मेरी बिगडेल जिद्दी बहन complete

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rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by rangila »

लेकिन मिली कुछ नही बोली और सिसकती ही रही मेरे बहुत पूछने के बाद वो धीरे से सीधी हुई और सिसकती हुई ही बोली "राजू मेरी क्लास मे एक लड़का है जो पहले तो मुझे घूरता रहता था लेकिन मैने उसे कुछ नही कहा फिर एक दिन उसने मुझे अकेले मे मिलने को कहा मैने मना कर दिया तो सभी के सामने मुझे गंदे गंदे कमेंट्स पास करने लगा लेकिन आज तो हद ही हो गई जब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ खिचने लगा वो तो अच्छा हुआ कि एक टीचर उधर से निकले तो उसने मेरा हाथ छोड़ दिया वरना पता नही क्या करता आज वो मेरे साथ"

मिली की बात सुनकर मेरा दिमाग़ घूम गया मेरे ही कॉलेज मे मेरी ही बहन के साथ ऐसी बदतमीज़ी मेरा खून खौल उठा क्योंकि आज की कंडीशन मे मैं उस कॉलेज का बॉस था वहाँ मेरे बगैर पत्ता भी नही हिल सकता था और इतनी बड़ी बात हो गई मेरी बहन के साथ अब ये बात अलग थी कि मिली के अड्मिशन के बाद हम दोनो एक बार भी साथ कॉलेज नही गये थे और नही वहाँ कोई जानता था कि वो मेरी बहन है हम ने कभी कॉलेज मे बात भी नही की थी अगर वो लड़का ये जानता होता तो शायद वो मिली की तरफ देखता भी नही

मैं गुस्से से खड़ा हुआ और बोला "मुझे उस लड़के का नाम बता मिली मैं अभी उसकी माँ चोद कर आता" हूँ और अपने कपड़े निकालने लगा मुझे पता ही नही चला कि मैं मिली के सामने गाली कैसे बक गया

"लेकिन राजू अभी वो तुझे वहाँ नही मिलेगा क्योंकि जाते वक्त वो मुझसे बोलता गया था कि आज तो मैं किसी काम से बाहर जा रहा हूँ लेकिन कल तेरी खैर नही इसीलिए मैं जल्दी से वापस आ गई कि कही वो दोबारा वापस ना आजाए" मिली बोली

"ठीक है कल तू मेरे साथ ही मेरी बाइक पर कॉलेज चलना और देखना कि मैं उसकी बहन कैसे चोदता हूँ" एक बार फिर मेरे मुँह से गाली निकल गई थी मिली को सच मे मेरे मूह से गाली सुनकर अटपटा लगा होगा क्योंकि मैने आज तक कभी भी उसके सामने गाली नही बाकी थी अब धीरे धीरे मेरा गुस्सा शांत होने लगा था जबकि मिली अभी भी कुछ सोच रही थी अब उसका चेहरा भी नॉर्मल हो गया था उसे कल मेरे साथ कॉलेज जाने की बात से बहुत तसल्ली मिली थी और अब तक वो भी जान गई थी कि कॉलेज मे मेरी क्या हैसियत है

"कल हम एक साथ ही कॉलेज जाएँगे लेकिन तुम किसी को ये मत कहना कि तुम मेरे भाई हो" मिली बोली

"फिर मैं उस लड़के को सबक कैसे सीखा पाउन्गा" मैं हैरानी से बोला

"अगर ऐसी बात है तो बोल देना कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ" वो बोली

"लेकिन तू ये क्यों नही चाहती कि कॉलेज मे ये बात पता चले कि तू मेरी बहन है" मैने पूछा

