thank you so much friends
मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete
- pongapandit
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- Joined: 26 Jul 2017 16:08
- mastram
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
kuch aage badho mitr
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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- Ankit
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- Kamini
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- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
update plz
- pongapandit
- Novice User
- Posts: 971
- Joined: 26 Jul 2017 16:08
Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
मोम अपनी ड्रेस उठाती है।
मैं- “क्या मोम, आप यहीं शुरू हो गई?”
मोम अपने हाथों में कपड़े लेकर नंगी ही कार की तरफ जाती हैं- “सारी बेटा, रेहान के साथ पता नहीं कैसे मैं बहती चली गई…” और हम कार के पास पहुँच जाते हैं।
और रेहान का दोस्त आदिल मोम को मुँह फाड़े देख रहा होता है। मैं उसे कार से उतर जाने को कहती हूँ, और ड्राइविंग सीट पे बैठ जाती हूँ। मोम आदिल के पास जाती हैं, जो कार से बाहर निकलकर खड़ा था। मोम उसको शरारती स्माइल देते हुए उसकी पैंट के टेंट पर अपना हाथ फेरते हुए- “ओह्ह्ह… थैंक यू डियर…” कहते हुए कार में बैठ जाती हैं।
फिर मैं कार स्टार्ट करके वापस मैं हाइवे पे ले जाती हूँ।
मोम- “ओफफो… ये तो खराब हो गई…” मोम अपनी ड्रेस को चेक करते हुए कहती हैं।
मैं- “ऐसा करो, आप अभी ये ड्रेस पहन लो…”
मोम- “नहीं, मुझे अब ये नहीं पहननी…” और पीछे की सीट पे अपने कपड़े फेंक देती है। फिर कुछ ढूँढ़ते हुए कहती हैं- अरे वो ड्रेस कहां है?”
मैं- “उसी शाप में रख आए थे हम। पहले हमने माल जाना है फिर अकरम के यहाँ…”
मोम डैशबोर्ड पे पैर रखकर टीशू-पेपर से चूत साफ करती हैं। अच्छा हुआ की कार की स्पीड तेज होती है, जिससे बाकी लोग हमारी तरफ ज्यादा ध्यान से देख नहीं पाते, पर धीरे-धीरे आगे ट्रैफिक जाम होने लगता है। हमारी कार के आस-पास बाइक्स और कारें बढ़ने लगती हैं। मोम पीछे की सीट पे चली जाती हैं, और वो खराब हो चुकी ड्रेस पहनने लगती हैं।
दायें साइड पे एक बाइक पर दो बूढ़े मोम की तरफ लार टपकाते हुए देख रहे थे। पर मोम का ध्यान उनपर नहीं गया। लेफ्ट साइड पे एक बड़ी सुवो थी, जिसमें 3 औरतें बैठी थीं, उनकी उमर मोम इतनी थी पर देखने में किसी टीवी सीरियल की सास लग रही थीं, और खूब सारी ज्यूयलरी पहनी होती है, वो- “हे राम… हे भगवान्… देखो तो…” करती मोम को देख रही थीं।
