मैं बाजी और बहुत कुछ complete

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rajsharma
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Re: मैं बाजी और बहुत कुछ

Post by rajsharma »

Ankit wrote: 03 Aug 2017 14:25 superb hot update bhai
rangila wrote: 04 Aug 2017 09:39 super sexi update
Reich Pinto wrote: 04 Aug 2017 19:21 next updates eagerly awaited dear ?
VKG wrote: 05 Aug 2017 08:42 update :ugeek: :| :?
Kamini wrote: 05 Aug 2017 13:22Mast update
shubhs wrote: 05 Aug 2017 16:41Next plz
धन्यवाद दोस्तो
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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rajsharma
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Re: मैं बाजी और बहुत कुछ

Post by rajsharma »

मैंने बाजी के होठों को अपने होंठो में लिया और हम दोनों एक दूसरे को आराम से चूमने लगे। अब टोपी केवल योनी के अंदर रह गई थी बाकी लंड बाहर आ चुका था। मैंने एक बार फिर से बाजी की योनी में लंड डालना शुरू किया।

"" हाय सलमान आह आह उफ़ सलमान उफ़ ये कयाआह आह आह धीरे सलमान इतना दर्द क्यों होता है? "" अब की बार जैसे बाजी लंड के अंदर जाने से कहीं खो सी गई ।। लंड फिर से जड़ तक अंदर चुका था।।।

बाजी की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी कि उन्होंने मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर प्यार से चूसना शुरू कर दिया। .एक बार फिर से मैंने लंड को बाहर खेंचा

"" हाय सलमान यह क्या हो रहा है मुझे . पागल सी हो रही हूँ मैं आराम से डालो जानी " बाजी ने मज़े शिद्दत से बेहाल होते हुए कहा

सच ही तो था उस समय जो नशा, जिस मज़ा और मस्ती पर हम दोनों ही जा पहुँचे थे, उसमें समर्पित होते ही यही तो हाल होता है।।। एक बार फिर से मेरा लंड आगे बढ़ा, पर पहले से थोड़ी अधिक तेजी के साथ

"" "आह आराम से करो ना आह आह उफ़ मम" हाई सलमान तुमने मुझे पहले ही इस प्यार के मिलन के मज़े से परिचित क्यों ना करा दिया अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आराम से करते रहो मेरी जान ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह""

"किस आराम से करूँ जान? मैने बाजी को छेड़ते हुए कहा

तंग क्यों करते हो "जो कर रहे हो, उसी से करो ना" बाजी ने शरमाते हुए हल्की आँखे खोलते हुए कहा

"कुछ नाम भी तो है उसका ना" मैने फिर बाजी को छेड़ा

"सलमान तंग मत करो" बाजी ने मज़े में डूबी हुई आवाज़ में मुझे झिड़का

"तेज तेज करूँगा फिर" "" मैने बाजी को फिर से छेड़ा

"" प्यार से " बाजी ने मज़े की सिसकारी भरते हुए कहा

"यह क्या सीधे से बोलिए कि क्या करना है " मैने फिर कहा

"सलमान सीधे से ही तो बोला है ना" " बाजी ने शिकायत भरे लहजे मे जवाब दिया

" बोलें अपना लंड आराम से डालो सलमान "" मैने बाजी के एक मम्मे मसल्ते उन्हे कहा

"सलमान प्लीज़ तंग मत करो, यह कितना गंदा शब्द है? " बाजी ने मचलते हुए कहा

" ओहो मैं अब तेज तेज करूँगा "टोपी अंदर रखते हुए बाकी लंड को मैंने तेजी से बाहर खींचा और फिर उसी तेजी से अंदर उतारता चला गया।।।

"" आह आह आह हाय उफ़ इंसान क्यों नहीं बनते, क्यों हर वक़्त तड़पातेरहते हो मुझे आह "" बाजी ने रोनी सी सूरत बनाते हुए कहा

