जीवन एक संघर्ष है complete

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Rohit Kapoor
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Re: जीवन एक संघर्ष है

Post by Rohit Kapoor »

रेखा और सूरज शर्मसार महसूस कर रहे थे, दोनों लोग खामोशी से अपनी सोच में डूबे हुए थे, रेखा आज अपने पति को बहुत मिस्स कर रही थी,यदि आज होते तो वह वीना चुदाई के रह न पाती, सूरज भी सोचता है यदि वह आज घर होता तो पूनम या तनु दीदी को चोद देता।
रेखा-" नहा लिया या और नहाएगा?" अचानक रेखा ख़ामोशी तोड़ते हुए सामान्य व्यवहार करते हुए बोली,जैसे कुछ हुआ ही न हो।
सूरज-"हाँ माँ,अब चलो" रेखा बरामडा में आकर खड़ी हो जाती है।
रेखा-" सूरज मेरी नायटी तो गाडी में रखी है,अब बारिश में कैसे लाऊँ,यहाँ लेकर आई तो भीग जाएगी"
सूरज-"माँ भीगे कपडे यहीं उतार दो,गाडी में जाकर नायटी पहन कर बैठना में थोड़ी देर में आ जाऊँगा"
रेखा-"में नंगी जाऊं क्या"अचानक रेखा बोलती है।
सूरज-"ब्रा और पेंटी तो पहनी होगी आपने"आज पहली बार सूरज अपनी माँ के वस्त्रो के नाम लेता है,जिसे सुन कर रेखा की चूत गीली हो जाती है।
रेखा-"नहीं सिर्फ ब्रा पहनी हूँ"
सूरज-"ओह्ह्ह मतलब आप भी अपनी कच्छी पहना भूल गई,आप भी भुलक्कड़ हो माँ" रेखा के तनबदन में उत्तेजना बढ़ने लगती है।
रेखा-" मुझे बार बार पिसाब आती है,इसलिए नहीं पहनी"रेखा झूठ बोलती हूँ,रात में ऊँगली करते समय उतारी थी,यह बात सूरज जानता है।
सूरज-"बार बार पिसाब क्यूँ आती है माँ,कोई परेसानी तो नहीं है,डॉक्टर ने जो टेबलेट दी है कहीं उसकी बजह से तो नहीं आती है बार बार पिसाब",सूरज अँधेरे में अपना लंड सहलाने लगता है ।
रेखा-"पता नहीं सूरज"
सूरज-" अच्छा ठीक है माँ,आप कपडे उतार कर जाओ,भीगे कपडे पहन कर गाडी में जाओगी तो सीट भी भीग जाएगी" रेखा अपना पेटीकोट और ब्लाउज ब्रा उतार देती है,सभी गीले कपडे चारपाई पर रख कर जाने लगती है।
रेखा-"सूरज में जा रही हूँ गाडी में"
सूरज-"कपडे तो उतार दो"
रेखा-"कपडे तो मैंने उतार दिए" यह सुन कर सूरज का लंड झटका मारता है,इस समय दोनों माँ बेटे बिल्कुल नग्न थे ।
सूरज-"ठीक है माँ आप जाओ,में भी कोई पुराना कपडा ढूंढ कर पहन लूंगा" रेखा जाने लगती है,अभी भी तेज बारिश हो रही थी, रेखा बीच आँगन में ही पहुँच पाई थी,तभी बिजली तेजी से कड़की पुरे आँगन में रौशनी ही रौशनी हो जाती है,सूरज की नज़र रेखा की गांड और पुरे बदन पर पड़ी,रेखा लम्बी थी,उसका कमर पतली और गांड मोटी थी।
