तीन घोड़िया एक घुड़सवार compleet

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rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

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Ma achcha chal me chai bana lati hu ajay didi chalo bhaiya ki engagement ki tasveere dekhte hai rashmi chal thik hai aur dono bahi bahan photo album dekhne lage. Jaise hi aarti ka photo dikha …rashmi dekh ajay bhabhi kitni sundar hai ajay lalchai najro se aarti ke gulabi hoth aur gal dekhne laga aur sochne laga kya mast pataka hai meri honewali bhabhi. Darasal aarti bhi 24 sal ki ek gadrai hui bahut hi kamuk ladki thi uski gand aur chuchiya rashmi se thode bhari lekin geeta se kam the lekin thi vah bilkul rashmi aur geeta jaisi gadrai aur bhare badan ki malkin halaki vah khubshurti me geeta aur rashmi se thoda jyada sundar thi lekin gand ke mamle me geeta rashmi aur aarti dono ko mat deti thi agar geeta ki nangi gand dekh le to kisi ka phi pani chuth sakta tha. Ajay man hi man sochne laga ye tino geeta, rashmi aur aarti ek sath nangi ho jaye to yahi jannat najar aa jayegi.

Rat ko vijay bhi ghar aa chukka tha. Agle din se shadi ki bhi taiyariya shuru ho gai phir vah din bhi aa gaya jab ajay aarti ko byah kar ghar le aaya rashmi aur ajay barat me khub nache, shadi ke mahol ke bahane ajay ne bhi apni didi ko khub dabocha lekin rashmi ne koi dhyan nahi diya kyo ki ajay se uska chipakna aur ek dusre ko chuna normal tha yaha tak ki kai bar to dono apne ghar par ek dusre se chipak kar bhi so jate the tab ajay apni bahan ke mote doodh ko apni chati se kai bar daba chukka tha aur uske mote mote chutdo par bhi hath pher chukka tha. Rat ko sabhi vijay ki suhagrat ki taiyari kar ke vijay ko uske kamre me bhej diya. Geeta rajesh ke sath palng par padi hui. Rajesh aaj vijay ki suhagrat hai tumhe apni suhagrat yad hai rajesh ha janeman vah me kaise bhul sakta hu. To chalo ham bhi aaj phir se suhagrat mana lete hai rajesh are darling aaj to shadi ki kaphi thakavat hai hum kal apni suhagrat mana lenge lekin geeta ki chut bahut din se na chudne ke karan jal rahi thi vah nahi mani aur rajesh ka land nikal kar chusne lagi rajesh bhi geeta ke doodh dabane laga phir geeta ne jaldi se sare kapde utar diye rajesh bhi alsata hua geeta ke upar aa gaya aur use chodne laga lekin jab geeta ne apni mast chut se uske land ko dabochna shuru kiya to rajesh jyada nahi thahar saka aur jharne laga. Geeta kas kas ke land chah rahi thi lekin rajesh ka land sikud chukka tha aur rajesh ek taraph hokar let gaya geeta kuch na boli lekin uski chut bahut phadak rahi thi vah chup chap padi rahi aur rajesh so chukka tha.

Rashmi apne kamre me padi padi bor hone lagi to usne socha ki chalo ajay se bate karege aur vah ajay ke kamre ki taraph jane lagi tabhi usne socha dhire se dekhti hu ajay kya kar raha hai jab usne khidki dekha to dang rah gai ajay uski pink color ki aur uski mummy ki red color ki painty apne hath me lekar bister par pada pada buri tarah se chum raha tha aur bari bari se dono ki painty ko sungh raha tha rashmi ka dimag yeh dekh kar chakra gaya tabhi ajay ne apna pajama nikala aur pura nanga ho gaya uska land 8 inch lamba aur 2.5 inch mota bilkul mote dande ki tarah tan kar khada tha rashmi apne chote bhai ka itna mota land dekh kar chakit rah gai aur uski chut me sursurahat hone lagi usne pahli bar ajay ka land dekha tha use yakin nahi aa raha tha ki ajay ka land itna tagda aur mota hoga vah yeh soch kar sihar gai ki agar yah land mujhe chode to mast kar dega usne apni chut me hath phairna shuru kar diya idhar ajay ne dono painty ko hath me lekar sunghte huye land muthiyana shuru kar diya.