"" बोलेंगी या फिर करूँ "यह कहते हुए लंड को पीछे खींचने ही लगा था कि बाजी तड़प कर बोली" "सलमान अपना लंड आराम से डालो ना प्लीज़ "" यह मिलन कुछ अजीब ही रंग अपने साथ लाया था, कि हम दोनों ही कुछ ऐसे रंग में रंग गए कि हमें कुछ खबर न थी हम एक दूसरे को क्या कह रहे हैं।

बाजी मुंह से यह सुनते ही जैसे मज़ा कई गुना बढ़ गया। मेरा लंड बाजी की योनी की गहराई में उतरकर, वहाँ ठहरा कुछ पल साँस ले रहा था इतने में मैंने कहा "" "अपना लंड कहाँ आराम से डालना है"

"क्यों तड़पा रहे हो, सलमान " बाजी ने मेरी मनुहार करते हुए जबाव दिया

" अच्छा बोलिए सलमान अपना लंड आराम से मेरी योनी में डालो "" मैने बाजी के गालों को सहलाते हुए उन्हे छेड़ा

"यह कैसे कैसे जैसे तुम बोल रहे वही करो ना सलमान डर्टी" बाजी ने मेरे गाल पर किस करते हुए कहा

"बोलें नहीं तो फिर वैसे ही डालूंगा अपना लंड" मैने उन्हे प्यार का गुस्सा दिखाते हुए कहा

"" ठीक ना, सलमान डर्टी अपना लंड आराम से मेरी योनी में डालो " बाजी ने मेरे सिर मे चपत लगाते हुए हँसते हुए कहा

बाजी ने आख़िर वही शब्द दुहरा दिए जो मैं उनके मुँह से सुनना चाहता था
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Re: मैं बाजी और बहुत कुछ

Post by rajsharma »

मैंने आराम से अपना लंड बाहर की ओर खींचा और फिर आराम से अंदर को पुश किया और वहीं पे फिर रोका"

"आह आह हाँ ऐसे ही करो आह ओश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हमम" बाजी ने मस्ती की नई ऊँचाइयों को छूते हुए कहा

"इतने में मैंने अपने मुंह में बाजी का मम्मा ले लिया और चूसते हुए कहा "अब बोलें सलमान मेरा मम्मा चूसो"

"" प्लीज़, उफ़ ना मैं ये नही कह सकती""

मैंने बिना कोई उत्तर दिए अपने लंड को जल्दी बाहर खेंचा और फिर 2, 3 स्ट्रोक एक साथ ही लगा दिए

"" आह आह हाय पागल ओह आह नहीं करो आह "" बाजी ने दर्द से कराहते हुए कहा

"बोलें तो" सलमान मेरा मम्मा चूसो "" में बहकी हुई आवाज में बोला: फिर कहीं। । ।

"सलमान प्लीज़ मेरा मम्मा चूसो ना" बाजी की बहकी सी नशीली आवाज़ मेरे कानों में टकराई और मैंने उनके मम्मे पर एक बाइट किया

"" आह छोडूंगा नहीं तुम्हें में "" बाजी के पैर वहीं मेरी कमर से लगे हुए, और बाजी मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी, मेरा लंड अपनी योनी में लिए मस्ती, नशे, मज़े से निढाल थी कि मैंने अब धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। बाजी की सिसकियों में वृद्धि होती चली गई ""

"हाय सलमान आह आह आह हाय उफ़ प्लीज़" "" बाजी ने मस्ती मे सिसकते हुए कहा

"" मज़ा आ रहा है? " मैने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा

" आह हाय आह हाँ उफ़ हाईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सलमान तेज करो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी योनि को फाड़ दो "

फिर वह समय भी आ गया जब हम अपने गंतव्य पे पहुँच गये लंड तेजी से अंदर बाहर होता हुआ, बाजी की योनी के अंदर फारिग होना शुरू हो गया और बाजी ने अपनी योनी ऊपर उठाना और मेरे लंड पे धीरे धीरे मारना शुरू कर दिया

"" आह आह बाजी चूस लो मेरे लंड को अपनी योनी से आह "" मैं जब अपने लंड को बाजी की योनी में अंदर मार के बाहर खेंचता तो बाजी अपनी योनी को फिर मेरे लंड पे मारती

