अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete

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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

shubhs wrote: 18 Nov 2017 11:38 देखो क्या मिलेगा


bahut kuch milega dost
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

7:00 बजे सभी मेहमान आ चुके थे और सभी अमन का इंतजार कर रहे थे, खास तौर पे रेहाना। पर अमन था कि लड़कियों की तरह तैयार हो रहा था। जब वो अपने रूम से बाहर आया तो सब उसे देखते ही रह गए। अमन ब्लैक जीन्स, स्काइ ब्लू शट़ और उसपे जैकेट पहने किसी राजकुमार की तरह लग रहा था। और उसकी चौड़ी छाती उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा रही थी।

सबसे पहले रेहाना उसके पास आती है, और अमन को गले लगाकर मुबारक बाद देती है-“धीरे से अमन के कान में हैपी बर्थ-डे जानू…” कहती है।

अमन रेहाना को बाहों में ले लेता है, पर उसका दबाव कुछ ज्यादा था जिससे रेहाना की चुचियाँ उसकी चौड़ी छाती में धँस जाती हैं।
हीना-अरे भाई, हमें भी मिलने दो।

अमन-खाला जान, आप कितनी प्यारी लग रही हैं?

हीना जाकई में बहुत खूबसूरत लग रही थी किसी 20 साल की लड़की की तरह-“आ जा मेरा बच्चा…” और हीना अमन को अपने गले से लगा लेती है-“साल गिरह बहुत-बहुत मुबारक हो बेटा…”

अमन हीना को अपने गले लगा लेता है। हीना उससे थोड़ी छोटी थी इसलिये अमन उसे गले लगाकर ऊपर उठा लेता है, और कस लेता है। जिससे हीना की सुडौल चुचियाँ अमन की छाती में धँस गई थीं।

हीना ‘अह्म्मह’ की एक हल्की सी सिसकी के साथ अमन को घूरते हुए-“तुम सच में बड़े हो गये हो अमन…”

अमन-“हाहाहाहा… खाला जान…” और एक बार और कस के हीना को कस लेता है।

ये सिर्फ़ कुछ सेकेंड की बात थी पर इसकी वजह से तीन लोग बहुत बुरी तरह से जल-भुन गये थे, रजिया, रेहाना और अनुम।

फिर सभी अमन से बारी-बारी मिलते हैं। पर अमन की नज़र हीना की बेटी शीबा पे जाकर रुकी। शीबा एक बेहद हसीन 18 साल की जवान लड़की थी, गुलाबी होंठ, पतली कमर, थोड़े सी छाती बाहर, और जब वो हँसती थी तो उसके गालों में पड़ते गड्ढे, अमन को पागल बना रहे थे। जब शीबा अमन के गले लगी तो अमन ने वहीं किया जो उसने रेहाना और हीना के साथ किया था।
शीबा थोड़ा गुस्सा हो जाती है, और अमन को खा जाने वाली नज़रों से देखने लगती है।

सभी ने अमन को गले लगाकर विश किया और अच्छे अच्छे गिफ्ट भी दिए। रेहाना थोड़ी जेलस थी, शायद वजह ये थी की आज अमन ने उसपे कुछ खास ध्यान नहीं दिया था। रेहाना तो चाहती थी कि इस वक्त यहाँ कोई ना हो, सिर्फ़ वो हो और अमन हों।

पार्टी भी हुई, अमन ने केक भी काटा और सभी को खिलाया भी। डिनर के बाद सभी हाल में बैठे बातें कर रहे थे। पर अमन उसकी अम्मी रजिया को घूर रहा था, क्योंकी रजिया ने अमन को कोई गिफ्ट नहीं दी थी।

11:00 बजे तो सबसे पहले हीना और शीबा ने, फिर रेहाना ने रजिया को अच्छी पार्टी और डिनर के लिये शुकिया कहा और अपने घर की तरफ चली गई।
अनुम और फ़िज़ा किचिन में रजिया के साथ सफाई कर रही थीं।

फ़िज़ा ने रजिया से कहा-“बड़ी अम्मी, आज अनुम दीदी हमारे घर रुक सकती हैं? मुझे उनसे कुछ नोटस की डिस्कशन करनी है…”
रजिया कुछ सोचते हुए-“बिल्कुल बेटा, ये भी कोई पूछने वाली बात है?”

