मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

xyz wrote: 26 Sep 2017 20:06nice update
Ankit wrote: 27 Sep 2017 17:18superb update
thanks bhaiyo
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

खिड़की से आती रोडलाइट कमरे में पड़ रही थी, उस डिम लाइट में मैं देख सकती थी की उसके लण्ड के सुपाड़े पर प्री-कम की एक बूँद, मेरे चखे जाने का इंतेजार कर रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, अपने होंठ काटते हुए कातिल नजरों से उसको देखना चाहा की उसने मुझे उस मोती से दूर रखकर वो अच्छा नहीं कर रहा।
“बेग फार इट…” हर्ष ने हल्की फुसफुसाती आवाज में कहा- “बेग लाइक दि कम-स्लट यू आर, बेग फार योर मास्टरस काक…”

मैंने मासूमियत से कहा- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… सर, मे आई टेस्ट योर काक? आई नीड इट, आई नीड तो फील इट इन माई माउथ…”

उसने मेरे बालों पे अपना हाथ फेरा और कहा- “यू नीड माई काक? ह्म्म… आई एम नोट सो श्योर एट, यू मे वांट इट बट यू डोन्ट साउंड लाइक यू नीड इट…”

मैं- “प्लीज़्ज़… आई बेग यू, कैन आई हव योर फैट काक इन माई माउथ? प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… इसको मेरे गले में उतार दो, प्लीज़्ज़… मेरी जबान इस भारी टेस्टी लण्ड को चखने के लिए तड़प रही है…”

मेरी मदहोश आवाज से वो शैतानी मुश्कान लेकर मुझे देख रहा था।

मैं- “प्लीज़्ज़… पुट योर काक इन माई माउथ…” मैंने धीरे से कहा।

जब वो पास आया जब वो मेरी बात से पिघल गया- “माई डर्टी लिटिल होर? यू वांट टु सक दिस काक अंटिल आई कम?” ये कहते हुये उसने पर्मिशन दे दी।

वो लण्ड मेरे होंठों के एकदम पास आ गया मुझे चूमने। मैंने अपने होंठ उसपर लगा दिए, अपनी जीभ उसपर धीरे से फेरकर उसके लण्ड के बेस को पकड़कर उसको अपने मुँह में ले लिया और धीरे से उसको पोप की आवाज से निकाला, फिर अपना सिर आगे पीछे करके उसको चूसने लगी, उसको चूसा बार-बार। फिर उसके लण्ड को चूमते हुए मैं बाल्स तक पहुँच गई। एक को मुँह में लिया और जीभ का दबाव बनाते हुए अंदर मुँह में घुमाने लगी, फिर दूसरे को लिया, मैं फिर से पीछे हुई और लण्ड पे लग गई, वो रसीला लण्ड मेरी तालू पर लग रहा था।

मैंने फिर उसको अपने मुँह के आखिर तक ले गई और वो मेरे गले तक चला गया, उसको बाहर निकाल के मैंने कुछ साँस ली और फिर से उसको मुँह में लेने लगी अपना सिर हिला-हिला के।

उसने धीरे से कहा- “सच आ गुड लिटिल स्लट… सक दैट काक…”

मैंने उसको पूरा मुँह में ले लिया जितना ले सकती थी, फिर उसको निकाला पर सुपाड़ा अंदर ही रखा और अपने दाँत उसपे कुछ गड़ा दिए।

हर्ष- “ओह्ह ये कटती भी है, आई लोव मी काक सकिंग होर…”

मैंने उसको देखा और फिर लण्ड को अंदर मुँह में लिया। मैं एक परफेक्ट पोजीशन में बैठी थी उस लण्ड को अपने मुँह में लेने के लिए।

हर्ष- “यू लाइक दैट काक इन योर माउथ, डोन्ट यू? इज डर्टी लिटिल होर एंजाय दिस काक?”

