एक नंबर के ठरकी complete

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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

sexi munda wrote: 14 Oct 2017 09:49 मोह्तर्मा इंतिहाई मस्त कहानी है
mastram wrote: 14 Oct 2017 19:49 मस्त जा रही है कहानी कामिनी जी
thanks you soooooooooooooooooo much
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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

शशांक थोड़ा सा झुका और उसने अपनी वाइफ सुमन के कान में कुछ कहा..जिसे सुनकर वो मुस्कुरा दी.

और फिर राहुल को देखकर बोली : "राहुल...क्यो ना तुम लोग यहीं आ जाओ...लेट्स हेव पार्टी हेयर ...''

उसका इतना टेंप्टिंग सा ऑफर सुनकर तो राहुल का दिल खुशी से पागल हो उठा...काफ़ी देर से सुमन भाभी की चुदाई देखकर और उनके हिलते हुए मुम्मे देखकर उसके मुँह में भी पानी आ रहा था...उसने सबा की तरफ देखा..शायद राहुल को डर था की वो मना ना कर दे...क्योंकि इस तरह दूर रहकर अपनी सेक्स की फिल्म दिखाना दूसरी बात थी और वहां जाकर एक दूसरे के सामने सब कुछ करना दूसरी बात..

राहुल : "बोलो सबा...क्या कहती हो...चला जाए क्या वहां ...''

वो उसका मन टटोल रहा था..लेकिन वो ये नही जानता था की राहुल से ज़्यादा एक्साइटिमेंट तो सबा को हुई थी ये बात सुनकर...

वो बोली : "जैसा मेरे मास्टर कहेंगे...मैं वैसा ही करूँगी...''

ओ तेरी ....ये मास्टर-स्लेव वाली बात तो राहुल भूल ही गया था....सबा की ये बात सुनकर उसका चेहरा खिल उठा.

उसने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और बोला : "चलो फिर...चलते है....एक और पार्टी में ...आफ्टर पार्टी में ..''

वो भी मुस्कुरा दी और अपने मालिक की आज्ञा का पालन करती हुई बाहर की तरफ चल दी.

शशांक ने गुरपाल और डिंपल को भी अपने घर बुला लिया...दोनो ने कुछ देर तक ख़ुसर फुसर की और फिर वो दोनो भी शशांक और सुमन के घर की तरफ चल दिए...

आज राहुल और गुरपाल ने अपनी लाइफ का ऐसा डिसीज़न लिया था जिसके बाद उनकी सेक्स लाइफ हमेशा के लिए बदलने वाली थी.

सबा ने अपनी वही नाईटी पहने रखी, जिसमें उसका आधे से ज़्यादा नंगा बदन सॉफ दिख रहा था...और वो भी बिना ब्रा और पेंटी के..राहुल ने अपने शॉर्ट्स के उपर एक टी शर्ट डाल ली और वो दोनों शशांक के घर की तरफ चल दिए..

उधर डिंपल ने भी सिर्फ़ एक लंबी सी नाईटी पहनी हुई थी, उसके अंदर कुछ भी नही...वो एकदम ट्रांसपेरेंट थी, जिसके अंदर उसका रसीला बदन सॉफ चमक रहा था.

गुरपाल ने तो अपने बदन पर सिर्फ़ लुंगी और बनियान ही पहन ली और चल दिया उनके घर...

आज राहुल और गुरपाल के मन में एक बात तो काफ़ी क्लियर थी की उनकी बीबी को दूसरे मर्द आज खुलकर देखेंगे...लेकिन इस बात की खुशी भी थी की वो दूसरे की बिबियों को जी भरकर देख भी सकेंगे...

पूरी कॉलोनी में सन्नाटा था...इसलिए ऐसे कपड़ो में उन्हे बाहर निकलते हुए डर भी नही लगा..वो नंगे भी चले जाते तो कोई देखने वाला नहीं था उन्हें।

सबसे पहले सबा और राहुल वहां पहुँचे...दरवाजा सुमन ने खोला, उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी...राहुल की आँखे उसके इस सेक्सी बदन को देखकर चमक उठी.



वो दोनो अंदर आ गये....अंदर आते हुए राहुल ने उसकी गांड पर अपने हाथ फेर दिए,जिसे महसूस करके सुमन भी मुस्कुरा दी...सबा ने भी अपने पति की ये हरकत कनखियो से देख ली थी, पर वो कुछ बोली नही...और ना जाने एकदम से उसके दिमाग़ में ये बात आ गयी की हो ना हो, सुमन भाभी उसके पति से पहले भी चुदवा चुकी है..

दोनो अंदर आकर बैठ गये...और अगले ही पल गुरपाल और डिंपल भी वहां पहुँच गये...सभी ड्रॉयिंग रूम के सोफे पर बैठ गये..

राहुल और गुरपाल अपनी-2 वाइफ को लेकर थोड़ा चिंतित से हो रहे थे...और उनकी ये परेशानी शशांक ने उनके चेहरे पर पड़ ली.

शशांक : "देखो दोस्तो...आजकल की लाइफ में ये सब चलता है....मीन्स इस तरह से ओपन रिलेशनशिप ...मुझे तो अपनी वाइफ के किसी भी अफेयर से कोई प्राब्लम नही है...और यही छूट उसने भी मुझे दे रखी है...और अभी कुछ देर पहले जो हम सब बाल्कनी में कर रहे थे, उसके बाद मुझे लगा की शायद तुम लोगो के विचार भी हम से मिलते है...इसलिए तुम्हे यहाँ बुला लिया...''

