सब जाते हुए उसको बोल के गये

"हमारी जान बचाने का धन्यवाद. यह एहसान मैं ज़िंदगी भर नही भूलूंगा" रोहित ने कहा और वो भी उतर गया.
रणवीर और सोनिया ने भी डिसाइड किया कि आज रात टोरोंटो में ही रुका जाए और सुबह होते ही वो वापस चले जाएँगे अपने बसे में.

बिट्टू, दिया, तान्या और रोहित ने अलग अलग कॅब्स करी और वो भी चले गये. दिया अपने घर गयी, बिट्टू और रोहित हॉस्टिल और तान्या ने सोचा कि थोड़ा शहर घूम ले, फिर हॉस्टिल चली जाएगी. चारों में से किसी को नही पता था कि बाकी कहाँ जा रहे हैं. बिट्टू और दिया के सिवा कोई आपस में मिलना भी नही चाहता था. रोहित और बिट्टू दोनो अलग अलग हॉस्टिल पहुँचे और फॉरमॅलिटीस पूरी कर के अपने इंडिविजुयल रूम्स में चले गये. उसके बाद दोनो ने अपने घरों पे फोन किया और बता दिया कि वो लोग पहुँच गये हैं. रणवीर ने उनको बताया था कि हेलिकॉप्टर में चढ़ने से पहले चारों ने अपने घर फोन कर दिया था कि वो हेलिकॉप्टर से जा रहे हैं, इसलिए उन्हे कोई टेन्षन नही थी पेरेंट्स को इनफॉर्म करने की. दोनो ने थोड़ा रिलॅक्स किया और फिर कपड़े वगेरह खरीदने के लिए मार्केट चले गये.

जब वापस आए तो देखा कि नोटीस बोर्ड पे एक बहुत बड़ा नोटीस लगा हुआ है "स्पेशल पार्टी टुनाइट अट दा कामन रूम्स फॉर ऑल दा न्यू ज़ोइनीस बाइ दा सीनियर्स. प्लीज़ कम". बिट्टू वो पढ़ के खूब खुश हुआ. "आते ही फ्री की दारू मिलेगी शायद. मज़ा आएगा" उसने सोचा और अपने रूम में चला गया. उसको पता था कि पार्टीस में हमेशा लेट ही जाना ठीक होता है क्यूंकी समय पर कोई नहीं पहुँचता. लेकिन जब वो पहुँचा तो कामन रूम खचाखच भरा हुआ था लोगों से. खाने का अलग काउंटर था और दारू का अलग. वो सोच ही रहा था कि कहाँ से शुरू करे के उसको तान्या दिख गयी.

"सो वी मीट अगेन... बाकी लोग भी हैं क्या... टोरोंटो में इतने ज़्यादा भी कॉलेजस नही है मतलब"

"ओह्ह नो.. नोट यू अगेन... पूरे 3 साल झेलना पड़ेगा क्या तुम्हें" तान्या खिज कर बोली

"मुझे लोग झेलते नहीं, मेरा इंतेज़ार करते हैं. और ज़्यादा भाव मत बढ़ाओ अपने, मुझे कोई इंटेरेस्ट नही है तुम में. बस एक पहचाना चेहरा देखा तो आ गया"

"तुम अपने आप को बहुत कूल समझते हो ना..."

"इसमें समझने की क्या बात है.. मैं तो हूँ ही कूल.. कूलनेस मेरे दिल में भरी है... इनफॅक्ट कूल का स्कूल हूँ"

"ओह गॉड सेव मी... मुझे तो तुम बिकुल पागल लगते हो..."

"लगने को तो तुम भी मुझे बहुत इंटेलिजेंट लगती हो पर मुझे पता है कि जैसी तुम दिखती हो, वैसी हो नही.. सेम वित मी"

"चलो एक शर्त लगाते हैं....."

""क्या शर्त.. मेरा क्या फ़ायदा होगा इस-से?"

