मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

अच्छा हुआ उसने मोम की तरफ नहीं देखा जो उसके जाते ही अपनी टाँगें खोल दी और धीमे से विसेता वाली आवाज में बोली- “एइस्स्स… ये बात हुई ना मेरी जान…” और मुझे किस करके फिर वापस सही से बैठ गई।

मैं मोम की तरफ मुँह खोले देख रही थी- “इसमें इतना खुश होने की क्या बात थी?” मैंने मोम से पूछा।

लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया, और वो मुझे एक बार फिर होंठों पे किस करके अपने बेडरूम में चली गई, मैंने सोचा पक्का अब एक बड़ा सा डिल्डो मोम की चूत में घुसने वाला है और अगर मोम ज्यादा खुश हैं तो शायद एक गाण्ड में भी।

शाम को भाई बड़े डम्बलस ले आया, मिड और उससे हल्क वेट के घर में पहले से ही हैं। मैंने उसका बैग देखते हुए कहा- “कोई टाइट अंडरवेर नहीं ली…”

भाई ने पूछा- “वो क्यों…”

तब मैंने उसको वार्निंग देते हुए कहा- “अब से कोई है जो कभी बैठ नहीं पाएगा…” कहकर उसके लण्ड पे हाथ फेरा और आँख मार दी।

रात को तैयार होकर मैं अपनी दोस्तों के यहां गई सन्डे मनाने। शाट्स लगाने में मैं पायल से जीत गई, पर मेरी दोस्तों ने मुझे ड्राइव करने से मना कर दिया। पर मैंने कहा- “मैं होश में हूँ…”

फिर भी इस वजह से मुझे शगुफ्ता ने घर ड्राप किया। जाने से पहले उसने मुझसे परेशान होकर पूछा- “मेरी मोम मुझे डाँटेंगी तो नहीं?”

मैंने कहा- “डोन्ट वरी, शी’स कूल…”

शगुफ्ता- “रियली। लकी यार, मेरी मोम तो पूरा घर उठा लेती हैं, चल ओके बाइ…”

मैं कार से उतरी, और आस-पास देखा, फिर मैंने शगुफ्ता से कहा- “एक हाट दृश्य देखेगी?”

शगुफ्ता- “क्याऽऽ? अच्छा दिखा…”
मैंने कहा- “पर तुझे देखने के लिए कुछ देना पड़ेगा…”

शगुफ्ता बोली- ऐसा क्या दिखाने वाली है?

मैंने उसको कहा पर उसने माना नहीं की मैं ऐसा कर सकती हूँ। तो मैंने उसको बेट लगाने को बोला की अगर कोई लफड़ा हुआ तो मैं हार गई और नहीं हुआ तो मैं जीत जाऊँगी।

शगुफ्ता- “अच्छा जीतने वाले को क्या मिलेगा?”

मैं- “वो एक दिन का गुलाम, जो कुछ करवाना हो करा सकेगा…”

उसको लगा की वो जीतने वाली है। मुझे भी कुछ पर्सेंट डाउट था, बुत आई नो आई विल्ल बी द विन्नर।

शगुफ्ता- “ओके चल काल कर…”

मैं वापस कार मैं बैठ गई और मोम को काल किया। मोम के आने से पहले मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।

दो मिनट में मोम मुख्य दरवाजा खोलते हुए आई, और कहा- “ओह्ह… माई गोड मोना, तू नंगी क्यों है?”

मैं- “हाय मोम…”

मोम- “तेरे कपड़े कहाँ हैं?”

शगुफ्ता बोली- “आंटी, वो ये अपने कपड़े भी हार के आ गई…”

मोम- “क्याऽऽ? मोना तू?”

मोम कुछ बोले उससे पहले मैं कार से उतर गई, और “बाइ शगुफ्ता” बोलकर पर्स हाथ में लिए, घर की तरफ चल पड़ी। मोम आस-पास देखने लगी। चाँदनी रात में मेरा गोरा बदन चमक रहा था। बदकिश्मत पड़ोसी अपने घर में मोबाइल में घुसे हुए थे। शगुफ्ता भी कार से उतरकर पीछे आने लगी। उसको लगा की मेरी मोम अंदर पहुँचते ही मुझ पर टूट पड़ेगी।

मैं कुछ लड़खड़ते हुए अंदर गई और- “हाय भाइ…” मैंने कुछ नशे में झूमते हुए कहा।

पीछे से दरवाजा बंद हुआ और शगुफ्ता ने तमाशा देखने के मूड से अपने हाथ सीने पर बाँध दिए।

मोम ने शगुफ्ता से कहा- “तुम बोलो हुआ क्या था?”
शगुफ्ता छोटी सी बच्ची की तरह राग में बताने लगी- “मोना ने ज्यादा पी ली और फिर खेल में वो अपने सारे कपड़े हार गई…”

मोम ने भाई को देखकर गुस्से में कहा- “आदी, अपने रूम में जाओ, अभी…”

पर आदी अपनी जगह से हिला तक नहीं।

मोम- “उफफ्फ़… मोना, तू अपने रूम में जाएगी?”

मैं यही सुनना चाहती थी- “गुड नाइट एवरीवन…” और जाते हुए मैं पीछे शगुफ्ता के रंग उड़े हुए चेहरे को देखकर मुश्कुरा कर चली गई।

मैंने मोम को शगुफ्ता को थैंक्यू बोलते सुना फिर दरवाजा बंद होते।

मैं रूम में पहुँची, और फिर शगुफ्ता को काल लगाया। तभी मोम रूम में आई। शगुफ्ता ने फोन उठाया और मैंने मोम को अपने होठों पर उंगली दिखाई और फोन स्पीकर पे किए और वाल्यूम कम की।

शगुफ्ता- “अरे यार तूने ये कैसे किया?”

मैं- “चल अब मैं बेट के हिसाब से तेरी एक दिन की मालेकिन हूँ, और तू मेरी गुलाम…”

शगुफ्ता- “यार ऐसा वैसा कुछ करने को तो नहीं बोलेगी?”

