माँ बेटा और नौकरानी

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abpunjabi
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Re: माँ बेटा और नौकरानी

Post by abpunjabi »

तभी कल मुझे चोदने नहीं आया बदमाश , अपनी माँ को ही चोदता रहा, |तू तो दिन रात चुदती है अपने बेटे से तेरा मन नहीं भरता ? रोज रात को पहले मेरे ले आया कर उसे , तुझे तो मालूम है कि उसकी रात की ड्यूटी मेरे कमरे में है , तू भी रोज आ जाया कर , सब मिलकर चुदाई करेंगे, हफ्ते में एक बार चुद कर मेरा मन नहीं भरता झुमरी बाई , चल अब चूस मेरी चूत ज्यादा ना तडपा |

“मैं तो रोज आ जाऊं मालकिन , पर अब मुन्ना आ गया है , जरा छुपा कर करना पड़ता है”, झुमरी बोली |
“अरे वो बच्चा है , जल्दी सो जाता है , अब चूस ले मेरी चूत को, मत तडपा मेरी रानी, अपनी मालकिन को”, माँ करहाते हुए बोली |
यह सब सुनकर मैं बहुत गर्म हो गया था | दरवाजे से अन्दर झाँकने की कोशिश की , पर कोई छेद या दरार नहीं थी | आखिर अपने कमरे में जाकर दो बार मुठ मारी | तब शान्ति मिली | एक दो बार मैंने लेस्बियन वाली कहानियां पढी थी | पर चित्र नहीं देखे थे | इसलिए मन ही मन में कल्पना कर रहा था कि माँ और झुमरी की रति कैसी दिखती होगी |
अब मैं इस ताक में रहता था कि रात को कौन माँ के कमरे में आता है | यह देखूं घोटू कभी ना कभी आएगा और माँ को चोदेगा | इस बात से मैं ऐसा गरमाता कि समझ में नहीं आ रहा था , कि क्या करूं? माँ के साथ साथ अब झुमरी बाई के नंगे बदन की कल्पना भी करने लगा | चालीस साल उम्र होने के बावजूद झुमरी बाई का शरीर काफी छरहरा और तंदरुस्त था | सांवली जरुर थी, पर दिखने में काफी ठीक लगती थी | दोपहर को उसके नाम की भी मैंने मूठ मार ली |

दुसरे दिन भी रात में झुमरी माँ के कमरे में आई पर अकेले | उस रात मैं चुपचाप माँ के कमरे तक गया और कान लगाकर अन्दर की बातें सुनने लगा |
“कल ले आउंगी घोटू को अपने साथ बहू रानी , वो जरा काम में था , खेतों को भी तो देखना पड़ता है , अब चुपचाप मेरी चूत चूसो, खुद तो चुसवा लेती हो , मैं क्या मूठ मारूं? कल घोटू ने भी नहीं चोदा” , झुमरी बोली |

कुछ देर की खामोशी के बाद झुमरी बोली , “हाँ ऐसे चूसो मालकिन , अब आया मजा , जरा जीभ अन्दर तक डालो, देखो आपकी नौकरानी की चूत में क्या माल है, तुम्हारे लिए और तुम्हें पसंद है, यह मुझे मालूम है , कई बार तो चख चुकी हो”|
मैं समझ गया | घोटू के लंड का लालच देकर आज झुमरी माँ से खूब चूत चुसवा रही थी | कुछ ही देर में झुमरी के कराहने की आवाज आने लगी और फिर वो चुप हो गई | साली झड गयी थी शायद |

“अच्छा लगा मेरी चूत का पानी मालकिन? मैं तो पहले ही कहती थी कि रोज चखा करो , अब रोज चूसवाउंगी आप से” , बोलकर झुमरी फिर सिस्कारियां भरने लगी |

कुछ देर बाद झुमरी बोली, “बहू रानी अब मुन्ना भी आ गया है , उससे भी चुदवा के देखो , घर का लड़का है , कब काम आएगा? अब मैं या घोटू , किसी दिन ना हों आपकी सेवा के लिए , फिर भी प्यासा रहने की जरुरत नहीं है तुम्हें” |

मेरे कान खड़े हो गए | मेरी बातें हो रही थी | लंड भी उछलने लगा था | माँ कुछ देर चुप रही | फिर थोड़ी शर्मा कर बोली, “अरे अभी छोटा है कुनाल , बच्चा है और फिर मेरे बेटे से ही मैं कैसे चुद्वाऊं” ?


