निशा के पापा ( INCEST)

abpunjabi
Novice User
Posts: 206
Joined: 21 Mar 2017 22:18

Re: निशा के पापा ( INCEST)

Post by abpunjabi »

“बेटी ऐसा करो तुम अपना सर मेरी गोद में रखकर अपनी आँखें बंद कर लो , मैं खुद ही अपनी फूल जैसी बेटी का किस लूँगा” , दलीप ने निशा के हाथ को पकड़कर उसे अपने पास खींचते हुए कहा | निशा को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे , बस उसे चुपचाप अपने पिता की बात को मानना था | इसीलिए वो चुपचाप अपने पिता की गोद में सर रखकर लेट गयी |
“ओह्ह्ह्हह्ह मेरी स्वीटी तुम कितनी अच्छी हो” , दलीप ने अपनी बेटी के सर को अपनी गोद में महसूस करते ही खुश होते हुए कहा और अपने हाथ से निशा के एक गाल की चिकोटी ले ली | दलीप अब थोडा झुककर अपनी बेटी को किस करने के लिए निचे झुकने लगा | निशा ने जैसे ही देखा कि उसका बाप उसे किस करने के लिए निचे हो रहा है | उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया |
उत्तेजना के मारे निशा की साँसें अब भी बहुत जोर से चल रही थी | दलीप नीचे झुकते हुए अपनी बेटी की चुचियों को बहुत गौर से देख रहा था क्योंकि निशा की बड़ी बड़ी चूचियां बहुत जोर से ऊपर निचे हो रही थी | दलीप ने एक नज़र अपनी बेटी के गुलाबी लबों पर डाली और अपने होंठों को उसके गाल पर रख दिया |
निशा को जैसे ही अपने पिता के होंठ अपने गाल पर महसूस हुए उसकी चूत से उत्तेजना के मारे बहुत ज्यादा पानी निकलने लगा | दलीप अपने होंठों को वैसे ही अपनी बेटी के गालों पर रखे हुए उसके होंठों को घूर रहा था | दलीप का दिल कर रहा था कि अभी अपनी बेटी के होंठों को अपने मुंह में लेकर जी भरकर चूसे मगर वो ऐसा नहीं कर सकता था |
“आहाहा पापा अब हटो ना” निशा ने सिसकते हुए कहा |
“बेटी इतने सालों बाद तुम्हें किस किया है कि अब तुमसे दूर हटने का मन ही नहीं कर रहा” दलीप ने अपनी बेटी के गालों पर वैसे ही अपना मूह रखे हुए उसकी साँसों को अपने होंठों से टकराते हुए महसूस करके कहा | दलीप ब अपने होंठों को अपनी बेटी के गालों पर रगड़ते हुए उसके होंठों के करीब ले जाने लगा |
“आहाहाहा पापा बस करिए ना क्या कर रहे हैं” निशा की आँखें बंद थी , मगर वो अपने पिता के लबों के हिलने से समझ चुकी थी कि उसका पिता अपने लबों को उसके होंठों के करीब ला रहा है |
“बेटी थोडी देर चुप रहो और मुझे अपनी गुडिया से खेलने दो” दलीप ने अपनी बेटी के होंठों के बिलकुल करीब पहुँचते हुए कहा |
निशा ने अपने पापा की सांसों को अपने मूह के इतना करीब महसूस करके अपनी आखों को खोल दिया | निशा ने जैसे ही अपनी आँखों को खोला उसके सामने अपने पिता का चेहरा आ गया, दलीप ने जैसे ही देखा कि उसकी बेटी ने अपनी आँखें खोल दी हैं , उसने जल्दी से अपने होंठों को अपनी बेटी के गुलाबी होंठों पर रख दिया |
निशा का पूरा जिस्म वैसे ही बहुत ज्यादा गरम हो चूका था जैसे ही उसने अपने होंठों पर अपने पिता के होंठों को महसूस किया वो अपने होश खो बैठी और उसकी चूत से पानी की नदियाँ बहने लगी | निशा को उस वक़्त खुद समझ में नहीं आ रहा था कि आज उसके साथ क्या हो रहा है | निशा ने मज़े से अपने पिता के बालों को जोर से पकड लिया और अपने होंठों को जोर से अपने पिता के मूह में दबाने लगी |
निशा में आये अचानक इस बदलाव को देखकर दलीप भी हैरान हो गया और वो अपनी बेटी के होंठों को बुरी तरह से चूसने लगा | निशा को तो कोई होश ही नहीं था | जैसे ही वो मज़े की दुनिया से निकली तो उसे अहसास हुआ कि उसने क्या कर दिया है | निशा ने जल्दी से अपने पिता के बालों में से अपने हाथों को हटाकर उसे धक्का देते हुए अपने आप से दूर कर दिया और भागते हुए वहां से निकलकर अपने कमरे में आ गई |
निशा बाथरूम में घुस गयी निशा ने जल्दी से अपने कपडे उतारे और शावर के निचे आकर ठन्डे पानी से अपने जिस्म को शांत करने लगी मगर अपने गरम जिस्म पर ठंडा पानी पड़ते ही उसका जिस्म ठंडा होने की बजाय ज्यादा गर्म होने लगा |
निशा का जिस्म अब भी अपने पिता के साथ होने वाले सीन को सोचकर गर्म हो रहा था उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि आज उसे क्या हो गया है | वो एक बार झडकर भी इतनी गर्म क्यों है | निशा को अचानक एक आईडिया आया और वो बाथरूम में निचे बैठकर ऊँगली को अपनी चूत में डालकर अन्दर बाहर करने लगी , निशा अपनी ऊँगली को तेज़ी के साथ अपनी चूत में अन्दर बाहर करते हुए अपने पापा के साथ होने वाली किस को याद कर रही थी , 5 मिनट में ही निशा का जिस्म झटके खाते हुए झडने लगा |

