मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »


भाई ने मेरी कलाइयां पकड़कर खूब जोर से चोदा, जम के चोदा, रही सही कसर भी निकाल दी, फिर क्या था… मैं झड़ गई। उसके बाद उसने मुझे पलटा के बेड के किनारे पे लिटा दिया और कुछ देर मेरी होर कंट को चाटने लगा जिसको अभी-अभी उसने रुला दिया था और अब मज़ा रहा था। उसके बाद वो मान गई तो वो खड़ा होकर मेरे ऊपर आ गया एक बार फिर मेरी बजाने को।
आखिरकार, मेरी चूत की प्यास बुझ जाने बाद मैंने उसको रिकवेस्ट की कि मुझे अपना ब्रेकफ़ास्ट मिल्क चाहिए, उसने अपने जादुई डंडे में से सफेद हाट मिल्क निकालकर मेरी ये इक्षा भी पूरी कर दी। मैंने उसकी जादुई डंडे को किस करके थैंक्स कहा।
रिलेक्स करने के बाद भाई मेरे रूम से चला गया और मैं बाथरूम में नहाने। मैंने कपबोर्ड से डार्क ग्रीन कलर की पैंटी निकालकर पहनी और फिर लाइट ग्रीन कलर की मिनी ड्रेस। मुझे फिर भाई की शर्ट पैंट गुड़ीमुड़ी किए दिखे तो मैं उनको लेकर भाई के रूम में गई।

भाई अपना फ़ोन लेकर बैठ हुआ था और उसने नहाया भी नहीं था, बस टीशर्ट ट्राउजर पहन फ़ोन में घुसा हुआ था। मुझे देखकर वो ट्रिशा की प्रोफाइल बताने लगा। फिर वो उसी के बारे में बातें करने लगा। ट्रिशा के बायफ्रेंड ने उससे ब्रेकप कर लिया था, वैसे मुझे इंटेरेस्ट नहीं था फिर भी भाई ये बताने में बिजी हो गया की उसने और ट्रिशा ने अब तक क्या-क्या ट्राई किया था।
मुझे लगा था की ट्रिशा जैसी लड़की अभी तक अपनी सारी फेंटसी पूरी कर चुकी होगी। भाई ने मुझे वो लिस्ट भी बता दी जिसको वो दोनों मिलकर करने वाले थे। पर मुझे डाउट था की ट्रिशा ने भाई को झूठ बोला होगा। पर वो इस बार भाई की गर्लफ्रेंड थी, इसलिए फिर से वो सब नये बायफ्रेंड के साथ करना चाहती होगी। उसकी पकाऊ योजना का भाषण खत्म होने पे हम दोनों उसके रूम से निकले और काउच पे बैठने वाले थे की तभी मोम सीढ़ियों से नीचे आने लगी।
ओह्हह गोड… मैं तो मोम के बारे में बिल्कुल भूल ही गई थी। मोम के बाल बिखरे हुए थे लेकिन पूरी तरह जागी हुई मोम बे-ध्यानी से नीचे फर्श को देखती हुई बची हुई 3 सीढ़ियों उतरी और अपने रूम की तरफ बढ़ी। जैसे ही मोम ने हम दोनों को देखा तो वो चीखकर वापस सीढ़ियों पे चढ़ गई। फ्रंट के बाद तो भाई ने मोम की बैक साइड भी नंगी देख ली।
मोम कुछ सीढ़ियों चढ़कर छिप गई और तेज आवाज़ से बोली- “आदी, तू कब आया?”
भाई- “मैं तो मॉर्निंग में ही…” कहकर उसने मेरी तरफ देखा। हमने दोनों ने एक दूसरे को स्माइल दी। फिर उसने मजे लेते हुए मोम से पूछा - “आप ऐसे क्यों घूम रही हो?”
मोम ने कुछ देर रुक के जवाब दिया- “तू अपने रूम में ना…”
भाई- “मोम…”
मोम- “तुझे जो कहा वो कर ना…” मोम की गुस्से वाली आवाज़ आई।
भाई ने मुझे देखा फिर मुँह लटकाए अपने रूम में चला गया, जैसे की उसको अपनी पसंद का टीवी प्रोग्राम देखने से मना कर दिया गया हो।
उसके जाते ही मोम धीरे से कुछ सीढ़ी नीचे उतरी।
मैं- “वो चला गया है…” मेरे ऐसा कहते ही मोम भाग के सीधा अपने रूम में चली गई। मैं भी मोम के पीछे-पीछे उनके बेडरूम में आकर दरवाजा बंद कर दिया।
मोम ने मुझे गुस्सैल नागिन की तरह फूँकारती हुई, धीमी आवाज़ से पूछा - “तू मुझे बता नहीं सकती थी?”
मैं- “बताया तो था? भूल गई क्या? और आप तो जैसे गायब ही हो गई, पूरा घर छान मारा मैंने पता है?”