“वाह मालकिन , मेरे बेटे से चुदती हो, मेरे और मेरे बेटे की चुदाई में बड़ा रस लेती हो और खुद के बेटे की बात आयी तो शर्मा रही हो , मुझे देखो अपने बेटे से चुदाकर क्या सुख पाती हूँ , बड़ा प्यारा छोकरा है अपना मुन्ना और छोटा वो तो कुछ नहीं है, रोज सडका लगाता है बदमाश, मुझे पता है , मैं कपडे धोती हूँ उसके और तुम्हारे भी , तुम्हारी ब्रा कई बार कड़ी रहती है, उसमें दाग भी रहते हैं , कौन मूठ मारता होगा उसमें? घोटू तो नहीं मारता , यह मैं जानती हूँ और उस दिन तुम मुझ पर चिला रही थी , तुम्हारी ब्रा और पैंटी नहीं मिले , इसलिए कौन बदमाश उन्हें ले गया था बताओ तो” ? झुमरी हँसते हुई बोली |

कुछ देर कमरे से सिर्फ चूसने और चूमा चाटी की आवाजें आई | फिर माँ वासना भरी आवाज में बोली,”बदमाश है बड़ा , अपनी माँ की ब्रा में मूठ मारता है , अब तो उससे चुद्दा ही लूं झुमरी , अभी लंड छोटा होगा मेरे बेटे का , पर होगा बड़ा रसीला री, मेरा मन हो रहा है चूसने का”|

कुछ देर बाद झुमरी बोली “और उससे चूत चुस्वाने का मन नहीं होता मालकिन? एक माँ के लिए इससे मस्त बात क्या हो सकती है , कि वो अपने बेटे को अपनी चूत का रस पिलाए, जिसमें से वो बाहर आया है , यह बेटे बड़े बदमाश होते हैं बहू रानी , अपनी माँ पर मरते हैं , इनसे तो कुछ भी करा लो, माँ के गुलाम होते हैं यह बच्चे और छोटा भले हो मुन्ना का लंड , एक दम लोहे जैसा कड़क होगा , आखिर अभी अभी जवान होने को है” , |

“तुम्हें शर्म आती है, तो मुन्ना को मेरे हवाले कर दो , मैं और घोटू मिलकर उसे सब सिखा देंगे , फिर जब पूरा चोदू बन जाये तुम्हारा बेटा , तो तुम उसे अपनी सेवा में रख लेना” झुमरी बोली |

माँ बोली, “तेरी बात तो समझ में आती है , पर इसमें घोटू क्या करेगा?

झुमरी बोली, “बहू रानी घोटू महाहरामी है , शायद उसे मुन्ना अच्छा लगता है , बचपन में भी वही तो संभालता था मुन्ना को , नह्लाता भी था , तुम खुद घोटू से क्यों नहीं बात कर लेती , कल तो आएगा ही वो तुम्हे चोदने , तब पूछ लेना , वैसे बड़ा रसिक है मेरा लाल , खट्टा मीठा दोनों खाना चाहता है और मुन्ना से ज्यादा मस्त मीठा स्वाद उसे कहाँ मिलेगा? अब यह बताओ , बहु रानी कि मेरी चूत का पानी पसंद आया कि नहीं , वैसे पानी नहीं , शहद है तुम्हे पक्का माल चखाने के चक्कर में आज मैं घोटू से चुदाया भी नहीं और मूठ भी नहीं मारी , सीधा आपके मूंह में झड रही हूँ , कल रात के बाद” |

माँ झुमरी की चूत चूसते हुई बोली, “अरे यह भी कोई पूछने वाली बात है? तेरी चूत का माल है या खोआ? गाढ़ा गाढ़ा सफ़ेद सफ़ेद मलाईदार कितना चिपचिपा है देख! तार तार छूट रहे हैं , घोटू बड़ा नसीब वाला है , बचपन से चखता आया है यह मावा, अब मेरे लिए भी रखा कर और कुनाल बेटे को भी चखा देना कभी” |

मैं वहां से खिसक लिया | माँ को चोदने की बात सोच कर ही मैं पागल सा हुआ जा रहा था | ऊपर से झुमरी बाई और घोटू की बात सोच कर मुझे कुछ डर सा भी लग रहा था | कहीं माँ मान गई और मुझे उन चुदैल माँ बेटे के हवाले कर दिया तो मेरा क्या हाल होगा? वैसे मन ही मन फूल कर कुप्पा भी हो रहा था | झुमरी बाई के छरहरे दुबले पतले जैसे शरीर को याद करके उसी के नाम से मैंने उस रात मुठ मारी |

अब घोटू के बारे में भी सोच रहा था | वो बड़े गठीले बदन का सुन्दर जवान था | झुमरी सांवली थी | पर घोटू एक दम गेहू रंग का था | मॉडल बनने लायक था | सोते समय झुमरी की इसी बात को मैं सोच रहा था कि घोटू मेरा क्या करेगा |

