ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete

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jay
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

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Ankit wrote: 13 Sep 2017 19:23 superb update Jay bhai
Kamini wrote: 13 Sep 2017 22:24Mast update
rangila wrote: 14 Sep 2017 12:58nice update
kunal wrote: 14 Sep 2017 15:17 thanks bhai new stori ke liye
thanks mitro
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

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नेहा ने अपनी गान्ड को बेड के किनारे से आगे की तरफ धकेलते हुए कहा….मेरी दोनो उंगलियाँ उसकी चूत से निकल रहे पानी से पूरी तरह भर चुकी थी…..”अह्ह्ह्ह अहह ओह तुषार….सक मी सक माइ पुसी तुषार यीस्स्स्स सक मी…….” नेहा ने अपनी चूत के फांको को पूरी तरह से फैलाते हुए मुझे अपनी चूत का क्लिट दिखाते हुए कहा…..”सक इट डियर……सक इट…….”

मैने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके क्लिट पर रगड़ना शुरू कर दिया…..कुछ पल तो थोड़ा अजीब सा लगा….पर चूत और सेक्स के नशे ने सब कुछ भुला दिया था…..अब मे अपनी जीभ से पूरी रफतार से उसके क्लिट को रगड़ रहा था….

नेहा का बदन मस्ती मे थरथराने लगा था…..उसने एक दम से मेरे सर को पकड़ कर पीछे किया…और फिर खुद सीधी होकर बेड पर बैठते हुए मुझे मेरे शर्ट से पकड़ कर बेड पर गिरा लिया…..और अगले ही पल उसने मेरे पेंट को खोलना शुरू कर दिया…..”तुषार जल्दी से शर्ट उतारो….”

मैने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए……उसने जल्दी से मेरे बेल्ट को खोला और फिर पेंट को खोल कर जाँघो से सरकाते हुए बाहर निकाल दिया….अब मेरे बदन पर सिर्फ़ अंडरवेर ही बचा था….

मैने शर्ट भी उतार कर फेंक दी थी….नेहा ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखते हुए मुझे लेटा दिया…और खुद मेरे ऊपर झुकते हुए मेरे होंठो पर अपने होंठो को रख दिया….मेरे होंठो पर उसकी चूत से निकाला हुआ कामरस लगा हुआ था…..जिससे वो मदहोश होकर पागलो की तरह चाट रही थी…..हम दोनो वाइल्ड्ली एक दूसरे को किस कर रहे थे…..उसका हाथ मेरी चेस्ट से रेंगता हुआ नीचे पेट और फिर मेरे अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड पर आ चुका था….जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड पर लगा तो वो एक दम से उठ कर बैठ गयी….और अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड का जायज़ा लेने लगी…..

उसकी आँखो मे अजीब सी चमक थी……”तुषार ये तो बहुत बड़ा लग रहा है……” उसने अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाते हुए कहा….

.”दोस्तो यहाँ सच लिख रहा हूँ इसलिए गप्प नही हाकुँगा. कि मेरा लंड 9 इंच लंबा है या 10 इंच…..तो दोस्तो मेरा लंड साढ़े 7 इंच लंबा है….और मोटाई 4 इंच के करीब है……उसने मेरे अंडरवेर को नीचे सरका दिया…..जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो उसने झटका खाते हुए सीधा छत की ओर सलामी दी…..अगले ही पल उसने मेरे अंडरवेर को उतार कर फेंक दिया….और मेरे लंड को पकड़ कर अगले ही पल झुक कर मुँह मे भर लिया…..अब सिसकने के बारी मेरी थी…..आज से पहले तो किसी लड़की या औरत ने मेरे लंड को छुआ तक नही था….

पर आज तो ये सीधा नेहा जैसी मेच्यूर और सेक्सी औरत के मुँह मे था….नेहा मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी…..जैसे उसने जिंदगी मे पहली बार किसी के लंड को देखा हो….उसके होंठो का दबाव मेरे लंड पर गजब ढा रहा था…….वो मेरे आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे अंदर बाहर करते हुए चूस रही थी…..और अपने एक हाथ से उसे हिला भी रही थी…..अभी उसने 2-3 मिनिट ही मेरे लंड को चूसा था…कि मुझे लगा कि अब मे और ज़्यादा देर नही टिक पाउन्गा….

