मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।

फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
मैंने हैरान होकर पूछा- “आपको कैसे पता चला की मैं नाटक कर रही थी?”

मोम ने मुश्कुरा कर कहा- “अभी-अभी पता चला, तूने ही तो बताया…”

मैं अपना सिर पकड़कर- “अरी यार…”

मोम हँसने लगी- “भले ही तू घर में मोम होने का नाटक कर ले, पर इस घर में सिर्फ मैं ही माँ हूँ समझी हाहाहा…”

मैं- “जरा कपड़े पहन लो, वरना सच में भाई अपनी माँ को चोद देगा…”

मोम ने शरारती होकर कहा- “और अगर मैं ऐसा ही चाहूं तो?”

मैं- “हाँ… मोम यू सच आ…” कहकर मैंने उनको पकड़कर मेरे ऊपर गिरा दिया और अपने नीचे करके खुद उनके चेहरा पर बैठ गई- “तो ये लो फिर…”

मोम ने मुझे हटाने की खूब कोशिश की पर वो मुझे हटा नहीं पाई। मैंने पीछे झुक के दोनों हाथ पकड़ लिए और मोम ने कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला ही था की मेरी भाई के रस से भरी चूत उनके होंठों पे लग गई। मोम एकदम से रुक गई जैसे साँप सूंघ गया हो, सीना ऊपर-नीचे हो रहा था और मेरी क्लिट पर गर्म साँसें पड़ रही थीं। मोम खुद को रोके हुए थी, तभी मुझे एक गीला एहसास हुआ, एक नर्म कातिलाना इस्स्स… वो चीज शर्माकर घबराती धीरे-धीरे मुझे छू रही थी, आ इस्स्स… हाँ उसका डर चला गया था, उसकी शर्म चली गई थी, वो दिलेरी से मेरी गुफा में बढ़ चली, आ कितना मजेदार था।

पहले मोम ने अपनी चूत से किसी पराए का टेस्टी रस पिलाया था और अभी मैं मोम को उनके ही बेटे का रसीला वीर्य पिला रही थी, हिसाब बराबर नहीं था। पर एक दिन हो जाएगा इसका मुझे पक्का यकीन था, मेरा दाँव बड़ा था, मुझे भी मोम के दाँव का इंतेजार रहेगा।

मैंने मोम के हाथ छोड़ दिए और उनके चेहरा की तरफ देख रही थी, जो मेरी जांघों के बीच था। मोम आँखें बंद किए थी, दो मिनटों बाद मेरी चूत के अंदर एक मस्तानी, लपलपाती जीभ सैर करते हुए सारा खजाना निकालने में जुट गई, मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था।

मैं- “ओह्ह गोड शिट… आई लाइक इट सक दिस होल, इट्स युवर्ज़ टोटली युवर्ज़, आह्ह… आई लोव यू, आह्ह… उम्म… उन्ह… इस्स्स…”

मोम ने सारा सामान निकाल लिया था, तब उन्होंने अपनी आँखें खोली और मेरी आँखों में देखने लगी। सो सेक्सी, सो हाट सो ब्यूटीफुल। मैं कुछ ऊपर हुई और उंगली डालकर बाकी बचा निकालने लगी और मोम बेशर्म होकर पूरा मुँह खोलते हुए इंतजार कर रही थी। हम एक दूसरे को सेक्सी स्माइल पास कर रहे थे।

तभी दरवाजे पर नाक हुई- “दीदी, मैं नहाने जा रहा हूँ, आप भी आ जाओ…”

मैंने अपनी जांघों के बीच मोम की आँखें देखते हुए कहा- “तू चल मैं आई…” तभी कुछ आखिरी बूंदें मोम के मुँह में जा गिरी, भाई के जाने के बाद मैं मोम के ऊपर से हट गई।

मोम ने जीभ को होंठों पे फेरते हुए कहा- “नाइस ट्रीट…”

मैंने सोचा- “ओह्ह… गोड यकीन नहीं होता, मोम कैसी औरत हैं?”

मैं- “यू फकिंग होर… और चाहिए तो बुला लेते हैं उसे, वो डाइरेक्ट आपको पिला देगा…”

मोम हँसकर बोली- “कैसे पिलाएगा, अभी तो तुझ पे खाली किया है?”

