नये पड़ोसी compleet

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rajsharma
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नये पड़ोसी compleet

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नये पड़ोसी पार्ट--1

में राज और मेरी पत्नी प्रीति मुंबई सहेर के सुबुर्ब मलाड में रहते हैं. ये कहानी करीब आज से छः महीने पहले शुरू हुई जब हमारे बगल के फ्लॅट में नये पड़ोसी रहने के लिए आए.

हमारे नए पड़ोसी मिस्टर. प्रशांत एक कन्सल्टेंट हैं, और उनकी पत्नी बबिता जो एक घरेलू महिला थी. वैसे तो मुंबई इतना बिज़ी सहेर है की यहाँ किसी को किसी के लिए फ़ुर्सत ही नही है. नए पड़ोसी होने के नाते हमारी जान पहचान बढ़ी और हम दो परिवार काफ़ी घुल मिल गये थे.

में और मेरी पत्नी प्रीति के विचार एक समान थे. हम दोनो ओपन सेक्स में विश्वास रखते थे. शादी के पहले ही हम दोनो सेक्स का मज़ा ले चुके थे. हम दोनो अपनी पुरानी सेक्स घटनाओं के बारे में अक्सर एक दूसरे को बताते रहते थे. चुदाई के किस्से सुनाते या सुनते वक़्त प्रीति इतनी उत्तेजित हो जाती कि उसकी चूत की प्यास मिटाना कभी मुश्किल हो जाता था.

मेने और प्रीति ने इस शनिवार प्रशांत और बबिता को अपने यहाँ खाने की दावत दी. दोनो राज़ी हो गये. प्रशांत एक शानदार व्यक्तित्व का मालिक था, 6.2 हाइट, कसरती बदन. बबिता भी काफ़ी सुन्दर थी, गोल चेहरा, लंबी टाँगे और खास तौर पर उसकी नीली आँखें. पता नही उसकी आँखों मे क्या आकर्षण था कि जी करता हर वक़्त उसकी आँखों में इंसान झाकता रहे.

शनिवार की शाम ठीक 7.00 बजे प्रशांत और बबिता हमारे घर पहुँचे. प्रशांत ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिससे उसका कसरती बदन सॉफ झलक रहा था. बबिता ने कॉटन का टॉप और जीन्स पहेन रखी थी. उसकी कोटन के टॉप से झलकते उसके निपल साफ बता रहे थे कि उसने ब्रा नही पहन रखी है. जीन्स भी इतनी टाइट थी कि उसके चूतड़ की गोलाइया किसी को भी दीवाना कर सकती थी. उसे इस सेक्सी पोज़ में देख मेरे लंड में सुरसूराहट होने लग गयी थी.

मेने देखा कि प्रीति प्रशांत की ओर आकर्षित हो रही है. वो अपने अधखुले ब्लाउस से प्रशांत को अपने चुचियों के दर्शन करा रही थी. आज प्रीति अपनी टाइट जीन्स और लो कट टॉप में कुछ ज़्यादा ही सुन्दर दिख रही थी. वहीं बबिता भी मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे हम कई बरसों पुराने दोस्त हों.

हम चारों आपस में ऐसे बात कर रहे थे कि कोई देख के कह नही सकता था कि हमारी जान पहचान चंद दिनो पुरानी है. पहले शराब का दौर चला और फिर खाना खाने के बाद हम सब ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे.

मेने स्टेरीयो पर एक री-मिक्स की कसेट लगा दी. बबिता ने खड़ी हो प्रशांत को डॅन्स करने के लिए कहा, किंतु उसने उसे मना कर दिया शय्याद उसे नशा हो गया था, मगर उसने बबिता को मेरे साथ डॅन्स करने को कहा. बबिता ने मुझे खींच कर खड़ा कर दिया.

हम दोनो गाने की धुन पर एक दूसरे के साथ नाच रहे थे. बबिता ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन पर रख मुझसे सात ते हुए नाच रही थी. उसके बदन की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी. मेने भी अपने दोनो हाथ उसकी कमर पे रख उसे अपने और करीब खींच लिया.

