एक नंबर के ठरकी complete

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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

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सुमन ने बहुत प्यार से अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत पर लगाई और उसे नीचे से उपर तक किसी आइस्क्रीम की तरह चाट डाला..सबा ने अपने पंजो के बल अपना पूरा शरीर हवा में उठा लिया और ज़ोर से सिसकारी मारकर अपने मज़े की पुष्टि की..

''आआआआआआआआहह ..... भाभी......................... उम्म्म्मममममममममममममम.... मज़ा आ गया...''



लेकिन असली मज़ा आना तो अभी बाकी था, सुमन ने उसकी चूत में उंगली डालकर उसे दोनो तरफ फेलाया और अपनी जीभ के अंदर जाने का रास्ता बनाया, रास्ता बनते ही सुमन ने अपनी जीभ और दोनो होंठ अंदर डाल दिए और दोनो तरफ पकड़े चूत के दरवाजे एकदम से छोड़ दिए,परिणामस्वरूप सुमन की जीभ और होंठ सबा की टाइट सी चूत के अंदर फँस गये...वो करीब २ मिनट तक अपनी जीभ और होंठों से उसकी चूत के अंदरुनी हिस्से को चूसती रही, उसकी चूत की पकड़ इतनी टाइट थी की थोड़ा ज़ोर लगाने के बाद ही वो बाहर निकल सके..सच में , नयी चूत की कसावट को महसूस करने का मज़ा अलग ही होता है..

पर सुमन के होंठ और जीभ के बाहर निकलने से सबा एकदम से तड़प उठी और उसने खुद ही अपनी चूत की फांके फेला कर सुमन के होंठों को अपनी चूत पर दे मारा...और एक बार फिर से कमरे में सिसकारियों की बारिश होने लगी..

अब तक राहुल ने अपनी शर्ट और पेंट को पूरा उतार दिया था,अंडरवीयर भी घुटनों तक गिराकर वो अपने लंड को मसलता हुआ उनके बुलावे का वेट कर रहा था...उसने सोच लिया की अगर उन्होने अगले पाँच मिनट में नही बुलाया तो वो खुद ही सुमन के पीछे जाकर उसकी चूत में लंड पेल देगा.

लेकिन सुमन और सबा के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...जिसका राहुल को अंदाज़ा नही था.

सबा की चूत को अच्छी तरह से चाटने के बाद अचानक सुमन की जीभ थोड़ा नीचे की तरफ चली गयी, यानी उसकी गांड के छेद पर

ये एक ऐसा पल था जिसे महसूस करके सबा तो चीखी ही , साथ ही उसे देखकर राहुल के मुंह से भी सिसकारी निकल गयी



ये सबा की गांड का वही छेद था, जिसे चोदने के लिए वो कब से मरा जा रहा था,

सुमन भाभी की जीभ ने अपनी लार का इस्तेमाल करके और चूत में से निकल रहे चिकने तेल की मदद से उस छेद को अच्छी तरह से तर-बतर कर दिया, और फिर अपनी १ ऊँगली उसके अंदर डाल दी, सबा दम साधे उसकी उस ऊँगली को महसूस करती रही, और फिर सुमन ने अपनी दूसरी ऊँगली भी अंदर डाल दी, और इस बार सबा के चेहरे पर दर्द के भाव उभरे

राहुल सोचने लगा की जब ये २ उँगलियाँ नहीं ले पा रही है तो उसके पांच ऊँगली जितने मोटे लंड को कैसे घुसवा पायेगी

और फिर सुमन ने धीरे-२ अपनी तीसरी ऊँगली भी अंदर पेल दी, अब तो सबा के मुंह से आवाजें निकल पड़ी

''आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भाभी ,,,,,,, दर्द हो रहा है। .......... ,प्लीज निकाल लो ''

सुमन : "पहली बार में तो चूत के अंदर लंड जाने पर भी दर्द होता है, ऐसे ही मना करेगी तो लंड कैसे ले पायेगी इसके अंदर ''



राहुल की तो समझ में कुछ नहीं आ रहा था की वो क्या बोल रही है, सबा की गांड को तो उसे चोदना था, ये सुमन भाभी किसलिए उसकी गांड में ऊँगली कर रही है

लेकिन अगले ही पल वो भी साफ़ हो गया, जब सुमन ने मुस्कुराते हुए राहुल की तरफ देखा और बोली : "आइये राहुल जी, और डालिये अपना लंड इसकी कुँवारी गांड में, ये तैयार है ''

राहुल की तो आँखे चमक उठी, अब उसकी समझ में आया की ये सुमन और सबा का प्लान था, सबा की गाण्ड के छेद को तैयार करना सुमन का काम था और अपनी गांड मरवाकर सबा अपना वादा भी पूरा करना चाहती थी,जो उसने राहुल से किया था

