लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) complete

Post Reply
User avatar
Ankit
Expert Member
Posts: 3339
Joined: 06 Apr 2016 09:59

Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

भाभी का इतना कहना ही था कि मेने भाभी की नंगी जाँघ जो गाउन के उपर सिमटने से हो गयी थी, को सहलाया..

और एक हाथ से उनकी चुचि को उमेठते हुए उनके लाल रसीले होठों पर टूट पड़ा.

भाभी मेरी सबसे पहली पसंद थी, उसे भला कैसे छोड़ सकता था..

भैया का लंड शायद भाभी को अंदर तक तृप्त नही कर पाता था, इस वजह से वो मेरे साथ सेक्स करने में पूरी तरह खुल जाती थी…,

अहह…..लल्लाअ…मेरे दूधों को चूसो….. बहुत खुजली होती है इनमें……इस्शह….खा जाऊओ…..…

मेने जासे ही उनके कड़क हो चुके निप्पल्स को काटा…..भाभी कराह उठीी…
ज़ोर्से…नही मेरे रजाअ…..उफ़फ्फ़….माँ…..मस्लो इन्हें…

भाभी दिनो दिन गदराती जा रही थी, उनके चुचे अब 34+ और गान्ड भी 36 की हो चुकी थी, जो मेरी बहुत बड़ी कमज़ोरी रही है शुरू से ही…

एक गहरी स्मूच के बाद मेने उनका गाउन निकाल फेंका, उन्होने भी मेरे कपड़े नोंच डाले, और एक दूसरे में समाते चले गये…

भाभी को सबसे ज़्यादा मज़ा मेरे लंड की सवारी करने में ही आता था,.. सो उन्होने अपना हाथ मेरे सीने पर रख कर मुझे पलंग पर धकेल दिया…और


वो मेरे उपर सवार होकर अपनी चुचियों के कंट्रोल बटन्स (निपल्स) को मेरे सीने से रगड़ती हुई… फुल मस्ती से अपनी चूत को मेरे कड़क लंड पर रगड़ने लगी…

उनकी चूत से निकलने वाले रस से मेरी जांघें और पेट तक गीला होने लगा, फिर जब भाभी की मस्ती चरम पर पहुँची,

तो उन्होने अपना हाथ घुसा कर मेरे मूसल जैसे लंड को पकड़ कर अपनी सुरंग का रास्ता दिखा दिया…. और खुद पीछे को सरकती चली गयी….

जैसे – 2 लंड चूत की दीवारों को घिसता हुआ अंदर को बढ़ता गया, भाभी के मूह से सिसकारी निकलती चली गयी…

पूरा लंड सुरंग के अंदर फुँचते ही भाभी लंबी साँस छोड़ते हुए बोली…

अहह…..लल्ला…..सच में ये तुम्हारा हथियार दिनो दिन बड़ा ही होता जा रहा है….. उफफफ्फ़…. कहाँ तक मार करता है…

फिर धीरे – 2 धक्के लगाते हुए बुदबुदाने लगी – हाए मैयाअ… तभी तो रूचि के पापा के साथ मज़ा ही नही आता है मुझे….

ना जाने क्यों जितना सुकून और संतुष्टि सेक्स करने में मुझे भाभी के साथ होती थी, वो किसी और के साथ में नही होती थी…

मे और भाभी रात के तीसरे पहर तक एक दूसरे के साथ कुस्ति करते, एक दूसरे को मात देने की कोशिश में लगे रहे…..

आख़िरकार दोनो ही जीत कर हारते हुए.... थक कर चूर, कोई 3 बजे सोए…..!

सुबह नाश्ता करते हुए बाबूजी ने मुझे पुछा – छोटू बेटा ! तुझे मोबाइल चलाना आता है..?

मे – हां बाबूजी, उसमें क्या है… मेरे कयि दोस्तों के पास है.. (हालाँकि मोबाइल का चलन अभी कुच्छ समय पहले ही शुरू हुआ था.)

बाबूजी – तो एक काम कर राम को फोन करके बोल देना, एक मोबाइल लेता आए इस बार.. ये ज़रूरी चीज़ें होती जा रही हैं जिंदगी में…

मे – हां बाबूजी ! आप सही कह रहे हैं.. वैसे मे आपको बोलने ही वाला था इस बारे में, फोन होना ज़रूरी है…

बाबूजी – देखा बहू… हम बाप बेटे के विचार कितने मिलते हैं..

भाभी ने हँसकर कहा – हां बाबूजी… आख़िर खून तो एक ही है ना.. !

हम सभी चकित थे, आज बाबूजी के व्यवहार को देख कर.. कुच्छ दिनो से उनमें काफ़ी बदलाव आया था.. लेकिन आज वो कुच्छ ज़्यादा ही खुश लग रहे थे..

कारण मेरी समझ में कुच्छ -2 आता जा रहा था, उनके खुश रहने का राज,

मेने जैसा सोचा था, वैसा होता दिख रहा था…. बाबूजी की खुशी हम सबके लिए ज़रूरी थी..

खैर मे कॉलेज चला गया और लौटते में एसटीडी से मेने भैया को फोन करके बाबूजी की बात बताई.. उन्होने भी हां करदी…

सॅटर्डे को भैया आए और सिम के साथ मोबाइल भी ले आए, जो बाबूजी के नाम से आक्टीवेट था..

