मेरी बिगडेल जिद्दी बहन complete

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VKG
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by VKG »

बहुत खूब आगे बढ़ते रहे
@V@
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rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by rangila »

shubhs wrote: 29 Jun 2017 18:41जरूर
rajaarkey wrote: 29 Jun 2017 19:48 गजब की थीम है दोस्त कहानी की और रफ़्तार भी बहुत अच्छी है सेक्स का कहना ही क्या
VKG wrote: 29 Jun 2017 20:37 बहुत खूब आगे बढ़ते रहे
Thanks to all
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rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by rangila »

अब मैं सोच मे पड़ गया था मिली का इशारा ओरल सेक्स की तरफ था वैसे भी मिली के सामने रीना कुछ भी नही थी और जब मिली आज ओरल करने को तैयार है तो आगे भी कुछ करने को तैयार हो ही जाएगी ये सौदा मुझे फ़ायदे का लगा

"ठीक है मिली जब तक तू मुझे संतुष्ट करती रहेगी मैं रीना की तरफ देखूँगा भी नही समझ ले मैने आज और अभी से ही उसका साथ छोड़ दिया"मैं बोला

"ये हुई ना बात" मिली के चेहरे पर खुशी सॉफ झलक रही थी...........

मेरी बात सुनकर मिली का चेहरा खिल गया था अब उसने झट से फिल्म दोबारा चला दी फिल्म मे अब चुदाई शुरू हो चुकी थी लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था मैं अभी भी यही सोच रहा था कि मिली के मोबाइल मे ये फिल्म कैसे आई कहीं उसका कोई बॉय फ्रेंड तो नही है क्या वो पहले भी चुदाई तो नही कर चुकी तभी मिली की नज़र मुझ पर पड़ी मुझे सोच मे डूबे देख उसने एक बार फिर फिल्म रोक दी और बोली "क्या सोच रहा है राजू"

"तेरे पास ये फिल्म कहाँ से आई" मैं बोला

"ये फिल्म तो पिछले दो साल से मेरे पास है स्कूल मे मेरी सहेली के मोबाइल से ली थी" मिली बोली

"तो क्या तुम इतने दिनो से ऐसी फ़िल्मे देख रही हो और तुम्हारी सहेलियाँ भी देखती है ऐसी फिल्म" मैं बोला

"हां हम सभी सहेलिया ये फिल्म देखती है और इसमे ग़लत क्या है हम भी तो आख़िर इंसान है हमारी भी इच्छा होती है ये सब करने की" मिली ने जवाब दिया

"तो क्या तुम भी किसी के साथ ये सब कर चुकी हो" मैं लॅपटॉप की तरफ इशारा करते हुए बोला

"नही मैने आज तक कभी भी सेक्स नही किया है मैं एकदम वर्जिन हू अभी तक लेकिन अपनी उंगली का इस्तेमाल बहुत बार किया है"

"उंगली का इस्तेमाल? मैं कुछ समझा नही" मैं बोला और सच मे उस वक्त तक नही जानता था

"तू भी ना नीरा बुद्धू है ये देख" कह कर उसने फिल्म शुरू कर दी जिसमे लड़के का लंड लड़की की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था और बोली "जैसे लड़की की उसमे लड़के का वो पंपिंग कर रहा है ना मैं उसी तरह अपनी उस मे अपनी उंगली अंदर बाहर कर के काम चला लेती हूँ"

मिली की बात सुनकर एक बार फिरसे मेरा मौसम बनने लगा था और अब मैं नॉर्मल भी हो गया था मेरे मन मे शरारत वाला कीड़ा कुलबुलाने लगा था "तू ये क्या बोल रही है 'वो' 'उसमे' ये मुझे कुछ समझ नही आरहा है ज़रा खुल कर बोल ना"


मिली समझ गई कि मैं उसके मुँह से क्या कहलवाना चाहता हूँ और वैसे भी हम दोनो अभी तक बहुत खुल चुके थे आपस मे और आगे भी बहुत कुछ करने वाले थे शायद इसीलिए मिली ने बगैर झिझक के बोल दिया "मैं अपनी चूत मे लंड की जगह अपनी उंगली चला कर ही काम निकाल लेती हूँ, यही सुनना चाहता था ना तू"

मिली की बात सुनकर मेरे लंड मे और भी ज़्यादा तनाव आ गया था और मेरा ध्यान एक बार फिर फिल्म की तरफ चला गया जहाँ धुआधार चुदाई चल रही थी मिली भी मेरे साथ फिल्म देखने लगी....