मैं- “देखेंगे… चल अभी के लिए बाइ, मुझे सोचना भी तो पड़ेगा, क्या-क्या करवाना है?” हँसते हुए मैंने कहा।

काल कट किया और मोम को हग किया- “थैंक्स मोम, आपकी वजह से मैं जीत गई…”

मोम- “अच्छा बेटिंग हाँ… पहले पोकर खेलो, और बिना कपड़ों के घर आओ, ऐसे नहीं चलेगा…”

मैंने मोम को पूरी बात बताई, और कहा की पार्टी में मैंने कोई खेल नहीं खेला, आस-पास देखने के बाद ही मैंने बेट लगाई थी। और कपड़े तो उनके आने से पहले कार में ही उतार दिए थे।

मोम- “तो ये बात है, ठीक है फिर…” फिर मोम हग करके चली गई और मैं बेड पे पसर गई। मोम ने भाई को नहीं कहा।
अगले दिन मैं लेट उठी। भाई आफिस चला गया था। मोम कुछ अलग लग रही थी। लगता है मोम-भाई की फर्स्ट योगा क्लास कुछ ज्यादा ही हाट रही होगी। फिर मैं कालेज चली गई। वहाँ पे मैंने कल की बात दोस्तों को बताई और अगली पार्टी में शगुफ्ता के मजे लेने का डिसाइड किया।

मार्निंग में भाई को मोम योगा सिखाती, इससे भाई की हालत ऐसी थी की सामने कुंआं है पर प्यास नहीं बुझा सकते। बाकी टाइम मोम पहले की तरह नार्मल रहती। पहले के आधे घंटे के बाद भाई का तंबू लग जाता, जिसको इग्नोर करना पड़ता था, यानी भाई उसको शांत करके ही रूम में आता था।

फिर रात को भी मोम भाई को तंग करती। कभी उसके पास चिपक के टांगें सिकोड़कर बैठ जाती जिससे उनकी पैर से गाण्ड तक नंगी दिखती। बेचारा… आफिस का मुझे पता नहीं पर मेरे ख्याल से मोम वहाँ कुछ नहीं करती होंगी, क्योंकी वहाँ पे कर्मचारी हैं ना। पर घर पे उफफ्फ… ये बड़ी सी गाण्ड… ओह्ह… गोड।

***** *****
अकरम ने फिर एक रात फिक्स की हमारे “धंधे” के लिए। पर ये बहुत ही बोरिंग थी। वो मोटा था, तोंद निकली थी। सेक्स तो एकदम मशीन टाइप था।

हम दोनों 20 मिनट में फ्री होकर आ गये। बिना आर्गैज्म के हमारा मूड आफ था। सोचा की मूड अच्छा करने के लिए बाथ लेने के बाद मैं और मोम एक दूसरे को शांत करेंगे। लेज़्बियन सेक्स से मोम तो “खुश” हो गई और मैं रह गई। मोम ने डिल्डो से मेरी चूत मारी पर मुझे वो मोटा आदमी दिख जाता और मेरा मूड खराब हो जाता।

मैंने मोम से चिढ़ते हुए कहा- “रहने दो…” और मैं सिर पे हाथ रख लेट गई।

कुछ देर बाद मोम ने मुझसे कहा- “तू ज्यादा शोर नहीं करेगी। ओके?”

मैं समझी नहीं।

तब मोम ने कहा- “चल जाकर आदी के रूम में सो…”

मैं एकदम शाक्ड, मोम को देखने लगी। मैं उठी- “सारी मोम मेरे कहने का ये मतलब नहीं था…”

मोम- “मैंने तेरी बात गलत तरीके से ली ही नहीं…” मोम ने प्यार से कहा।

मैं- “तो फिर क्या मतलब है आपके कहने का की जाकर मैं आदी के रूम में सो?”

मोम सोचने लगी फिर भी उन्होंने कहा- “कैसे कहूँ। उम्म… ओके…” मोम मुझे देखते हुए बोली- “अच्छा बता तुझे अभी क्या चाहिए उस बकवास चीज को भूलने के लिए?”

“ओ माई गोड…” मोम क्या कह रही है? पक्का वो बुरा मान गई है।

मैं- “मुझे कुछ नहीं चाहिए…”

मोम- “पक्का कुछ नहीं चाहिए?”

मोम को अब मैं घूरने लगी- “उम्म्म…”

मोम- “हाँ बेटा, क्या?”

मैं- “कुछ नहीं…”

मोम उठी और बाथरोब पहनेकर जाते हुए “गुड नाइट” कहा और एक पल मुझे देखा।

मैं बेड से खड़ी हुई तो मोम वही खड़ी मुझे देखती रही। मैंने कहा- “आपके रूम में ड्रिंक्स हैं?”

मोम ने हाँ में सिर हिलाया, मैंने बाथरूम से बाथरोब पहन के मोम के रूम में गई। मोम एक वाइन का ग्लास मुझे देकर बेड पे बैठ गई। हम नंगी माँ बेटी जम के घूँट-घूंट चुपचाप पिए जा रही थी। मेरा ग्लास खतम हुआ और मैं उठकर बेड के पास टेबल पे रखकर अपने रूम में जाने के लिए मुड़ी और जाते हुए मेरी नजर बेड के कोने पे रखे मेरे बाथरोब पे पड़ी।
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pongapandit
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अच्छा हुआ उसने मोम की तरफ नहीं देखा जो उसके जाते ही अपनी टाँगें खोल दी और धीमे से विसेता वाली आवाज में बोली- “एइस्स्स… ये बात हुई ना मेरी जान…” और मुझे किस करके फिर वापस सही से बैठ गई।

मैं मोम की तरफ मुँह खोले देख रही थी- “इसमें इतना खुश होने की क्या बात थी?” मैंने मोम से पूछा।

लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया, और वो मुझे एक बार फिर होंठों पे किस करके अपने बेडरूम में चली गई, मैंने सोचा पक्का अब एक बड़ा सा डिल्डो मोम की चूत में घुसने वाला है और अगर मोम ज्यादा खुश हैं तो शायद एक गाण्ड में भी।

शाम को भाई बड़े डम्बलस ले आया, मिड और उससे हल्क वेट के घर में पहले से ही हैं। मैंने उसका बैग देखते हुए कहा- “कोई टाइट अंडरवेर नहीं ली…”

भाई ने पूछा- “वो क्यों…”

तब मैंने उसको वार्निंग देते हुए कहा- “अब से कोई है जो कभी बैठ नहीं पाएगा…” कहकर उसके लण्ड पे हाथ फेरा और आँख मार दी।

रात को तैयार होकर मैं अपनी दोस्तों के यहां गई सन्डे मनाने। शाट्स लगाने में मैं पायल से जीत गई, पर मेरी दोस्तों ने मुझे ड्राइव करने से मना कर दिया। पर मैंने कहा- “मैं होश में हूँ…”

फिर भी इस वजह से मुझे शगुफ्ता ने घर ड्राप किया। जाने से पहले उसने मुझसे परेशान होकर पूछा- “मेरी मोम मुझे डाँटेंगी तो नहीं?”