इतनी देर मे सुमन सबके लिए ड्रिंक्स ले आई....ये वोड्का के शॉट्स थे...सभी ने छोटे-2 ग्लास उठाए और एक साथ चियर्स बोलकर बॉटम अप कर दिया और नमक चाट कर हाथ में पकड़ा नींबू चूस डाला...और उस शॉट ने एकदम से सभी के दिमाग़ से वो तनाव दूर फेंक दिया...और सभी हल्के मूड में आ गये...

शशांक जानता था की एकदम से तो कोई भी ग्रूप सेक्स या वाइफ स्वेपिंग के लिए राज़ी नही होगा, इसलिए शुरूवात तो अपनी-2 बीबी से ही करनी पड़ेगी.

उसने सुमन को इशारा किया और वो किसी पालतू कुतिया की तरह उसके कदमो में आकर बैठ गयी...और फिर शशांक ने बड़ी ही बेशर्मी से अपनी शॉर्ट्स को नीचे करके अपना लंबा और मोटा लंड बाहर निकाल लिया...सबा और डिंपल ने अपने होंठों पर जीभ फेरी उसे देखकर...शायद वो भी उसे मुँह में लेने के सपने देख रही थी..लेकिन अभी के लिए तो वो मज़ा सिर्फ़ सुमन के हिस्से में था....

सबसे पहले सबा और राहुल वहां पहुँचे...दरवाजा सुमन ने खोला, उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहन रखी थी...राहुल की आँखे उसके इस सेक्सी बदन को देखकर चमक उठी.



वो दोनो अंदर आ गये....अंदर आते हुए राहुल ने उसकी गांड पर अपने हाथ फेर दिए,जिसे महसूस करके सुमन भी मुस्कुरा दी...सबा ने भी अपने पति की ये हरकत कनखियो से देख ली थी, पर वो कुछ बोली नही...और ना जाने एकदम से उसके दिमाग़ में ये बात आ गयी की हो ना हो, सुमन भाभी उसके पति से पहले भी चुदवा चुकी है..

दोनो अंदर आकर बैठ गये...और अगले ही पल गुरपाल और डिंपल भी वहां पहुँच गये...सभी ड्रॉयिंग रूम के सोफे पर बैठ गये..

राहुल और गुरपाल अपनी-2 वाइफ को लेकर थोड़ा चिंतित से हो रहे थे...और उनकी ये परेशानी शशांक ने उनके चेहरे पर पड़ ली.

शशांक : "देखो दोस्तो...आजकल की लाइफ में ये सब चलता है....मीन्स इस तरह से ओपन रिलेशनशिप ...मुझे तो अपनी वाइफ के किसी भी अफेयर से कोई प्राब्लम नही है...और यही छूट उसने भी मुझे दे रखी है...और अभी कुछ देर पहले जो हम सब बाल्कनी में कर रहे थे, उसके बाद मुझे लगा की शायद तुम लोगो के विचार भी हम से मिलते है...इसलिए तुम्हे यहाँ बुला लिया...''

इतनी देर मे सुमन सबके लिए ड्रिंक्स ले आई....ये वोड्का के शॉट्स थे...सभी ने छोटे-2 ग्लास उठाए और एक साथ चियर्स बोलकर बॉटम अप कर दिया और नमक चाट कर हाथ में पकड़ा नींबू चूस डाला...और उस शॉट ने एकदम से सभी के दिमाग़ से वो तनाव दूर फेंक दिया...और सभी हल्के मूड में आ गये...

शशांक जानता था की एकदम से तो कोई भी ग्रूप सेक्स या वाइफ स्वेपिंग के लिए राज़ी नही होगा, इसलिए शुरूवात तो अपनी-2 बीबी से ही करनी पड़ेगी.

उसने सुमन को इशारा किया और वो किसी पालतू कुतिया की तरह उसके कदमो में आकर बैठ गयी...और फिर शशांक ने बड़ी ही बेशर्मी से अपनी शॉर्ट्स को नीचे करके अपना लंबा और मोटा लंड बाहर निकाल लिया...सबा और डिंपल ने अपने होंठों पर जीभ फेरी उसे देखकर...शायद वो भी उसे मुँह में लेने के सपने देख रही थी..लेकिन अभी के लिए तो वो मज़ा सिर्फ़ सुमन के हिस्से में था....

गुरपाल ने भी डिंपल के गाउन को पकड़कर उपर खींचना शुरू कर दिया...और धीरे-2 उसके सिर से घूमकर निकल फेंका...और अब वो पूरी नंगी होकर बड़ी ही बेशर्मी से किसी और के घर बैठकर, अपने पति का लंड चूस रही थी...और वो इस बात से अंजान नही थी की उसकी मोरनी की तरह उभरी हुई नंगी गांड को इस वक़्त शशांक और राहुल सॉफ-2 देख पा रहे है...



राहुल भी अब इस खेल में पीछे नही रहना चाहता था...उसने सबा को अपना लंड चूसने से रोका और उसे भी कपड़े उतारने के लिए कहा...