Geeta bistar par padi padi soch rahi thi ki vijay aaj bahu ki chut mar raha hoga tabhi use ajay ke us din ke tamboo bane land ka khyal aa gaya aur vah sochne lagi ki ajay ka land bhi kaphi bada dikhai de raha tha aur me to use bachcha hi samajh rahi thi vah to pura mard ban chukka hai , kitna mota land lag raha tha uska. Geeta ki chut paniya chuki thi usse raha nahi ja raha tha usne socha chalo bathroom me ja kar thoda chut ragad le to thodi shanti milegi yah soch kar vah dhire se bahr aai tabhi uski najar rashmi par ajay kie kamre ki khidki se andar jhakte huye padi aur uske kadam vahi ruk gaye aur vah chup kar dekhne lagi, rashmi ajay ka mota land dekh kar pani pani ho chuki thi uske pair kanpne lage the usse abs aha nahi ja raha tha use aisa lag raha tha jaise uska apna bhai uski painty nahi uski chut sungh sungh kar apna land hila raha hai apne bhai ka land apni chut me lene ki kalpna se vah sihar uthi aur uski chut ne dher sara ras chod diya, ab usse khada nahi raha jar aha tha aur vah chupchap lot kar apne kamre me aa gai aur darwaja band karke puri nangi ho gai aur mutne ke andaj me baith kar apni chut me teji se ungli dalne lagi aur apne bhai ke land se chudne ki kalpna kar ke jhadne lagi.

kramashah......................

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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

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तीन घोड़िया एक घुड़सवार--2

गतान्क से आगे...................

रश्मि के जाते ही गीता जल्दी से अजय की खिड़की के पास जा कर देखने लगी कि आख़िर रश्मि इतनी देर से क्या देख रही थी जैसे ही गीता ने अंदर झाँक कर देखा अजय को नंगा अपना मोटा लंड सहलाते देख कर उसके रोंगटे खड़े हो गये इतना लंबा और मोटा डंडे जैसा लंड देख कर उसकी बर बहुत जोरो से खुजलाने लगी, तभी उसकी नज़र भी अपनी और रश्मि की पैंटी पर पड़ी जिसको अजय बारी बारी से चूम रहा था और सूंघ रहा था गीता अजय के हाथ मे अपनी और अपनी बेटी की पैंटी देख कर सनसना गई और उसका ख्याल यकीन मे बदल गया कि वह अपनी ही मा को चोदना चाहता है और साथ मे अपनी बहन को भी चोदना चाहता है. यह देख कर गीता की मस्तानी बुर और ज़्यादा फूल गई और वह यह सोच सोच कर पागल हुई जा रही थी कि कैसे उसका अपना बेटा अपनी मा की पैंटी सूंघ रहा है और अपनी आँखे बंद करके अपनी खुद की मा को नंगी कर के चोदने की कल्पना कर रहा है. रश्मि मन ही मन सोचने लगी कैसा मोटा खूटे जैसा लंड तना है मेरे बेटे का यह तो मेरी चूत फाड़ के रख देगा क्या बालिश्ट शरीर है मेरे बेटे का अजय ने अपनी मा की पैंटी अपने सीने से लगा कर खड़े खड़े अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और अपनी आँखे बंद कर ली. रश्मि सोचने लगी ये अपनी आँखे बंद कर के ज़रूर मेरी ही कल्पना कर रहा है लेकिन क्या कल्पना कर रहा होगा यह सोच रहा होगा कि अपनी मा को नंगी करके इस खूटे जैसे मोटे लंड पर चढ़ा लेगा और और पीछे से मेरी गंद को दबोच दबोच के खूब कस कस के चोद रहा होगा. यह सोच कर गीता की चूत उसके रस से भीगने लगी और वह खड़ी खड़ी अपनी चूत मे उंगली डाल के तेज़ी से आगे पीछे करने लगी उसे ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा उसकी खूब कस कस के चूत मार रहा है वह अपने बेटे का लंड लेने के लिए पागल हुई जा रही थी और कस कस के अपनी चूत मे उंगली पेल रही थी और एक हाथ से अपने मोटे मोटे चुचो को दबा रही थी गीता की कमर खड़े खड़े ही हिलने लगी और वह मन ही मन चूत मे उंगली पेलते हुए बुदबुदाने लगी चोद मेरे बेटे चोद अपनी मा को पूरी नंगी करके के खूब कस कस के चोद खूब हुमच हुमच के चोद फाड़ दे अपनी मा की चूत को, बहुत प्यासी है तेरी मा की चूत, उधर अजय कस कस के लंड हिला रहा था और मन ही मन बोलता जा रहा था मेरी प्यारी मम्मी कितनी मस्त चूत है तेरी कितने मस्त चूतड़ है तेरे, खूब कस कस के तेरी चूत मारूँगा मम्मी चोद चोद के तेरा भोसड़ा फाड़ दूँगा हे मेरी नंगी मम्मी तू नंगी कितनी मस्त लगती है ले ले अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे मेरे लंड पर चढ़ कर खूब चुद ले मेरी रानी और फिर ये सोचता सोचता अजय का पानी एक लंबी पिचकारी के साथ छूटने लगा उधर गीता की चूत ने भी ढेर सारा पानी छोड़ दिया.

