दीदी और बीबी की टक्कर complete

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Re: दीदी और बीबी की टक्कर

Post by 007 »

VKG wrote: 04 Aug 2017 12:08Twist
mylove wrote: 05 Aug 2017 08:49 bahi ab ek update tu banta hai
Kamini wrote: 05 Aug 2017 13:21 Ab kya hoga, ,.,:-(
Ankit wrote: 05 Aug 2017 19:41superb bhai
Thanks dosto
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Re: दीदी और बीबी की टक्कर

Post by 007 »

राज के दोनो कान सुन्न होने लगे उससे बर्दास्त नही हो रहा था...स्वेता बहुत बुरा-भला सुना रही थी. राज की दीदी अनिता ने जब देखा कि अब राज गुस्से मे ज़यादा आ गया है तो अनिता कुच्छ सोचते हुए,,स्वेता..

स्वेता एक दम अनिता पर गुस्सा होते हुए,,चुप कर रंडी अपने भाई से मुँह काला करवाने मे तुझे शर्म नही आई अपनी गंदी ज़ुबान से राज का नाम मत ले राज तेरा मुँह नोच लूँगी..तू एक नंबर की रंडी है बल्कि रंडियो से भी बदतर है..

अपनी बीवी स्वेता के मुँह से अपनी दीदी अनिता के बारे मे इतनी घटिया गालियाँ सुनकर राज को लकवा मार गया वो गुस्से से एक दम पागल हो गया उसका पूरा बदन काँपने लगा. राज अपनेआप से बाहर हो गया.. वो गुस्से मे काँपते हुए अपनी बीवी स्वेता के सामने आया और खीच कर एक ऐसा थप्पड़ स्वेता के गाल मे मारा कि स्वेता का दिमाग़ सुन्न पड़ गया..स्वेता की आँखो के आगे अंधेरा छाने लगा..वो बेहोश होकर नीचे गिरने लगी तभी अनिता ने दौड़ कर स्वेता को अपनी बाहों मे थाम लिया.. राज गुस्से मे आकर अपने रूम मे चला गया..अनिता ने स्वेता को सोफे पर लिटाया ऑर दौड़ कर एक ग्लास पानी ले आई..ऑर स्वेता के मुँह पर छिड़कने लगी. स्वेता तुरंत होश मे आ गई उसके गालो पर राज की पाँचो उंगलिया छप गयी थी..एक ही थप्पड़ मे उसका दिमाग़ शांत हो गया होश मे आते ही स्वेता की आँखो से आँसू बहने लगे..अनिता उसके पास मे बैठते हुए,,उसकी आँखो से बहे आँसुओ को पोछने की चेस्टा करने लगी तो स्वेता अचानक अनिता के हाथो को झटक कर अपने रूम मे चली गयी...अनिता वहाँ से उठी ऑर वो भी स्वेता के पिछे चली गयी..अंदर घुसते ही अनिता ने रूम को अंदर से बंद कर दिया..राज बेड पर किनारे बैठा हुआ था स्वेता अपने दोनो पैरो को लटका कर बैठी हुई थी..

राज काफ़ी गुस्से मे लग रहा था अनिता अपने दोनो को जोड़ कर स्वेता के सामने अपने घुटनो के बल बैठते हुए,,प्लीज़ स्वेता अगर तुम्हारे दिल मे थोड़ी सी भी जगह मेरे लिए है तो मुझे माफ़ कर दे.. मुझे प्लीज़ माफ़ कर दे राज तुम्हारी ऑर राज की जिंदगी मे कभी नही आउन्गी ..इतना बोलते ही अनिता की आँखो से आँसू बहने लगे... लेकिन स्वेता पर कोई प्रभाव नही पड़ा उसने अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.

.अनिता ये देख कर चुप-चाप वहाँ से रोते हुए रूम से बाहर निकलने लगी.. राज अपनी दीदी अनिता को रोता देखकर एक झटके मे बेड पर से नीचे उतरा ऑर दौड़ कर अपनी दीदी अनिता को गले से लगा लिया..अनिता अपने भाई के गले से बुरी तरह चिपक कर रोने लगी..प्लीज़ माफ़ कर दो राज तुम्हारी जिंदगी मे दखल नही दे सकती..अब तुम अपनी बीवी के साथ सुख शांति से रहो..