सबा के लिए ये पल ऐसा था जिसमे वो अपनी लाइफ के उन पलों को जी लेना चाहती थी जिसमे वो इस तरह के एग्ज़ोटिक आइडियास सोचा करती थी...वो अपने बदन को मटकाती हुई खड़ी हुई और धीरे-2 अपने शरीर को किसी क़ेबरे डाँसर की तरह लहराते हुए उसने अपनी टॉप को उतार दिया...

उसे इतने करीब से टॉपलेस देखकर एक बार फिर से शशांक कराह उठा...उसका मन तो कर रहा था की अपना लंड इसी वक़्त उसकी चूत में दे मारे...पर उसने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया हुआ था...उसके बाद सबा ने अपनी नन्ही सी शॉर्ट भी नीचे गिरा दी...और इस वक़्त वो अपने दमकते हुए नंगे शरीर की नुमाइश बड़ी ही बेशर्मी से करके बड़ी ही शान से खड़ी थी.



गुरपाल ने भी इतनी गोरी और सेक्सी औरत अपनी लाइफ में नही देखी थी....सबा को देखकर अक्सर उसके लंड में भी उम्मीदे जागा करती थी, और उसे अब इतने करीब से नंगा देखकर अंदर ही अंदर उसे चोदने की इच्छा भी बलवंत होने लगी...चाहे इसके लिए उसे अपनी बीबी को राहुल से चुदवाना ही क्यो ना पड़े..

बस उसे डर था की ऐसी अदला बदली उसकी बीबी को पसंद आएगी या नही...और अगर आ भी गयी तो राहुल और सबा भी इसके लिए राज़ी होंगे या नही...

इस तरह से खुलकर सेक्स करने के लिए और वाइफ स्वेपिंग के लिए शशांक ने उसे करीब 6-7 महीने पहले बातों ही बातों में बोला था...उस वक़्त तो गुरपाल ने उसे ये कहकर चुप करवा दिया था की वो इन बातों से दूर ही रहता है..लेकिन आज उसी शशांक के घर बैठकर ये सब करते हुए वो समझ चुका था की शशांक की वो बात कितनी सही थी की इन सबमे बहुत मजा आता है, मियां को भी और बीबी को भी ...और उन दोनो मियाँ बीबी की पहल से ही वो सब वहां इस वक़्त इकट्ठा थे...और उसे इस बात का भी पूरा विश्वास था की शशांक अपनी बीबी की अदला बदली बड़े आराम से कर लेगा..और वैसे भी,सुमन भाभी जैसी सेक्सी लेडी पूरी कॉलोनी में कोई नही थी...

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Re: एक नंबर के ठरकी

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शशांक ने सुमन की पेंटी उतार दी और उसे भी पूरा नंगा कर दिया...और उसे सोफे पर लिटा कर खुद उसके कदमो में आ बैठा...अब मज़ा लेने की बारी सुमन की थी, उसने अपनी दोनो टांगे शशांक के कंधे पर रख दी और वो अपनी जीभ लपलपाटा हुआ उसकी चूत में मुँह मारने लगा...और अगले ही पल सुमन की गर्म सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज उठा..



''आआआआआआआआआआआहह मेरे राजा.............. एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स ... चूसो .... मेरी चूत को ....... अहह साअले...............भेन चोद ............... चाट मेरी चूत को पूरा.............. चाट इसको .........''

अपने बॉस को इस तरह से गली का कुत्ता बनकर अपनी बीबी से गाली ख़ाता देखकर राहुल भी हंस दिया.ऑफीस में सभी के उपर हुकूमत चलाने वाला उसका ये बॉस इस वक़्त किसी गली के कुत्ते की तरह अपनी बीबी की चूत भी चाट रहा था और उसकी गालियां भी खा रहा था....सच में , चूत में बड़ी ताक़त होती है..

उसने भी देर करनी उचित नही समझी, और सबा को पकड़कर अपनी गोद में बिठा लिया...और एक बार फिर से अपना लंड उसकी चूत में डालकर उसे चोदने लगा..

गुरपाल ने भी डिंपल को घोड़ी बनाया और खड़ा होकर उसके पीछे से अपना लंड उसके अंदर डाल दिया...



सुमन को भी लंड लेने की ललक उठ खड़ी हुई और वो भी उछलकर सोफे से उतर गयी...और शशांक को बिठाकर खुद अपनी गांड उसकी तरफ करके उसके लंड को अपनी चूत में ले लिया...ऐसा करते हुए उसका चेहरा बाकी की चुदाइयों की तरफ भी था, जिसे वो मिस नही करना चाहती थी.

और इस तरहा से उस कमरे में चुदाई का नंगा नाच शुरू हो गया.

राहुल ने सबा के दोनो मुम्मे पकड़कर उन्हे एक-2 करके चूस डाला....उसे ऐसा करते देखकर शशांक का मन कर रहा था की काश इस वक़्त वो सबा के मुम्मे चूस रहा होता.

सबा भी उसे अपने बच्चे की तरह मुम्मा चुस्वा रही थी, कभी एक निप्पल उसके मुँह में ठूंसती और कभी दूसरा...

