औरत का सबसे मंहगा गहना complete

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rangila
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Re: औरत का सबसे मंहगा गहना

Post by rangila »

दोनों ऐसे ही लेटे रहे और आँखें मुंद गईं। जब शाम चार बजे नींद खुली.. तो होश आया कि आज दोपहर हमने खाना ही नहीं खाया है, फिर भी हम दोनों ने बाथरूम से आकर खाना बनाने के पहले एक राऊंड और रतिक्रिया किया और बहुत आनन्द लिया।
फिर खाना खाने बाहर गए और रात को फिर एक बार ये दौर चला।
अब हम लगभग रोज ही एक बार सेक्स कर लिया करते थे। एक से ज्यादा भी नहीं करते थे क्योंकि इससे रुचि खत्म हो जाती।
किमी का व्यायाम, डांसिंग, स्वीमिंग, साइकिलिंग, लेप और सभी उपक्रम अब दिनचर्या में शामिल हो गया था। अब किमी दिनों दिन और खूबसूरत होने लगी थी। हमारा संबंध और गहरा हो गया था।
एक दिन जब हम घर पर बैठे थे, तो किमी को उसके पापा का फोन आया, वो किमी की बहन स्वाति को किमी के पास पी.एस.सी. की तैयारी के लिए भेज रहे थे।
जब किमी ने मेरे होने का बहाना किया, तब पापा ने ‘तुम तीनों ही रह लेना’ कह दिया।
मैंने किमी से कहा तो तुम इतना परेशान क्यूं हो रही हो, आने दो ना उसे.!
तो उसने कहा- तुम समझते नहीं संदीप.. वो आ गई तो हमें खुलकर मिलते नहीं बनेगा।
मैंने किमी को समझाते हुए कहा- तुम फिकर मत करो, कोई न कोई रास्ता निकल आएगा, तुम टेंशन में इस पल को बर्बाद मत करो।
मैं उसे बांहों में लेकर रतिक्रिया में डूब गया।
किमी व्यायाम और आयुर्वेदिक तरीकों की वजह से बहुत निखर गई है, वह अपने उम्र से छोटी और कामुक नजर आने लगी है।
स्वाति और किमी पिछली घटना के कारण अच्छे से बात नहीं करती इसलिए ज्यादातर समय दोनों मुझसे ही बात करती या कोई काम के लिए कहती हैं।
स्वाति के साथ मैं खुल कर ही रहता हूँ पर अपनी हदों का ख्याल हम दोनों ने ही रखा है। हम सब फ्रेंडली ही रहते थे इसलिए एक दूसरे को नाम से ही संबोधित करते हैं।
जब किमी और मुझे सेक्स करने की ज्यादा बेचैनी हो जाती तो हम दोनों किसी भी मौके का फायदा उठा कर रतिक्रिया में लग जाते थे।
एक बार ऐसे ही स्वाति नहाने के लिए बाथरूम में घुसी, उसके जाते ही मैं किमी का हाथ पकड़ कर खींचते हुए बैडरूम में ले गया और ताबड़तोड़ चुम्बन अंकित करने लगा।
किमी ने भी मुझे जकड़ लिया और ‘माई लव…’ कहते हुए बहुत सारे चुम्बन अंकित कर दिये।
हम थोड़ी देर ही ऐसी अवस्था में रहे लेकिन इस बीच मैंने किमी के उरोजों का खूब मर्दन किया पर किमी ने खुद पर काबू पाते हुए कहा- तुमसे बिना सेक्स किये एक दिन भी रह पाना अब मेरे लिए भी मुश्किल हो गया है, लेकिन तुम तो जानते हो न कि मैं हमारे रिश्ते की सेफ्टी के लिए थोड़ा सोच समझ कर कदम उठाती हूँ, तुम भी बात को समझो और अच्छे मौके का इंतजार करो।
अब दोस्तो, मैं ठहरा अन्रर्वासना का नियमित पाठक, तो मेरे दिमाग में बात आने लगी कि क्यों ना दोनों बहनों के साथ सेक्स का मजा लूं।