काफी देर बाद फिर ट्रैफिक चलने लगता है और मैं तेजी से माल की तरफ कार ले जाती हूँ। हम माल में उस शाप पे जाते हैं। हमको आधे घंटे में अकरम के यहां पहुँचना था, पर उस आधे घंटे को गुजरे दस मिनट हो चुके थे, वहाँ से खरीदी हुई ड्रेस कलेक्ट करके हम, ड्रेस चेंज करने जाते हैं।
मैं- “ये लो मोम, और जल्दी से पहन लो, हम बहुत लेट हो चुके हैं…”
मोम- “क्या? ओह्ह्ह… नो…” और फिर मोम पहली ड्रेस निकाल लेती है और पूरी नंगी होकर बैग से एक ड्रेस निकालकर पहन लेती हैं। मोम पीली बैकलेश मिडी पहन लेती है, जिसमें मोम की कर्वी बाडी बहुत सेक्सी दिख रही होती है, तभी मुझे अकरम की काल आ जाती है।
अकरम- “यार किधर हो, यहाँ पे सब तुम लोगों का इंतेजार कर रहे हैं…”
मैं- “हम बस रास्ते में ही हैं…”
अकरम- “ठीक है जल्दी कर…”
मोम घूमकर मुझे पूछती है- “ठीक तो है ना?” मोम की पीठ पूरी नंगी खुली होती है और उनकी गाण्ड पूरी तरह से विजिबल होती है।
मैं- “यू लुक लाइक आ पोर्न-स्टार…”
मोम- “गुड, चलो चलते हैं…”
फिर हम वापस कार की तरफ जाते हैं। रास्ते में बहुत से लड़के और लड़कियां हमें देख रहे होते हैं। पर अकरम के क्लब पहुँचने में भी हमको फिर से ट्रैफिक जाम की वजह से देर हो जाती है।
मोम- “एक घंटा लग गया…” मोम ने कार से उतरते हुए कहा।
मैं अकरम को काल करती हूँ- “हम आ गये हैं…”
अकरम बोलता है- “तुम वहीं रुको…” पीछे से किसी लड़की की चिल्लाने की आवाज आ रही होती है- “मैं भेजता हूँ किसी को…” और हाँफते हुए काल कट हो जाता है।
कुछ देर बाद अब्दुल बाहर आता है, और हम उसके पीछे चले जाते हैं, अंदर वो हमको बेसमेंट में लेकर जाता है। एक लंबे गलियारे में हम चल रहे होते हैं, और वहाँ पे और भी दरवाजे होते हैं। हम सीधे चलते रहते हैं। आखिरकार, गलियारे के आखीर में एक दरवाजे के पास से हम दायें मुड़ जाते हैं। अब्दुल और मोम आगे निकल जाते हैं।
पर मुझे उस दरवाजा से लोगों को बात करते, चिल्लाते और जोरों से किसी लड़की की चिल्लाने की आवाज आ रही होती है। वो एक लड़की की आवाज नहीं होती, लगता है और भी थीं, शायद दो।
“आऽ आऽ चोद चोद आआऽ माँ उम्म्म्मम…”
“साली ये ले हाहाहा…”
मुझे उस दरवाजे से आदमियों के हँसने, हाँफने और लड़कियों की चुदाई की आवाज आती है। मैं उस दरवाजे को खोलने ही वाली थी की अब्दुल ने मेरा हाथ पकड़कर पीछे खींच लिया।
अब्दुल- “आप क्या कर रहो हो?”
मैं- “हमें यही जाना है न?”
अब्दुल- “पागल हो गई हो क्या आप? अगर आप अंदर चली गई ना तो वो लोग आप पर भी टूट पड़ेंगे…”
मैं बोली- “पर वो तो पहले से ही किसी के साथ कर रहे हैं ना?”