गुरपाल तो अपनी धन्नो की गांड को पेलते हुए उसपर चांटे भी बरसा रहा था, क्योंकि वो जानता था की ऐसा करने से डिंपल सरदारनी बहुत उत्तेजित हो जाया करती है..वो तो पहले से ही हो रही थी, राहुल के साथ तो वो चुदाई कर ही चुकी थी, शशांक के साथ चुदाई का सीन बनता देखकर वो घोड़ी की तरह हिनहिनाते हुए अपनी चूत में सरदारजी का लंड पिलवा रही थी...




घचाघच और फका फक की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था.

और जल्द ही सभी के मुँह से ओर्गास्म की किलकारियाँ निकलने लगी...और एक एक करते हुए सभी एक दूसरे के लंडों और चूतों पर ढेर होने लगे...

सबसे पहले डिंपल सरदारनी झड़ी...

''आआआआआआअहह .......... ओह पााआआआजी........................ उम्म्म्मममममममममम मज़ा आ गया.............''

और फिर सबा की बारी आई...

''आआआआआआआआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स .... माय डार्लिंग ...................... आई एम कमिंग...................''

और वो अपना गाढ़ापन उसके लंड पर छोड़कर ढीली पड़ गयी..

शशांक और सुमन तो एक साथ बरसे...



''आआआआआआआआआआआआआआआअहह ....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... डार्लिंग ................. मजाआाआअ आआआआआआ गय्ाआआआआआआआआ''

और उनके पीछे-2 राहुल और सरदारजी ने भी अपने-2 गन्ने का रस अपनी बिबीयों की चूतों में निकाल दिया...

और पूरे कमरे में गहरी सांसो के साथ -2 सेक्स की ताज़ा खुश्बू तैर गयी..

शशांक का मन अब इस खेल को अगले मुकाम पर ले जाने का था..


रात के 2 बज रहे थे...और शशांक के घर इस वक़्त सभी लोग नंगे लेटकर अपनी-2 साँसे संयम में लाने का प्रयत्न कर रहे थे...

करीब 10 मिनट के बाद शशांक उठा और अंदर से ताश की गड्डी ले आया..

गुरपाल : "ओये शशांक पाजी, ये कोई वक़्त है पत्ते खेलने का....ऐसे नशीले प्रोग्राम के बाद ये खेल तो बोरिंग सा लगेगा...''

राहुल भी बोला : "यस बॉस, मेरा भी इस वक़्त ये खेलने का कोई मन नही है....और वैसे भी हम इस हिसाब से नही आए थे,मेरी जेब में तो पैसे ही नही है...''

गुरपाल : "हांजी भाई, मेरा भी यही हाल है...''

उसने भी अपनी लूँगी उठा कर लहरा दी...

शशांक (मुस्कुराते हुए) : "फ़िक्र मत करो दोस्तो,आज हम पैसो के बदले नही बल्कि किसी और चीज़ के बदले खेलेंगे..''

उसके कहने का तरीका ही ऐसा था की उस कमरे में बैठे सभी लोगो को समझते देर नही लगी की वो क्या कहना चाहता है...आख़िरकार इस वक़्त सभी के दिमाग़ में सैक्स ही तो दौड़ रहा था.

शशांक ने पत्ते फेंटे हुए सभी के चेहरे देखे...सभी के मन में उथल पुथल चल रही थी...लेकिन कोई कुछ बोल नही रहा था.

शशांक : "अरे यारों ...सिंपल सी गेम है...जो जीतेगा, उसकी बात सभी को माननी होगी...अब आप लोग इसे खेलना चाहते हो या नही,ये आपके उपर है...मैं तो पत्ते बाँट रहा हूँ ..''

राहुल ने सबा की तरफ और गुरपाल ने डिंपल की तरफ देखा...सभी ये दाँव खेलना चाहते थे,पर अपनी तरफ से बोलकर कोई भी पहल नही कर रहा था.

अचानक सबा की तेज आवाज़ आई : "मैं तो खेलूँगी...''

और वो उठी और अपनी चिकनी गांड और मोटे मुम्मे मटकाती हुई नंगी ही जाकर शशांक के सामने बैठ गयी..

शशांक की नज़र सीधा उसकी चूत पर गयी,जिसमें से अभी भी राहुल के लंड का सफेद पानी रिस रहा था...और साथ ही साथ उसने उसके गोरे मुम्मे भी ताड़ लिए,जिसके निप्पल ना जाने क्यो शशांक की नज़र पड़ते ही फेलकर अपनी औकात में आकर बड़े हो गये...

सबा की देखा देखी डिंपल भी उठकर आ गयी और सुमन की बगल में बैठ गयी...राहुल और गुरपाल भी अपने-2 ठुल्लु लटकाते हुए सामने आ गये..

शशांक ने बिना कोई भूमिका बाँधे सभी के सामने पत्ते फेंक दिए...

और बोला : "इस गेम में कोई चाल नही चलेगा...क्योंकि उसका कोई फायदा नही है...जिसके पत्ते बड़े होंगे वो जीत जाएगा..और जो जीतेगा,वो अपनी मर्ज़ी करेगा..''

इतना कहकर उसने अपने पत्ते उठाकर सभी के सामने रख दिए..उसके पास बादशाह के साथ 3,7 नंबर आए थे.

राहुल ने अपने पत्ते पलट दिए, उसके पास इकके के साथ 9,10 आया था.

