मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

Post Reply
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

तभी चूत से खूब सारा पानी बाहर आया और सोफे पर छलक गया, मोम जोरों से चिल्लाकर शांत हो गई, फिर मैं मोम के ऊपर लेट गई और मोम के मुँह में अपनी हथेली डाल दी, मेरी कलाई पकड़कर मोम ने एक-एक उंगली को चाट कर साफ कर दिया। फिर मोम ने धीरे-धीरे और बड़े प्यार से मेरे होठों को अपने होठों से मिला दिया। तेज साँसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थी, हम दोनों कई लंबे पलों तक एक दूसरे से जुड़े रहे, फिर किस को आगे बढ़ाते हुए मुँह को और खोल लिया और अब हमारी जीभें आपस में मिल गईं।
अंदर ही अंदर अब हम सेयर कर रहे थे, आँखें बंद किए, चूचियों से चूचियां बदन से बदन लिपटे हुए, हम किसी अलग ही दुनियां में खो गये थे। मेरे मुँह से सलाइवा मोम के मुँह में जा रही थी पर मोम को कोई प्राब्लम नहीं थी। मैं मोम के लेफ्ट तरफ घूमी, बिना किस तोड़े, अब भी जुड़े होकर मोम मेरे ऊपर आ गईं। मोम के हाथ मेरे चेहरे को पकड़े थे और मैं हल्के-हल्के और धीरे-धीरे उनकी पीठ पर अपने हाथ चला रही थी।

मैंने मोम की जीभ को उनके मुँह के पीछे की तरफ किया और फिर उनके मुँह में अपनी जीभ डालकर कुछ देर रुकी रही। मोम का सलाइवा मेरे मुँह में आता जा रहा था, किसी नशीली शराब की तरह, किसी अमृत की तरह, किसी मीठे पानी की तरह एक-एक घूँट से पिए जा रही थी मैं। काफी सालों बाद हम अलग हुए, उह्ह… जोर से सांस लेते हुए हमारी किस ब्रेक हुई, सलाइवा तार की तरह मोम के मुँह से लटक रहा था।

मैं- “थूको ह्म्म…मेरे मुँह में थूको…”

पहले मोम ने मेरे होठों पर अपनी जीभ फेरी, जैसे वो जीभ एक लिपस्टिक हो, फिर मोम पीछे हुई और वापस आगे आकर धीरे से मेरे मुँह में थूक दिया। मेरे खुले मुँह में वो जीभ पर गिरता गया, मैंने मुँह बंद कर लिया।

मोम- “डोन्ट, गिव इट टु मी…”

फिर मैं उठकर बैठ गई, फिर मोम के चेहरे पर झुक कर मैंने उनके खुले मुँह में वापस दे दिया। मोम ने स्माइल के साथ इशारा किया, और फिर मैंने अपना मुँह खोल दिया। मोम ने मेरे मुँह में थोड़ा सा गिराया और थोड़ा मेरी ठोड़ी पर, फिर जीभ निकाल के ठोड़ी पर गिरे थूक को लिया और मेरे मुँह में डाल दिया।

मोम ने धीरे से कहा- “अब?”

और मैंने उसे गले उतार दिया- “एम्म्म… इटस फकिंग आसम…”

फिर हम सोफे पर बैठ गये, नंगे, टाँगें मोड़कर और फैलाकर, मोम और मेरी चूत अब धीरे-धीरे सूख रही थी। मोम ने मेरी चूत में बीच की उंगली अंदर डालकर वापस निकली- “एम्म टेस्टी…” मोम ने मुँह से उंगली निकाल कर कहा- “ये लो…” उन्होंने फिर से चूत में उंगली से रस निकाला और मेरे मुँह में डाल दी।

मैंने मोम की कलाई पकड़कर उंगली को मस्त तरीके से चूसा, फिर उस उंगली को अपनी चूत में डाल दिया, मोम ने दो उंगली डाल दी, मेरी क्लिट पर मोम ने अंगूठे को दबा दिया, फिर दो उंगली के बीच पकड़कर चाटने लगी।

मैं- “आह्ह… राखी ह्म्म इस्स्स्स…”

मोम ने मेरी तरफ देखा पर वो अब भी मेरी चूत में उंगली कर रही थी।

मैं- “उस लड़के के साथ रण्डी बनकर आह्ह… क्या-क्या किया?”

मोम- “इस्स्स… आऽ रियली यू वांट टु नो? ह्म्म…”

मैंने अपना सिर हाँ में हिला दिया।

मोम ने मेरी चूत से उंगलियां निकाल के मुँह में डाल दी- “ह्म्म… कितना बताया था तुझे?”

