एक नंबर के ठरकी complete

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jay
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by jay »

nice story Kamini

keep it up
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

jay wrote: 26 Oct 2017 12:49 nice story Kamini

keep it up
thanks dear
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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

इसलिए सबा ने गुप्ता को किसी राजा की तरह वापिस उसकी चेयर पर लेजाकर बिठा दिया और खुद उसके सामने दासी बनकर बैठ गयी.

अब गुप्ता की वो महीनो पुरानी इच्छा भी पूरी होने वाली थी,जिसमें वो अपने उस काले भूसंड लंड को उस गोरी मेम के होंठों के बीच दबा हुआ देखना चाहता था...


सोचो, कैसा लगे किसी इंसान को जब उसके सपनो की रानी, जिसे देखकर वो रात दिन अपना लंड सहलाया करता है,वो उसके सामने एकदम नंगी होकर बैठी हो...



गुप्ता को इस वक़्त सबा के सिवा कुछ और नज़र नही आ रहा था... पूरे कमरे में कौन क्या सोच रहा है,उसे कुछ फ़र्क नही पड़ रहा था...सबा की चूत का पानी पीने के बाद तो उसे नशा सा चढ़ चुका था, जिसके बाद वो सारी दुनिया भूलकर बस उसके बारे में ही सोच रहा था..

सबा ने अपना चेहरा आगे किया और किसी नाग की तरह अपना फन आगे करके उसने गुप्ता के लंड को डस लिया...यानी अपनी गीली जीभ लगा दी वहां ...वो तो कुर्सी से उछल ही पड़ा जब उसने थूक से लिसडी गुलाबी जीभ को अपने लंड पर हमला करते देखा...वो चाहता तो उसके हमले का मुँह तोड़ जवाब दे सकता था...उसे पटककर...उसके उपर चड़कर...उसकी चूत में वही लंड पेलकर जिसे वो मज़े ले-लेकर छेड़ रही है...

पर वो उससे लंड चटवाई के अलावा कुछ और करवा ही नही सकता था...इसलिए वो रोबोट की तरह अकड़ कर बस उसके अगले हमले का इंतजार करने लगा..

और अगला हमला बहुत ख़तरनाक था सबा का....

उसने अपना पूरा का पूरा मुँह खोला और उसके खड़े हुए लंड को धीरे-2 करके अपने मुँह के अंदर निगल गयी...गुप्ता को ऐसा लगा जैसे उसका पूरा खून सिर्फ़ लंड में ही दौड़ रहा है...बाकी का शरीर तो सुन्न सा पड़कर रह गया...



सबा को शायद उसके लंड का स्वाद कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गया था...वो उसके मटन के टुकड़े को बुरी तरह से निचोड़कर खाने लगी...गुप्ता ने उसके सिर को पीछे धकेलते हुए ज़ोर से चिल्लाया : "आआआआआहह कुतिया ...... धीरे चबा.....''

ये वो हमेशा आज तक अपनी बीबी को बोलता आया था...पर इस तरह वो दूसरे की बीबी को कुतिया बोलेगा, ये शायद किसी ने नही सोचा था...

पर सबा को तो ये जैसे अपनी तारीफ लगी...

वो उसके लंड को बाहर निकाल कर फुसफुसाई : "उम्म्म....... साले .....कुतिया बोला है ना.... अब देख ये कुतिया तुझे कैसे काटेगी....''

इतना कहकर सबा ने उसके लंड को किसी ट्रॉफी की तरह उपर की तरफ उठा लिया और खुद उसके लंड के नीचे घुसकर उसके दोनो गुलाब जामुनों को निगल गयी....और उन्हे अपनी जीभ और दाँतों से ऐसे चुभलाने लगी की गुप्ता के लिए अपनी गांड टिकाना मुश्किल हो गया चेयर पर...वो उठ गया...पर सबा किसी पालतू कुतिया की तरह उसके टट्टो से चिपकी रही...वो उन्हे छोड़ ही नही रही थी...ऐसे चूस रही थी उन्हे जैसे उनमे से कोई शरबत निकल रहा हो....