फिल्म मे लड़का चुदाई करते हुए लड़की के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था उसे देख कर मेरे भी हाथो मे खुजली होने लगी थी मिली मेरे साइड मे ही बैठी थी मैने धीरे से अपना हाथ उसके गले मे डाल दिया और कपड़ो के उपर से ही उसके बुबू को धीरे धीरे मसल्ने लगा लेकिन मिली ने कोई विरोध नही किया शायद उसकी भी यही मर्ज़ी थी वो भी फिल्म देख कर गरम हो चुकी थी अब मेरे हाथ उसके मांसल बूब्स को अच्छी तरह निचोड़ रहे थे और मेरा लंड मेरे लोवर को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था मैने अपने एक हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया मिली ने फिल्म से नज़रे नही हटाई और मेरे लंड को मसल्ने लगी कुछ देर ऐसे ही चलता रहा लेकिन कपड़ो के उपर से करने मे मुझे मज़ा नही आरहा था तो मैने अपना हाथ मिली के टॉप के अंदर डाल दिया और उसकी ब्रा के अंदर हाथ घुसेड कर उसके बूब्स दबाते हुए फिल्म देखने लगा शायद मिली को भी नंगे लंड से ही खेलना था इसलिए उसने भी मेरे लोवर मे हाथ डाल दिया अब मेरा लंबा मोटा औजार उसके हाथ मे था जिसे वो पूरी ताक़त से मसल रही थी और खीच रही थी लगभग 5 मिनट तक यही सब चलते रहा कि तभी वो फिल्म ख़तम हो गई मिली ने तुरंत दूसरी फिल्म लगा दी

अब मुझसे रहा नही जराहा था मेरा लंड दर्द करने लगा था तो मैं बोला "बस मिली अब बहुत हो गया मेरा लंड दर्द कर रहा है इसे शांत कर दे"

मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुराते हुए बोली "ठीक है निकाल उसे बाहर"

"ऐसे नही ऐसे मज़ा नही आएगा एक काम करते है दोनो ही नंगे हो जाते है तब ज़्यादा मज़ा आएगा" मैं बोला

मिली भी शायद यही चाहती थी कुछ ही पॅलो बाद हम दोनो नंगे हो चुके थे और बेड से नीचे एक दूसरे के सामने खड़े थे
अब मैं मिली की तरफ ही देख रहा था क्योंकि कहाँ से शुरू करू मुझे समझ नही आरहा था मिली मेरी परेशानी समझ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरा सिर पकड़ते हुए अपने होठ मेरे होंठो से जोड़ दिए अब मिली के बूब्स मेरे सीने पर दब रहे थे और मेरा लंड उसकी चूत के पास रगड़ खा रहा था और मेरे हाथ उसके मांसल गुदाज भारी नितंबो को मसल रहे थे..........
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rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

Post by rangila »

मेरे हाथ मिली के भारी नितंबो को सहला रहे थे और मेरा लंड लगातार उसकी कुआरी चिकनी चूत पर रगड़ खा रहा था मिली भी पूरी मस्ती मे मेरे होठ चूस रही थी और उसकी गोल गोल सॉफ्ट लेकिन थोड़ी सी सख़्त चुचिया मेरी छाती मे गढ़े जा रही थी मेरे लंड की चुभन शायद उसे भी अपनी चूत पर महसूस हो रही थी इसलिए वो भी अपनी कमर मटका मटका कर अपनी चूत को मेरे लंड पर ठेले जा रही थी

