मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

मैंने फिर मोम को खयालों से वापिस रूम में लाते हुए कहा- “अंजली आंटी तो आपके साथ इतने टाइम रही पर आप कालेज में मस्ती नहीं करती थी?”

मोम ने गहरी साँस लेते हुए हाँ कहा- “सही है, पर मुझे पता नहीं ये सब करने का मूड नहीं होता था। अंजली तो मुझे दादी अम्मा बोला करती थी, पर फाइनली जब तेरे डैड से शादी हुई तब उसकी बोलती बंद हो गई…”

मोम का चेहरा एक पल के लिए गुस्से से भर गया था, पर एक सेकंड में मोम नकली स्माइल के साथ चुप हो गईं। मोम ने मेरे बालों में हाथ फेरा फिर मोम ने मुझे गाल पे किस कर दिया। फिर मैं मोम के चेहरे को देखकर चुप सी उनको देख रही थी, फिर मोम इस बार रियल स्माइल देकर बैठ गई। उन्होंने जाकर खिड़कियां बंद कर दी, फिर मोम वापस बेड पर मेरे पास लेट गई। पर लेटने से पहले उन्होंने टी-शर्ट उतार दी। मोम इतने टाइम सिर्फ वो ब्लू टी-शर्ट ही पहने थी, यानी अब मोम टोटली नंगी थी।

मैंने अपनी टी-शर्ट उतार साइड में फेंक दिया, फिर मोम के सामने अपनी चूचियां कर दी। मोम मेरी चूचियां दबाकर निपल पर जीभ फेर रही थी। मैं ऊपर से नंगी थी और मोम पूरी। मैंने मोम को बेड पर लिटा दिया, फिर अपनी शार्टस नीचे करके बेड पर मोम के ऊपर चढ़ गई। मोम मेरी चूत की सारी जगह को चूमने लगी फिर क्लिट को मुँह में ले लिया और जोर शोर से काम पर लग गई।

मैं अपनी मोम को चूत का मजा दे रही थी और खुद अपनी चूचियां ऊपर करके जीभ से टिट्स को चाटने लगी, कुछ देर बाद मोम ने मुझे लिटा दिया और जम के टूट पड़ी। मैं तेज साँसें और सिसकारियां निकालने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही थी। फिर मैं हट गई और मोम की क्लिट की तरफ बढ़ गई। मोम अपनी टाँगें खोले बैठ गई और मैं अपनी गाण्ड ऊँची करके मोम की गीली क्लिट पर अपनी जीभ चलाने लगी। रूम में आवाजें तेज हो गई थी और अब हम पूरे मूड में आ गये थे।

मोम मेरा सिर अपनी ओर दबाकर बोल रही थी- “चूस और चूस आह्ह… इस्स्स… सक माई पुस्सी, माई हाउस स्लट…”

मैं क्लिट को जोर से चूसती गई और मोम ऐसे ही तड़प-तड़प कर बोलती जा रही थीं। फिर मैंने मोम की कमर को पकड़ लिया और चूत पर टूट पड़ी। मोम हिल रही थी, कमर उचका रही थी, और उनके पैर काँपने लग गये।

मोम- “आह्ह… आई एम कमिंग… आई एम कमिंग कमिंग कमिंग…” फिर मोम तेज धार के साथ झड़ गई- “हाँ… आह्ह… आह्ह… हाँ तू तो एक्सपर्ट होती जा रही है आह्ह…” मोम हाँफते हुए बोल रही थी और उनकी ऊपर-नीचे होती चूचियां और भी कयामत ढा रही थीं।

मोम ने मुझे लेटा दिया, मेरी नाभि पर किस और फिर नाभि पर किस करते-करते चूत तक बढ़ती चली गईं, अब तड़पने की बारी मेरी थी, मोम पहली बार तो सिर्फ उंगली कर रही थी फिर उन्होंने उंगली के साथ अंगूठे को क्लिट पर मसलना शुरू किया।

धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती जा रही थी, मैं सिसकारियां लेकर बेड पर सलवटें बना रही थी। मोम तो जैसे आराम से शांति से मुझे तड़पती देख रही थी, और मेरी क्लिट की बैंड बजा रही थी। मैंने झड़ने की घोषणा कर दी तब मोम ने अपने चेहरा को मेरी चूत पर लगाया।