मैं- “अपने उससे पैसे ले लिए थे, और उसको अपने पीछे आने को बोला था…”

मोम- “ओके… तो सुनो…”

मोम आराम से बैठते हुए कुछ देर याद करके बताने लगी- “मैं उसको अपने पीछे आने को बोली, अपने रूम तक ले गई। पर सारे रास्ते वो मेरे पीछे-पीछे आ रहा था और मैं उसके कदम सुनकर धीरे-धीरे घबराने लगी, फिर तो जैसे मेरा दिल लाउड स्पीकर बन गया, कभी इतना तेज धड़क रहा था की मेरी हालत सभी को बता दे। मेरे मन में बार-बार खयाल आ रहा था की इस मामले को यहीं पर रोक देना चाहिए, ये गलत है, मोना मेरे मन में तुम लोगों की बातें चलने लगी, फिर तेरे डैड का खयाल आ रहा था…”

मैं- “ओह्ह… मोम…”

मोम- “मोना मुझे गलत मत समझना, पर मैं खुद को रोकने के लिए तैयार कर रही थी। मैंने सोचा की उसको रूम में लेजाकर उसके पैसे बेड पर रखकर बाथरूम का बोलकर निकल जाने का प्लान दिमाग में आने लगा, मैंने उसको रूम में बैठाया और बाथरूम गई।

पर जाते टाइम मुझे अलग लग तो रहा था, एक उत्तेजना थी, कहीं एक ओर ये सोच रही थी की ये गलत है, पर मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था। ये देर वाली धड़कन नहीं थी। नीचे चेक किया तो वहां असलियत तो कुछ और ही थी, मेरे मुँह से- “ओह्ह… माई गोड…” निकलने लगा ओह्ह गोड… ओह्ह गोड… मैंने खुद को नंगा कर लिया और देखा तो मेरी चूत पूरी तरह गीली थी, और जब मैंने बट-प्लग निकाला तो इस्स्स… मैंने उसको गाण्ड से निकाल दिया और पर्स में रख लिया।

पर इससे मेरा मन बदलने लग गया, आई डोन्ट नो वाट हैपेंड? एक पल मैं यहाँ से बाहर जाना चाहती थी पर मेरा खुद पर काबू नहीं रहा। मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया, मैं नंगी रूम की तरफ देखते हुए खड़ी रही, वो मुझे देख रहा था और मैं उसे, मेरा हाथ नीचे चला गया।

तभी मुझे कुछ होश आया और मैं घूमकर मिरर की तरफ हो गई। मैंने उसको मिरर से अपनी तरफ देखते हुए देखा। ये मैंने क्या कर दिया? तुम समझ गई होगी की क्या चल रहा था मेरे मन में, और मेरी बाडी में? पर ये कन्फ्यूज़न कुछ देर ही चला जब तब मैंने अपने आपको मिरर में नहीं देखा।

मैं खुद को अलग ही तरह से देख रही थी और सोच रही थी क्या सच में मैं इतनी हाट हूँ की कोई भी मुझ पर फिदा हो सकता है? जवानी की बात अलग थी, पर मेरी इस उमर में कोई मुझे ऐसे देख सकता है? मैं दो जवान बच्चों की माँ, मैं मिरर में देख तो खुद को रही थी पर अब मैंने जाना की मैं क्या हूँ?

मैंने अपने कपड़ों के साथ उम्र के पर्दे को उतार दिया था। तब मैंने सोच लिया और फिर सारी बातों को साइड में करके खुद को तैयार किया… वो भी एक अंजान मर्द के सामने। मेरे बदन में नई चमक आ गई थी, फीलिंग लाइक क्वीन, आग की तरह, मुझमें एक नई चाल आ गई। सच मोना उस फीलिंग को मैं कभी भुला नहीं सकती।

मैं रूम में गई और उसके सामने खड़ी हो गई, उसने मेरी कमर को पकड़ना चाहा। पर मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ मारकर झटक दिया। वो मुझे देखकर स्माइल से फिर कुछ करने वाला था, पर मैंने उसको फिर रोक दिया, मैंने उसको बेड से उठा दिया और खुद अदा से बात करके उसको ड्रिंक बनाने को कहा। हमने ड्रिंक किया फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया। मुझे बेड पर लिटाकर उसने धीरे-धीरे मुझे किस करते हुए मुझे हर जगह चूमा।

मोनिका- मैं अपने टिट्स मरोड़ती हुए मजे से सुन रही थी, मोम मेरी चूत के ऊपर हाथ फेर रही थी।

मोम- “वो मेरी चूचियों को दबाते हुए किस कर रहा था और मैंने उसकी शर्ट को उतार दिया और फिर झट से उसने अपनी पैंट भी उतार दी। मैंने उसके लण्ड पर हाथ फेरा और फिर उसको अंडरवेर से बाहर निकालकर मसलने लगी…”

मैं- “फिर बताओ ना स्स्स्म्म…” मोम मेरी क्लिट को गोल-गोल घूमने लगी।

मोम- “मैंने उसको सबसे पहले ब्लो-जोब दिया और फिर उसने मुझे लिटाकर मेरी चूत पर अपना 8” इंच का लण्ड रख दिया…”

