पड़ोसी किरायेदार की ख्वाहिश complete

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Ankit
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Re: पड़ोसी किरायेदार की ख्वाहिश

Post by Ankit »

डॉक्टर ने चारु को डांटा और बोलीं- इतना नाटक करने की जरूरत नहीं, रात को तो बिना नहाए धोए गंदे ही एक दूसरे से चिपक जाते हो और डॉक्टर के पास शर्मा रही हो?

डॉक्टर मुझे चारु का पति समझ रही थीं। चारु ने दयनीय स्थिति में मुझे इशारा किया कि मैं डॉक्टर को कुछ नहीं बताऊँ।

डॉक्टर ने चारु की टांगें फैला दीं और उसकी चूत की झांटे दिखाती हुई चारु से बोली- इन बालों को समय से साफ़ किया करो।

मेरी तरफ देखती हुई डॉक्टर ने कहा- देखो, इसकी वेजिना कितनी लाल हो रही है, यह एलर्जी है, आप लोग बिना साफ़ सफाई के अंदर डाल देते हो, उससे होती है। शर्म आनी चाहिए, आपकी पत्नी है, ठीक से आराम से किया करो, साफ सुथरे होकर सेक्स करने में ज्यादा मज़ा आता है।

चारु के हाथ को हटाते हुए बोलीं- यह क्या है?

चूची पर दो कटे के निशान थे ,डॉक्टर ने मेरा हाथ चारु की चूची पर रख दिया और बोली- देखो, काटने से खाल तक छिल गई है। आप प्यार से सेक्स क्यों नहीं करते हैं।

चारु की हालत पतली हो रही थी, मेरा भी बुरा हाल था। चारु की गुलाबी चूची पर हाथ रखने से मेरा लंड जाग चुका था।

डाक्टर ने इसके बाद नर्स को बुलाया और कहा- इन्हें दवाई दे दो और बाकी बातें समझा दो।

डॉक्टर बाहर अपने कमरे में चली गईं। नर्स एक 50-55 की औरत थी। इसके बाद नर्स ने एक ट्यूब ली और बोलीं इसकी क्रीम इनकी योनि के अंदर और बाहर धीरे धीरे उंगली से सहलाते हुए रात को अच्छी तरह से साफ़ हाथ से लगानी है।

उसने मेरे हाथ धुलवाए और मेरी उंगली पर क्रीम लगा दी और बोली- जरा लगा कर दिखाओ !

मेरी और चारु की हालत पतली हो रही थी, मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और काँपते हाथों से बाहर बाहर मालिश करने लगा। मेरा लोड़ा पूरा खड़ा हो गया था।

नर्स बोली- यह बाहर बाहर क्यों लगा रहा है? पूरी अंदर तक घुसा कर लगा ! रात को तो बड़ी जल्दी चढ़ता होगा।

नर्स का यह शायद रोज़ का ही काम था। मैंने भी अब बेशरम होकर चारु की चूत की मालिश अंदर बाहर शुरू कर दी। चारु धीरे धीरे उई ऊई कर रही थी। मेरा लोड़ा पूरा गरम हो रहा था।

2 मिनट बाद नर्स बोली- ठीक है, एसे ही रात को सोने से पहले 5 मिनट तक मालिश कर देना।

इसके बाद उसने कुछ गोलियाँ दी और बोली- दो-दो गोली सुबह शाम खानी हैं, 7-8 दिन लगेंगे ठीक होने में, तब तक चूत में लोड़ा अंदर नहीं डालना है।

नर्स के मुँह से ये बातें सुनकर चारु शर्म से जमीन में गड़ी जा रही थी, नर्स मेरी तरफ देखती हुई रुखी सी देसी भाषा में बोली- तू दिखता तो साफ़ सुथरा और सीधा सा है लेकिन है बदमाश ! इसने सब बता दिया है। अपने लोड़े को अच्छी तरह साफ़ करके अंदर डालना।ये दाने साफ़ नहीं रहने के कारण होते हैं।

चारु की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत साफ़ रखा कर ! झांटे देख कितनी बड़ी बड़ी हो रहीं हैं। सन्डे की सन्डे झांटे साफ़ करने की क्रीम लगा कर डेटोल से चूत साफ़ करा कर।