निशा को झडने के बाद कुछ सुकून महसूस होने लगा और वो अपने जिस्म को शावर के निचे ले जाकर ठंडा करने लगी | निशा 20 मिनट तक अपने जिस्म पर ठंडा पानी गिराती रही तब जाकर उसका जिस्म पूरी तरह ठंडा हुआ और वो अपने कपडे पहनकर बाथरूम से बाहर निकल आई | उसने कुछ फैसला कर लिया था |
निशा का दिल बहुत जोर से धडक रहा था | निशा का यह सोचकर ही हाल बुरा हो रहा था कि अगले पल क्या होने वाला है | यह सोचते हुए निशा का पूरा जिस्म तप कर गर्म हो चूका था और वो अपने पापा के कमरे तक पहुच गई और दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी |
abpunjabi
Novice User
Posts: 206
Joined: 21 Mar 2017 22:18

Re: निशा के पापा ( INCEST)

Post by abpunjabi »

निशा का दिल बहुत जोर से धडक रहा था | निशा का यह सोचकर ही बुरा हाल हो रहा था कि अगले पल क्या होने वाला है | यह सोचते हुए निशा का पूरा जिस्म तप कर गर्म हो चूका था और वो अपने पापा के कमरे तक पहुच गई और दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी |
दलीप ने अपनी बेटी को देखा और जा कर दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और वापिस अपनी बेटी के पास आकर उसके हाथ को पकड़ कर उसे अपने बेड की तरफ ले जाने लगा |
निशा का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था | उसकी चूत से इतना ज्यादा पानी निकल रहा था कि उसकी पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी | दलीप ने अपनी बेटी को अपने बेड तक ले जाकर बैठा दिया और खुद भी उसके साथ बेड पर बैठ गया |
“बेटी तुम वापिस क्यों चली आई” दलीप ने बेड पर बैठते ही अपनी बेटी की तरफ देखते हुए कहा | निशा ने अपने पापा की बात सुनकर अपना कन्धा निचे कर दिया और कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी |
“बताओ ना बेटी”, दलीप ने अपने हाथों से अपनी बेटी के सर को पकड कर ऊपर करते हुए कहा |
“ पिता जी हमें बहुत शर्म आ रही है” निशा ने अपने पिता को देखते हुए कहा |
“अच्छा छोडो बस यह बताओ कि क्या तुम भी मेरी तरह यह सब करना चाहती हो”, दलीप ने निशा के हाथ को पकड कर चूमते हुए कहा |