यानी अभी तक राहुल जीत रहा था, उसके इकके को देखकर और राहुल के लटक रहे लंड को देखकर डिंपल के मन से बस यही दुआ निकल रही थी की या तो राहुल जीते या फिर वो खुद,ताकि वो उसके लंड को चूसकर अपनी प्यास बुझा सके.

लेकिन उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया जब सबा ने अपने पत्ते सबके सामने पलटे , उसके पास 9 का पेयर आया था, जिसे देखकर वो खुशी से उछल पड़ी...और साथ ही उछले उसके मुम्मे भी,जिन्हे देखकर गुरपाल और शशांक के लंड धीरे-2 खड़े होने लगे..

अगला नंबर गुरपाल का था, उसके पत्तों की शायद दुश्मनी थी उसके साथ, अभी भी उसके पास सबसे बड़ा पत्ता 10 ही आया था..लेकिन इस वक़्त उसे उतना गुस्सा नही आया जितना सुबह आ रहा था, क्योंकि यहाँ जो भी जीते,उसे उम्मीद थी की जीतने वाली अगर लड़की हुई तो उसके लंड को नजरअंदाज नही कर पाएगी...इसलिए उसने अपने पत्ते साइड में रखकर अपने लंड को मसलना शुरू कर दिया...और वो भी इतनी बेशरमी से की सबा की नज़रें जब उसपर पड़ी तो वो भी हँसे बिना नही रह सकी...लेकिन जब उसके खुंखार लंड को देखा तो वो हँसी एक सिसकारी में बदल गयी, जो उसके होंठों से होती हुई उसकी चूत तक पहुँचकर उसे गीला कर गयी.

डिंपल का नंबर आया, उसने भी अपने पत्ते देखे, उसके पास भी पेयर आया था, लेकिन सबा से छोटा, 7 का पेयर...यानी अभी तक तो सबा ही जीत रही थी...और किसी को नही पता था की जीतने के बाद वो किसके उपर मेहरबान होगी.

सुमन ने पत्ते देखे, और सभी को ये देखकर आश्चर्या हुआ की उसके पास भी पेयर आया था, लेकिन 4 का, यानी तीनों लेडीज़ के पास पेयर आए थे,और सबसे बड़े पत्ते लेकर सबा ये गेम जीत चुकी थी.

शशांक ने सबा की तरफ हाथ बढ़ाया और उसके नर्म हाथों को पीसता हुआ उसे बधाई देता हुआ बोला : "मुबारक हो सबा...तुम जीत गयी...अब तुम अपनी मर्ज़ी से कुछ भी कर सकती हो...''

सभी को मालूम था की यहाँ 'कुछ भी' का मतलब सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही है

सबा कुछ देर तक चुप रही और फिर बोली : "वैसे देखा जाए तो हम तीनों के पास पेयर आया था और हम तीनो ही जीते हुए माने जाएँगे...''

उसका मतलब समझकर शशांक तपाक से बोला : "हाँ , तो ठीक है ना, आप तीनों ही जीते हुए माने जाओगे, तुम तीनो एक-2 करके अपनी-2 विश बोलो...''

सुमन और डिंपल ने मुस्कुराते हुए सबा को देखा और उसे आँखो ही आँखो में थेंक्स कहा.

सबा (सुमन की तरफ देखकर) : "सुमन भाभी, आप ही शुरू करिए ना...''

उसे शायद थोड़ी झिझक सी हो रही थी...सुमन ने भी मना नही किया, वो तो इस मौके पर झपट ही पड़ी, और बोली : "मैं चाहती हूँ की गुरपाल जी मुझे उपर से नीचे तक सक्क करे...''

सक्क तो सिर्फ कहने की बात थी, असल में उसका मतलब फक्क से था

डिंपल का दिल धक्क से रह गया...आज उसे अपने पति को किसी और के साथ शेयर करना था...ये उसके लिए किसी बड़े धक्के से कम नही था..लेकिन वो भी तो किसी और के साथ मज़े लेगी, ये सोचकर उसने अपनी दिल को थोड़ी तसल्ली दी.

गुरपाल ने डिंपल की तरफ देखा और सबा ने आँखो ही आँखो में उसे इशारा करके सुमन के पास जाने की इजाजत दे दी...

अब सबा का नंबर था, आख़िरकार वो जीती हुई थी,सबसे आख़िर में मौका लेकर वो बचा हुआ माल नही लेना चाहती थी.

और वैसे भी अब चाय्स तो सॉफ ही थी,सामने राहुल और शशांक ही बचे थे, अपने पति से तो वो मज़े ले ही चुकी थी,और अब वो बाहर का मज़ा लेना चाहती थी,उसने शशांक की तरफ देखते हुए कहा : "मैं चाहती हूँ की राहुल के बॉस, यानी शशांक मेरे सामने बैठकर ,एक डॉग की तरह, मेरी पुस्सी को चाटें ...जैसे वो सुमन भाभी की चाट रहे थे...''

अपनी पत्नी के मुँह से ऐसे शब्द सुनकर राहुल की आँखे भी फैल गयी...आज उसकी बीबी उसके बॉस के साथ सैक्स परफॉर्म करेगी , और उसे वो कुत्ता बनाकर अपनी मीठी चूत चूसने के लिए बोल रही थी..कही शशांक को सबा का ये रवेय्या बुरा लग गया तो उसकी नौकरी पर मुसीबत आ जाएगी...