अब्दुल ने पास आकर कहा- “वो तो रंडियां हैं, उनका तो रोज का है, अंदर जो लोग हैं ना… उन्होंने कभी भी आप जैसी को हाथ तक नहीं लगाया, छोड़ो, उम्म्म चलो, आपको तो आगे भाई के रूम में जाना है…”
. और फिर हम आगे चले जाते हैं। पीछे रूम में से आवाज सुनाई दे रही होती है।
“चाच्चा पहले खड़ा तो कर…” एक लड़की की आवाज ने मजाक उड़ाते हुए कहा। फिर लोगों के ठहाका लगाने की आवाज आती है।
फिर एक बूढ़े की आवाज आती है- “एक बार इसको खड़ा तो कर, फिर देख साली, कौन बाप है यहां पे…” और लोग भी हँसने लगते हैं।
लड़की- “मर वर जाओ तो मुझे मत कहना…”
हम फिर दरवाजे से दायें में आगे बढ़ते हुए एक बार लेफ्ट मुड़कर और एक ग्लियारे में जाते हैं। लेफ्ट की साइड पे खिड़कियां होती हैं और रूम के अंदर अलग-अलग बाक्स और कार्टून भरे होते हैं और एक खिड़की से एक रूम के अंदर कुछ पीसी और बड़ी स्क्रीन लगी होती है, जिसमें ऊपर क्लब और बाकी जगह की ब्लैक आंड ह्वाइट वीडियो चल रहे होते हैं। फिर दायें में एक आखिरी दरवाजे में अंदर जाते हैं। वो रूम इस जगह का सबसे साफ कमरा था। लेफ्ट में एक बड़ा सा बेड था और दायें में सोफा और फर्श पे कार्पेट, रूम के दूसरी तरफ एक मिनी बार भी था।
अब्दुल- “आप यहां इंतेजार करो…”
हम रूम में सोफे पे बैठ जाते हैं। कुछ देर बाद बैठे-बैठे हम बोर होने लगते हैं, तो पास में मिनी बार से कुछ ड्रिंक लेकर हम बैठ जाते हैं। 15-20 मिनट हो जाते हैं, तब रूम का दरवाजा खुलता है, 4 लोग हँसते हुए रूम में आते हैं, और रूम का दरवाजा बंद कर देते हैं।
अकरम अपने साथ 3 लोगों को भी अंदर लाता है। दो तो पूरे नंगे होते हैं। पर उनके लौड़े सिकुड़कर दो इंच के हो चुके होते हैं। उन दोनों के हाथ में बोतल भी होती है। तीसरे ने अकरम की तरह सिर्फ पैंट पहन रखी होती है, उसके दायें कंधे और बांह पे टैटू बना होता है। वो अकरम जितनी उंचाई का होता है और बाडी भी उतनी ही सेक्सी होती है।
अकरम- “हाँ… ओह्ह्ह… हूँ बड़ी देर लगा दी तुम लोगों ने?” अकरम हमें देखते हुए कहता है।
उसके पीछे वो तीनों मुँह फाड़े हमें देख रहे होते हैं, और- “वाउ… क्या माल है…” जैसी तारीफें करने लगते हैं।
मोम- “पर आप लोग तो पहले ही शुरू हो चुके हो…” मोम ने कहा।
अकरम- “अरे अभी कहां?” अकरम पास आकर मोम को किस करने लग जाता है।
दोनों नंगे लड़के मुझे पकड़ लेते हैं, हम कुछ देर किस और स्मूचिंग करने के बाद अलग हो जाते हैं, वो पहले से ही चुदाई करके आए हुए होते हैं, इसलिए सभी के लंबे लण्ड लटक रहे होते हैं, फिर वो चारों हमारे सामने बैठ जाते हैं, और मैं मोम के साथ बेड पे बैठ जाती हूँ।
अकरम- “ये है मेरा बड़ा भाई सलमान (जो अकरम के जैसे पैंट पहने हुए था), और ये मेरी खाला के लड़के अशरफ और इरफान (बाकी नंगे लड़के)”
फिर वो सलमान से कहता है- “और ये हैं मेरी खास आइटम, जिसको तुझे मैंने दिखाया था फोन पे…” वो मेरी बात कर रहा था और मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा की अकरम ने मेरी चुदाई की फुटेज औरों को भी दिखाई है। फिर कहा- “और ये है मेरी रखैल जो किसी को भी निचोड़ के रख दे…”
वो हमें देखते हुए हमारी तारीफें करते हैं और हम हँसते हुए अपने सेक्सी कर्व्स दिखाते हैं। फिर सलमान बोलता है- “चलो कुछ अपनी अदाएं तो दिखाओ, और इन सोए हुए सापों को जगाओ…”
अकरम- “ये अदा से दिखाएगी भी और करेगी भी, आज तुम लोग मेरी इन रंडियों के खूब मजे ले लो, जितना चाहे मार लो, मना नहीं करेंगी। तुम थक सकते हो पर ये नहीं…”
सभी हँसने लग जाते हैं।
मैं बेड पे बैठी हुई अपनी टाँगें फैला करके शार्टस के ऊपर से चूत पर हाथ फेरती हूँ, और फिर दूसरे हाथ से टाप को ऊपर करके ऊपर से चूचियां दबाती हुई मोम के पास झुकते हुए उनको किस करती हूँ।
मैं- “क्या मोम, आप यहीं शुरू हो गई?”