बिजली कड़कने से रेखा डर जाती है और वापिस भागती है,सूरज रेखा को वापिस आते हुए देखता है,रेखा की चूचियाँ हिलती है,गोरे बदन पर उसकी हलकी काली चूत दिखाई दे जाती है, रेखा जैसे ही आँगन की तरफ आती है बिजली कड़कना बंद हो जाती है,एक दम अँधेरा हो जाता है,रेखा बिजली के कड़कने से बहुत डर गई थी,रेखा बारामदे में आकर सूरज से लिपट जाती है, तेजी से दोनों के जिस्म टकराने से रेखा की चूचियाँ सूरज की छाती से मसल जाती है,सूरज का खड़ा लंड रेखा की चूत में घुस जाता है, रेखा की चुत को फाड़ते हुए लंड रेखा की बच्चेदानी तक चला जाता है,लंड चूत में ऐसे घुसा जैसे किसी ने चाक़ू पेट में घोंपा हो,रेखा की चीख निकल जाती है।
रेखा-"आःह्ह्ह्हूफ्फ्फोह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् स स सुरआज्ज्ज्" रेखा की 22 साल से अनचुदी चूत खुल चुकी थी,सूरज का लंड चूत से रगड़ते हुए अंदर घुसा जिससे रेखा को मजा और दर्द साथ साथ हुआ । रेखा सूरज के नंगे शारीर पर ऐसे चुपकी थी उसमे हवा भी पास न हो, सूरज रेखा की गांड पर हाँथ रख कर मसल देता है।
रेखा-"सूरज निकाल इसे,मुझे दर्द हो रहा है"सूरज चरम स्खलन पर तो बहुत पहले से ही था,जैसे ही लंड चूत से खिसका कर निकालता है,लंड से एक तेज धार के साथ सूरज चूत में झड़ जाता है,झड़ते समय सूरज रेखा को कस कर पुन गले लगा लेता है,जैसे ही सूरज जा पानी रेखा अपनी चूत में महसूस करती है,रेखा सूरज को हटा देती है।

सूरज-"सॉरी माँ" रेखा जानती थी इसमें सूरज की गलती नहीं है,वो खुद बिजली कड़कने के डर से सूरज से आ लिपटी और उसका खड़ा लंड चूत में घुस गया। ये सब अँधेरे का दोष है।
रेखा-"सूरज ये जो भी हुआ इसमें किसी की गलती नहीं है,लेकिन अब में क्या करू?"
सूरज-"समझा नहीं माँ"

रेखा-"तेरा पानी अंदर चला गया,अगर में तेरे बच्चे की माँ बन गई तो क्या होगा???????

रेखा-"ये बहुत गलत हुआ सूरज,ऐसा नहीं होना था,मुझे डर है में कहीं प्रेग्नेंट न हो जाऊं,अगर ऐसा हो गया तो में कहीं मुह दिखाने के लायक नहीं रह पाउंगी" रेखा की आँख में आंसू थे।
सूरज-"माँ आप परेसान न हो,में मेडिकल से कुछ दवाइयाँ ले आऊंगा"
रेखा-" अब जल्दी चल,मुझे दर्द हो रहा है"रेखा गाडी में जाकर नायटी पहनती है । सूरज भी अपने भीगे कपडे पहन कर गाडी दौड़ा देता है,रेखा गुमसुम सी पिछली सीट पर लेट जाती है।
रेखा को आज बहुत ग्लानी महसूस हो रही थी,जाने अनजाने में ही अपने बेटा का लंड अपनी योनी में घुसबा चुकी थी, हालांकि रेखा और सूरज दोनों लोग एक दूसरे से खुल जरूर चुके थे लेकिन सम्भोग के बारे में किसी ने नहीं सोचा, रेखा की योनी से सूरज का वीर्य रिस कर बाहर निकल रहा था,और योनी में जलन हो रही थी,रेखा को डर था कहीं गर्भाती न हो जाए, रेखा गंदे कपडे से अपनी योनी साफ़ करती है,रेखा को दर्द होने के कारण नींद नहीं आ रही थी।