मैं- “आह्ह… इस्स्स… चोदो मुझे…” मोम ने दो उंगली डाल दी।

मोम- उसका हथियार मोटा बहुत था, जब उसने डाला तो मैं मर ही गई, उसने मुझे शुरू में धीरे-धीरे चोदा, फिर वो मेरी एक टांग को ऊपर करके मेरे ऊपर चढ़ गया। उसका हर धक्का मुझे जोर से लग रहा था। इसलिए मैं उसके ऊपर आ गई और उसके खड़े लण्ड पर बैठ गई। उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और नीचे से धक्के लगाने लग गया, और फिर जो शुरू हुआ की रुकने का नाम ही नहीं। मैं तो एक मिनट में ही झड़ गई, पर उसने तो ना रुकने की कसम खा ली थी।

मेरी गाण्ड पर उसके बाल्स ढोल बजा रहे थे और मेरी चूचियां उछले जा रही थीं। ओफफ्फ़… क्या फीलिंग थी, उस समय अम्म… उसने मुझे स्पून पोजीशन में चोदा और फिर डागी स्टाइल में। उसने मुझे अपना लण्ड चूसने को कहा। मैंने उसको मसल-मसल चूसा, वो मेरे मुँह में मुश्किल से आ रहा था। मैं सिर्फ उसके टाप को ही ले पा रही थी।

उसने मुझे डीप-थ्रोट का याद दिलाया। पर मैंने उसको कहा की ये तो बहुत ही बड़ा है। पर उसने कहा की कैसे भी मुझे लेना ही पड़ेगा, उसने फिर मुझे बेड पर लेटने को कहा। आह्ह…मेरा सिर कोने पर उल्टा लटक रहा था। फिर उसने मेरे मुँह को सिर को पकड़ा और मेरे मुँह को चोदने लगा, मेरी तो हालत ही खराब हो गई, कुछ देर करने के बाद वो रुक जाता, ताकी में सांस ले सकूं।

वो फिर से शुरू हो गया, ऐसे 3 मिनट बाद में मेरा आह्ह… आह्ह… मुँह दर्द कर रहा था पर तभी मेरा ध्यान गया की मैं अब उसके मोटे शैतान जैसे लण्ड को आसानी से मुँह में ले रही थी, उसी पल वो मेरे चेहरे पर झड़ गया, और फिर मैंने राहत की सांस ली।

मैं मोम को देख रही थी की मोम कैसे मजे से ये सब सुना रही थी और जब खुद अभी अपनी बेटी से अपनी चूत चुसवा रही थी। फिर मैंने अपने जीभ की स्पीड बढ़ा दी तो।

मोम की सिसकारियां बढ़ने लगीं- “आह्ह… जोर से और जोर से… आऽ आऽ सक इट आह्ह… आह्ह…”

मैं भी मोम के साथ इस्स्स… आऽऽ करते हुए उनका आदेश मान रही थी। मोम झड़ने वाली थी तो मैं मोम की चूत पर बैठ गई, फिर मैंने कमर हिलाकर दोनों माँ बेटी की चूतों को आपस में रगड़ना शुरू कर दिया।
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by rajsharma »

बहुत मस्त कहानी है दोस्त अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा ?
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

rajsharma wrote: 16 Sep 2017 15:21 बहुत मस्त कहानी है दोस्त अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा ?
thanks Raj bhai
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

मैं मोम को देख रही थी की मोम कैसे मजे से ये सब सुना रही थी और जब खुद अभी अपनी बेटी से अपनी चूत चुसवा रही थी। फिर मैंने अपने जीभ की स्पीड बढ़ा दी तो।

मोम की सिसकारियां बढ़ने लगीं- “आह्ह… जोर से और जोर से… आऽ आऽ सक इट आह्ह… आह्ह…”

मैं भी मोम के साथ इस्स्स… आऽऽ करते हुए उनका आदेश मान रही थी। मोम झड़ने वाली थी तो मैं मोम की चूत पर बैठ गई, फिर मैंने कमर हिलाकर दोनों माँ बेटी की चूतों को आपस में रगड़ना शुरू कर दिया।
मैं- “लाइक दैट… हाँ लाइक दैट… यू वांट मी टु फक यू बिच, यू हार्नी फकिंग बिच हाँ आऽ इस्स्स… फक ओह्ह… फक…”

मोम- “हाँ हाँ फक मी लिटिल स्लट, आ हार्डर हार्डर आ गिव मेी मोर आह्ह… फक यू कंट…”

मैं- “चल राखी तैयार हो जा अब…”

मोम- “मेरी जान मैं तैयार ही हूँ, चोद मुझे…” मोम थोड़ी उठ जाती है और मैं कमर के बल झुक जाती हूँ, जिससे हम दोनों आक्टिव रह सकते थे- “आ… मेरी चूत तड़प रही है…”

मैं- “तेरी चूत को अब आराम नहीं मिलने वाला…”

मोम- “आराम चाहिए ही किसे? रब माई कंट वित यौर्स…”

मैं- “हाँ हाँ आह्ह…”

मोम- “आऽ आऽ आऽ मोना तेरी चूत कमाल की है आअह्ह… सच्च तेरे लण्ड होता तो तू सबसे मस्त चोदती आऽ…”

मैं- “और तू राखी और भी चुदक्कड़ रांड़ बन जाती आऽ…”