लेकिन दूसरे ही पल मुझे किमी की खुदखुशी वाली बात याद आई, किमी ने पहली बार खुदखुशी का प्रयास स्वाति और अपने पति की बेवफाई की वजह से ही किया था। और फिर किमी भी अब बहुत खूबसूरत होने के साथ ही मेरे प्रति पूर्ण समर्पित भी है, तो मैंने किमी के साथ वफादारी से रहने का फैसला किया।
स्वाति मार्केट, कोचिंग या किसी अन्य काम से घर से बाहर जाती तो हम टूट कर सेक्स करते थे।
ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा, फिर पांचवें महीने के अंत में स्वाति ने कोचिंग छोड़ दी और स्वाति घर पर रह कर तैयारी करने लगी।
ऐसे में मुझे और किमी को सेक्स किये हुए लंबा समय गुजर गया, सिर्फ आफिस जाते वक्त हम चिपक कर बैठते और सुनसान रास्तों पर चूमा चाटी कर लेते थे, पर सेक्स नहीं हो पाता था।
इसलिए एक दिन जब स्वाति बाथरूम में घुसी तो मैंने किमी को बैडरूम में ले जाकर पटक दिया, उस वक्त किमी कैपरी और टीशर्ट पहने हुये थी।
स्वाति भी इसी तरह के कपड़े घर पर पहनती थी, मैं लोवर और ढीला टी शर्ट पहने हुआ था, मैंने जानबूझ कर आज चड्डी नहीं पहनी थी, मैंने आज अपने लिंगराज को योनि रानी से मिलाने का वादा कर दिया था।
किमी को गद्दे पर पटकते ही मैं उसके ऊपर कूद गया और टीशर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा, किमी भी तड़प रही थी फिर भी उसने एक बार मना करने की कोशिश की पर मैं नहीं माना तो उसने बहुत जल्दी खुद को मेरे ऊपर सौंप दिया।
मैंने उसकी सफेद टी शर्ट एक झटके में निकाल फेंकी, उसने टी शर्ट के अंदर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी, जो किमी के उभारों को इतना आकर्षक बना रही थी कि मैं उस पल को याद करके अभी लिखना छोड़ कर मुठ मार रहा हूँ… आह… ओह… हो गया..
यार माफी चाहता हूँ पर सच में अभी मुझसे रहा नहीं गया, क्यूंकि जब तक शेर के मुंह में खून ना लगा हो तो चलता है पर एक बार खून मुंह लगने के बाद शेर शिकार किये बिना नहीं रह सकता।
मेरे साथ भी यही हुआ, पन्द्रह दिन के बाद मौका मिला था, और वो भी डर में किया जाने वाला सेक्स… तो फिर कयामत ही होती है। मैंने उसकी ब्रा उतारी नहीं बस ऊपर उठा कर गोरे तने चिकने उरोजों को आजाद किया, और मसलने, चूमने चाटने लगा।
किमी के हाथ यंत्रवत मेरे बालों पर चलने लगे।
तभी मैंने किमी की कैपरी खींच कर निकाल दी, नीचे उसने सफेद कलर की ब्रांडेड पेंटी पहन रखी थी, जो योनि से चिपकी हुई थी और गीला भाग साफ नजर आ रहा था।
मैं झुका और उसकी योनि के ऊपर की गीली पेंटी को लंबी सांसें लेते हुए सूंघा और तुरंत ही पेंटी के ऊपर से ही दांतों से योनि को काट लिया।
किमी मचल उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… संदीप…!
बस इतना ही कह पाई थी कि मैंने उसे बिस्तर से उठा दिया और खुद खड़े होकर उसे अपने सामने बैठने को कहा, वह वैसा ही करती रही।
फिर मैंने अपना टी शर्ट उतार दिया, तभी किमी ने मेरी लोवर खींच दी, पहले से खड़ा हो चुका मेरा सात इंच का लिंग इलास्टिक में फंस कर स्प्रिंग की तरह झूलने लगा और किमी ने बिना देर किये लिंग को बिना हाथ में लिये सीधा मुँह में डाल लिया।
