अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete

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komal mbd
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by komal mbd »

जल्दी जल्दी अपलोड कर भाई
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shubhs
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by shubhs »

बिंदास
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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

उसके नाना जान दिलावर ख़ान एक मशहूर बिजनेसमैन थे। जैसे उनका नाम था जैसे ही उनकी पर्सनलटी थी। पर उमर के साथ-साथ उनकी सेहत उनका साथ छोड़ने लगी थी। वो अपने बेटे, यानी अमन के मामा के साथ रहते थे। अमन के मामा (नवाज ख़ान) एक बिजनेसमैन थे। उनकी एक बेटी थी निदा, 19 साल, और एक बेटा खालिद 21 साल।
खालिद यू॰के॰ में अपनी पढ़ाई कर रहा था। अमन की मामी कौसर, 38 साल की एक दिलकश औरत थी। अमन की गंदी नज़र उसपे काफी दिनों से थी, पर अभी तक कोई बात नहीं बनी थी। हालांकी कौसर उसे बहुत पसंद करती थी, और बातों-बातों में डबल मीनिंग बातें करती थी। इन्हीं सोचों में अमन अपने नाना अब्बू के घर पहुँच जाता है।
जब वो उनके रूम में दाखिल होता है तो हैरान रह जाता है। दिलावर ख़ान बेड पे लेटे हुए थे, चेहरे से काफी बीमार लग रहे थे, उनके आस-पास सभी बैठे हुए थे। रेहाना, फ़िज़ा, हीना, शीबा सभी वहाँ मौजूद थे।

अमन उनके पास आकर बैठ जाता है।

दिलावर ख़ान-“आओ बेटा, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था…”

अमन-कहें नाना जान।

दिलावर ख़ान-“अमन बेटा, मेरी बात गौर से सुनो, उसके बाद फैसला करना…”

अमन-क्या बात है नाना जान, आप परेशान लग रहे हैं?

दिलावर ख़ान-“अमन बेटा, मेरी एक ख्वाहिश है। मैं चाहता हूँ कि तुम उसे पूरा करो…”

अमन-कहें ना नाना जान।

दिलावर ख़ान-“अमन, तुम तो जानते हो कि हीना, तुम्हारी खाला के शौहर का बहुत पहले इंतेकल हो चुका है। उसने बड़ी हिम्मत से अपनी बेटी शीबा को संभाला है। पर मुझे एक चीज़ परेशान करती है। मैं चाहता हूँ मेरी नवासी शीबा बाहर ना जाए, बल्की घर में ही रहे। इसलिये मैं चाहता हूँ कि उसकी शादी तुम्हारे साथ कर दी जाए। तुम्हारे अम्मी-अब्बू और सभी घर के लोग इस बात से राजी हैं। बस तुम्हारे फैसले का इंतजार है…”

अमन आँखें फाड़े दिलावर ख़ान को देखने लगता है। उसका गला सुख जाता है। जीभ पत्थर की तरह हो जाती है। उसके नाना ने उसे वो बात कही थी, जो वो अपने दिल से चाहता था। आख़िरकार उसे भी तो शादी करनी थी और शीबा जैसी लड़की उसे कहाँ मिलने वाली थी। उसके दिल में जैसे लड्डू फूट रहे थे। ख़ान साहब की आवाज़ उसे अपनी दुनियाँ में ले आती है।

ख़ान साहब-कहो अमन बेटा, तुम्हारी क्या राय है?

अमन उसके अब्बू को देखते हुए-“जैसे घर के बड़े ठीक समझें…”

और सभी के चेहरे खिल जाते हैं, सिवाय रेहाना, फ़िज़ा और अनुम के।

अनुम के तो जैसे पैरों के नीचे की ज़मीन खिसक गई थी। वो जोर से रोना चाहती थी, चिल्लाना चाहती थे। पर रोये भी तो कैसे? अपने चिल्लाने की वजह क्या बताती कि वो अमन से शादी करना चाहती थी, वो अमन से बेपनाह प्यार करती है।

दिलावर ख़ान-“तो ठीक है, इंगेज़मेंट अभी होगी । हीना बेटे, शीबा को बुलाओ…”