अपनी दीदी की बातो को सुनकर राज का कलेज़ा फॅट गया उसने अपनी दीदी को ज़ोर से अपनी सीने मे चिपकाते हुए,,नही अनिता तुम भी मेरी बीवी हो राज तुमसे बहुत प्यार करता हूँ राज तुम्हारे बगैर एकपल भी जिंदा नही रह सकता.

तुम मेरे ही पास ही रहोगी..तुम मेरी हो.. आइ लव यू अनिता जान..

अनिता अपने भाई के सीने पर अपने गालो को रगड़ते हुए,,आइ लव टू राज.. राज भी तुम्हारे बगैर जिंदा नही रह सकती..

बहुत देर तक राज ने अपनी दीदी को अपनी बाहों मे चिपकाए रखा..स्वेता इन्दोनो भाई-बहन के प्यार को देख कर जुल-भुन गयी..थोड़ी देर के बाद राज अपनी दीदी को अपने साथ लिए स्वेता के सामने आया ऑर उसके आँखो मे देखते हुए,,अपनी आँखो को खोल कर देख ये मेरी दीदी पहले थी लेकिन अब मेरी बीवी है इनके गले मे बँधा मंगलसूत्र कोई शोभा की वस्तु नही है ये राज ने बँधा है.. माँग मे दमकता सिंदूर भी चीख -चीख कर राज का नाम पुकार रहा है..ये मेरी प्यारी दीदी पहले थी लेकिन अब मेरी जान बन गयी है ये मुझसे अलग हो गयी तो राज एक पल भी जिंदा नही रह पाऊँगा..इनके शरीर मे मेरे प्राण बसते है.. अब तू फ़ैसला कर ले कि तुझ को रहना है या नही..अगर तुम मिलकर रहोगी तो रह सकती हो नही तो यहाँ से जा सकती हो..

स्वेता अपने पति की बातो को सुनकर अवाक रह गयी..राज ने बिना कुच्छ बोले अनिता को अपनी बाहों मे उठा लिया ऑर लाकर उसे बेड के दूसरे किनारे पर लिटा दिया..स्वेता खून के घूँट पीते हुए,,ठीक है राज भी यहाँ एक पल भी नही रह सकती.. राज सुबह होने से पहले ही चली जाउन्गी..इतना कहते ही स्वेता लेट गयी बीच मे राज ऑर दूसरे तरफ अनिता


तीनो सोने की कोशिस करने लगे लेकिन किसी की भी आँखो मे नींद नही थी. कब कौन सो गया पता ही नही चला..सुबह जब लगभग 8:00 राज की आँखे खुल गयी..राज जैसे ही उठा तो चॉक पड़ा राज स्वेता को अपनी बाहों मे भरे सो रहा था. राज उठ कर बैठ गया उसने इधर-उधर देखा तो अनिता उसके पास मे नही थी राज नीचे उतरा तभी उसके बेड पर एक काग़ज़ दिखाई दिया राज ने उसे उठाया...वो एक चिट्ठी थी वो उसे पढ़ने लगा,,
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Re: दीदी और बीबी की टक्कर

Post by 007 »



तभी उसके बेड पर एक काग़ज़ दिखाई दिया राज ने उसे उठाया...वो एक चिट्ठी थी वो उसे पढ़ने लगा,,

मेरे प्यार भाई राज राज अनिता आज सदा के लिए यहाँ से तुम्हारी जिंदगी से जा रही हूँ..क्योकि राज जानती हूँ कि मेरे रहते तुम्हारी बीवी नही रह सकती मुझसे जो भी ग़लती हो गयी हो उसे माफ़ कर देना ऑर हाँ मुझे खोजने की कोशिस मत करना..क्योकि राज अब नही मिलूंगी .अब तुम सोच रहे होगे कि राज कैसे तुम्हारे बगैर रह पाउँगी तो भूल मत जाना कि मेरे पेट मे तुम्हारा बच्चा पल रहा है राज उसी के सहारे अपनी पूरी जिंदगी बिता दूँगी..आज दस बज़े की ट्रेन से राज मुंबई जा रही हूँ.. जबतक तुम्हें ये काग़ज़ मिलेगा तबतक राज शायद इस शहर से निकल जाउन्गी..
तुम्हारी दीदी ऑर बीवी अनिता..?