दुसरे दिन सुबह से मैं इस चक्क्कर में था कि किसी तरह माँ के कमरे में देखने को मिले | जब माँ बाहर गई थी और मैं अकेला था तब मैंने हाथ से घुमाने वाली ड्रिल से दरवाजे में एक छेद कर दिया | उसके ऊपर उसी रंग का एक लकड़ी का टुकड़ा फंसा दिया | आज घोटू आने वाला था | कुछ भी हो जाए , मैं अपनी माँ को उस सजीले नौजवान से चुदते देखना चाहता था |
abpunjabi
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Re: माँ बेटा और नौकरानी

Post by abpunjabi »

रात को मैं जल्दी अपने कमरे में चला गया | अन्दर से सुनता रहा , घोटू और झुमरी बाई के आने का पता मुझे चल गया | जब माँ ने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला , कुछ देर रुकने के बाद , मैं चुपचाप बाहर निकला और माँ के कमरे के दरवाज़े के पास आया | अन्दर से सिस्काने और हंसने की आवाजें आ रही थी |
“चोद डल मुझे घोटू बेटा और जोर से चोद अपनी मालकिन की चूत , झुमरी अपने बेटे को कह कि मुझ पर दया ना करे , हचक हचक कर मुझे चोद डाले , हफ्ता होने को आया यह बदमाश गायब था , मैं तो तरस कर रह गई इसके लंड को”, माँ सिसकते हुए कह रही थी |

फिर झुमरी की आवाज़ आई , “बेटा, देखता क्या है , लगा जोर का धक्का , चोद डाल साली को , देख कैसे रिरिया रही है? कमर तोड दे इस हरामन की , पर झड़ना नहीं , जब तक मैं ना कहूँ , मन भर कर चुदने दे , काफी प्यासी है , तेरी मालकिन तेरे लौड़े के लिए” |

झुमरी गंदे गंदे शब्दों और गालियों का प्रयोग, माँ और घोटू को और उत्तेजित करने के लिए जान बूझकर कर रही थी, शायद!

मैंने दरवाज़े के छेद से अन्दर देखा | ऊपर की बत्ती जल रही थी | इसलिए सब साफ़ दिख रहा था | माँ मदर्जात नंगी बिस्तर पर लेटी थी और घोटू उस पर चढ़ा हुआ था | उसे घचाघच चोद रहा था | मैं बाजू से देख रहा था , इसलिए माँ की चूत तो मुझे नहीं दिखी | पर घोटू का मोटा लम्बा लंड सपष्ट माँ की गोरी गोरी जांघों के अन्दर बाहर होता हुआ मुझे दिख रहा था |

झुमरी बाई पूरी नंगी होकर माँ के सिरहाने बैठ कर उसके मुम्मे दबा रही थी | क्या चूचियां थी माँ की और बड़े काले चुचक , बीच बीच में झुक कर झुमरी बाई माँ के होंठ चूम लेती थी | झुमरी बाई भी कम नहीं थी | एक दम छरहरा सांवला बदन और छोटी तनी हुई चूचियां | घोटू ऐसा कस कर मेरी माँ को चोद रहा था कि जैसे खाट तोड़ देगा | खाट भी चरमर चरमर चरमरा रही थी |

मेरी माँ को चोदते चोदते घोटू बोला, “माँजी, कभी गांड भी मरवाइये , बहुत मजा आएगा” |

माँ सिसकते हुए बोली, “हाँ रे चोदू , तुझे तो मजा आएगा , पर मेरी तो फट जाएगी , आज तक किसी से नहीं मरवाई मैंने , अब तुझसे मरवाऊँ? मैं नहीं मरवाती गांड , इतने मोटे लंड से” |

झुमरी बोली, “नहीं फटेगी मालकिन , घर का माखन लगा कर प्यार से मारेगा मेरा बेटा , आसानी से फिसलेगा , मेरी भी गांड मारता है यह हरामी , बहुत मजा आता है , अब मेरी गांड चुद चुद कर चौड़ी हो गई है , मेरे बेटे को भी किसी नई तंग गांड का मजा लेने दो” |

माँ अब हाथ पैर फेंक रही थी |

“चोद घोटू, चोद डाल मुझे राजा , झुमरी बाई मेरी चूची दबा और जोर से मुझे चुम्मा दे दे मेरी जान”, माँ सिसकते हुए बोली|

“बहुत चिचिया रही है यह रंडी, इसका मुंह बंद करना पड़ेगा”, कहकर झुमरी माँ के मुंह पर चढ़ कर बैठ गई | अपनी चूत माँ के मुंह पर रख कर उसने माँ की बोलती बंद कर दी और जांघें आपस में कस कर माँ का सर अपनी जाँघों में दबा लिया | फिर उचक उचक कर माँ के मुंह को चोदने लगी |

