हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........complete

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abpunjabi
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........

Post by abpunjabi »

राहुल धीरे से धड़कते दिल के साथ हिम्मत करके नज़र उठाता है | उसकी नज़र सलोनी के घुटनो से होते हुए ऊपर उसकी जाँघो, उसके नितम्बों, उसकी पीठ जिस पर उसके रेशमी बाल बिखरे हुए थे और अंत में उसके सर के पिछले हिस्से पर जाकर ठहर जाती है | वो नंगी थी! वो सर से पाँव तक पूरी नंगी थी | राहुल का लंड और भी सख्त हो जाता है जब उसकी नज़र अपनी मम्मी के गोल मटोल नितम्बों पर जाती है | एकदम गोल, उभरे हुए नितंब थे | बिल्कुल किसी जवान लड़की की तरह कसी करारी गांड थी उसकी मम्मी की | राहुल अब गहरी साँसे ले रहा था |

सलोनी जो अपने बेटे की तरफ पीठ किए खड़ी थी अचानक किसी कारणवश नीचे झुकने लगती है | धीरे धीरे वो झुकती जाती है, झुकती जाती है | वो इतना झुक चुकी थी कि उसे अब सहारे के लिए अपने हाथ अपने घुटनो पर रखने पड़े थे | उसकी गांड उसकी पीठ से उँची हवा में उभरी हुई थी और बिल्कुल राहुल की नज़र के सामने थी | राहुल का हाथ खुद बा खुद अपने लंड पर चला जाता है | उसकी गहरी भारी साँसे शोर मचा रही थीं |

मगर सलोनी ने यहीं बस नही की | वो धीरे धीरे अपनी टाँगे खोलती है | अब राहुल के सामने नज़ारा बेहद ख़तरनाक था | उसने अपनी ज़िंदगी में इतनी सेक्सी, इतनी कामोत्तेजित तस्वीर को कभी नही देखा था | इंटरनेट पर लाखों तस्वीरों और हज़ारों सेक्स फिल्म्स में भी उस दृशय को उसने नही देखा था जो उसके सामने था | सलोनी के गोल चूतडों के बीच से झँकता उसकी गांड का छेद और उसकी गुलाबी चूत बिल्कुल स्पशट नज़र आ रहे थे | टाँगे चौड़ी होने के कारण चूत के होंठ हल्के से खुल गये थे और उनके अंदर से गहरा गुलाबीपन झाँक रहा था | इतना ही नही टांगों के बीच में से वो अपनी माँ के भारी मुम्मो को लटकते हुए भी देख पा रहा था जबकि उसके लंबे सयाह बाल फर्श पर विखरे हुए थे |

राहुल की नज़र कभी अपनी मम्मी की गांड के छेद तो कभी उसकी गुलाबी चूत तो कभी उसके मुम्मो पर घूम रही थी | वो अपना लौड़ा मसल रहा था जो पत्थर के समान सख्त हो चूका था | तभी सलोनी वापस सीधी होने लगती है | राहुल का दिल जैसे चीख पड़ता है कि वो उसे एहसास करने से रोके मगर राहुल की दशा ऐसी हो चुकी थी कि ना वो ठीक से कुछ सोच पा रहा था और ना ही कुछ कर पा रहा था | सलोनी सीधी खड़ी होकर धीरे धीरे वापस उसकी और घूम जाती है |

राहुल के हाथ अभी भी अपने लौड़े को मसल रहे थे | उसका जिस्म उत्तेजना से कांप रहा था | चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था | सलोनी सर हिलाकर अपने बालों को झटकती है और उन्हे अपनी पीठ पर अपनी उंगलियों से संवारती है | उसकी बाहें ऊपर उठाने से उसके भारी तने हुए मुम्मे और भी उपर उठकर तन जाते हैं | राहुल कभी अपनी मम्मी के मुम्मो को तो कभी उसकी टांगों के बीच गुलाबी चूत को देख रहा था | उसका लंड बुरी तरह से झटके मार रहा था | सलोनी बाल संवारकर अपनी कमर पर हाथ रखकर कुछ पल राहुल की आँखो में देखती है | उसके चेहरे से उसे अंदाज़ा हो जाता है कि उसकी हरकतों ने उसे किस हद तक उत्तेजित कर दिया था | उसे यह देखकर खुद पर गौरव होता है कि वो अपना जलवा दिखाकर किसी ज्वान लड़के की ऐसी गत बना सकती थी |

“तो तुमसे सब्र नही होता…..हुं…….क्या…..कहते हो?” राहुल कोई ज्वाब नही देता | उसका हाथ अब भी उसके लौड़े को धीरे धीरे मसल रहा था और इसकी खबर शायद खुद उसे भी नही थी |