इस प्रकार सुबह दोनों लोग शहर पहुँच जाते हैं।
सूरज-"माँ सीधे फ़ार्म हॉउस चले"
रेखा-"नहीं पहले हॉस्पिटल चल,मुझे दर्द हो रहा है", सूरज सीधे हॉस्पिटल जाता है,हॉस्पिटल पहुँचते ही रेखा डॉक्टर की केबिन में जाती है,सूरज बाहर गाडी में ही बैठा था,
रेखा-"डॉक्टर मेरी योनी में बहुत दर्द और जलन हो रही है"
डॉक्टर-"क्या हुआ"
रेखा-"सेक्स करने के कारण"डॉक्टर बेड पर रेखा को लेटने के लिए बोलती है,रेखा लेट जाती है,डॉक्टर रेखा की योनी को देखती है तो हैरान रह जाती है,योनी के आसपास खून लगा हुआ था,और योनी के अंदर लण्ड के रागडने के कारण पूरी योनी छील चुकी थी,पूरी योनी लाल थी।
रेखा-" ओह्ह्ह आपकी योनी तो बुरी तरह से घायल हो चुकी है,ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने मोटा डंडा डाला हो,क्या बाकई में आपकी योनी में लंड घुसा है?"रेखा को बहुत शर्म आती है,डॉक्टर कॉटन से योनी की सफाई करती हुए बोली।
रेखा-"हाँ डॉक्टर,22 साल बाद इसमें घुसा है"
डॉक्टर-" वैसे आप बहुत भाग्यशाली भी हो,आपके पति का बहुत बड़ा लंड है,पहली बार घुसा है,इसलिए दर्द हुआ आपको,दो चार बार सेक्स करने के बाद आपकी योनी भी खुल जाएगी,अपने पति से कहना आराम आराम डाला करें, में क्रीम देती हूँ,अंदर लगाने के लिए" डॉक्टर क्रीम लगती है योनी में,और कुछ दवाइयाँ और क्रीम भी देती है ।
रेखा के मन में एक शंका थी प्रग्नेंट न हो जाए,रेखा डॉक्टर से पूछती है।
रेखा-" डॉक्टर में प्रेगनेंट तो नहीं हो जाउंगी,बिना कंडोम के सेक्स किया है' डॉक्टर योनी में एक ऊँगली डालकर बच्चेदानी का मुह चेक करती है।
डॉक्टर-"घबराओ नहीं बच्चेदानी का मुह बंद है,आप प्रग्नेंट नहीं होगी"रेखा बहुत खुश होती है,उसकी चिंता समाप्त हो चुकी थी। रेखा बाहर आकर गाडी में बैठ जाती है।
सूरज-"क्या कहा डॉक्टर ने माँ" सूरज बहुत चिंतित था।
रेखा-' सब ठीक है,घर चल"रेखा के व्यवहार में थोडा परिवर्तन आ चूका था,सूरज फ़ार्म हॉउस पहुँचता है, रेखा अपने कमरे में चली जाती है, पूनम अपने बाथरूम से निकल कर आती है। तनु कॉलेज गई हुई थी, आज सूरज का दिमाग खराब था रात बाली घटना के कारण, सूरज गाडी लेकर संध्या माँ के पास जाता है, संध्या सूरज को गले लगा लेती है।
संध्या-'आ गया मेरा बच्चा,तुझे अपनी माँ की याद नहीं आती है,कंपनी के काम से इधर उधर घूमता रहता है"
सूरज-"माँ अब आ गया हूँ न,अब कुछ दिन तक कहीं नहीं जाऊँगा, तान्या दीदी कहाँ है?"