राज ने लेटर को बोलकर पढ़ा था..स्वेता भी नींद से जाग चुकी थी जब उसने लेटर की बातो को सुना तो उसे भी पछतावा होने लगा.. इधर राज लेटर पढ़ते ही धडाम से नीचे गिर पड़ा उसकी आँखे बंद हो गयी वो बेहोश हो गया..आज राज का दिल शीशे की तरह चकनाचूर हो गया था उसमे थोड़ी सी भी ताक़त नही बची कि खड़ा भी रह पाए..राज नीचे गिरते ही बेहोश हो गया .. स्वेता पानी के छीन्टे मारकर उसको होश मे लाने की चेस्टा करने लगी लेकिन राज बिल्कुल प्राणहीन हो गया उसके बदन मे मानो प्राण ही नही बचे हों वो भी अनिता के साथ चला गया हो .

लगभग दस मिनिट्स के बाद जब राज होश मे नही आया तो वो स्वेता ज़ोर से रोने लगी...उसका रोना सुनकर राज की मौसी पूनम दौड़ती हुई आई..राज को इतनी बुरी हालत मे बेहोश होता देख कर पूनम की साँसे रुक गयी, वो अपने आप को काबू मे रखते हुए स्वेता को चुप कराई ऑर तुरंत राज को लेकर एक हॉस्पिटल मे ले गयी..हॉस्पिटल मे राज को आइ.सी.यू.मे भरती कर दिया गया..लगभग दो घंटे के बाद राज अपने होश मे आया..होश मे आनेपर राज केवल अनिता के नाम को रटने लगा..अनिता..अनिता..अनिता..अनिता

डॉक्टर राज के होश मे आते ही.. हेलो मिस्टर.राज आप कैसा महसूस कर रहे है. राज डॉक्टर की ओर बिना देखे हुए,,अनिता...अनिता..अनिता..अनिता.

ये जबाव सुनकर डॉक्टर.अवाक होकर बाहर निकले..स्वेता दौड़ते हुए डॉक्टर.के पास आकर,,क्या हुआ डॉक्टर साहब अभी तक मेरे पति होश मे आए कि नही..

डॉक्टर चिंता भाव से स्वेता की ओर देखते हुए,,आपके पति तो होश मे आ गये लेकिन वो केवल अनिता..अनिता की रट लगाए जा रहे है..लगता है उनको बहुत बड़ा सदमा लग चुका है आप जल्दी से अनिता को लाकर उनसे मिला दीजिए नही तो बहुत बड़ा ख़तरा हो जाएगा आपके पति को ब्रेन हमरेज़ हो जाएगा.. स्वेता डॉक्टर की बातो को सुनकर काँप गयी अब उसे समझ आ गया कि राज अपनी दीदी से बहुत प्यार करता है..सच मे उनका प्राण उनकी दीदी मे है..स्वेता बिना राज को देखे हॉस्पिटल से निकली ऑर एक टॅक्सी पकड़ कर रेलवे स्टेशन की ओर चल दी....इधर रेलवे स्टेशन पर अनाउसमेंट हो गया कि मुंबई जानी वाली ट्रेन प्लॅटफॉर्म पर थोड़ी ही देर मे आ रही है.... सारे यात्रियो मे अनिता भी अपना सूटकेस लेकर खड़ी हो गयी ऑर ट्रेन का इंतजार करने लगी....

स्वेता जब टॅक्सी से नीचे उतरी ऑर टॅक्सी से नीचे उतरते ही प्लतेफोर्म की ओर भागी....तबतक गाड़ी प्लॅटफॉर्म पे लग चुकी थी स्वेता गिरते हुए प्लेटफार्म पे आ गई ऑर चारो ऑर अनिता को देखने लगी..तभी बोगी नंबर.6 के पास अनिता दिख गयी जो ट्रेन मे चढ़ने जा रही थी..स्वेता दौड़ते हुए अनिता की ओर बढ़ी तभी उसके पैर का अंगूठा उसकी साड़ी मे फस गया वो धडाम से अपने मुँह के बल गिर पड़ी ऑर उसके मुँह से एक भयंकर चीख निकल गयी...दीदी..

