बीबी से प्यारी बहना complate

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Kamini
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Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by Kamini »

superb superb superb jitni tarif ki jaay kam hai
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rajsharma
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Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »

Vinay86731 wrote:Kya turn liya hai. But too hot update
Ankit wrote:superb update Raj bhai
mastram wrote:Raj bhai ab is Sana ne kya gul khila diye
jay wrote:क्या बात है मस्त अपडेट बस देते रहो देते रहो
Rohit Kapoor wrote:keep going dear
Kamini wrote:superb superb superb jitni tarif ki jaay kam hai
mastram wrote:Raj bhai aaj ka upadate
धन्यवाद दोस्तो मस्ती के सफ़र में शामिल होने के लिए अपडेट थोड़ी ही देर में
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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rajsharma
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Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »

मुझे तो खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर कुछ देर चुप रहा और फिर मैंने अपने दोस्त से कहा यार साना यह काम उस लड़के के साथ कर चुकी है वह अपनी इज़्ज़त तो खराब कर चुकी है। इसका एक ही समाधान हो सकता है अगर साना और उस लड़के की आपस में शादी करवा दी जाए तो ही बदनामी से कम से कम बच पाएँगे तो मेरा दोस्त मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोला यार तू बहुत भोला है। तू जानता है वह लड़का किसका बेटा है। मैं अपने दोस्त की तरफ देखने लगा और फिर मेरे दोस्त ने कहा यार वह लड़का कोई साधारण घर का लड़का नहीं है उसका पिता एक सरकारी महकमे के बड़ा अधिकारी है उसकी पहुंच मुझसे भी बहुत ज़्यादा है और वह अपने बाप की बिगड़ी औलाद है। और वह लड़का तो बस साना के साथ अपना काम निकाल कर एक तरफ हो जाएगा उसने खुद ही शादी से इनकार कर देना है और अगर मैं अपनी स्थिति का उपयोग करके उसे कुछ करवाने की कोशिश करूँगा तो उसका पिता उसे एक घंटे में बाहर ले आएगा और लाभ कुछ भी नहीं होगा। इसलिए मेरे दोस्त कुछ और सोच जिससे यह समस्या भी हल हो जाय और बदनामी न हो। और फिर मेरा दोस्त मुझे लेकर कार में बैठ गया।

मैंने अपने दिमाग पर जोर देना शुरू कर दिया और लगभग आधा घंटा कार में चुपचाप बैठ कर मैंने साना के बारे में सोच लिया था। मैंने अपने दोस्त को पहले ज़ुबैदा और उसकी माँ की सारी स्टोरी सुना दी और उस लड़के इमरान के बारे मे भी पूरा बता दिया मैंने यह नहीं बताया कि ज़ुबैदा मेरी पत्नी है बस यही कहा कि वो मेरी रिश्तेदार हैं। मेरी किस्मत अच्छी थी मेरा दोस्त मेरी शादी में भी नहीं आया था। मैंने अपने दोस्त को बता दिया कि मैं अभी अपने रिश्तेदारों को वापस मुल्तान ले जाना चाहता हूँ और मकान के सौदे का भी बता दिया और उसे इमरान का पक्का काम करने के लिए और वीडियो वाले सबूत के लिए भी बोल दिया। और यह भी कह दिया जब मेरी वह रिश्तेदार मुल्तान शिफ्ट हो जाएँगे तो साना को भी वापस मुल्तान ले जाऊंगा और वहां मुल्तान शहर में ही पढ़ाई के लिए भर्ती करा दूंगा। मेरा दोस्त मेरी सारी बात समझ गया था उसने कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला किया है तुमने साना को वापस ले जाओगे और उसमें ही हमारी बदनामी नहीं होगी और रही बात इस लड़के की तुम बेफिक्र हो जाओ उसकी ऐसी व्यवस्था करवा दूंगा अगर 12 या 14 साल पहले बाहर आया तो कहना और वह वीडियो वाला सबूत भी लेकर समाप्त करूंगा। और यह काम अगले सप्ताह में हो जाएगा। अब हम घर चलते हैं खाना खाकर ड्राइवर तुम्हें साना के हॉस्टल ले जाएगा तुम साना से मिल लेना और फिर आ जाना आगे तुम्हारी प्रॉब्लम के बारे में सोचते हैं कि क्या करना है। तो मैंने कहा यार मैं खाना खाकर साना से मिल लूँगा और फिर आज रात ही मुझे वापस मुल्तान जाना है। और हो सकता है अगले 2 या 3 दिन तक मुझे लाहौर जाना पड़े क्योंकि मुझे मकान का भी कुछ करवाना है। तो मेरा दोस्त बोला ठीक है यार जैसे तेरी इच्छा और फिर हम घर आ गए और दोपहर को खाना खाकर मैं साना के हॉस्टल चला गया और साना को जाकर मिला वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई। मैंने उसे थोड़ा सा भी शक नहीं होने दिया कि मुझे उसकी सारी बात पता चल चुकी है। और फिर मैं उसके साथ वहाँ लगभग 2 घंटे रहा मैंने एक बात नोट की कि साना को सऊदी जाने से पहले देखा था और आज फिर से देख रहा था। वो काफी हद तक बदल चुकी थी वह अब एक बच्ची से एक पूरी जवान लड़की बन चुकी थी उसका शरीर भी काफी भर चुका था उसके सीने के उभार काफी निकल आए थे और मैंने तस्वीर में देखा था उसके मम्मे गोल गोल और मोटे हो चुके थे। और उसका पेट भी एक दम स्लिम था और उसकी गांड भी काफी बाहर निकली नजर आ रही थी। मैं सोच रहा था उस लड़के ने पता नहीं कितनी बार इस फूल को कुचला होगी जिससे साना अब ऐसी दिखने लगी है। और फिर साना से मिलकर और कुछ पैसे देकर वापस अपने दोस्त के घर आ गया वह घर पर ही था शाम तक यही बातें होती रहीं उसने बताया मैं आज ही लाहौर फोन करके उस लड़के इमरान की जांच करने के लिए एक बंदे की ड्यूटी लगा दी है और आज रात तक यह पता चल जाएगा। और एक ही हफ्ते में सारी व्यवस्था भी होगी।