देखने वालों की हालत खराब थी....

राहुल तो अपनी बीबी के इस कुतियापन को देखकर हैरान हुए जा रहा था...ऐसी बेदर्दी और उत्तेजना के साथ तो वो उसके साथ भी पेश नही आई थी....उसका खुद का लंड इस वक़्त डिंपल के हाथ में था....राहुल के हाथ सरदारनी के मुम्मों को मसल रहे थे...वो भी अपना भार उसके उपर डालकर अपनी पीठ उसके जिस्म से चिपकाकर खड़ी हुई थी...

कपूर का लंड भी आपे से बाहर हो रहा था...उसने उसे बाहर निकल लिया और रगड़ने लगा....

सरदारजी तो खुले सांड़ की तरह इधर उधर घूम रहे थे...उन्हे अब किसी भी कीमत पर कोई चूत चाहिए थी...जिसके अंदर अपने लंड को पेलकर वो अपनी आग निकाल सके...उसने देखा की गुप्ता जी की बीबी काजल बड़े ही सम्मोहित तरीके से अपने पति की रास लीला देख रही है...वो उसके पास आया और धीरे से अपना हाथ उससे टच करवा दिया...दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और आँखो ही आँखो मे जैसे काजल ने कोई इशारा किया...और सरदरजी ने अगले ही पल उसे अपने गले से लगाकर उसे स्मूच कर लिया...



ये सब इतनी जल्दी हुआ की काजल को भी पता नही चला...लेकिन गुरपाल की बलिष्ट बाजुओं मे आकर उसे ये एहसास हुआ की इस सरदार से चुदाई करवाकर कितना मज़ा आएगा....पर अभी के लिए वो खुल कर कुछ भी नही करना चाहती थी...उस कमरे मे मोजूद हर इंसान को पता था की कुछ देर बाद क्या होने वाला है...लेकिन जब तक शुरूवात नही होती,वो खुद अपनी तरफ से पहल नही करना चाहते थे....लेकिन इतना ज़रूर कर सकते थे जो इस वक़्त राहुल और डिंपल कर रहे थे...चूमा चाटी , मसलम मसलाई...

गुरपाल से सब्र नही हुआ और उसने काजल का टॉप उपर खिसका कर उसके मुम्मे बाहर निकाल लिए और ज़ोर-2 से उसे चूसने लगा...



दूर बैठा शशांक कमरे में चल रहे इस खेल को पूरी तरह से एंजाय कर रहा था...उसकी नज़र हर किसी पर थी...कपूर साहब तो खुद ही अपने लंड को मसल कर खड़ा करने में लगे थे...

अब सिर्फ़ नीरू ही बची थी, जो अभी तक अपने दायरे में रहकर ही सब कुछ कर रही थी...

वो सोच ही रहा था की उसे कैसे उसके दायरे से निकाला जाए की गुप्ता जी की चीखे निकलनी शुरू हो गयी.... सबा की चुसाई ने उन्हे ऑर्गॅज़म के करीब ला दिया था...अब सभी आतुर नज़रों से उनकी तरफ देखने लगे...

और आख़िरकार गुप्ता जी ने कोई भी कंजूसी किए बिना, अपने लंड का पानी सबा के उपर उड़ेलना शुरू कर दिया..

एक के बाद एक सफेद धार सबा के गोरे शरीर पर गिरी...और उसे और भी निखार दिया..

एक बार फिर से कमरा सभी की तालियों से गूँज उठा...

इस बार तो सबा इतनी बेफिक्री सी हो गयी की उसने अपने शरीर को भी सॉफ करने की जहमत नही उठाई...बस ज़मीन से उठकर वापिस सोफे पर जाकर ऐसे ही बैठ गयी...नंगी...और अपनी उंगलियों से अपने शरीर पर गिरी बारिश की बूँदों को इकट्ठा करके चाटने लगी..



एक बार फिर से दारू का दौर चला....सबने अपने-2 ग्लास ख़त्म किए और अब सबकी नज़रें राहुल की तरफ थी...क्योंकि गुप्ता से बड़े पत्ते राहुल के थे...उसके पास 2 का पेयर आया था.