"तुम्हें प्रूव करने को मिलेगा कि तुम सच मच बहुत ही कूल और लड़कियों के चहेते हो... फिर मेरी नज़र में तुम्हारी रेस्पेक्ट बढ़ जाएगी.."

"अर्रे तुम्हारी नज़र की किसको पड़ी है.. मैं तो किसी और को ढूँढ रहा हूँ..."

"हाहहाहा.. इतनी जल्दी डर गये.."

"मेडम बिट्टू किसी से नही डरता.. शर्त बोलो.." तान्या के चुंगल में आसानी से फस गया बिट्टू

"वो देख 2 गोरी लड़कियाँ बैठी हैं... उनको जा कर हिन्दी में प्रपोज़ करो.. देखते हैं कितने कूल हो तुम... देखते हैं वो तुम्हारी दिल की कूलनेस देख पाती हैं या नहीं"

बिट्टू ने सोचा कि इसमें क्या है.. वैसे भी इतनी लाउड गाने की आवाज़ है, अगर चाँटा वांटा पड़ भी गया तो किसी को क्या सुनाई देगा... और वो उन लड़कियों के पास चला गया... देखने में वो दोनो बहुत ही हॉट लग रही थी और बिट्टू मॅन ही मॅन सोच रहा था कि काश एक हां कर दे तो मज़ा आ जाए. उन दोनो के पास पहुँच कर वो उनके सामने बैठ गया.

"बहुत सुंदर हो आप... किसी ने यह बात बताई है आपको कभी"

"सॉरी" एक लड़की बोली

"डोंट बी सॉरी... खूबसूरत होना कोई पाप नही है...."

"êटेस-वू डे नाउस पार्लर" उस लड़की ने बोला ("आर यू टॉकिंग टू अस?")

"नही नही, सच में ... मज़ाक नही कर रहा मैं... इस अंधेरे रूम में अगर कोई चाँद है.. तो वो तुम ही हो" बिट्टू बोला

"जे ने स्व्स पास à वू कॉमपरेंड्र्य" ("आइ'म नोट अंडरस्टॅंडिंग यू")

"ओह्ह थॅंक यू. मुझे नही पता था कि आपको भी मैं सुंदर लग रहा हूँ...

"वू êटेस फॉवू?" ("आर यू क्रेज़ी?")
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Sexi Rebel
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Re: परदेसी

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बिट्टू ने आगे बढ़के उस लड़की का हाथ पकड़ा और उसको चूम के बोला "आइ लव यू टू" चटाक़ की एक आवाज़ आई और म्यूज़िक बंद हो गया... सब बिट्टू की तरफ देखने लग गये और वो दोनो लड़कियाँ वहाँ से खिसक ली... "क्या तमाशा चल रहा है क्या यहाँ ?? चलो अपना अपना काम करो... गाने क्यूँ बंद कर दिए रे मनहूस... गाने चला" कहता हुआ बिट्टू अपना लाल गाल ले कर वापस वहीं पर आ गया जहाँ पे तान्या को छोड़ा था.

"ओह्ह तो उसने मुझ से पीछा छुड़ाने के लिए मुझे वहाँ भेजा था. खुद निकाल ली और मुझे पिटवा दिया" जब बिट्टू ने तान्या को वहाँ नही देखा तो सोचा.

"हे बिट्टू.. क्या चल रहा है... आते ही थप्पड़ खाने शुरू कर दिए... क्या हुआ..." रोहित ने उसके पास आ कर पूछा

"अर्रे यार पता नही तमिल में वो लड़कियाँ क्या बक रही थी... मुझे लगा प्रपोज़ कर रही हैं.. मैने हां कह दिया तो थप्पड़ पद गया.. अजीब शहर है"

"तमिल ?? पर वो तो फ्रेंच लग रही थी..."