कुछ देर बाद अनुम फ़िज़ा के साथ उनके घर चली जाती है। अब घर में सिर्फ़ रजिया और अमन थे। अमन सोफे पे बैठा अपनी गिफ्ट्स देख रहा था और रजिया किचिन में साफ बरतन शेल्फ में लगा चुकी थी। रजिया अमन के पास सोफे पे आकर बैठ जाती है।

अमन उसे उदास चेहरे से देखती हुए-“अम्मी, आपने मुझे कोई गिफ्ट नहीं दिया, ना ही वो प्रोमिस, वो आपने मुझसे किया था।

रजिया-“ह्म्मम्म्म्म… तो अमन को अपना गिफ्ट चाहिए?”

अमन खुश होते हुए-हाँ हाँ चाहिए।

रजिया अमन के सर को पकड़कर अपनी तरफ घुमाते हुए उसके आँखों में देखते हुए-“उसके लिये तुम्हें थोड़ा सा इंतजार करना पड़ेगा…”
अमन-“और इंतजार नहीं ना होता…”

रजिया-“इतना इंतजार किए और थोड़ा नहीं कर सकते?”

अमन-ठीक है।

रजिया सोफे से उठते हुए-“अमन यहीं बैठो, और जब तक मैं ना बुलाऊँ, मेरे रूम में मत आना…”
अमन-“ओके…”

रजिया अपने रूम में चली जाती है। तकरीबन आधे घंटे बाद अमन परेशान होने लगता है। उसे लगने लगता है कि रजिया ने उसे बेवकूफ़ बनाया और सोने चली गई। अमन उठकर रजिया के रूम में जाकर देखने का सोचता है।

तभी रजिया की आवाज़-“अमन, यहाँ आओ…”

अमन खुशी के मारे दौड़ता हुआ रजिया के रूम में चला जाता है। रूम की लाइट आफ थी और एक अजीब से रूम फ्रेशनर की खुश्बू उसे चौंका देती है। अमन लाइट ओन कर देता है, और वो सामने उसे दिखाई देता है… वो तो उसने अपने ख्वाब में भी नहीं देखा होगा ना कभी सोचा था।

रजिया लाल रंग की साड़ी में बेड के बीचो-बीच दुल्हन बनी बैठी थी। बेड पे गुलाब की पंखुड़ियाँ फैली हुई थीं और रजिया सर पे घूँघट डाले बैठी थी। अमन का मुँह खुला का खुला रह जाता है, और वो कुछ सेकेंड के लिये जैसे कोमा में चला गया था।

जब अमन कोई रेस्पॉन्स नहीं देता तो रजिया उसे आवाज़ देती है-“यहाँ आइए ना…”

अमन खुशी और जोश में बेड पे जाकर बैठ जाता है, और धीरे-धीरे रजिया का घूँघट उठा देता है। रजिया किसी 18 साल की जवान दुल्हन की तरह लग रही थी, होंठों पे हल्की सी लाल लिपिस्टिक, हल्का सा मेकअप, बाल खुले हुए और होंठों पे आने वाले लम्हों की खुशी साफ-साफ दिखाई दे रही थी। अमन रजिया का चेहरा ऊपर

उठाता है। अमन जान चुका था कि रजिया आज से उसकी दुल्हन है। इसीलिये वो भी उसे दुल्हन की तरह ट्रीट करना चाहता था।
अमन-ऊपर देखो रजिया।

रजिया अपनी नज़रें ऊपर उठाते हुए-“एक बार और कहो ना…”

अमन-क्या?

रजिया-“मेरा नाम आपके मुँह से कितना अच्छा लगता है…”

अमन-“रजिया… रजिया… रजिया मेरी जान…” और अमन रजिया के गुलाबी होंठों पे अपने होंठ रख देता है। दोनों माँ बेटे एक दूसरे की बाँहों में आ जाते है। इस पल का दोनों को बेसबरी से इंतजार था। दोनों को कोई जल्दी नहीं थी। दोनों किसी बिछड़े प्रेमी के तरह एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे।
अमन रजिया की ठोड़ी ऊपर उठते हुए अपनी जीभ रजिया के मुँह में डालने लगता है।

रजिया-“गलप्प्प-गलप्प्प मआह्म्मह… मुअह्म्मह… हुंन्ह…” और रजिया अमन को कस लेती है।

अमन-“मआह्म्मह… मुअह्म्मह… अया… रजिया मेरी दुल्हन आह्म्मह…”