मे: ओह्ह्ह मॅम बस मेरा निकलने वाला है…..

मैने नेहा के सर को पकड़ कर हटाने की कॉसिश करते हुए कहा….पर उसने मेरे हाथों को झटक दिया….और फिर और ज़यादा तेज़ी से लंड को मुँह के अंदर बाहर करते हुए चूसने लगी…..”अह्ह्ह ओह्ह प्लीज़ मॅम मेरा ओह्ह अहह…….” मेरे लंड की नसें अब पूरी तरह फूल चुकी थी….अब वो पल दूर नही था….जब मेरे लंड उबलता हुआ वीर्य बाहर फॅट पड़ता….और जैसे नेहा को भी अंदाज़ा हो गया था कि, अब मे झड़ने वाला हूँ….उसने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया….और पूरी रफतार से मेरे लंड को हिलाते हुए मूठ मारने लगी…..और अगले ही पल मेरे लंड से वीर्य के लंबी-2 पिचकारियाँ छूटने लगी….कुछ वीर्य मेरे पेट पर गिरा और कुछ उसके हाथों पर…मेरा लंड बॉल्स और उसके हाथ दोनो मेरे वीर्य से सन चुके थे…..

मे बुरी तरह से कांप रहा था….”मूठ मारने के आदत नही थी……इसलिए शायद मे उस दिन 1 साल बाद झडा था….मे तेज़ी से साँसे लेते हुए नेहा की तरफ देख रहा था….मुझे समझ नही आ रहा था कि ये सब उसने क्यों किया….फिर दिमाग़ मे ख़याल आया कि, कहीं वो सिर्फ़ ओरल सेक्स करके ही सॅटिस्फाइड तो नही होना चाहती थी……और या फिर वो मेरे साथ सेक्स ना करना चाहती हो……

नेहा ने मेरी तरफ मुस्कराते हुए देखा…..और उठ कर बाथरूम मे चली गयी…..मे वही लेटा हुआ उसके आने का इंतजार करने लगा…थोड़ी देर बाद मुझे नेहा ने बाथरूम से आवाज़ दी…..मे उठ कर जैसे ही बाथरूम मे गया तो एक पल के लिए फिर चोंक गया…..नेहा के बदन पर एक भी कपड़ा नही था…उसने अपनी नाइटी और पैंटी दोनो उतार दी थी….जैसे ही मे बाथरूम मे घुसा तो नेहा मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए बोली….”चलो इसे वॉश कर लो……” टॅप पहले से ही चल रही थी… मैने अपने लंड को पानी के नीचे किया….और उसे सॉफ करने लगा….और फिर अपने बॉल्स और पेट को भी अच्छे से धोया,…….

सोचा चलो भाई खेल ख़तम हो गया…..शायद यही तक मज़ा था मेरी जिंदगी मे…..

पर ये क्या…..अगले ही पल उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे पानी से अच्छे से धोने लगी….उसने टॅप बंद की और फिर एक टवल उठा कर मेरे लंड को पोन्छा….और फिर वही बाथरूम मे नीचे पैरों के बल बैठते हुए मेरे लंड को फिर से मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…..ऐसा लगा जैसे लंड पर ही करेंट लग गया हो….उसने मेरे सिकुडे हुए लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया था…और कुछ ही पलों मे मेरे लंड फिर से हार्ड होने लगा…..2-3 मिनिट मे ही मेरा लंड एक बार फिर से पूरी तरह हार्ड हो चुका था…..उसने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और खड़े हुए मेरे लंड को पकड़ कर बाथरूम से बाहर जाने लगी…..

मे भी उसके पीछे चलता हुआ बाहर आ गया….और अगले ही पल हम दोनो पर एक दूसरे से लिपटे हुए थे……उसका हाथ नीचे मेरे लंड को तलाश कर रहा था….और जैसे ही उसके हाथ मे मेरा लंड आया…उसने अपनी टाँगो को ऊपर उठा कर फैलाते हुए, मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर रखते हुए धीरे से काँपती आवाज़ मे कहा….”तुषार करो भी इसको अंदर…..” मेरा फर्स्ट टाइम था….इसलिए थोड़ा सा डर भी रहा था कि, कही कोई ग़लती ना कर दूं…….