"कुछ भी हो.. बोली समझ नही आई, यह इंपॉर्टेंट बात है.. कौनसी बोली थी, यह इंपॉर्टेंट नही है"

"हाहहाहा... लगे रहो.. आइ एम श्योर 50-60 थप्पड़ खा के तुम्हें या तो भाषा आ जाएगी, या कोई तुम्हारे जैसी मिल जाएगी... अगर नही भी मिली तो कम से कम थप्पड़ खाने की आदत हो जाएगी... " रोहित ने हँसते हुए कहा

"इन्न बातों को छोड़ और बता कि दिया दिखी क्या..."

"नहीं.. वो तो नहीं दिखी.... चल कल मिलते हैं" कहता हुआ रोहित वहाँ से चला गया

बिट्टू बेचारा अपनी किस्मत को रो रहा था. साले वो दोनो जिनमें उसको इंटेरेस्ट नही था, इसी कॉलेज में टपक पड़े और दिया नहीं है.. "भगवान तुझसे एक चीज़ माँगी थी, तूने वो तो दी नहीं, थप्पड़ पड़वा के बेइज़्ज़ती और करवा दी" सोचते हुए वो भी बियर पीने के लिए चल पड़ा


*-*
"रणवीर ऐसा कब तक चलता रहेगा? हम कब तक ऐसे ही मिलते रहेंगे" बिस्तर पर लेटी सोनिया ने पूछा

"सोनिया तुम्हें पता है कि हमारा फ्यूचर खराब हो जाएगा अगर कंपनी को पता चल गया इस अफेर के बारे में तो. दे हॅव स्ट्रिक्ट पॉलिसी रिगार्डिंग दिस"

"अभी कौन सा फ्यूचर अच्छा है रणवीर? यू आर 47, मैं 45 की हूँ, दोनो ने शादी नही करी है और दोनों टीनेजर्स की तरह छुप छुप के मिलते हैं" सोनिया ने गुस्से में कहा

"बस सोनिया हमारा यह एक्सपेरिमेंट ख़तम हो जाए, उसके बाद हम आराम की ज़िंदगी बिताएँगे" रणवीर ने सोनिया के बालों में हाथ फेरते हुए कहा. उसका हाथ धीरे धीरे थोड़ा नीचे गया और सोनिया के स्तनों तक पहुँच गया... वो धीरे धीरे उसके निपल पर हाथ फेरने लग गया. सोनिया की आँखें बंद थी... रणवीर ने अपना चेहरा उसके पास करके उसके मुलायम होठों पे एक हल्का से चुंबन दिया. अब सोनिया ने भी अपना हाथ उठा कर रणवीर के कंधे पर रख दिया और दोनो एक दूसरे को चूमने लगे.

अभी दोनो गरम हो ही रहे थे कि रणवीर के फोन की घंटी बजी.

"आज की रात फोन मत उठाओ रणवीर. आज की रात सिर्फ़ मेरे नाम कर दो ना..." सोनिया उसके सामने गिड़गिडाई
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Re: परदेसी

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रणवीर ने भी फोन पे ध्यान नही दिया और सोनिया को चूमने में लगा रहा. फोन बंद हो गया और कुछ ही पलों में उनके रूम में रखा फोन बजने लगा. "सोनिया लगता है कुछ इंपॉर्टेंट बात है.. तभी यहाँ फोन आया है.. रूको मैं देख के आता हूँ क्या हुआ"

"रणवीर तुमने क्यूँ बताया कि हम इस होटेल में रुके हुए हैं?? क्या एक रात भी हम आराम से साथ नही रह सकते?" सोनिया ने बोला और इस बात को रणवीर ने अनसुना कर दिया

"हेलो.."