आँख दबाती हुई नर्स बोली- तू भी कम नहीं लग रही है, डलवाती होगी तभी तो आगे पीछे दोनों तरफ से ये तेरी रोज़ मारता है। अब 7- 8 दिन चूत में लोड़ा मत घुसवाना और ज्यादा मन करे तो मुँह मैं ले लियो और इतने पे भी चैन न पड़े तो गांड में डलवा लेना लेकिन साफ़ सफाई से और गांड में जब भी डलवाए तो कंडोम लगा के डलवाना। चलो अब तुम लोग जाओ और अगर एक हफ्ते में दाने सही नहीं हुए तो दुबारा आना।

बाइक पर अब चारु मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी, दोनों चूचियाँ मेरी पीठ से दब रही थीं, बड़ा अच्छा लग रहा था।

तभी चारु ने मुझसे कहा- क्या हम कुछ देर कहीं रुक सकते हैं।

मैने बाइक रोकी और हम एक काफी हाउस में घुस गए, कोने में एक सीट पर बैठ गए।

चारु ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आज जो हुआ किसी को मत बताना, मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।

चारु बोली- डॉक्टर साहिबा ने नंगी कराने के बाद जब मेरी बड़ी बड़ी झांटें देखीं तो बहुत डाँटा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पति कैसे सेक्स करते हैं तो मुझे सच सच बताना पड़ा। आकाश रोज़ रात को अपना नंगा लंड मेरी चूत और गांड दोनों में डाल देते हैं, कई बार तो गांड से निकला लंड वैसे का वैसा ही चूत में डाल देते हैं। डॉक्टर यह सुन कर गुस्सा हो गई और उन्होंने तुम्हें बुला लिया। शर्म से में ये भी न बोल पाई की तुम मेरे पति नहीं हो।

मैं बोल उठा- आपकी चूचियाँ बहुत सुंदर हैं। चारु शरमा कर बोली- आपकी उंगली ने तो मेरी जान निकाल ली।

चारु और मैं मुस्करा पड़े।
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Ankit
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Re: पड़ोसी किरायेदार की ख्वाहिश

Post by Ankit »


चारु बोली- दवा आप अपने पास रख लें। इन्होंने देख ली तो मेरी जान ले लेंगे। चारु ने मेरा हाथ उठाकर अपनी जाँघों पर रख लिया, धीरे धीरे उसकी जांघें सहलाते हुए मैं उससे बातें करने लगा। काफी आ गई, पीते-पीते मुझे पता चला कि चारु पैसों की कमी के कारण क्रीम और कॉस्मेटिक नहीं खरीद पाती है। मेरा हाथ अब उसकी जाँघों के बीच चल रहा था, उसको मज़ा आ रहा था।काफी पीने के बाद मैंने उसे 1000 रुपए के कॉस्मेटिक और क्रीम दिलवाई। इसके बाद वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गई और हाथ उसने मेरे तने हुए लंड के ऊपर रख दिया। पूरे रास्ते वो मेरा लंड सहलाती हुई आई। मैं भी बाइक 20 की स्पीड से चला रहा था। उसके बाद हम घर आ गए।

चार बज़ रहे थे, हम दोनों ऊपर आ गए और अपने अपने कमरे में चले गए।

रात को चारु ने खाना 10 बजे तैयार किया ऊपर आज रात मैं और चारु अकेले थे, चारु और मैंने एक साथ खाना खाया, उसके बाद चारु बोली- मैं 11 बजे आपके लिए दूध लेकर आती हूँ।

11 बजे चारु पारदर्शी मैक्सी में दूध लेकर आई। उसकी लाल पैंटी और दूधिया चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं। मुझे देख कर वह मुस्करा रही थी।

मैंने दूध पीते हुए पूछा- क्रीम लगवानी है? चारु बोली- लगा दीजिएगा।

उसकी आँखों में एक कामुक चमक थी। दूध का गिलास रखने के बाद मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और अपने से चिपका लिया। उसके होंठ अब मेरे होंटों से चिपक गए थे। हम दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे।