यहाँ पर लड़कियों के लिए जानकारी है कि लड़कों को बिना हाथ से टच किये सीधे मुंह से लिंग चुसवाने में बहुत अधिक आनन्द आता है, यह बात लिंग चुसवाने वाले लड़के जानते ही होंगे!
मैंने कुछ देर ही लिंग चुसवाया, फिर किमी को लेटा कर उसकी योनि में जीभ फिराने लगा। अब दोनों ही संभोग के लिए तैयार थे तो मैंने बिना देर किये अपना लिंग किमी की योनि में डाल दिया।
हम दोनों का ही ध्यान दरवाजे पर था कि कहीं स्वाति ना आ जाये!
तभी बाथरूम के दरवाजे के बंद होने की जोरदार आवाज आई तो किमी ने मुझे धक्का देकर अलग किया और अपने कपड़े पहन लिये, मैं भी अपने कपड़े पहन कर चुपचाप सोफे पे बैठ गया और किताब पढ़ने लगा।
मेरा लिंग अभी भी तना हुआ था पर कसावट डर में कम हो जाती है।
उधर किमी अनजान बनते हुए अपना काम करने लगी।
स्वाति अपने कपड़े सुखाने के लिए छत जा रही थी, तभी मेरे पास से गुजरते हुए उसने कहा- क्यों संदीप, तुम्हें इतना पसीना क्यों आ रहा है?
मैं थोड़ा हकला कर बोला- आंय… पसीना कहाँ पसीना… किसे आ रहा है पसीना?
फ़िर पसीना पोंछते हुए कहा- अच्छा ये पसीना…! वो क्या है ना मैं तुम्हें बाथरूम की खिड़की से नहाते हुए देख रहा था ना इसलिए पसीना आ गया।
वो मुझे बेशरम कहते हुए मारने लगी, उसके नाजुक हाथों की मार ऐसी लग रही थी मानो कोई फ़ूल बरसा रहा हो।
फिर थोड़ा रुककर उसने कहा- बाथरूम में तो खिड़की ही नहीं है..!
तो मैंने कहा- हाँ नहीं है! और तुम्हें देख भी नहीं रहा था, जाओ अपना काम करो, मुझे परेशान मत करो।
स्वाति तो कपड़े सुखाने चले गई पर मैं और किमी पकड़े जाने से बचने की खुशी में मुस्कुराने लगे। हम दोनों ने अधूरे में सेक्स छोड़ा था और आप सभी अधूरे सेक्स की तड़प समझ रहे होंगे।
हम अगले मौके के इंतजार में थे।
अगले दिन किमी और मैं आफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे, तभी स्वाति ने किमी से नजर बचा कर मुझसे कहा- आज तुम ऑफिस मत जाना, मुझे तुमसे बहुत जरूरी काम है। मैं सोच में पड़ गया कि इसे मुझसे क्या काम हो सकता है.. और दूसरी तरफ मेरे मन में लड्डू भी फूट रहे थे कि हो ना हो स्वाति भी मुझे भोगने को मिल जाये।
मैंने इसी उहापोह के बीच किमी से तबियत का बहाना किया तो किमी ने भी अपना आफिस जाना कैंसिल कर दिया। फिर मैंने किमी को समझा बुझा कर आफिस भेजा।
किमी के आफिस निकलते ही मैं जल्दी से कपड़े बदल कर आया और सोफे पर बैठ कर लंबी सांस लेते हुए कहा- हाँ भई, कहिये क्या जरूरी काम है तुमको मुझसे?
स्वाति ने मुस्कुरा के कहा- रुको तो सही, बताती हूँ।
तभी बेल बजी, मैंने दरवाजा खोला, सामने किमी थी, उसे देख कर मैं बिना किसी गलती के भी झिझक सा गया, किमी ने हड़बड़ी में अंदर आते हुए कहा- मैं एक फाईल भूल गई थी!
और दो मिनट रुक कर वापस चली गई।
हम उसके जाने के बाद भी कुछ देर तक बात नहीं कर पाये, हमारा ध्यान दरवाजे की तरफ था। फिर मैंने दो बार बाहर तक किमी के जाने की तसल्ली की फिर आकर सोफे पर बैठा, स्वाति सामने बैठ कर मुस्कुरा रही थी।
किमी के आफिस जाने की तसल्ली करके मैं सोफे पर बैठा और स्वाति मेरे सामने बैठ कर मुस्कुरा रही थी।
मैंने कहा- अब बोलो भी, क्या बोलना है?