चूँकि दोनो भाइयों के पास पहले से ही फोन की सुविधा थी उनके ऑफीस और घर दोनो जगहों पर, तो अब दूरियाँ कम होने लगी थी…

हमारे इलाक़े के लोकल एमएलए रस बिहारी शर्मा, एक दिन अपने क्षेत्र के दौरे पर आए,
User avatar
Ankit
Expert Member
Posts: 3339
Joined: 06 Apr 2016 09:59

Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

जब उन्हें पता चला कि मास्टर शंकर लाल शर्मा का बेटा डीएसपी बन गया है, तो वो पर्षनली हमारे घर आए और पिताजी से मुलाकात की…

बाबूजी ने बड़े अच्छे से उनकी आवभगत की, मेरे बारे में भी बताया.. मेरी पर्सनॅलिटी देख कर बहुत प्रभावित हुए वो, और उन्होने पिताजी से कहा…

मास्टर साब ! आपने अपने सभी बच्चों की अच्छी परवरिश की है, ये बच्चा भी देखो क्या सही पर्सनॅलिटी है इसकी.. इसको भी कोई बड़ा अफ़सर बनाना…

बाबूजी – एमएलए साब ! इसकी परवरिश में मेरा कोई हाथ नही, जब ये 8थ क्लास में था, तभी इसकी माँ चल बसी… पर ईश्वार की कृपा से हमारी बहू बहुत अच्छी निकली और उसने मेरे घर को अच्छे से संभाल लिया…ये सब उसी की वजह से है….

एमएलए – हमें नही मिलवाएँगे उस देवी से …?

बाबूजी ने मुझे इशारा किया, तो मे भाभी को बुलाने चला गया, कुच्छ देर बाद हम तीनों चाय नाश्ते के साथ वहाँ पहुँचे…

बिना कहे चाय नाश्ते का इंतेज़ाम देख कर एमएलए बहुत प्रभावित हुए.. और बोले – अब आपको आपकी बहू के बारे में कुच्छ भी कहने की ज़रूरत नही है..

मे समझ गया कि इसके संस्कार कितने अच्छे हैं…

उन्होने भाभी को भी अपने पास बिठा लिया और इधर-उधर की घर परिवार की बातें करने लगे..

बातों -2 में एमएलए बोले – मास्टर साब ! मे आपके परिवार से बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मेरी भी एक बेटी है.. पिच्छले साल ही उसने ग्रॅजुयेशन किया है…

अगर आप हमें अपने परिवार में शामिल करना चाहें तो आपके बेटे से मे अपनी बेटी की शादी करना चाहता हूँ…

बाबूजी ने जल्दी ही कोई जबाब नही दिया… और भाभी की तरफ देखने लगे… ना जाने उन्होने क्या इशारा किया…कुच्छ देर बाद बाबूजी ने उनसे कहा…

एमएलए साब ! आप जैसे बड़े आदमी की बेटी मेरे घर की बहू हो, इससे ज़्यादा हमारे लिए गर्व की क्या बात होगी… लेकिन फिर भी मे अपने बेटों की राई लिए बिना आपको कोई जबाब नही दे पाउन्गा..

एमएलए – कोई बात नही.. मे आपके जबाब का इंतेज़ार करूँगा.. और मुझे आपके विचार जानकार बड़ी खुशी हुई.. कि आप हर खास काम के लिए अपने परिवार से सलाह लेते हैं…

मुझे पूरा भरोसा है, की आपके परिवार में मेरी बेटी हमेशा खुश रहेगी.. अगर आपकी तरफ से हां हो तो आप हमें फोन कर दीजिए..

फिर उन्होने हमारा फोन नंबर लिया, और अपना फोन नंबर हमें दे दिया..

छोटे भैया को फोन कर दिया था अगले सनडे आने के लिए, जिससे सभी लोग मिल बैठ कर उनकी शादी के बारे में बात कर सकें..

अगले सॅटर्डे, शाम को ही दोनो भाई . गये.., रात के खाने पर ही बाबूजी ने बात छेड़ दी, और एमएलए के साथ हुई सारी बातें उन्हें बता दी.

सब कुच्छ बताने के बाद बाबूजी बोले – तुम क्या कहते हो राम बेटा, मेरे हिसाब से तो इतने बड़े खानदान से रिश्ता होना हमारे लिए गौरव की बात होगी..

राम – मे इस बारे में क्या कहूँ बाबूजी… ये कृष्णा की सारी जिंदगी का मामला है, वो ही कुच्छ बोल सकता है..

बाबूजी – तुम्हारा क्या विचार है कृष्णा…?

कृष्णा – आपको पता तो है ही बाबूजी… हमारे घर में आप जो फ़ैसला लेंगे, वो हम सबको मंजूर होता है.. फिर भी आप मुझसे पुच्छ रहे है.. आप और बड़े भैया जो कहेंगे वो मुझे भी मंजूर होगा..

भाभी – अगर बाबूजी की इज़ाज़त हो तो मे कुच्छ कहूँ..?

बाबूजी – अरे बहू ! ये क्या कह रही हो तुम, इस घर की बड़ी बहू ही नही.. मालकिन भी हो.. तुम्हें भला अपने विचार रखने के लिए किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नही है..

बोलो तुम्हारा क्या विचार है…?

भाभी – वो बहुत बड़े लोग हैं… स्वाभाविक है उनकी बेटी लाड प्यार में पली होगी, अगर वो हमारे परिवार को आक्सेप्ट नही कर पाई तो..?

राम – मोहिनी ठीक कह रही है बाबूजी… क्यों ना एक बार उनकी लड़की को देख लिया जाए..
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by 007 »

दोस्त कहानी मजेदार होती जा रही है बहुत अच्छा अपडेट दे रहे हो
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by jay »

Excellent update...
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply