अपने भाई के लंड को एक बार फिर अपने अंदर पा कर मेरी चूत के इंतज़ार की घड़ियाँ ख़तम हो गईं.
और मुझे यूँ महसूस हुआ जैसे मेरी चूत खुशी से झूम झूम कर ये गाना गुन गुना रही हो,
“आइए आप का इंतिज़ार था
आइए आप का इंतिज़ार था
देर लगी आने में तुम को
शूकर है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ ना छोड़ा
वैसे हम घबराए तो”
सुल्तान भाई अब बहुत तेज़ी से मुझे चोद रहा था और में मज़े में सिसक रही थी.
मेरी गान्ड उपर उठी हुई थी. और मेरा भाई पीछे से मेरे कंधे पकड़ कर मेरे उपर झुका हुआ मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहा था.
कुछ देर इसी तरह भाई ने मेरी चूत की चुदाई की. और फिर उस ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर मुझे पेट के बल बिस्तर पर लिटा दिया.
मेरी दिल अभी तक भाई की चुदाई से नही भरा था. और मुझे समझ नही आ रही थी कि क्यों भाई ने अपने लंड को मेरी फुद्दी से निकाल लिया है.
अभी में सुल्तान भाई से चुदाई रोकने की वजह मालूम करने ही वाली थी. कि भाई ने मेरे पीछे से मेरी ब्रेजियर की हुक को खोल कर मेरा ब्रेजियर मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
और साथ ही उस ने मेरी कमर पर अपने होंठ रख कर मेरे शोल्डर और कमर को आहिस्ता आहिस्ता किस करना शुरू कर दिया.
सुल्तान भाई की ज़ुबान आहिस्ता आहिस्ता मेरी कमर पर चलती हुई मेरी थल थल करती गान्ड तक आन पहुँची.
ज्यूँ ही मेरे भाई के गीले होंठ मेरी गान्ड की गोलाईयों तक आए. तो भाई जैसे मेरी गुदाज गान्ड को देख कर पागल और मेरी गान्ड की भीनी भीनी खुसबू को सूंघ कर जैसे मदहोश हो गया.
और इस मदहोशी में भाई ने मेरी गान्ड को बे सखता और बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया.
सुल्तान भाई ने अपने हाथों से मेरी बड़ी गान्ड को को खोला और मेरी गान्ड की ब्राउन मोरी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
मेरी तीन साला शादी शुदा जिंदगी में मेरे शोहर गुल नवाज़ ने कभी ये काम करना तो दूर उस ने ऐसी बात शायद कभी सोची भी नही हो गी.
अपनी गान्ड से इस तरह किसी का पूर जोश प्यार का ये तजुर्बा मेरे लिए बिल्कुल नया था.
सुल्तान भाई की ज़ुबान में एक जादू था. इस लिए मुझे भाई सुल्तान की इस हरकत से बहुत मज़ा आ रहा था. और में लज़्ज़त के मारे सिसकारियाँ लेने लगी. उूुुुुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआअहह.
कुछ देर मेरी गान्ड को चाट चाट कर सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड के सुराख को पूरा गीला कर दिया.
मेरे भाई ने पहली रात की तरह आज फिर मुझ चुदाई के मज़े की एक नई दुनाया से रोशनास करवाया था.
और उसी मज़े को पा कर में बिस्तर के तकिये में अपने मुँह दबा कर सिसकियाँ लिए जा रही थी.
पीछे से सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड से अपना मुँह अलग किया और खुद थोड़ा उपर उठ कर साथ ही मेरी कमर में भी हाथ डाला और मेरी गान्ड को भी पीछे से थोड़ा उपर उठा लिया.
और इस से पहले कि में कुछ देख या समझ पाती कि मेरे भाई सुल्तान का अगला इरादा क्या है.
सुल्तान भाई ने एक दम से अपना मस्त लंड मेरी गान्ड के गीले सुराख पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा.
तो भाई का लंड जो कि मेरी चूत के पानी की वजह से पहले ही बहुत चिकना हो चुका था. वो मेरी गेली गान्ड की दीवारों को चीरता हुआ मेरी गान्ड के अंदर घुस गया.