राहुक से अभी तक डिंपल सरदारनी चिपकी हुई थी...इसलिए वो उसे पकड़कर बीच में आ गया...यानी वो जो कुछ भी करना या करवाना चाहता था वो उसके साथ ही...सरदारनी की अदाएँ उसे कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गयी थी...

पर कुछ शुरू होता उससे पहले वो बोला : "मैं चाहता हूँ की डिंपल भाभी और काजल भाभी मिलकर मुझे खुश करे...''

"खुश" बोलते हुए उसने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर दिया...

वैसे भी इस कमरे मे किस तरह की खुशी बंट रही थी,सभी को पता था...

उसने शशांक की तरफ देखा और बोला " ऐसा कर सकते है ना सर...''

राहुल एक ही बार में डबल मज़ा लेना चाहता था...

ऐसा अगर सबको मालूम होता तो सभी 2 के साथ मज़ा लेते....

सभी मर्दों ने एडमिन यानी शशांक की तरफ देखा...वो बड़ी ही बेफिक्री से बोला : "अगर इन दोनो को एक साथ तुम्हे 'खुश' करने में कोई प्राब्लम नही है तो बिल्कुल कर सकते हो...''

डिंपल तो पहले से ही राहुल से लिपटी खड़ी थी....राहुल ने जब मुड़कर काजल से पूछना चाहा तो वो खुद ही चलती हुई बीच में आ गयी और राहुल के दूसरी तरफ आकर वो भी उससे चिपक गयी...उसका टॉप अभी तक ऊपर उठा हुआ था, और उसके मम्मों पर सरदारजी के मुंह का गीलापन भी साफ़ चमक रहा था



अब उसकी झिझक दूर हो चुकी थी, इसलिए बीच में आने से पहले उसने पिछली बार की तरह अपने पति की आँखो में आँखे डालकर उनकी इजाज़त नही ली...वैसे भी इस वक़्त गुप्ता किसी भी बात की इजाज़त दे देता...उसे खुद इस खेल में इतना मज़ा आ रहा था...अगर उसकी बीबी उससे पूछती भी तो वो उसे मना नही करता..

लेकिन अब डबल मज़ा मिलने वाला था सभी को...और सबसे ज़्यादा तो राहुल को..

सबा जो अभी कुछ देर पहले खुद चिपचिपी बारिश में नहाकर अपनी सीट पर बैठी थी, अपने पति को बीच में देखकर वो भी खुश हो गयी...अब वो उसे देखकर मज़ा उठना चाहती थी...और ये भी देखना चाहती थी की उसका पति 2 औरतों को एक साथ कैसे संभालता है...



राहुल ने काफ़ी देर से डिंपल के शरीर को सहला-2 कर उसे उत्तेजित कर दिया था...और कहते है,सरदारनी की चूत जब गर्म होती है तो उसमें से ज्वालामुखी निकलता है.... डिंपल के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था.... उसकी चूत से टप -2 करके गर्म पानी बाहर निकल रहा था...जो उसके खुद के पैरों में गिरकर उन्हे झुलसा रहा था...

काजल भी अपनी जवानी की आग में झुलस रही थी... उसे जब से अपने कॉलेज का टाइम याद आने लगा था वो तो बावली सी हो चुकी थी...अब वो किसी भी कीमत पर सबके सामने अपनी शर्म हया छोड़कर, वही शादी से पहले वाली चुदाई की मूरत बन आना चाहती थी जिसे चुदाई के आगे कुछ भी दिखाई नही देता था...

राहुल ने काजल का अटका हुआ टॉप उपर करके निकाल दिया...और उसका बॉटम भी नीचे खिसका कर गिरा दिया....अब वो सिर्फ़ एक छोटी सी कच्छी में खड़ी थी...

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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »



डिंपल को तो कहने का मौका ही नही दिया राहुल ने, वो खुद ही अपने कपड़े निकाल कर खड़ी हो गयी....और वो भी सारे के सारे... और अगले ही पल वो पूरी नंगी होकर राहुल और सभी सोसायटी वालों के सामने खड़ी थी...