मैंने अपना हिलता सिर रोकते हुए उसके लण्ड को मुँह से निकाला- “एस आई लोव इट…”

और हर्ष ने मेरे बालों को पकड़कर मुझे अपने कंट्रोल में ले लिया- “माई कम स्लट नीड माई काक इन हर माउथ, आंड नाउ आई गिव इट टु यू…” उसने रोबदार आवाज में कहा। फिर वो मेरे मुँह को अपने लण्ड से तेजी से चोदने लगा।

गूँ-गूँ-गूँ की आवाज मेरे मुँह से आने लगी।

हर्ष ने कहा- “रिमूव योर क्लॉत्स आंड पिंच योर टिट्स, आई वांट टु सी माई होर प्लेयिंग वित हर बिग चूचियां वाइल आई एम फकिंग हर माउथ…”

मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उसने एक हाथ से अपनी शर्ट। हम अब नंगे थे और सेक्स के भूखे, उसने मेरे सिर को दोनों हाथों से पकड़ा और पूरा लण्ड मेरे मुँह में उतार दिया, मेरे होंठों पे उसकी बाल्स टच हो रही थी, फिर उसने अपना लण्ड निकाला और मेरी साँस में साँस आई। फिर उसने वापस धक्के लगाने शुरू कर दिए, उसका लण्ड मेरे गले तक वो उतार रहा था, और फिर उसने गुर्राते हुए पिचकारी छोड़ दी और मैं उसको घूँट पर घूँट लेकर पीने लगी।

हर्ष ने मेरे बालों से अपना हाथ हटा दिया। मैंने उसके लण्ड को पकड़कर उसको पूरे जोर से चूसा, ताकी कोई भी माल बाकी ना रह जाए। फिर पोप की आवाज से मैंने उसको अपने मुँह से आजाद कर दिया। मैं खड़ी हुई और उसको एक लंबा पैशनेट किस दिया। उससे अलग होकर मैंने उसके लण्ड को पकड़ा और बेड की तरफ ले गई और उसको साथ लेकर धम्म से बेड पर गिर गई। मैंने उसके बालों में अपनी उंगली डालकर मस्त किस किया जब तक वो मेरी चूचियों को मसलता रहा। वो नीचे गया और एक चूची को मुँह भर के चूसने लगा और दूसरे को मसलने।

मैं- “आ सक देम आल्ल योर्स…” कुछ देर बाद मैंने उसके सिर को और नीचे धकेला।

हर्ष चूमते-चूमते मेरी चूत तक पहुँच गया।

मैं- “लिक माई होर कंट…” मैंने उसके बाल पकड़कर उसको कहा।

हर्ष ने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फेरी।

मैं- “आऽ लिक इट अगेन…”
हर्ष ने मुझे स्माइल दी फिर मेरी चूत पे उसकी जीभ लपलाने लगी।

मैं- “आह्ह… शिट यू लोव इट, यू लाइक टु सक होरस डर्टी कंट, डोन्ट यू?”

हर्ष- “एस…”

मैं हँस पड़ी- “पुट योर टंग इनसाइड मी आंड फक इट विद इट…” मैंने उसके बालों को पकड़कर अपनी चूत पे उसका सिर धंसा दिया।

और हर्ष मेरी चूत में अपनी जीभ को सैर कराने लगा, उसने गोल-गोल घुमाई और आगे पीछे की।

मैं- “अह्हस्स यू सच आ गुड कंट लवर, यू डोन्ट केयर हाउ मेनी काक्स हैव फक्ड माई लिटिल फकिंग पुस्सी, यू नो ना?” कहकर उसके सिर को मैंने पीछे किया।

और हर्ष ने कहा- “मुझे पता नहीं कितनो से तुम चुदा चुकी हो पर ये अभी भी फ्रेश है…” और फिर से वो अपनी जीभ लपलपाने लगा।

हर्ष की बात से मुझे सेंटर फ्रेश की लाइन याद आ गई “सेंटर फ्रेश- कैसी जीभ लपलाई…” मेरी फ्रेश चूत के सेंटर में उसकी जीभ लपलपा रही थी, मुझे हँसी आ गई- “आह्ह… फक मेक मी कम आह्ह… सक मी चूत हार्डर…”

और हर्ष मेरे दाने को मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगा और अपनी जीभ रगड़ने लगा।

मैं- “अपनी जबान बाहर निकालो…”

हर्ष- “क्या?”

