दोस्तों नई कहानी शुरू करने जा रहा हूँ उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी. दोस्तों ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नही और इसका उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करने है. आपके सहयोग और सुझाओं का इंतजार रहेगा..
मेरा नाम शैलेश है और ये मेरे कॉलेज के दिनों की बात है जब में ओपन से बीए की पढ़ाई कर रहा था और साथ मे एक कॉल सेंटर में जॉब भी कर रहा था और वहाँ से मिलने वाली सैलरी से अपना रहने का गुजारा तथा पढ़ाई का खर्च पूरा कर रहा था मेरा परिवार गांव में रहता था और मैं अपने कंपनी के दो और लड़कों के साथ किराये का कमरा लेके रहता था मेरे दोनों दोस्त जो कि मेरे रूम पार्टनर भी थे वो अमीर घरों से थे और में साधारण परिवार से था उन दोनों के नाम अमर और राहुल थे क्यों कि दोनों के पास मेरी तरह पैसों की तंगी नही थी तो दोनों खुल के पैसा उड़ाते थे हर शनिवार को दारू पीना, लड़की पेलने जाना, मूवी देखने जाना उनके लिए आम बात थी और मैं पैसों की कमी की वजह से उनके साथ जाने से मना कर देता हालांकि वो दोनों मेरी हालत जानते थे इसलिए वो मेरे हिस्से के पैसे देने को तैयार रहते थे पर मुझे दूसरों के पैसों पे ऐश करना पसंद नही था ऊपर से मुझे इन सब चीजों में पैसा बर्बाद करना बिल्कुल पसंद नही था और वो मेरी आदत जानते थे इसलिए मुझे ज्यादा फोर्स भी नही करते थे.
दोनों को लड़की पेलने का भी बहुत शौक था हर शनिवार दोनों रूम में लड़की लाते और बजाते मुझे भी ऑफर करते मगर मैं मना कर देता उनके पास बहुत सी कॉल गर्ल्स के नंबर थे जिन्हें वो हर शनिवार को फोन या मैसेज करके बुलाया करते थे. हमारा कमरा दो रूम सेट था जब भी उनका चुदाई का प्रोग्राम बनता तो मैं अपने रूम में रहता और वो अपने रूम में चुदाई करते उनकी चुदाई की आवाजें मेरे कमरे में भी आती और फिर मुझे मुठ मारना पड़ता था.
कुछ कॉल गर्ल्स से तो रेगुलर आने के कारण इनकी जान पहचान भी हो गयी थी ये ज्यादातर हाई क्लास की कॉल गर्ल्स लाते जो बस वीकली ही सर्विस देती थी और दिखने में सारी मॉडल जैसी होती थी. उनमें से एक का नाम माही था जो कि दिखने की एकदम एमा वाट्सन जैसी लगती थी वो मुझे मस्त लगती थी मगर वो भी एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल थी और महीनें में एक या दो बार ही आती थी और एक रात के दस हजार लेती थी मैं तो उसके रेट से दूर से ही काँपता था हालांकि वो कभी कभार ही आती थी लेकिन जब भी वो आती मैं खुश हो जाता था. माही और कॉल गर्ल्स से बिल्कुल अलग थी वो बिल्कुल बड़े घर की रईसजादी लगती थी और बहुत गुस्से वाली थी और उसकी एक खास बात वो अपने किसी भी कस्टमर को किस नही करती थी और ना ही करने देती थी, एक बार अमर ने उसकी चुचियों को दबा दिया था तो उसने गालियाँ देके अमर की गाँड़ फाड़ दी थी वो बस आती और लेट जाती या कस्टमर को लिटा के खुद उस पर कूदने लगती काम हो जाने के बाद अपने पैसे लेती और चुप चाप निकल जाती कस्टमर से ना कोई बात चीत और ना कोई सिफारिस.
अमर और राहुल दोनों शनिवार रात को इतनी पी लेते थे कि एक बार मुश्किल से चोद पाते थे फिर बेहोश हो जाते थे आज भी शनिवार था और दोनों ने लड़की पेलने का प्लान बनाया था क्यों कि कुछ ही दिन पहले सैलरी मिली थी इसलिये दोनों ने माही को बुलाया शाम के 8 बजे थे और माही का सर्विस टाइम 10 बजे से सुबह के 4 बजे तक का था इसलिये दोनों ने तब तक दारू पीना स्टार्ट कर दिया 9:30 बजे तक दोनों एक दम टुन्न हो चुके थे दोनों ठीक से चल भी नही पा रहे थे और थोड़ी ही देर में माही की कैब भी रूम के नीचे खड़ी थी..
थोड़ी देर मैं माही रूम में थी और उसके आते ही पूरे रूम में एक मनमोहक खुशबू फैल गयी जैसे फूलों के रस में नहा के आयी हो और हमेशा की तरह अमर और राहुल ने एक पेग माही के लिए भी बनाया और माही ने दो पेग मारे और उनके रूम की ओर चल पड़ी और पीछे पीछे दोनों भी चल पड़े
"प्यार की कीमत"
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"प्यार की कीमत"
बहुत छोटा सा है ये सफर जिंदगी का,
हर एक पल को दिल से जियो..!!
आपका दोस्त - शैलेश :)
हर एक पल को दिल से जियो..!!
आपका दोस्त - शैलेश :)
- pongapandit
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Re: "प्यार की कीमत"
Bhai ek request hai update thoda fast do
- Kamini
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Re: "प्यार की कीमत"
स्वतंत्रता दिवस और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं.....