संध्या-'तान्या कंपनी चली गई,हम दोनों अकेले हैं,आज बुझा दे मेरी प्यास बेटा, कई दिनों से प्यासी है मेरी चूत"संध्या मेक्सी उठाकर चूत दिखाते हुए बोली,संध्या एक हाँथ से सूरज का लंड मसल देती है,सूरज का लंड खड़ा हो जाता है,सूरज संध्या की मेक्सी उतार देता है और कमरे में बेड पर पटक देता है,सूरज खुद अपने सारे कपडे उतार कर,संध्या की जांघे चौड़ी करके चूत चाटने लगता है, तभी सूरज को संध्या में रेखा दिखाई देती है, सूरज अपना लंड संध्या की चूत में डालकर चोदने लगता है, सूरज कप ऐसा लग रहा था जैसर वो रेखा को चोद रहा है, सूरज तेज तेज धक्के मारता है ।
संध्या-"आःह्ह्ह्हूफ्फगफगोह्ह्ह् सूरज आज तुझे क्या हो गया है, मेरी चूत का भुर्ता बना दिया,मजा आ रहा है बेटा चोद मुझे" सूरज संध्या को घोड़ी बनाता है और अपना लंड गांड के छेद में डालकर धक्का मारता है,संध्या तड़प उठती है।
संध्या-"ओह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़् ये क्या किया तूने सूर्या,मेरी गांड फाड़ेगा क्या,लंड निकाल मेरी गांड से", लेकिन सूरज रुकता नहीं है, गांड में आधा लंड डालकर चोदने लगता है, सूरज को ऐसा लग रहा था जैसे वो रेखा की गांड मार रहा है,कुछ ही देर में झड़ जाता है, संध्या की हालात ख़राब हो गई थी, संध्या बाथरूम में जाती है और सफाई करने के बाद कमरे में आती है।
संध्या-" आज तुझे क्या हुआ सूर्या,बिना बताए ही मेरी गांड मार ली,बहुत दर्द हो रहा है,अब आज के बाद ऐसा मत करना"
सूरज-" माँ आज आपकी गांड मारने का बहुत मन था इसलिए आधा ही लंड डाल कर किया,पूरा लंड डालता तो आपकी गांड फट जाती है" हँसते हुए बोला सूरज।
तभी सूरज के फोन बजता है,रेखा फोन उठाती है तो चोंक जाती है,फोन बीपी सिंह का था।
सूरज को फोन देती है, सूरज समझ जाता है। सूरज बीपी सिंह से बाहर जाकर बात करता है, बात करने के बाद सूरज संध्या के पास आता है, संध्या नाराज़ थी।
संध्या-'तू जानता है ये कौन है?"
सूरज-'हाँ माँ जानता हूँ,ये मेरे पिता हैं और तान्या दीदी भी जानती हैं"
संध्या-"वो पिता कहलाने के लायक नहीं हैं सूरज'
सूरज-"ऐसा क्या किया उन्होंने माँ,आपने इतनी बडी सजा क्यूँ दी उन्हें,22 साल से वो घुट घुट कर मर रहें हैं,आपको जरा सा भी तरस नहीं आया उनपर"
संध्या-" वो पहले से शादीशुदा थे,उन्होंने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया,यह बात उन्होंने मुझे नहीं बताई,उनकी पहली पत्नी से भी तीन बच्चे थे उनको धोका दिया है उन्होंने"
सूरज-"माँ धोका तो किस्मत ने उन्हें दिया,बो आपसे शादी नहीं करना चाहते थे,आपके पिता ने मजबूर किया था उन्हें,मरते वक़्त वादा वचन लिया था आपके पिताजी ने उनसे" संध्या यह बात सुनकर चोंक जाती है।
संध्या-" तू कैसे जानता है ये सब, उनकी पहली पत्नी और बच्चों ने आत्महत्या कर ली थी"
सूरज-"झूठ बोला था आपसे किसी ने,उनकी पहली पत्नी और बच्चे आज भी जिन्दा हैं"संध्या चोंक जाती है,हैरानी से सूरज की ओर देखती है।