शीबा धड़कते दिल के साथ रूम में दाखिल होती है। एक जवान लड़की को अपने ख्वाबों का राजकुमार मिलने पे वो खुशी होती है। जैसी खुशी शीबा के दिल में थी।

दिलावर ख़ान दोनों के हाथों में एक-एक अंगूठी देते हैं। ये अंगूठी उनकी और उनकी बीवी की थी, जिसे वो आज इन दोनों को गिफ्ट दे रहे थे।

शीबा काँपते हाथों से अमन को रिंग पहना देती है। अमन भी शीबा को अंगूठी पहना देता है।

सभी मुबारक हो मुबारक हो एक दूसरे से मिलकर मुबारकबाद देने लगते हैं। और रजिया अपने बोझल दिल से सभी से मिलती है। उस वक्त अमन और शीबा को छोड़कर सभी के दिल के हालात बयान करने जैसे नहीं थे, कहीं प्यार टूटा था, कहीं भरोसा, तो कहीं मुहब्बत। पर सभी खुश दिखने की एक्टिंग कर रहे थे।

अमन के लिये तो जैसे कोई ख्वाब था। उसे भरोसा ही नहीं था कि ये सब इतनी जल्दी उसके साथ होगा।

रात के खाना खाने के बाद सभी अपने-अपने घर की तरफ निकल जाते हैं। घर पहुँचकर अनुम अपने रूम में चली जाती है, और अंदर से रूम बंद कर लेती है। आज की रात उसके लिये किसी कहर से कम नहीं थी।

रजिया ख़ान को नींद के गोलियों वाला दूध देकर अमन के रूम की तरफ चल देती है।

अमन अपनी रूम में बैठा अपने लण्ड पे मलहम लगा रहा था। उसका लण्ड पूरी तरह तन्नाया हुआ था। उसे तो इंतजार था रजिया का। रजिया सिर्फ़ नाइटी में उसके रूम में दाखिल होती है। उसके बाल खुले हुए थे। वो अमन को लण्ड पे कुछ लगाते देखकर उसके पास आकर बैठ जाती है।

रजिया-क्या लगा रहे हो जी?

अमन-“ये डाक्टर ने मलहम दिया है, वही लगा रहा हूँ…”


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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

रजिया-“मुझे देखने दो…” और रजिया अमन के लण्ड को अपने हाथ में लेकर देखने लगती है, पूछा-“अभी भी तकलीफ हो रही है क्या?”

अमन-नहीं, अब ठीक है।

रजिया-“डाक्टर ने क्या कहा?” वो अमन के लण्ड को सहला रही थी। आज रजिया का दिल जमकर चुदाई का था। कुछ दिनों से उसकी चूत प्यासी थी। उसे पानी चाहिए था अमन का।

अमन-“अह्म्मह… धीरे कर छिनाल। डाक्टर ने कहा था कि इसे नरम जगह पर सुलाना और रात भर गीला रखना सूखने नहीं देना…”

रजिया-“ऐसी जगह कहाँ है?” वो अमन की आँखों में देख रही थी।

अमन उसे अपने से चिपकाते हुए-“तेरे नरम चूत है ना रजिया… वहीं रखूंगा…” और अमन रजिया की चुचियाँ मसलने लगता है।

रजिया-“उंह्म्मह… मुझे नहीं रखना इसे। अब तो इसे कुँवारी चूत मिलने वाली है। है ना…” और रजिया बनावटी गुस्सा दिखाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है।

अमन उसे पटक के बेड पे लेटा देता है, और खुद उसके ऊपर चढ़ जाता है-“तेरी बहन को चोदूं… नाटक करती है साली। नहीं चाहिए तो यहाँ क्यों आई है?” और अमन अपने हाथ से रजिया की चूत रगड़ देता है।

रजिया-“अह्म्मह… नहीं ना जी… बेटा अमन… उंह्म्मह…”

अमन-तेरे चूत गीली क्यों है। छिनाल नहीं चुदाना चाहती तो जा फिर।

रजिया अमन के चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए-“कैसे चली जाऊँ? ये मेरा है, सबसे पहला हक मेरा है इसपे। कोई भी छिनाल आ जाए इसे मुझसे नहीं छीन सकती…” वो अमन के लण्ड को अपने नरम हाथों में मसल रही थी।