मोम- “आह्ह… हाँऽऽ…”

मैं- “आह्ह… रब माइ क्लिट, रब इट रब्ब आह्ह… आह्ह… अह्ह… ओह्ह… यू फकिंग होर ह्म्म…”

अब जैसे-जैसे हम हाई हो रहे थे वैसे-वैसे हम और जंगली होते जा रहे थे, हम एक दूसरे की चूत को चूत से जोर-जोर से चोद रहे थे और साथ ही चिल्ला-चिल्लाकर मजे लूट रहे थे।

मोम- “चोद मुझे और जोर से आआऽऽ मोना ओई माँ…” फिर मोम झड़ गई। फिर भी मैंने रगड़ना बंद नहीं किया जब तक खुद झड़ नहीं गई, हम निढाल हो गये थे।

मैं हाँफ्ते हुए बोली- “हाँ… हाँ राखी…”

मोम- “ह्म्म?”

मैं- “उस लड़के ने गाण्ड में नहीं किया?”

मोम- “किया ना…”

मैं- “ओफ्फो पूरी तरह बता ना…”

मोम ने हँसते हुए कहा- “हाँ… आह्ह… क्या बताऊँ मोना… वो लड़का तो मेरी गाण्ड का दीवाना बन गया था…”

मैं- “लगता है सिर्फ ये ही नहीं हुआ था उस रात को? हाँ?”

मोम- हाँ… बहुत कुछ हुआ था, जैसे पहले मैंने बताया, हम एक राउंड कर चुके थे, फिर हमने कुछ देर बातें करके आराम किया। मैं उसकी बातें सुन रही थी पर मेरा ध्यान सिर्फ इस बात पर था की जब भी वो कुछ कहता जैसे “बताओ ना राखी… सच में राखी… तो राखी… क्या राखी… क्यूँ राखी… हाँ राखी… वाउ राखी… राखी… राखी…” ये नाम तो जैसे मुझे अलग ही फीलिंग दे रहा था, उसके हर बार मुझे राखी कहने से अब अच्छा लग रहा था।

हम कुछ देर चुप रहे फिर मोम ने आगे कहा- “जब हम वापस सेक्स के लिए तैयार हुए तो हम दोनों में अलग ही एनर्जी आ गई थी, इस बार उसने मुझे अनल करने को कहा, और मैं झट से तैयार हो गई। फिर उसने बहुत ही तेज और एनर्जी से भरे शाट लगाए, उसने मुझे इतना जम के चोदा की मेरी गाण्ड मारने से ही चूत झड़ गई। ऐसा मेरे साथ सिर्फ तेरे डैड ही कर सकते हैं। आधे घंटे तक वो मेरी गाण्ड ही मारे जा रहा था, वो भी अलग-अलग पोजीशन में। वो जो बोलता मैं वो करती जाती, आई वाज हिज फक टाय। मेरी तो हालत खराब हो जानी चाहिए थी, पर पता नहीं क्या हुआ था मुझे, मैं खुद भी उसको पूरा सपोर्ट कर रही थी।

फिर हमने दूसरा राउंड भी खत्म कर दिया। मेरी गाण्ड और मेरी चूचियां लाल हो चुकी थीं। फिर भी उसके मेरी गाण्ड में झड़ जाने के बाद भी मुझे ऐसा महसूस हो रहा था ही जैसे मेरा खेल अब भी बाकी था, वो थक के सो गया था, पर मैं उसके लण्ड से खेलती रही। किसी तरह उसको फिर से तैयार किया। हरीश अब तक चुका था पर मुझे देखकर उससे भी रहा नहीं गया और फिर हमने आखिरी बार सेक्स किया। तब रात के 3:00 बज गये थे और हमारा तीसरा राउंड शुरू हो गया था। नींद का नाम तक नहीं था, पता नहीं मैंने कितनी पोजीशन में सेक्स किया, कितनी बार झड़ी पर बहुत ही मजा आया।

मोम की आँखें चमक रही थी मेरे मुँह से बस “वाउ” ही निकल पाया।

मोम- “अगले दिन उसके जाने के बाद मैंने होटल से चेक आउट किया और वापस घर चली आई। पर उस रात का असर मुझ पर कई दिनों तक रहा, कभी में गिल्टी महसूस करती तो कभी हार्नी। अच्छा था की तेरे डैड बाहर गये हुए थे, नहीं तो मैं उनके सामने खड़ी भी नहीं हो पाती। 1-2 हफ्ते बाद सब नार्मल तो हो गया, जो मैंने किया, मैं शालिनी अंदर से सेक्सी थी, हार्नी थी पर नार्मल लाइफ स्मार्ट बुजनेस विमन की। और जब सेक्स की बात आती तो कभी-कभी शरारती चीजें कर लेती। अपनी सेक्स लाइफ में खुश थी पर मुझे पता नहीं था की मैं ऐसा भी कर लूँगी। उस बाथरूम में मेरे कपड़ों के साथ शालिनी नाम भी उतार दिया था। वहाँ बाथरूम से निकलकर उस बेड पर राखी गई थी। तब से मैंने अपने उस स्पेशल टाइम में खुद को राखी बना दिया, इससे मैं और भी हार्नी महसूस करती, शालिनी नाम मुझे पर्दा लग रहा था। मैं असलियत में कुछ और ही थी…”