उसके बदन की गर्माहट और बदन से उठती खुश्बू ने मुझे मजबूर कर दिया और मैने कस्के के उसे अपनी छाती से चिपका लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. तभी मुझे ख़याल आया कि मेरी बीवी और उसका पति भी इसी कमरे में हैं, मेने गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि प्रीति प्रशांत को खींच कर डॅन्स के लिए खड़ा कर चुकी है.

शायद मेरी बीवी की सुंदरता और खुलेपन ने प्रशांत को डॅन्स करने पे मजबूर कर दिया था, इसीलिए वो प्रीति को मना नही कर पाया. दोनो एक दूसरे को बाहों में ले हमारे पास ही डॅन्स कर रहे थे. नाचते नाचते प्रीति ने लाइट धीमी कर दी. कमरे में बहोत ही हल्की रोशनी थी. हम चारों कामुकता की आग में जल रहे थे.

बबिता मुझसे और चिपकती मेरे कानो में बोली, "अछा है थोड़ा अंधेरा हो गया." मेने उसे और कस के अपनी बाहों में ले अपने होठ उसके होठों पे रख दिए. उसने भी सहयोग देते हुए अपना मूह खोल दिया और जीभ मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ चुभलने लगे.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


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Re: नये पड़ोसी

Post by rajsharma »

मेरे दोनो हाथ अब उसके चूतड़ को सहला रहे थे. बबिता के हाथ मेरी पीठ पर थे और वो कामुक हो मेरी पीठ को कस के भींच लेती. मेरा लंड पूरा तन कर उसकी चूत को जीन्स के उपर से ही रगड़ रहा था. बबिता ने आपने आप को मुझे सोन्प दिया था. मेने पीछे से अपने दोनो हाथ उसकी जीन्स में डाल दिए और पाया की उसने पॅंटी नही पहनी है. मेरे हाथ अब उसके मुलायम चुतताड को ज़ोर से भींच रहे थे, वो भी उत्तेजित हो अपनी चूत मेरे लंड पे रगड़ रही थी.

मेरी बीवी प्रीति का ख़याल आते ही मेने गर्दन घुमा के देखा तो चौंक पड़ा. दोनो एक दूसरे से चिपके हुए गाने की धुन पर डॅन्स कर रहे है. प्रशांत के हाथ प्रीति के शरीर पर रैंग रहे थे. प्रीति भी उसे अपने बाहों में भर उसके होठों को चूस रही थी.

में बबिता को बाहों में ले इस पॉस्षन में डॅन्स करने लगा कि मुझे प्रीति और प्रशांत साफ दिखाई पड़े. प्रशांत का एक हाथ प्रीति की चुचियों को सहला रहा था और दूसरा हाथ दूसरी चुचि को सहलाते हुए नीचे की और बढ़ रहा था, और नीचे जाते हुए अब वो उसकी चूत को उसकी टाइट जीन्स के उपर से सहला रहा था.

मुझे हैरानी इस बात की थी उसे रोकने के बजाई प्रीति प्रशांत को सहयोग दे रही थी, उसने अपनी टाँगे थोड़ी फैला दी जिससे प्रशांत के हाथों को और आसानी हो. पर में कौन होता हूँ शिकायत करने वाला में खुद उसकी बीवी को बाहों में भरे उसे छोड़ने के मूड में था.

मेरे भी हाथ बबिता के चुतताड को सहला रहे थे. बबिता उत्तेजना में मुझे चूमे जा रही थी. तभी मेने देखा कि प्रशांत ने अपना एक हाथ प्रीति के टॉप में डाल कर उसके मम्मो पे रख दिया था. जब उसने प्रीति की तरफ से कोई रे-आक्षन नही देखा तो उसने हाथ पीठ की और लेजाकार उसकी ब्रा के हुक खोल दिए. मुझे उसे पारदर्शी टॉप से साफ दिखाई दे रहा था कि प्रशांत के हाथ अब प्रीति के मम्मो को सहला रहे थे.