काफ़ी देर तक आरती और विजय बात करने के बाद विजय ने आरती के गुलाबी गालो को अपने होटो से रगड़ना शुरू कर दिया और फिर आरती के रसीले होंठो को अपना मूह खोल कर अपने होटो मे दबा कर चूसने लगा आरती ने अपना बदन विजय की बाँहो मे ढीला छोड़ दिया विजय ने आरती के होंठो को चूस्ते हुए थोड़ा आरती के मूह को खोला और आरती की रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर पीने लगा और एक हाथ से ब्लाउज के उपर से आरती के मोटे मोटे गदराए चुचो को दबोचने लगा.. आरती आह ..आह विजय उसकी मोटी मस्त गोलैयो को दबाते हुए उसके नंगे पेट और कमर को अपने हाथो से दबाते हुए उसे थोड़ा अपने उपर खीच कर पीछे हाथ ले जा कर आरती के मस्ताने चुतदो को दबाने लगा और दोनो चुतदो की दरार मे साडी के उपर से ही अपनी उंगली से मसलने लगा आरती सिसकिया भरने लगी विजय आरती कितना भारी और मस्त जिस्म है तुमहरा तुमने तो मुझे पागल कर दिया है और आरती के ब्लाउस के बटन खोल कर उसकी ब्रा के उपर से ही उसकी मोटी चुचियो को दबाने लगा. फिर धीरे धीरे विजय ने आरती को पूरी नंगी कर दिया और उसके पूरे बदन को उपर से नीचे तक चूसने चाटने लगा उसने जब आरती की चूत के उपर हाथ फेरा तो आरती उससे चिपक गई अजय ने अपने कपड़े उतरे और आरती के नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपका लिया और एक हाथ से मोटे मोटे चूचो और एक हाथ से आरती के मोटे और भारी चूतादो को सहला सहला कर उसकी चूत से लेकर उसकी गंद की फैली हुई दरार मे अपना पूरा हाथ फेरने लगा, आरती लंड खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी तभी विजय आरती के उपर आके उसकी फूली हुई चिकनी चूत मे अपना लंड का निशाना लगा कर एक झटका मारा लंड आधा आरती की चूत को भेदता हुया अंदर घुस गया आरती दर्द से तड़प गई विजय ने आरती की चुचियो को मूह मे भर कर चूसना चालू कर दिया और दूसरी चुचि को हाथो से मसलने लगा और दूसरे झटके मे पूरा लंड अंदर पेल दिया . आरती आह.आह करके कराहने लगी धीरे धीरे विजय उसे चोदने लगा आरती अपनी टाँगे पायला कर हर धक्का सहने लगी उस रात विजय ने आरती को दो बार चोदा.
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