कुछ देर बाद ही मजेदार स्क्विर्ट के साथ में शांत हो गई, फिर भी मोम ने अपने मुँह को नहीं हटाया, वो अपनी जीभ चलाती गई जिससे मैं एक बार फिर से तैयारी करने लगी झड़ने को।

अब तो मैं बड़बड़ाती हुई रुआंसी सी हो गई थी- “सक इट हाँ हाँ चोदो हअ आऽ आह्ह… आह्ह… यू डर्टी होर आह्ह… इस्स्स… सक इट होर, सक इट होर सक इट होर आह्ह… फुक्क माई फकिंग कंट माई स्लट चूत आऽ आऽ फक डीपर डीपर मोर… लाइक दैट होर सक योर होर डाटर डर्टी लिटिल कंट आह्ह…”

फिर मोम ने अपना चेहरा हटा लिया और मुझसे हटकर मोम अब अपनी चूत को मेरी चूत पे रख दी। मैं अब तक इतनी बुरी तरह से तड़प रही थी की मैंने मोम की जांघों को पकड़कर रगड़ना शुरू कर दिया।

मोम भी जोश के साथ बोलती जा रही थी- “आह्ह… यस्स जस्ट लाइक दैट फकिंग होर यू आर डूयिंग राइट बेबी… फक योर मदर, आह्ह… इस्स्स… योर होर मोम लाइक्स इट इस्स्स… एयेए फक आह्ह… फक माई पुस्सी… डू यू लाइक मामा चूत? यू लोव इट डोन्ट यू?”

मोम ने स्पीड बढ़ा दी और मेरी चूत ने जवाब दे दिया। मैं अपनी क्लिट पर थपथपाने लगी आह्ह… फिर मोम ने मेरी जांघों पर अपनी चूत को रगड़ना शुरू किया। फिर वो तेज साँसें छोड़कर झड़ गईं। मोम ने मुझे पास झुकने को कहा और फिर मुझे वो किस करने लगी।

हम दोनों बेड पर लेट गईं। मैं मोम की चूचियां चूसते हुए रिलैक्स कर रही थी। मोम और मैं लिपट गये और हम किस करते रहे, मन ही नहीं भर रहा था, थोड़ी देर रुक जाते पर फिर किस करने लगते। कब रात हो गई, क्या टाइम हुआ है पता कुछ नहीं था।

अचानक एक आवाज आई- “मोम? अरे यार कोई लाइट क्यों नहीं ओन करता?”

मैं जल्दी से उठी और मोम के भी उठने का एहसास हुआ।

तभी वो आवाज फिर से आई- “दीदी कहां हो? सब सो गये हैं क्या?” आवाज पास आती जा रही थी।

हम झट से उठ गये, भाई घर आ गया था, कहीं वो हमें इस तरह ना देख ले?

“ओह्ह… शिट…” मोम ने धीमे से कहा- “वो यही आ रहा है…”

“आपकी टी-शर्ट?” मैंने बेवफूफ बेड पर अंधेरे में हाथ फेरते हुए ढूँढ़ने लगी।
तभी भाई की आवाज ऐसे सुनाई दी की वो रूम में ही सामने खड़ा है- “दीदी?” और लाइट ओन हो गई, दिल तो मानो गले में फँस कर रह गया था।

“दीदी, आअंची, सारी आअंच्छी…”

एक हल्की दरवाजे के बंद होने की आवाज आई। मोम रूम से गायब हो चुकी थीं। पर भाई तो दरवाजे पर ही खड़ा था, और वो अब अपना मुँह खोले मुझे देख रहा था, सदमे के इंप्रेशन की जगह एक स्माइल ने ले ली।

भाई- “ओह्ह… हो लगता है की किसी को मैंने डिस्टर्ब कर दिया?”

मैं- “हाँ… कर तो दिया है, अब मेहरबानी करके और डिस्टर्ब मत करो… ओफ्फो बच गये…”

भाई मेरे पास आया और मेरी चूचियों को मसलकर गर्दन पे किस करने लगा, मैंने उसके सीने पे धक्का दिया और पीछे कर दिया। मैं नहीं चाहती थी की मोम वापस रूम में आकर मुझे और भाई को कुछ करते हुए देखें। पर उसने मेरी बांह पकड़ ली और मेरे पीछे आ गया। मुझे अपनी गाण्ड पे उसका सख़्त लण्ड लगने लगा। भाई का हाथ मेरी चूत और चूची को मसलकर मुझे पागल करने लगा। ना चाहते हुए मेरी चुदक्कड़ गाण्ड उसके लण्ड को पैंट के साथ ही अंदर ले लेने के लिए हिलने लगी।

मुझे वापस होश आया और मैंने उसको बेड पर गिरा दिया- “तू क्या हर टाइम यही करना चाहता है?”