मैं- “अच्छा बड़ी आई, तो फिर अंदर क्यों बैठी रही, बाहर आ जाती…”

मोम ने शर्माकर कहा- “चल जा अब…” और बात खतम हो गई।

मैं उठी और दरवाजे को बंद करके निकल रही थी। मैंने देखा मोम बेड पे लेटी हुई छत की तरफ घूर रही थी, उनका चेहरा अपने एमोशन्स को दबा रहा था। मुझे पता था, आज मोम के साथ एक बड़ी बात हो चुकी थी और उसको आक्सेप्ट करने में मोम को टाइम लगेगा। पता नहीं मोम को जितना मैं जानती हूँ वो या तो फ्यूचर में भाई से करवा लेगी, या फिर हो सकता है वो मुझे करने से रोकेगी, पर जो भी हो मोम को नींद तो नहीं आएगी, कम से कम आज रात, और फिर मैं मोम को अकेला छोड़कर भाई के रूम की तरफ चली गई।

बाथरूम में भाई और मैंने क्वालिटी टाइम बिताया लेकिन कोई सेक्स नहीं। उसने मुझे कहा- “थैंक्स दीदी, आपने मोम बनकर क्या मजेदार बना दिया दिया…”

मैं- “लेकिन आइडिया तो तेरा ही था ना? लेकिन ये तो बता तुझे ये सूझा कैसे? कहीं हाहाहा?” मैंने मजा लेते पूछा।

भाई कुछ शर्माकर बोला- “प्लीज़्ज़… आप मोम को मत बताना, असल में मैं कभी-कभी मोम को मोम की तरह नहीं देखता हूँ, ऐसा लगता है की आई वांट हर उम्म… क्या कहूँ? मैं उनको चाहता हूँ…”

मैं- “क्या-क्या फिर से बोल मैं समझी नहीं…” भाई चाहता है मोम को मतलब सभी बच्चे अपनी मोम को नहीं चाहते क्या?

भाई- “आपने ईडाइपस कांप्लेक्स के बारे पढ़ा है?”

मैं हैरान होकर बोली- “कैसा कांप्लेक्स? कोई बीमारी है?”

भाई- “रहने दो…”

मैं- “अरे बोल ना? चल चल मैं मजाक नहीं करूँगी…” लेकिन मुझे हँसी भी आ रही थी।

भाई मुझे घुमा फिर बोलने लगा- “ईडाइपस कांप्लेक्स में बेटे में अपनी मोम के लिए फीलिंग पैदा होती हैं, सेक्सुअल वाली…”

मैं- “ओह्ह… तो तुझे ये बीमारी हुई है और तू मोम के साथ सोना चाहता है, वाउ…”

भाई- “शटअप… आप समझोगी नहीं…”

मैं- “लुक, तू मोम को चाहता है, सेक्सुअली, तो अब आगे क्या मोम को जाकर बोलेगा?”

भाई- “वो देखेंगे कभी, पर मैं ये कह रहा था की आपका चेहरा आंड फिगर मोम की तरह ही है, तब मैंने ऐसा आज किया, समझी?”

मैं- “अच्छा समझी, लेकिन कहीं तू मेरे साथ मोम की वजह से तो नहीं?”

भाई- “मोम के लिए मेरी फीलिंग अलग है, और आपके लिए अलग, आई लोव यू, बोथ आफ यू…”

मैं सोच में पड़ गई, फिर भाई ने मुझे गले लगाया और मेरी भीगी चूचियां उसके सीने पे दब गईं- “दीदी आप मेरी बड़ी सिस्टर हो, मेरी दोस्त और गर्लफ्रेंड भी, लेकिन मैं मोम को अलग तरह चाहता हूँ, आई लोव हर सो मच…”

मेरा दिल धड़क रहा था और मैंने प्यार से पूछा- “सच में?”

भाई- “एस…”

मैं- “तो फिर तुझे जरूर मोम को बताना चाहिए, अपने आपको दबाकर मत रख, हो सकता है मोम भी तेरी फीलिंग समझ जाएं…”

भाई- “थैंक्स दीदी, मुझे समझने के लिए…”

मैं- “और हाँ अगर तू चाहे तो, तू मुझे मोम मानकर भी प्यार कर सकता है, शायद मैं तेरी हेल्प कर सकूं…”

भाई- “रियली आप ऐसा करोगी मेरे लिए?”

मैं- “हाँ… तेरे लिए कुछ भी मेरी जान…” मैंने उसको एक लम्बा किस किया और भाई ने मुझे पूरी ताकत से जकड़ के किस किया, हम फिर अलग हुए। मैंने कहा- “लेकिन एक शर्त है?”