रजिया-“हाँ हाँ अमन… आपकी दुल्हन… आंह्म्मह आज से आपकी हुई… आह्म्मह… लगा दो मुझपे अपनी मुहर उंह्म्मह… मुउह्म्मह…”

अमन तो जैसे पागल हुए जा रहा था-“हाँ रज्जो, मेरी जान आज से तू मेरी है। आह्म्मह… सिर्फ़ मेरी…” फिर अमन रजिया का आँचल निकाल देता है, और अपना हाथ पीछे लेजाकर रजिया का ब्लाउज खोल देता है। आज रजिया अमन को किसी भी बात के लिये रोकने वाली नहीं थी।

जिस दिन अमन ने रजिया को पहली बार किस किया था उसी वक्त रजिया के दिल में अमन के लिये प्यार की कली ने सर उठा लिया था। उस दिन से वो अमन को अपना बेटा नहीं, बल्की अपने बेटे से कहीं ज्यादा मान चुकी थी।
अमन रजिया की ब्रा खोल चुका था, कहा-“रज्जो खड़ी हो…”

रजिया जल्दी से खड़ी हो गई। अमन ने रजिया की साड़ी की गाँठ सामने से निकाल दे और साथ ही उसके लहंगे का नाड़ा भी खींच लिया लहंगा नीचे गिरते ही रजिया नंगी हो गई क्योंकी उसने पैंटी नहीं पहनी थी। रजिया ‘अह्म्मह’ करती है और शरम के मारे अमन से चिपक जाती है। अमन अपना हाथ नीचे लेजाकर रजिया की चूत सहलाने लगता है।

रजिया-“उंह्म्मह… उंन्ह… अमन्न्न उंह्म्मह…” 37

अमन रजिया के बाल पकड़कर खींचता है, जिससे रजिया का सर ऊपर उठ जाता है। अमन उसकी आँखों में देखते हुए-“साली नाम लेती हैं? मेरे जानू बोल…”

रजिया-“हाँ हाँ जानू… मेरे जानू अह्म्मह… उंह्म्मह…”

अमन-“चल मुझे नंगा कर… कर जल्दी…”

रजिया अमन की शट़ उतार देती है। उसके हाथ काँप रहे थे।
अमन थोड़ा तेज आवाज़ में-“पैंट कौन उतारेगा? तेरी बहन?”

रजिया पैंट उतारते हुये-“गुस्सा क्यों होते हो?” और रजिया अमन की पैंट उतार के नीचे कर देती है।

पैंट नीचे उतरते ही अमन का लण्ड अंडरवेअर में तन जाता है। फिर ‘अह्म्मह’ करके रजिया अमन के लण्ड को अंडरवेअर के ऊपर से पकड़ लेती है।
अमन-“अह्म्मह… रज्जीऊऊऊ…”

रजिया अंडरवेअर भी नीचे कर देती है-“अह्म्मह… जानूऊउ…”

अमन रजिया का कंधा पकड़कर नीचे बैठा देता है-“चल मुँह खोल…”

रजिया मुँह खोल देती है। और अमन अपना लण्ड रजिया के मुँह में डाल देता है।

रजिया-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह… उंह्म्मह…” तभी रजिया का फोन बजता है।

अमन फोन देखते हुए-“अब्बू का फोन है…”

रजिया कोई जवाब नहीं देती, वो तो बस अमन के लण्ड को मुँह की गहराईयों में उतारती चली गई थी-“गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन-हेल्लो।

अमन के अब्बू-“अमन, हैपी बर्थ-डे बेटा। कैसे हो?”

अमन-“अह्म्मह… मैं ठीक हूँ अब्बू…”

अमन के अब्बू-अरे, क्या हुआ? तुम्हारी आवाज़ लड़खड़ा क्यों रही है?”

अमन-“ अब्बू कुछ नहीं अब्बू… आपका फोन उठाने भागता हुये आया ना इसलिये साँस फूल गई है…”

रजिया उसके मुँह में लण्ड लिये देखती हुई लण्ड को दाँतों से थोड़ा दबाती है।

अमन-“अह्म्मह…” और अमन रजिया के बाल पकड़कर खींचता है।

अमन के अब्बू-तुम ठीक तो हो ना बेटा?

अमन-“जी… जी अब्बू… वो पैर पे सोफा लग गया, अंधेरा है ना हाल में…”

अमन के अब्बू-अच्छा… तुम्हारी अम्मी कहाँ हैं?