भाई- “हाँ…” उसने बेशर्म होकर जवाब दिया।

मेरे चेहरे पर भी स्माइल आ गई। मैं बाथरूम की तरफ जाते हुए बोली- “और फिर मोम यहाँ आकर देख लेगी, तो?”

भाई ने कहा- “तुम जानती हो क्या?” मैंने बाथरूम के दरवाजा को खोलना चाहा पर भाई ने कहा- “मैंने कभी थ्री-सम नहीं किया…”

ये बेवकूफ ऐसी बात कैसे बोल सकता है? जब उसकी माँ भेन दोनों सुन रही हों, जो अभी तक बाथरूम में बंद हैं, आंड आई एम श्योर, शी इस नंगी।

भाई ने आगे कहा- “दीदी यू लुक लाइक मोम, टोटली, डोन्ट यू थिंक?”

मैं तेजी से सोच रही थी की मोम अभी क्या सोच रही होंगी? मुझे इतना तो पक्का पता था क्योंकी मैं अब मोम को जितना जानती हूँ उतना कोई भी नहीं जानता, और आई एम श्योर शी इस आंग्री नाउ। बस अभी भाई ये बकवास बंद कर दे। उसकी किश्मत खराब है की वो तब ऐसी बात बोल रहा है जब मोम उसकी बात सुन रही हैं, और उसको बिल्कुल भी पता नहीं। मोम मुझे ही इस सबका दोष देंगी, तभी आई गाट आइडिया।

मैं- “वाट डू यू मीन, तू मोम के बारे में क्या बोल रहा है?” मैंने कुछ गुस्से में कहा।

भाई- “आई मीन मोम और आप एक जैसे दिखाई देते हो ना, ये तो आप भी मनती हो, है ना?”

मैं- “हाँ… तो?”

भाई- “तो मानो की अभी आप मोम होती और, उम्म… और, लुक इफ इफ…”
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »


मैं सब समझ रही थी, और मैं सही हूँ तो मोम भी। मैं चाहती थी की भाई को एक रखकर दे मारूं, पर एक मस्ती सी सूझ रही थी। मुझे आइडिया आया की भाई से मोम के बारे में ऊटपटांग बुलवाते हैं और देखते हैं कि मोम क्या करती हैं?

मुझे तो हँसी भी आ रही थी, जब मोम खुद अंदर नंगी बैठी है, तो फिर कैसे बाहर आकर उसको झापड़ मारती, पर मैं ना फँस जाऊँ इसलिए मुझे इशारे से भाई को भड़कना था, पर बोलना ऐसा था की मैं उसको रोकना चाहती हूँ, लेटस स्टार्ट दि गेम।

मैं- “हाँ… तो क्या?” मैंने हल्के गुस्से से पूछा। पर मैंने अपने बाल मोम की तरह किए और इशारा किया की लुक आई एम मोम नाउ।

भाई इससे खुश हो गया और उसका घबराना बंद हुआ, उसने आगे कहा- “मोम भी अभी आपकी तरह नंगी होती… तो आपकी तरह ही दिखती?”

मैंने सोचा वो तो अभी नंगी ही है। मैंने कहा- “अभी क्या मोम को तू नंगी देखना चाहता है? ऐसा सोचता है तू?” सुनने में लग रहा था की मैं उसको कह रही हूँ की शर्म कर जबकी बाहर देखने में तो बिल्कुल उल्टा था।

भाई- “वो तो अभी नंगी ही हैं…” पक्का मोम की हालत और खराब हो गई होगी अंदर। वो बेड से उठा और मुझे पकड़ लिया, और कहा- “मेरे सामने, माई हाट गाण्ड मोम, यू मेक मी हार्ड, इस गाण्ड को रोज देख-देखकर अब मुझसे नहीं रहा जाता…” कहकर भाई ने मुझे दरवाजा पे टिका दिया।

और तभी बाथरूम का दरवाजा धम्म से बजा।

भाई- “ओह्ह… मोम योर बिग चूचियां आर सो साफ्ट, आई आल्वेज वान्टेड टु ग्रैब देम, सक देम…”