मैंने कहा- “डोन्ट वरी, शी’स कूल…”

शगुफ्ता- “रियली। लकी यार, मेरी मोम तो पूरा घर उठा लेती हैं, चल ओके बाइ…”

मैं कार से उतरी, और आस-पास देखा, फिर मैंने शगुफ्ता से कहा- “एक हाट दृश्य देखेगी?”

शगुफ्ता- “क्याऽऽ? अच्छा दिखा…”
मैंने कहा- “पर तुझे देखने के लिए कुछ देना पड़ेगा…”

शगुफ्ता बोली- ऐसा क्या दिखाने वाली है?

मैंने उसको कहा पर उसने माना नहीं की मैं ऐसा कर सकती हूँ। तो मैंने उसको बेट लगाने को बोला की अगर कोई लफड़ा हुआ तो मैं हार गई और नहीं हुआ तो मैं जीत जाऊँगी।

शगुफ्ता- “अच्छा जीतने वाले को क्या मिलेगा?”

मैं- “वो एक दिन का गुलाम, जो कुछ करवाना हो करा सकेगा…”

उसको लगा की वो जीतने वाली है। मुझे भी कुछ पर्सेंट डाउट था, बुत आई नो आई विल्ल बी द विन्नर।

शगुफ्ता- “ओके चल काल कर…”

मैं वापस कार मैं बैठ गई और मोम को काल किया। मोम के आने से पहले मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।

दो मिनट में मोम मुख्य दरवाजा खोलते हुए आई, और कहा- “ओह्ह… माई गोड मोना, तू नंगी क्यों है?”

मैं- “हाय मोम…”

मोम- “तेरे कपड़े कहाँ हैं?”

शगुफ्ता बोली- “आंटी, वो ये अपने कपड़े भी हार के आ गई…”

मोम- “क्याऽऽ? मोना तू?”

मोम कुछ बोले उससे पहले मैं कार से उतर गई, और “बाइ शगुफ्ता” बोलकर पर्स हाथ में लिए, घर की तरफ चल पड़ी। मोम आस-पास देखने लगी। चाँदनी रात में मेरा गोरा बदन चमक रहा था। बदकिश्मत पड़ोसी अपने घर में मोबाइल में घुसे हुए थे। शगुफ्ता भी कार से उतरकर पीछे आने लगी। उसको लगा की मेरी मोम अंदर पहुँचते ही मुझ पर टूट पड़ेगी।

मैं कुछ लड़खड़ते हुए अंदर गई और- “हाय भाइ…” मैंने कुछ नशे में झूमते हुए कहा।

पीछे से दरवाजा बंद हुआ और शगुफ्ता ने तमाशा देखने के मूड से अपने हाथ सीने पर बाँध दिए।

मोम ने शगुफ्ता से कहा- “तुम बोलो हुआ क्या था?”
शगुफ्ता छोटी सी बच्ची की तरह राग में बताने लगी- “मोना ने ज्यादा पी ली और फिर खेल में वो अपने सारे कपड़े हार गई…”

मोम ने भाई को देखकर गुस्से में कहा- “आदी, अपने रूम में जाओ, अभी…”

पर आदी अपनी जगह से हिला तक नहीं।

मोम- “उफफ्फ़… मोना, तू अपने रूम में जाएगी?”

मैं यही सुनना चाहती थी- “गुड नाइट एवरीवन…” और जाते हुए मैं पीछे शगुफ्ता के रंग उड़े हुए चेहरे को देखकर मुश्कुरा कर चली गई।

मैंने मोम को शगुफ्ता को थैंक्यू बोलते सुना फिर दरवाजा बंद होते।

मैं रूम में पहुँची, और फिर शगुफ्ता को काल लगाया। तभी मोम रूम में आई। शगुफ्ता ने फोन उठाया और मैंने मोम को अपने होठों पर उंगली दिखाई और फोन स्पीकर पे किए और वाल्यूम कम की।

शगुफ्ता- “अरे यार तूने ये कैसे किया?”

मैं- “चल अब मैं बेट के हिसाब से तेरी एक दिन की मालेकिन हूँ, और तू मेरी गुलाम…”

शगुफ्ता- “यार ऐसा वैसा कुछ करने को तो नहीं बोलेगी?”

मैं- “देखेंगे… चल अभी के लिए बाइ, मुझे सोचना भी तो पड़ेगा, क्या-क्या करवाना है?” हँसते हुए मैंने कहा।

काल कट किया और मोम को हग किया- “थैंक्स मोम, आपकी वजह से मैं जीत गई…”

मोम- “अच्छा बेटिंग हाँ… पहले पोकर खेलो, और बिना कपड़ों के घर आओ, ऐसे नहीं चलेगा…”

मैंने मोम को पूरी बात बताई, और कहा की पार्टी में मैंने कोई खेल नहीं खेला, आस-पास देखने के बाद ही मैंने बेट लगाई थी। और कपड़े तो उनके आने से पहले कार में ही उतार दिए थे।

मोम- “तो ये बात है, ठीक है फिर…” फिर मोम हग करके चली गई और मैं बेड पे पसर गई। मोम ने भाई को नहीं कहा।
अगले दिन मैं लेट उठी। भाई आफिस चला गया था। मोम कुछ अलग लग रही थी। लगता है मोम-भाई की फर्स्ट योगा क्लास कुछ ज्यादा ही हाट रही होगी। फिर मैं कालेज चली गई। वहाँ पे मैंने कल की बात दोस्तों को बताई और अगली पार्टी में शगुफ्ता के मजे लेने का डिसाइड किया।