मोम- “वो लड़का किधर है? तुषार? उसने आदी को देखा तो नहीं?” मोम ने थोड़ा शांत होकर पूछा ।
मैं- “नहीं, अब जल्दी से कुछ पहन लो, बहुत भूख लगी है…”
मोम ने एक बार दरवाजे की तरफ देखा फिर वो बाथरूम में चली गई।
ब्रेकफ़ास्ट करते टाइम सब चुपचाप ही थे। बस भाई थोड़ी-थोड़ी देर में मोम को देख रहा था। पर मोम तो पूरी तरह से उसे अनदेखा कर रही थी। फिर भाई ने मोम का मूड नॉर्मल करने के लिए अपनी बिज्निस ट्रिप के बारे में बोलने लगा- “मीटिंग के टाइम उनको हॉस्पिटल से काल आया, उनके अंकल आई॰सी॰यू ॰ में थे…”
मोम- “कौन? कुलभूषण जी?”
भाई- “हाँ…”
मोम- “ओह्हह… मैं उनसे मिली थी, फिर क्या हुआ?”
भाई- “फिर मीटिंग रोकनी पड़ी और वो चले गये। मैं उसी टाइम वापस आ जाता पर उन्होंने कहा की शाम में वो वापस आकर मुझसे मिलेंगे ताकी मेरा दिन खराब ना हो…”
मोम- “अरे कुलभूषण जी का पूछ रही हूँ । अब तो वो ठीक है ना?”
मेरे दिमाग में एक इमेज बनी जिसमें 60-70 साल का बुड्ढा आई॰सी॰ यू ॰ में लेटा है और मोम नंगे बदन उसपे झुकी हुई और कमजोर हाथ को थामे कह रही हों- “जान , तुम जल्दी ही ठीक हो जाओगे। सच में…” मैं ये सोचकर स्माइल कर दी पर किसी ने मुझे देखा नहीं।
भाई- “हाँ वो, वो ठीक हैं…”
मोम- “ह्हम्म… तो फिर तू शाम में ही आ जाता, तुझे इंतजार नहीं करना चाहिए था…” मैंने मोम को देखा, तो मोम मुझे स्माइल देकर भाई की तरफ सीरियस होकर देखने लगी।
भाई- “मैं तो आ ही रहा था, उन लोगों ने ही मुझे पकड़ रखा था। चलो फिर दिन तो वेस्ट नहीं हुआ। कल से हम काम शुरू कर सकते हैं, मैंने अड्वान्स भी ले लिया है…”
इस सबके बाद मोम और भाई ऐसे दिखा रहे थे की मॉर्निंग में कुछ हुआ ही नहीं था। लेकिन उन दोनों के चेहरे के एक्सप्रेशन्स और सरीर की भाषा सारी पोल खोल रहे थे। भाई ने रात को मोम की सेक्स मोनिंग सुनी, और मेरे साथ रात को और मॉर्निंग में फुल मजे लेने के बाद उसके लिए मॉर्निंग शो तो बोनस पैकेज जैसा था। मोम शुरू में तो चिड़चिड़ी थी, पर अभी आफ्टरनून को भाई अपने रूम में था और हम किचेन में सन्डे के स्पेशल लंच की तैयारी कर रहे थे तब मोम से मैंने पूछा की कल रात को मेरे जाने के बाद क्या किया था? तब मोम थोड़ी खुश दिख रही थी।