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सुबह सुबह गीता ने आरती का दरवाजा बजाया आरती ने बाहर आई बेटी चाइ बन गई है पी लो और विजय को भी जगा दो, आरती जी मम्मी और गीता वापस आ गई. आज आरती की शादी को पूरा एक महीना हो चुक्का था लेकिन उसकी चूत की कसक और खुजली पूरी तरह ख़तम नही हो पाती थी वैसे भी आरती काफ़ी ब्लू फ़िल्मे देख कर काफ़ी खुले तरीके से चुदवाना पसंद करती थी और खास कर उसकी एक इच्छा बहुत ज़्यादा थी कि उसका पति उसकी फूली चूत और गंद को नंगी करके खूब चूमे और चाते और अपना लंड खूब चूसाए मतलब आरती को ओरल सेक्स फ़िल्मो मे देख देख कर काफ़ी अच्छा लगता था और वह शादी के पहले से ही ओरल सेक्स करने के लिए तरस रही थी लेकिन यहा उसका अरमान पूरा नही हुया क्यो कि विजय सिर्फ़ सदा सिंपल सेक्स ही करता था और शर्म के मारे आरती अपने पति को बोल भी नही पाती थी इस लिए महीना भर चुदने के बाद भी उसकी प्यास बढ़ती ही गई कम नही हुई.

सुबह का नाश्ता करके विजय और उसके पापा अपने अपने काम पर चले गये गीता नहाने बाथरूम मे घुस गई, रश्मि और आरती किचन मे थे और अजय सोफे पर बैठा अपनी किताब पढ़ रहा था आरती जल्दी ही घर के सभी लोगो से घुल मिल गई खास कर रश्मि, गीता और अजय से, रश्मि भाभी आज आपकी शादी को एक महीना हो गया है अब आपको कैसा लग रहा है.. आरती क्यो ऐसा क्यो पूछ रही हो रश्मि मतलब जब कुवारे और शादीशुदा होने पर कुछ तो अलग लग रहा होगा, आरती अलग तो कुछ नही है बस एक चीज़ का फ़ायदा हो जाता है, रश्मि तपाक से वह क्या अरे सब्जियो का जैसे बेगन, मूली, केले आदि का खर्चा बच जाता है, रश्मि झेप्ते हुए तुम भी ना भाभी, आरती अरे मे क्या ग़लत कह रही हू बता, बोल ना, मुझे नही पता भाभी अच्छा क्या तूने कच्ची सब्जिया कभी नही खाई.. तुम भी ना भाभी कहाँ की बात कहाँ ले गई. मे जाती हू अरे रुक ना रश्मि भाग कर अपने कमरे मे आ जाती है थोड़ी देर बाद आरती भी रश्मि के कमरे मे आकर अरे रश्मि तू चली क्यो आई, बस ऐसे ही भाभी, आरती क्यो मेरी बात अच्छी नही लगी, रश्मि नही वो बात नही है भाभी, तो तेरा मतलब है तुझे मेरी बात अच्छी लगी, भाभी तुम बहुत मज़ाक करती हो, भाई इसमे मज़ाक की कोन सी बात है मेने तो बहुत बेगन और केले खाए है क्या तू नही खाती, क्या भाभी आप भी, अच्छा सच सच बता, रश्मि मे नही जानती, तू अपनी भाभी से सर्माती है, और माल इतने मोटे मोटे छुपा रखे है रश्मि के टी-शर्ट के उपर से चुचे मसलती हुई, रश्मि आह भाभी क्या कर रही हो जाओ मे तुमसे बात नही करती, अरे मेरी प्यारी ननद तो बुरा मान गई चल अच्छा अब नही करती और दोनो मुस्कुराने लगी. तभी अजय अंदर आते हुए अरे भाभी एक कप चाइ मिलेगी क्या, आरती अरे मेरे प्यारे देवेर जी चाइ के बजाय दूध पिया करो तो तुम्हे ताक़त मिलेगी, अरे भाभी मे तो वैसे ही बहुत ताकतवर हू बताओ कहाँ ताक़त लगाना है, अरे देवेर जी जब मोका आएगा तो दूध की ताक़त ही काम आएगी यह कह कर रश्मि और आरती दोनो खिलखिला कर हस पड़ी.