"आह आह हाय सलमान बहुत मज़ा दे रहे हो आह" फिर एक अंतिम झटका मैंने बाजी की योनी मे मारा, और मेरा लंड बाजी की योनी की गहराई तक उतरता चला गया, तभी दीदी ने भी अपनी योनी का आख़िरी झटका मेरे लंड की ओर मारा, यानी कि बाजी की योनी का जोर मेरे लंड की ओर था और मेरे लंड का जोर बाजी की योनी की ओर। ऐसा करने से मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे बाजी ने मेरे लंड को अपनी योनी से जोर से जकड़ रखा है और मेरे वीर्य काआख़री कटरा तक उनकी योनी के रस से मिलकर क्रीमयुक्त हो रहा है।।।।।।

मिलन की इस मंजिल को पाकर मेरी आत्मा और शरीर को वह संतुष्टि और आराम नसीब हुआ, जैसे किसी प्यासे को रेगिस्तान में भटकते भटकते पानी सेभरा कुआँ मिल गया हो, जिससे वह जन्मों जन्मों की प्यास बुझा ले पर पानी कम ना हो । प्यार की मंज़िलें तय करते हम दोनों आगे आगे ही बढ़ते चले जा रहे थे और प्यार था कि कहीं एक जगह पे ठहरता ही नही था समय के साथ ऐसा लगने लगा कि जैसे कोई ऐसा भी स्थान आने वाला है जहां पे पहुँच कर यह आत्मा फ़ना हो जाएगी। । हां प्यार के स्थानों की ग्लो ही कुछ ऐसी होती है। । । ।

गुजरते दिनों में सेएक दिन फिर ऐसा आया कि उस दिन शायद कहीं पे किसी ने मेरी तकदीर का कुछ और ही फैसला किया।
रात के खाने पे कुछ लेट हो गया और जब नीचे पहुंचा तो अबू अपने रूम में जा चुके थे शायद। अम्मी और बाजी नजर नहीं आ रही थीं। में किचन की तरफ बढ़ा तो रसोई के करीब पहुँचते ही, मेरे कानों में अम्मी की आवाज टकराई "" देखो बेटा रफ़ी साहब का परिवार बहुत अच्छा है, ऐसे रिश्ते को रोज नहीं आते ""

"पर अम्मी मेरी मेडिकल स्टडी अभी कंपलेट नहीं हुई " बाजी ने अपना विरोध दिखाते हुए अम्मी को जवाब दिया

" वे कह जो रहे हैं कि पढ़ाई हिना शादी के बाद कम्प्लीट कर ले, सोच लो, तुम्हारे अब्बू कह रहे थे कि वही होगा, जो हिना फैसला करेगी, तुम कुछ दिन सोच लो, फिर बता देना "" (( मुझे बाद में पता चला कि साना की बहन की शादी पे उसके भाई ने बाजी को पहली नजर में पसंद कर लिया था))


तेज आंधियां, तूफान से मेरे अंदर चल रहे थे, जो जहां था वही पे रुक सा गया था, ऐसे लगने लगा किसी ने तेज तलवार के साथ मेरे शरीर को काट डाला हो लहू (खून) बहना जानेक्यों नसों में रुक सा गया। ऐसा तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था, यह क्या तमाशा समय मेरे साथ करने वाला था। ।

इतने में बाजी और अम्मी किचन से बाहर निकली तो मैंने एक नज़र बाजी पे डाली, इस एक नज़र में मौजूद जाने कितने ही सवाल, चाहे दुनिया को न दिखें, पर उसे नजर आ ही गए। । । मैं मुड़ा और ऊपर की ओर तेजी से बढ़ने लगा कि अम्मी ने कहा "बेटा, खाना नहीं खाना क्या?"