भाई- “ओह्ह… तेरे लिए कुछ भी… एनी टर्म आंड कंडीशन अप्लाई? हा?” उसने हँसते हुए कहा।

मैं शरारती होकर अपनी एक टाँग भाई के लण्ड पे लगाकर बोली- “मैं मोम बनूँगी अगर तू मुझे वैसे ही मस्त चोदेगा जैसे आज चोदा है…”

भाई ने मेरी चूचियां अपने दोनों हाथों में भर लिए- “ओह्ह… रियली? यू लाइक दैट?”
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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मैंने उसके लण्ड को कस के पकड़कर कहा- “यस्स बेबी, आंड आई वांट फक, आ रियल हार्डकोर। यू नो वाट आई मीन, बिग बाय?” कहकर मैं घुटनों के बल बैठ गई और उसके बड़े लण्ड को अपने चेहरे पे मारते हुए भाई को देखने लगी। फिर मैंने उस शैतान को अपने मुँह में ले लिया- “उम्म्मा लुक ऐट दैट, सो ब्यूटीफुल…”

भाई- “ओह्ह…”

फिर मैं अपना मुँह हिलाने लगी, और फिर एक डीप थ्रोट- “प्पाअह्ह… उस्स्स फक…” फिर से मैं काम पे लग गई, उसके बाद मैंने उसको मुँह से निकाला और बाल्स को चूसने लगी, फिर दूसरी फिर पहली फिर जीभ को लण्ड के बेस पे लगा के उसकी पूरी लंबाई नाप ली।

मैं- “सो बिग बाय यू वांट टु हैव मम्मीस माउथ ओन योर काक?”

भाई- “वाउ… यस्स…”

मैं- “टेल मी वाट यू वांट बेबी, मम्मी वांट टु हियर वाट हर सन वांट्स फ्राम हर?”

भाई- “ओह्ह शिट… मोम्म प्लीज़्ज़… सक माई काक…”

मैं- “ऐज यू विश सन…” मैंने आँख मारी और जोरों से उसके लण्ड पे अपना मुँह चलाने लगी। मैंने उसको जम के चूसा, और मस्त ब्लो-जोब के बाद मैंने उसके टेस्टी वीर्य को अपने मुँह में भर लिया। फिर उसको मुँह खोलकर दिखाया की उसने कितना सारा प्यार मुझे दिया है, और फिर मैं उस प्यार को गटक गई।

मुझे नेहा के घर भी जाना था इसलिए मैंने उसको ब्लो-जोब ही दिया। लेकिन एक मस्त ब्लो-जोब अपने प्यारे भैया के लिए, उसके बाद हम बाथ लेकर बाहर आ गये। मैंने भाई से पूछा- “वो शब्द तो बताना, वो कांप्लेक्स क्या था?”
भाई अंडरवेर पहनते हुए बोला- “वो क्यों?”

मैं- “क्योंकी आई लोव यू आंड आई रियली केयर अबाउट यू, इसलिए मैं इस बारे में जानना चाहती हूँ…”

भाई ने मुश्कुराते हुए कहा- “ये ईडाइपस कांप्लेक्स है, और हाँ ये लड़कों में होता है और गर्ल्स में एलेक्ट्रा कांप्लेक्स…”

फिर जब मैं भाई के रूम से निकली तब मोम कही भी नहीं थी। मैंने टाइम देखा और नेहा ने मुझे बुलाया था इसलिए मैं तैयार होकर आ गई ब्लैक शर्ट (नो ब्रा) आंड ब्लू पैंटी आंड शार्टस पहनकर, भाई काउच पर बैठा हुआ था।

मैं- “ओके बाइ…”

भाई- “अब कहां?”

तभी मोम मुख्य दरवाजे से घर के अंदर आ गई, उन्होंने वही आफिस वाले कपड़े पहने हुए थे जो सुबह पहने थे, लगता था मोम इस तरह से आना चाहती थी की लगे को आफिस से आ रही हैं।

मैंने मोम को शैतानी भरी स्माइल के साथ कहा- “हाय मोम, बड़ी देर लगा दी? अच्छा मुझे अपनी दोस्त के घर जाना है, मैं चलती हूँ, बाइ…” और मोम को किस करने के बहाने धीरे से कहा- “मेरे पीछे कुछ करना मत…” फिर मैं अलग हो गई।

मोम ने भी धीरे से कहा- “क्यों ना करूं कुछ? बड़ी आई खुद मजे लेकर मुझे मना करने वाली…”

मेरा मुँह खुला रह गया, काश भाई को भी पता होता की मोम भी उसको कितना चाहती हैं, वाट आ लोव स्टोरी, हाए… मेरे तो आँसू आ गये।

मोम ने मुझे चुप रहने का लुक दिया, पर कुछ ना बोली और अपने रूम में चली गई। मैं अक्तिवा से नेहा के घर पहुँच गई, नेहा के पैरेंटस को नमस्ते बोलकर उसके रूम में गई, वो किसी से बात कर रही थी मोबाइल पर, बात करते हग किया और मैं बेड पर बैठ गई।

नेहा- “और हाँ हाहाहा, अच्छा अभी मैं बस निकाल ही रही हूँ। हाँ हाँ… बाइ जानू, म्मूआह, बाइ हाहाहा शटअप, मारूँगी हाँ ओके बाइ बाइ…”

मैं- “हो गया?” मैंने बोरियत के साथ कहा- “यार कितनी बात करती है? कब से बैठी हूँ पता है?”