मार्निंग में भाई को मोम योगा सिखाती, इससे भाई की हालत ऐसी थी की सामने कुंआं है पर प्यास नहीं बुझा सकते। बाकी टाइम मोम पहले की तरह नार्मल रहती। पहले के आधे घंटे के बाद भाई का तंबू लग जाता, जिसको इग्नोर करना पड़ता था, यानी भाई उसको शांत करके ही रूम में आता था।

फिर रात को भी मोम भाई को तंग करती। कभी उसके पास चिपक के टांगें सिकोड़कर बैठ जाती जिससे उनकी पैर से गाण्ड तक नंगी दिखती। बेचारा… आफिस का मुझे पता नहीं पर मेरे ख्याल से मोम वहाँ कुछ नहीं करती होंगी, क्योंकी वहाँ पे कर्मचारी हैं ना। पर घर पे उफफ्फ… ये बड़ी सी गाण्ड… ओह्ह… गोड।

***** *****
अकरम ने फिर एक रात फिक्स की हमारे “धंधे” के लिए। पर ये बहुत ही बोरिंग थी। वो मोटा था, तोंद निकली थी। सेक्स तो एकदम मशीन टाइप था।

हम दोनों 20 मिनट में फ्री होकर आ गये। बिना आर्गैज्म के हमारा मूड आफ था। सोचा की मूड अच्छा करने के लिए बाथ लेने के बाद मैं और मोम एक दूसरे को शांत करेंगे। लेज़्बियन सेक्स से मोम तो “खुश” हो गई और मैं रह गई। मोम ने डिल्डो से मेरी चूत मारी पर मुझे वो मोटा आदमी दिख जाता और मेरा मूड खराब हो जाता।

मैंने मोम से चिढ़ते हुए कहा- “रहने दो…” और मैं सिर पे हाथ रख लेट गई।

कुछ देर बाद मोम ने मुझसे कहा- “तू ज्यादा शोर नहीं करेगी। ओके?”

मैं समझी नहीं।

तब मोम ने कहा- “चल जाकर आदी के रूम में सो…”

मैं एकदम शाक्ड, मोम को देखने लगी। मैं उठी- “सारी मोम मेरे कहने का ये मतलब नहीं था…”

मोम- “मैंने तेरी बात गलत तरीके से ली ही नहीं…” मोम ने प्यार से कहा।

मैं- “तो फिर क्या मतलब है आपके कहने का की जाकर मैं आदी के रूम में सो?”

मोम सोचने लगी फिर भी उन्होंने कहा- “कैसे कहूँ। उम्म… ओके…” मोम मुझे देखते हुए बोली- “अच्छा बता तुझे अभी क्या चाहिए उस बकवास चीज को भूलने के लिए?”

“ओ माई गोड…” मोम क्या कह रही है? पक्का वो बुरा मान गई है।

मैं- “मुझे कुछ नहीं चाहिए…”

मोम- “पक्का कुछ नहीं चाहिए?”

मोम को अब मैं घूरने लगी- “उम्म्म…”

मोम- “हाँ बेटा, क्या?”

मैं- “कुछ नहीं…”

मोम उठी और बाथरोब पहनेकर जाते हुए “गुड नाइट” कहा और एक पल मुझे देखा।

मैं बेड से खड़ी हुई तो मोम वही खड़ी मुझे देखती रही। मैंने कहा- “आपके रूम में ड्रिंक्स हैं?”

मोम ने हाँ में सिर हिलाया, मैंने बाथरूम से बाथरोब पहन के मोम के रूम में गई। मोम एक वाइन का ग्लास मुझे देकर बेड पे बैठ गई। हम नंगी माँ बेटी जम के घूँट-घूंट चुपचाप पिए जा रही थी। मेरा ग्लास खतम हुआ और मैं उठकर बेड के पास टेबल पे रखकर अपने रूम में जाने के लिए मुड़ी और जाते हुए मेरी नजर बेड के कोने पे रखे मेरे बाथरोब पे पड़ी।
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मैंने मुड़कर मोम को देखा, मोम किसी रानी की तरह ग्लास लेकर बेड पे बैठी मुझे देख रही थी। मैं मुड़ी और मोम के बेडरूम से निकल गई। बिना बाथरोब लिए।

दिन की शुरुआत इतनी मजेदार पहले कभी नहीं थी। अब तो भाई हमारे साथ योगा और एक्सर्साइज करता था। मैंने मोम के सजेस्ट करने पे भाई के साथ सेक्स किया था, पर मैं जानना चाहती थी की पहले तो उनको प्राब्लम थी और मुझे ऐसा करने को मना भी किया था, पर अब खुद ही बोल रही थी जाकर भाई से चुदा लूँ।

मोम ने आखिरकार कहा- “अगर सेक्स की जरूरत हो तो उनको कोई प्राब्लम नहीं की मैं किससे चुदाई करूं? पर घर पे यू नंगी घूमेगी तो वो ये बिल्कुल पसंद नहीं करेंगी…” लास्ट टाइम ऐसा ही होता था।

मैंने मोम को छेड़ते हुए कहा- “अगर उनको सेक्स की जरूरत हुई तो क्या वो भी भाई से?”

मोम ने मस्ती करते हुए मेरे बाल पकड़ लिए- “बहुत बोलने लगी है तू…” मोम और मैं सिस्टर्स की तरह लड़ने लगीं।

भाई ने हमें देखा तो वो भी हँसते हुए हमें देखने लगा।

उस दिन मोम ने मेरे सवाल का जवाब तो नहीं दिया और ना ही उन्होंने भाई को घुमा फिराकर सिड्यूस करना बंद किया। हाँ भाई को अपनी मोम से नजर हटाने में प्राब्लम होने लगी, क्योंकी मोम की गाण्ड उसको सबसे ज्यादा पागल करती थी। किसको पसंद नहीं थी? कभी-कभी मोम की योगा पैंटस में ‘कैमल-टो’ देख जाता। ये बात भाई की नींद हराम करने वाली थी।

एक दिन उसने मुझसे पूछा- “दीदी आपने देखा मोम को, उनके नीचे…”

मैंने सवाल करते हुए कहा- “क्या देखा?”

भाई- “अरे उसको बोलते है ना कैमल-टो, यानी यू नो ना?”

उस टाइम मैंने भी लेगिंग पहनी थी, कहा- “तेरा मतलब ये…” मैंने लेगिंग को ऊपर खींचकर भाई से पूछा।

भाई- “ओह्ह गोड… दीदी अपने भी अंदर पैंटी नहीं पहनी?”