संध्या-',क्या जिन्दा हैं,तुझे कैसे पता,रेखा नाम था उनकी पत्नी का"
सूरज-" हाँ माँ सब जिन्दा हैं, में सूर्या नहीं हूँ माँ सूरज हूँ"
संध्या-"ये तू क्या बोल रहा है सूर्या,तू पागल हो गया है क्या" सूरज संध्या को पूरी बात समझाता है,संध्या रोने लगती है।
सूरज-"माँ में पहली बार शहर आया था,मंदिर में जब शंकर के गुंडे आपको मार रहे थे तब मैंने आपको बचाया,आप मुझे ही सूर्या समझ बैठी,तान्या दीदी के साथ जब में अमेरिका गया तब पता चला वो मेरे भी पिता हैं" संध्या सूरज को गले लगा लेती है,रोने लगती है, सूरज संध्या को शांत कराता है ।
संध्या-"रेखा कहाँ है बेटा, में उनसे मिलना चाहती हूँ"
सूरज-"वो फ़ार्म हॉउस पर हैं",
संध्या-"तूने अब तक बताया क्यूँ नहीं की तू सूर्या नहीं सूरज है"
सूरज-" माँ में आपको हमेसा खुश देखना चाहता था इसलिए"संध्या सूरज को किस्स करती है।
संध्या-"मेरे लिए तो तू ही सब कुछ है,मेरा सूर्या सूरज सब तू है,अब मुझे रेखा के पास ले चल" सूरज संध्या को लेकर फ़ार्म हॉउस ले जाता है।

सूरज संध्या को लेकर जैसे ही फ़ार्म हॉउस पहुंचा, पूनम और रेखा डायनिंग टेवल पर बैठ कर खाना खा रही थी, पूनम और रेखा सूरज और साथ में संध्या को देख कर हैरत में पड़ जाती हैं।
सूरज-'दीदी देखो कौन आया है?"
पूनम-'ये संध्या माँ है हमारी?"संध्या चोंक जाती है, रेखा खड़ी हो जाती है और संध्या को हैरत से देखती है।
संध्या-"हाँ बेटा में तुम्हारी माँ ही हूँ"रेखा पूनम को गले लगा लेती है। रेखा हाँथ जोड़ कर संध्या को नमस्ते करती है, संध्या रेखा को गले लगा लेती है ।
तभी तनु कॉलेज से आ जाती है। तनु भी समझ जाती है ये संध्या माँ है ।
संध्या सबको गले लगा लेती है ।
संध्या-" थेंक्स सूरज तुमने रेखा दीदी से मिलवा कर आज मेरा बोझ हलका कर दिया, में हमेसा इनके बारे में सोचती थी, आज में बहुत खुश हूँ"
संध्या सूरज को गले लगा लेती है ।
सूरज-"माँ आज के बाद हम सब साथ साथ रहेंगे"
संध्या-"हाँ बेटा हम सब साथ रहेंगे, सब लोग चलो घर" रेखा भी बहुत खुश थी।
सूरज-"माँ अब आप पापा को भी माफ़ कर दो"
संध्या-"ठीक है बेटा, तेरे पापा का फोन आया था क्या कह रहे हैं वो"
सूरज-"पापा 3 दिन बाद आ रहें हैं" सभी लोग यह सुन कर बहुत खुश थे ।
रेखा अभी भी सूरज से बात नहीं कर रही थी,रेखा के जहन में रात बाली बात चल रही थी।
इस प्रकार सभी लोग संध्या के साथ एक ही घर में रहने लगते हैं । तान्या पूनम और तनु में गहरी दोस्ती हो गई थी, इधर संध्या और रेखा भी आपस में बहुत घुलमिल गई ।
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Rohit Kapoor
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4 चार हो चुके थे आज बी पी सिंह इंडिया मतलब घर आ रहे थे, सभी लोग बहुत खुश थे।