नेहा- “सारी तुझे और इंतेजार करना पड़ेगा हमें एक छोटी सी पार्टी में जाना है…” ये बोलते हुए नेहा वार्डरोब से ड्रेस निकालकर देखने लगी।

मैं- “पार्टी? कैसी पार्टी?”

फिर नेहा ने अपना टी-शर्ट उतार दिया और ब्रा भी, 32” साइज के डीडी चूचियों के साथ टापलेश नेहा बोली- “सूरज का बर्थ-डे है (नेहा का बायफ्रेंड) ये ड्रेस कैसी लगेगी?” कहकर 4’11” की हाइट की नेहा ब्लैक फिट आंड फ्लेर ड्रेस लेकर खड़ी थी।

मैं- “गुड, पर पहले बताती ना मैं भी पार्टी ड्रेस पहन के आती…”

नेहा- “अरे कोई बात नहीं, इसमें भी तो सेक्सी लग रही है, वैसे भी उसने बोला था की कम लोग ही आएंगे…” ये कहते हुए उसने बेड पर पाजामा और पैंटी भी रख दी, अब नेहा मेरे सामने पूरी नंगी थी, 32-24-32 स्लिम और सेक्सी बाडी वाली सांवली सलोनी नेहा सेक्स बाम्ब लग रही थी।

तैयार होकर हम नेहा की कार से चल पड़े, सूरज और उसके कुछ दोस्त वहां थे, पर मैं सिर्फ सूरज को ही जानती थी। एक मिड ट्वेंटी उम्र का हैंडसम बंदा मुझसे फ्लर्ट करने लगा और मैं भी टाइम पास करने के लिए उससे बातें करने लगी, हर्ष नाम था उसका और सेक्सी मसटेक-बियर्ड थी।

हमने लास्ट में अपने नंबर शेयर किए और फिर वो चला गया, सबके जाने के बाद भी नेहा ने मुझे घर जाने से रोके रखा, और खुद सूरज से चिपकी हुई थी।

हम तीनों ड्रिंक लेकर बातें कर रहे थे की वो दोनों अब रोमांटिक बातें करने लग गये, मैं अपना फोन लिए बैठी थी, पहले भी नेहा और सूरज हम गर्ल्स के सामने किस कर लिया करते थे, पर अभी नेहा कुछ ज्यादा ही हार्नी हो गई थी। वो सूरज की पैंट पे अपना हाथ फेरते हुए किस करने लगी और सूरज उसकी चूचियां दबा रहा था की तभी नेहा ने अपनी चूचियां बाहर निकाल दी।

सूरज एकदम रुक गया, उसने नेहा को मेरी तरफ इशारा किया।

नेहा- “डोन्ट वरी अबाउट हर, कम हियर बेबी सक माई टिट्स…”

मैं अपने माथे पे हाथ फेरते हुए बोली- “नेहा…”

पर नेहा ने सूरज के सिर को अपनी चूचियों में धंसा दिया। वो भी क्या करता।

उसको चूचियां चूसते हुए देखकर मैं बोली- “ठीक है, मैं जा रही हूँ…”

नेहा- “आ अरे मैं कैसे घर जाऊँगी आ…”

मैं- “घर जाने की क्या जरूरत है? मजे कर ना यहीं पे पूरी रात भर…” अपने हाथों को सीने पे रखते हुए मैंने अपना गुस्सा जाहिर किया।

नेहा सिसकते हुए बोली- “बस कुछ देर स्स्स…” फिर उसने सूरज को कहा- “एन यू, फक मी…”

सूरज- “चलो रूम में चलते हैं, मोनिका आई एम सो सारी…”

मैं- “इटस नोट योर फाल्ट, ये निंफो ऐसे नहीं मानेगी, ओके करो जो तुमको करना है…” कहकर मैं वापस साइड में बैठ गई।

नेहा ने सूरज की पैंट जिप खोल दी और उसके लण्ड को निकाल के 4-5 मिनट चूसने के बाद वापस लेटकर अपनी टाँगें फैला दी। वो दोनों मेरे सामने दबा-दब शुरू हो गये और मेरी गीली हो गई। पर मैं देख रही थी की उनको प्राब्लम हो रही थी, क्योंकी वो कपड़े पहने हुए थे, और पैंट की जिप नेहा को ना लगे इसलिए सूरज सिर्फ आधा ही डालकर चोद रहा था और नेहा लण्ड के पूरे मजे नहीं ले पा रही थी।

मैं- “तुम लोग नंगे क्यों नहीं हो जाते?”