फिर मैंने अपने सामान लिया और अपने दोस्त से अनुमति ली और उसका ड्राइवर मुझे स्टेशन छोड़ने आया और फिर रात 11 बजे वाली कराची वाली ट्रेन में सवार हो गया और अपने घर अगले दिन दोपहर 3 बजे वापस मुल्तान आ गया।


मैंने रावलपिंडी ट्रेन में बैठ कर ही चाची को बता दिया था कि काम हो गया है। और मैं आज रात वापस जा रहा हूँ कल दिन में घर पहुँच जाऊँगा। चाची भी यह सुनकर खुश हो गई थी। अगले दिन 3 बजे जब घर पहुंचकर सबसे अभिवादन करके फिर कुछ देर आराम करने के लिए अपने कमरे में चला गया। रात का खाना आदि खाकर सो गया ज़ुबैदा का चुदाई का मूड था लेकिन मैंने उसे थकान का बोलकर टाल दिया और सो गया और अगला दिन भी ऐसे ही बीत गया और उस रात भी ज़ुबैदा या नबीला के साथ कुछ नही हुआ एक बात थी कि नबीला मुझे घर में देखकर खुश हो गई थी। और मेरे आगे पीछे शायद किसी बात के लिए अवसर देख रही थी। लेकिन शायद उसे उचित मौका नहीं मिल रहा था। फिर वह दिन भी यूं ही बीत गया। मुझे घर आए आज 2 दिन हो गए थे। और अगले दिन शाम को मौसम अच्छा था तो मैं छत पर टहलने के लिए चला गया। अभी मुझे छत पर आए 15 मिनट ही हुए थे तो ज़ुबैदा नीचे से ऊपर छत पर भागती हुई आ गई उसका सांस फूला हुआ था वह भागती हुई आई और मेरे सीने से लग गई और कुछ देर तक तो चुप रही जब उसकी कुछ सांस बहाल हुई तो वो मेरी आँखों में देखकर बोली वसीम आज मैं बहुत खुश हूँ आज मुझे बहुत बड़ी खुशखबरी मिली है और वो तुम्हें ही पहले सुनाना चाहती हूँ तो मैंने थोड़ा हैरान होकर उसे सवालिया नज़रों से देखा तो वह बोली आपको पता है मेरे पास अभी थोड़ी देर पहले अम्मी का लाहौर से फोन आया है वह कहती हैं मैं अब लाहौर में नहीं रह सकती मेरा अकेले यहाँ दिल नहीं लगता है और मैं अब वापस गांव आ जाना चाहती हूँ तुम सब के साथ रहना चाहती हूँ।