मैं- “नहीं…” ऐसे कहा की कोई खास बात नहीं है।

भाई आगे कुछ नहीं बोला।

अगली सुबह मोम एक्सर्साइज रूम में आने में लेट हो गई थी। रोमांच में भाई उनको उठाने गया पर लाल मुँह लेकर वापस आ गया और डम्बलस लेकर शुरू हो गया।
तब मैंने मोम के रूम में जाकर देखा की वो रात को बाथरोब में ही सो गई थी और अभी सिल्क का कपड़ा उनकी कमर तक ऊपर था और एक पैर साइड में करके बड़ी गाण्ड खोले हुए थी और चूत तो मासूम सी बैठी थी की इस सब में उसकी कोई गलती नहीं। भाई ने मोम के नीचे का पूरा हिस्सा नंगी देख लिया था।

अब पता चला भाई के लाल चेहरा का मतलब? मैंने पास में पड़ा मोम का फोन उठाया। मुझे पासवर्ड पता था, फिर मोम की पिक ली और फोन वापस रख दिया। मैं मोम को जगाए बिना वापस एक्सर्साइज करने आ गई। आधे घंटे बाद मोम आई और रोज की तरह करने लगी।

जबकी मोम को पता नहीं था की उन्होंने अंजाने में क्या शानदार शो दिखा दिया था। ब्रेकफास्ट के बाद जब मैंने भाई के जाने के बाद मोम को सुबह की बात बताई, और उनकी मार्निंग पिक भी।

तब मोम ने अपना चेहरा छुपा लिया- “ओफफ्फ हो तूने मुझे बताया क्यों नहीं जब मैं योगा करने आई थी?”

मैं- “आपको वैसे भी आजकल मस्ती ही सूझी रहती है, तो मैं बीच में क्यों आती?” मैंने कहा्

और मोम अपने सिर को ना में हिलाते हुए पिक को देख रही थी। जैसे उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था। मुझे लगा की इसके बाद वो भाई को तंग करना बंद कर देंगी। अब तक मोम टैंक टाप पहनती और योगा पैंटस पर मोम के उस मार्निंग शो के हिट हो जाने के बाद से मोम ने स्पोर्ट ब्रा और शार्टस पहनना शुरू कर दिया।

भाई अपनी सिस को हाफ नंगी तो देखकर बर्दाश्त कर लेता था, पर अब अपनी माँ को आधा-नंगा देखकर उससे रहा नहीं जाता था, और इसकी सजा मुझे मिलती। इसलिए मैं और भाई एक्सर्साइज रूम से लेट निकलते, पर मोम कुछ नहीं कहती, तब भी नहीं जब भाई को आफिस और मुझे कालेज के लिए लेट हो जाता।

एक हफ्ता हो चुका था भाई पे, और मुझ पे अत्याचार होते। आखिरकार मैंने मोम से पूछ लिया।

तब मोम ने असल बात बताई- “मोना, देखो मैं आदी को सिड्यूस नहीं करना चाहती…”

मैं- ओह्ह… रियली?

मोम- “अच्छा बाबा हाँ मुझे मजा आता है जब उसको मुझे देखने की फीलिंग मुझे गीला कर देती है…”

मैं- “तो फिर पूरी गीली हो जाओ ना, सारी प्राब्लम ही खत्म हो जाएगी और फिर आप चाहो तो नंगी ही रहना और तब की जो फीलिंग होगी, इस वाली से भी ज्यादा अच्छी होगी। क्यों?” मैंने आप्शन बताते हुए कहा।

“नहीं…” मोम समझाती हुई बोली- “बल्कि सब पहले जैसा नहीं रहेगा…”

मैं- “कैसे?”

मोम- “लुक ऐट यू, अब तू पहले जैसे कहां रहती है? और हम नार्मल माँ बेटी के जैसे थोड़े ही ना हैं। इस तरह से तो भाई हर वक़्त मुझे चैन से बैठने भी नहीं देगा। हम सब नंगे रहेंगे और वो हम दोनों को स्लट, होर और ना जाने क्या-क्या कहता हमारी मारता रहेगा…”

मैं- “तो पाइंट क्या है? आप उसको सिड्यूस क्यों कर रही हो फिर? हो सकता है एक दिन सच में वो चोद डाले, और देखना तब आप भी उसको रोक नहीं पाओगी…”

मोम ने अपनी बात को समझाने के लिए धीरे से कहा- “अच्छा मान ले की हमारी पर्सनल लाइफ के बारे में भाई को पता चल जाए, तो तुझे कैसा लगेगा?”

मैं- “उम्म…”

मोम- “बहुत ही बुरा। और अब सोचो की उसको ये जान लेने के बाद भी कोई प्राब्लम नहीं हो, उसको कोई फर्क ना पड़े?”

मैं सोचने लगी की मोम क्या कहना चाह रही हैं? ऐसा कैसे हो सकता है?

मोम- “अरे बस सोचो की हमारी अडल्टरी, हमारी सेक्स लाइफ से आदी को कोई प्राब्लम ना हो तो क्या होता?”

मैं- “ऐसे तो। उम्म… मुझे जब मन करता तब सेक्स करती, आने जाने के बारे में बताना नहीं पड़ता…”

मोम- “हाँ… सही है, कोई रोक टोक नहीं। हो सकता है लोग घर पे आएं और यहीं पर भाई के सामने चुदाई चालू हो जाती, और लास्ट में हम बदनाम होकर रह जाते। सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। यानी डर हमको ऐसी बर्बादी से बचाए हुए है, डर ही है जिसकी वजह से हमें और ऐसा करने का मन होता है…”

मैं- “सही कहा। पर, आजकल आप तो इसका उल्टा ही कर रही हो, इसके पीछे क्या प्लान है?”