नेहा- “जैसे अब तक तुझे कोई प्राब्लम ही नहीं है ना?” कहकर उसने मेरी तरफ देखा- “ओह्ह… आंड यू कैन डू दैट? हाँ?” उसने मुझे शार्ट के ऊपर ही मसलते देख लिया।

मैं- “अरे मैं क्या करती? इतना सेक्सी लड़का मेरी दोस्त को चोद रहा है, और मेरी गीली ना हो, ऐसे थोड़े ना चलता है?”
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सूरज धक्के मारते हुए बोल पड़ा- “फक आई कान्ट फक लाइक दिस, मोनिका मैं तुम्हारी बात मान लेता हूँ…” कहकर वो नंगा हो गया और नेहा को नंगा कर दिया और मैंने शार्टस में हाथ डाल दिया। नेहा की जांघों को पकड़कर सूरज उसको जम के चोद रहा था और नेहा टिट्स को पकड़े चिल्ला-चिल्ला के उसको और जोर से चोदने को बोल रही थी।

नेहा को मैं कई बार सेक्स करते देख चुकी थी, मेरे लिए ये नई बात नहीं थी। पर सूरज को मैं पहली बार नंगा देख रही थी, मस्क्युलर बाडी के साथ 6” इंच के लण्ड के ऐसे स्टैमिना की वजह से नेहा तड़पकर झड़ गई, और मैं बस अपनी चूत मसलती रह गई।

उसने अब नेहा को उठा लिया और नेहा को उछाल-उछाल के चोदने लगा, पहले उसने नेहा की जांघ पकड़ रखी थी, अब उसने रुक कर नेहा के पैर पकड़ लिए अब नेहा खुद उछल के मारने लगी। अब सूरज नेहा को अपने बेडरूम में ले जाने लगा।

जाते हुए नेहा ने कहा- “बस थोड़ी देर और फिर हम चलते हैं…”

मैं क्या करती, इसलिए मुझे अकेले ही एल आर्गैज्म से काम चलना पड़ा। फिर गाने सुनती हुई और ड्रिंक के साथ नीचे सोफे पे बैठी सोचती रही की नेहा अपने पैरेंटस की वजह से फालतू मुझे अपने साथ ले आई। अच्छा होता की घर पे ही रुक जाती, पता नहीं मोम और भाई क्या कर रहे होंगे?

ऊपर से कुछ देर बाद उन लोगों की आवाजें मुझे और भी बोर करने लगीं, घर में हम तीन ही थे पर नेहा को कुछ तो ख्याल रखना चाहिए था। खुद अकेली मरवा रही थी और जोर-जोर से चिल्ला-चिल्ला के चुदाई करा रही थी।

आधे घंटे बाद नेहा नंगी ही नीचे आ गई, बेशर्म अपनी चूचियों पर अभी भी अपने यार का दूध लगा के घूम रही थी, मुझे वो वीर्य चिढ़ा रहा था, मेरे पास आकर उसमें ड्रेस अपने ऊपर डाल ली और हम निकल के कार में बैठ गये।

नेहा- “तू क्यों मुँह फूला के बैठी है?”

मैं गुस्से से बोली- “कुछ नहीं रहने दे…”

नेहा- “अरे बोल ना?” फिर मुझे छेड़ते हुए- क्यों तुझे भी चाहिए था क्या?”

मैं- “नो थैंक्स, तूने बोला की थोड़ी देर, और मैं पक गई तेरी सुन-सुन के, हाँ…”

नेहा मुझे मनाने लग गई। पर गुस्से में मेरा मूड खराब ही रहा, उसके घर पहुँचकर बाइ बोलकर मैं अक्तिवा से घर आ गई, मैं धीरे से मोम के रूम में गई देखने के लिए की कहीं?

पर मोम सिल्क ब्लैक किमोना पहने सो रही थी, इसलिए धीरे से दरवाजा बंद करके मैं भाई के रूम में गई, वो भी सो गया था। फिर अपने रूम में चली गई, मैंने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ ब्लू पैंटी जो अब भी गीली थी पहने बेड पर धम्म से लेटते हुए सो गई।

अगले दिन मैंने जैसा सोचा, वैसा कुछ नहीं हुआ। मोम रोज की तरह टी-शर्ट पाजामा पहनकर नाश्ता कर रही थी, और भाई उनके पास ही चाय के साथ न्यूसपेपर पढ़ रहा था। हाँ, जब मैं गुड मार्निंग बोलकर उसके सामने बैठी और हमारी आँखें मिलते ही स्माइल आ गई, मोम ने भी महसूस किया।

मैं- “मोम कल आप कब गई?”