मैने अपने लंड को हल्का सा पुश किया तो अगले ही पल मुझे ऐसे लगा कि, जैसे मेरे लंड का सुपाडा किसी तंदूर के छेद पर जा भिड़ा हो….मेरे पूरे शरीर के रोएँ तक खड़े हो गये….

ऐसा ही कुछ हाल नेहा का भी था….उसकी आँखे आधी खुली हुई थी…..और उसके होंठ थरथरा रहे थे…..उसने मेरी आँखो मे झाँकते हुए कहा…..”ता तुषार सीईईईईई डालो ना इसे अंदर…..” मेने हां मे सर हिलाया और अपने लंड को और आगे की तरफ पुश किया…..”ओह्ह्ह्ह आज तो जैसे मेरे लंड पर कहर बरस रहा था……दोस्तो यहाँ मे ये नही कहूँगा कि नेहा मॅम जो कि 35 साल की थी…..उसकी चूत बहुत टाइट थी या फिर मेरा लंड मोटा था इसलिए मुस्किल से अंदर गया था…ऐसा कुछ नही था….नेहा एक बच्चे की माँ थी……

और उसका बेटा नॉर्मल डिलेवारी से हुआ था…..इसलिए उसकी चूत टाइट तो बिल्कुल नही थी…..पर शायद कई दिनो से सेक्स ना करने की वजह से शायद आम औरतों के मुक़बले जिनके बच्चे होते है…..उनकी तुलना मे टाइट थी……मेरा लंड उसकी चूत से निकल रहे पानी के कारण फिसलता हुआ अंदर जा घुसा….जैसे ही मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे घुसा तो मैने नेहा की तरफ देखा…उसके होंठो पर संतुष्टि भरी मुस्कान फैली हुई थी…..जैसे उसने वो चीज़ पा ली हो……जिसके लिए वो बरसो से तरस रही थी….उसके दोनो हाथ मेरे चुतड़ों पर थे……और वो अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को नीचे की ओर दबाए हुए थी…….उसने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ रखा था…..उसके दोनो पैर नीचे बिस्तर को भी छू रहे थे…..और उसने अपनी गान्ड को पैरो पर वजन डाल कर ऊपर की तरफ उठा रखा था….

नेहा: सीईईईईईई तुषार……..कुछ देर ऐसे ही रहो…….उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……

उसने सिसकते हुए कहा……और फिर कुछ पलों बाद अपनी मस्ती की खुमारी से भरी हुई आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा….मे उसके फेस के हर एक एक्सप्रेशन को नोट कर रहा था…..उसके होंठ धीरे-2से खुले तो उसके दोनो होंठो के बीच एक पतली से लार खिंच गयी…और जैसे ही उसने अपने होंठो को और खोला तो वो लार टूट गयी…….”तुषार……..अब धीरे-2 अंदर बाहर करो……” उसने मेरे चुतड़ों से अपने हाथों को सरकाते हुए मेरी पीठ पर फेरते हुए कहा…….”ज़्यादा तेज ना करना…..हम दोनो को एक साथ मंज़िल पर पहुँचना है…..कहीं मुझे पीछे ना छोड़ देना…..”
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by jay »


मेने उसकी ओर देखते हुए हां मे सर हिलाया…..और उसके होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाया…. तो उसने भी साथ देते हुए, एक हाथ मेरे फेस पर रखते हुए अपनी आँखे बंद कर ली…..और अगले ही पल उसका नीचे वाला होंठ मेरे होंठो मे था…..और मेरे ऊपर वाला होंठ उसके दोनो के होंठो के बीच मे….कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे……और मैने अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..धीरे-2 अब मे एक रिदम के साथ अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था…..और नेहा के होंठो को छोड़ कर उसकी चुचियों को मसलते हुए चूसने लगा था….

नेहा: ओह येस्स्स तुषार…….सक मी ओह्ह्ह्ह एससस्स एससस्स फक मी डियर…….ओह्ह्ह एसस्स फक….