मैं सचमुच स्वर्ग का सा आनंद ले रहा था ऐसा मज़ा आज तक मुझे नही मिला था मैं भी अपनी मस्ती मे सराबोर हो चुका था अब मेरा एक हाथ मिली के कूल्हे पर था और दूसरा उसकी एक चुचि को मसल रहा था मैं दीवानो की तरह मिली के होंठो को सहयोग करते हुए लिप किस का पूरा मज़ा ले रहा था कि तभी मेरा हाथ जो मिली के भारी कुल्हो से खेल रहा था वो उसकी गान्ड की दरार पर चला गया मिली का शरीर हल्का सा कांपा लेकिन फिर नॉर्मल हो गया अब मैं अपने उस हाथ की उंगलिया मिली की गान्ड की दरार मे उपर से नीचे तक घुमाने लगा अब मिली और भी जोश मे आ गई थी और मेरे सिर के बालो को ज़ोर ज़ोर से खिचते हुए मेरे मूह मे अपनी जीभ चला रही थी


अचानक ही मेरी एक उंगली मिली की गान्ड के छेद से टकराई और मिली का सारा बदन कांप उठा 'उम्म्मह' की एक मादक सिसकारी उसके मूह से निकली लेकिन मेरे मूह के ढक्कन की वजह से वहीं घुट कर रह गई अब मैने उसके बूब्स दबाना छोड़ कर अपना एक हाथ उसकी कमर पर कस दिया और अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद पर सहलाने लगा मेरी इस हरकत से मिली सिहर उठी और अपने बदन को हिलाने लगी जिससे अब मेरा लंड उसकी चूत पर और भी ज़्यादा चुभने लगा उसकी चूत की गर्मी और गीला पन मैं अपने लंड पर सॉफ महसूस कर रहा था अभी ऐसा करते हुए दो मिनट भी नही हुए होंगे कि मिली का शरीर अकड़ने लगा उसने मेरे होठ चूसना बंद कर दिया और अपने शरीर का सारा बोझ मुझ पर डालते हुए पीछे की तरफ धनुष की तरह टेढ़ी हो गई जिससे उसकी चूत बिल्कुल मेरे लंड से सट गई अब मैं अपने लंड पर उसकी चूत से झरता हुआ पानी अच्छे से महसूस कर रहा था शायद मिली झड गई थी


मिली की चूत इतने पास पा कर मेरे सबर ने भी जवाब दे दिया और मैने वापस उसे अपने सीने पर झुकाते हुए उसके दोनो कुल्हो को नीचे से पकड़ा और थोड़े से घुटने मोडते हुए एक धक्का लगा दिया

'ऊहह... माआअ.....उउफफफ्फ़...मर गैिईई' एक दर्दीली चीख मिली के मूह से निकली लेकिन रूम का दरवाजा बंद होने के कारण बाहर तक नही जा पाई

मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे लंड के सुपाडे का कुछ हिस्सा किसी भट्टी जैसी जगह मे घुस गया हो

मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे लंड का कुछ हिस्सा मिली की चूत मे घुस गया था मिली तो उस झटके से हिल ही गई थी वो मुझसे अलग होने के लिए छटपटाने लगी थी मैं भी उसकी चीख से कुछ घबरा गया था इसलिए मैने भी उसे छोड़ देने मे ही अपनी भलाई समझी और अपने शरीर को पीछे खिचते हुए मिली से अलग हो गया


मेरे अलग होते ही मिली बेड पर गिर कर गहरी गहरी साँसे लेने लगी तभी मेरी नज़र उसकी चूत पर पड़ी लेकिन मुझे उसकी चूत पहले जैसी ही लगी शायद मेरा लंड उसकी सील नही तोड़ पाया था इसलिए वहाँ खून भी नही दिख रहा था मैं भी मिली के पास जाकर बैठ गया और उसके सिर को सहलाने लगा कुछ देर बाद मिली ने आँखे खोली और मुझे देख कर कहा "मैने तुझसे कहा था ना कि हम सेक्स नही करेंगे फिर भी तूने मुझे चोदने की कोशिश की"

"सॉरी यार पता नही कैसे ये सब हो गया जबकि मुझे तो पता भी नही है कि चूत का मूह कहाँ होता है जहाँ से चुदाई की जाती है" मैने मायूस स्वर मे जवाब दिया

अब हम दोनो ही खुले शब्दो मे बाते कर रहे थे
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