बस , फिर क्या था, राहुल उठा और उसने अपने बचे-खुचे कपडे भी उतार फेंके,और अपने मोटे लंड को रगड़ता हुआ सबा की तरफ चल दिया



सबा के चेहरे पर डर था...राहुल ने आज तक अपनी बीबी को हर्ट नही किया था...इसलिए आज भी वो उसके साथ बड़े आराम से पेश आना चाहता था..उसे याद था की कैसे शादी के 2 दिनों बाद तक उसने सबा की चूत नही मारी थी,क्योंकि उसके अंदर डर था की उसे बहुत दर्द होगा..बाद में जब वो चुदी तो ऐसी बन गयी की जिस दिन उसे लंड ना मिले तो उसे नींद ही नही आती थी...और अब तो वो सोसायटी के लोगो के साथ भी मज़े लेने लगी है..

राहुल ने झुककर उसकी गद्देदार गांड को पकड़ा और अपने दाँतों और होंठों से ज़ोर-२ से उसे सक्क और किस्स करने लगा, वो उसकी गांड मारने से पहले उसे अपने प्यार का एहसास देना चाहता था



राहुल सोचने लगा की एक बार अगर उसकी गांड का ये छेद खुल गया तो क्या वो एक साथ 2 लोगो से अपनी मरवाएगी...क्या राहुल देख पाएगा की उसकी चूत में उसके बॉस का लंड है और पीछे से सरदारजी उसकी गांड मार रहे है..ये सोचने मात्र से ही उत्तेजना का जोरदार झटका लगा उसके शरीर में और उसने आगे बड़कर घोड़ी बनी सबा की फेली हुई गांड को थाम लिया...



राहुल का लंड उसके कुल्हों से टकराया, उसने अपने लंड पर ढेर सारी थूक मली...राहुल देख पा रहा था की उसकी गाण्ड का छेद डर और उत्तेजना के मारे खुल और सिकुड रहा है...इतने छोटे से छल्ले में उसका मोटा लंड जाएगा तो सब तहस नहस हो जाना है...लेकिन एक ना एक दिन तो ये करना ही पड़ेगा...इसलिए उसने भी मन कड़ा करके अपने लंड को उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दिया...और उसकी गांड जो उसने स्टेयरिंग जैसे पकड़ कर रखी हुई थी, उसे अपनी तरफ खींचा और उसी वक़्त अपना लंड भी धक्का देकर आगे कर दिया...

''आआआआआआआआआआययययययययययययययययीीईईई ओफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ राहुल...............''

राहुल ने 4 -5 धक्के मारकर अपना लंड अंदर फंसा दिया



राहुल को जब लगा की सबा को ज्यादा दर्द हो रहा है तो वो रुक गया, पर जब वो अपना लंड वापिस निकालने लगा तो वो निकला ही नही , वो तो उसके छेद में ऐसे फँस गया था जैसे ताले के अंदर ग़लत चाबी डाल दी हो और वो निकल ही नही रही हो.

सुमन ने ऐसा करने से मना किया, वो बोली : "नही राहुल, अभी मत खीँचो इसे...थोड़ी देर अंदर रहने दो..फिर धक्के मारना...''

सुमन का ये ज्ञान काम आया, और कुछ देर बाद सबा ने खुद ही कहा : "अब ठीक है....शुरू करो...पर अब धीरे-2 करना प्लीज़...''

इसी बीच सुमन ने एक तेल की शीशी निकाली और उसकी पतली सी घार बनाकर उस पॉइंट पर डाल दी जहाँ दोनो का मिलन हो रहा था..एक दो धक्को के बाद जब तेल अंदर गया तो वो छेद चिकना हो गया और अब बिना किसी रोक टोक के लंड अंदर जा रहा था..

और राहुल ने नोट किया की अब सबा भी अपनी गांड मटका कर पीछे की तरफ धक्का दे रही थी...यानी उसका दर्द जा चुका था, मज़ा आ रहा था या नही ये उसे नही पता था...लेकिन उन दोनो के साझे प्रयास से राहुल का लंड अगले एक मिनट में पूरा अंदर घुस गया..



राहुल के लंड को ऐसी कोज़ी फीलिंग आज तक नही हुई थी...भले ही कल भी उसने डिंपल सरदारनी की गांड मारी थी पर उसमे भी ऐसा एहसास नही था..अब पहली बार की चूत मराई और गांड मराई का मुकाबला हर कोई तो कर नही सकता ना..