यह नजारा देख कर मुझसे नहीं रहा गया | मुंह से अवाज़ ना निकले ऐसी कोशिश करते हुए अपने लंड को मैं रगड़ कर अन्दर चल रही धुंअधर चुदाई देखने लगा | झुमरी माँ का सर कस कर अपनी चूत पर दबा कर ऊपर निचे उछल रही थी | दोनों माँ बेटे मिलकर बहुत देर माँ को गूंदते रहे | जब माँ झड़ने को आ जाती | तब झुमरी बाई घोटू को इशारा कर देती |
“रुक बेटे, लंड पेलना बंद कर, नही तो झड जाएगी यह साली चुदैल औरत, बहुत दिन से मुझे कह रही थी कि घोटू नहीं आया चोदने , तो आज ऐसा चोद कि दो दिन उठ ना सके”, झुमरी बाई बोली|

दस मिनट मिनट में माँ की हालत बुरी हो गई | वो रो पड़ी| झुमरी की चूत में दबे उसके मुंह से हलकी दबी चीखें निकल रही थी | उससे यह चुदासी सहन नहीं हो रही थी | बिना झडे उस मीठी सूली पर लटके लटके वो अब बुरी तरह तड़प रही थी | झुमरी खुद शायद एक दो बार माँ के मुंह में झड चुकी थी | माँ के सर पर से उतर कर वो लेट गई और माँ के चुम्बन लेने लगी |

“पसंद आया अपनी नौकरानी की चूत का रस मालकिन” ? घोटू से चुदते चुदते तो यह और मसालेदार लगा होगा आपको” |

माँ कुछ कहने की स्थिति में नहीं थी | बस सिसकती जा रही थी | माँ के चर्म सुख की इस स्थिति में मौका देखकर झुमरी ने मेरी बात आगे छेड़ी |

“मालकिन , मैं कह रही थी कि कल से घोटू मुन्ना को स्कूल छोड़ आया करेगा और ले भी आयेगा , आते आते मेरे पास छोड़ दिया करेगा” |

माँ सर इधर उधर फेंकते हुए हाथ पैर पटकते हुए बोली,”तुम दोनों क्या करोगे मेरे बच्चे के साथ , मुझे मालूम है, हाए मैं मरी! , घोटू दया कर चोद डाल रे बेटे मत तडपा अब”|

घोटू माँ की चूत में लंड पेलता हुआ बोला, “बहुत प्यार करेंगे मुन्ना को माँ जी , उसे भी सब काम करीदा सिखा कर आपके कदमों में ला कर पटक देंगे, फिर आप दिन भर उस बच्चे के साथ मस्ती करना” |

माँ को बात शायद जंच रही थी क्योंकि उसने कुछ नहीं कहा |

झुमरी ने माँ के चुचक मसलते हुए कहा, “अरे अभी से उसे चुदाई के खेल में लगा दिया तो दो साल में लंड भी बड़ा हो जायेगा उसका , घोटू को देखो , बारह साल का था , तब से चोद रहा है मुझे बदमाश , अब देखो कैसा घोड़े जैसा लौडा हो गया है उसका” |

माँ आखिर तैयार हो गयी, “ठीक है घोटू , कल से तेरे और झुमरी के सपुर्द किया मैंने मुन्ने को , हाए मैं मरती क्यों नहीं, चोद चोद कर मार डाल मुझे मेरे राजा” मस्ती में पागल हो कर माँ बोली |

झुमरी खुश हो गई , घोटू को बोली, “घोटू बेटे, कल से ही शुरू हो जा , मैं कहती थी न कि मालकिन मान जाएँगी, आखिर अपने बेटे को भी तो पक्का चोदू बनाना है इन्हें , तू अब चोद डाल बेटे , ऐसे चोद अपनी मालकिन को कि वह सीधे इन्द्रलोक पहुँच जाए” |
माँ के होंठों पर अपना मुंह जमाकर झुमरी माँ के मुंह को चूसने लगी और घोटू अब माँ को ऐसे बेरहमी से चोदने लगा | जैसे घोड़ा घोड़ी को चोदता है | मुझसे अब न रहा गया | मैं वहां से भागा और कमरे में आकर सटास्ट मूठ मारी | लौड़ा झड़ा तो इतनी जोर से कि वीरज सीधा छः फुट दूर सामने की दीवार पर लगा | आज का वो कामुक नजारा मेरे लिए स्वर्ग का नजारा था |

मैं फिर जाकर आगे की चुदाई देखना चाहता था | पर इतने मीठे सख्लन के बाद कब मेरी आँख लग गई | मुझे पता ही नहीं चला |
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Re: माँ बेटा और नौकरानी

Post by Sexi Rebel »

अद्भुत रचना है बंधु


पढ़ने मे लाजबाब बस अपडेट करते रहिए
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Kamini
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Re: माँ बेटा और नौकरानी

Post by Kamini »

kya ye kahani khatm ho gai
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