मैं- “और आज भी…”

मोम ने इतनी देर बाद पहली बार शर्माते हुए कहा- “अब तो ये मेरा नाम है, मोना, मुझे ये अच्छा लगता है…”

मैंने मोम को किस कर दिया- “लोवे यू राखी…”

फिर मोम को हग करने के बाद जब अलग हुए तो मोम ने कुछ सीरियस मूड से पूछा- “मोना, तू मुझको इस तरह… आई मीन तुझको मुझ पर शर्म आती होगी ना?”

मैं- “नहीं…”

मोम ने मुझे देखा तो मैंने कहा- “ये आपकी लाइफ है मोम, आप जैसे चाहो जी सकती हो सिंपल, और रही बात ऐसे रहने की, तो आप नार्मल मोम से बेहतर हो, लुक अट योरसेल्फ़। किसी की मोम मेरी मोम से बेटर नहीं हो सकती…”

मोम ने मुझे किस कर दिया।

फिर मैंने कहा- “और हाँ अब आप मेरी मोम ही नहीं मेरी लवर भी हो, फिर ऐसी बात मत करना ओके राखी…”

हम हँस पड़े। मोमने कहा- “चल मैं तो तेरी उम्र में ऐसी नहीं थी…”

मैं- “अच्छा तो आपकी वर्जिनिटी मेरे डैड ने ली थी?”

मोम- “मेरा पहला प्यार तो तेरे डैड ही हैं, और हमेशा रहेंगे…”

मैं हँसते हुए- “ओह्ह… पहला प्यार…”

मोम- “ओह्ह… शटप…” फिर भी मोम हँसते हुए बोली- “और तू तो 10वीं में ही बड़ी हो गई थी, क्यों?”

और मैं थोड़ी शर्म के साथ हँसने लगी।

फिर मोम ने पूछा- “अब बताओ, कैसे तुमने पहली बार सेक्स किया था?”

मैं- “नहीं…”

मोम- “बता ना…”

मैं- “ना…”

मोम- “प्लीज़्ज़… प्लीज…”

मैं- “ओफ्फो… ओके सुनो फिर…”

मैंने अड्जस्ट होकर मोम के सामने बैठते हुए कहा- “मेरे बायफ्रेंड और मैंने तय किया की हम क्रिसमस की पार्टी में करेंगे, और फिर पार्टी मेरी दोस्त के घर पे होनी थी, हम एक रूम में चले गये, और फिर उसके बाद कर डाला…”

मोम- “क्या कर डाला?” हँसते हुए कहा।

मैं- “ओफफ्फ… ओके। हमने एक दूसरे को नंगा किया और फिर मैं पीठ के बल लेट गई, उसने कंडोम पहना और फिर मेरी कुँवारी चूत पे रख दिया, मैं इसके लिए तैयार थी, ब्लड के बारे में भी मुझे पता था, फिर धीरे-धीरे उसने थोड़ा अंदर डाला और फिर जोर का झटका लगाकर उसने डाल दिया…”

मोम- “तुम चीखी नहीं?”

मैं- “चीखी… पर मेरा मुँह उसने बंद कर रखा था, फिर कुछ देर बाद वो वापस शुरू हुआ, पर कुछ ही देर में ढेर हो गया…”

मोम- “ओह्ह… बेचारा…” मोम और मैं हँस पड़े।

मैं- “हाँ… हमारा दोनों का पहली बार था…”

मोम- “ह्म्म बात समझ में आती है, फिर क्या किया?”

मैं- “हम उसके बाद चुपचाप से, दोनों लेटे रहे फिर 15-20 मिनट बाद वो फिर से ट्रीट देने के लिए तैयार हो गया, और इस बार तो उसने कमाल कर दिया। वो मेरे ऊपर चढ़ के मुझे चोद रहा था। मैं तो सातवें आसमान में थी, फिर कुछ देर बाद मैं झड़ गई। फिर स्पून पोजीशन ट्राई किया पर अनकंफर्टेबल होने के कारण उसने मुझे डागी स्टाइल में ठोंकना शुरू किया। शुरू में लगा था की मैंने किसे बायफ्रेंड बना लिया है? पर अब मैं तो इस बात को ही भूल गई थी। फिर वो झड़ने वाला था तो मैंने उसको अंदर झड़ने के लिए मना कर दिया, मुझे कंडोम पर भरोसा नहीं था और तभी मैं झड़ गई और जब वो झड़ने वाला था तो उसने कहा की वो मेरे मुँह में झड़ना चाहता है। मैंने इसके लिए भी मना कर दिया और उसको मेरी गाण्ड पर झड़ने को कहा…”

मोम- “पहली बार मुँह में लण्ड लेने और वीर्य पीने में तुझे गंदा लग रहा होगा, है ना?” किसी उत्तेजित दोस्त की तरह मोम फुदाक रही थी।

मैं कुछ नहीं बोली

मोम टोन बदलते हुए कहा- “तो फिर तुमने तो बहुत ही गलत किया, बेचारे ने इतनी मेहनत की, दो बार तुम्हें झड़ाया, पर एक बार तो मुँह में ले लेती, तुम उससे लोव तो करती थी ना?”