मोम ने कहा- “पर तुम एक चीज नोटिस नहीं कर रही, याद है उस दिन हम बहुत थक के आए हुए थे और तू तो अपने रूम में चली गई थी, पर मुझे मर-मर के बाथ लेकर ड्रेसप होना पड़ा था…”

मैं- “हाँ… उसके बाद तो हमसे चला ही नहीं गया था, बहुत दर्द था…”

मोम- “अगर ऐसा हो की घर आकर बस मस्त पलंग पर फैलकर सो सके तो? और किसी को ऐसी हालत पे कोई प्राब्लम ना हो तो? मुख्य पाइंट ये है की, अभी तो हम लकी थे की आदी ने हमें इस तरह नहीं देखा। हो सकता है हमारा लक इतना भी अच्छा ना हो, आदी हमें ऐसी हालत में देखे और हमसे एक्सप्लेन करना भारी पड़ जाए। कोई बच्चा भी समझ जाए की कहां से क्या करके आ रही हैं। मैं घर के माहौल को थोड़ा खुला बनाना चाहती हूँ, ताकी हमें कम कपड़ों में देखने पर आदी पागल ना हो और नार्मल बिहेव करे। बस…”

मैं- “लेकिन आपको नहीं लगता की आपके इस तरीके से उसपे खुलने के बजाए, सेक्सुअल होने का एफेक्ट पड़ रहा है। कम कपड़े तो नार्मल दिन के समय में भी तो आप पहनकर रह सकती हो, और उस वक़्त कोई सिड्यूसिंग मूव्स भी नहीं करने होंगे आपको, जो आप योगा करते हुए दिखाती हो…”

मोम- “अरे… पर वो तो योगा ही ऐसे करते हैं…”

मैं- “जो भी हो, पर आप उसको तंग करना बंद कर दो। अब तो भाई भी पहले जैसा नहीं है, देखो- मैंने अपने कपड़े उतार के चूचियां और गाण्ड दिखाई जिसपे सेक्स के निशान बने हुए थे, ये वाला अभी तक लाल है। अकरम अब मुझे भाई से कम लगने लगा है…”

मोम ने हँसते हुए कहा- “अच्छा फिर तो तेरी तो डबल बजती होगी?”

मैं- “और क्या?”

मोम ने प्यार से कहा- “अच्छा बाबा, अब मुझे लगता है की मैं जितना चाहती थी, उतना काम हो गया है। देखा तूने अब भाई के सामने मैं अब सेक्सी सा भी पहनूं तो वो कुछ नहीं कहता, और रही बात कि वो तुझे इस तरह चोदता है तो इसका मतलब की टाइम तो टाइम उसकी सेक्स परफार्मेन्स भी सुधर रही है। तुझे तो मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए…”

मैं हाथ जोड़कर बोली- “धन्य हैं चुदक्कड़ माता, आपने मेरा संभोग जीवन आनंदमई बना दिया है…”

मोम- “सुखी रहो बच्चा…” और हम हँस पड़े।

रात को हम माँ बेटी क्लब गये। वहां अंदर गये ही थे की मुझे मेरा एक्स बायफ्रेंड मिला, उस समय मुझे उसका नाम भी याद नहीं आ रहा था, बजाए इसके की उसके साथ किए सेक्स के। मैंने कुछ देर बात करके उसका हाथ पकड़ा “राखी कम…” और बाहर कार में ले गई। एक गली में मैंने पार्क किया और पीछे की सीट पे मोम और… अरे क्या नाम है, छोड़ो क्या फर्क पड़ता है? सेक्स के बाद हमने उसको वापस क्लब के बाहर ड्राप किया (हे मोनिका मुझे अपना नम्बर हे रुको।) और हम घर आ गये।
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Kamini
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

अगले दिन, जब कालेज से निकली तब अकरम का काल आया- “और क्या हाल है मेरी रांड़ की चूत का?”