मोम ने न्यूसपेपर नीचे करके मुझे देखा- “हाँ… मैं बताना भूल गई, कल आफिस से काल आया और उसकी वजह से बिन बताए जाना पड़ा…” फिर मोम ने न्यूसपेपर से अपना चेहरा छुपा लिया।

मैंने भाई को देखा और आँख मारी। भाई हँसने लगा।

मोम न्यूसपेपर के पीछे से बोली- “ह्म्म… क्या जोक है? मुझे भी बताओ, मैं भी हँसू…”

भाई- “नथिंग मोम…”

मोम- “और मोना तुम कब वापस आई, सुबह तुम उठ ही नहीं रही थी…”

मैं- “पता नहीं टाइम नहीं देखा, और अपने मुझे जगाया था?”

मोम- “हाँ… पर तुम तो गहरी नींद में थी इसलिए मैंने तुझे सोने दिया…”

मैं- “ह्म्म…”

कालेज पहुँचकर मैं अपनी दोस्तों से मिली, हम सभी नेहा की टाँग खींचने लगे की उसको तो पोर्न-स्टार बन जाना चाहिए। हम गर्ल्स बात कर रहे थे की रेहान आ टपका, वो मुझसे बात करने के लिए साइड में बुलाने लगा। उसी टाइम मैंने कामया के पैर पे अपना पैर मारा।

कामया ने रेहान के बीच में बोला- “मोना क्लास के बाद तू भी चल मेरे साथ…”

मैंने कहा- “ठीक है?”

मैं उसके साथ उठी और रेहान को बाइ बोलकर हम 6 गर्ल्स वहाँ से निकल गईं, थोड़ी दूर जाकर कामया बोली- “उसके साथ क्या हुआ तेरा?”

मैं- “कुछ नहीं, फोकट में चूत के मजे लेना चाहता है, हाँ…”

आकांक्षा हँसते हुए बोली- “अच्छा तो पैसे लेकर कर ले उससे…” और बाकी गर्ल्स भी हँसने लगी।

कामया- “वैसे भी वो छिंदी टाइप के लड़कों के साथ घूमता है…” फिर हम क्लास में जाकर बैठ गई।

क्लास के बाद मैं अक्तिवा स्टार्ट की तब मेरा फोन बजने लगा, मैंने कुछ गुस्से में कहा- “अरे आज नहीं…” पर स्क्रीन पे अकरम की जगह पे हर्ष लिखा हुआ था, मैं सोचने लगी ये कौन हो सकता है?

मैं- “हेलो…”

हर्ष- “हाय, हाउ आर यू?”

मैं याद करते हुए बोली- “फाइन आंड यू?”

हर्ष- “अच्छा मैं कल पार्टी के बाद से सोच रहा था… तब मुझे याद आया, तो आज मिल सकते हैं?”

मुझे हर्ष अच्छा लगा था तो मैंने उसको कहा- “ओके 8:30?”

हर्ष- “येस 8:30 इस फाइन…”

फिर मैं घर की ओर रवाना हो गई। शाम को मैं सोचने लगी की क्या पहनूं क्योंकी हर्ष बायफ्रेंड बनाने वाला लड़का लग रहा था? मिडी के बारे में तो सोच नहीं सकती अभी, जंपर उम्म नोप, मिनी स्केटर ड्रेस ठीक है, तो मैंने रेड ब्रा पैंटी की जगह मैचिंग के लिए ब्लैक कलर में पहन लिए, और लाइट मेकप, मोम भाई को बाइ बोले के मैं कार लेकर गई।
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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हर्ष पहले ज्यादा सेक्सी दिख रहा था, हल्की बियर्ड और मसटेक जंच रही थी, फिर हम बात करने लगे, वो किसी मैगेजीन में जूनियर एडिटर था, उसकी आँखें मुझे दीवाना बना रही थीं, ऐसे लग रहा था की वो मुझे अपने काबू में कर लेंगी। अफ्फ… बड़े दिनों बाद कोई ढंग का लड़का मिला था।

तभी सब गड़बड़ हो गया, उस फैन्सी रेस्टोरेंट में एक सूटेड आदमी के पीछे कुछ मवाली टाइप का बंदे ने मुझे देख लिया और मेरी तरफ आ गया। मेरी धड़कन बढ़ गई- “अरे ये तो वोही अकरम के क्लब वाला लड़का है जो अपने साथियों के साथ हमारे रूम में घुस आया था और फिर उन्होंने हमें चोदा था…”

वो मेरे पास आया और अपनी सारी बकवास उड़ेलने लगा, कहने लगा की उस रात को बहुत मजा आया और इस वाले की तो रात रंगीन होने वाली है। फिर कब आओगी वहाँ पे? हर्ष उठाने को हुआ की मैंने उस मवाली की गुड्डी पकड़ी और पूछा- “अपना नाम बता?”