एक बार फिर से नेहा के हाथ मेरी पीठ पर आ चुके थे…..और वो अपनी गान्ड को ऊपर उठा-2 कर मेरे लंड को अपनी चूत की गहराइयों मे ले रही थी…..नेहा अपने मम्मे चुस्वा कर और भी ज़्यादा मस्त हो चुकी थी……

.”ओह्ह तुषार ओह्ह एससस्स आइ आम कमिंग तुषार……ओह्ह्ह्ह एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स फक…..हार्डर तेज करो…..” उसने मेरे कंधो को हिलाते हुए कहा.,…..मैने भी तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..मेरा लंड अब पूरी रफ़्तार से नेहा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था…..अभी मैने आधा मिनिट ही तेज शॉट लगाए थे कि, मुझे लगने लगा कि, मे भी किसी भी पल झड सकता हूँ…..उधर नेहा अभी भी और तेज-2 करने को कह रही थी…..

मे: म्म मॅम वो मेरा होने वाला है……..

नेहा: करते रहो तुषार रुकना नही…..ब्स्स्स मे भी ओह्ह्ह्ह एसस्स्स्स्स्स्सस्स अहह उंघह उंघह उन्घ्ह्ह्ह ओह तुषार……..

नेहा ने मेरे पीठ पर अपनी बाहों को पुर ज़ोर से कस लिया…….”अह्ह्ह्ह मॅम अह्ह्ह्ह मे भी……” और फिर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर से मेरे लंड से मेरे जान बाहर निकल गयी हो….एक के बाद एक लंड ने वीर्य छोड़ते हुए कई झटके खाए…..”अहह” मे एक दम गुर्राते हुए उसकी चूत मे अपने टॅंक को खाली करने लगा….मे एक दम पस्त हो कर उसपर ढह गया…….मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी…..और नेहा मेरी पीठ पर अपने हाथों को फेरते हुए मुझे कुछ राहत देने की कॉसिश कर रही थी…….5 मिनिट बाद मे नेहा के ऊपर से उठ कर बगल मे लेट गया…….

नेहा: तुषार कैसा लगा तुम्हे……ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम था ना…….?

मे: हां फर्स्ट टाइम किया है……बहुत मज़ा आया मॅम…….

नेहा: तुम पहली बार ही बहुत कुछ सीख गये हो……देखो तुषार…..आज तुम्हे मे अपनी लाइफ का एक्सपीरियेन्स बता रही हूँ……ध्यान से सुनना…..आगे चल कर बहुत काम आएगा……

मे: जी कहिए…..

नेहा: तुषार कभी सेक्स के लिए किसी के पीछे मत भागना…….एक दिन मे चाहो तुम जितना मर्ज़ी सेक्स कर लो……पर उस एक दिन के बाद हो सके तो 10-12 दिन का गॅप रखना…….

मे: क्यों……?

नेहा: इसके दो बेनिफिट्स है……एक तो तुम्हारे लिए सेक्स कभी बोरिंग नही होगा….और दूसरा तुम्हारी स्ट्रेंत भी बनी रहेगी……

मे: मॅम एक बात पूछूँ……

नेहा: हां बोलो…..

मे: मॅम जो न्यूली मॅरीड कपल्ज़ होते है……वो तो हर दिन सेक्स करते होंगे…तो उनकी सेक्स लाइफ बोर नही हो जाती…….

नेहा: (हंसते हुए ) नही पर हां जैसे -2 टाइम गुजरता है वो भी इसी रूटीन पर आ जाते है……

मे: फिर तो बॉस भी शादी के बाद आपके साथ खूब सेक्स करते होंगे…….

नेहा: हां करते थे……पर अब तो उनके पास मेरे लिए टाइम ही नही होता…….अच्छा तुषार जाकर शवर ले लो……अब तुम्हे थोड़ी देर मे यहाँ से निकल जाना चाहिए….टाइम बहुत हो गया है….वो सेक्यूरिटी गार्ड ना आ जाए…….

मे: ठीक है मॅम……..