मैं- “डू इट ऐज आई से…”

और हर्ष ने जीभ बाहर निकाल दी।

मैं हर्ष के सिर को पकड़कर अपनी चूत पे रगड़ने लगी “आह्ह… उम्म… आऽ…” मेरे अंदर बाढ़ की चेतावनी मिलने लगी, और करेंट दौड़ने लगा, मैंने उसके सिर को छोड़ दिया।

हर्ष मेरी जांघों और कमर को पकड़कर तेजी से मेरी चूत चाटने लगा, सिसकते और मोनिंग करते हुए मैं झड़ गई। मैंने अपनी चूत पे हाथ फेरते हुए कहा- “गुड बाय…”

फिर हर्ष मुझ पे चढ़ के आगे आया, उसका लण्ड प्री-कम की लार छोड़ रहा था, मैंने एक उंगली से उसको लिया और मुँह में डाल लिया, फिर मैंने अपनी चूचियों के बीच थूका और उसका लण्ड अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों के बीच में रख दिया। वो धक्के लगाने लगा।

हर्ष- “सो ब्यूटिफुल…” उसने अपना लण्ड चलाते हुए कहा। उसने कुछ देर मेरी चूचियों को चोदा और फिर मेरे मुँह में लण्ड डाल दिया, मैंने उसको कुछ देर लेने के बाद उसको छोड़ दिया, वो मुझ पर से हटा और बेड के दूसरे कोने तक जाकर वापस आया।

हर्ष ने कंडोम लगाकर पूछा- “रेडी फार आ राइड…”

मैं पलट के डागी स्टाइल में आकर अपनी गाण्ड ऊँची करके बोली- “श्योर…”
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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उसने एक तेज झटके से अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया, और मैं चीख पड़ी, उसने लण्ड पूरा अंदर तक डाला और धीरे से बाहर निकाला, फिर तेज झटके से डाला और मेरी चीख से उसको मजा आने लगा।

मैं- “फक मी फास्ट आंड हार्डर…”

हर्ष ने मेरी गाण्ड को पकड़कर और जोर का धक्का मारा, और तेजी से फिर एक फिर एक फिर एक “आ फक फक एस्स हार्डर हार्डर, रैम योर फकिंग काक…” मेरी चूचियां झूलने लगीं, बेड बजने लगा, उसके बाल्स मेरी चूत को मारने लगे और उसका लण्ड मेरी चूत मारने लगा। वो मेरे बाल पकड़कर मुझे कुतिया की तरह चोदने लगा, मेरी चूत उसके लण्ड को और तेजी से लेना चाहती थी। मैंने अपनी चूत की मसल्ज़ को सिकोड़ के लण्ड की हर नसश को महसूस करने लगी।

हर्ष- “आ फक वाह… वाट आ टाइट कंट…” उसने कहा, फिर मुझे पे झुक गया- “आह्ह… शिट आह्ह…” कहकर वो झड़ रहा था।

मैंने पीछे देखा और उसको किस किया, उसके बाद वो हटा और चूत से अपना लण्ड निकाल दिया, मैं घूमकर उसकी तरफ हो गई, कंडोम को उतार के साइड में फेंक कर लण्ड को मुँह में ले लिए।

हर्ष बोला- “मेक इट हार्ड अगेन…”

मैं उसको बेड पे लेटाकर लण्ड चूसने लगी और वो मुझे देखने लगा। मैंने अपने बाल झटते और फिर सेक्सी लुक के साथ उसके लण्ड को जीभ से कम हियर के इशारे से फेरने लगी, वो इस स्टाइल से हाट होने लगा और लण्ड में फिर से ब्लड भरने लगा, उसके पूरे तन जाने पर मैं उठी और कंडोम कहां पे है का इशारा किया।

उसने बताया और मैं अब खुद सवारी करने के मूड में थी, कंडोम चढ़े लण्ड को मैंने मिजाइल लांचिंग मोड पे खड़ा किया, मैं उसपे बैठने वाली थी पर पहले मैंने उसको अपनी चूत के होंठ खोलकर उसकी तरफ देखा और कहा- “नाउ यू विल्ल नो मी कंप्लीटली…” और उस लण्ड पे आह्ह… करती बैठने लगी।

और वो लण्ड लांच होकर मेरी चूत में दूर अंदर जाने लगा। अब मैं उसके ऊपर कूदने लगी और पट-पट की आवाज रूम में भर गई, मेरी चूचियां मजे से झूल रही थीं- “ओह्ह… फकिंग डैम इट…” मैंने अपनी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगी।

हर्ष नीचे मजे ले रहा था- “यू वांट दिस बेबी?”