महॉल में जब चुदाई का आलम फैलता है तो सब पीछे रह जाता है. मेने भी आगे बढ़ बबिता के चूतड़ से हाथ निकाल उसकी जीन'स के बटन खोल जीन'स उतार दी. फिर पॅंटी में उंगिलिया फँसा उसकी पॅंटी भी उतार दी.

"में सोच रही थी कि तुम्हे इतनी देर क्यों लग रही है." बबिता अपनी टाँगो से अपनी जीन्स और पॅंटी को अलग करते हुए बोली. "प्लीज़ मुझे प्यार करो ना!"
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Re: नये पड़ोसी

Post by rajsharma »

मेने अपना हाथ बढ़ा उसकी चूत पे रख दिया. हाथ रखते ही मेने पाया कि उसकी चूत एक दम सफ़ा चट थी. उसने अपने चूत के बाल एक दम शेव किए हुए थे, जो में हमेशा प्रीति से कहता था पर वो मेरी ये बात नही मानी.

बिना झांतों की एक दम नई चूत मेरे सामने थी, मेने अपना हाथ का दबाव बढ़ा उसकी चूत को ज़ोर से रगड़ने लगा. मेने अपनी एक उंगली उसकी चूत के मुहाने पर घुमाई तो पाया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी.

"तुम अपनी उंगली मेरी चूत में क्यों नही डालते जिस तरह मेरे पति ने अपनी उंगली तुम्हरी बीवी की चूत में डाली हुई है." उसने कहा, में घूम कर देखा तो पाया कि प्रशांत का एक हाथ मेरी बीवी की चुचियों को मसल रहा है और दूसरा हाथ उसकी खुली जीन्स से उसकी चूत पे था. उसके हाथ वहाँ क्या कर रहे थे मुझे समझते देर नही लगी.

आचनक मेरी बीवी प्रीति ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखी. वो एक अंजान आदमी के हाथों को अपनी चूत पे महसूस कर रही थी और में एक पराई औरत की चूत में उंगली कर रहा था. वो मेरी तरफ देख मुस्कुरई और मैं समझ गया की आज की रात हम दोनो के ख्वाब पूरे होने वाले हैं. प्रीति ने मुस्कुराते हुए अपनी जीन्स और पॅंटी पूरी उतार कर नंगी हो गयी.

जैसे ही उसने अपनी जीन'स और पॅंटी उत्तरी उसने प्रशांत के कान में कुछ कहा, प्रशांत ने उसकी ब्रा और टॉप भी उतार दी. अब वो एक दम नंगी उसकी बाहों में थी. प्रशांत के हाथ अब उसके नंगे बदन पर रेंग रहे थे.

"लगता है हम उनसे पीछे रह गये." कहकर बबिता मुझसे अलग होते हुए अपनी जीन्स और टॉप उतार दिया. जैसे हम किसी प्रतिस्पर्धा मे हो, बबिता अपनी पॅंटी भी उतार नंगी हो गयी.

"लगता है कि हमें उनसे आगे बढ़ना चाहिए," कहकर बबिता ने मेरी जीन्स के बटन खोल मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया. बबिता मेरे लंड को सहला रही थी और मेरा लंड उसके हाथों की गर्माहट से तनता जा रहा था. बबिता एक अनुभवी चुड़ाकड़ महिला की तरह के मेरे लंड से खेल रही थी.

में भी अपनी जीन्स और अंडरवेर से बाहर निकल नंगा बबिता के सामने खड़ा था. बबिता ने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया, जो तन कर 8-5 इंच का हो गया था….. "बहुत मोटा और लंबा है" कहकर बबिता लंड को दबाने लगी.
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Re: नये पड़ोसी

Post by rajsharma »

मेने घूम कर देखा तो पाया कि मेरी बीवी मुझसे आगे ही थी. प्रीति प्रशांत के सामने घुटनो के बल बैठे उसके लंड को हाथों में पकड़े हुए थी. प्रशांत का लंड लंबाई में मेरी ही साइज़ का था पर कुछ मुझसे ज़्यादा मोटा था. प्रीति उसके लंड की पूरी लंबाई को सहलाते हुए उसके सूपदे को चाट रही थी.