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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

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गीता सुबह सुबह जब अजय को जगाने उसके रूम मे गई तो अजय गहरी नीद मे सो रहा था गीता की नज़र अजय के पाजामे पर पड़ी जहा काफ़ी बड़ा तंबू बना हुआ था गीता चुदास से भर गई और अपनी रसीली चूत को मसल्ने लगी और धीरे से पाजामे के उपर से अजय के लंड को अपने हाथो से पकड़कर उसकी मोटाई का जयजा लेने लगी अजय के लंड की मोटाई के एहसास ने उसे पागल कर दिया..बाप रे कितना मोटा डंडा है मेरे बेटे का, अजय कसमसाता हुआ गीता ने जल्दी से उसका लंड छोड़ा और बोली बेटा उठो सूरज सर पर चढ़ चुक्का है और फिर नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गई, अजय के मोटे लंड के एहसास से गीता की चूत मे पानी आ चुक्का था वह चुदास से भर चुकी थी उसने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और अपने गदराए बदन को शीशे मे देखने लगी और अपने हाथो से अपनी चूत और चुचिया मसल्ने लगी, आज वह बहुत मस्ती मे आ चुकी थी उसने अपनी चूत के बाल साफ कर चूत को बिल्कुल चिकना कर लिया वह मन ही मन सोच रही थी कि अजय को आज अपनी फूली हुई चिकनी चूत के दर्शन करवाएगी यह सोच कर वह फटाफट नाहकार साडी ब्लाउज पहनने लगी और उसने साडी अपने उठे हुए पेट की चौड़ी और गहरी नाभि के काफ़ी नीचे से बाँधी और जानबूझ कर पैंटी नही पहनी. गीता जब बाहर निकली तो अजय सोफे पर बैठा था, अजय की नज़र अपनी मा के उठे हुए पेट और गहरी नाभि पर पड़ी तो वह देखता ही रह गया, मन ही मन वह मा कितनी मस्तानी घोड़ी लग रही है तू दिल करता है तेरी गहरी नाभि और गुदाज पेट मे अपना मूह डाल कर पी जाउ, गीता वाकई इतनी मस्त और सेक्सी लग रही थी कि अजय एक टक उसके मासल पेट को देखता ही रह गया, गीता अजय की नज़रो को समझ गई कि अजय अपनी मा को चोदने की नज़र से उसके नंगे रूप को देख रहा है, उसकी चूत तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी फिर उसकी नज़र भी अजय के पाजामे मे सर उठाए उसके मोटे लंड पर पड़ी और वह सनसना गई और अपने बेटे के पास जाने लगी, अजय अपनी मा को धीरे धीरे अपनी और आते देख उसका लंड तन्तनाने लगा, गीता अजय के पास आकर सोफे पर बैठ गई, आज पहली बार दोनो मा बेटे के लंड और चूत एक दूसरे मे समा जाने के लिए मचल रहे थे, गीता जानती थी कि अजय अब उससे रोज की तरह चिपक कर मा से प्यार का बहाना करके उसके मस्ताने जिस्म के मज़े लेगा और हुआ भी ऐसा ही, गीता उठ गया मेरा राजा बेटा, अजय मा के मोटे मोटे चुचियो मे अपना मूह