अमन-“ वूऊऊ सो गई हैं अब्बू…”

अमन के अब्बू-“अच्छा ठीक है। सुनो, मैं और तुम्हारे चाचू 10 दिन बाद इंडिया आ रहे हैं…”

अमन-ठीक है अब्बू… मैं अम्मी से बोल दूंगा। बैटरी लो है, बाद में बात करता हूँ। बाययी…” और अमन फोन रख देता है।
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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अमन-“अह्म्मह… साली अपने शौहर से बात नहीं करनी तूने?”

रजिया-“उंह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प… वो मेरा शौहर नहीं है, मेरा शौहर ये है। गलप्प्प-गलप्प्प जिसका मैं लण्ड चूस रही हून्न गलप्प्प…”

अमन-“अह्म्मह… साली, तुझे तो मैं बताता हूँ…” फिर अमन रजिया का सिर एक हाथ से पकड़ लेता है, और दूसरे हाथ से रजिया की नाक दबा देता है, और जोर से लण्ड उसके मुँह में पेल देता है, गले तक…”

रजिया-“गूँ-गूँ घुऊउ उंह्म्मह… घूँ-घून्न-घून्न…” रजिया का चेहरा लाल हो जाता है। आँखें बाहर की तरफ आने लगती हैं। साँस रुकने से वो काँपने लगती है।

अमन-“ले अह्म्मह…” और अमन जोर से अंदर-बाहर करने लगता है।

रजिया-“घून्न-घून्न-घून्न उंह्म्मह…” और रजिया की राल गिरने लगती है, वो रजिया की जांघों पे गिर रही थी।

अमन नाक छोड़ देता है।

रजिया-“अह्म्मह… अह्म्मह…” लंबी-लंबी सांसें लेने लगती है-“अह्म्मह… जानू, मारने का इरादा है क्या?”

अमन-“नहीं… रगड़कर चोदने का…” और फिर से अपना लण्ड रजिया की चूत में पेल ने लगता है।

रजिया-“उंह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह… ओह्म्मह… उंह्म्मह… जानूउ…”

अमन रजिया के मुँह से लण्ड निकालकर उसे गोद में उठा लेता है, और बेड पे पटक देता है। अब रजिया बेड पे पूरी नंगी पड़ी थी और पैर खुले हुए थे। अमन उसके पैरों के पास आ जाता है, और रजिया की चूत देखने लगता है। वो बिल्कुल गुलाबी थी, चूत के होंठ पतले अंदर की तरफ मुड़े हुए थे। ऐसा लगता था, जैसे ये रजिया की पहली चुदाई हो। जोश की वजह से रजिया की चूत के होंठ थरथरा रहे थे जैसे उसे बस जल्द से जल्द लण्ड चाहिए।

रजिया-क्या देख रहे हो जी?

अमन रजिया की चूत पे झुकता चला जाता है, और उसकी चूत पे अपनी जीभ रख देता है।

रजिया अपनी गाण्ड ऊपर उठाते हुए-अम्मीईई अह्म्मह… जानू क्या जी… उंह्म्मह… अह्म्मह… उंह्म्मह…” और रजिया बेडशीट को कसकर पकड़ लेती है-उंह्म्मह अमन्नन् उंह्म्मह…”
अमन पागलों की तरह रजिया की चूत चाटता जा रहा था-“गलप्प्प मुआह्म्मह… गलप्प्प मुआह… गलप्प्पप मुआह्म्मह…”

रजिया-“जानू, मैं मर जाऊँगी अह्म्मह…” शायद पहले कभी भी रजिया की चूत को किसी ने नहीं चाटा था। रजिया जोर-जोर से कमर उछालने लगती है। उसका बदन ऐंठ जाता है। और उसकी चूत से पानी की फुहार निकल जाती है। रजिया अमन के सर को अपनी चूत पे दबाते हुए-“अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह…”

अमन पहली बार चूत का पानी चाट रहा था-“ओह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”

रजिया ठंडे होने की बजाए और जोश में आ चुकी थी-“ सुनिए … सुनिए ना जी… जानू…”

अमन-“हाँ बोल्ल…”

रजिया-“चोदिए ना पहले, बाद में चाट लेना… अह्म्मह… चोदो ना जी… जानू अह्म्मह… अम्मी प्लीज़… प्लीज़ जानू… चोदो अपनी रज़िया को… अह्म्मह…”