लेकिन शशांक तो सच में कुत्ता बन गया, क्योंकि सबा की बात पूरी होते ही शशांक अपने घुटनो और हाथों के बल चलता हुआ, भौ-भौ की आवाज करता हुआ, किसी कुत्ते की तरह सबा के पास आया और उसके पैरों को चाटने लगा..

ये देखकर सभी की हँसी निकल गयी...

और आख़िर में डिंपल के हिस्से में आया राहुल, और डिंपल को अगर पहला मौका भी मिलता, तब भी वो राहुल का ही नाम लेती...इसलिए वो राहुल के पास खुद ही चल दी और सीधा जाकर उसकी गोद में बैठ गयी

और बोली : "और मैं चाहती हूँ की राहुल मेरे बूब्स को किसी नन्हे बच्चे की तरह पी डाले, इसमें से निकले या ना निकले, लेकिन दूध निकालने की पूरी कोशिश करे''
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Re: एक नंबर के ठरकी

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राहुल के हाथ सीधा उसके मुम्मों पर आए और उन्हे दबोच कर उसने निचोड़ डाला और डिंपल उसके इस हमले से किसी घायल शेरनी की तरह चीख पड़ी

''आआआआआआआआआआआआआआहह.... राहुल.................... उम्म्म्ममममममममम.... सककककक मिईिइ....''

और उसने अपना बड़ा वाला मुम्मा पकड़कर राहुल के मुँह में ठूस दिया..

राहुल ने जब उसके मुम्मे को पकड़कर पीना शुरू किया तो उसकी नज़रें सबा से जा मिली, जो बड़े ही गौर से उन दोनो को देख रही थी...लेकिन उन्हे देखते-2 अचानक उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गयी..क्योंकि कुत्ते की तरह उसके पैर चाटने के बाद शशांक ने अपनी गर्म जीभ से सबा की चूत पर हमला बोल दिया था ...मीठी और रसीली चूत की दुकान में जैसे आग सी लग गयी...सबा ने अपने गोल होंठों से लार टपकाते हुए नीचे देखा और शशांक के बालों को पकड़कर उसे अपनी चूत पर उपर से नीचे तक किसी पोछे की तरह इस्तेमाल कर डाला...शशांक भी अपनी जीभ से उसकी चूत और आस पास के हिस्से को चाटते हुए अपने आप को बड़ा खुशनसीब समझ रहा था...भले ही काम कुत्ते वाला कर रहा था वो लेकिन मज़ा उसे किसी राजा की तरह मिल रहा था.

सबा की चूत में से निकल रही खुश्बू ने तो शशांक को मदहोश सा कर दिया था, ऐसी खुश्बू उसने आज से करीब 10 साल पहले ऐसी ही एक स्वेपिंग वाली महफ़िल में सूँघी थी, उस वक़्त उसके हिस्से में एक नयी नवेली दुल्हन आई थी, जिसकी शादी को सिर्फ़ एक महीना ही हुआ था, उसके पति ने किसी तरह से उसे स्वेपिंग के लिए राज़ी कर लिया था और तब उसने उस हूर परी की चूत चूसी थी, उसके बाद वो 10 सालों तक वैसी ही खुश्बू सूंघने के लिए तरसता सा रह गया था, और जब से उसने सबा को देखा था उसे ना जाने ये विश्वास सा हो गया था की हो ना हो,उसकी चूत की खुश्बू भी वैसी ही होगी जैसी उसने 10 साल पहले सूँघी थी, और उसका अंदाज़ा सही निकला था, उस खुश्बू ने उसके उपर कोई नशा सा कर दिया था, उसकी आँखे बोझिल सी हो रही थी उसे सूँघकर...और वो बस अपनी लंबी जीभ निकाल कर उसे पागलों की तरह चूसे जा रहा था....चूसे जा रहा था.

गुरपाल भी सुमन के पैरों से शुरू होकर धीरे-२ अपनी लार से उसे नहलाता हुआ ऊपर जा रहा था, रास्ते में उसकी चूत की घाटी आई, जिसमे से नरम बर्फ समेत कर वो ऊपर आया, गहरी नाभि को भी उसने करीब पांच मिनट तक चुभलाया, और फिर सपाट पेट पर जीभ रगड़ता हुआ जब वो उसके पर्वतों पर चढ़ा तो अपनी उत्तेजना के परवान में मचलकर चीख ही पड़ी, और उसने एक ही झटके में उसे ऊपर खींचकर इतने जोर से चूमा की सरदारजी भी उसके जोश के कायल हो उठे, और समझ गए की आज की रात जो चुदाई होने वाली है उसमे बहुत मजा आने वाला है.




गुरपाल इस वक़्त पूरा का पूरा सुमन के कोमल शरीर के उपर था, गुरपाल के पहाड़ जैसे शरीर के नीचे दबकर सुमन तो दिखाई ही नही दे रही थी...लेकिन उसकी सिसकारिया सबसे तेज थी जो उसकी उपस्थितती का एहसास दिला रही थी.