मुझे तो यह बात पहले से ही पता था लेकिन ज़ुबैदा को किसी भी शक में नहीं डालना चाहता था। इसलिए उसकी बात सुनकर अपना मूड काफी अच्छा कर लिया और खुशी प्रकट करने लगा और उससे कहा यह तो बहुत अच्छी बात है चाची वापस गांव आना चाहती है। और अब्बा जी तो पहले भी चाचा के लाहौर जाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन चलो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब खुशी की बात है चाची वापस अपने गांव आना चाहती है। फिर ज़ुबैदा ने कहा वसीम अम्मी कह रही थी वसीम को 1 या 2 दिन में लाहौर भेज दो ताकि मैं मकान बेचकर अपना सामान लेकर वापस मुल्तान आ जाऊं तो मैंने कहा ठीक है मुझे कोई समस्या नहीं है कल या परसों तक चला जाता हूँ। और फिर ज़ुबैदा भागकर नीचे जाने लगी और कहने लगी अम्मी जी मतलब मेरी अम्मी को बता देती हूँ। और नीचे चली गई मैं भी उसके पीछे नीचे उतरकर आ गया अम्मी बाहर आंगन में ही थीं ज़ुबैदा जाकर उनके गले लग गई और उन्हें अपनी अम्मी की वापसी के बारे मे बताने लगी

नबीला किचन में चाय बना रही थी उसने थोड़ा पीछे हट कर बाहर देखा और फिर ज़ुबैदा की बात सुनकर मेरी ओर देखा तो मैंने इशारे से उसे सब ठीक है बता दिया वो भी संतुष्ट हो गई। मेरी अम्मी भी ज़ुबैदा की बात सुनकर खुश हो गई और प्रार्थना करने लगी। फिर नबीला चाय लेकर आ गई। हम सब ने मिलकर चाय पी और फिर समय देखा तो शाम के 6 बज रहे थे। ज़ुबैदा ने कहा मैं आज बहुत खुश हूँ मैं आज वसीम को उसकी पसंद की बिरयानी और खीर बनाउन्गी और नबीला को कहा आज तुम आराम करो मैं रसोई का साराकाम खुद करूँगी नबीला भी उसकी बात सुनकर हैरान हुई। फिर ज़ुबैदा किचन में घुस गई और नबीला बाहर अम्मी के साथ ही बैठ कर बातें करने लगी कुछ देर बैठ कर फिर मैं उठकर अपने कमरे में चला गया। लगभग 1 घंटे बाद नबीला मेरे कमरे में आ गई और आकर मेरे साथ बेड पर बैठ गई। और मुझे सवालिया नज़रों से देखने लगी। मैंने इसे लाहौर वाली चाची और अपनी पूरी स्टोरी सुना दी मैंने नबीला को साना की कोई बात अभी नहीं बताई थी


फिर नबीला ने कहा भाई इसका मतलब है ज़ुबैदा और चाची की उस लड़के से जान छूट जाएगी और आप को अपनी पत्नी और चाची दोनों का मज़ा मिला करेगा। तो मैंने आगे होकर नबीला के होठों पर एक फ्रेंच किस की और कहा नबीला तुम और बाजी जमीला मेरी जान हो तुम दोनों से बढ़कर कोई नहीं है और जो सुख और आराम तुम ने दिया है वह तो आज तक मुझे ज़ुबैदा से नहीं मिल सका इसलिए ज़ुबैदा की अपनी स्थिति है तुम्हारी अलग है और तुम मुझे अधिक प्रिय और प्यारी हो। नबीला मेरी बात सुन कर खुशी से लाल लाल हो गई। और मेरे गले लग गई और धीरे से मेरे कान में कहा भाई आज मेरा आखिरी दिन चल रहा है कल तैयार रहना मुझे तुमसे मिलना है। और आप को एक खुश खबरी भी सुनानी है। फिर वह उठ कर बाहर चली गई। मैं टीवी देखने लगा और फिर रात का भोजन कर के अपने कमरे में लेटा हुआ था तो 10 बजे ज़ुबैदा घर के सब काम निपटा कर कमरे में आ गई और मुझे पता था वह खुश भी है और वह 2 दिन से मेरे साथ चुदाई करने के मूड में थी। लेकिन आज नबीला ने भी कहा था कल वह भी तैयार है। खैर मैंने ज़ुबैदा को नाराज न करते हुए एक बार जमकर चोदा और फिर उसे थकावट का कहकर सो गया।