आस-पास के कुछ लोग हमें देखने लगे।

लड़का- “ओह्ह… इतनी भी बेचेनी हो रही है, किशन नाम है मेरा…”

मैंने अब धीरे से उसको गुस्से में कहा- “सुन भोसड़ी के, छुप जा जाकर कहीं पे, क्योंकी तेरे बाप को मैं बताने वाली हूँ तेरे बारे में, वो तुझे गाड़ के रख देगा, तो हरामजादे अपनी जान बचा ले…” और उसको धक्का दे दिया।

हर्ष मुझे देखता रह गया, और वो साला लपकेबाज डर से मुझे देखकर वहाँ से चला गया। मैं क्या-क्या सोच रही थी और सब कचरा हो गया, मैंने अपना पर्स उठाया और जाने लगी।

हर्ष- “अरे कहा जा रही हो?”

मैं उदास आवाज में बोली- “घर, थैंक्स फार एवरीथिंग, गुड नाइट…”

हर्ष उठा और मेरा हाथ पकड़ लिया- “हमारी डेट पूरी नहीं हुई अभी तक…”

मैं- “तुम मुझ… मुझसे अब भी बात करना चाहते हो, वो सब सुनने के बाद भी?”

हर्ष ने मुझे वापस चेयर पे बिठाने के लिए चेयर आगे की, पर मैंने आसपास के लोगों की तरफ देखा और कहा- “हर्ष मैं यहां नहीं रुकना चाहती…”

ये सुनकर हर्ष ने कहा की चलो। फिर हम बाहर निकले और हर्ष ने कहा की उसकी कार में बैठते हैं। मैं सोच रही थी की वो अब भी मुझसे क्या चाहता है? फिर भी मैं उसके साथ उसकी कार में बैठ गई। उसने मुझसे पूछ की मैं ठीक हूँ? मैंने जवाब नहीं दिया।

उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा- “मोना, तुम अपना मूड मत खरा करो, वैसे भी तुम जैसी ब्यूटिफुल गर्ल को देखकर रास्ते पे भी लोग हूटिंग करते होंगे, पर तुम उनपे ध्यान कभी देती हो? इस पर भी मत ध्यान दो…”

मैं- “थैंक्स…”

हर्ष- “वैसे तुमसे सच कहूँ तो मैं कल किसी कालगर्ल से मिलने वाला हूँ…”

मैं अपना माथा पीटना चाहती थी, यार ये लड़के भी ना? पर कम से कम ये हर्ष तो वैसा नहीं लग रहा था। कोई बात नहीं ये अब बायफ्रेंड बनाने लायक तो नहीं, पर साला हैंडसम होने की वजह से एक रात तो बिताने लायक है।

हर्ष- “तुम सच में ये काम करती हो?”

मुझे अब कोई फर्क नहीं पड़ता की ये मेरे बारे में क्या सोचता है फिर मैंने कहा- “हाँ…”

हर्ष- “वाउ… तुम तो कल वाली से भी ज्यादा हाट आंड हाई लगती हो हाँ, और मैं यहाँ उसको टीज देने वाला था…”

मैंने सीट पे आराम से धंसते हुए उसको देखा।

हर्ष बोला- “क्या?”

मैं- “हर्ष, तुम एक नंबर के कमीने हो। पता है तुमको?”

वो हँस पड़ा- “वो कैसे?”

मैं- “तुम एक लड़की को डेट पे ले जाते हो, जबकी अगले दिन एस्कार्ट के साथ डेट फिक्स है। तुम दूसरे लड़कों से भी गिरे हुए हो…” मैंने कुछ स्माइल से कहा।

हर्ष भी स्माइल के साथ बोला- “एस्कार्ट तो रात तक रहती है, गर्लफ्रेंड उससे ज्यादा, पर तुम मुझे उससे भी ज्यादा रुकने वाली लग रही थी…”

मैं- “ओह्ह… हो हो, साहब को गर्लफ्रेंड चाहिए?”

हर्ष- “अच्छा तो फिर तुम यहाँ पे क्यों आई?”

मैं- “तुम बोलो? मैं क्यों आई?”