अमन रजिया के ऊपर चढ़ जाता है, और उसके चुचियाँ अपने मुँह में लेते हुए अपने लण्ड को रजिया की चूत पे घिसने लगता है-“ले रजिया अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह…”

रजिया-“ओह्म्मह… ओह्म्मह… आगज्गा आगज्गा अह्म्मह उंह्म्मह… अम्मी… अम्मी…” अमन का लण्ड रजिया की चूत में था। रजिया अमन की गाण्ड को पकड़ लेती है, जैसे कह रही हो थोड़ा रुक जाओ।
अमन कहाँ रुकने वाला था, वो तो दनादन धक्के मारे जा रहा था और जोर से-“ओह्म्मह… अह्म्मह… रज्जी अह्म्मह… ले जान अह्म्मह…”

रजिया-“उंन्ह… उंन्ह… मेरी चूत… अह्म्मह उंन्ह… मेरी चूत्त में आराम से ना जी अगघ…”

अमन जैसे अपनी दुनीयां में नहीं था, जैसे उसकी चुदाई के बाद दुनियाँ खत्म हो जानी है-“आह्म्मह… रजिया चोद लेने दे अह्म्मह… जान तेरी चूत बहुत पसंद है मुझे उंन्ह… आह्म्मह…”

रजिया-“अह्म्मह… मेरा पानी निकलने वाला है… अह्म्मह… उंह्म्मह… उंन्ह…” और रजिया का पानी निकलते ही रजिया ढीली पड़ जाती है।

अमन उसे देखते हुए-“हो गई ठंडी साली…”

रजिया-“रात भर चुदूंगी जानूऊ… छोड़ने वाली नहीं हूँ…”

जैसे तो रजिया दो बार झड़ने से थोड़ी ठंडी पड़ गई थी पर अमन था की धीरे-धीरे झटके मारे जा रहा था-“हाँन्न् रजिया, इतनी टाइट कैसे है तेरी चूत?”
रजिया-“आह्म्मह… अमन्न्न बेटा, तू कर दे ना चौड़ी उंह्म्मह… अमन्न नहीं… वहाँ नहीं…”

अमन ने नीचे से रजिया की गाण्ड में उंगली डालकर अंदर घुमा दिया था जिससे रजिया मचल गई थी।

रजिया-“उंन्ह… अमन्न् एक बात बोलूँ?”

अमन-“बोल्ल अह्म्मह…”

रजिया-“तू मुझे कितना प्यार करता है बेटा?”

अमन-“अम्मी तुम्हें देखकर तो जवान हुआ हूँ। मेरे लण्ड पे सिर्फ़ तेरा हक है रजिया… अह्म्मह… अह्म्मह…” अमन इतने जोर-जोर से झटके मारने से झड़ने लगा था।
रजिया उसे अपनी कमर में कसते हुये-“अह्म्मह… अह्म्मह… अमन्न्…”

और अमन रजिया की चूत अपने पानी से भर देता है। 10 मिनट बाद रजिया बेड से उठते हुए अपनी गाण्ड मटकाते हुए किचिन में जाने लगती है।
अमन-कहाँ जा रही हो?

रजिया-पानी पीने, आप भी पीओगे?

अमन-“मैं अभी आया बाथरूम से…” और अमन बाथरूम में पेशाब करने चला जाता है।

रजिया पूरी नंगी किचिन में खड़ी होकर पानी पी रही थी। तभी उसकी नज़र सामने मिरर पे पड़ती है। पहली बार रजिया इस तरह नंगी किचिन में खड़ी थी। उसे हँसी आ जाती है, और वो पानी पीने लगती है। तभी अमन उसे पीछे से आकर पकड़ लेता है।

रजिया-“अह्म्मह… मैं डर गई ना जी…”

अमन पीछे से उसकी गाण्ड की दरार में लण्ड रगड़ता हुआ-“मेरे होते हुए तू क्यों डरती है रज्जी?”

रजिया-“अरे हाँ… तेरे अब्बू क्या कह रहे थे?”

अमन-“हाँ… वो 10 दिन बाद आने वाले हैं, चाचू भी…”

रजिया-क्या? आज पहली बार रजिया उसके शौहर के आने से खुश नज़र नहीं आ रही थी।

अमन-“अब तो अब्बू आ जायेंगे, फिर हमें कौन याद रखेगा?”

रजिया पीछे मुड़कर अमन को देखने लगती है, और बिना कुछ कहे अपने रूम में चली जाती है।

अमन भी उसके पीछे चला जाता है-“क्या हुआ, मैंने कुछ गलत कहा क्या?”