और फिर उसने कुछ ऐसा किया की उसके बदले गुरपाल की सिसकारिया निकलने लगी...सुमन ने मच्छी की तरह मचलते हुए गुरपाल की छाती पर चमक रहे निप्पल को मुँह में लेकर उसे पीना शुरू कर दिया, जैसे मर्द चूसते है वो भी वैसे ही चूसने की कोशिश करने आगी, और उसकी इस कोशिश की वजह से गुरपाल की हालत खराब हो गयी..वो बुरी तरह से सिसकार उठा.

''आआआआआआआआआआआहह सुमन भाभी....................... उम्म्म्ममममममममम मज़ा आ गया............ ज़ोर से चूसो....''

दूसरी तरफ राहुल से अपना मुम्मा चुस्वा रही डिंपल ने जब अपने पति की ये बात सुनी तो उसने सुमन की तरफ देखा की ऐसा वो क्या कर रही है जो अपनी ही मस्ती में चुदाई करने वाला गुरपाल इस तरह से सिसकारियां मार रहा है..और सुमन को उसके निप्पल चूसता देखकर वो समझ गयी की अगली बार उसे गुरपाल को इतना उत्तेजित करने के लिए क्या करना है.

राहुल ने अपने दाँतों से उसके निप्पल को पकड़ा और ज़ोर से काट लिया..

''उफफफफफफफफफफफफ्फ़.... बदमाश राहुल..... धीरे करो..... काट कर निकाल लोगे क्या इन्हे..... धीरे-2 चूसो.... आराम से.....''

इतना कहकर उसने अपना दूसरा मुम्मा पकड़ कर उसके मुँह में दे दिया..वो दोनों मुम्मों को सामान अधिकार देना चाहती थी, सिर्फ एक ही को चुस्वाकर दूसरे के साथ भेदभाव नहीं करना चाहती थी



उधर सबा अपनी जिंदगी का सबसे हसीन पल जी रही थी, उसके पति का बॉस इस वक़्त किसी कुत्ते की तरह उसके सामने बैठकर अपनी लंबी और गर्म जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था, ऐसे मजे और गुरूर की भावना उसने आज तक महसूस नही की थी, वो शशांक के बालों को पकड़कर अपनी चूत में दबाती हुई ज़ोर से चिल्लाई : "चूस साले.... और ज़ोर से चूस.... जीभ डाल अंदर.....गांड भी चूस..... चाट वहां से......आआआआआआअहह येसस्स्स्स्स्स्सस्स....''



राहुल जो थोड़ी ही दूर बैठकर सरदारनी के मुम्मे चूस रहा था,अपनी बीबी की ये बात सुनकर शर्मिंदा सा हो गया, क्योंकि ना तो उसने और ना ही किसी और ने आज तक सबा का ये रूप देखा था...एक दम बाजारू औरत की तरह बिहेव कर रही थी वो...लेकिन मौका ही ऐसा था..ये वो हमाम था जिसमे आज सब नंगे थे और अपनी मर्ज़ी का कुछ भी कर सकते थे.

गुरपाल ने मचलते हुए अपना लंड सुमन की चूत के उपर रख दिया और वो कब सरककर अंदर घुस गया उनमे से किसी को भी पता नही चला.

और अगले ही पल दोनो किसी मशीन की तरह एक जबरदस्त चुदाई में व्यस्त हो गये..



गुरपाल ने सुमन की दोनो टांगे उठा कर जोरो से उसकी चूत मारनी शुरू कर दी...और वो भी उसकी घने बालों वाली छाती में उंगलियाँ फेरती हुई उसे ज़ोर-2 से चोदने के लिए उत्साहित कर रही थी...आख़िरकार वो उनकी सोसायटी का सबसे तगड़ा आदमी जो था.

''आआआआआआहह गुरपाल.................ज़ोर से आआआआआ...... सस्स्स्स्स्स्स्सस्स... ओह्ह माय .....गॉड .......... उम्म्म्मम....... सस्सस्स..... ज़ोर से..... अहह अहह''

शशांक ने अपनी बीबी को इस तरह से चूड़ते देखा और उसके चेहरे पर एक स्माइल सी आ गयी, और सबा ने जब उसे ऐसे हंसते हुए देखा तो वो धीरे से बोली : "ऐसे ही हंसते रहोगे या कुछ करोगे भी...''

उसकी चूत में अब बुरी तरह से खुजली होने लगी थी जो अब जीभ की चुस्वाई से मिटने वाली नही थी.

शशांक भी बड़ा घाग किस्म का बंदा था, वो उसकी चूत में उंगली डालकर उसे हिलाता हुआ बोला : "ये लो...कर तो रहा हू...और क्या करू...''

सबा समझ गयी की शशांक उसे कुत्ता बनाने का बदला ले रहा है , इस तरह उसे सताकर.

सबा ने शशांक की उंगली अपनी चूत से निकाली और अपने मुँह मे लेजाकर चूस डाली और बड़े ही सेक्सी स्वर में बोली : "इस उंगली से इसका कुछ नही होने वाला....अपना लंड डालो इसमें ...लंड .''

वो बहुत धीरे-2 ये सब बोल रही थी, उसकी आवाज़ में वो तेज़ी नही थी जो अभी कुछ देर पहले तक थी.

शशांक : "बोलो तो सही...क्या डालू , किसमें डालू ...''