मैं- “ओह्ह… येस…” कहकर मैं आगे झुकी और हर्ष उनको मसलके चूमने लग गया, कुछ देर बाद मैं उठी- “यू वांट सी माई बिग बट? वाइल आई अम फकिंग योर डैम काक?” और फिर मैं उठी और घूम के फिर उसके लण्ड पे बैठ गई।

हर्ष- “ओह्ह… माई गोड, आई लोव योर बट आंड टिनी लिटिल गाण्ड का छेद…” उसने उनको पकड़कर कहा।

मैंने बाल झटक के पीछे देखकर कहा- “पुट योर उंगली इनसाइड माई आस…” और उसने उंगली डाल दी और मैं उसके लण्ड पे धीरे-धीरे हिलने लगी- “उउउह्ह… नाउ रिमूव दैट उंगली आंड पुट योर थंब…” मैंने आर्डर दिया।

हर्ष ने किया, फिर मैं अपनी गाण्ड उठा-उठाकर लण्ड पे पटकने लगी। उसने कहा की मैं उसके ऊपर लेट जाऊँ, मैं धीरे से पीछे की तरफ हुई और उसने मेरी चूचियां पकड़कर मुझे ऊपर ले लिया। फिर उसने मेरी गाण्ड को पकड़कर उठाया और अपने चूतड़ों को हिलाकर मेरी चूत में लण्ड डालने लगा। अब मेरे दोनों पैर हवा में उपर हो गये और वो ह्म याअ उह्ह… ताकत लगाकर मेरी चूत मारने लगा। मेरी हालत खराब होने लगी, उसका लण्ड गाजाब की स्पीड में मेरी चूत में डालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी, हम दोनों आवाजें निकाल रहे थे।

हर्ष “हाँ… हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ…”

मैं- “आह्ह… मेरी चूत आह्ह फक… मर गई… ओ माँ…” और मेरी चूत से फुहार निकाल पड़ी। उसके जस्ट बाद वो भी झड़ गया, और हम बेड पे ढेर हो गये। अपनी आँखें बंद की, हमारा सीना तेज साँस लेते हुए ऊपर-नीचे हो रहा था।

कुछ देर बाद हम होश में आए, उसने मुझे देखा और मैंने उसको, हम हँसने लगे- “दैट वाज आसम…”

“यस रियली इस वाह…”

उसके बाथरूम में बाथटब में गरम पानी में नहाया। मेरे बदन में कुछ ताकत आई, ताकी मैं चल सकूं, उसके बाद बाहर आकर मैंने अपने कपड़े पहने, उसके बाद मैंने उसको किस दिया और मुझे उसने हजार के 40 नोटों की गड्डी।

“थैंक्स…” हर्ष ने कहा।

मैंने अपना पर्स उठाया और पैसे उसमें रखे और उसको हग करके मुख्य दरवाजे तक गई।

तब हर्ष ने मुझसे पूछा- “डू यू वांट अनदर डेट?”

“नो…” मैंने दरवाजा बंद करते हुए स्माइल के साथ कहा, और वहाँ से चली आई।
घर पे पहुँचने पर अजीब महसूस हो रहा था, लाइक में क्या करके आई हूँ? उस टाइप से, नहीं तो रात की ठंडी हवा से मुझे अब अच्छा महसूस हो रहा था। दरवाजे पे खड़े होकर मैंने सोचा की अभी तो 11:40 हुए हैं, भाई मोम टीवी देख रहे होंगे, जो भी हो अभी मैं ठीक दिख रही हूँ कोई प्राब्लम नहीं, फट से अपने रूम में चली जाऊँगी।

जब मुख्य दरवाजे से अंदर आई तो देखा मोम और भाई अपने रूम में ही हैं, दरवाजा बंद कर रही थी तब मैंने देखा की भाई मोम के रूम से बाहर आ रहा था, उसने मुझे देखा और रुक गया, उसके नीचे टेंट बना हुआ था, पर क्यों?

मैं- “तू मोम के रूम में क्या कर रहा था?”

भाई धीमे से बोला- “श…”

मैं उसके पास और गई, और उसके लण्ड की तरफ इशारा करके धीरे से पूछा- “बोल…”

भाई ने पीछे मोम के रूम की तरफ देखा, फिर स्माइल के साथ बोला- “मैं मोम से बात करने उनके रूम में गया पर वो बाथरूम में हैं…”

मैं अपना सिर हिलाकर बोली- “और तूने उनको देखा, क्यों?”

भाई- “मैंने सुना की… …”

तभी मोम अपने रूम से बाहर आई- “क्या सुना?”