मैं- “हाँ…” मैंने सच कहा। पर मेरा चेहरा कुछ और ही बोल रहा था जिसको मोम ने पढ़ लिया।

मेरे चेहरे के एक्सप्रेशन को देखकर मोम थोड़े सर्प्राइज के साथ बोली- “अच्छा। तुमने पहले भी किसी लड़के को ब्लो-जोब दिया था। हाँ?” मोम की बातों में हैरानी थी किसी बेस्ट दोस्त की तरह- “पर… क्या वो तुम्हारा पहला बायफ्रेंड नहीं था?”

मैं- “वो मेरा पहला बायफ्रेंड था, पर नहीं ले सकती थी। मेरी दोस्त बातें करती थीं की लड़कों के कहने पर सीधे-सीधे नहीं पीना चाहिए, वो शक करते हैं की लड़की पहले भी ले चुकी है…”

मोम मेरी मोम की तरह नहीं लग रही थी, वो किसी बेस्ट दोस्त की तरह मेरे सेक्स अनुभव को बड़ी दिलचस्पी से और मजे लेते हुए सुन रही थी। फिर मोम ने हैरान होकर कहा- “तो फिर ब्लो-जोब किसे दिया? बताओ ना…”

मैं- “नहीं…” पर अब मैं ये बात नहीं बताना चाहती थी की वो कौन था। मोम ने अपने सीक्रेट मुझे बताए थे, और मैं भी उनको सब कुछ बता देना चाहती थी, पर कैसे बताती? मुझे मोम के रिएक्सन का डर था।

मोम- “बताओ ना कौन था और तूने कब किया?”
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »


अब तक मोम ने मेरी किसी बात का बुरा नहीं माना था, उन्होंने मुझ पे ट्रस्ट किया और कोई भी बात नहीं छिपाई, वो बेस्ट मोम थी, बेस्ट दोस्त थी, और अब तो वो मेरी बेस्ट लवर बन गई थी, और सबसे बड़ी बात मैं उनकी सीक्रेट कीपर थी। अब मुझे भी मोम से अपने सीक्रेट नहीं छिपाने चाहिए, पर क्या करती? मोम को ना बताना भी अच्छा नहीं लग रहा था।

वो सीक्रेट कोई मजेदार नहीं था बस गलती से मैंने किसी का चूसकर वीर्य पी लिया था। ये सीक्रेट मैं किसी को भी बता नहीं सकती थी, पर जो सीक्रेट अभी मोम ने मुझे बताया वो भी मोम किसी को नहीं बता सकती थी। इसलिए मैंने मोम को बताने का फैसला कर लिया, और कहा- “वो आदी था…”

मोम- “आदी अच्छा… वोही आदी?” फिर मुँह पे हाथ रखकर साँस खींचते हुए- “आदी… तुम्हारा भाई?”

मैं थोड़े डर के साथ बोली- “एस मोम…”

मोम का चेहरा सपाट था, आँखें जैसे मुझे काफी देर तक देख रही हों, वो चकित थीं, पर ऐसा कोई एक्सप्रेशन नहीं दिख रहा था की शाक कितना था? किस टाइप का था? पता नहीं वो अब मेरी मोम थी या मेरी उत्तेजित दोस्त, फिर मोम धीरे से बोली- “ये… ये कब किया?”

मैं- “7थ स्टैंडर्ड में…”

मोम ने धीरे से लंबी सांस ली फिर कहा- “इतनी कम उमर में? तुमने छोटी सी उम्र में ऐसा किया? क्या तब तुम ये सब जानती थी?”

मैं- “नहीं…”

मोम चुप रही फिर- “उत्सुकता?”

मैं- “एस…”

मोम- “क्या हुआ था?” आवाज सीरियस थी।

ओह्ह… मैंने क्यों बताया मोम को, मोम ना जाने पूरी बात जानकर क्या करने वाली थी? अब मुझे बताना ही पड़ेगा, मैंने डरते-डरते बोलना शुरू किया।

“मैं 7वीं में थी और एक दिन स्कूल में मैंने गर्ल्स बाथरूम में मेरी दोस्त को भाई के साथ देख लिया। उस टाइम मुझे पता नहीं था की वो क्या कर रहे हैं? मेरी दोस्त मुझे डरते हुए देख रही थी। मैंने भाई को वहां से जाने को कहा और फिर उसको सवाल पूछने लगी। उसको पता चला की मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं है, तो उसने कहा की वो मुझे तभी बताएगी अगर मैं किसी और को ना बोलूँ। फिर उसने एक शर्त रखी की मैं जानने के बाद भाई से कुछ नहीं कहूँगी।