अगले दिन सुबह नहा धोकर अपने ही कमरे में बैठा टीवी देख रहा था 11 बजे का समय होगा नबीला मेरे कमरे में आ गई और बोली- भाई आज अम्मी और ज़ुबैदा को खाना खाने के बाद बुआ के घर जाना है उन्हें 1 घंटे का समय वापस आने में लगेगा इसलिए आप तैयार रहना आज मुझे आप से मज़ा लेना है नबीला की बात मैं सुनकर मुस्कुरा पड़ा और कहा ठीक है मेरी जान और फिर वह चली गई। दिन के 2 बजे के करीब खाना खाकर अम्मी ने कहा बेटा मुझे आज तेरी फूफो की तरफ जाना है बहुत दिन हो गए हैं चक्कर नहीं लगा सकी सोचा आज चक्कर लगा लूँ तो मैंने कहा ठीक है अम्मी जी आप बेफिक्र हो जाएं । और फिर ज़ुबैदा और अम्मी चली गईं और मैं अपने कमरे में आ गया और अम्मी और ज़ुबैदा जाने के 10 मिनट बाद ही नबीला मेरे कमरे में आ गई और मैं यह देखकर हैरान हुआ वह अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे कमरे में नग्न हो कर आई थी और आते ही कमरे का दरवाजा बंद किया और झट से मेरे साथ आकर चिपक गई। और बोली भाई 1 सप्ताह आप के बिना पता नहीं कैसे निकाला है मुझे तो बस आप का नशा हो गया है। मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा तो वह फिर बेड पर उठ कर बैठ गई और बोली- भाई मुझे मज़ा नहीं आ रहा है आप अपने कपड़े उतार दें और जल्दी से और मेरी तरह नग्न हो जाओ मैंने उठकर अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा होकर बेड पर टेक लगाकर बैठ गया नबीला फिर मेरे साथ चिपक गई और एक हाथ से मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी और एक हाथ से मेरे लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी और बोली भाई आपको पता है। आपके लिए बहुत अच्छी खुशखबरी है। तो मैंने कहा हां तुमने बताया था लेकिन अब सुना भी दो। तो कहने लगी जब आप लाहौर गए थे तो मैं 2 बार बाजी जमीला के घर गई थी और वहाँ एक बात अच्छी हुई कि शाजिया बाजी नहीं मिली उनका पति उन्हें मना कर घर ले गया है। और मुझे उम्मीद है वह अब ज़्यादा अपने घर में ही रहा करेगी। तो मैंने कहा नबीला यह तो अच्छी बात है। अब जमीला बाजी को घर में भी कुछ आराम हो जाएगा और जफर भाई भी काफ़ी समय देंगे।

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Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »


नबीला ने कहा हां भाई ये तो बात ठीक है। शायद अब जफर भाई कुछ बाजी का ख्याल रख लें। मैंने कहा यह ख़ुशख़बरी अच्छी सुनाई है फिर नबीला उठी और झट से मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और बोली भाई अब और सब्र नहीं हो रहा है। फिर मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीब को घुमाने लगी फिर धीरे धीरे उसने लंड मुंह में लेना शुरू कर दिया और जितना हो सका अपने मुँह में लेकर उसकी चुसाइ लगाने लगी। नबीला की जीब की पकड़ मेरे लंड पर काफी टाइट थी और लगभग आधा लंड मुंह में लेकर फिर टोपे तक बाहर निकाल लेती थी फिर मुंह में ले लेती थी। आज एक थोड़ी हैरान करने वाली बात यह थी कि आज नबीला के दांत मुझे अपने लंड महसूस नहीं हो रहे थे उसकी ज़ुबान और केवल अपने मुंह का उपयोग कर रही थी। और बड़े ही गर्मजोशी और अपने मुंह का गर्म गर्म थूक इकट्ठा करके लंड के ऊपर मिलाकर लंड मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। आज उसका लंड की चुसाइ करने का तरीका ही निराला और स्वादिष्ट था मुझे तो उसकी चुसाइ से एक अजीब और मस्ती का नशा-सा चढ़ गया था और मेरा लंड उसकी जानदार चुसाइ के कारण मुंह में बार बार झटके खा रहा था और मेरे लंड की नसों में खून तेज हो गया था। ज़ुबैदा ने लगभग 5 मिनट से भी अधिक मेरे लंड की जानदार चुसाइ की और अगर वो 2 मिनट और मेरे लंड की चुसाइ लगाती तो शायद मैं उसके मुँह में ही फारिग हो जाता। मैंने इससे पहले ही अपने लंड को नबीला मुंह से निकाल लिया। और नबीला को बेड पर लेटने को कहा ताकि मैं उसकी योनी में लंड अंदर डाल सकूँ। तो नबीला ने कहा भाई आधे घंटे से ज़्यादा समय बीत चुका हैं समय ज़्यादा नहीं है अम्मी और ज़ुबैदा कभी भी घर आ सकते हैं। इसलिए योनी में फिर किसी वक्त करवा लूँगी लेकिन अब तुम मेरी गाण्ड में करो ताकि मेरे भाई को भी मज़ा पूरा मिले .


में उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और नबीला बेड से उतर कर सोफे के पास चली गई और सोफे पर अपने हाथ रख लिए और अपनी टांगों को सोफे पर रखकर घुटनों के बल हो गई और अपनी टांगों को पीछे से खोल लिया अब नबीला की गाण्ड बिल्कुल सामने थी फिर नबीला ने पीछे मुड़ कर मेरी तरफ देखा और आंख मार कर कहा भाई क्या देख रहे हो जल्दी आओ और अपनी घोड़ी की सवारी करो। आज नबीला की कई हरकतों से काफी हैरान था। खैर मैं उठा और जाकर नबीला के पीछे खड़ा हो गया और अपना थूक निकालकर अपने लंड पर मल दिया और कुछ थूक नबीला की गाण्ड के छेद पर मल दिया नबीला की गाण्ड अब पहले जैसी नहीं थी जैसी पहली बार थी पहले एक छोटा सा गोल छेद था लेकिन मेरे 2 बार गाण्ड में करने की वजह से अब थोड़ी खुल गई थी मैंने लंड नबीला की गाण्ड के छेद में फिट किया तो नबीला ने एक हल्का सा झटका पीछे मारा तो लंड का टोपा पिच की आवाज के साथ नबीला की गाण्ड में उतर गया नबीला मुंह से एक मस्ती भरी आवाज़ निकाली आह भाई मज़ा आ गया है। और फिर कहने लगी भाई धीरे धीरे लंड अंदर करो। मैंने लंड पर जोर देना शुरू कर दिया और लगभग धीरे धीरे करते काफी लंड नबीला की गाण्ड में उतार चुका था। अब बस 2 इंच या थोड़ा अधिक रह गया था। नबीला इस दौरान कभी अपनी गाण्ड को ढीला कर लेती जब थोड़ी परेशानी या दर्द महसूस होता तो अपनी गाण्ड थोड़ा टाइट कर लेती जिससे उसकी गान्ड का छेद टाइट हो जाता नबीला की गाण्ड के अंदर पहले से ही मेरा लंड बहुत ज़्यादा फिट होकर अंदर जाता था और जब वह टाइट कर लेती थी तो ऐसा लगता था जैसे मेरे लंड की किसी ने गर्दन दबा दी हो। खैर अंतिम झटका मैंने जोर से मार कर पूरा लंड नबीला की गाण्ड में उतार दिया अब मेरा और नबीला का शरीर आपस में एक साथ जुड़ा हुआ था। अंतिम झटके से नबीला के मुंह से एक हल्की सी चीख निकली आह मर गई भाई क्या अपनी बहन की जान लोगे आराम करो में भाग थोड़ी रही हूँ।

मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बोला- मैं भी अपनी जान को भागने थोड़े ही न दूंगा। फिर कुछ देर के बाद लंड अंदर बाहर करने लगा मेरी स्पीड धीरे धीरे थी लंड को टोपी तक बाहर खींच लेता था और फिर पूरा जड़ तक अंदर उतार देता था। लगभग 5 मिनट तक आराम से झटके मारता रहा फिर जब मेरा लंड काफी हद तक नबीला की गाण्ड में रमा हो चुका था इस चीज़ को नबीला ने भी महसूस कर लिया था वह खुद ही बोली भाई अब तेज तेज झटके लगाओ मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और दूसरी ओर नबीला भी फुल गर्म हो चुकी थी वो भी गाण्ड को आगे पीछे कर के लंड अंदर बाहर लेने लगी मैं 3 से 4 मिनट से नबीला की गान्ड में तेज तेज झटके मार रहा था नबीला के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं आह आह हाँ भाई ज़ोर से चोदो आह आह भाई अपनी बहन की गान्ड फाड़ दो और जोर से करो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है आह आह ओह आह नबीला फुल मदहोश हो चुकी थी घर में भी कोई नहीं था और कमरे में हम चुदाई कर रहे थे कमरे में मेरे झटकों की वजह से धुप्प धुप्प की आवाज गूंज रही थी और नबीला की सिसकियाँ भी कमरे से बाहर तक जा रहीं थीं।


मैं भी नबीला की सिसकियाँ सुन कर ही जोश में आ गया और अपने पूरी ताकत से झटके मारने लगा और फिर 2 मिनट के तूफानी झटकों के बाद मैंने अपना गर्म गर्म वीर्य का लावा नबीला की गाण्ड के अन्दर ही छोड़ दिया मेरा लंड झटके मार मार वीर्य छोड़ रहा था नबीला ने जब मेरे वीर्य को अपनी गाण्ड में महसूस किया तो अपनी गाण्ड को मेरे लंड पर और अधिक टाइट कर लिया फिर जब मेरे लंड ने आखिरी कतरा भी निकाल दिया तो नबीला ने भी अपनी गाण्ड को थोड़ा ढीला छोड़ दिया और मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और सोफे पर ही बैठकर अपनी सांसें बहाल करने लगा नबीला भी सीधी होकर सोफे पर ही लेट गई और लंबी लंबी साँस लेने लगी

फिर कुछ देर बाद नबीला नंगी ही उठकर अपने कमरे में चली गई और मैं भी अपने बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा। नहा धोकर दोबारा आकर बेड पर लेट गया और पता ही नहीं चला कब सो गया लगभग 5 बजे का समय था मेरा मोबाइल बजने लगा मैंने मोबाइल उठाकर देखा तो किसी और नंबर से कॉल आ रही थी मैंने कॉल उठाया और सलाम बोलकर पूछा कौन तो आगे से वही प्रॉपर्टी वाला बंदा जो चाचा का दोस्त था उसका फोन था वह मुझे बताने लगा कि 1 पार्टी से बात हो गई है और वह बहुत अच्छे रेट पर घर ख़रीदने के लिए राजी हो गए हैं। अब कागजी कार्रवाई करनी है तो आप सप्ताह के दिन तक लाहौर आ जाओ मैंने दूसरी पार्टी को भी सप्ताह का समय दे दिया है। और आज मंगलवार का दिन था मैं उन्हें कहा ठीक है मैं शनिवार सुबह आपके पास हाज़िर हो जाऊंगा। और फिर फोन बंद कर दिया .