तो स्वाति ने लंबी सांस लेकर कहा- ये सब क्या चल रहा है?
वैसे तो मैं उसके इस प्रश्न का मतलब जान गया था और थोड़ी खुशी और थोड़ा पकड़े जाने का डर मन में था फिर भी मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या चल रहा है?
तो उसने कहा- ज्यादा भोले मत बनो, कल जब मैं नहाने गई थी, तब तुम और किमी क्या कर रहे थे, मैंने सब अपनी आँखों से देखा है।
मैं हकला गया- ये..ये..ये क्या.. क्या बकवास कर रही हो, बोलना क्या चाहती हो?
तो उसने मुस्कुराते हुए कहा- पहले तो तुम शांत हो जाओ और यह जान लो कि मुझे किसी बात से कोई तकलीफ नहीं है, मैं कल बाथरूम से बाहर आ गई थी और जब तुम लोग सैक्स में इतने मग्न थे कि तुम्हें कुछ होश ही नहीं था तो मैंने वापस जाकर दरवाजे को बजाया ताकि तुम लोग मेरे सामने शर्मिंदा ना हो।
मैंने गहरी सांस ली खुद को संभाला और कहा- ओह.. तो तुमने सब देख लिया था, अगर तुम कल हमें शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी तो आज ये सब पूछ कर शर्मिंदा क्यों कर रही हो?
तो उसने कहा- मैं शर्मिंदा नहीं कर रही हूँ मैं तो तुम्हें धन्यवाद देना चाहती हूँ कि तुमने किमी को जीने की राह दिखाई, सुन्दर सुडौल बनाया, उसका आत्मविश्वास लौटाया और सैक्स के प्रति वापस रुचि जगाई, और आज मैंने तुम्हें रुकने के लिए कहा उसकी एक खास वजह है, मुझे पता है कि जब तुम्हारे और किमी के बीच अब कोई दूरी नहीं है इसका मतलब तुम्हें उसके आत्महत्या के प्रयासों का कारण पता होगा, और तुम्हें यह भी पता होगा कि कहीं ना कहीं किमी मुझे भी दोषी मानती है, चूंकि मैं किमी के सामने अपनी सफाई नहीं दे सकती इसलिए आज तुम्हारे सामने सारी हकीकत बता कर अपने मन का बोझ हल्का करना चाहती हूँ।
यह कहते हुए स्वाति के आँखों में आंसू आ गये, मैंने कहा- स्वाति मैं पूरी बात जानना चाहता हूँ, पूरे विस्तार से खुल कर एक-एक शब्द को बिना छुपाये बताओ?
स्वाति ने कहा- हाँ बताती हूँ, मैं खुद यह बोझ अपने मन से उतारने के लिए व्याकुल हूँ।
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Kamini
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Re: औरत का सबसे मंहगा गहना

Post by Kamini »

Nice work
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shubhs
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Re: औरत का सबसे मंहगा गहना

Post by shubhs »

एक नई कहानी
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
rakesh1015

Re: औरत का सबसे मंहगा गहना

Post by rakesh1015 »

एक नई कहानी
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rangila
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Re: औरत का सबसे मंहगा गहना

Post by rangila »

Kamini wrote: 10 Jun 2017 17:12Nice work
shubhs wrote: 10 Jun 2017 20:52एक नई कहानी
rakesh1015 wrote: 11 Jun 2017 08:54 एक नई कहानी
thanks to all


Mera kya hai net se liya hai our net ko hi diya hai
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