"तू ज़्यादा दिमाग़ मत चला और उतना ही कर जितना कहा गया है" मिली बोली

"नही तू जब तक नही बताएगी मैं नही मानूँगा" मैं भी ज़िद मे बोला

लेकिन मिली भी मिली थी वो कारण बताने को तैयार ही नही हो रही थी लेकिन जब मैने बोला कि कल सबसे पहले कॉलेज मे मैं ये ही बताउन्गा कि वो मेरी बहन है तब वो मानी और शरम से नज़रे नीचे कर के बोली "सारे कॉलेज की लड़किया जिसे अपना बाय्फ्रेंड बनाना चाहती है उसे मैं भाई कैसे बना सकती हूँ"

मिली की बात सुनकर मैं हैरान रह गया कि वो मेरे बारे मे ऐसा सोचती है वैसे मैं भी स्मार्ट लड़का हूँ और कॉलेज मे पढ़ाई के साथ साथ हर चीज़ मे अव्वल हूँ तो जाहिर है कि हर लड़की मुझे चाहत भरी नज़रो से देखती ही थी लेकिन मुझे कभी भी इष्क़बाजी मे इंटेरेस्ट नही रहा था इसलिए मैने कभी भी किसी लड़की को भाव नही दिया था लड़की क्या होती है वो तो मुझे उस दिन मिली को नंगी देख कर पता चला था


मिली के ऐसा कहने से मुझे अब शरारत सूझने लगी थी और मेरी आँखो के सामने मिली के बूब्स और मांसल नितंब घूमने लगे थे

"तो तू मुझे अपना बाय्फ्रेंड बनाना चाहती है" मैं उसकी जाँघ पर हाथ रखते हुए बोला

मेरा हाथ टच होते ही उसके शरीर ने एक झुरजुरी ली और उसने शरमाते हुए हां मे गर्दन हिला दी

"तुझे पता है कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड मे क्या क्या होता है" मेरा हाथ लगातार उसकी जाँघ पर घूम रहा था जिससे वो भी मस्त हो गई थी उसकी आँखो मे लाल डोरे तैरने लगे थे और वो बोली "नही पता बताओ क्या होता है"

"बताता नही कर के दिखाता हूँ" कह कर मैने उसे दबोच लिया और बेड पर लेटा दिया और एक बार फिर मेरे हाथ उसके बूब्स पर पहुच गये लेकिन इस बार मिली ने जमकर विरोध किया और अपने आप को मुझसे छुड़ा लिया और बेड से उतर गई और मुझे चिढ़ाने लगी मैं मूह फाडे उसे देखने लगा

"नई ड्रेस है खराब हो जाएगी बदल कर आती हूँ फिर अच्छे से बता देना कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड मे क्या होता है" कह कर उसने मुझे आँख मारी और हँसते हुए बाथरूम मे घुस गई मैं अभी भी मूह फाडे उसे देख रहा था.......


मिली बाथ रूम मे घुस चुकी थी और मैं अभी हुई मूर्खो की तरह बगैर पलके झपकाए शुन्य मे देख रहा था मेरे कानो मे अभी भी मिली के शब्द गूँज रहे थे "फिर बताना अच्छे से" तो क्या आज मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलेगा या सिर्फ़ उपर उपर से ही मन बहलाना पड़ेगा मेरे मन मे यही सोचे चल रही थी आख़िर कुछ भी हो मिली मेरी बहन थी और मैं अपनी ओर से पहल नही करना चाहता था लेकिन उसे मेरे साथ ये सब करना मंजूर था तो मुझे कोई ऐतराज नही था


तभी मिली के हल्के से खांसने की आवाज़ आई मैने अपनी सोचों से बाहर आकर सामने देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई मिली मुझसे दो कदम की दूरी पर खड़ी थी और एकदम कयामत बरपा रही थी वो इस वक्त एक झीनी सी नाइटी पहनी हुई थी जिसमे से उसका सारा शरीर नज़र आरहा था खास बात ये थी कि उसने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ था 'याने कि आज मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलेगा तभी तो मिली ने ब्रा और पैंटी नही पहनी है' ये विचार मन मे आते ही मेरा गला सूखने लगा और मैने अपने होंटो को अपनी जीभ से गीला किया