रजिया-“नहीं अमन, तुमने वो कहा, मैं वो नहीं सोच रही हूँ। मैं तो इस बात से परेशान हूँ कि अब क्या होगा?”

अमन-“कुछ नहीं होगा और अगर कुछ हुआ भी तो मैं उसका बाप होऊँगा…”

रजिया खिलखिलाकर हँसते हुए-“कितना बेशरम हो गया है तू? मुझे प्रेग्गनेंट करने की सोच रहा है…”

अमन-“क्यों, तू नहीं होना चाहती मुझसे प्रेग्गनेंट?”

रजिया-“होना तो चाहती हूँ, पर इस उमर में नहीं…”

अमन का लण्ड तन चुका था। वो रजिया को बेड पे झुकाता है। अमन रजिया को अपने हाथ से बेड पे झुका देता है तो रजिया बेड पे हाथ टिकाकर खड़े हो जाती है, किसी घोड़ी की तरह। अमन पीछे से उसकी कमर पकड़कर लण्ड चूत में पेलने लगता है।

रजिया-“स्शस्स्स्स्स… धीरे बेटा अमन अह्म्मह… अह्म्मह…”

अमन इस बार जोर-जोर से चोदने लगता है।
रजिया-“हाँ हाँ ऐसे ही अमन… तेरा लण्ड मेरी चूत की जड़ तक जा रहा है अह्म्मह… उंह्म्मह… अगअग…”

अमन-“साली तुझे कहा था ना कि शौहर का नाम नहीं लेते …” और अमन जोर-जोर से रजिया की गाण्ड पे थप्पड़ मारते हुए चोदने लगता है-“आह्म्मह… उंह्म्मह… इस्स्स…” आधे घन्टे के लगातार चुदाई के बाद दोनों निढाल होकर एक दूसरे से चिपक जाते हैं।

रजिया-“सुनो रात के 4:00 बज रहे हैं। आप अपने कमरे में जाओ, वरना सुबह अनुम हमें एक कमरे में देख लेगी और एक बात कि आज से हमें थोड़ा होशियार रहना होगा। मैं नहीं चाहती कि हम दोनों के रिश्ते का किसी और को पता चले…”

अमन उसके होंठों को चूसने के बाद-“ओके… रजिया जैसा तू कहे…” और अमन अपने कपड़े पहनकर अपने रूम में सोने चला जाता है।

सुबह अमन कसरत करने के बाद बाहर गार्डन में लेटा हुआ था। उसने सिर्फ़ शॉर्ट्स पहना था । तभी अनुम वहाँ काफी लेकर आती है, और चेयर पे बैठ जाती है।

अनुम सुबह ही घर वापस आ गई थी और अब सुबह की धूप में काफी का मज़ा ले रही थी। पर उसकी नज़र तो अमन के पूरे जिस्म को अपनी आँखों में बसा लेना चाहती थी। अनुम दिल में सोचते हुए-“कितना खूबसूरत है तू अमन…”

एक पल के लिये अमन अपनी नज़रें अनुम की तरफ करता है। दोनों कुछ सेकेंड के लिये एक दूसरे को देखते रहते हैं।
अमन-क्या हुआ दीदी?

अनुम-कू…कुछ भी तो नहीं… चल जल्दी तैयार हो जा, हमें कॉलेज भी तो जाना है।

अमन-“ओके…” और अमन फ्रेश होकर किचिन में आ जाता है, और पीछे से रजिया को दबोच लेता है।

रजिया-“अह्म्मह… अमन छोड़, अनुम घर पे है…”

अमन-“मैं क्या अपनी अम्मी को प्यार भी नहीं कर सकता?” और अमन रजिया की चुचियाँ मसलने लगता है।

रजिया-“ओह्म्मह… बेशरम अब अम्मी… और रात में रजिया? चल हट मुझे काम करने दे…”

अमन रजिया की गाण्ड में अपना लण्ड चुभाते हुये-“इसका क्या करूं? ये खड़ा ही है सुबह से…”

रजिया-“अह्म्मह… अमन थोड़ा सबर कर बेटा…” और रजिया अमन को धकेलकर पीछे हटा देती है।


अमन हाल में बैठ जाता है। अनुम भी वहीं थी।

अनुम-“क्या बात है अमन, आजकल तू थोड़ा थका-थका सा लगता है?”
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by shubhs »

मेहनत जो कि है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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