भाई मोम की तरफ घूमने वाला था पर मैंने उसके कंधे पकड़ लिए ताकी मोम भी उसके टेंट को ना देख लें। मैंने मोम की तरफ देखकर कहा- “कुछ नहीं भाई फालतू की बात कर रहा था…”

फिर भाई की तरफ देखकर- “आंड आई एम नोट इंट्रेस्टेड…” फिर मैं मुड़ गई और अपने रूम में जाने लगी।

तभी मोम ने पूछा- “कैसी रही तेरी डेट?”

मैंने बिना मुड़े कहा- “मैं डेट पे नहीं गई थी मोम…” और सीढ़ियां चढ़ के अपने रूम की तरफ चली गई।

मैंने दरवाजा बंद किया और सीने पे हाथ रख लिया। फिर मुझे हर्ष का मुझे चोदना याद आया- “हाँ…”

मैं आगे बढ़ी और अपने सारे कपड़े उतारने लगी, उनको डम्पस्टोर में डालने के बाद बेड के एक कोने पर बैठ गई। मुझे फिर मेरा उसके लण्ड को पकड़ना याद आया, और फिर उसका मुझे पैसे देना, मैंने पर्स लिया और उसमें से रूपये निकले और उनको देखने लगी- “कल इनको बैंक में डालना होगा…” मैं धीरे से बोली- “पर अभी कहां रखूं?”

मैंने उठकर कपबोर्ड खोला और नीचे मेरे कुछ पर्स पड़े थे उसमें से एक में मैंने वो पैसे रख दिए, और फिर मैं बाथरूम चली गई। क्योंकी मुझे अब भी ठीक नहीं लग रहा था, नहाते-नहाते मुझे खयाल आया की जो भी मैंने किया वो बुरा भी नहीं था, मतलब पहले भी तो मोम के साथ मिल के। और हमें पैसे भी तो मिले थे, और फिर तो लड़का भी मुझे पसंद था, नहीं तो एस्कोर्टस को कैसे लोगों के साथ रहना पड़ता है, चाहे पसंद हो या ना हो उनको झूठ-मूठ का स्माइल करते रहना मजबूरी होती है, पर मेरे साथ तो ऐसा नहीं था, लड़का भी ठीक था और सेक्स तो मजेदार था ही।
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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जब बाथरूम से बाहर आई तब मैं सेक्सी सा महसूस कर रही थी, आ क्लास हाँ। मैंने कपबोर्ड खोला और ब्लैक कलर की थोंग पहनकर कपबोर्ड बंद करके बेड पे लेट गई मोबाइल लेकर, आकांक्षा आनलाइन थी तो उससे इधर-उधर की बात की, और मेरा मन कर रहा था किसी को बताने को, किसी से इस बारे में बात करना चाहती थी। पर अभी सही टाइम नहीं है, कुछ देर बाद नेट आफ करके लेटकर खिड़कियों की तरफ देखने लगी। मुझे कुछ आइडिया आया कुछ पागलपन भरा, पर्स से पैसे निकले और फिर उनको मैंने अपनी थोंग के आगे की तरफ रख दिया और उसकी पिक ले ली।

जैसे भी मैंने ये कमाए हों, पर साली रण्डी की कमाई है जो चाहे वो करूं। उसके बाद बेड पे लेट गई और थोंग उतारकर गड्डी को चूत के ऊपर रखा, परफेक्ट पिक, तीन हिस्सों से चूचियां और चूत को कवर किया, ल्लकक। फिर और ढेर सारी पिक्स ली अलग-अलग पोज में।

“अरे पागल बस कर…” दिमाग में एक आवाज ने कहा।

मैंने पैसे वापस रख दिए और थोंग पहन ली। फिर एक सफेद जांघों तक की टी-शर्ट पहनकर नीचे किचेन को चली, क्योंकी रेस्टोरेंट में खाना कहां खा पाई थी।

मोम और भाई सोफे पे बैठे टीवी देख रहे थे।

मोम- “मोना ये क्या पहना है तूने?”

मैं- “मोम कुछ खाने को है?”

मोम- “तू खाकर नहीं आई? मुझे लगा की तू डेट पे गई है तो हमने खाना खा लिया, सच में तूने कुछ नहीं खाया?”