मैं- “नहीं आ… …”

भाई- “हाँ… दीदी की बाडी सेम आपके जैसी है, सेम फिगर, सेम चूची, सेम गाण्ड, चूत भी सेम ही होगी, अब आपकी बेटी मेरी फँटेसी पूरी करेगी, आ…”
मैंने मन में कहा की चूत जब देखेगा तो भेन को भी भूल जाएगा। मैंने कहा- “बच्चू, जरा संभाल के, मोम ने सुन लिया ना, तो तेरी खैर नहीं…”

भाई- “वो घर पे होंगी तब सुनेगी ना?”

मैं- “आऽ मतलब?”

भाई- “मैं जब आया तब कोई नहीं था, मैंने उनके रूम में भी चेक किया। हाँ… आपको नहीं पता?” फिर मेरी दोनों बाहों को जकड़ के मुझे उसने दरवाजा पे झुका दिया।

मैं- “आह्ह…” मेरी चूत पहले से ही मोम के साथ इतनी देर से रही थी, गीली थी, भड़की हुई थी की मेरी जान पे बन आई। आह्ह… भाई मेरी चूचियों और क्लिट पर टूट पड़ा था की मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, ना मेरा दिमाग काम कर रहा था और ना मेरी बाडी। वो तो अब तेज करेंट वाला ट्रान्सफार्मर बन गया था, सब कंट्रोल से बाहर चला गया।

तभी मेरा हाथ वहां चला गया जहां नहीं जाना चाहिए था, और फिर भाई ने भी ऐसा काम कर दिया जो उसको अभी नहीं करना चाहिए था, कम से कम मेरी इस तड़पती हालत में तो नहीं। उसने झट से अपनी पैंट को खोलकर मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दिया।

मैं- “उम्म्म… मार गई आह्ह…” मैं जोर में चिल्ला पड़ी- “आह्ह… आह्ह… आऽ…” मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया, मैं जोर-जोर से ‘आह्ह’ करती जा रही थी- “आह्ह… नो नो नो अम्म्म्म… आदी प्लीज़्ज़… डोन्ट आह्ह… मेरी चूत आआह्ह…” क्योंकी मुझे चुदने में जितना मजा आ रहा था उससे ज्यादा तो इस बात से आ रहा था की मोम बाथरूम में अपने बेटे बेटी की चुदाई की आवाजें सुन रही थी, एस हाउ मच फकिंग किकी दैट वाज।

मैं दरवाजा पे झुकी हुई थी, मेरी चूचियां हर धक्के से झूल रही थीं, इससे मैं झड़ गई कुछ ही देर में। भाई मेरी चूत में दो उंगली डालकर जोर से अंदर-बाहर करने लगा, मेरी चूत से ढेर सारा पानी बहता जा रहा था और मेरे मुँह से रुआंसी आवाज निकल रही थी, फिर आदी ने मुझे पकड़कर खड़ा कर दिया और

मैं- “नो नो…”

उसने दरवाजे को खोलने के लिए हाथ आगे किया और मैंने उस हाथ को पकड़कर अपनी चूचियों पे रख दिया।

भाई- “दरवाजा खोल दो…”

मैं- “नहीं…”

भाई- “ऐसा क्या? ओके मोम, अब आपकी गाण्ड तो गई काम से। जब मैं अपना तगड़ा लण्ड इसमें पेलूंगा तो आप भी इसकी देवानी हो जाओगी, आंड देन यू विल्ल बेग मी, बेग मी टु फक यू, आंड आई, आई विल फक यू नाउ, आई वांट टु फक यू टुमारो, डे आंड नाइट एवरीडे…”

मैंने मोम को सुनाने के लिए कहा- “पागल हो गया है तू जा यहां से…” जबकी मैंने उसे पास खींच लिया। और उसने मेरी छोटी सी गाण्ड के मासूम से छेद पे अपना तगड़ा लण्ड रख दिया, वो एकदम खतरनाक गरम था मेरी तो अभी से बज गई, और तब, ओह्ह गोड क्या बताऊँ यार।

आगे भी इसी तरह से ये खेल चलने लगा, भाई ने मुझे दरवाजे से सटा दिया और जोर-जोर से शाट मारने लगा, हर धक्के से दरवाजा बज रहा था। पता नहीं अंदर मोम की क्या हालत होगी? भाई ने मेरे बाल पकड़कर मेरी बैक आर्च बना दी।