हर्ष ने मुझे एक सेक्सी सा लुक देकर कहा- “सेम, तुम भी बायफ्रेंड ढूँढ़ रही हो…” मेरे चेहरा को देखकर कहा- “सही कहा ना? तुम भी किसी के साथ रहना चाहती हो, कम से कम कुछ हफ्ते के लिए? नहीं?”

मैं कुछ देर तक उसको देखने के बाद बोली- “पर तुम वो लड़के नहीं हो जिसको बायफ्रेंड बनाऊँ…”

हर्ष कुछ पास आकर बोला- “हाँ… रेट ना सही तो एक रात ही सही, बायफ्रेंड नहीं तो कस्टमर ही सही…”

मेरा दिल धड़कने लगा और मेरे मुँह से निकला तो मुझे भी हैरानी हुई- “ठीक है फिर मिस्टर कस्टमर… क्या? मैं क्या बोल रही हूँ?

हर्ष हँस के पीछे हुआ- “अपनी रेट बताओ…”

मैं- “40, दो घंटे के लिये…”

हर्ष- “ओके, ओके, चलो फिर…” उसने अपनी कार स्टार्ट की।

मैं- “हे मैं अपनी कार से आई हूँ…”

उसने अपनी कार रोकी और मैं जाकर अपनी कार में बैठ गई, स्टियरिंग ह्वील को पकड़कर मैं अपने तेजी से भागते हुए दिल को संभालने लगी। मोना तू क्या कर रही है, अभी के अभी घर चल। पर पता नहीं क्यों मैंने कार स्टार्ट की और उसकी कार के पास लाकर रोकी और कहा- “गाइड मी…”

उसके पीछे चलते हुये मेरा दिमाग बार-बार मुझे रोक रहा था, पर मुझे लगा की एक रात की ही तो बात है। नहीं एक रात की नहीं, वो फिर काल करेगा, तो उसको जवाब नहीं दूँगी। अरे घर चल बड़ी आई कालगर्ल बनने वाली। किसी को पता नहीं चलेगा। हे हे ये वाली गली में मुड़ जा, सीधा घर की तरफ जाती है, ओह्ह… शटअप, एक रात और पैसे भी और मजा भी, मोम को भी बताऊँगी नहीं इस बारे में, जा जो करना है कर? और फिर मेरा दिल नार्मल हो गया।

उसने लाइट ओन की, जब उसके घर के अंदर पहुँचे, उसने कहा की बेडरूम में चलते हैं। और फिर मैं उसके पीछे चल पड़ी। बेडरूम के अंदर पहुँचते हुए मुख्य दरवाजे पे रुक गई। उसने लाइट ओन नहीं की पर रूम में हाल की और बाहर की रोडलाइट अंदर आ रही थी, वो मुझे 8 फीट दूर खड़ा मुझे देख रहा था, किसी सेक्सी फिल्म की तरह का दृश्य लग रहा था।

मैं रूम में एक कदम बढ़ा के अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया। हर्ष मेरे पास आने लगा। मैंने लाइट का स्विच देखा और लाइट ओन करने के लिए हाथ बढ़ाया। पर हर्ष मेरे एकदम पास पहुँच गया और उसने मेरा हाथ रोक दिया। उसके मजबूत हाथ ने मुझे दरवाजे पे धक्का दिया और मेरे दोनों हाथों को मेरे सिर के ऊपर कर दिए, उसके होंठों ने मेरे होंठों को चूम लिया और मेरी बाडी उसकी बाडी से दब गई।

उसके दूसरे फ्री हाथ ने मेरी जांघों पे सरकते हुए हेम को ऊपर करने लगी फिर वो मेरी चूचियों तक पहुँच गया और मेरी दाई चूची को कस के पकड़ लिया, फिर वो अपना हाथ मेरे बालों पे ले गया और उनको पकड़कर नीचे धकेलने लगा, ताकी मैं अपने घुटनों के बल बैठ जाऊँ। उसने जिस हाथ से मेरे दोनों हाथ पकड़े हुए थे उससे अपनी पैंट को खोलकर उसने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया। मैंने अपना मुँह उसकी ओर ले जाना चाहा पर मेरे बालों को पकड़े हाथ ने मुझे रोके रखा।

खिड़की से आती रोडलाइट कमरे में पड़ रही थी, उस डिम लाइट में मैं देख सकती थी की उसके लण्ड के सुपाड़े पर प्री-कम की एक बूँद, मेरे चखे जाने का इंतेजार कर रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, अपने होंठ काटते हुए कातिल नजरों से उसको देखना चाहा की उसने मुझे उस मोती से दूर रखकर वो अच्छा नहीं कर रहा।
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