मुझे पता था कि प्रीति की इस हरकत असर प्रशांत पर बुरा पड़ने वाला है. प्रीति लंड चूसने मे इतनी माहिर थी की उसकी बराबरी कोई नही कर सकता था. उसका लंड चूसने का अंदाज़ ही अलग था. वो पहले लंड के सूपदे को अपने होंठो में ले चुस्ती फिर धीरे धीरे लंड को अपने मुँह में भींचती हुई नीचे की और बढ़ती जिससे लंड उसके गले तक चला जाता. फिर अपनी जीभ से चाटते हुए लंड उपर की ओर उठती. यही हरकत जब वो तेज़ी से करती तो सामने वाले की हालत खराब हो जाती थी.

इसी तरह से वो प्रशांत के लंड को चूसे जा रही थी. जब वो उसके सूपदे को चूस्ति तो अपने थूक से सटे हाथों से ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ती. में जानता था कि प्रशांत अपने आपको ज़्यादा देर तक नही रोक पाएगा.

करीब 10 मिनिट तक प्रीति प्रशांत के लंड की चुसाइ करती रही. में और बबिता भी दिलचस्पी से ये नज़ारा देख रहे थे. प्रशांत ने अपने लंड को प्रीति के मुँह से बाहर निकाला और मेरे और बबिता के पास आ खड़ा हो गया. बबिता मेरे लंड को सहला रही थी और प्रशांत ने अपने होठ बबिता के होठों पे रख उन्हे चूमने लगा. बबिता उससे अलग होते हुए बोली, "प्रशांत राज को बताओ ना कि मुझे किस तरह की चुदाई पसंद है."

फिर कामुकता का एक नया दौर शुरू हुआ. प्रशांत अपनी बीवी बबिता के पीछे आकर खड़ा हो गया और मुझे उसके सामने खड़ा कर दिया. फिर बबिता के माथे पे आए बालों को हटाते हुए मुझसे कहा, "राज इसके होठों को चूसो?"

मेने एक अग्यकारी शिष्य की तरह आगे बढ़ अपने होठ बबिता के होटो पर रख दिए. बबिता ने अपनी जीब मेरे मुँह में डाल दी. हम दोनो एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे. "अब इसकी चुचियों को चूसो?" प्रशांत ने कहा.

में नीचे झुक बबिता की चुचि को हाथों में पकड़ उसका निपल अपने मुँह में ले चूसने लगा. उसकी चुचियाँ बहोत भारी तो नही पर कसी ज़रूर थी. गोल चुचि और काले सख़्त निपल काफ़ी मज़ा दे रहे थे.

"दूसरे को नज़र अंदाज़ मत करो" कहकर उसने बबिता की दूसरी चुचि पकड़ मेरे मुँह की आगे कर दी. मेने अपने होठ बढ़ा उसके दूसरे निपल को अपने मुँह मे ले चूसने लगा.

करीब 5 मिनिट तक में उसके चुचियों को चूस्ता रहा, कि मेने पाया की प्रशांत के हाथ मेरे कंधों पे थे और मुझे नीचे की और दबा रहा था, मुझे इशारा मिल गया. कैसे एक पति दूसरे मर्द को अपनी बीवी से प्यार करना सिखा रहा था. में नीचे बैठते हुए पहले उसकी नाभि को चूमा और फिर उसकी कमर को चूमते हुए अपने होठ ठीक उसकी चूत के मुख पे रख दिए.

जब में उसकी चूत पे पहुँचा तो में दंग रह गया. प्रशांत ने बबिता के पीछे से अपने दोनो होठों से उसकी चूत की पंखुड़ियों को पकड़ के इस कदर फैला दी थी, जिससे मुझे उसकी चूत को चाटने मे आसानी हो. जैसे ही मेने अपने जीभ उसकी चूत पे फिराई में पाया कि मेरी बीवी प्रीति ठीक मेरे बगल में बैठी थी और उसकी निगाहें बबिता के चूत पे टिकी हुई थी.