इसके बाद मैंने चारु को बिस्तर पर गिरा दिया। उसकी मैक्सी खुल गई थी, नीचे सिर्फ एक लाल पैंटी थी, गुलाबी स्तन चमक उठे थे, जिन स्तनों को देखकर मैं 10 दिन से मुठ मार रहा था, आज वो मेरे हाथों में थे, उन्हें दबाते हुए बोला- सच, गज़ब के सेक्सी हैं तुम्हारे ये स्तन।

चारु ने मेरे मुँह में अपनी निप्पल लगा दी और बोली- आप इसे चूसो ना ! आज सुबह से मेरा बहुत मन कर रहा है कि आप मेरे इनसे खेलें।


मैंने उसके दूधिया स्तनों को दबाते हुए चूसना शुरू कर दिया।


चारु की उह आह उह कमरे में गूँज रही थी। उसकी निप्पल्स तन गई थीं, मसलाई अच्छी हो रही थी।


थोड़ी देर बाद मेरे हाथों से उसकी पैंटी भी नीचे उतर गई, चूत बिल्कुल चिकनी हो रही थी, शाम को ही साफ़ करी लग रही थी। मैंने उसकी चूत के होंटों पर अपनी उंगलियाँ फ़िराईं।


चारु पागल हो रही थी- बोली चोदो राहुल ! चोदो बहुत मन कर रहा है।


मैंने उठकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी जाँघों पर उसे बैठाते हुए उसकी जांघें और चूत सहलाने लगा।


मैंने कहा- एक हफ्ते तक तो चूत का दरवाज़ा बंद है।


चारु मेरे 7 इंची तने हुए लंड को दबाते हुए बोली- आज चोद दो, एक दिन से कुछ नहीं होता है। सच तुम्हें मैं अपने अंदर लेना चाहती हूँ, मेरी चूत चोदो।


उसकी चूत से काफी पानी बह रहा था, मेरा लंड भी चोदने को पागल हो रहा था।


चारु को मैंने लेटा दिया, उसने अपनी जांघें चौड़ी कर दी थीं, अपनी चूत में उंगली करते हुए बोली- राहुल, अंदर घुसाओ न !


मैं आज उसे चोदना नहीं चाहता था, लेकिन उसकी वासना को देखकर लग रहा था, जैसे कि अगर आज इसे छोड़ दिया तो कहीं निकल ना जाये।


अब हमारे बीच की दूरी ख़त्म होने वाली थी, मैंने देर किए बिना अपना लोड़ा उसकी चूत की फलकों पर लगा दिया और घुसाने लगा।


थोड़ी देर में लंड पूरा अंदर था। उसने टांगें मेरी पीठ पर बांध दी थीं, हम दोनों की साँसें तेज चल रही थीं। मैंने पेलना शुरू कर दिया था।
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Smoothdad
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Re: पड़ोसी किरायेदार की ख्वाहिश

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Very good plz continue
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Ankit
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Re: पड़ोसी किरायेदार की ख्वाहिश

Post by Ankit »

आह ! उह आह ! और करो ! आअहा की आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था। कुछ देर की चुदाई के बाद चारु का गर्भ वीर्य से नहा गया था।


वो मुझसे चिपक गई, कुछ देर तक शांति रही फिर हम दोनों बातें करने लगे। उसका चेहरा चमक रहा था, और उसकी आँखों में प्यार मुझे साफ नज़र आ रहा था।


चारु ने कहा- आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मज़ा आया है, वरना आकाश तो बस चढ़ जाते हैं ओर कुछ ही धक्को में खत्म। आप बहुत अच्छे हो, काश मुझे कोई आप जैसा पति मिला होता।


दो बजे के करीब हम सो गए।


सुबह चार बजे उसने मुझे उठा दिया, वो फिर मुझसे चिपक गई और अपने हाथ से मेरा लंड सहलाने लगी। थोड़ी देर में लंड चोदने के लिए तैयार था।


अबकी बार आराम से मैंने उसे कोहनी के बल घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया और आराम आराम से उसको चोदने लगा।


चुदते चुदते चारु बोली- सच राहुल, बहुत मज़ा आ रहा है तुमसे चुदने में ! थोड़ी तेज चोदो।