“पिता जी मुझे कुछ नहीं पता, मगर आपको देखकर मुझे भी कुछ होने लगा है” निशा ने अपना कन्धा फिर से निचे करते हुए कहा |
“ओह्ह्ह्ह बेटी इसका मतलब तुम्हारा दिल भी अपने पिता के साथ यह सब करने को करता है”, दलीप ने निशा की बात सुनकर खुश होते हुए कहा और अपनी बेटी का हाथ पकड कर अपनी पेंट के ऊपर सीधा अपने खड़े लंड पर रख दिया |
निशा का पूरा जिस्म अपना हाथ अपने पिता की पेंट पर पड़ते ही सिहर उठा क्योंकि दलीप का लंड पूरी तरह से तना हुआ था जो निशा को अपना हाथ वहां पर रखते ही महसूस हुआ |
“पापा एक बात कहूँ?” निशा ने दलीप की तरफ देखते हुए कहा |
“हाँ बेटी बताओ क्या बात है” दलीप ने खुश होते हुए कहा |
“पिता जी मुझे इतनी शर्म आ रही है कि मैं आपका साथ नहीं दे पाऊँगी, अगर आप अपनी आँखें बंद करके मेरे साथ यह सब करें तो मुझे शर्म नहीं आएगी और मैं आपका साथ भी दूँगी” निशा ने अपना कन्धा निचे करते हुए कहा |
“ठीक है बेटी मैं अपनी आखें बंद कर लेता हूँ , मगर फिर सब कुछ तुम्हें ही करना होगा”, दलीप ने अपनी बेटी की तरफ देखते हुए कहा |
“ठीक है पापा मगर ऐसे नहीं एक मिनट” निशा ने बेड से उठकर अलमारी से अपनी माँ का एक दुप्पटा उठा लिया और अपने पिता के पास आते हुए उसे उसकी आखों पे कस के बाँध दिया |
“अरे बेटी तुमने तो सच में अँधा बना दिया” दलीप ने अपनी आखों पर पट्टी बंधने के बाद कहा |
“पापा अभी तो आपकी बाहों को भी बांधना है”, निशा ने अपनी साड़ी को अपने जिस्म से अलग करते हुए कहा |
“बेटी यह ठीक नहीं है , फिर तो मैं तुम्हें छू भी नहीं सकता,” दलीप ने निशा की बात सुनकर परेशान होते हुए कहा |
“पापा आप चिंता मत करें, मैं आप को किसी शिकायत का मौका नहीं दूँगी”, निशा ने कहा और उसकी शर्ट को उसके जिस्म से अलग करते हुए उसको सीधा बेड पर लिटाते हुए उसके दोनों बाजुओं को ऊपर करके बाँध दिया |
निशा ने अपने पापा को बांधने के बाद बेड से उतरते हुए अपने पूरे कपड़ो को अपने जिस्म से अलग कर दिया और बिलकुल नंगी हो गई |
abpunjabi
Novice User
Posts: 206
Joined: 21 Mar 2017 22:18

Re: निशा के पापा ( INCEST)

Post by abpunjabi »

“अरे बेटा मुझे बांधकर कहाँ चली गयी तुम?” दलीप ने चिल्लाते हुए कहा | निशा अपने पापा के पास जाते हुए उसकी पेंट को खोलने लगी और पेंट को अपने बाप के जिस्म से अलग करते हुए दूर फेंक दिया | निशा का जिस्म यह देखकर और ज्यादा गर्म होने लगा कि उसके बाप का लंड पेंट के हटते ही उसके अंडरवियर में बड़ा तम्बू बनकर झटके खाने लगा था |
निशा कुछ देर तक अपने पापा के लंड को ऐसे ही अंडरवियर के अंदर झटके खाते हुए देखती रही और फिर वो थोडा ऊपर होते हुए अपने पापा के बालों पर अपना नरम हाथ फिराने लगी |
“आहाह्हा बेटी कितना तडपाओगी, आओ ना अपने पापा के सीने से लग जाओ” , दलीप ने अपनी बेटी का नरम हाथ अपने सीने पर महसूस होते ही जोर से सिसकते हुए कहा |
निशा का भी उत्तेजना के मारे बुरा हाल था | वो कुछ देर तक अपने हाथों को अपने पिता के सीने पर फिराने के बाद अपने होंठों को उसके सीने पर रख दिया और पागलों की तरह अपने पापा के पूरे सीने को चूमने लगी |
“आह्ह्ह्ह बेटी ओह्ह्ह” दलीप अपनी बेटी के होंठों से अपने सीने को चूमने से सिर्फ जोर से सिस्क रहा था |
निशा अब अपनी दोनों टांगों को फेलाकर अपने पिता के ऊपर आ गई और अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को अपने पापा के सीने पर रगड़ने लगी | निशा ऐसा करते हुए बहुत जोर से सिसक रही थी और अपने चूतडों को बहुत जोर से अपने पापा के लंड पर उसके अंडरवियर के ऊपर से रगड़ रही थी |
“ओह्ह्ह्ह बेटी खुद भी ऐसे तड़प रही हो और मुझे भी तडपा रही हो, मेरी बाहों को खोल दो, फिर देखो मैं तुम्हें कितना प्यार देता हूँ”, दलीप ने सिसकते हुए अपनी बेटी से कहा |
“आहाहह पापा चुप करो और अपनी बेटी की चुचियों का रस चखो”, निशा ने थोडा ऊपर हो कर अपनी एक चूची को अपने पिता के होंठों पर रखते हुए कहा |
दलीप ने अपनी बेटी की चूची को अपने होंठों पर महसूस करते ही अपना मूह खोल कर निशा की चूची को जितना हो सकता था अपने मूह में भर लिया और उसे बहुत जोर से चूसने लगा |
“आअहाहहह पापा अपनी बेटी की चूची के रस को पूरी तरह चाट लो , ओह्ह्ह्ह... और बताओ कि आपकी बेटी की चुचियों में ज्यादा रस है या माँ की चुचियों में”, निशा ने अपनी चूची को अपने पिता के मूह में जाते ही उत्तेजना के मारे जोर से सिसकते हुए कहा |


