लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) complete

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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

मे उनकी गोद से उठ कर बैठ गया.. सामने देखा तो निशा, रूचि को गोद में लिए खड़ी थी..

चाची – आओ निशा ! अंदर आओ, वहाँ क्यों खड़ी रह गयी… ?

वो हमारे पास तक आई.. मे भी चारपाई से खड़ा हो गया और रूचि के गाल पर किस करने के लिए अपने होंठ आगे किए…

मे जैसे ही उसको किस करने वाला था कि रूचि ने अपना सर पीछे हटा लिया.. और मेरे होंठ निशा के गाल पर जा टिके…
रूचि ताली बजाते हुए हँसने लगी और चिल्ला कर बोली … दादी देखो ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी कर दी…ओहोहो… ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी करदी…!

उसके साथ चाची भी हँसने लगी… और हम दोनो झेंप गये.. मेने उसे सॉरी बोला…
वो रूचि को झूठा गुस्सा दिखा कर बोली – रूचि ! तू बहुत शैतानी करती है..

ठहर अभी तेरी पिटाई करती हूँ….

रूचि उसकी गोद से उतार कर मेरी गोद में आ गयी.. और मेरे गले से लिपट गयी…!

रूचि के गाल पर एक पप्पी कर के मेने उसे चाची के पास चारपाई पर बिठा दिया………

चाची बोली – तुम दोनो बैठो, मे ज़रा गाय-भैंस को चारा डाल कर आती हूँ..

और वो बहाना कर के वहाँ से चली गयी.. मेने कहा, निशा जी बैठिए ना.. !

वो – नही मे ऐसे ही ठीक हूँ.. आप बैठिए..

फिर बोली – आप मुझे निशा जी क्यों बुलाते हैं..? खाली निशा बोला कीजिए ना प्लीज़…!

मे – आपको अच्छा लगेगा..?.. तो उसने कहा – हां ! और हो सके तो ये आप की वजाय तुम कहो तो मुझे और ज़्यादा अच्छा लगेगा..

मे – ठीक है, जैसा तुम कहो… वैसे निशा ! तुमने मेरी बात का अभी तक कोई जबाब नही दिया…?

वो – कॉन सी बात का..?

मे – मेने उस दिन कहा था.. ना ! कि मे तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.. क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो..?

वो बिना कोई जबाब दिए मेरी तरफ देखने लगी.. पता नही कैसा जादू था उसकी आँखों में की मे उसकी आँखों डूबने लगता था……!

कुछ देर बाद उसने अपनी पलकें झुका ली.. लेकिन कोई जबाब नही दिया.. मेने उसके हाथ अपने हाथों में ले लिए और फिरसे अपना सवाल दोहराया, बताओ ना प्लीज़…!

वो – अगर मे ना कहूँ तो आप मान लेंगे कि मे आपको पसंद नही करती..…?

मे – फिर भी मे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हूँ…!

वो – सच कहूँ… तो मे आपको पहली नज़र से ही चाहने लगी थी, तब मुझे आपके बारे में ये भी पता नही था.. कि आप कॉन हो…?

मे – सच..! तुम सच कह रही हो..? ओह निशा… आइ लव यू… ये कहकर मेने उसे अपनी बाहों में भर लिया…

वो – आइ लव यू टू अंकुश जी… मे भी आपसे प्यार करने लगी हूँ.. लेकिन अभी छोड़िए प्लीज़ … चाची आ गयी तो क्या सोचेंगी..

मेने उसे अपने सीने से लगाकर कहा – तुम चाची की चिंता मत करो जान… वो कुछ भी नही कहेंगी…

तुम नही जानती तुमने मुझे कितनी बड़ी खुशी दे दी है… ये कहकर मेने उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसके पतले-2 रसीले होंठों को चूम लिया…

वो बुरी तरह से शरमा गयी, उसका शरीर थर-थर काँपने लगा, साँसें भारी होने लगी…

रूचि फिर ताली बजकर चिल्लाई… ओहो ! चाचू ने फिर मौसी की क़िस्सी कर दी…!

रूचि की आवाज़ सुनकर हम दोनो अलग हो गये…
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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »


निशा रूचि को थप्पड़ दिखाते हुए बोली – ठहर शैतान.. अभी बताती हूँ तुझे…

और फिर मुस्कराते हुए प्यार से उसने रूचि को अपनी बाहों में समेट लिया,
उसके गाल पर एक प्यार भरा किस कर के मेरी ओर देखकर वो मुस्काराई, और उसे गोद में लेकर खिल-खिलाती हुई घर की तरफ भाग गयी…

मे मन ही मन मुस्करता हुआ, उसे जाते हुए देखता रहा………!

