चुदाई का सिलसिला – एक सेक्स सीरियल

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Viraj raj
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Re: चुदाई का सिलसिला – एक सेक्स सीरियल

Post by Viraj raj »

congress for new story bro.....👍👍👍💐💐💐💐
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

🗡🗡🗡🗡🗡
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Viraj raj
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Re: चुदाई का सिलसिला – एक सेक्स सीरियल

Post by Viraj raj »

congress for new story bro.....👍👍👍💐💐💐💐
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

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Kamini
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Re: चुदाई का सिलसिला – एक सेक्स सीरियल

Post by Kamini »

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abpunjabi
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Re: चुदाई का सिलसिला – एक सेक्स सीरियल

Post by abpunjabi »

तो यह बात है एक गाँव की , जिसका नाम है रामगढ़ , रामगढ़ गाँव में एक परिवार रहता था, जो जन्मों से वहां का मुखिया परिवार था, गाँव का ठाकुर उसी परिवार से होता था, लेकिन वहां के दयालजी जो ठाकुर थे लेकिन उसकी पत्नी पारो का दयालजी पर पूरा कण्ट्रोल था, इसीलिए नाम के लिए तो दयालजी ठाकुर थे लेकिन रामगढ़ गाँव की मुखिया तो पारो जी ही थी, उसे गाँव वाले सेठानी जी कह कर बुलाते थे, पूरी ताक़त पारो के हाथ में ही थी, अब उनका बेटा राम वहां पर एक फैक्ट्री शुरू करना चाहता था |

पारो को मनाने के बाद वहां पारो ने फैसला किया कि वहां पर एक फैक्ट्री बनेगी | पारो का पूरा परिवार जिनमे तीन अलग अलग परिवार थे, वो एक ही साथ एक ही आलिशान हवेली में रहते थे | पारो की और दो छोटी बहने थी, सरोज और रत्ना, तीनो बहनों में एकता थी, इसीलिए बहुत ही स्ट्रोंग परिवार था उनका | रत्ना गाँव की दुलारी थी, बहुत ही नरम दिल की और बहुत खुबसूरत, उनकी इस उम्र में भी पूरा गाँव उसकी खूबसूरती के पीछे पागल था | हर कोई एक बार तो उसके साथ मज़े लेने का सोचता था | यहाँ तक कि गाँव की औरतें भी उसकी खूबसूरती की दीवानी थी | रत्ना की एक बेटी थी ऋतू, वो भी अपनी माँ की खूबसूरती को देख कर बहुत खुश थी कि उसकी माँ एक बहुत ब्यूटीफुल लेडी है | ऋतू भी बिलकुल रत्ना जैसी खुबसूरत थी लेकिन रत्ना जैसे सब कुछ उसका भरा भरा हुआ नहीं था |

ऋतू और रचना दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे और सब कुछ एक दुसरे के बारे में जानकारी रखते थे | रचना ऋतू जितनी खुबसूरत नहीं थी लेकिन जहाँ पर ऋतू नर्म दिल की थी रचना जैसे ऋतू की एक दम अपोजिट | थोड़ी सी सख्त थी | रचना की माँ शर्मीली ने पारो के बेटे से शादी की थी | लेकिन वो उसकी दूसरी शादी थी और रचना उसकी पहली शादी की बेटी थी | लेकिन पारो और परिवार वालों ने कभी भी रचना को पराया नहीं समझा, बल्कि अपना ही समझा था |

शर्मीली (रचना की माँ) बिलकुल सीधी साधी औरत थी लेकिन घर की औरतों जैसी दिखने में अच्छी थी | शर्मीली का पति और घर का सबसे बड़ा बेटा राम एक ठरकी चुदक्कड किसम का आदमी था, क्योंकि शर्मीली सीधी साधी थी उसे सेक्स बहुत पसंद नहीं था और करती भी तो सिर्फ एक ही मुद्रा में, तो उसका पति राम बाहर बहुत औरतों की चुदाई कर चूका था | उसको रचना बहुत ही पसंद थी और कई बार उसको रिझाने का सोचता था लेकिन कभी कुछ करने की हिमम्त नहीं हुई थी |

रत्ना और पारो की तीसरी बहन सरोज तीनों से कम खुबसूरत थी लेकिन तीनो में से थोड़ी अच्छी खासी मोटी मस्त औरत थी | सरोज का बेटा था राहुल जिसकी शादी नंदिनी से हुई थी और वो घर की बीच वाली बहु थी | देखा जाए तो उसकी फिगर तो रत्ना से भी मस्त थी लेकिन फिर भी रत्ना जैसी चमक नहीं थी | उसे रत्ना से जलन होती थी क्योंकि वो भी खुबसूरत थी लेकिन उम्र में बड़ी होकर भी सबको रत्ना ही सबसे ज्यादा खुबसूरत लगती थी |

अभी तक कभी भी इन सब घर के सदस्यों में एक दुसरे के बारे में कभी भी चुदाई के नजरिये से नहीं देखा था पर वो सब कुछ बदलने वाला था |
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