"सर, रसल हियर... एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज़ दिखानी है आपको, प्लीज़ बेस कॅंप में जल्दी से जल्दी आ जाइए.. वी हॅव लिट्ल टाइम टू वेस्ट"

"क्या हुआ रसल"

"सर मैं फोन पे नही बता सकता. जितनी जल्दी हो सके, प्ल्ज़ रिटर्न. मैने यह अब्ज़र्वेशन किसी को नही बताया है और आपके साथ सबसे पहले शेयर करना चाहता हूँ. इट ईज़ ह्यूज"

"ओके रसल.. पेज दा पाइलट कि वो तय्यार रहे. हम निकल रहे हैं और 15 मिनिट में हेलिकॉप्टर तक पहुँच जाएँगे"

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रात में चारों को ठीक से नींद नही आ रही थी. रह रह के अजीब अजीब ख्वाब आते जैसे कोई प्लेन टूट रहा है और यह लोग गिर रहे हैं. हैरत की बात थी कि इनको दिख रहा था कि कैसे यह किसी को बचा रहे हैं या कोई इन्हें बचा रहा है. जैसे ही नींद लगती, थोड़ी देर में ही आँखें खुल जाती और पूरा शरीर पसीने से तर बतर होता.

जब काफ़ी कोशिशों के बाद भी रोहित को ठीक तरह से नींद नही आई तो उसने हार मान ली. वो छत पर चला गया और वहाँ से नज़ारा देखने लगा. दूर दूर तक सिर्फ़ अंधेरा ही अंधेरा था और उन अंधेरो में टिमटिमाते दियों की तरह बिल्डिंग्स पर रोशनी. ठंडी ठंडी हवा चल रही थी. पहले ही पसीने में भरे होने के कारण, रोहित को झुरजुरी पड़ने लग गयी ठंडी हवा के थपेड़ो से. रह रह के रोहित के दिमाग़ में यह ही ख़याल आता कि क्या वो सच में उड़ सकता है या यह सब कुछ एक भ्रम ही है. कहीं उन दवाइयों के असर से ही तो ऐसा सब कुछ नही हो रहा जो हेलिकॉप्टर में उन्हे दी गयी थी... काफ़ी सोचने के बाद उसने डिसाइड किया कि वो एक ट्राइ करेगा. वो उँचाई से कूदेगा और उससे पता चल जाएगा कि वो सच मुच उड़ सकता है कि नहीं.

उसने छत के कोने से नीचे झाँक के देखा तो उसके होश उड़ गये. यह तो बहुत उँचाई है. अगर उड़ नही पाया तो जान तो जाएगी नही, उमर भर के लिए टुंडा हो जाएगा. उसने इधर उधर देखा और पाया कि एक टंकी है जिसके उपर वो चढ़ सकता है. वहीं पास में एक स्ट्रे रूम था जिसके अंदर झाँकने पर रोहित ने पाया कि उसमें कयि गद्दे रखे हैं. अब तो प्लान पूरा बन गया. रोहित ने कुछ गद्दे निकाले और टंकी के नीचे रख दिए. फिर वो 10 फुट की टंकी पे पहुँचा. उपर चढ़ते हुए उसका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था उसने उपर से नज़ारा देखा तो पाया कि वो और भी दूर दूर तक देख सकता है. दूर एक कमरे में जलती बुझती बत्ती दिख रही थी. रोहित ने सोचा कि वो अकेला नहीं है जो इतनी रात में जगा है. कोई तो और भी है. उसको मालूम नही था कि वो घर दिया का है और दिया अपने अंदर समाए करेंट से बत्ती ऑन/ऑफ कर रही है.