रात को खाना खाते समय भाभी ने कहा – लल्ला जी… कल निशा को छोड़ आना.. अब बहुत दिन हो गये उसको यहाँ… घरवाले खम्खा परेशान हो रहे होंगे…

मेरी तो ये सुन कर साँस ही अटक गयी.., खाना गले में अटक गया.., मुझे खाँसी का ठन्स्का सा लग गया…

भाभी – क्या हुआ… अच्छे से खाना खाओ.. इतनी भी क्या जल्दी है…ये कहकर मुझे पानी का ग्लास पकड़ा दिया…

मेने चोर नज़रों से निशा की तरफ देखा, वो भी भाभी की बात सुन कुछ दुखी सी लग रही थी…

मे – ऐसी भी क्या ज़रूरत आन पड़ी एकदम से भाभी.. मुझे कल कॉलेज भी जाना ज़रूरी है.. कोर्स बहुत पिछड़ गया है भैया की शादी के चक्कर में….!

भाभी – तो कोई बात नही कॉलेज से लौट कर छोड़ आना.. अब सारी जिंदगी ये यहाँ तो नही रह सकती ना.., वैसे भी तुम्हारी बुलेट रानी के लिए है ही कितना दूर..

मे – ठीक है.. फिर दोपहर के बाद ही निकल पाएँगे…

अब साला चाची से भी कल का वादा किया है, तो वो भी निभाना तो पड़ेगा वरना वो बुरा मान जाएँगी..…,

मेने अकेले में भाभी को ये बात बताई.. तो वो बोली – कोई बात नही, मॅनेज कर लेना…

शाम को थोड़ा लेट चले जाना और रात वहीं रुक जाना.. मेने कहा – वैसे भाभी इतना भी अर्जेंट नही है.. निशा का जाना.. और कुछ दिन रहने दो ना.. !

वो मेरी तरफ गहरी नज़रों से देखते हुए बोली – तुम उसको रोकने के लिए इतना प्रेशर क्यों डाल रहे हो…? बात क्या है..? कुछ लफडा लगता है..क्यों..?

मे नज़र नीची कर के बोला – नही भाभी ऐसा वैसा कुछ नही, बस मे तो यूँही कह रहा था… !

वो – अच्छा वो सब छोड़ो.. अब मुझे सच..सच जबाब देना.. जो मे पुच्छू उसका..

मे – हां ! पुछिये…

वो – तुम्हें निशा कैसी लगती है..?

मे – अच्छी है, सुन्दर है.. इसमें छिपाने जैसा क्या है.. जो सच है सो है..

वो – तुम उसे पसंद भी करते हो…

उनके इस सवाल पर में गड़बड़ा गया… जल्दी से कोई जबाब नही दे सका.. तो नज़र अपने आप झुक गयी…

मेरी ओर से कोई जबाब ना पाकर वो फिर बोली – वो भी तुम्हें पसंद करती है..?

मेने अपनी नज़र ऊपर की और उनकी ओर देखने लगा… मुझे अपनी ओर देखते हुए पाकर वो बोली –

लल्ला ! मे तुम दोनो के बारे में सब जानती हूँ, और इसलिए उसे यहाँ से भेज रही हूँ…. जिससे तुम दोनो कहीं बहक ना जाओ, और समय से पहले कुछ ऐसा हो जो नही होना चाहिए…

मे तुम दोनो से नाराज़ नही हूँ.. बल्कि मे तो खुद चाहती हूँ.. कि आगे चल कर तुम दोनो एक हो जाओ..

निशा के लिए तुमसे अच्छा जीवन साथी और कोई हो ही नही सकता.. लेकिन रिश्तों की कुछ मर्यादाएँ होती हैं, जिन्हें हमें निभाना पड़ता है..!

मे मुँह बाए, बस उनके चेहरे को ही देखता रहा.. उनके चेहरे पर किसी भी तरह के कोई भाव नही थे… जस्ट चिल…

मे भाभी के गले से लग गया… मेरी आँखों से दो बूँद आँसुओं की निकल पड़ी और मेने रुँधे गले से कहा-

सच में आप मेरे लिए भगवान का रूप हो भाभी… हम दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे हैं.. और अब एक दूसरे के बिना रहने की कल्पना भी नही कर सकते…

वो – लेकिन कुछ साल तो तुम दोनो को इंतेज़ार करना पड़ेगा… लेकिन ये मेरा वादा है तुमसे.. कि चाहे जो भी हो, मे तुम दोनो को मिलाकर ही रहूंगी…

अब तुम जाओ.. और बिना किसी शक-सुवह के सो जाओ… कल बहुत मेहनत करनी है.. ये खाकर मेरे गाल पकड़ कर हँसने लगी…

मेने एक बार भाभी के गालों पर किस किया और सोने चला गया..
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Smoothdad
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

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अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
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