डाल के क्या मा तुम सोने भी नही देती हो, अरे मेरे राजा कितना सोएगा और गीता ने भी अजय को अपने बदन से कस कर चिपका लिया और एक जवान मर्द का जिस्म महसूस करके अपने बेटे के गाल और गर्देन को चूमने लगी, मेरा प्यारा बेटा,,,अजय ने भी अपनी मा के गुलाबी गालो और गर्देन पर अपना मूह रगड़ते हुए गीता को पूरी अपने बाहो मे भर लिया और अपने हाथ को मा की मोटी गंद पर ले जाकर उसकी गंद को सहलकर महसूस करने लगा, दोनो मा बेटे के चूत और लंड पानी पानी हो चुके थे, दोनो ओर वासना पूरे उफान पर थी दोनो ही आनंद के सागर मे डूबे एक दूसरे के बदन को कस कर दबोच रहे थे, कोई भी किसी को छोड़ने का मन नही कर रहा था, अजय अपनी मा के जिस्म की मादक खुश्बू से मदहोश हो रहा था. मा आप बहुत अच्छी हो और अपनी मा का मूह पकड़ कर उसके गालो को चूम लिया, मन तो कर रहा था कि अपनी मा के रसीले होटो को पी जाए लेकिन वह कर नही सकता था, गीता तू भी तो मेरा प्यारा बेटा है और अजय को अपनी मोटी छातियो से लगा लिया और मन ही मन सोचने लगी ले ले बेटा अपनी मम्मी की मदमस्त जवानी का मज़ा, दूसरी ओर किचन से आरती ने दोनो मा बेटे का मिलाप देख लिया उसे थोड़ा अजीब लगा क्यो कि अजय एक जवान हॅटा कॅटा मर्द लगता था लेकिन फिर उसने माइंड नही किया और चाइ लेकर बाहर आ गई, मा जी चाइ, और फिर अजय को चाइ देते समय आरती की नज़र अजय के पाजामे पर पड़ी तो उसका मूह खुला का खुला ही रह गया और उसे अजय पर कुछ शंका सी हो गई, आरती भी अपना चाइ का कप लेकर सामने बैठ गई और सोचने लगी क्या अजय का लंड अपनी मा के लिए खड़ा है, क्या अजय अपनी ही मा को चोदना चाहता है यह सब सोच के आरती भी बैठे बैठे ही सन्सनाने लगी और उसकी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी. वह चोर नज़रो से अजय के लंड के उठाव को देख रही थी उसे लगा अजय का लंड उसके पति विजय से भी काफ़ी मोटा तगड़ा लगता है, अजय भी उसे कामदेव की तरह नज़र आने लगा आरती ने अपनी शंका के चलते अजय पर नज़र रखना शुरू कर दिया. और सोचा शायद उसका कुछ फ़ायदा हो जाए, दोनो सास बहू खाना बनाने संबंधी बाते करते करते चाइ की चुस्किया लेने लगी उधर अजय चोर नज़ारो से अपनी भाभी की मोटी गोलैयो को ललचाई नज़रो से देख रहा था यह बात भी आरती ने नोटीस कर ली, चाइ पीने के बाद आरती चाइ के कप उठा कर जनभुज कर अपनी मोटी गंद हिलाते हुए किचन की ओर जाने लगी और अजय टकटकी लगा कर आरती के मतवाले चूतादो को घूर्ने लगा तभी आरती ने पलटकर अजय की ओर देखा वह समझ गई कि अजय उसके मोटे चूतादो को देख रहा है और अजय की ओर देख कर मुस्कुरा दी जिसके कारण अजय एक दम से सकपका गया.