मिली की पारदर्शी ड्रेस से उसके बूब्स बिल्कुल क्लियर नज़र आरहे थे टाँगे आपस मे मिली हुई थी इसलिए चूत तो नज़र नही आ रही थी लेकिन उसकी भारी और गोरी चिकनी जांघे कहर ढा रही थी मन कर रहा था कि उसके बूब्स और जांघे मसल डालु मैं अभी भी मूह खोले मूर्खो की तरह ही उसे घूर रहा था

"ऐसे क्या देख रहे हो आज तक कोई लड़की नही देखी क्या" मिली की इस आवाज़ के साथ ही मेरी तंद्रा टूटी और शर्म के मारे मैं झेप गया और मिली से नज़रे चुराने लगा मुझे ऐसे देख मिली बेड पर आकर मेरे बाजू मे बैठ गई और मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए बोली "हां तो राजू बोल तू मुझे क्या बता रहा था बाय्फ्रेंड और गर्लफ्रेंड के बारे मे"

मिली के मेरे पास बैठते ही उसके बदन की मादक सुगंध से मेरे रोम रोम मे एक नशा सा भरता जा रहा था साथ ही उसका हाथ जो मेरे हाथ पर धीरे धीरे आगे बाद रहा था मुझे रोमांचित किए जा रहा था "बता ना राजू तू क्या बताने वाला था मुझे" मिली अब अपने उसी हाथ को मेरी जाँघो पर फेरते हुए बोली

मिली का हाथ अपनी जाँघो पर टच होते ही मुझे करेंट सा लगा और मेरा लंड पूरी तरह फनफना गया और उसने बॉक्सर मे एक बड़ा सा टेंट बना लिया मिली की नज़र भी उस टेंट पर पड़ गई थी अब उसका हाथ जाँघो से भी आगे बढ़ कर बिल्कुल मेरे लंड के पास पहुच गया था

"बता ना राजू क्या करते है गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड आपस मे" मिली बोली और कपड़े के उपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया
मिली की इस हरकत से मेरा सब्र जवाब दे गया और वैसे भी वो मेरा लंड पकड़ कर मुझे हरी झंडी दिखा चुकी थी मैने वैसे ही बैठे बैठे उसे अपनी एक बाँह से गिरफ़्त मे लिया और उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और एक हाथ से उसके एक मम्मे को मसल्ने लगा मिली भी अब मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी और मुझसे भी ज़्यादा जोश मे मेरे होंठ चूस रही थी मेरी भी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और मैं अपना एक हाथ उसकी पूरी पीठ पर घुमा रहा था और उसके बूब्स भी मसल रहा था लगभग 5 मिनिट तक यही खेल चलता रहा अब शायद मिली इससे भी आगे बढ़ना चाहती थी "राजू क्या इतना ही करते है गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड आपस मे" मिली बोली


ये स्पष्ट इशारा था मुझे आगे बढ़ने के लिए मैने आव देखा ना ताव खड़े हो कर झट से अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया मेरा 8 इंच का मोटा लंड खुली हवा मे साँसे लेने लगा लंड को देखते ही मिली का हलक सुख गया और वो अपना थूक निगलने लगी अब मैने देर ना करते हुए मिली की नाइटी भी उतार कर फेक दी और उसे लेटा कर उसके बगल मे लेट कर एक हाथ से उसका एक बुबू मसलते हुए एक बुबू को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा मिली ने भी देर ना करते हुए मेरा मोटा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी

अब मेरा एक हाथ जो अभी तक उसके बूब्स से खेल रहा था वो उसकी पीठ सहलाने लगा करवट पर होने के कारण मेरा हाथ उसकी सारी पीठ को सहलाते हुए अब उसके भारी नितंहो पर पहुच गया था हायययी....क्या मखमली अहसास था मेरी बहन के चुतड़ों का ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ किसी कठोर स्पंज पर चल रहे हो मिली भी अब और जोरो से मेरे लंड को उमेठ रही थी और मूह से आहे निकाल रही थी तभी मेरा हाथ उसकी गान्ड की दरार पर घूमने लगा और जैसे ही मेरा हाथ उसकी गान्ड के छेद से टकराया मिली चिहुक उठी 'उफफफफ्फ़' की मादक आवाज़ उसके मूह से निकल गई


