अनामिका

abpunjabi
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Re: अनामिका

Post by abpunjabi »

मेरे कमरे के बाहर खुला मैदान था | लोग अक्सर मेरी खिड़की के नज़दीक पेशाब करने खड़े हो जाया करते थे | मेरी तो मानो मन की मुराद ही पूरी हो गई | मैं रोज़ खिड़की के पीछे से लोगों को पेशाब करते देखती | दिन में कम से कम 10 से 15 लोगों के लंड के दर्शन हो जाते थे | मुझे काफी निराशा होने लगी | क्योंकि किसी भी आदमी का लंड 2 se 3 इंच से लम्बा नहीं था | सभी लंड सिकुड़े हुए और भद्दे से लगते थे | किसी का भी लंड देखने लायक नहीं था |
नीलम ने मुझे हिंदी की सेक्स की कहानियों की एक दो किताबें दी थी | उनमें तो 8 इंच या 10 इंच के लंड का वर्णन था | यहाँ तक कि एक किताब में एक फूट लम्बे लंड का भी ज़िक्र था | कई दिन इंतज़ार करने के बाद मेरी मनोकामना पूरी हुई |
एक दिन मैं और नीलम मेरे कमरे में पढ़ रहे थे कि नीलम की नज़रे खिड़की के बाहर गई | उसने मुझे कोहनी मार के बाहर देखने का इशारा किया | खिड़की के बिलकुल नज़दीक ही एक लम्बा तगड़ा साधू खड़ा इधर उधर देख रहा था | अचानक साधू ने अपना तहमद पेशाब करने के लिए ऊपर उठाया | मेरे मुंह से तो चीख ही निकल गयी | साधू की टांगों की बीच में मोटा , काला और बहुत ही लम्बा लंड झूल रहा था | ऐसे लग रहा था जैसे उसका लंड उसके घुटनों से तीन या चार इंच ही ऊँचा था | नीलम भी पसीनो पसीने हो गयी | लंड बहुत ही भयंकर लग रहा था | साधू ने दोनों हाथों से अपना लंड पकडके पेशाब की | साधू का लंड देख कर मुझे गधे के लंड की याद आ गयी | मैदान में कई गधे घुमते थे | जिनके लटकते हुए मोटे लम्बे लंड को देख कर मेरी चूत गीली हो जाती थी | जब साधु चला गया तो नीलम बोली, “हाए राम ! ऐसा लंड तो औरत की जिन्दगी संवार दे , खड़ा हो के तो बिजली के खम्बे जैसा हो जायेगा , काश मेरी चूत इतनी खुशनसीब होती” |
“ नीलम ! नीलम ! तू यह क्या बोल रही है , कण्ट्रोल कर , तुझे तो सिर्फ सुधीर के बारे में ही सोचना चाहिए” |
“हाँ मेंरी प्यारी अनामिका ! फर्क सिर्फ इतना है कि सुधीर का खड़ा होके 6 इंच का होता है और साधू महाराज का सिकुड़ा हुआ लंड भी 10 इंच का था , जरा सोच अनामिका , एक फूट का मूसल तेरी चूत में जाए तो तेरा क्या होगा , भगवान् की माया देख , एक फूट का लौडा दिया भी उसे , जिसे औरत में कोई दिलचस्पी नहीं” |
“तुझे कैसे पता साधू महाराज को औरतों में दिलचस्पी नहीं है , हो सकता है साधू महाराज अपने लंड का पूरा इसतेमाल करते हों”, मैंने नीलम को चिड़ाते हुए कहा |
“हाए मैं मर जाऊं , काश तेरी बात बिलकुल सच हो , साधू महाराज की रास लीला देखने के लिए तो मैं एक लाख रूपये देने को तैयार हूँ” |
“और साधू महाराज से चुदवाने के लिए?”
“ऊईइउउइ माँ ,,,,साधू महाराज से चुदवाने के लिए तो मैं जान भी देने को तैयार हूँ , अनामिका तूने चुदाई का मज़ा लिया ही कहाँ है , तूने कभी घोडे को घोडी पर चडते देखा है? जब तीन फूट का लौडा घोड़ी के अंदर जाता है तो उसकी हालत देखते ही बनती है , साधू महाराज जिस औरत को चोदेंगे , उस औरत का हाल भी घोड़ी जैसा ही होगा” |