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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

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रात को अजय अपने बिस्तर मे पड़ा पड़ा अपनी भाभी के चूतादो को याद कर के उत्तेजित होने लगा उसे अपनी भाभी को नंगी देखने की चाहत होने लगी उसकी आँखो के सामने उसकी भाभी के मोटे मोटे चूतड़ नंगे होकर थिरकने लगे और वह बेचैन हो गया और उसने अपनी भाभी के कमरे के दरवाजे से अंदर झाँका, अंदर आरती और विजय नंगे एक दूसरे को सहला रहे थे आरती पूरी नंगी थी और उसकी पीठ दरवाजे की ओर थी अजय अपनी भाभी की मोटी गंद देखकर पागल हो गया क्या गोरी गोरी मोटी गंद थी आरती की और बीच की गहरी दरार जहाँ उसका भाई अपनी उंगलिया चला रहा था अजय ने अपनी भाभी को चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और आकर बेड पर लेट गया तभी उसकी नज़र अपनी मा और बहन की पैंटी पर पड़ी और उसका मूसल फिर खड़ा हो गया और वह अपनी मा और बहन की पैंटी को शुंघ कर अपना मोटा लंड मसलने लगा .

इधर विजय से चुदने के बाद आरती बाथरूम की ओर जाने लगी तभी उसे अजय के कमरे की खिड़की खुली दिखी उसने चुपके से अंदर झाँक कर देखा तो वह देख कर दंग रह गई क्यो कि अजय उसकी सास और ननद की पैंटी को को शुंघ शुंघ कर अपना मोटा लंड सहला रहा था उसका शक यकीन मे बदल गया और वह सोचने लगी कि अजय अपनी मा और बहन दोनो को चोदना चाहता है उसका मोटा लंड देख कर आरती की चूत मे सुरसूराहट होने लगी काफ़ी मोटा लंड था उसके पति के मुक़ाबले बहुत ही ज़्यादा बड़ा मोटे डंडे जैसा दिखाई दे रहा था. आरती ऐसे मोटे लंड से चुदने के लिए बैचन होने लगी. वह यह भी समझ चुकी थी कि अजय की नीयत उसके चूतादो पर भी खराब है वह ज़रूर उसके चूतादो को अपनी मा और बहन की तरह ही चाटना और चोदना चाहता है यह सोच कर उसकी चूत ने काफ़ी पानी छोड़ दिया और अपने कमरे मे आ कर सोचने लगी. और मोके की तलाश मे जुट गई.

अजय की भाभी जब से उसके घर आई थी अजय को अपनी मा और बहन को बाथरूम मे नंगी नहाते देखने का मोका नही मिल पा रहा था कोई ना कोई घर पर रहता ही था और अजय मोके की तलाश मे रहता था एक दिन रश्मि सुबह सुबह नाहकार अपनी किसी सहेली के यहाँ चली गई उसकी भाभी अपने कमरे मे पड़ी हुई थी शायद MC की वजह से उसकी कमर मे और पेट मे दर्द हो रहा था अजय सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था तभी गीता झाड़ू लेकर झाड़ू लगाने लगी उसके झुकने की वजह से उसके मोटे मोटे फैले हुए चूतड़ और पैंटी की लकीर नज़र आने लगी अजय पीछे से गीता के मासल मोटे मोटे चुतदो की थिरकन देखने लगा और अपना लंड सहलाने लगा . गीता समझ गई कि उसका बेटा उसके मोटे चूतादो पर अपनी आँखे गढ़ाए हुए है और वह जानबूझ कर अजय की ओर अपने चूतड़ निकालकर धीरे धीरे झाड़ू मारने लगी अजय का मन कर रहा था कि जाके मा के चूतादो मे अपना मूह डाल के खूब चाते तभी गीता ने जनभुज के झाड़ू लगाते लगाते एक हाथ से अपनी मोटी गंद की दरार मे खुजली की जिसे देख के अजय का लंड पाजामा फाड़ के बाहर आने को बेताब हो गया फिर गीता ने झाड़ू लगा कर नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गई, आज अजय के पास अच्छा मोका था अपनी मा को नंगी देखने का वह चुपचाप भाभी के कमरे मे उनको देखने गया जहाँ आरती सो रही थी,

क्रमशः......................

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