मुझे अब काफी तसल्ली हो गई थी। मेरा काम काफी आसान हो गया था। अभी इसी विचार में गुम था मेरा मोबाइल फिर बजने लगा मैंने देखा तो मेरा इस्लामाबाद वाला दोस्त कॉल कर रहा था मैंने कॉल उठाया और अभिवादन के बाद उसने खुशखबरी दी कि उस लड़के का काम हो गया है। उसके साथ बाकी 2 लड़के और थे वह भी पकड़े गए हैं एक पठान था वह अपने प्रांत में भाग गया है लेकिन वह भी जल्दी पकड़ा जाएगा। और उस लड़के इमरान का मोबाइल और लैपटॉप सब कुछ कब्जे में ले लिया है और सारे सबूत आदि समाप्त कर दिए है। मेरे दोस्त ने बताया वह लड़का बहुत हरामी और तेज था उसने 2 और लड़कियों की वीडियो बना रखी थी वह वीडियो सबूत भी खत्म कर दिया है और उसका मोबाइल और लैपटॉप को तोड़कर नष्ट कर दिया है। और लड़के पर 1 पक्का केस डाल दिया है और यह केस डालकर पक्का अंदर करवा दिया है। अब आप अपने रिश्तेदारों को बोल दो कि वो बेफिक्र हो जाएं। वह कभी भी फिर से दिखाई नहीं देगा। फिर मेरे अपने दोस्त से यहाँ वहाँ की बातों के बाद फोन बंद हो गया। अब मैं अपने दोस्त की कॉल के बाद पूरी तरह से शांत हो चुका था। अब मुझे बस लाहौर जाना था और चाची को लेकर वापस गांव आना था। फिर मैं अपने बेड से उठा और बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और फिर अपने कमरे से निकल कर बाहर आंगन में आ गया नबीला उसी समय चाय बना कर ले आई थी तो मैंने वहाँ बैठकर चाय पी और कुछ जरूरी काम बोलकर घर से बाहर निकल आया और जमीला बाजी के घर की ओर चल पड़ा। जब जमीला बाजी के घर के दरवाजे पर जाकर दस्तक दी और इंतजार करने लगा। लेकिन 2 मिनट बीत जाने के बाद भी कोई बाहर नहीं आया। फिर मैंने दरवाजे पर दस्तक दी और इस बार थोड़ी जोर से दी और दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगा लगभग 1 मिनट के बाद बाजी जमीला ने दरवाजा खोला और मैंने देखा उनके बाल गीले थे और दुपट्टा नहीं लिया हुआ था तौलिया सिर पर लपेट रखा था शायद वह अभी नहा कर बाहर निकली थी। मुझे दरवाजे पर देखकर मुस्कुराई और बोली वसीम तुम आज कैसे रास्ता भूल गए हो और मुझे कहा अंदर आओ और मैं घर के अंदर आ गया और बाजी ने दरवाजा बंद कर दिया और बाजी मेरे साथ चलती हुई मुझे अपने कमरे में ले गई और मैं उनके कमरे में बैठ गया बाजी कमरे से बाहर चली गई जब बाजी कमरे से बाहर चली गई तो मैंने नोट किया उनके कपड़े शरीर के साथ चिपके हुए थे शायद वह नहा कर तुरंत जल्दी में कपड़े पहन कर बाहर दरवाजा खोलने आ गई थी। उनके कपड़े शरीर के साथ चिपक जाने के कारण उनके शरीर के उभार काफी अधिक स्पष्ट हो गए थे। और उनका सुडौल शरीर और लंबी और मोटी जाँघ उजागर हो गए थे और जांघों से ऊपर उनकी गोल मटोल मोटी बाहर निकली हुई गाण्ड एक आकर्षक दृश्य पेश कर रही थी।


मैं पहली बार अपनी बाजी के शरीर को देखकर पागल सा हो गया था और मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ ने लग गया था। फिर बाजी कुछ देर बाद मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक गिलास में डाल कर ले आई और मुझे दे दिया और खुद अपने ड्रेसिंग टेबल पर बैठ कर अपने बालों को ठीक करने लगी उनकी शर्ट गीली होने के कारण पीछे से चिपकी थी और ऐसा लग रहा था उन्होंने शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं कोल्ड ड्रिंक भी पी रहा था और साथ ही कनखियो से उन्हें देख रहा था। मुझे शायद पता नहीं था कि बाजी भी ड्रेसिंग टेबल के शीशे में मुझे ही देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। फिर कुछ देर बाद बाजी की आवाज़ आई वसीम मेरे भाई क्या हाल है आज अपनी बाजी को बहुत ध्यान से देख रहे हो अपनी बाजी में कौन सी नई बात देख ली है और साथ ही मुस्कुरा ने लगी। मैं बाजी की बात सुनकर शॉक हो गया और बोला नहीं बाजी ऐसी बात नहीं है। बस देख रहा था कि मेरी दीदी आज बहुत खुश नजर आ रही हैं। तो मैं भी खुश था और हैरान था इसलिए आप को देख रहा था। बाजी ने कहा हां वसीम आज बहुत समय के बाद खुश हूँ। मुझे कुछ आराम नसीब हुआ है। मैंने कहा बाजी अपनी खुशी मुझे नहीं बताएगी तो बाजी थोड़ा शरमा गई और बोली वसीम मेरे भाई मैं तुम्हें बता दूंगी मुझे तुमसे और भी 1 ज़रूरी बात करनी है इसलिए मैं सोच रही थी घर का चक्कर लगाकर तुम से बात कर सकूँ। लेकिन अच्छा हुआ तुम ही आ गए अब यहाँ आराम से बैठ कर बात कर सकते हैं। मैंने कहा बाजी जफर भाई और चाची और शाजिया बाजी नजर नहीं आ रहे कहां हैं ???????