सरदारजी ने उसकी गांड मार-मारकर इतनी फेला डाली थी की उसके उपर सभी के दारू के ग्लास सज सकते थे....उसकी इसी चौड़ी गांड की वजह से वो इतना मटक-2 कर और इतराकर चलती थी...



काजल और डिंपल ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए दोनो राहुल के करीब आई और एक-2 करके उसके कपड़े उतारने लगी ....

राहुल ने भी उनका साथ दिया और कुछ ही देर मे वो भी पूरा नंगा उनके सामने था...जिस राहुल के भोले से चेहरे को देखने के लिए सोसायटी की सभी औरतें तरसती रहती थी, वही आज सभी के सामने पूरा नंगा खड़ा था...

अब तीनों का मन तो यही कर रहा था की भाड़ में जाए ये रूल्स एन्ड रेगुलेशंस और चुदाई में कूद पड़ो, पर माहौल को वहां तक पहुँचने में शायद अभी थोड़ा और वक़्त था...इसलिए उन्होने आपस में इशारा करके अभी के हिसाब से ही मज़े लेने की सोची...

राहुल ने बड़ी ही बेताबी से डिंपल को अपनी तरफ खींचा और उसे ज़ोर से स्मूच कर लिया...



ऐसा करते हुए उसके हाथ अपने आप उसके पूरे शरीर पर घूमने लगे...ख़ासकर उसके मुम्मों और गांड पर...

काजल भी पीछे रहकर अपना मज़ा नही खोना चाहती थी...वो राहुल के पीछे से आकर उसकी पीठ से चिपक गयी और ऐसा करते ही राहुल को अपनी पीठ पर उसके मोटे और मुलायम मुम्मों का एहसास हुआ...वो भी तड़प उठा...और घूम कर अपना चेहरा उसने काजल की तरफ कर लिया...

डिंपल के साथ तो वो पहले भी मज़े ले चुका था, पर काजल के साथ उसका ये पहला मौका था...और उसके उपर राहुल की ना जाने कब से नज़र थी... इसलिए उसने डिंपल के साथ-2 काजल का नाम लिया था... राहुल उसकी बंगाली आँखों का खासतौर से दीवाना था, वो इतनी बड़ी-२ और सेक्सी थी की जैसे ही राहुल उसकी तरफ पलटा, सबसे पहले उसकी नजर उसकी सेक्सी आँखों पर ही गयी



काजल जैसी भरंवा औरत शायद ही पूरी कॉलोनी में कोई होगी...

हर जगह से भरी हुई थी वो....

वो मोटी नही थी , बस हर अंग उसका ज़रूरत से थोड़ा सा ज़्यादा फूला हुआ था... पर फिर भी उसने अपने शरीर को काफ़ी मैंटेन करके रखा हुआ था... शायद इसलिए राहुल की भूखी नज़रें उसपर शुरू से थी...

पर वो और उस कमरे में मोजूद कोई भी शख्स ये नही जानता था की उसकी इस फूट रही जवानी का असली कारण क्या है और इस वक़्त उसके मन में क्या चल रहा है....

पर जो भी था, जल्द ही सभी के सामने आने वाला था...

राहुल ने काजल के नाज़ुक से होंठों पर अपने होंठ रखे और उन्हे जोरों से चूसने लगा...राहुल के हाथ अब उसके मुम्मों को मसलने लगे...राहुल ने इतने मोटे और मुलायम मुम्मे आज से पहले कभी नही देखे थे...वो उसकी मक्खन जैसी त्वचा पर अपने कठोर पंजे लगाकर उनका मंथन करने लगा...

बीच-2 मे वो उसके गोल - मटोल निप्पल्स को भी मसल रहा था... और उनपर हाथ लगते ही कोमल के मुँह से एक अजीब सी सिसकारी निकल जाती थी.... राहुल समझ गया की वो उसका वीक पॉइंट है... इसलिए वो जान बूझकर अपना ज़्यादा ध्यान उनपर ही लगाकर उन्हे जोरों से चूसने लगा लगा...



राहुल के हाथ नीचे की तरफ सरके और उसने उसके कुल्हों को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया.