इस बात ने तो जैसे सबा के अंदर की चुदक्कड़ को जगा सा दिया...उसने शशांक के बालों को एक तेज झटके में पकड़ा और ज़ोर से चिल्लाई : "चूत में डाल साले , अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल और चोद मुझे...अब समझा मादरचोद ...''

उसके कहने का तरीका ही इतना क्यूट सा था की कमरे मे मोजूद सभी लोग हंस पड़े...और शशांक भी हंसता हुआ उसकी बाजू पकड़ कर उसे पलंग तक ले गया और उसपर लिटाता हुआ बोला : "चल आजा फिर...आज मैं तुझे दिखाता हू की असली चुदाई क्या होती है...''

सबा भी अपनी चूत फेला कर उसकी सामने लेट गयी...लेकिन शशांक उसमे लंड डालने से पहले अपनी अलमारी तक गया और एक तेल की शीशी निकाल कर उसने वो तेल अपने लंड पर रगड़ लिया.

ये देखकर अपनी चूत में सरदारजी का लंड लेती हुई सुमन मुस्कुराइ और हाँफती हुई सी आवाज़ में बोली : "आज तो तू गयी सबा...''

सबा की समझ में भी नही आ रहा था की ये आख़िर क्या लगाया है शशांक ने अपने लिंग पर...क्या कोई जादुई तेल है...किसी बंगाली बाबा से लाया है क्या...पर ये सब विचार उसके जहन में ही रह गये क्योंकि शशांक ने उसकी चूत पर अपना लंड लगा दिया था...और बोला : "आर यू रेडी फॉर द राइड...''

सबा ने कुछ नही कहा बल्कि उसकी गांड पर अपनी टांगे लपेट कर उसे अंदर खींच लिया...और उसके लंड का टोपा उसकी चूत में फँस गया...जैसे ही शशांक के लंड ने उसके अंदर 1 इंच के करीब प्रवेश किया, उसे अपनी चूत में जलन का एहसास हुआ...ऐसा लगा जैसे अंदरुनी दीवारों पर कोई चिंटी रेंग रही है...जो अब लंड की रगड़ से ही दूर होगी...इसलिए उसने बाकी के बचे हुए लंड को अंदर लेने के लिए और ज़ोर लगाया और अगले झटके में उसने आधे से ज़्यादा लंड ले लिया..उसका राहुल से थोड़ा मोटा भी था, इसलिए कुछ ज़्यादा ही खिंचाव के साथ वो अंदर जा रहा था, और अंदर जाते हुए एक अजीब सा सेंसेशन भी मिल रहा था उसे...



सबा ज़ोर से कसमसाई : "उम्म्म्ममममममममममममम...... शशांक....... उफफफफफफफ्फ़.... क्या लंड है...... ऐसा मज़ा तो आज तक नही मिला मुझे''

एक पति के लिए ये सुनना बहुत बड़े धक्के के समान होता है, शादी से लेकर आज तक राहुल ने उसकी चूत लगभग रोज बजाई थी, और हर बार उसे इतना संतुष्ट किया था की राहुल को खुद पर गर्व होता था की इतनी गर्म औरत को अपने लंड से ठंडा करने का साहस है उसके और उसके छोटे सिपाही में ..लेकिन आज उसी सबा ने भरी सभा में ये एलान कर डाला था की आज से पहले उसे इतना मज़ा नही मिला है, ये एक खुददार पति के लिए मर जाने लायक बात थी...

लेकिन राहुल को अच्छी तरह से पता था की इस वक़्त सबा पर सैक्स का भूत सवार है, ऐसे मे वो कुछ भी बड़बड़ाएगी ...इसलिए उसने उसे इग्नोर किया...लेकिन जो गुस्सा उसके अंदर आ रहा था उसने उसे सरदारनी के उपर निकालने की सोची, और एक ही झटके में उसे घोड़ी बना दिया, और उसकी तरबूज जैसी गांड पर हाथ फेरने लगा..

सरदारनी भी अपना मुँह तकिये मे घुसा कर चिल्लाई : "येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स... राहुल....डाल दे अपना मूसल आज मेरी गांड में ....मार ले मेरी पीछे से मेरी गांड ....''

अब चौंकने की बारी सबा और राहुल की थी...सबा तो अच्छी तरह से जानती थी की राहुल को गांड मारने की कब से इच्छा है, और आज ही सबा ने उसे प्रोमिस किया था की वो उसकी गांड मार सकता है, लेकिन इसी बीच ये सब हो गया तो उन्हे गांड मारने का मौका ही नही मिला...लेकिन अब राहुल के सामने अपनी गांड फेला कर लेटी हुई सरदारनी ने जब ये कहा तो राहुल के मुँह में पानी आ गया....वो अपने आपको रोक नही पाया...उसने सोचा : "कल तो सबा की गांड मारनी ही है, आज सरदारनी की मारकर उसकी प्रैक्टिस ही कर लेता हूँ ...''

इतना सोचकर उसने अपने लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और उसे डिंपल के पिछले छेद में टीका दिया..और फिर तरबूज के दोनो हिस्सों को फेला कर उसने थोड़ा और चोडा किया और एक ज़ोरदार झटके के साथ उसकी गांड में दाखिल हो गया...
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Rohit Kapoor
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Rohit Kapoor »

बहुत बढ़िया रसभरी कहानी
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