प्रशांत को अच्छी तरह पता थी की मर्द की कौनसी हरकत उसकी बीवी की चूत में आग लगा सकती थी, "अब अपनी जीभ से इसकी चूत के चोरों और चॅटो?' उसने कहा.

आज में कई सालों के बाद किसी दूसरी औरत की चूत को चाट रहा था, वो भी जब की मेरी बीवी 6 इंच की दूरी पे बैठी मुझे निहार रही थी. मेने अपना एक हाथ बढ़ा प्रीति की चूत पे रखा तो पाया कि उत्तेजना में उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी. मेने अपनी दो उंगली उसकी चूत में घुसा अंदर बाहर करने लगा. में बबिता की चूत को चाते जा रहा था, प्रीति मेरे लंड को पकड़ सहलाने लगी.

"अब इसकी चूत को नीचे से उपर तक चॅटो और करते जाओ?" प्रशांत ने बबिता की चूत और फैलाते हुए कहा. मैने वैसे ही किया जैसा उसने करने को कहा, बबिता की चूत से उत्ति मादक खुश्बू मुझे और पागल किए जा रही थी.

"अब अपनी जीब पूरी बबिता की चूत में डाल दो?" प्रशांत ने कहा. बबिता ने भी अपनी टाँगे और फैला दी जिससे मुझे और आसानी हो सके. में अपनी जीब उसकी चूत में घुसा उसे ज़ोर से चोद रहा था. बबिता की सिसकारिया शुरू हो चुकी थी, "हाआँ राआज चूसूऊऊ मेरी चूत को निचोड़ लो मेरे चूत का सारा पानी, ओह ह्बीयेयेययाया" प्रशांत बबिता के चूत को फैलाए उसके पीछे खड़ा था. में और तेज़ी से उसकी चूत को चूसने लगा. इतने में बबिता का शरीर आकड़ा और जैसे कोई नदी का बाँध खोल दिया गया हो उस तरह से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा पूरा मुँह उसके रस से भर घाया. बबिता ज़मीन पे बैठ अपनी उखड़ी सांसो को संभालने लगी.

थोड़ी देर सुसताने के बाद उसने मेरे चेहरे को अपने नज़दीक कर मुझे चूम लिया, "राज अब में चुदवाने के लिए तय्यार हूँ" इतना कहकर बबिता मेरा हाथ पकड़ मुझे सोफे के पास ले गयी.

क्रमशः...............
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Re: नये पड़ोसी

Post by rajsharma »

Nai Padosib paart--1

Mein Raj aur meri patni Preeti Mumbai seher ke suburb Malad mein rehte hain. Ye kahani kareeb aaj se cheh mahine pehle shuru hui jab hamare bagal ke Flat mein nai padosi rehne ke liye aaye.

Hamare nai padosi Mr. Prashant ek Consultant hain, aur unki patni Babita jo ek gharuli mahila thi. Waise to Mumbai itna busy seher hai ki yahan kisi ko kisi ke liye phursat hi nahi hai. Nai padosi hone ke nate hamari jan pehchan badhi aur hum do parivar kafi ghul mil gaye the.

Mein aur meri patni Preeti ke vichar ek saman the. Hum dono open sex mein vishwas rakhte the. Shaadi ke pehle hi hum dono sex ka maza le chuke the. Hum dono apni purani sex ghatnaon ke bare mein aksar ek dusre ko batate rehte the. Chudai ke kisse sunate ya sunte waqt Preeti itni uttejit ho jati ki uski choot ki pyaas mitana kabhi mushkil ho jata tha.

Meine aur Preeti ne is shanivar Prashant aur Babita ko apne yahan khane ki daawat di. Dono razi ho gaye. Prashant ek shaandar vyaktitva ka maalik tha, 6.2 hieght, kasrati badan. Babita bhi kafi sunder thi, gol chehra, lambi tange aur khas taur par uski neeli aankhen. Pata nahi uski aankhon meiy kya aakarshan tha ki ji karta har waqt uski aankhon mein insaan jhankta rahe.

Shanivar ki shaam thik 7.00 baje Prashant aur Babita hamare ghar pahunche. Prashant ne shorts aur T-shirt pehan rakhi thi, jisse uska kasrati badan saaf jhalak raha tha. Babita ne Cotton ka top aur jeans pehen rakhi thi. Uski cotoon ke top se jhalakte uske nipple saaf bata rahe the ki usne bra nahi pehan rakhi hai. Jeans bhi itni tight thi ki uske chuttad ki goliyan kisi ko bhi deewana kar sakti thi. Use is sexy pose mein dekh mere Lund mein sursurahat hone lag gayi thi.

Meine dekha ki Preeti Prashant ki aur aakarshit ho rahi hai. Wo apne adhkhule blouse se Prashant ko apne chuchiyon ke darshan kara rahi thi. Aaj Preeti apni thight jeans aur low cut top mein kuch jyada hi sunder dikh rahi thi. Wahin Babita bhi mere sath aise behave kar rahi thi jaise hum kai barson purane dost hon.

Hum charon aapas mein aise baat kar rahe the ki koi dekh ke keh nahi sakta tha ki hamari jaan pehchan chand dino purani hai. Pehle sharab ka daur chala aur phir khana khane ke baad hum sab drawing room mein baithe the.

Meine stereo par ek re-mix ki caseete laga di. Babita khadi ho Prashant ko dance karne ke liye kaha, kintu usne use mana kar diya shayyad use nasha ho gaya tha, magar usne Babita ko mere sath dance karne ko kaha. Babita ne mujhe khinch kar khada kar diya.

Hum dono gane ki dhun par ek dusre ke sath naach rahe the. Babita ne apne dono hath meri gardan par rakh mujhse satt te hue nach rahi thi. Uske badan ki garmi mujhe madhosh kar rahi thi. Meine bhi apne dono hath uski kamar pe rakh use apne aur kareeb khinch liya.

Uske badan ki garmahat aur badan se uthhti khushboo ne mujhe majboor kar diya aur maine kaske ke use apni chaati se chipka liya. Mera Lund uski choot pe thokar mar raha tha. Tabhi mujhe khayal aaya ki meri biwi aur uska pati bhi isi kamre mein hain, meine gardan ghuma ke dekha to paya ki Preeti Prashant ko khinch kar dance ke liye khada kar chuki hai.

Shayad meri biwi ki sunderta aur khulepan ne Prashant ko dance karne pe majboor kar diya tha, isiliye wo Preeti ko mana nahi kar paya. Dono ek dusre ko bahon mein le hamare paas hi dance kar rahe the. Nachte nachte Preeti ne light dhimi kar di. Kamre mein bahot hi halki roshni thi. Ham charon kamukta ki aag mein jal rahe the.

Babita mujhse aur chipakti mere kano mein boli, "Acha hai thoda andhera ho gaya." Meine use aur kas ke apni bahon mein le apne hoth uske hothon pe rakh diye. Usne bhi sahyog dete hue apna muh khol diya aur jibh mere munh mein dal di. Hum dono ek dusre ki jibh chubhlane lage.

Mere dono hath ab uske chuttad ko sehla rahe the. Babita ke hath meri pith par the aur wo kamuk ho meri pith ko kas ke bhinch leti. Mera Lund pura tan kar uski choot ko jeans ke upar se hi ragad raha tha. Babita ne aapne aap ko mujhe sonp diya tha. Meine piche se apne dono hath uski jeans mein dal diye aur paya ki usne panty nahi pehni hu hai. Mere hath ab uske mulayam chuttad ko jor se bhinch rahe the, wo bhi uttejit ho apni choot mere Lund pe ragad rahi thi.

Meri biwi Preeti ka khayal aate hi meine gardan ghuma ke dekha to chounk pada. Dono ek dusre se chipke hue gaane ki dhun par dance kar rahe hai. Prashant ke hath Preeti ke sharir par raing rahe the. Preeti bhi use apne bahon mein bhar uske hothon ko choos rahi thi.
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