काजल ने अपनी चूत वाले हिस्से को आगे करते हुए उसके खड़े लंड से लगा दिया... उसने अभी तक पेंटी पहनी हुई थी इसलिए उसकी चूत और राहुल के लंड का मिलन नही हो सका....

राहुल ने आनन फानन मे उसकी पेंटी को दोनो तरफ से पकड़ा और बड़ी ही बेदर्दी से दोनो तरफ खींच कर उसे फाड़ डाला...उसे ऐसा करते देखकर दूर बैठा उसका बनिया पति मन ही मन बोला : 'साले, अब तू ही दिलवाइयो इसे नयी पेंटी '

काजल की पेंटी फटते ही उसकी चिकनी चूत सभी के सामने आ गयी.... अब वो अपनी नंगी चूत लिए सबके सामने बेपर्दा होकर खड़ी थी



ये पहला मौका था जब शादी के बाद काजल किसी और के सामने नंगी खड़ी थी.... कॉलेज टाइम में उसे अच्छी तरह से याद है की एक बार वो ग्रूप सेक्स करते हुए 3 लड़को के सामने नगी हुई थी... और उन तीनों ने उसकी पूरी रात जम कर बजाई थी....

आज की रात तो उससे भी ख़तरनाक और मजेदार होने वाली थी... इसलिए उसकी चूत से कुछ ज़्यादा ही चिपचिपापन निकल कर बाहर गिर रहा था...

राहुल ने एक बार फिर से उसकी चूत वाले हिस्से को पकड़ कर अपने लंड पर लगा लिया.... और इस बार दोनो नंगे थे, राहुल ने अपनी कमर को थोड़ा सा झुका कर अपने लॅंड को आगे किया और वो सीधा जाकर काजल की चूत से टकरा गया...

सब लोग बैठ कर उनका ये सेक्सी डांस देख रहे थे....

अजय की इस हरकत से सभी की साँसे रुक सी गयी.... सबा तो मंत्रमुगध सी होकर अपने पति को 2 औरतों से मज़ा करते देख रही थी...

और वहीं दूसरी तरफ गुप्ता जी भी अपनी बीबी को देखकर हैरान हुए जा रहे थे.... आज उनकी वाइफ बीच मैदान नंगी खड़ी होकर जिस तरह की हरकतें कर रही थी उससे सॉफ पता चल रहा था की उसके अंदर कितनी चुदासी भरी पड़ी है....
पर वो कुछ बोल ही नही सकते थे...
अभी कुछ देर पहले वो भी तो इसी तरह सबा के नंगे जिस्म के साथ खेलकर मज़े ले रहे थे....

इस ग़मे का तो रूल ही यही था...

दूसरों की बीबी से मज़े लो और अपनी बीबी के द्वारा दूसरे को मज़े दो...

राहुल ने जब अपनी कमर को आगे किया तो उसका लंड सीधा जाकर काजल की चूत पर जा लगा.... दोनो ने एक पल के लिए एक दूसरे को देखा और फिर एक जोरदार झटके से राहुल ने काजल को अपनी तरफ खींच लिया और उसे स्मूच कर लिया... और ऐसा करते ही काजल का निचला हिस्सा भी थोड़ा आगे की तरफ हुआ और अजय का लंड उसकी चूत में आकर फँस गया...

उसके मुँह से एक आनंदमयी सिसकारी निकल गयी...

''उहह............ उम्म्म्मममममममममममममममम...... राहुल.........''

राहुल ने अपने बॉस की तरफ देखा जो बड़े ही ध्यान से उन्हे ऐसा करते देख रहा था....

राहुल ने आँखो ही आँखो में शशांक से आगे बढ़ने की परमिशन माँगी पर उसने सिर हिला कर सॉफ मना कर दिया....

यानी अभी वो नही चाहता था की राहुल अपना लंड काजल की चूत में पेले.

बेचारे राहुल ने बेमन से अपना फँसा हुआ लंड वापिस बाहर निकाल लिया.....
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Rohit Kapoor
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Rohit Kapoor »

updates awaited dear ??
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