मुझे उसकी बात सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा- “एकदम चुदने को तैयार…” ये क्या बोल रही हूँ मैं? मैंने ऐसा सोचा।
अकरम- “ऐसा क्या? आ जाया कर अपनी गली, वो भी खुली है बिल्कुल तेरी चूत की तरह…”
मैं- “चूत क्या गाण्ड भी खुली रहती है अब तो…” ओ तेरी… ये किस भाषा में बात कर रही हूँ मैं?
अकरम- “चिंता मत कर सारे छेद भर देंगे। चल अब काम की बात, अगले हफ्ते तुम लोगों को आना है, और तो तेरी भी बोली लगेगी उस दिन…”
मैं कुछ घबरा गई, बोली- “क्या तुम मुझे किसी को बेचने वाला है? रण्डी तो पहले से ही बना चुका… और अब?” फिर मैंने पूछा - “मतलब समझी नहीं?”
अकरम- “अभी टाइम नहीं है समझाने का, अपनी माँ से पूछ लेना। उसपे तो खूब लगी है। अपने यहाँ पे तो फेमस है तेरी माँ, उसी से जान लेना उसके कारनामे। चल ठीक, शाम तक त आ जाना और तुम दोनों का प्रोग्राम अगले हफ्ते सेट है…” और काल कट हो गया।
मैं कुछ देर किसी-किसी सोच में पड़ गई तभी बाइक का हॉर्न बना। देखा की रेहान है।
रेहान- “लगता है मंजिल खुद सामने आ गई…” वो बोला।
पर उसकी बात मुझे एकदम सड़क छाप सी लगी। मैंने कहा- “सारी यार, मुझे लेट हो रहा है…”
रेहान- “मैं ले चलता हूँ …”
मैं स्माइल दे के एक्टिवा स्टार्ट करके घर की तरफ चल पड़ी। मैंने घर पहुँचकर मोम को काल किया। उन्होंने मुझे कहा की वो रात को मुझे इसके बारे में बताएंगी। फिर मैं खाना खाकर अकरम के क्लब चली गई। अब मेरा बिल्कुल भी मूड नहीं था उसके साथ रहने का। फिर भी मजबूरी थी जाना तो पड़ेगा।
अकरम मुझे अपने रूम ले गया। वहाँ पर पहुँचने के बाद उसने मुझे नंगा कर दिया। मुझे किस करते हुए उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम बाथरूम में गये। मेरा मूड नहीं था उसके लण्ड को चूसने का, मैं आगे झुक गई और उसने मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया। उसने मुझे जम के चोदा। सारी मेहनत मैंने उसे ही करने दी और खुद कोई जोश नहीं दिखाया। खुद को उसके हवाले करके मैंने उसको मुझे चोदने दिया।
उसके बाद वो बाथरूम से चला गया। मैंने बाथरूम में खुद को सॉफ किया और तौलिया से पोंछने के बाद वापस अपने कपड़े पहफकर अपने घर चली आई। मैं घर पहुँचने तक पूरे टाइम थकी हुई महसूस कर रही थी। घर पे अभी कोई नहीं था और मैं सीधा अपने बाथरूम में चली गई, और बाथटब को पानी से भरने के टाइम कपड़े उतार दिए। मैंने मोबाइल पे देखा की मेरे अकाउंट में पैसे डाले गये हैं।
207
फिर अकरम ने काल करके कन्फर्म किया की पैसे मिल गये हैं की नहीं। काल कट करने के बाद मैं उछल पड़ी। फिर टब में लेटकर आराम करने लगी। आह्हह… चलो कुछ तो वसूल हुआ।
रात को मोम आई तो मुझे वो ‘बोली’ वाली बात याद आई। मोम ने कहा की डिनर कर लेते हैं, फिर बात करेंगे। डिनर तक मैं टेन्षन में थी और मोम आराम से। पता नहीं बोली लगाने का क्या मतलब था?
मोम ने कहा- “अभी खाना तो खाने दे…”
मैं- “मैंने खा लिया और भाई भी खाकर रूम में चला गया है अब तो बताओ ना?”
मोम- “एक काम कर तू भी अपने रूम में ना, मैं तुझे रिंग करके बुला लूँगी…”
मोम ने रात के 11:00 बजे मुझे बुलाया। मैं मोम के रूम में गई, मोम ने बाथरूम में से कहा की रूम का दरवाना लाक कर दे। फिर मैं बाथरूम में गई, मोम पैर धो रही थी।
मोम- “कैसा रखूं ?” प्युबिक हेयर की तरफ इशारा करते हुए कहा।
मैं मोम के पास बैठ गई- “वी शेप रख लो…”
मोम- “मैं सोच रही थी की एक तीन लाइन रख लेती हूँ …”
मैंने रेजर ले लिया- “हाँ… तो मोम अब बताओ अकरम ने क्या प्रोग्राम रखा है?”
मोम- “असल में ये सेक्स खेल है…”
मैं- “खेल?”
मोम- “ह्हम्म… वो भी अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए ऐसा करते हैं ये लोग, जो किसी भी चूत को लंबे टाइम तक चोदसकता है। इसमें लड़कियों में से कोई एक को चुनते हैं और उसको सिर्फ़ अपने तैयार लण्ड से एक बार झड़ने तक ही चोदसकते हैं, लोग इसके लिए ड्रग्स लेते, या पहले से मूठ मारकर आए होते हैं, जो भी हो पर एक बार चुदाई शुरू होती है तब बस एक बार ही कर सकते हैं…”
मैं- “बड़ा अजीब है?”
मोम- “हाँ… मर्द लोग ऐसी छोटी बातों में फँसे रहते हैं, खुद के छोटे लण्ड पे रोते हैं, और अगर बड़ा हो तो चुदाई करने का ढंग नहीं…”
मैं- “और ये बोली लगने का क्या मतलब है?”

मोम ने स्माइल के साथ कहा- “फ्री में कोई करेगा क्या? वो भी इतने लोगों से? लोगों को पसंद की लड़की को चुनने के लिए बोली लगानी होती है, जो ज्यादा पैसे देता है, वो सेक्स करता है, फिर अगले राउंड, फिर से बोली, फिर एक और बंदा आता है…”
मैं- “अरे यार फिर? ये खतम कैसे होता है?” मैं मोम की चूत पर एक तीन लाइन बना चुकी थी।
फिर मोम ने मुझे बैठा दिया। मैंने दो दिन पहले ही शेव की थी फिर भी मोम ने एक हाथ फेर दिया। हम मोम के बेड पे लेटे थे, मेरे होंठ मोम से जुड़े हुए थे। मुझे उनपर लगा मेरी चूत के रस का स्वाद लेने का अलग ही मज़ा आता है।
मोम ने बाद में मुझे उस सेक्स खेल के बारे में वो नियम बताए जो हमें ध्यान में रखने थे। लास्ट में मोम ने फिर मुख्य बात दोहराते हुए कहा- “जितना जल्दी हो सके उनको खाली कर देना…”
मैं बोली- “ओके समझ गई, जी मेम, ओके मेम…”
मोम- “ठीक है, ठीक है…” कहकर मेरे पीछे मोम लेट गई और उन्होंने मुझे स्पूनिंग कर-करके मेरी लेफ्ट चूंची को हथेली में लेकर सो गई- “लव यू मोना…”
मैं- “लव यू मोम…”
फिर उस हफ्ता ज्यादा कुछ खास नहीं हुआ। मोम ने भाई को योगा टाइम में सिडयूस करना बंद तो नहीं पर कम कर दिया था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की इसका फ़ायदा नहीं उठाया। रात को अगर मोम ने टीशर्ट पहनी है, और मोम को ठंड लग रही हो तो आप खुशकिश्मत होंगे।
बुधवार की रात मैं और भाई देर रात टीवी देख रहे थे, तो मोम किमोना पहन आई और हमें सोफे को कहा पर टीवी पे कमेडी दृश्य देखा तो वहीं बैठ गईं। आंड वी आल नो, सिल्क किमोना, मतलब सिर्फ़ किमोना।
अगले दिन, यानी आज अकरम के यहाँ भी जाना था, मोम के साथ मैं माल से शॉपिंग कर आए। मोस्टली मोम ने लेगिन्ग्स ज्यादा ली थी। नहीं तो हमको अंडरगामेंट्स ज्यादा लेने पड़ते हैं, क्योंकी मदो को हमारे कपड़े फाड़कर ठुकाई करना कुछ ज्यादा ही पसंद है। खैर, टाप भी रिवीलिंग टाइप के लिए गये, कुछ बड़ी टाइप के टीशर्ट स जो नांघों तक कवर करे। फिर हम अकरम के क्लब गये, पहले बाहर से काल किया की अंदर का क्या माहौल है? अकरम के चुने हुए लोगों को अलग एक रूम में बैठाया गया और क्लब का आगे वाला हिस्सा बंद कर दिया गया।
तब मैं और मोम अपनी ड्रेस कार में उतार कर बाहर निकली। मोम ने कहा- “ध्यान रखना की कौन झड़ गया है और कौन नहीं…”
मैंने हाँ में सिर हिलाया। अंदर हमारा सीटियों और फब्तियों से स्वागत हुआ। अकरम ने बीच में हमको खड़ा करवाया और वो 20 लोग थे। मैं अब हिसाब लगाने लगी, पता नहीं क्या होगा आगे? लोग चारों तरफ से हमें घेरे हुए थे।