मोम ने आगे क्या कुछ नहीं सुना? क्या नहीं सोचा? उसकी बेटी अपने भाई को रोक रही है और उसका भेनचोद भाई खुद को मादरचोद मानकर उसको अपनी माँ यानी खुद मुझे चोद रहा है। मैं नंगी ना होती तो तो, ये क्या मेरी चूत कैसे? ओह्ह… नहीं, मैं ये नहीं चाहती, बाहर मेरे दोनों बच्चे चुदाई कर रहे हैं, मैं यहां। मोम ने सुना वो उनकी चूत तक गूँज रहा था, वो फट-फट के जोर के फक्क चोदू धक्के मोम की चूत को गीला कर रहे थे, इतना की उनसे रहा नहीं गया।

भाई- “येस्स फक मोम, आपकी गाण्ड को रोज-रोज देखते थकता नहीं, आज से आप मेरे लण्ड को लेते थकेंगी नहीं…”

मैं- “आह्ह… छोड़ (लीव मू) मुझे आह्ह… माँ…”

भाई- “हाँ… हाँ चोद (फक) ही तो रहा हूँ…” भाई ने जंगली होकर कहा। सच में वो अब जंगली हो गया था।

मोम ने सुना अपने बेटे को उनके बारे में ऐसा कहते, ऐसा जो उनके यार कहते हैं, वो जो उनकी चूत को फाड़ के रख देते हैं, वो जो मोम को तीन-चार लण्ड को लेते देखना पसंद करते हैं, और वो ये सब अपनी बेटी से भी सुनती है, और उसको कहती भी है, पर बाहर उनकी बेटी ये रोक रही है, अपने भाई को बार-बार मना कर रही है। मोम को सुनाई दिया ये सब पर दिखाई नहीं दिया की उनकी बेटी खुद आगे-पीछे होकर अपने भाई का लण्ड ले रही थी।

आल आई नो दिस बिकाज आई हर्ड हर वाय्स, हर मोन। भाई ने कंप्लीटली इग्नोर कर दिया मोम की सिसकारियां। उसको लगा की मैं ही हूँ पर अंदर की फिल्म अलग थी।

मे बी, मोम को भी मजा आ रहा हो, भले ही उनको लगे की बाहर भाई ने मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे पकड़कर चोद रहा हो, मैं नहीं जानती। लेकिन अंदर की आवाज से लग तो यही रहा था, हो सकता है की मोम कल्पना कर रही हो की भाई उनको चोद रहा है और उसके हर धक्के पर अपनी चूत में उंगलियां डाल रही हों? जो भी हो पर रण्डी माँ और उसकी रण्डी बेटी मजे ले रही हैं।

भाई ने मुझे दरवाजे पे दबा के चढ़ के चोदा, बेरहमी से चोदा, एक मशीन की तरह मेरी चूत में अपना बड़ा लण्ड डाले जा रहा था। मैं पहली बार अपने भाई का ये रूप देख रही थी, मैं तो सातवें आसमान में थी, उसने पहले कभी ऐसे मस्त नहीं पेला मुझे, मजा आ गया रियली। भाई ने भी यही कहा, जब उसने मेरी चूत से अपना अपना लण्ड बाहर निकाला। मेरी चूत से उसका रस बह रहा था, और मुझसे खड़ा नहीं रहा गया। उसके रूम से जाने के बाद मैं बेड पर गिर गई।

मोम को बाहर आने में वक़्त लगा। मैं आँखें बंद करके लेटी रही। जब मोम आखिरकार बाहर निकली बाथरूम से, तो मोम धीमे से मेरे पास आकर बोली- “मोना…”

मैं चुप रही और मोम मेरे सिर पे हाथ फेरते हुए मेरे पास बैठी रही। मैंने आँखें खोलकर उनके इंप्रेशनलेश, एमोशनलेश चेहरे को देखा।

मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।

फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
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jay
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by jay »

Superb........
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Rohit Kapoor
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by Rohit Kapoor »

मज़ा आ गया.....
अब मॉम भी पट गयी...
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

jay wrote: 23 Sep 2017 12:29Superb........
Rohit Kapoor wrote: 23 Sep 2017 19:09 मज़ा आ गया.....
अब मॉम भी पट गयी...

thanks dosto
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