मैं वीर्य का नाम तो नहीं ले सकती थी- “थोड़ा ही खाया पर अभी भूख लगी है…”

मोम- “अभी कुछ बनाती हूँ, और कुछ पहन नीचे, बच्ची नहीं है तू अब…” मेरे पास से निकलते टाइम मोम ने कहा, पर मैं उनको स्माइल से देखती रही। पर मोम ने वापस मुझे स्माइल नहीं दी- “जबकी आदी घर में सबसे छोटा है…”

भाई- “क्या?” उसका ध्यान मूवी पे था, तो उसने सिर्फ अपना नाम ही सुना।
मैं उसके पास बैठते हुए बोली- “कुछ नहीं, ये कौन सी मूवी है?”

भाई- “मैड मक्स…”

मैं- “अजीब है ये तो, हाँ… वैसे इतने लोग उसके पीछे पड़े क्यों हैं?”

फिर बस यूँ ही मूवी देखकर टाइम पास किया और मोम ने मुझे पराठे और केचप लाकर दिए और मेरे सिर पे किस करके चली गई सोने।

मैं- “थैंक्स मोम…” मैंने कहा।

“लोवे यू…” मोम ने अपने रूम की तरफ जाते हुए कहा।

भाई थोड़ी देर बाद जाने लगा तो मैंने उसको बोला- “मूवी नहीं देखनी?”

भबाई- “एह पड़ी है अपने पास, आप ही देखो, और दिखाओ…”

मैंने इशारा किया।

तो उसने कहा- “हाँ… बहुत नींद आ रही है अभी, गुड नाइट…” और उबासी लेते हुए वो भी चला सोने।

मैं अकेली, टीवी और ये गर्म पराठे, किसी को पता भी है मैंने आज किया क्या है? ‘स्टुपिड’ पता नहीं क्यों मेरा मन जैसे शांत नहीं था। खाना खा लिया, मूवी भी पूरी देख ली, पर नींद नहीं आ रही थी। लैपटाप लिया और फिर मुझे याद आया की भाई ने कुछ कहा था, क्या था? ओदेपूँ कांप्लेक्स, फिर लैपटाप साइड में रखा और मोबाइल में सर्च किया

“ओदेपूँ कांप्लेक्स मदर सोन इन्सेस्ट…” तो मुझे दो चीजें मिली, एक तो भाई ने कहा था “ईडाइपस कांप्लेक्स…” सनस सेक्सुअल इक्षो फार हिज मदर वाली पर एक चीज और थी “जाकसता कांप्लेक्स…” जो था मदर तो डाटर।

“माँ की आँख…” मेरे मुँह से निकला, और फिर मैं पढ़ने लगी।

मोबाइल साइड में रखकर मैं सोचने लगी- “यार ये तो गजब है, परिवार में इतना कुछ…” मुझे खयाल आने लगा की मैं, भाई और मोम, या फिर डैड भी। शुरू हो गये तो क्या होगा?

पर मैं डैड को इस तरह नहीं देखती, डैड ह्म यक। नो नो नो, पर भाई और मेरा तो बहुत पहले से चल रहा है, मोम और ब्रो? नहीं उन लोगों ने तो किया ही नहीं है, अगर किया होता, तो मोम मुझे बता देती ना। हाहाहा… हम तो पार्टनर हैं ना इस चीज में। और भाई ये नहीं कहता की उसको फीलिंग है मोम के लिए, वो कहता- “दीदी आपकी चूत मोम से ज्यादा टाइट है…” मोम तो भाई को साफ मना कर दें। पर मोम मुझे कभी-कभी चकित कर देती हैं, वो कभी ना कभी भाई का ले ही लें।

फिर मुझे खयाल आने लगा की डैड तो काफी टाइम से आउट आफ इंडिया हैं, तभी तो मोम। भाई मोम को डैड से ज्यादा अच्छा लगता हो यंग और स्मार्ट। जैसे जाकसता वाली थियरी में था, पर मोम ने भाई को अपनी सेक्सुअल इक्षो पूरी करने के लिए इश्तेमाल नहीं किया है। अगर बता दूं भाई के बारे में मोम को तो? वो दौड़ पड़ेगी उसके रूम की तरफ? नहीं नहीं, ये इतना भी आसान नहीं है, पर हो तो?