फिर उसने मुझे बताया की उसने भाई से हेल्प माँगकर उसको यहाँ ले आई थी, फिर भाई को हेल्थ प्राब्लम का बोलकर उसका लण्ड चूसा करती थी। उसको तो कोई भोला भाला लड़का चाहिए था, और हेल्प के बहाने भाई से मजा ले रही थी। भाई को उसने कह रखा था की उसको डाक्टर ने अकेले किसी लड़के के साथ ऐसा करने को बोला है। स्कूल के बाकी स्टूडेंट ये नहीं समझेंगे इसलिए अपने दोस्त और किसी को ना बताए। वो मेरी दोस्त थी इसलिए भाई ने मना नहीं किया।

मुझे जानना था की ऐसा क्या था? जो वो ऐसा कर रही थी। वो बोलती थी की उसको मजा आता है और ये मजा मैं भी ले सकती हूँ। उसने मुझे सेक्स के बारे में और ब्लो-जोब के बारे में सब कुछ बताया, मुझे वो सब अजीब लगा और गंदा भी। पर मुझे जानना था की क्यों वो भाई के पानी को टेस्टी बोलती थी और ऐसा क्या मजा आता था उसको? फिर कुछ दिन बाद मैंने घर पर भाई को कहा की जो प्राब्लम मेरी दोस्त को है, वो मुझे हो गई है। तो फिर उसने कहा की इसके लिए तो स्कूल जाना पड़ेगा। सच में भाई उस टाइम बहुत ही भोला था, इसलिए मैंने उसको कल गर्ल्स बाथरूम में मिलने को बोला। अगले दिन बाथरूम में हम मिले और फिर भाई ने अपनी पैंट उतरी और फिर मैंने उसके छोटे से लण्ड को पकड़ लिया।

तब भाई बोला की पहले उसको धोना पड़ेगा, उसने मुझे सोप पकड़ा दिया, फिर वाश करते हुए उसका छोटा सा लण्ड कुछ बड़ा हो गया था। फिर उसने कहा की अब मैं उसे कर सकती हूँ। जैसा मेरी दोस्त ने बताया था उस तरीके से मैंने किया, थोड़ी देर बाद भाई का वीर्य निकल आया, और मैंने उसको गटक लिया, मुझे वो बहुत ही गंदा, अजीब और खारा लगा।

तब मुझे सारी बात बुरी लगी और मुझे तब एहसास हुआ की मेरी दोस्त ने मुझे इन बातों को इस तरीके से बताया की मैं भी उसकी तरह बन जाऊँ और उसको आगे से भाई के साथ ऐसा करने दूं।

भाई ने पैंट पहनी और बाथरूम से जाने लगा। तब मैंने भाई को बोला की मेरी प्राब्लम साल्व हो गई है, फिर उसको कहा की किसी की भी ऐसी प्राब्लम हो तो वो कभी भी ऐसी हेल्प करने से उसको मना कर दे, और कहा की वो मेरी दोस्त से कभी बात नहीं करेगा। फिर उस दिन से मैंने उस दोस्त से दोस्ती भी तोड़ दी…”

मोम ने पूरी बात सुनकर कुछ देर बाद कहा- “सच में ऐसा ही हुआ था?”

मैं- “गोड प्रामिस…”

मोम हाल में कुछ देर तक देखती रही, पर मेरी तरफ उन्होंने नहीं देखा। मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था की मुझे ये बात मोम को नहीं बतानी चाहिए थी।

फिर कुछ देर बाद मेरी तरफ देखकर मुझसे नर्म आवाज में कहा- “तुमने अच्छा किया भाई को उस लड़की से अलग किया, और उसको ऐसा करने से मना कर दिया…”

मैंने डरते हुए कहा- “मोम आई एम सारी…”

मोम- “मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ, तुमने ऐसा उत्सुकता के कारण किया, और फिर तुमने अपने छोटे भाई को छोटी उम्र में ऐसा करने से रोका भी, आई एम प्राउड आफ यू, स्वीटी…”

मैं मोम के गले लग गई, मोम मुझे डाँट सकती थी, मुझ पर चिल्ला सकती थी, पर मोम ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर मैंने मोम को पूछा- “सच में आपको बुरा नहीं लगा मोम?”

मोम कुछ देर रुक कर बोली- “मैं तेरी माँ हूँ, मैं कभी तुझसे नाराज नहीं हो सकती। मैं शाक रह गई थी की ये तूने अपने भाई के साथ किया…” मोम ने कुछ देर सोचा फिर कहा- “मुझे पता नहीं था की तू कच्ची उमर में सयानी हो जाएगी…”

फिर मोम ने मेरी आँखों में देखा, तो मुझे फिर वही दिखी, मेरी जान, मेरी मोम नहीं, मेरी गर्लफ्रेंड।

मोम की आँखों ने मुझे देखते हुए कहा- “मैं तुझे अच्छे से जानती हूँ, तू बिल्कुल मेरे जैसी है। मोना, मैं तुझसे बिल्कुल भी नाराज नहीं हूँ…”