मोम अपने हाथों में कपड़े लेकर नंगी ही कार की तरफ जाती हैं- “सारी बेटा, रेहान के साथ पता नहीं कैसे मैं बहती चली गई…” और हम कार के पास पहुँच जाते हैं।
और रेहान का दोस्त आदिल मोम को मुँह फाड़े देख रहा होता है। मैं उसे कार से उतर जाने को कहती हूँ, और ड्राइविंग सीट पे बैठ जाती हूँ। मोम आदिल के पास जाती हैं, जो कार से बाहर निकलकर खड़ा था। मोम उसको शरारती स्माइल देते हुए उसकी पैंट के टेंट पर अपना हाथ फेरते हुए- “ओह्ह्ह… थैंक यू डियर…” कहते हुए कार में बैठ जाती हैं।
फिर मैं कार स्टार्ट करके वापस मैं हाइवे पे ले जाती हूँ।
मोम- “ओफफो… ये तो खराब हो गई…” मोम अपनी ड्रेस को चेक करते हुए कहती हैं।
मैं- “ऐसा करो, आप अभी ये ड्रेस पहन लो…”
मोम- “नहीं, मुझे अब ये नहीं पहननी…” और पीछे की सीट पे अपने कपड़े फेंक देती है। फिर कुछ ढूँढ़ते हुए कहती हैं- अरे वो ड्रेस कहां है?”
मैं- “उसी शाप में रख आए थे हम। पहले हमने माल जाना है फिर अकरम के यहाँ…”
मोम डैशबोर्ड पे पैर रखकर टीशू-पेपर से चूत साफ करती हैं। अच्छा हुआ की कार की स्पीड तेज होती है, जिससे बाकी लोग हमारी तरफ ज्यादा ध्यान से देख नहीं पाते, पर धीरे-धीरे आगे ट्रैफिक जाम होने लगता है। हमारी कार के आस-पास बाइक्स और कारें बढ़ने लगती हैं। मोम पीछे की सीट पे चली जाती हैं, और वो खराब हो चुकी ड्रेस पहनने लगती हैं।
दायें साइड पे एक बाइक पर दो बूढ़े मोम की तरफ लार टपकाते हुए देख रहे थे। पर मोम का ध्यान उनपर नहीं गया। लेफ्ट साइड पे एक बड़ी सुवो थी, जिसमें 3 औरतें बैठी थीं, उनकी उमर मोम इतनी थी पर देखने में किसी टीवी सीरियल की सास लग रही थीं, और खूब सारी ज्यूयलरी पहनी होती है, वो- “हे राम… हे भगवान्… देखो तो…” करती मोम को देख रही थीं।
काफी देर बाद फिर ट्रैफिक चलने लगता है और मैं तेजी से माल की तरफ कार ले जाती हूँ। हम माल में उस शाप पे जाते हैं। हमको आधे घंटे में अकरम के यहां पहुँचना था, पर उस आधे घंटे को गुजरे दस मिनट हो चुके थे, वहाँ से खरीदी हुई ड्रेस कलेक्ट करके हम, ड्रेस चेंज करने जाते हैं।
मैं- “ये लो मोम, और जल्दी से पहन लो, हम बहुत लेट हो चुके हैं…”
