ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete

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jay
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by jay »

मेने घड़ी मे टाइम देखते हुए बोला…..”अच्छा अब मे ढाबे से जाकर खाना खा कर आता हूँ……” मेने उसको ये जान बूझ कर कहा था

……”ढाबे पर…आप बाहर खाना खा खा कर ऊब नही जाते…..” उसने मेरी ओर मुस्कराते हुए देख कर कहा

…” और कर भी क्या सकता हूँ….मुझे खाना भी तो नही बनाना आता….और आपको तो पता है मेरे घर मे कोई नही है….”

वीना: हां वो तो पता है….आप शादी क्यों नही कर लेते…..?

उसने सर को झुका कर मुस्कराते हुए कहा….”कॉन मे…..अभी मेरी उम्र ही कहाँ है….शादी के लायक….” मैने उसकी आँखो मे झाँकने की कॉसिश करते हुए कहा…

तो वो फिर से मेरी तरफ देख कर बोली….” क्यों कितनी उम्र है आपकी….”

मे: जी अभी दो महीने पहले 18 का हुआ हूँ….

वीना: अच्छा….तो फिर नौकरानी रख लो घर पर खाना बनाने के लिए….

मे: नही पहले सोचा था….पर पता नही दिल नही माना…..अच्छा एक बात कहूँ तो आप बुरा तो नही मनोगे…..

वीना: जी……

मे: क्या आप मेरे लिए अपने घर पर ही खाना बना कर दे सकती है….आपको मेरे घर आकर काम करने की भी ज़रूरत नही….बदले में मे आपको पैसे दूँगा…. जितने आप कहो उतने….

वीना: जी वो अनु के पापा….

उसने थोड़ा सा झिझकते हुए कहा….

.”कॉन कमलेश भाई…आप उनकी चिंता मत करो….मे उनसे खुद बात कर लूँगा…..”

वीना: जी ठीक है आप खुद ही बात कर लेना……

उसके बाद वीना नीचे चली गयी….अब मुझे शाम का बेसबरी से इंतजार था….शाम को मे तैयार होकर 6 बजे अहाते पर पहुँच गया….वहाँ विशाल अपने उस जानकार के साथ पहले ही बैठा हुआ था….विशाल ने मेरा उसे इंट्रोडक्षन करवाया….उससे पहले काम की बात हुई, उसके बाद दारू का दौर शुरू हुआ….पर मैने पीने से सॉफ मना कर दिया…..विशाल और वो आदमी मेरे साथ 8 बजे तक बैठे रहे….फिर मे उनके दोनो के जाने के बाद वहाँ बैठा रहा…करीब 8:30 बजे कमलेश आ गया….मुझे वहाँ बैठा देख कर वो एक दम से खुश हो गया….

वो सीधा मेरे पास चला आया…आज भी उसके पास दारू का क्वॉर्टर था…फिर से दारू का दौर शुरू हो चुका था..उसके पहला पेग ख़तम करने से पहले ही मैने उसे पूछा….”कमलेश भाई एक बात करनी थी आप से….”

कमलेश: जी कहिए भाई…

मे: यार तुमको तो पता ही है….कि मे घर पर अकेला रहता हूँ….और घर पर कोई खाना बनाने वाला नही है….

कमलेश: हां वो तो जानता हूँ भाई….

मे: यार मे सोच रहा था….कि अगर तुम बुरा ना मानो….तो क्या तुम्हारी पत्नी मेरे लिए सुबह का नाश्ता और रात का खाना बना सकती है….मतलब कि उन्हे खाना बनाने के लिए मेरे घर आने की ज़रूरत नही है…जो भी आपके घर मे बनता है…वो साथ मे मेरे लिए भी बना लिया करे…उसके बदले मे जो मेरे खाने का खरचा होगा वो मे आपको दे दूँगा…महीने के महीने…..

कमलेश: अगर घर पर खाना बनाना है तो कोई दिक्कत नही….मे आज जाते ही बोल दूँगा…..
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pongapandit
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by pongapandit »

Nice update
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Smoothdad
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by Smoothdad »

शानदार अपडेट।
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