उसके बाद मैने शवर लिया…….अपने कपड़े पहने और जैसे ही बाहर आया तो देखा नेहा मॅम अपनी नाइटी और गाउन पहने बेड पर बैठी थी……मे उसके पास जाकर बेड पर बैठ गया…..”ये लो तुषार……” उसने मेरे तरफ 500-2 के कुछ नोट बढ़ाते हुए कहा……”

ये ये क्या है मॅम……”

नेहा: कुछ पैसे है रख लो……

मे: पर क्यों…..नही मे नही ले सकता……

नेहा: तुषार प्लीज़ रख लो…….

मे: नही माँ आपने मुझे समझा क्या है……मे किराए का टट्टू नही हूँ…..

नेहा: तुषार जानती हूँ…..प्लीज़ इसे ग़लत मत समझो……मे प्यार से दे रही हूँ ना…..देखो तुषार तुम्हारे बॉस मुझे इन पैसो के सिवाय और कुछ नही देते…..उन्हे तो शायद पता भी नही है कि, पत्नी को पैसो के साथ-2 प्यार की ज़रूरत भी होती है…….

मे: ओह्ह अच्छा अब समझा तो आप प्यार को पैसो से खरीदना चाहती हो……..

नेहा: तुषार प्लीज़ तुम मुझे ग़लत समझ रहे हो…..आख़िर मे इतने पैसे का क्या करू…..सोचा तुम्हारे कुछ काम आ जाएँगे……प्लीज़ तुषार रख लो…..और ग़लत मत समझो….में तुम्हारी फीलिंग्स के रेस्पेक्ट करती हूँ…..ये देखो ये इतने पैसे यहाँ पता नही कब से धूल चाट रहे है…..किस काम के ये पैसे…..(नेहा ने अपनी अलमारी खोल कर मुझे दिखाते हुए कहा…..जिसमे नोटों के ढेर लगे हुए थे…… रख लो तुषार…….जो सुख तुमने मुझे दिया है……उसकी कमीत तो मे लगा ही नही सकती…..


नेहा ने मेरे हाथ मे पैसे थमाते हुए कहा,…….मैने पैसे जेब मे डाल लिए….नेहा को नाराज़ नही करना चाहता था…..खैर फिर मे वहाँ से निकल कर अपने घर पर पहुँचा…..जब घर पहुँचा तो मुझे नज़ाने क्यों बहुत डर लग रहा था…..पॉकेट मे इतने पैसे जो थे…..मे सीधा अपने रूम मे चला गया…..और पेंट से पैसे निकाल कर गिनने लगा…..30000 रुपये थे…..एक पल के लिए तो मे सोच मे पड़ गया….आख़िर ये नेहा चाहती क्या है…कहीं उसने मुझे नही यार उसकी बातों से ऐसा तो नही लगता… खैर मैने उन पैसो को अपनी अलमारी के सेफ मे रख लिया….और अगले दिन ऑफीस जाते हुए वो पैसे बॅंक मे जमा करवा दिए….घर पर ज़्यादा दिन बिना किसी की नज़रों मे आए हुए वो पैसे नही रह सकते थी…….

उस दिन ऑफीस मे काम पर मेरा दिल बिल्कुल भी नही लग रहा था…..बार -2 अपना पहला सेक्स एक्सपीरियंस याद आ रहा था……रह रह कर नेहा के बदन की याद आ रही थी….कोई सोच भी नही सकता था कि, मेरा अपने बॉस की वाइफ के साथ अफेर है….उस दिन दोपहर नेहा ऑफीस मे आई….जब कभी बॉस बाहर टूर पर होते थे तो वो ऑफीस आ जाया करती थी…..भले ही वो ऑफीस का कंपनी का कोई काम नही देखती थी……पर बॉस की जगह खाली होने पर उसकी प्रेज़ेन्स से ही बहुत फरक पड़ता था….उसने मेरे साथ भी नॉर्माली बिहेव किया…..फिर वो बॉस के कॅबिन मे चली गयी…..और शाम के 6 बजने से पहले ही वो ऑफीस से बाहर चली गयी…

हमारा ऑफ भी 6 बजे होता था…..अभी 6 बजने मे 5 मिनिट ही बचे थे….मे अपना पीसी ऑफ कर रहा था कि, मेरे मोबाइल पर नेहा का फोन आया…..पास मे कुछ और स्टाफ के लोग भी बैठे हुए थी….इसलिए मैने थोड़ा दूर जाकर बात की…..”हेलो तुषार कहाँ हो…..”