रेखा और संध्या रसोई में मनपसंद खाना बना रही थी, रेखा सबसे ज्यादा खुश थी क्यूंकि उसकी चूत में चुदवाने की हवस बढ़ चुकी थी,रेखा की चूत भी अब ठीक हो चुकी थी, आज रेखा जी भर के चुदवाना चाहती थी,लेकिन संध्या भी साथ में है,वो भी उनकी पत्नी है,बराबर की हकदार है,दोनों की चुदाई एक साथ कैसे हो सकती है यही सोच रही थी । इधर संध्या सूरज से चुदने के लिए बेकरार थी उसे बीपी सिंह में कोई इंट्रेस्ट नहीं था, आज चार दिन से संध्या ने सूरज का लंड नहीं लिया था, और यह हाल लगभग पूनम तान्या तनु तीनो का यही हाल था ।सब सूरज से चुदना चाहती थी बस पतिवृथा नारी रेखा को छोड़ कर।
वो वक़्त भी आ जाता है जब सूरज बीपी सिंह को एअरपोर्ट से रिसीव करके घर ले आता है ।

रेखा और संध्या दोनों बीपी सिंह के गले लग जाती है,
रेखा-"आप कैसे हो"
बीपी सिंह-"में ठीक हूँ रेखा,मुझे तो लगा था में अकेले ही तड़प तड़प कर मर जाऊँगा,सूरज की बजह से मुझे दोबारा एक नई जिंदगी मिल गई"
बीपी सिंह संध्या के आगे हाँथ जोड़ता है।
बीपी सिंह-"संध्या तुमने मुझे माफ़ कर दिया अब में बहुत खुश हूँ,मुझे मेरा परिवार मिल गया" संध्या गले लग जाती है।
बीपी सिंह की आँखों में आंसू आ जाते हैं, पूनम और तनु भी अपने पापा के गले लग जाती हैं, इस प्रकार फेमिली ड्रामा सुबह से लेकर शाम तक चला, सभी लोग बैठ कर खाना खाते हैं,और बहुत सारी बाते करते हैं ।
अब रात में सोने की तयारी होती है, बीपी सिंह अपने कमरे में जाता हैं जहाँ संध्या और रेखा सोती थी । संध्या रेखा के पास आकर कहती है ।
संध्या-",दीदी आप उनके साथ सो जाओ,में सूरज के रूम में सो जाती हूँ"
रेखा-"दीदी आप सो जाओ,में कहीं और सो जाउंगी"
संध्या-"नहीं दीदी आप ही जाओ, और हाँ ज्यादा तेज आवाज़े मत निकालना, बरना मेरी हालात ख़राब हो जाएगी"
रेखा-"मतलब समझी नहीं"
संध्या-" दीदी वो सेक्स आराम से करना"रेखा शर्मा जाती है।
रेखा-"तो आप ही चली जाओ"
संध्या-"नहीं दीदी आप ही जाओ"यह कह कर संध्या रेखा को भेज देती है और खुद सूरज के कमरे में आकर अपनी मेक्सी उतार कर नंगी हो जाती है और सूरज से लिपट कर लेट जाती है ।
सूरज-"क्या हुआ माँ,आज आप पापा के पास नहीं गई",
संध्या-"मुझे तो सिर्फ तू चाहिए,मेरी चूत में सिर्फ तेरा ही लंड घुसेगा और किसी का नहीं",संध्या सूरज का लोअर उतार कर मुह में लेकर चूसने लगती है, सूरज भी चार दिन से चूत का प्यासा था, सूरज और संध्या 69 की पोजीसन में आकर एक दूसरे का अंग चाटने चूसने लगते हैं, संध्या सूरज के ऊपर लेट कर मुह में लंड डालकर चुस्ती है और सूरज के मुह पर संध्या की चूत थी,सूरज अपनी जीव्ह घुसेड़ कर चूत चाटता है, काफी देर तक चाटने के बाद सूरज उठ कर संध्या की चूत में लंड घुसेड़ कर चोदने लगता है ।
इधर रेखा बीपी सिंह के कमरे आकर अपने पति से लिपट कर लेट जाती है, बीपी सिंह रेखा को बहुत प्यार करता है लेकिन चोदता नहीं है, रेखा इंतज़ार करती है की उसका पति उसे चोदे लेकिन बीपी सिंह सो जाता है, रेखा को लगता है शायद सफ़र करने की बजह से थक गए होंगे इसलिए सो गए, थोड़ी देर बाद रेखा अपनी चूत को ऊँगली से शांत करके सो जाती है, इधर सूरज दो बार संध्या को चोद कर सो जाता है, सुबह सबकी आँख खुलती है सब लोग फ्रेस होकर डायनिंग टेवल पर आते हैं, संध्या और रेखा किचेन में थे ।