“कल रात तूने दो बार मारी ना मेरी………….दो बार चोदा तुमने मुझे………….रात कितने बजे तक मेरे उपर चड़े रहे थे…..और अब इसे फिर से खड़ा करके ले आए……………कि चलो मम्मी की चूत में घुसा दूँगा………………कोई नाश्ता नही कुछ नही बस सुबह सुबह लौड़ा खड़ा किया और चढ़ गए अपनी मम्मी के उपर………हुं….” राहुल अब भी कुछ नही बोलता |

“अरे मैं तुमसे बात कर रही हूँ, किसी और से नही…………..उउउफफफ्फ़……….हे भगवान कैसा लड़का है…….बस अपने लंड को खड़ा करना जानता है …………….चलो पहले खाना खाना है…..बाकी सब उसके बाद……….” राहुल अभी भी चुप था |

“ओह तो जनाब को नाश्ते में भी मम्मी की चूत चाहिए……………बिना मेरी लिए मनोगे नही………..” सलोनी अपनी कमर पर हाथ रखे उसे बोल रही थी | “उउउफफफ्फ़ कैसा कम्बख़त लड़का है…….जाने मुझसे क्या क्या करवाएगा….” कहते हुए सलोनी बेटे के पास जाती है | उसकी कुर्सी के पास पहुँचकर वो अपना एक हाथ राहुल के कंधे पर रख देती है | राहुल की नज़र के बिल्कुल सामने अपनी माँ की चूत थी और वो उसकी महक कुछ दूर से भी आराम से भी सूंघ सकता था | सलोनी एक टांग राहुल की कमर के पास रखती है और फिर उसके कंधे का सहारा लेकर अपनी दूसरी टांग कुर्सी के उपर से घूमाकर कुर्सी की दूसरी तरफ टेबल और कुर्सी के बीच रख देती है | अब वो कुर्सी पर बैठे राहुल के दोनो तरफ टाँगे करके खड़ी थी, राहुल की नज़र अब भी अपनी मम्मी की चूत पर ज़मी हुई थी जो उसके लौड़े के एन बिल्कुल उपर थी | चूत को अपने इतने नज़दीक पाकर लौड़ा कुछ और फुल गया लगता था |

“चल तू भी क्या याद करेगा…………….आज तुझे ऐसा ब्रेकफास्ट मिलेगा जो मैने आज तक तेरे पिता को भी नही दिया” सलोनी राहुल के दोनो कंधे थाम नीचे को होने लगती है | धीरे धीरे नीचे आती उसकी चूत लगभग राहुल के लंड के पास पहुँच चुकी थी | राहुल अपने लौड़े से अपना हाथ हटा लेता है | उसका दिल दुगनी रफ़्तार से दौड़ रहा था | सलोनी और थोड़ा सा नीचे होती है |

“आआहह………….मम्ममी……..” राहुल सिसक पड़ता है |

“उउउन्नगगह….बेटा……..उउउफफफफफफ्फ़………” सलोनी अपना होंठ काटते सिसकती है | चूत पर लंड का स्पर्श होते ही माँ-बेटा कांप उठे थे | सलोनी थोडा नीचे को होती है | अब उससे खुद सब्र नही हो रहा था | राहुल को गरम करने के चक्कर में वो खुद बहुत ज़यादा गरम हो चुकी थी | सलोनी नीचे को लंड पर अपनी भीगी चूत का दवाब डालती है | लंड थोड़ा सा पीछे को था और चूत थोड़ी आगे को थी इसलिए लंड चूत पर रगड़ खा रहा था मगर अंदर नही जा रहा था | सलोनी अपना एक हाथ नीचे लाती है और लंड को हाथ से पकड़ लेती है | राहुल की नज़र अपने लौड़े पर थी जिस पर वो अपनी माँ का हाथ कसा हुआ देख रहा था | सलोनी अपने निचले होंठ को दांतों से दबाए फिर से नीचे होती है | राहुल लंड का सुपाड़ा अपनी मम्मी की चूत के होंठो के बीच घुसता हुआ देख रहा था | इस बार जब लंड फिसलने लगा तो सलोनी ने अपने हाथ की पकड़ से उसे वहीं रोके रखा और नीचे को होते हुए उस पर दवाब डालती गई |

“आआहह………आआअहह……………” लंड का सुपाड़ा चूत में घुसते ही सलोनी एक लंबी सिसकी भरती है |

“मम्मी…….म्म्मम्म्मी……………..” राहुल भी भीगी गरम चूत में अपने लंड को महसूस कर कराह उठता है |