तुषार ने आइडिया दिया था मोम को टेरेस पे जाने का। वो मेरे जाने के आधे घन्टे के बाद ऊपर चले गये। मैंने मोम को बताया की मुझे तो कुछ सुनाई नहीं दिया, तो मोम ने जब बताया की तुषार ने मोम के मुँह में पैंटी डाल दी थी तो मुझे भाई और तुषार का एक रात को एक जैसी स्टाइल में होना अजीब लग रहा था, शायद मोम के लस्ट का दोनों पे एक जैसा ही असर हुआ था।
फिर मोम ने बताया की वो लोग शायद रात के 3-4 बजे ही सोए होंगे इसलिए मोम की तब आँख खुली जब धूप से मोम का नंगा बदन जलने लगा था। मोम के ऊपरी बाडी और चेहरे पे कम्बल थी इसलिए दिन की रोशनी से आँख नहीं खुली। मोम को लगा की भाई के आने में टाइम है और वो समान समेटकर उनको मेरे रूम में रखकर नीचे आ गई थी।
फिर मोम ने कहा- “मैं आदी को देखकर डर गई थी, मुझे लगा की उसने तुषार को भी देख लिया होगा…”
मैंने मोम को छेड़ते हुए कहा- “अच्छा तो सिर्फ़ इस बात का ही डर था?”
मोम स्माइल करते हुए बोली- “और नहीं तो क्या? नहीं तो मैं सीधा अपने रूम में चली जाती, जैसे मैंने तुम लोगों को देखा ही नहीं…”
मैं- “ऊओ बड़ी आई, तब भी आप भाग के छुप जाती?”
मोम ने चेलेंज वाली टोन में कहा- “तुझे लगता है की मैं ऐसा नहीं कर सकती?”
मुझे याद है की एक बार भाई जस्ट पास में था और वो अपनी चूत मसल रही थी। पर पूरी नंगी होना बहुत ही डेयरिंग काम था।
“रहने दो…” मैंने कहा- “वैसे भी भाई ने आज का सदमा झेल लिया है, अगर फिर से उसने अपनी स्लट मोम के जलवे देख लिए तो वो बर्दास्त नहीं कर पाएगा…” फिर धीरे से आगे कहा- “और यही पे आपकी चूत फाड़ डालेगा। और हाँ, आप ऐसा हरगिज़ नहीं करना चाहोगी, मुझे पता है…”
मोम- “क्या पता, मैं ऐसा ही चाह रही हूँ तो?” मोम ने बेशर्मी से फ्राइंग स्पून को डिक की तरह चाटते हुए आँख मारी।
उसी टाइम भाई अपने रूम से निकलकर किचेन में आया और फ्रिज से बोतल निकालकर पानी पीने लगा।
मोम कुछ नहीं बोली पर उनके चेहरा पे शैतानी भरी स्माइल थी और फ्राइंग पैन में स्पून घुमाने लगी। भाई ने मोम की हिलती गाण्ड को देखा और मेरी तरफ देखकर स्माइल कर दिया। मोम ने पिंक फ्राक ड्रेस पहनी हुई थी, जिसकी हेम घुटने तक नीचे थी, पर मोम की सेक्सी गाण्ड को हिलते देखना आँखों को ठंडक और लण्ड को गर्मी देने जैसा था।
भाई कुछ ज्यादा देर रुक के मजे लेते रहा।
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jay
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by jay »

एक दम मस्त लंड फाडू कहानी है
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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jay
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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good going
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by Kamini »

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