अमन-“हाँ मेरी जान, तेरा ही तो है। आज तो तुझे ऐसे चोदूंगा रजिया की तेरी चूत भी मुझसे पनाह माँगेगी…”

रजिया-“हाँ मैं भी रगड़ना चाहती हूँ तुम्हारे नीचे इसे। सुनिए, मुँह में डालिये ना…”

अमन रजिया के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर कर लेता है, और खुद नीचे लेट जाता है-“चल, ले साली…”

रजिया-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… गलप्प्प-गलप्प्प…” करके अपने मुँह का सलाइवा गिरा-गिरा के अमन का लण्ड चूसने लगती है। वो एक हाथ से अपनी नाइटी निकालकर फेंक देती है। अब वो पूरी तरह नंगी थी और अमन के लण्ड को जैसे किसी लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी।

अमन-“अह्म्मह… साली मुझे भी तेरी चूत चाटनी है। ऐसे घूम जा…”
और रजिया 69 की पोजीशन में आ जाती है।

अमन-“तेरे माँ की चूत… कितनी चिकनी लग रही है, आज ये?”

रजिया-हाँ मेरे जानू, अपने बेटे के लिये आज ही सारे बाल निकाल दिए मैंने अह्म्मह… तुझे ऐसी ही चिकनी चूत चाहिए ना? गलप्प्प-गलप्प्प…”

अमन रजिया की चूत को चूमते हुए-“हाँ ऐसी ही चिकनी अह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प…”

दोनों माँ बेटे एक दूसरे की चूत और लण्ड को अंदर तक चाट रहे थे। अमन अपने दोनों हाथों से रजिया की नरम गाण्ड दबाने लगता है-“अह्म्मह… काट मत छिनाल अह्म्मह…”

आज अमन के मुँह से ऐसी गंदी गालियाँ सुनकर रजिया को और मस्ती चढ़ने लगी थी। उसकी चूत से आज रात का पहला पानी अमन के मुँह पे गिरने लगता है। जिसे अमन चाटता चला जाता है-“नमकीन पानी अह्म्मह… तेरी चूत तो बहुत मीठी है रजिया…”

रजिया-“हाँ आपकी तो है। अह्म्मह… मेरा बच्चा अपनी अम्मी की चूत को और चूसो बेटा अह्म्मह…”

अमन रजिया को अपने नीचे कर लेता है। और रजिया के दोनों पैर रजिया की छाती से चिपका देता है। जिससे रजिया की चूत सामने की तरफ आ जाती है। रजिया को थोड़ा दर्द होता है। पर चूत की आग के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था।

अमन-“रजिया आज तेरा बेटा तुझे रंडी की तरह चोदेगा। बोल चुदेगी मेरे रंडी बनकर?”

रजिया-“हाँ चुदूंगी अमन… अपने बेटे की रंडी हूँ मैं। चोदो मुझे अमन्न् अह्म्मह…”

अमन अपने लण्ड को रजिया की चूत पे टिकाकर जोरदार झटका अंदर मार देता है-“अह्म्मह… ले रंडी ले अह्म्मह…”

रजिया की सांस जैसे रुक गई थी। इतने जोर से इससे पहले अमन ने उसे कभी नहीं चोदा था। उसके मुँह से एक जोर की चीख निकल जाती है-“अमन जी अह्म्मह… उंन्ह…”

अमन उसके मुँह पे हाथ रखकर दनादन अपना लण्ड उसकी चूत में पेलने लगता है– “चिल्ला मत रजिया, नहीं तो तेरी बेटी भी आ जायेगी चुदाने… साली अह्म्मह…”

अमन का लण्ड सीधा रजिया की बच्चेदानी के दीवार से टकरा रहा था जिससे रजिया के रोंगटे खड़े होने लगे थे-“उंह्म्मह… नहीं अमन… मेरी चूत फट जायेगी बेटा अह्म्मह… धीरे मार झटके अमन अह्म्मह…”

अमन-“तू ऐसे नहीं मानेगी…” वो साइड में पड़ी रजिया की नाइटी को रजिया के मुँह में ठूंस देता है, और पीछे से गांठ बांध देता है, जिससे रजिया की घुन-घुन की आवाज़ आ रही थी-“तेरी बहन को चोदूं, साली चिल्लाती है… ले अब्ब अह्म्मह…”
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