सलोनी लगातार होंठ भिंचे धीरे धीरे नीचे होती जा रही थी और लंड उसकी चूत में घुसता चला जा रहा था | राहुल अधमुंदी आँखो से अपने लौड़े को अपनी मम्मी की चूत में घुसते देख रहा था | आख़िरकार पूरा लंड सलोनी की चूत में घुस जाता है | सलोनी अब अपने बेटे की गोद में बैठ चुकी थी और उसका वजन उसकी जाँघो पर था | वो बेटे के कंधे थामे कुछ देर आँखे बंद किए लौड़े को अपनी चूत में उस जबरदस्त आनंद को महसूस करती है और फिर अपनी आँखे खोल देती है | राहुल दुनिया भर की उत्तेजना अपने चेहरे पर लिए उसे ही देख रहा था | सलोनी अपना चेहरा बेटे के चेहरे पर झुकाती है और दोनो के होंठ आपस में मिल जाते हैं | सलोनी बेटे के मुँह में जीभ घुसा उसे खूब ज़ोर से चूमती चाटती है | एक लंबे चुंबन के बाद जब दोनो के होंठ जुदा होते हैं तो दोनो की साँसे फूली हुई होती हैं |

“बस अब खुश है ना……..यही चाहता था ना तू……. जल्द से जल्द तेरा लौड़ा तेरी मम्मी की चूत में घुस जाए…………………उउउफफफफफफ्फ़……एक तो इतना लंबा मोटा है ……….. हाअयययययई मेरी चूत तो तू किसी काम की नही छोड़ेगा……………” सलोनी उखड़ी सांसो के बीच बोलती है | राहुल कुछ ज्वाब नही देता | ज्वाब देने की बजाए वो अपना चेहरा नीचे झुकाता है और सलोनी के एक निप्पल को मुँह में भर लेता है |

“उउउन्न्नन……आआहह…………धीरे धीरे चूस……………………आराम से…..उफफफफफ्फ़” सलोनी सिसक पड़ती है | कुछ देर राहुल एक निप्पल को चूस्ता रहता है और फिर जब होंठ हटाकर दूसरे मुम्मे की और मुँह ले जाता है तो सलोनी उसका चेहरा अपने हाथों में थाम उसे रोक लेती है | वो टेबल पर पड़ी प्लेट पास खींचती है और उसमें से एक सॅंडविच निकालकर राहुल के होंठो के करीब करती है मगर राहुल का उस समय सॅंडविच खाने का कोई मूड नही था वो इनकार में सर हिलाता है |

“मुझे माँलूम है तुझे अब मम्मी चोदनी है लेकिन जब तक खाएगा नही मैं तुझे नही दूँगी ... अगर मेरी लेनी है तो खाना खाना पड़ेगा.” राहुल की खीझ उसके चेहरे से सॉफ जाहिर हो रही थी कि उसे अपनी मम्मी की यह शर्त बिल्कुल भी पसंद नही थी | मगर वो जानता था उसे उसकी बात माननी ही पड़ेगी, इसके सिवा उसके पास कोई चारा नही था | वो अपना मुँह आगे करता है तो सलोनी उसके खुले मुँह में सॅंडविच डालती है |

“यह हुई ना बात... अगर मेरा कहना मानेगा तो सब कुछ मिलेगा, आगे से भी दूँगी और पीछे से भी... कहना नही मानेगा तो फिर कुछ नही मिलेगा….समझ गया ना” सलोनी अपनी कमर को गोलाई में हल्के हल्के हिलाते बोलती है | पीछे से देने वाली बात सुनकर राहुल का लंड और भी भड़क उठा था | वो अपनी मम्मी की गांड का तभी दीवाना हो गया था जब उसने बाथरूम में कपड़े देने के समय उसकी गांड के पहली बार दर्शन किए थे | राहुल जल्दी जल्दी खाने लगता है | वो फटाफट खाना खत्म कर अपनी मम्मी की चूत का आनंद लेना चाहता था | उसकी जल्दबाज़ी देख सलोनी के होंठो पर मुस्कराहट फैल गयी थी |

“अरे धीरे धीरे……क्या कर रहा है……उउउफफफ्फ़……..यह लड़का भी ना……तेरा लंड मेरी चूत में तो घुसा हुआ है…………अभी दो मिनिट का सब्र भी नही कर सकता” सलोनी उसे छेड़ती है | मगर राहुल जितना फास्ट हो सकता था ख़ाता रहा और सलोनी उसके लंड को चूत में लिए अपनी कमर घूमाती रही. जैसे ही आख़िरी बाईट ख़तम होती है राहुल अपनी मम्मी के एक मुम्मे को मुँह में भर लेता है और दूसरे को मसलने लगता है | अब तक सलोनी के लिए भी बर्दाशत करना मुश्किल हो चूका था | वो बेटे के कंधे थामे उपर को उठती है, लंड चूत से बाहर निकलने लगता है, अंत में केवल सुपाड़ा अंदर रह जाता है | सलोनी होंठ भींचती है और धम्म से लंड पर अपना वजन डाल देती है |
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Kamini
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........

Post by Kamini »

xyz wrote: 27 Oct 2017 19:56 Congratulations mitr

aapki kahani ne 1,00000 views cross kar liye hain

ye aapki lagataar dusari kahani hai jisne ye manzil par ki hai
meri taraf se bhi
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