मोम- “क्या? ओह्ह्ह… नो…” और फिर मोम पहली ड्रेस निकाल लेती है और पूरी नंगी होकर बैग से एक ड्रेस निकालकर पहन लेती हैं। मोम पीली बैकलेश मिडी पहन लेती है, जिसमें मोम की कर्वी बाडी बहुत सेक्सी दिख रही होती है, तभी मुझे अकरम की काल आ जाती है।
अकरम- “यार किधर हो, यहाँ पे सब तुम लोगों का इंतेजार कर रहे हैं…”
मैं- “हम बस रास्ते में ही हैं…”
अकरम- “ठीक है जल्दी कर…”
मोम घूमकर मुझे पूछती है- “ठीक तो है ना?” मोम की पीठ पूरी नंगी खुली होती है और उनकी गाण्ड पूरी तरह से विजिबल होती है।
मैं- “यू लुक लाइक आ पोर्न-स्टार…”
मोम- “गुड, चलो चलते हैं…”
फिर हम वापस कार की तरफ जाते हैं। रास्ते में बहुत से लड़के और लड़कियां हमें देख रहे होते हैं। पर अकरम के क्लब पहुँचने में भी हमको फिर से ट्रैफिक जाम की वजह से देर हो जाती है।
मोम- “एक घंटा लग गया…” मोम ने कार से उतरते हुए कहा।
मैं अकरम को काल करती हूँ- “हम आ गये हैं…”
अकरम बोलता है- “तुम वहीं रुको…” पीछे से किसी लड़की की चिल्लाने की आवाज आ रही होती है- “मैं भेजता हूँ किसी को…” और हाँफते हुए काल कट हो जाता है।
कुछ देर बाद अब्दुल बाहर आता है, और हम उसके पीछे चले जाते हैं, अंदर वो हमको बेसमेंट में लेकर जाता है। एक लंबे गलियारे में हम चल रहे होते हैं, और वहाँ पे और भी दरवाजे होते हैं। हम सीधे चलते रहते हैं। आखिरकार, गलियारे के आखीर में एक दरवाजे के पास से हम दायें मुड़ जाते हैं। अब्दुल और मोम आगे निकल जाते हैं।
पर मुझे उस दरवाजा से लोगों को बात करते, चिल्लाते और जोरों से किसी लड़की की चिल्लाने की आवाज आ रही होती है। वो एक लड़की की आवाज नहीं होती, लगता है और भी थीं, शायद दो।
“आऽ आऽ चोद चोद आआऽ माँ उम्म्म्मम…”
“साली ये ले हाहाहा…”
मुझे उस दरवाजे से आदमियों के हँसने, हाँफने और लड़कियों की चुदाई की आवाज आती है। मैं उस दरवाजे को खोलने ही वाली थी की अब्दुल ने मेरा हाथ पकड़कर पीछे खींच लिया।
अब्दुल- “आप क्या कर रहो हो?”
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अब्दुल- “पागल हो गई हो क्या आप? अगर आप अंदर चली गई ना तो वो लोग आप पर भी टूट पड़ेंगे…”
मैं बोली- “पर वो तो पहले से ही किसी के साथ कर रहे हैं ना?”