मेरी आँखें बंद थी, पर मैं कल्पना कर रही थी- दो बदन, बड़े बेताब। मैं बेड पर करवट लेने लगी, टिट्स एकदम हार्ड हो गये और उनको मैं पकड़कर और जोर से आह्ह। मैंने आँखें बंद किए सोचा, सोचा की एक लाल पर्दे के पीछे दो प्यार के प्यासे तड़प के आपस में लिपटे हुये हैं, एक दूसरे में डूब रहे हैं।

एक आग पैदा हो गई उन गर्म शरीरों से, और वो फैलने लगी, वो जो लाल परदा था उसको भी जलाने लगी, सब कुछ जलने लगा, बेड, तकिया, सब। पर वो नंगे बदन जल नहीं रहे थे, वो पशीना-पशीना थे और उनसे गर्मी निकलने लगी थी, आग उनको जरा सा भी नुकसान नहीं पहुँचा पाई। शायद प्यार था, जिसने उनको बचा के रखा था, फिर एक औरत की आअह्ह।

मेरी आँख खुल गई, मेरा सीना, मेरा बदन गर्म हो गया था और मैं पशीने से नहा गई थी। रूम में अंधेरा था और रात का सन्नाटा चारों तरफ था। वो सपना था, उस आअह्ह से मैं जाग गई थी और देखा की मेरी चूत भी जागी हुई है। मैं उठ बैठी और उस गीले कपड़े को उतार दिया, अग इस्स्स… सो वेट, सो हाट, मसला उसे मैंने पर वो नहीं मानी, डाली उंगलियां उसके अंदर पर उसने कहा की ये वीर्य है, वीर्य है?

आखिर मुझे उसकी बात माननी पड़ी, और चली भाई के रूम की तरफ। भाई अपने रूम में सो रहा था, धीरे से उसके पैरों के पास लेटी, नीचे किया, पकड़ा और उम्म्म… वो भी सोया हुआ था। क्या मैं जगाऊँ उसे या उसके मलिक को। भाई सोते हुए बड़ा प्यारा लग रहा था।

मैंने लण्ड को देखा- “गुड नाइट…” कहा और उसपे प्यार से किस किया।

मैं धीरे से भाई के पास गई और बेड पर लेटकर सोने लगी। कुछ देर बाद भाई का हाथ नींद में मेरे नंगे बदन पर पड़ा, मैं उस हाथ को अपनी हथेली में लिए अपनी चूचियों पर रखकर सो गई। मैं इंतेजार करने लगी की कब भाई को पता चलेगा की उसकी सेक्सी नंगी बहन उसके पास चुदने को तैयार लेटी हुई है। अगले मार्निंग मेरी आँख खुली।

भबाई- “ह्म्म… गुड मार्निंग दीदी…”

कुछ होश आने पर सही में मार्निंग बहुत ही गुड महसूस हो रही थी- “आऽ गुड मार्निंग ह्म्म… क्या सुबह-सुबह शुरू हो गया आह्ह…”

भाई धीरे-धीरे स्पून पोजीशन में मेरी मासूम चूत के छेद को बड़ा कर रहा था, कहा- “इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। हाँ हाँ जब वर्ल्ड की सबसे हाट गर्ल मेरे बेड पर मार्निंग टाइम पर नंगी पड़ी मिले तो मैं क्या, कोई भी इसके अलावा और कुछ कर नहीं सकता है। हाँ हाँ आई लोव यू दीदी यू अरे दि बेस्ट हाँ हाँ…”

फिर क्या था, मैं पीछे भाई को किस करने लगी और भाई मेरी जांघ पकड़कर मेरी चूत में लण्ड घुसाये जा रहा था- “उम्म… आऽ उन्ह… उन्ह… ओके, उह्ह… उह्ह… ओह्ह… देन स्टाप फकिंग योर सिस्टर, उन्न् हाँ हाँ हाँ औच्च… रब इट, रब इट एस्स…”

उसने मुझे तड़पाया भी और चुप होने को भी कहा, ये गलत है। मैं घूम गई और लण्ड निकाल गया, किस किया और फिर भाई के ऊपर चढ़ गई, लण्ड को पकड़ा और उसको गाण्ड का छेद पे टच किया, और कहा- “बहुत ही गर्म है आज तो, नींद नहीं आई साहबजादे को?”

भाई- “नींद तो बहुत ही अच्छी आई पर अभी भूख लगी है…”

मैं- “रुको कुछ बना दूं पहले…” लण्ड को चूत पे सेट किया और पीछे को हो गई उफफ्फ़… क्या चीरता हुआ गया अंदर।
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