"" जरूरत नहीं है मुझे "यह कहते हुए ऊपर की ओर बढ़ा। .सीढ़याँ चढ़ते हुए जो आख़िरी आवाज मेरे कानों से टकराई वह यह थी कि "" हिना जाओ उसे देखो क्या हो गया है उसे""

मैं अपने कमरे में आया और बाजी कुछ ही देर में मेरे कमरे में आ गई और दरवाजा बंद कर दिया। । ।

"" यह क्या है सब मुझे कुछ बताएंगी? "" मैने गुस्से से बाजी को कहा

"" आप पहले सामान्य तो हो " बाजी ने कहा

" मैं सामान्य हूँ मुझे पता है यह सब क्या है? आप क्या कर रही है "" मैने तिलमिलाते हुए कहा

बाजी ने मेरे पास आते हुए मेरे गाल को अपनी उंगलियों से पकड़ा और अपनी गहरी आँखें मेरी आँखों में डालते हुए बोली "मैं खुद मर रही हूँ, यह जो भी है यह एक न एक दिन तो होना ही था" "

"" नहीं होना था यह आपकी शादी किसी और से नहीं, ऐसे नहीं होगा, मैं करूँगा तुम से शादी, और किसी से नहीं, तुम मेरी हो ना? "" मैने उनके हाथ को अपने गाल पर दबाते हुए कहा

दीदी ने अपना हाथ मेरे गाल से हटाया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों हाथ पकड़े और मेरा एक हाथ अपने सीने पे रखा और दूसरा अपने सर पे और मेरी आँखों में वैसे ही देखते हुए काह "" सलमान अपना ख्याल रखना, तुम्हें कुछ भी नहीं होना चाहिए, हिना ने केवल तुमसे प्यार किया है और मरकर भी तुम्हें ही करेगी, मेरे सलमान का ख्याल रखना, तुम मेरी तरह "" बाजी कहती जा रही थी और उनकी आंखों से आंसू गिरते जा रहे थे।।।
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Re: मैं बाजी और बहुत कुछ

Post by rajsharma »

दोस्तो कुछ ही दिनों में बाजी की शादी धूम धाम से हो गई बाजी की जब विदाई हो रही थी तब मेरा रो रो कर बुरा हाल था मैने बाजी के बगैर कभी जीने का सोचा ही नही था . पर कहते हैं ना जब वक्त करवट लेता है तो इंसान की चाहतें इंसान के वादे सब बीते वक्त की निशानी बनकर रह जाते हैं
कहते हैं कि अतीत के पन्नों को कभी न खोलो, अपने आज पे फोकस करो और इसे बेहतर करो। कभी कभी अतीत के पन्ने खोल के भी वापस जाना पड़ता है, कुछ सवालों के जवाब पाने के लिए। अतीत की उन यादों से जब मैं वापस आया तो मेरी आंखों से निकलते आंसुओं ने मुझे भिगो रखा था। वह किसकी याद थी जिसने मुझे आज अतीत की उन यादों में धकेल दिया था? कहीं सेएक आवाज़ आई "साना" हाँ एक ही सार हो सकती है। । । जो मेरी तकदीर में लिखा था इस सब में उसका क्या दोष था? उसने तो मुझे शुद्ध मन से चाहा था। । ।

अतीत में जा के जिन सवालों के जवाब मुझे मिले, इन सवालों के जवाबों में सेएक जवाब भी था, अपने लिए तो हर कोई जीता है, पर किसी और के लिए कोई नहीं जीता, हाँ अब मुझे किसी और के लिए जीना था, हाँ साना के लिए, मैं अभी साना को अपनाना था। । । । ।

एक और बात जो उस दिन मैंने सीखी वह यह कि "" आत्मा कभी मरती नहीं, आत्मा की कभी हत्या नहीं होती, वो तो बस भटक जाती है, हाँ भटक ही जाती है किसी की याद में। । । । । । । । ।
दोस्तो इस तरह इस कहानी का सफ़र यहीं समाप्त होता है एक दो दिन में फिर चल पड़ेंगे किसी नये सफ़र पर तब तक के अलविदा दोस्तो और हाँ आप सब के प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद दोस्तो आपका दोस्त राज शर्मा


(दा एंड)
समाप्त
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Re: मैं बाजी और बहुत कुछ complete

Post by VKG »

Nice story
@V@
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