आह उह आह की आवाज फिर गूंज रही थी।


चारु मस्ती में बोली- आह आज मज़ा आ गया।


कुछ देर में चारु झड़ गई लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा था, मैंने उससे कहा- लो मुँह से करो ! थोड़ी न नुकुर करते हुए उसने मुँह मेंब लंड ले लिया और उसे चूसने लगी।


उसकी आँखों से आनन्द चमक रहा था।


लंड मुँह से बाहर निकाल कर बोली- मुँह में चूसने में मज़ा आ गया।


एक बार और चोदिये, ऊ उह उइ उई एक बार और चोदिये ना ! बड़ा अच्छा लग रहा है।


इस बार मैंने उसे लेटते हुए अपनी गोद में लोड़े पर चढ़ा लिया और लंड अंदर घुसा कर धीरे धीरे चोदते हुए उसके होंठ चूसने लगा।


15 मिनट होंट चूसने के बाद मेरा वीर्य उसकी चूत में बह गया।


अब तक सुबह के 6 बज़ चुके थे, मैक्सी पहन कर चारु नहाने चली गई।

मैं 2-3 घंटे सोया और उसके बाद ऑफिस निकल गया।

ऑफिस में मेरा काम कम्पनी में आने वाले मेहमानों का प्रबन्ध और उनका ख्याल रखना होता है।

आज बॉस नेबताया कि दो विदेशी आ रहे हैं, ऑफिस के गेस्ट हाउस में आज रात रुकेंगे, उनके लिए लड़की का इंतजाम करना है।

मैंने अपने एजेंट को फोन किया, उसने मुझे तीन बजे बुलाया। इसके बाद मैं तीन दिन बाद होने वाले सेमीनार के लिए होटल बुक करने चला गया। इन सब काम में 2 बज़ गए।

तब मैं अपने एजेंट के ऑफिस गया, ऑफिस एक होटल में था, मुझे वो अंदर ले गया, वहाँ उसने मुझे 10-12 लड़कियों की नंगी एल्बम दिखाई। उनमें से मैंने 4 लड़कियाँ देखनी चाहीं, उसने चारों को ऊपर बुला लिया।

एजेंट के कहने पर चारों ने अपने टॉप उतार कर नंगे स्तन दिखाए, सबका बदन एक से बढ़कर एक था। उनसे बात करने के बाद मैंने 2 लड़कियाँ 12-12 हज़ार में पूरी रात के लिए बुक करा दीं।

एजेंट का नाम संजीव था, हम लोग साथ साथ खाना खाने लगे, उसने बताया कि वो भी मेरी तरह एक कर्मचारी है, 10 लड़कियाँ उसे रोज़ की बुक करनी होती हैं। महीने के 1 लाख उसे मिल जाते हैं।

लड़कियाँ अधिकतर 20-22 साल की बार गर्ल हैं। कभी फंस जाती हैं तो जमानत भी करानी पड़ती है। कभी कोई काम हो तो बताना, इस धंधे में अच्छे बुरे कई लोगों से पहचान हो जाती है, और कभी चोदने का मन हो तो बताना, फ्री में दिलवा दूँगा।

हम लोग एक घण्टा साथ साथ रहे, इसके बाद मैं वापस ऑफिस आ गया।

रात को मैं 9 बजे वापस आया तो भाभी नीचे मिल गईं, कोमल के साथ चाय पी रही थीं। मुझे 15 दिन हो गए थे आए हुए, आज पहली बार कोमल से मिल रहा था।

कोमल कमसिन बदन की सुंदर सी 24 साल की लड़की थी लेकिन मुझे थोड़ी घमंडी सी लगी।

कोमल से मैंने पूछा- क्या काम करती हो?

कोमल बोली- राज होटल में फ़ूड मैनेजर हूँ। उसके बाद नमस्ते करके अंदर चली गई।

भाभी बोलीं- अच्छा कमा लेती है, अभी एक लाख का सोने का हार खरीदा है। इसके बाद भाभी बोलीं- कल कैसा रहा?

मैं बोला- ठीकठाक था।


भाभी ने मेरी चुटकी काटी और बोलीं- चारु से कुछ मज़ा लिया या ऐसे ही गए और आ गए, साली के दूध बड़े सुंदर हैं दबा देते कुछ ऊँच नीच होती तो मैं संभाल लेती।


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