ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete

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jay
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by jay »

हम दोनो के हाथ कांप रहे थे….पर वासना का नशा अब तक मेरे दिमाग़ पर हावी हो चुका था….मैने उसकी चुचि को धीरे-2 दबाना शुरू कर दिया…वो एक दम से सिसक उठी…”सीईईईई आह धीरे….” अगले ही पल मे उस चारपाई पर चढ़ गया…और उसके ऊपर झुकते हुए उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया….कुछ ही पलों में उसने अपने होंठो को खोल दिया….और मेरा साथ देने लगी….मे पागलो की तरह उसके होंठो को चूस्ते हुए, उसके बदन के हर अंग को अपने हाथों से मसल रहा था…

कभी ब्लाउस के ऊपर से उसकी चुचियों को मसलने लगता तो कभी उसके पेट को दबाते हुए सहलाने लगता…वो भी एक दम गरम हो चुकी थी….उसने अपने दोनो हाथों से अपने सर के नीचे रखे हुए तकिये को कस्के पकड़ा हुआ था…मैने अपने दोनो हाथों से उसके ब्लाउस के हुक्स को जैसे ही खोलने की कॉसिश की, उसने मेरे हाथों को पकड़ लिया…..”क्या हुआ वीना…..” मैने उसकी बंद आँखो की तरफ देखते हुए कहा…..

वीना: (काँपती हुई आवाज़ मे) तुषार इससे मत खोलिए…..

मे: क्यों तुम अभी करना नही चाहती हो….?

वीना: वो अनु का पता नही कब आ जाए…..

मे: तो फिर…

वीना ने अपनी मदहोशी से भरी आँखो को थोड़ा सा खोल कर मेरे तरफ देखा और फिर अपने पैरो के तरफ देखते हुए, अपने पेटिकॉट को पकड़ कर ऊपर उठाना शुरू कर दिया….उसके हल्के साँवले रंग के गुदाज झांगे देख मेरा लंड शॉर्ट्स को फाड़ कर बाहर आने को हो गया….उसने अपनी पेटिकॉट को जाँघो तक उठा कर अपने हाथों को हटा लिया…और फिर से आँखे बंद कर ली…..

अगले ही पल मे खड़ा हुआ, और अपने शॉर्ट्स और अंडरवेर को उतार फेंका…अब मेरे बदन पर सिर्फ़ एक फुल स्लीव गरम टी-शर्ट थी….मेरा साढ़े 7 इंच का लंड ऐसे फूँकार रहा था….जैसे कोई साँप फुन्कारा रहा हो….मैने चारपाई पर लेटते हुए उसका हाथ पकड़ कर जैसे ही अपने लंड पर रखा तो उसका बदन बुरी तरह से कांप गया….पर उसने अपना हाथ खींचने की कॉसिश नही की….और धीरे-2 मैने उसके हाथ को मुट्ठी मे बदलते हुए अपने लंड पर कस लिया….

और फिर वीना के होंठो को फिर से अपने होंठो मे भर कर चूसने लगा…वीना का हाथ अब धीरे-2 मेरे लंड के लंबाई चौड़ाई माप रहा था….मैने वीना के होंठो को चूस्ते हुए धीरे-2 उसके पेटिकॉट को और ऊपर करना शुरू कर दिया…और कुछ ही पलों मे वीना का पेटिकॉट उसकी कमर तक ऊपर चढ़ चुका था….अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था….मे एक दम से वीना के ऊपर आ गया…और जैसे ही मे वीना के ऊपर आया….वीना ने नीचे से अपनी टाँगो को फैला दिया….जिससे मेरी टाँगे उसकी टाँगो के बीच मे आ गयी….

अगले ही पल जैसे ही मेरे लंड का सुपाडा वीना की चूत की फांको पर रगड़ खाया….वीना एक दम सिसकते हुए मचल उठी…”शीईईईई” उसने अपने दोनो हाथों से मेरे कंधो को थाम लिया…..उसकी आँखे अभी भी बंद थी…मेने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए अपने लंड को पकड़ा और उसकी चूत की फांको के बीच अपने लंड के सुपाडे को जैसे ही दबाया….वीना का बदन एक दम से तन गया…उसने अपने होंठो को अपने दाँतों मे भींच लिया…

लंड का सुपाडा उसकी चूत की फांको को फैलाता हुआ उसकी चूत के छेद पर जा लगा….”सीईईईईई तुसरररर…..” उसने सिसकते हुए, मेरे कंधो पर अपने हाथों की पकड़ कर और कस लिया…उसका पूरा शरीर एक बार फिर बुरी तरह कांप गया…और जैसे ही मैने अपने लंड के सुपाडे को उसके चूत के छेद पर दबाया…तो उसकी टाँगे अपने आप ऊपर को उठ गयी….और लंड का सुपाडा उसकी गीली हो चुकी चूत मे अंदर घुसता चला गया…उसकी चूत बेहद गरम थी…..अब उसकी साँसे और तेज हो चुकी थी….

में अपने दोनो हाथों को नीचे लेजाते हुए उसकी टाँगो के नीचे से डाल कर उसकी टाँगो को और ऊपर उठा दिया…जिससे उसकी चूत का छेद और ऊपर की ओर खुल कर आ गया….मैने अपनी पूरी ताक़त इकट्ठा करते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा….तो लंड का सुपाडा उसकी चूत के दीवारो से रगड़ ख़ाता हुआ और अंदर घुसने लगा…”ओह्ह्ह अहह सीईईईईईईईईईई” उसने सिसकते हुए मेरे कंधो से हाथ हटा कर मेरी पीठ पर अपनी बाहों को कस लिया…..उसके नाख़ून मेरी पीठ पर शर्ट के ऊपर से ही चुभने लगे थे…..