संध्या-"रात क्या हुआ दीदी,आपने बताया नहीं" संध्या मजे लेते हुए बोली।
रेखा-"कुछ नहीं हुआ,वो बहुत थके हुए थे जल्दी सो गए" रेखा शरमाती हुई बोली।
संध्या-"ओह्ह्ह दीदी,कोई बात नहीं आज कोसिस करना"
आज पुरे दिन सभी लोग बीपी सिंह के साथ मार्केट शॉपिंग करने जाते हैं।
रात 11 बजे फिर से रेखा कमरे में जाती है लेकिन बीपी सिंह बेचारा अपनी हार्ट और शुगर की दवाई खा कर गहरी नींद में सो चूका था। रेखा बेचारी फिर से ऊँगली से अपने आपको शांत करती है ।
इधर संध्या सूरज से चुदवाती है।
दूसरे दिन सुबह बीपी सिंह अचानक अमेरिका से फोन आने के कारण चला जाता है ।
सुबह सभी लोग अपने अपने काम पर चले जाते हैं।
पूनम तान्या के साथ कंपनी जाने लगी थी,तनु अपने कॉलेज जाती है ।
रेखा के जिस्म की प्यास दिन व् दिन बढ़ती जा रही थी। दो तीन दिन ऐसे ही बीत जाते हैं। एक दिन रेखा चुदवाने के लिए अमेरिका जाने का मन बना लेती है । बीपी सिंह अमेरिका की दो टिकेट भेज देता है । रात के दस बजे फ्लाइट थी। रेखा सूरज से जाकर बोलती है, आज कई दिन रेखा सूरज बात करती है ।
रेखा-'सूरज आज अमेरिका जाना है" सूरज चोंक जाता है।
सूरज-'कितने बजे जाना है माँ"
रेखा-"आज रात दस बजे फ्लाइट है,तैयार हो जाना"इतना कह कह कर रेखा चली जाती है।
रेखा तैयारी में जुट जाती है, रात ठीक 9 बजे सूरज और रेखा एअरपोर्ट जाकर अपनी फ्लाइट में बैठ जाते हैं। फ्लाइट में भी रेखा ज्यादा बात नहीं करती है सूरज से। दुसरे दिन शाम पांच बजे दोनों अमेरिका पहुंचते हैं, एअरपोर्ट पर हेलिना उन्हें रिसीव करने आती है । (हेलिना को सूरज एक बार चोद चूका था,हेलिना बीपी सिंह की कंपनी में चीफ सेक्रेटरी की नोकरी करती है) हेलिना शार्ट ड्रेस पहनी थी,जिसमे उसकी आधे से ज्यादा बूब्स बाहर दिखाई दे रहे थे,और निचे शार्ट स्कर्ट,हेलिना सूरज को देख कर गले लगा लेती है, और एक किस्स करती है । रेखा ये सब देख कर चोंक जाती है । हेलिना दोनों को गाडी में बैठा कर घर ले जाती है। बीपी सिंह उनका इंतज़ार ही कर रहा था, रेखा इतनी बड़ी हवेली देख कर दंग रह जाती है । बहुत ही सुन्दर घर था । बहुत से नोकर चाकर घर की साफ़ सफाई में जुटे हुए थे । सभी लोग फ्रेस हो जाते हैं।
रात के समय में सूरज अपने कमरे में जाता है और रेखा अपने कमरे में। रेखा आज बीपी सिंह के कमरे में जाते ही एक नायटी पहन लेती है और अंदर ब्रा पेंटी उतार देती है ।
आज रेखा अपने पति को उकसाने का पूरा इंतज़ाम कर चुकी थी ।
सूरज संध्या को लेकर जैसे ही फ़ार्म हॉउस पहुंचा, पूनम और रेखा डायनिंग टेवल पर बैठ कर खाना खा रही थी, पूनम और रेखा सूरज और साथ में संध्या को देख कर हैरत में पड़ जाती हैं।
सूरज-'दीदी देखो कौन आया है?"