उसकी गान्ड का छेद मज़े मे खुल बंद हो रहा था और मुझे बहुत ही मज़ा आरहा था अब मैं अपनी कमर चलाने लगा था मिली भी समझ गई और उसने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया जिससे वो आसानी से आगे पीछे होने लगा अब मैं अपनी बहन के हाथ की मुट्ठी को ही चोद रहा था

थोड़ी देर उसकी गान्ड की दरार को सहलाने के बाद अब मेरा हाथ उसकी चूत पर आ गया था जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत से छुआ उसके शरीर ने एक झटका सा खाया और उसने अपनी आँखे बंद करते हुए अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा लिया आज पहली बार उसकी कुवारि चूत पर किसी आदमी का हाथ चल रहा था मैं उसकी गीली चूत को अपनी मुट्ठी भर कर भीच रहा था मिली मज़े मे 'हआयईीई...उउफफफ्फ़....हूंम्म....ऑश..माआ...हूंम्म' जैसी मादक आवाज़े अपने मूह से निकाल रही थी


अब मैं मिली की चूत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद कर चुका था और उसकी फांको के बीच अपनी उंगली घुमा रहा था जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के द्वार से टकराया उसने एक मादक सिसकारी भरी मैं समझ गया कि जन्नत का दरवाजा यही है और मैने झट से अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसानी चाही लेकिन उंगली आधी जाते ही किसी दीवार से टकराई और रुक गई उंगली अंदर जाते ही मिली "ओह्ह...माआ...मर गई री...." कह कर चिल्ला उठी लेकिन मैने कोई परवाह नही की और ज़ोर ज़ोर से उसकी मुट्ठी को चोदते हुए उसकी चूत मे अपनी आधी उंगली चलाने लगा थोड़ी देर बाद ही मिली अकड़ने लगी और मस्ती मे पता नही क्या बड़बड़ाने लगी यहाँ तक कि उसने मेरा लंड भी छोड़ दिया और अपने हाथ से मेरे बाल पकड़ कर जोरो से खिचने लगी मैं समझ गया कि उसका काम होने वाला है इसलिए मैं उसका एक बुबू जोरो से चूस्ते हुए उंगली की स्पीड भी बढ़ाता गया बार बार मेरी उंगली उसकी चूत की दीवार से टकरा रही थी और इधर मेरा भी हाल बुरा होने लगा था कि तभी मुझे लगा कि कोई चिपचिपी चीज़ मेरी हथेली को भिगो रही है मैं समझ गया कि वो झड चुकी है अब मैने भी वही भीगी मुट्ठी अपने लंड पर कसी और ज़ोर ज़ोर से मूठ मारने लगा थोड़ी ही देर मे मेरे लंड ने पिचकारिया छोड़नी शुरू कर दी लेकिन मैने अपना सारा माल ज़मीन पर ही निकाला मिली पर नही जाने दिया जब मैं पूरी तरह झड गया तब मैने मिली की तरफ देखा वो अब चित लेटी हुई आँखे बंद किए ज़ोर ज़ोर से गहरी साँसे भर रही थी चूकि मैं भी बहुत थक गया था इसलिए मैं भी उसके उपर ढेर हो कर उसकी गर्दन को चूमते हुए लंबी लंबी साँसे भरने लगा मिली ने तुरंत ही अपने हाथ मेरी गर्दन मे पिरो दिए और मेरे सिर के बाल सहलाने लगी हम दोनो भाई बहन अब सारी दुनिया को भूल कर नंगे ही एक दूसरे से चिपके बेड पर पड़े थे.....
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VKG
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

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मस्त अप्डेट लगे रहो
@V@
chusu
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by chusu »

sahi....................
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