बाजी ने कहा शाजिया तो शुक्र है अपने घर चली गई है उसका भी तुम्हें बताती हूँ वह ही तो मेरी खुशी का असली कारण है और चाची और जफर डॉक्टर के पास गए हैं चाची को कुछ दिन से बुखार था आज जफर काम से जल्दी आ गए थे वह मौसी को लेकर डॉक्टर के पास गए हैं मैं घर में अकेली ही थी। फिर बाजी ने अपने बाल ठीक किये और बेड से अपने दुपट्टा को उठा कर अपने गले में डाल लिया और मेरे पास में ही कुर्सी रखकर बैठ गई और बोली वसीम पहले मुझे बताओ तुम इस्लामाबाद कुशल से गए थे। तो मैंने कहा बाजी में आज ही आया हूँ आप से कुछ जरूरी बातें करने के लिए और आप को सारी बात बता देना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगता है आप मेरी बड़ी हैं और मेरा ही फायदा सोचेगी इसलिए मैं आपसे खुलकर बात करने के लिए आया हूँ। तो बाजी ने कहा वसीम मेरे भाई तुम हम सबकी जान हो। पहले तुम बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। तो मैने अपने अंदर हिम्मत इकट्ठी की क्योंकि आज पहली बार इस तरह की बात मैं अपनी बाजी के साथ करने जा रहा था और मैंने बाजी को बता दिया कि कैसे मैं इस्लामाबाद की घर में बताकर लाहौर गया और कैसे चाची के साथ मिला और उनके साथ 1 दिन और रात बिताई यह भी बता दिया चाची के साथ रात को क्या क्या होता रहा और फिर मकान का सौदा और चाची की गांव वापसी और बाजी को चाची की वह सारी बात जो उस लड़के इमरान ने ज़ुबैदा के साथ शुरू किया तो चाची के साथ और वीडियो वाली सब बात मैंने बाजी जमीला को बता दी और मैंने बाजी से कहा बाजी जब आप घर आई थीं और मेरे कमरे में आकर मुझसे ज़ुबैदा और चाची की बातें की थीं मैंने एक योजना बना ली थी और आप से भी कहा था मैं सबसे मामले ठीक कर दूंगा और मुझे आपकी भी मदद की जरूरत होगी और आपने उस वक्त कहा था मैं अपने भाई के हर काम में और मुश्किल में साथ दूँगी। तो बाजी ने कहा वसीम हां मेरे भाई मुझे याद है और मैं अपनी बात पर कायम हूं। लेकिन तुमने इतना कुछ किया और मुझे पता भी नहीं लगने दिया।


मैंने कहा बाजी अब तो आपको बता दिया है और सब कुछ बता दिया है अब मैं जुम्मे को लाहौर जा रहा हूँ शनिवार को मकान का पक्का काम करके रविवार वाले दिन में चाची और उनका सामान लेकर गांव वापस आ जाऊँगा। बाजी ने कहा भाई वैसे चाची ने वापस आने का बहुत अच्छा फैसला किया है और उसकी लड़के से भी जान छूट जाएगी और यहां रहकर दोनों माँ बेटी की इज्जत भी सुरक्षित हो जाएगी फिर बाजी ने कहा वसीम अब बताओ तुम्हें मेरी मदद की क्या जरूरत है तो मैंने कहा बाजी नबीला ज़ुबैदा से बहुत ज़्यादा गुस्सा खाती है और उसे पूरी तरह बर्दास्त नहीं करती है आप को नबीला का मन बदलना होगा क्योंकि आप और मुझे पता चल चुका है कि ज़ुबैदा ने उस लड़के से शादी और प्यार के चक्कर में ये रिश्ता स्थापित किया था लेकिन उस वक्त वह ना समझ थी नादान थी उसे नहीं पता था वह लड़का उसे धोखा दे रहा है और वो केवल उसके शरीर की भूख रखता है और उसने ज़ुबैदा के बाद चाची को भी गंदा किया है और शुक्र है साना उससे बच गई लेकिन नबीला यह बात नहीं समझती है आप ही उसे समझाएँ .
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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