दलीप अपनी बेटी की बातों को सुनकर पागल हो रहा था और उत्तेजना के मारे बहुत जोर से निशा की चूची को चूसते हुए अपने दांतों से भी हल्का काट रहा था |
“ओह्ह्ह्हह पापा क्या अपनी बेटी की चुचियों को खा जाने का इरादा है क्या?” , निशा ने अपनी चुचियों पर अपने पिता के दांतों के लगते ही जोर से चिल्लाते हुए अपनी चूची को उसके मूह से निकालते हुए कहा |
“आहाह्हहह.... बेटी, क्यों निकाला सच में तुम्हारी चुचियों का रस तुम्हारी माँ से कहीं ज्यादा अच्छा है” , दलीप ने अपनी बेटी की चूची अपने मूह से निकलते ही जोर से चिल्लाते हुए कहा |
“ओह्ह्ह्हह्ह, पापा लो अब मेरी दूसरी चूची का रस चखो”, निशा ने अब अपनी दूसरी चूची को अपने पिता के होंठों पर रखते हुए कहा |
दलीप अपनी बेटी की दूसरी चूची को भी वैसे ही चूसने लगा | जैसे उसकी पहली चूची को चूसा था और निशा अभी मज़े से अपने हाथों से अपने पिता के बालों को सहलाने लगी | कुछ ही देर बाद निशा ने अपनी चूची को फिर से अपने पिता के मूह से निकाल दिया और बहुत जोर से हांफने लगी |
“आआह्हा बेटी क्या हुआ”? दलीप ने अचानक अपने मूह से निशा की चूची के निकलते ही सिसकते हुए कहा |
निशा ने इस बार अपने तपते होंठों को अपने पिता के होंठों पर रख दिया और बहुत जोर से हांफते हुए अपने पिता के होंठों को चूमने लगी | ऐसा करते हुए निशा की चुचियां सीधा उसके पिता के सीने में दब गयी | दलीप ने जैसे ही महसूस किया कि उसकी बेटी उसके होंठों को चूम रही है तो उसने अपना मूह खोलकर निशा के दोनों होंठों को अपने मूह में भर लिया और उन्हें बहुत जोर से चूसने लगा |
निशा को अपने पिता के साथ किस्सिंग करते हुए अपने पूरे जिस्म में मज़े का एक नया एहसास हो रहा था | दलीप ने अचानक अपनी बेटी के होंठों को खोलते हुए उसकी जीभ को पकड़कर अपने मूह में भर लिया और अपनी बेटी की शहद से ज्यादा मीठी जीभ को जोर से चूसने लगा | दलीप की इस हरकत से निशा का पूरा जिस्म कांपने लगा और वो उत्तेजना में आकर अपने पिता की जीभ को पकड़कर चाटने लगी | दोनों बाप बेटी कुछ देर तक ऐसे ही एक दुसरे के होंठों और जीभ से खेलने के बाद हांफते हुए एक दुसरे से अलग हो गए |
Post Reply