सुमन भी घोड़ी बनकर नीचे झुकी हुई थी और वो सबा के होंठों को चूस रही थी...राहुल की आँखो के सामने सुमन की गांड भी मचल रही थी...उसने एक हाथ उसकी गांद पर रखा और एक सबा की...और सबा की गांड मारते हुए वो दोनो हाथों से उनकी गांड पर जमा आटा गूंदने लगा..



सबा को अब मज़ा मिलना शुरू हो गया था...भले ही चुदाई वाली फीलिंग नही आ रही थी उसमे पर पीछे के छेद से जो सेंसेशन उसकी चूत तक पहुँच रहा था वो एहसास उसे पहली बार हो रहा था...उस सेंसेशन को और बढ़ाने के लिए उसने सुमन के हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया, यानी वो उसकी उंगलियों से अपनी चूत की खुजली को मिटाना चाहती थी..

पर सुमन के पास इससे भी बाड़िया आइडिया था...वो सामने की तरफ से उल्टी होकर , पीठ के बल घोड़ी बनी सबा के नीचे घुस गयी...और अब उसका चेहरा सीधा सबा की चूत के नीचे था..वो 69 की पोजीशन में आ चुकी थी, उसने थोड़ा उपर मुँह किया और उसकी चूत के फेले हुए होंठों को पकड़ कर चूस डाला..जवाब में सबा ने भी एक जोरदार सिसकारी मारते हुए नीचे झुककर उसकी चूत पर मुँह दे मारा..
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''आआआआआआआआआअहह ओह... सुमन....भाभी............... बहुत मजाआाआआ.... आ रहा है.............. ज़ोर से सकककककक करूऊऊऊऊओ''

अब दोनो एक दूसरे की चूतें चूसने लगी...और पीछे से राहुल तो अपने हिस्से के मज़े ले ही रहा था..अपनी वाइफ की गाण्डमराई करते हुए उसे लेस्बियन सेक्स का भी मज़ा मिलेगा, ये उसने सोचा नही था.

राहुल के लंड ने फूलना शुरू कर दिया...अब वो किसी भी पल फट सकता था....इसलिए उसने और ज़ोर से सबा की गांड में उंगलियाँ गाड़कर अपनी गाड़ी की स्पीड तेज कर दी...



नीचे लेटी हुई सुमन भी उसकी इस स्पीड को देखकर हैरान रह गयी...अब वो उसकी चूत पर मुँह नही रख पा रही थी...उसे झटके ही इतनी तेज मिल रहे थे की सुमन के होंठों से उसकी चूत फिसल-2 कर कहीं जा रही थी...लेकिन उपर से टपक रहे रस को पीकर और अपनी चूत के उपर लगे सबा के मुँह की वजह से उसको मिल रहे मज़े में कोई कमी नही आई थी...इसलिए वो नीचे लेटकर मिल रहे मज़े को लेती हुई आने वाली बारिश का वेट करने लगी...

और वो बारिश जल्द ही हो गई...राहुल ने आख़िर के 4-5 झटके लगाए और जोरों से काँपते हुए वो बुरी तरह से झड़ने लगा...

गर्म माल का एहसास पहली बार हो रहा था सबा को अपनी गांड के अंदर...और ये एहसास उसे बहुत पसंद आया...वो भी बुरी तरह झड़ते हुए सिसकारियाँ मारने लगी.. उसे अपनी गांड मरवाई में बहुत आनंद मिला था..राहुल ने ज़ोर-2 से झटके मारकर अपना सारा माल उसके अंदर खाली कर दिया...और धीरे-2 अपने सिकुड रहे लंड को बाहर खींच कर निकाल लिया.

और इसी पल की प्रतीक्षा नीचे लेटी हुई सुमन कर रही थी...जैसे ही राहुल का लंड बाहर निकला, सबा की गांड से रिसकर माल बाहर गिरने लगा..और नीचे लेटी हुई सुमन ने अपना मुँह खोल दिया और बूँद-2 करके वहां से बरसी सारी बारिश वो पी गयी..



राहुल एक साइड में लुडक गया और गहरी साँसे लेने लगा...सबा की हालत भी काफ़ी खराब थी..सुमन ने उसकी चूत चूस्कर उसे करीब 2-3 बार झाड़ दिया था...और अंत में सबसे जोरदार तरीके से वो तब झड़ी जब राहुल के माल का गर्म एहसास उसे मिला..

थोड़ी देर में सबा हमेशा की तरह उसके कंधे पर सर रखकर नंगी ही उससे लिपट कर लेट गयी...दोनो की आँखे बंद थी...और तभी राहुल के दूसरे कंधे पर सुमन ने अपना सिर रख दिया और दूसरी तरफ से वो भी उससे लिपट कर लेट गयी..राहुल ने एक नज़र सुमन पर डाली और दूसरी सबा पर...दोनो उसे ही देख रही थी...और फिर अचानक तीनों ज़ोर-2 से हँसने लगे..और सबा के साथ सुमन भी काफ़ी देर तक अपने-2 नंगे जिस्म लिए राहुल को पकड़कर लेते रहे..