मैने फिर से उसके होंठो को अपने होंठो मे भर कर एक और ज़ोर दार शॉट मारा इस बार मेरा लंड पूरा का पूरा वीना की चूत मे समा गया….उसका पूरा बदन कमान की तरह ऐंठ गया…..शायद उसकी चूत मे आज बरसो बाद किसी का लंड गया था… इसीलिए वो इतनी ज़यादा मदहोश हो चुकी थी……उसने अचानक से मेरी पीठ से अपने हाथों को हटा लिया और मेरे सर के बालो को पकड़ कर सर को ऊपर की तरफ खींचा और फिर तेज-2 साँसे लेते हुए मेरी आँखो मे देखते हुए अगले ही पल मेरे होंठो को अपने होंठो से लगा दिया…..

मैने भी कोई देर ना की उसके गुलाबी रसीले होंठो को होंठो मे भर करने की. अगले ही पल उसने अपने होंठो को ढीला छोड़ कर मेरे सुपुर्द कर दिया…. मे अब बड़े आराम से उसके होंठो को बार-2 चूस रहा था…पहले नीचे वाले होंठ को एक सिरे से दूसरे सिरे तक अपने होंठो मे दबा कर चूस्ता तो फिर ऊपर वाले होंठ को….मुझे उसकी चूत के दीवारे अपने लंड के इर्द गिर्द कस्ति और फैलती हुई महसूस हो रही थी.

जो इस बात का संकेत थी कि, अब उसकी चूत मेरे लंड की रगड़ खाने के लिए फुदक रही है…..मेने धीरे-2 अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….जैसे ही मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारो से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होना शुरू हुआ…..वीना एक दम से सिसक उठी…उसने मेरे होंठो से अपने होंठो को अलग किया….और मेरे बालो को पकड़ कर मेरे होंठो को अपनी गर्दन पर सटा दिया..

मे वीना की गर्दन पर अपने होंठो को रगड़ते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था…..मे सीधा होकर घुटनो के बल बैठ गया…..और उसकी चूत मे अंदर बाहर हो रहे अपने लंड को देखने लगा….उसने अपनी आँखे खोल कर जैसे ही मुझे अपनी चूत की तरफ देखते देखा तो उसने शरमाते हुए अपने पेटिकॉट को नीचे सरका कर अपनी चूत को ढँकना शुरू कर दिया….

.”क्या हुआ देखने दो ना….” मैने एक जोरदार धक्का लगाते हुए कहा….

.”अहह सीईईईईईईईई” उसने सिसकते हुए मेरी ओर देखा और फिर दूसरी तरफ फेस घुमा कर ना मे सर हिलाते हुए काँपती हुई आवाज़ मे बोली…..”ऐसे मत देखिए मुझे अह्ह्ह शरम आती है……”

मैने झुक कर उसके होंठो को एक बार चूमा और फिर से सीधा होते हुए बोला…. “ मुझसे अब क्या शरमाना…..अब तो सब कुछ कर चुकी हो मेरे साथ…..” मैने उसके हाथ से पेटिकॉट निकाल कर ऊपर की तरफ सरका दिया….और उसकी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर और ऊपर उठा दिया….उसने शरमाते हुए अपनी आँखे बंद कर ली….उसकी चूत का दाना फूल कर एक दम मोटा हो चुका था…..मैने अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए उसके चूत के दाने को अपने अंगूठे से ज़ोर से मसल दिया….

जैसे ही मेने उसकी चूत के दाने को मसला…उसकी कमर ने जबरदस्त झटका खाया…”अह्ह्ह्ह श्िीीईईईईईई…..उंघह…..” मेरा लंड उसकी कमर के इस तरह झटका खाने से बाहर आ गया था…..मैने फिर से अपने लंड को पकड़ कर चूत पर सेट किया…और चूत पर दबाते हुए-2 धीरे-2 अंदर करने लगा….”वीना एक बात पूच्छू….” मैने वासना के कारण लाल हो चुके वीना के चेहरे की ओर देखते हुए कहा….तो उसने हां मे सर हिला दिया….

मे: (झुक कर उसके होंठो को चूमते हुए) मेरा लंड बड़ा है या तुम्हारे पति…

वीना मेरी ये बात सुन कर और शर्मा गयी….उसने दूसरी तरफ फेस घुमा लिया

…”बोलो ना…..” मैने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर एक ही बार मे धक्का मार कर उसकी चूत की गहराइयों मे पेल दिया…

.”आप का….” उसने सिसकते हुए कहा…..

”कितना बड़ा है मेरा…..” मैने दो चार बार अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने के बाद कहा….तो वो मचल कर मुझसे लिपट गयी….

.”अश्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह मत कीजिए ना ऐसी बात…..” अब उसने अपनी टाँगो को उठा कर मेरी कमर पर रख कर कस लिया था…

मेरा लंड अब और ज़्यादा उसकी चूत मे घुसता हुआ महसूस होने लगा था…..”बोलो ना प्लीज़……” मैने इस पोज़ीशन मे एक और ज़ोर शॉट लगाया…तो मेरा लंड उसकी चूत के पानी से तर होकर गतच की आवाज़ से फिसलता हुआ अंदर जा घुसा….

.अह्ह्ह्ह सीईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..”दो ढाई इंच….” उसने जल्दी से कहा…. मे फिर से घुटनों के बल बैठ गया….और उसकी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा….इस बार मे एक रिदम के साथ अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा….
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by 007 »

masti se bhara hua update
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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