अपने दिमाग़ को सारी बातों से क्लियर कर के, उसने छलाँग लगा दी. अगले ही पल वो उन गद्दों पे था. खड़े हो कर उसने चेक किया तो जिस्म का कोई भी अंग दर्द नही कर रहा था. मतलब चोट तो नही लगी, ऐसा सोचते हुए वो वापिस टंकी पर चढ़ गया. इस बार उसने नया तरीका अपनाने का सोचा उसने अपने दिमाग़ से सारा डर निकाल दिया और अपने आप को कन्विन्स कर दिया कि वो सच मुच उड़ सकता है. वो अपने दिमाग़ में सोचने लगा कि वो उड़ रहा है और जंप मारी आँखें बंद कर के. जब एक पल तक उसको उन गद्दों का स्पर्श अनुभव नही हुआ तो उसने आँखें खोली. उसको लगा जैसे वो अभी भी टंकी पे ही खड़ा है. उसने अपने नीचे देखा तो हवा के सिवा कुछ नही था. थोड़ी नीचे गद्दे दिख रहे थे. डर और हैरानी ने फिर उसके अंदर प्रवेश किया और अगले ही पल धम्म से वो उन गद्दों पर गिर गया.

"ओ ओ सूपरमन.. क्या कर रहा है इतनी रात में... ऐसे ना तो टाँग टूटेगी और ना ही छत..." बिट्टू सीडीयों से उपर आता हुआ बोला

रोहित थोड़ा सकपका गया "कुछ नहीं, नींद नही आ रही थी तो उपर चला आया"

"वैसे यह ठीक किया... नींद नही आ रही थी तो टाँग तुड़वाने की कोशिश करी.. हॉस्पिटल में आराम से सोना... वैसे गद्दों के उपर क्यूँ कूद रहे थे"

"ऐसे ही यार. थोड़ा एग्ज़ाइट्मेंट"

"अर्रे एग्ज़ाइट्मेंट तो इस चीज़ से मिलता है" बिट्टू ने गांजे की 2 सिगरेट्स निकालते हुए कहा. "चलो आओ.. साथ में उड़ेंगे"

"तू भी उड़ता है?" रोहित ने हैरानी में पूछा

"अर्रे वाह.. पुराने खिलाड़ी मालूम होते हो. चलो आज उड़ ही लिया जाए" कहते हुए बिट्टू ने एक सिगरेट उसके आगे कर दी. दोनो छत के कोने में बैठकर कश मारने लगे. थोड़ी देर बाद रोहित बोला
"यार तुझे ऐसा कभी लगा है कि तू कुछ कर सकता है पर कर नही पाया हो"

"बिल्कुल. 10थ का हाफ यियर्ली था. मुझे लग रहा था कि फिज़िक्स आती है तो पढ़ा नहीं.. साला एक भी सवाल ठीक से हल नही कर पाया"

"हा हा हा.. ऐसे नहीं यार... कहने का मतलब है कभी तुम्हें लगा है कि तुम कुछ और करने के लिए पैदा हुए हो और कर नही पा रहे"

"पूरा वक़्त... मुझे लगता था कि मैं सिर्फ़ लड़कियों के लिए पैदा हुआ हूँ... पिछले कॉलेज में एक लड़की को चोदा, उसके बाद सारी मुझसे दूर भागने लगी... अब मेरी ग़लती थोड़े है कि आधे मिनिट में झड गया.. पहली बारी था यार"

"हा हा हा.. होता है पहली बार में... मेरे साथ भी हुआ था.. धीरे धीरे सीख जाता है बंदा"

"तुम तो गुरु लगते हो ... आज से तुम्हारा नाम गुरु सूपरमन. वैसे तुम गांजा मार के ही बात करते हो या वैसे भी मूह खुलता है कभी कभी"

"तुम्हारे जितना तो नहीं, पर हां बात तो करता ही हूँ"

"अच्छी बात है.. तुम्हारे से बहुत कुछ सीखना है मुझे"

"मुझसे सीखकर तो नरक में ही जाओगे"

"तो अभी कौन सा स्वर्ग का रिज़र्वेशन है. मेरे हिसाब से आदमी के पास 2 ऑप्षन होती हैं - दुनिया में स्वर्ग और मरने के बाद नर्क या दुनिया में नर्क और मरने के बाद स्वर्ग. अब मरने के बाद क्या होता है, किससे पता, इसलिए हम तो यहीं स्वर्ग का आनंद लेते हैं"
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