शाम हो चुकी थी..कॉलोनी में बच्चो ने पटाखे छुड़ाने शुरू कर दिए थे...उन्हे तैयार भी होना था और रात की पार्टी की तैयारी भी करनी थी..इसलिए तीनों उठे और एक साथ ही बाथरूम में जाकर नहाने लगे..वहां उन्होने कुछ नही किया, क्योंकि वो जानते थे की आज की रात के लिए उन्हे काफ़ी एनर्जी चाहिए..

सुमन नहा धोकर बाहर आई और कपड़े पहन कर अपने घर चली गयी.

राहुल और सबा कपड़े पहन कर तैयार हो गये और एक-2 करके उन्होने सभी के घर जाकर उन्हे मिठाई दी और वो लोग भी उन्हे मिठाई देकर गये...सभी ने अपने-२ घर पर पूजा की और बाहर निकलकर सबके साथ मिलकर बम पटाखे भी जलाए..

पर ये तो वो काम थे जो हर दीवाली पर हुआ करते है..आज तो सभी को इंतजार था उस पल का जब जुए के साथ-2 सेक्स का नंगा नाच होने वाला था..

राहुल और सबा सबसे ज़्यादा एक्साइटिड थे, राहुल तो सुमन और डिंपल के बाद अब मिसेज़ कपूर और मिसेज़ गुप्ता के बारे में सोच रहा था...दोनो ही मस्त माल थे...अगर वो मान गये तो आज की रात और आने वाले दिनों में हर रात जानदार और शानदार बन सकती थी..

और उन्हे तो मानना ही था, आख़िर शशांक ने योजना ही इस तरह की बनाई थी.

रात को सभी शशांक के घर पहुँच गये...उसके दिए गये निर्देश अनुसार कपड़े पहन कर.



राहुल और सबा जब शशांक के घर पहुँचे तो वहां कपूर साहब अपनी वाइफ के साथ पहले से ही मोजूद थे, सबा ने
लौ-नेक के ब्लाउस के साथ नेट वाली साड़ी पहनी हुई थी, जिसका कपड़ा इतना पतला था की अंदर का पेटीकोट तक सॉफ नज़र आ रहा था, ब्लाउस भी डिज़ाइनर था, जिसके पीछे का हिस्सा था ही नही, सिर्फ डोरियों से दोनों किनारे बंधे थे ...और उसकी नंगी पीठ को देखकर कोई भी अंदाज़ा लगा सकता था की उसने अंदर ब्रा नही पहनी हुई है.



सुमन ने भी लगभग वैसी ही साड़ी पहनी हुई थी,और उसके ब्लाउस का गला तो इतना गहरा था की उसकी क्लीव्वेज देखकर कपूर साहब का ध्यान बार-2 उसी तरफ जा रहा था...वो जब स्नैक्स की प्लेट्स लगाने के लिए वो नीचे झुकी तो उसकी मोटी छातियाँ लगभग बाहर ही आ गयी थी...सिर्फ़ उस नन्हे दाने को छोड़कर कपूर साहब को अपना सब कुछ दिखा दिया था सुमन ने...



कपूर साहब की तो समझ में नही आ रहा था की आज इन दोनो को हुआ क्या है, इतने सैक्सी कपड़े पहने हुए है और वो भी त्योहार के दिन....बेचारे कपूर साहब ये नही जानते थे की अगर कल रात वो अगर उनके ग्रूप में होते तो इन कपड़ो के बिना भी वो उन्हे देख चुके होते..उनकी मिसेस, नीरू, तो प्रॉपर पंजाबी सूट पहन कर आई हुई थी...भले ही वो काफ़ी महँगा सूट था,पर उनके शरीर को पूरी तरह से ढका हुआ था वो..

थोड़ी देर मे सरदारजी और डिंपल के साथ-2 गुप्ता जी भी अपनी बीबी काजल को लेकर पहुँच गये..

एक तरफ गुप्ता जी की बीबी काजल थी,जो भारी साड़ी को संभाले चली आ रही थी और दूसरी तरफ डिंपल सरदारनी थी जिसने सिर्फ़ साटन के कपड़े की लुन्गी और उपर शॉर्ट कुर्ती पहनी हुई थी...और उसके मोटे मुम्मो के उपर चमक रही टिक्कियां देखकर सॉफ कहा जा सकता था की उसने भी अंदर ब्रा नही पहनी हुई है..
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