मैं- “ओह्ह मोम…” मेरी बेचैनी बढ़ गई थी की मोम अब से कभी भी मुझसे बात नहीं करेंगी। पर मोम का रिएक्सन जानकर बहुत सुकून मिला। मैंने मोम को गले लगा लिया और गालों पे किस कर दिया- “आई लोव यू मोम…”

मोम- “आई लोव यू टू…” मोम ने कहा।

हम यूँ ही गले लगे रहे, मैंने मोम को छोड़ा नहीं क्योंकी इससे टेन्शन का माहौल एकदम से खत्म हो गया था, और फिर कुछ मिनट बाद हम अलग हुए। मैं उठकर किचेन में गई और पानी ले आई। हम पानी पीकर चुपचाप बैठे रहे। फिर मैं अपना सिर मोम की गोदी में रखकर मोम को देख रही थी। मोम मेरे बगलों में हाथ फेर रही थी, पर वो किसी बात में खोई हुई थी, शायद कुछ।

मैं मोम को देख रही थी पर मेरे मन में कुछ बात चल रही थी, क्या मोम को आगे की बात बतानी चाहिए या नहीं? हो सकता है मोम भाई से कभी पूछ ले और भाई मोम को बता दे की मेरे बायफ्रेंड के ब्रेकप होने के बाद, उसने मुझे मास्टरबेट करते हुए देख लिया था, और मैंने लस्ट में उसको अपनी चूत को चूसने को कहा, मैं उस दिन अपने आपे में नहीं थी।

उस दिन के बाद कभी भी मैंने भाई के साथ कुछ नहीं किया, क्योंकी मुझे इस बात की गिल्ट थी, और उस दिन। उस दिन हम दोनों ने पहली बार सेक्स किया था। अच्छा हुआ मोम ने सिर्फ भाई को नंगा देखा और मैंने बहाना बना दिया था की मैं उसको उठाने गई थी। मैं ये सब सोचकर मोम के चेहरे को देख रही थी, मैं मोम को किसी भी बात से नाराज नहीं करना चाहती थी, इसलिए मैंने नहीं बताने का तय किया।

तभी मैंने मोम की बाडी को महसूस किया। ऐसा लगा की ओह्ह… नो मोम के चेहरा पर लस्ट दिख रहा था, मोम क्या सोच रही थी? मैंने मोम के चेहरे को पकड़ा और नीचे किया, मोम ने मुझे किस किया, फिर मैं बैठ गई, और मोम देखने लगी

“क्या?” मोम ने कहा।

मैंने फिर से मोम को किस किया, मोम मेरे किस का जवाब दे रही थी, मुझे कुछ-कुछ पता चल रहा था, इसलिए मैं और जंगली किस करने लगी तो मोम ने भी पूरे जोश में मुझे सपोर्ट किया। ओह्ह… गोद, मोम तो फुल मूड में थी। फिर मेरा हाथ किस करते हुए मोम के नीचे चला गया। मेरे हाथ लगते ही मोम उछल पड़ी और मेरे हाथ को पकड़ लिया। मैंने क्लिट को रगड़ना शुरू किया ही था की मोम झड़ गईं। मैंने मोम को देखा, वो शर्मिंदा लग रही थीं। मुझे पता चल गया की मोम को इन्सेस्ट रिलेशन्षिप से कुछ तो हुआ था। और फिर मैं मोम को फिर से किस करने लगी। मोम मुझे सपोर्ट नहीं कर पा रही थी, पर मैंने किस करना बंद नहीं किया। इसके बजाय मैं मोम की क्लिट रगड़ने लगी, अब मोम धीरे-धीरे फिर से गर्म होने लगी थी।

मैं- “बोलो मोम?”

मोम बस तड़प रही थी और इस्स्स… आह्ह… की आवाज निकाल रही थी।

मैं- “जस्ट से इट…”

मोम ने सिर नीचे करके कहा- “उस दिन, मैंने तुझे आदी के रूम से बाहर आते हुए देखा था, और अंदर आदी नंगा सोया हुआ था, पर… आज मुझे पता चला…”

मेरा दिल अब जोर-जोर से धड़क रहा था। फिर मोम ने मुझे देखा और कहना चाहा पर कह नहीं पाई। मैंने मोम की आँखों में देखा और फिर मैंने सोचा की इस बात को ना कहना ही ठीक है। मैंने मोम के हाथ पर अपना हाथ रख दिया, ना मैं कुछ बोली और ना मोम। कुछ देर बाद मैंने मोम की जांघों पर अपना हाथ फेरा, मोम ने मुझे देखा मैंने मोम को।

मोम- “पता नहीं क्या कहूँ?”

मैं- “तो फिर कुछ कहो ही मत…”

मोम अपने बेटे और बेटी के बीच इन्सेस्ट रिलेशन को जानने पर गुस्सा होने के बजाय उसको महसूस कर रही थी। इससे वो इतनी गर्म हो गई थी की बिना कुछ किए झड़ गई। इस बात से मोम मुझे कुछ कह भी नहीं पा रही थी, और ना ही मुझे अब डाँट सकती थी।
Post Reply