अकरम का एक आदमी जिसको मैंने पहले भी देखा था उसने बोलना चालू किया- “अब आपके सामने पेश है हुश्न की मलिका चुदाई के लिए बेताब है, तो सबसे पहले राखी; सीटियों और गालियों की बौछार होने लगी; के लिए बोली लगेगी और फिर; इतना शोर हुआ की उनको मेरा नाम सुनाई नहीं दिया; के लिए।
पहले दो लोग इनकी मारेंगे। सब हँसने लगे। उसके बाद दो-दो बंदे आएंगे इन दोनों के लिए। फिर तीन और फिर चार। सब समझ गये? अब कायदे ध्यान से सुनिए। हर बंदा सिर्फ़ और सिर्फ़ एक बार झड़ेगा। उसके बाद वो आउट हो जाएगा। जो बंदा बच जाएगा उसको दूसरे ग्रुप यानी दूसरी रण्डी को चोदने वाले लास्ट बंदे से मुकाबला करना होगा, उसमें से जो बंदा पहले झड़ गया वो हार गया और दूसरा जीत जाएगा। अब जीतने वाले के पास गोल्डन चान्स होगा। अगर वो अगले 15 मिनट बिना झड़े अपनी राड़ को चोद सका, तो वो बंदा दोनों रंडियों को भी जीत लेगा और वो बंदा इन दोनों को तब तक चोदसकेगा जब तक वो खुद थक ना जाए…”
फिर उनमें मोम के लिए बोली लगी, सबसे ज्यादा वाला आगे आया, फिर से बोली लगी और दूसरा बंदा मेरे लिए मिल गया। 20 लोग हैं इसलिए मैं आपको सिंपल तरीके से बता रही हूँ । पहले एक-एक बंदे आए मोम के लिए आदमी-1 ; और मेरे लिए आदमी-2।
चारों और शोर हो रहा था।
आदमी-1- “चुप हो जाओ और देखने के लिए तैयार हो जाओ मेरा दम…” मोम वाले बंदे यानी आदमी1 ने झल्लाकर कहा। बीच में खाली जगह पर सोफा, एक बड़ा गद्दा, एक टेबल थी, और एक बाक्स कंडोम्स से भरा हुआ।
आदमी-1 और आदमी-2 आगे आए और वो बाक्स से कंडोम पहफकर तैयार हो गये थे। मोम ने मेरी तरफ देखकर मुझे याद दिलाई। फिर चुदाई का खेल शुरू हुआ।
मैं- “फक मी आऽ आऽ चोद चोद चोद आह्हह… आह्हह… आह्हह… हाँ हाँ…” उसको जोश दिलाकर मैंने उसको मोम के बंदे से पहले ही आउट कर दिया।
कुछ सेकेंड बाद में मोम भी फ्री हो गई। अब फिर से बोली लगी मेरे नाम या फिर मेरे बदन की। दो लोग यानी ब1 और ब2 आगे आए। फिर मोम के लिए ब3 और ब4 ने ज्यादा बोली लगाई।
मुझे मोम का तो पता नहीं, पर मेरे दोनों मर्द लम्बी रेस के घोड़े थे, मुझे खूब उछल-उछल के उनसे करवाना था, ताकी कोई तो जोश में चुदाई में खोकर अपना कंट्रोल खो दे। ब1 को खाली करने में मुझे 15 मिनट लग गये, पर ब2 का मुकाबला ब3 और ब4 से था, यानी मोम को वो दोनों मिलकर झेल रहे थे।
मोम- “आह्हह… मेरी चूत आह्हह… फॅक्क…”
उसने लण्ड निकाला और तेज पानी फुहार भी मोम की चूत ने बरसात कर दी।
मोम- “रुको मत मारते रहो आह्हह… चोदो मुझे आअह्हह… प्लीज़्ज़… फक मी प्लीज़्ज़… प्लीज़…”

मेरी गाण्ड को खोलकर रखकर मेरा मर्द मेरी चूत पे शाट मारने लगा, उधर मोम ने एक से छुटकारा पा लिया, अब मेरे ब2 का मोम के ब4 से मुकाबला होने लगा। मैंने रिवर्स काउगर्ल पोज़ीशन में अपने आदमी को मेरी बड़ी गाण्ड के जाल में फँसा लिया, और वो उसमें झड़ गया। मैं वीर्य टपकाती सोफे पर लुढ़क गई।
लोग अब गिनती करने लगे। पहले तो मुझे लगा की ये ऐसा क्यों कर रहे हैं? ओह्हह गोड… तभी मुझे याद आया की अगर इस बंदे ने मोम को 15 मिनट बिना झड़े चोद दिया तो हम माँ बेटी की खैर नहीं।
ये ब4 बंदा तो बहुत खा-पी के आया लगता था, एकदम बाडी-बिल्डर था। जब 12 मिनट हो गये तो मोम भी टेन्षन में आ गई। वो मोम को डागी स्टाइल में चोदता हुआ मेरी तरफ इशारा करने लगा। और तभी 15 मिनट हो गये। मोम फर्श पर गिर पड़ी।
मैं दौड़कर पास गई, पर ये क्या?
मोम- “आह्हह… मज़ा आ गया मैं तो सारी रात इसके साथ चुदने को तैयार हूँ …”
मैं- “आपको चुदाना है तो चुदाओ पर वो मेरी चूत फाड़ देगा…”
मोम- “तू मेरी बेटी है, ऐसे कैसे फट जाएगी। अभी तू रुक, दो राउंड और होने हैं, अभी तो दो लोग थे, अब तो तीन आएंगे, फिर चार। तेरी चूत तो खुश हो जाएगी…”
मैं- “ओ माई गोड…”
मोम हँसने लगी, मैंने मोम को उठाकर सोफे पे बैठाया। हमें कुछ देर आराम करने को मिला और इतनी देर में हम दोनों को ड्रंक दी गई। जब फिर से बोली लगने लगी तो मुझे उन लोगों को देखकर टेन्षन होने लगी।
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