मे: जी बस निकल ही रहा हूँ……

नेहा: अच्छा सुनो थोड़ा लेट कर देना…..जब स्टाफ के लोग चले जाए…..तो सामने प्लॉट मे आ जाना…..

नेहा ने फोन काट दिया….दरअसल जो हमारी फर्म के सामने खाली प्लॉट था…..वो जगह बॉस ने कुछ साल पहले ही खरीदी थी…..जगह खाली थी……उस पर कुछ बना नही हुआ था…..इस लिए बॉस अपनी कार वही पार्क करता था….शायद नेहा ने भी अपनी कार वही पार्क कर रखी थी….मे पीसी ऑफ करके टाय्लेट मे चला गया…..कुछ देर वही रुका और जब बाहर आया तो देखा सब लोग जा चुके थे….सिर्फ़ वर्कर ही थे…..जिनकी छुट्टी 8 बजे होती थी…..

मे बाहर निकल कर कुछ देर वेट करता रहा…..जैसे ही फॅक्टरी का गेट बंद हुआ….मे सीधा उस प्लॉट की तरफ बढ़ा…..जैसे ही मे कार की तरफ बढ़ा तो एक दम से बारिश शुरू हो गयी….मे भागता हुआ कार के पास पहुँचा तो नेहा ने कार का डोर खोल दिया…..मे फ्रंट सीट पर उसके साथ बैठ गया….”किसी ने देखा तो नही…..” नेहा ने मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए कहा……”

मे: नही मॅम किसी ने नही देखा……

नेहा: तुषार अब तो ये मॅम-2 करना बंद करो ना…….मुझे मेरे नाम से पुकारो ना…….मे तरस गयी हूँ कि कोई मुझे प्यार और हक़ से मेरे नाम से पुकारे……

नेहा ने मेरे होंठो पर किस करते हुए कहा…..

”ओके नेहा किसी ने नही देखा….” और अगले ही पल नेहा मुझसे लिपट गयी….और मेरे गालो माथे और लिप्स पर किस करने लगी…..कुछ देर बाद वो पीछे हुई तो वो मेरी तरफ देख कर हसने लगी

……”क्या हुआ हंस क्यों रही हो…..?”

नेहा: (हंसते हुए मेरे गालो और लिप्स को अपने अंगूठे से सॉफ करते हुए) कुछ नही वो लिप कलर तुम्हारे चेहरे और होंठो पर लग गया है……

मैने नेहा के सर को पकड़ कर अपनी तरफ झुकाते हुए उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चूसना शुरू कर दिया….अगले ही पल नेहा अपने सीट से उठ कर मेरी गोद मे आ चुकी थी….नेहा ने अपनी साड़ी को पेटिकॉट समेत अपनी जाँघो तक चढ़ा लिया था….”तुषार जल्दी अपनी पेंट खोलो…” नेहा ने अपनी साड़ी और पेटिकॉट को ऊपर उठाते हुए कहा….मैने जल्दी से अपनी पेंट को खोला और अंडरवेर समेत अपनी पेंट को नीचे सरका दिया….लंड तो पहले से ही खड़ा था…..जैसे ही मेरा लंड बाहर आया, नेहा ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट कर दिया…..

“ओह्ह्ह्ह तुषार तुम घर चलो ना……एंजाय करेंगे सारी रात………” नेहा ने सिसकते हुए कहा….

.” वो मॅम घर पर जाना है….घर वाले अलाव नही करेंगे…..” अब तक मेरा लंड नेहा की चूत मे समा चुका था….और वो धीरे-2 ऊपर नीचे होने लगी थी….हम ने 10 मिनिट तक ऐसे ही सेक्स किया….और फिर मे कार से निकल कर अपनी बाइक से घर पहुँचा……
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by Kamini »

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rajsharma
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Re: ज़िद (जो चाहा वो पाया)

Post by rajsharma »

बहुत मस्त कहानी है दोस्त अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा ?
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ -- raj sharma
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