मैंने कुत्ते को कुतिया पर और सांड को गाय पर चडते तो देखा था लेकिन घोड़े को घोड़ी पर चडते कभी नहीं देखा था | अब तो साधू महाराज का लंड मुझे सपनो में भी आने लगा | बड़े और मोटे लंड की तो मैं दीवानी हो गयी थी हालाँकि मेरे हजारों दीवाने थे , पर मैं किसी को लिफ्ट नहीं देती थी | मुझे उन सबका इरादा अच्छी तरह मालूम था |
अब मैं 18 बरस की हो गयी थी और स्कूल में 12 क्लास में मेरा आखरी साल था | मुझे साड़ी में देख कर कोई कह नहीं सकता था कि मैं स्कूल में पड़ती हूँ | छातियाँ 38 इंच होने जा रही थी | मेरे बदन का सबसे सेक्सी हिस्सा शायद मेरे भारी नितम्ब थे | लड़कों को देखकर मैं और मटक कर चल्रती | उनकी आहें सुन कर मुझे बड़ा मज़ा आता | अक्सर मेरे नितम्बो पर लड़के कमेंट पास किया करते थे | एक दिन तो हद ही हो गई | मैंने एक लड़के को बोलते सुना, “हाए क्या कातिल चुतड हैं , आजा मेरी जान पूरा लौडा तेरी गांड में पेल दूँ” मैं ऐसी अश्लील बातें खुलेआम सुनकर दंग रह गई | जब मैंने उस लड़के के कमेंट के बारे में नीलम को बताया तो वो हसने लगी |
“तू कितनी अनाडी है अनामिका , तेरे चुतड हैं ही इतने सेक्सी कि किसी भी लड़के का मन डोल जाए”
“लेकिन वो तो कुछ और भी बोल रहा था |
“तेरी गांड में लंड पेलने को बोल रहा था? मेरी भोली भाली सहेली बहुत से मर्द औरत की चूत ही नहीं , गांड भी चोदते हैं , ख़ासकर तेरी जैसी लड़कियों की , जिनकी गांड इतनी सुंदर हो अभी तो सती सावित्री है , जब तेरी शादी होगी तो याद रख एक दिन तेरा पति तेरी गांड जरुर चोदेगा , सच अनामिका अगर मेरे पास लंड होता तो मैं भी तेरी गांड ज़रूर मारती” |
“हट नालायक, सुधीर ने भी तेरी गांड चोदी है?”
“नहीं रे अपनी किस्मत में इतने सेक्सी चुतड कहाँ” |
मुझे पहली बार पता लगा कि औरत की आगे और पीछे दोनों और से ली जाती है | तभी मेरे आँखों के सामने साधू महाराज का लंड घूम गया और मैं काँप उठी | अगर वो बिजली का खम्बा गांड में गया तो क्या होगा मुझे अभी भी नीलम की बात पर विश्वास नहीं हो रहा था | इतने छोटे से छेद में लंड कैसे जाता होगा |
इस दौरान सुधीर ने मेर भाई विक्की से अच्छी दोस्ती कर ली थी | दोनों साथ साथ ही घूमा करते थे | एक दिन जब मैं बाज़ार से वापिस आई तो मैंने देखा कि सुधीर और विक्की ड्राइंग रूम में कुछ खुसर फुसर कर रहे हैं और हंस भी रहे हैं | मैं दीवार से कान लगाकर उनकी बातें सुनने लगी उनकी बातें सुनके मैं हैरान रह गई |
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Sexi Rebel
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Re: अनामिका

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अद्भुत रचना है बंधु


पढ़ने मे लाजबाब बस अपडेट करते रहिए
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