पूनम-'ये संध्या माँ है हमारी?"संध्या चोंक जाती है, रेखा खड़ी हो जाती है और संध्या को हैरत से देखती है।
संध्या-"हाँ बेटा में तुम्हारी माँ ही हूँ"रेखा पूनम को गले लगा लेती है। रेखा हाँथ जोड़ कर संध्या को नमस्ते करती है, संध्या रेखा को गले लगा लेती है ।
तभी तनु कॉलेज से आ जाती है। तनु भी समझ जाती है ये संध्या माँ है ।
संध्या सबको गले लगा लेती है ।
संध्या-" थेंक्स सूरज तुमने रेखा दीदी से मिलवा कर आज मेरा बोझ हलका कर दिया, में हमेसा इनके बारे में सोचती थी, आज में बहुत खुश हूँ"
संध्या सूरज को गले लगा लेती है ।
सूरज-"माँ आज के बाद हम सब साथ साथ रहेंगे"
संध्या-"हाँ बेटा हम सब साथ रहेंगे, सब लोग चलो घर" रेखा भी बहुत खुश थी।
सूरज-"माँ अब आप पापा को भी माफ़ कर दो"
संध्या-"ठीक है बेटा, तेरे पापा का फोन आया था क्या कह रहे हैं वो"
सूरज-"पापा 3 दिन बाद आ रहें हैं" सभी लोग यह सुन कर बहुत खुश थे ।
रेखा अभी भी सूरज से बात नहीं कर रही थी,रेखा के जहन में रात बाली बात चल रही थी।
इस प्रकार सभी लोग संध्या के साथ एक ही घर में रहने लगते हैं । तान्या पूनम और तनु में गहरी दोस्ती हो गई थी, इधर संध्या और रेखा भी आपस में बहुत घुलमिल गई ।
4 चार हो चुके थे आज बी पी सिंह इंडिया मतलब घर आ रहे थे, सभी लोग बहुत खुश थे।
रेखा और संध्या रसोई में मनपसंद खाना बना रही थी, रेखा सबसे ज्यादा खुश थी क्यूंकि उसकी चूत में चुदवाने की हवस बढ़ चुकी थी,रेखा की चूत भी अब ठीक हो चुकी थी, आज रेखा जी भर के चुदवाना चाहती थी,लेकिन संध्या भी साथ में है,वो भी उनकी पत्नी है,बराबर की हकदार है,दोनों की चुदाई एक साथ कैसे हो सकती है यही सोच रही थी । इधर संध्या सूरज से चुदने के लिए बेकरार थी उसे बीपी सिंह में कोई इंट्रेस्ट नहीं था, आज चार दिन से संध्या ने सूरज का लंड नहीं लिया था, और यह हाल लगभग पूनम तान्या तनु तीनो का यही हाल था ।सब सूरज से चुदना चाहती थी बस पतिवृथा नारी रेखा को छोड़ कर।
वो वक़्त भी आ जाता है जब सूरज बीपी सिंह को एअरपोर्ट से रिसीव करके घर ले आता है ।
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mast update
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बिंदास
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Nice
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