अब्दुल ने पास आकर कहा- “वो तो रंडियां हैं, उनका तो रोज का है, अंदर जो लोग हैं ना… उन्होंने कभी भी आप जैसी को हाथ तक नहीं लगाया, छोड़ो, उम्म्म चलो, आपको तो आगे भाई के रूम में जाना है…”
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“चाच्चा पहले खड़ा तो कर…” एक लड़की की आवाज ने मजाक उड़ाते हुए कहा। फिर लोगों के ठहाका लगाने की आवाज आती है।
फिर एक बूढ़े की आवाज आती है- “एक बार इसको खड़ा तो कर, फिर देख साली, कौन बाप है यहां पे…” और लोग भी हँसने लगते हैं।
लड़की- “मर वर जाओ तो मुझे मत कहना…”
हम फिर दरवाजे से दायें में आगे बढ़ते हुए एक बार लेफ्ट मुड़कर और एक ग्लियारे में जाते हैं। लेफ्ट की साइड पे खिड़कियां होती हैं और रूम के अंदर अलग-अलग बाक्स और कार्टून भरे होते हैं और एक खिड़की से एक रूम के अंदर कुछ पीसी और बड़ी स्क्रीन लगी होती है, जिसमें ऊपर क्लब और बाकी जगह की ब्लैक आंड ह्वाइट वीडियो चल रहे होते हैं। फिर दायें में एक आखिरी दरवाजे में अंदर जाते हैं। वो रूम इस जगह का सबसे साफ कमरा था। लेफ्ट में एक बड़ा सा बेड था और दायें में सोफा और फर्श पे कार्पेट, रूम के दूसरी तरफ एक मिनी बार भी था।
अब्दुल- “आप यहां इंतेजार करो…”
हम रूम में सोफे पे बैठ जाते हैं। कुछ देर बाद बैठे-बैठे हम बोर होने लगते हैं, तो पास में मिनी बार से कुछ ड्रिंक लेकर हम बैठ जाते हैं। 15-20 मिनट हो जाते हैं, तब रूम का दरवाजा खुलता है, 4 लोग हँसते हुए रूम में आते हैं, और रूम का दरवाजा बंद कर देते हैं।
अकरम अपने साथ 3 लोगों को भी अंदर लाता है। दो तो पूरे नंगे होते हैं। पर उनके लौड़े सिकुड़कर दो इंच के हो चुके होते हैं। उन दोनों के हाथ में बोतल भी होती है। तीसरे ने अकरम की तरह सिर्फ पैंट पहन रखी होती है, उसके दायें कंधे और बांह पे टैटू बना होता है। वो अकरम जितनी उंचाई का होता है और बाडी भी उतनी ही सेक्सी होती है।
अकरम- “हाँ… ओह्ह्ह… हूँ बड़ी देर लगा दी तुम लोगों ने?” अकरम हमें देखते हुए कहता है।
उसके पीछे वो तीनों मुँह फाड़े हमें देख रहे होते हैं, और- “वाउ… क्या माल है…” जैसी तारीफें करने लगते हैं।
मोम- “पर आप लोग तो पहले ही शुरू हो चुके हो…” मोम ने कहा।
अकरम- “अरे अभी कहां?” अकरम पास आकर मोम को किस करने लग जाता है।
दोनों नंगे लड़के मुझे पकड़ लेते हैं, हम कुछ देर किस और स्मूचिंग करने के बाद अलग हो जाते हैं, वो पहले से ही चुदाई करके आए हुए होते हैं, इसलिए सभी के लंबे लण्ड लटक रहे होते हैं, फिर वो चारों हमारे सामने बैठ जाते हैं, और मैं मोम के साथ बेड पे बैठ जाती हूँ।
अकरम- “ये है मेरा बड़ा भाई सलमान (जो अकरम के जैसे पैंट पहने हुए था), और ये मेरी खाला के लड़के अशरफ और इरफान (बाकी नंगे लड़के)”
फिर वो सलमान से कहता है- “और ये हैं मेरी खास आइटम, जिसको तुझे मैंने दिखाया था फोन पे…” वो मेरी बात कर रहा था और मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा की अकरम ने मेरी चुदाई की फुटेज औरों को भी दिखाई है। फिर कहा- “और ये है मेरी रखैल जो किसी को भी निचोड़ के रख दे…”
वो हमें देखते हुए हमारी तारीफें करते हैं और हम हँसते हुए अपने सेक्सी कर्व्स दिखाते हैं। फिर सलमान बोलता है- “चलो कुछ अपनी अदाएं तो दिखाओ, और इन सोए हुए सापों को जगाओ…”
अकरम- “ये अदा से दिखाएगी भी और करेगी भी, आज तुम लोग मेरी इन रंडियों के खूब मजे ले लो, जितना चाहे मार लो, मना नहीं करेंगी। तुम थक सकते हो पर ये नहीं…”
सभी हँसने लग जाते हैं।
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