अनिता के कानो मे जब आवाज़ पड़ी तो वो पहचान गयी कि ये स्वेता की आवाज़ है वो अपने सूटकेस लेकर जैसे ही मूडी तभी उसके सामने स्वेता दिखाई पड़ी जो गिरी हुई थी उसके मुँह से थोड़ा-थोड़ा खून बह रहा था..अनिता तुरंत स्वेता के पास आई ऑर स्वेता के कंधो को पकड़ते हुए खड़ा होने में मदद की..खड़ा होते ही स्वेता अनिता से बिल्कुल चिपक गयी ऑर फुट-फुट के रोने लगी..स्वेता को रोता देख अनिता ने उसके सर को पकड़ कर अपने सीने मे छुपा लिया..उसकी पीठ को सहलाने लगी थोड़ी देर के बाद ट्रेन वहाँ से निकल गयी..

अनिता अपने हाथो से स्वेता की पीठ को सहलाने लगी उसकी आँखो से आँसू गिरकर अनिता के ब्लाउस को भिगो रहे थे. कुच्छ देर के बाद स्वेता ने अपने सर को उपर उठाते हुए..दीदी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो आपके बगैर राज बेहोश होकर बीमार पड़े हुए है ऑर हॉस्पिटल मे होश मे आने पर भी केवल आपके नाम को पुकार रहे है प्लीज़ राज आपसे खफा नही हूँ...
इतना बोलते ही स्वेता बुरी तरह अनिता के सीने से चिपक गयी...अनिता उसको अपने सीने से हटाते हुए अपनी साड़ी के पल्लू से उसके आँसुओ को पोछते हुए,,चुप हो जा राज तुझसे खफा नही हूँ..स्वेता चुप होकर अनिता का सूटकेस उठाते हुए,,हाँ दीदी जल्दी से चलो..अनिता जल्दी से स्वेता के साथ मे निकल गयी..

अब स्वेता ने भी मन ही मन अनिता को स्वीकार कर लिया था..दोनो रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही हॉस्पिटल की ओर बढ़ गये..इधर राज केवल अनिता का ही नाम ले रहा था....राज की मौसी पूनम उसके पास मे बैठी हुई थी. टॅक्सी करने के बाद अनिता ऑर स्वेता हॉस्पिटल की ओर निकल गये..हॉस्पिटल मे आते ही अनिता दौड़ते हुए,,आइ.सी.यू.मे घुसी..राज के सामने आकर अनिता का दिल हिल गया क्योकि राज उसका ही नाम ले रहा था..अनिता राज की ओर देखते हुए,,देखिए राज अब आ गई हूँ आपकी अनिता आपके सामने हाज़िर है आप होश मे आइए राज आपसे बात करना चाहती हूँ....प्लीज़ मुझसे बात कीजिए..इतना बोलते ही अनिता बेड पर बैठते हुए राज के सीने पर अपना सर रख कर लेट गयी..राज के कानो मे जब अनिता की आवाज़ गूँजी तो उसके दिमाग़ ने तुरंत पहचान लिया कि ये आवाज़ उसकी जान अनिता की है..उसने अपनी दोनो बाहों मे अनिता को कस लिया..ऑर अनिता के पूरे चेहरे को पकड़ कर अंधाधुंध चूमने लगा. अनिता भी उसको चूमने लगी..जैसे वो जन्मो-जन्मो के बिच्छड़े हुए हो..बहुत देर तक वो दोनो उसी तरह एक दूसरे को चूमते रहे ..


थोड़ी देर के बाद तीनो हॉस्पिटल से निकल गये..अब कोई दुख नही था..स्वेता भी अनिता ऑर राज के प्यार को देख कर हार मान गयी ऑर उनके साथ खुशी से रहने लगी..एक माह बाद राज ने ये सहर छोड़ दिया..अब राज का प्रमॉशन हो गया था.. और उसका ट्रांसफर भी मुंबई हो गया . राज अपनी बीवी स्वेता ऑर अनिता के साथ मे मुंबई शिफ्ट हो गया..यहाँ पर उसने पूनम से भी बिबाह कर लिया.. समय आने पर अनिता ने एक बेटे को जन्म दिया ऑर पूनम ने भी एक बेटे को जन्म दिया..स्वेता भी प्रेगनेंट है.. अब राज अपनी तीनो बीवियो के साथ हँसी-खुशी से रहता है........

दोस्तो इस कहानी में आप सब का सहयोग और उत्साहवर्धन क़ाबिले तारीफ़ रहा जिसके लिए आप सब का आभारी हूँ दोस्तो ये कहानी यहीं समाप्त होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा
...........................................................समाप्त ............................................
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Re: दीदी और बीबी की टक्कर complete

Post by Smoothdad »

nice end mitr
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