सुल्तान भाई के ये धक्का इतना अचानक और इतना ज़ोरदार था. कि मेरे मुँह से बे इकतियार एक चीख निकली और में धक्के के ज़ोर से बिस्तर पर गिर गई.
मेरी गान्ड से घुऊदूप की एक तेज आवाज़ निकली और सुल्तान भाई ने मेरी गान्ड की सील तोड़ दी.
“ओह भाई रुक जाओ मेरी गान्ड में बहुत शदीद दर्द हो रहा है” मैने दर्द से कराहती हुए सुल्तान भाई को रोकने की कोशिश की.
मगर सुल्तान भाई कब रुकने वाला था.भाई तो लगता था कि शायद गान्ड चोदने वाला एक पुराना खिलाड़ी है.
“ओूऊऊ रुखसाना तुम्हारी गान्ड बहुत ही टाइट है, मज़ा आ गया तुम्हारी गान्ड में लंड डालने का” ये कहते हुएसुलतान भाई ने मेरे चुतड़ों को अपने हाथ में ले कर मेरी गान्ड को दुबारा उपर किया.
और मेरी गान्ड में बुरी तरहा से फँसाए हुए अपने लंड को गान्ड से थोड़ा से बाहर निकाला और फिर उसी तेज़ी से दोबारा झटका मार कर अपने लंड को दुबारा मेरी गान्ड में पेल दिया.
में दुबारा चीखी मगर सुल्तान भाई ने मेरी चीखों की परवाह किए बगैर मुझे तेज तेज चोदना जारी रखा.
मेरी गान्ड में बहुत दर्द हो रहा था.मगर फिर कुछ देर और चुदवाने के बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरी गान्ड का दर्द आहिस्ता आहिस्ता कम हो रहा है.
और दर्द की कमी के साथ ही मुझे पहली दफ़ा अपनी गान्ड को मरवाने में भी मज़ा आने लगा.
पूरे कमरे में मेरी लज़्ज़त भरी तेज चीखे गूँज रहीं थी. “आआहह उूुुउउफफफफफ्फ़ ऊउीईईईई माआईयईईईईईईन्न्नणणन् म्माआररर्र्र्ररर गगगैइिईईईईईईई उूुुउउफफफफ्फ़ सुल्तान भाई आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं आअहह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है”
मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है complete
- rajsharma
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Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
सुल्तान भाई ने जब देखा कि में अब अपनी गान्ड की चुदाई को एंजाय करने लगी हूँ. तो उन्होने भी और भी तेज झटके मेरी गान्ड में मारना शुरू कर दिया.
भाई के ज़ोरदार धक्कों की बदौलत मेरी छाती से लटकते मेरे बड़े बड़े मम्मे बुरी तरहा हिल हिल कर और उछल उछल कर मेरे बिस्तर के गद्दे के साथ रगड़ खा रहे थे.
जिस की वजह से मेरे मम्मो के निपल्स मज़ीद अकड़ कर खड़े हो गये थे.
और फिर वो वक़्त आ ही गया जब सुल्तान भाई ने अपने लंड का सफेद पानी मेरी गान्ड की वादियों में उडेल दिया.
मेरी गान्ड मेरे भाई के पानी से पूरी की पूरी भर गई.और भाई के लंड का पानी क़तरा क़तरा कर के मेरी गान्ड से बाहर निकल कर मेरी रानो पर बहने लगा.
हम दोनो बहन भाई पसीना पसीना जिस्मो के साथ बिस्तर पर एक दूसरे के उपर अलग बुरी तरह हांप रहे थे.
थोड़ी देर के बाद भाई ने अपना ढीला पड़ता लंड मेरी गान्ड से बाहर निकाला और मेरे बिस्तर पर मेरे बराबर लेट गया.
अब में कमरे में बिस्तर पर अपने नये आशिक़ भाई के साथ लेटी हुई उस की छाती के बालों में अपनी उंगलियाँ फेर रही थी.
जब कि सुल्तान भाई अपनी माशूक बहन के बड़े बड़े मम्मो और तने हुए निपल्स के साथ खेलने में मशगूल था.
मैने अपने भाई के ढीले पड़ते लंड पर अपना हाथ फेरते हुए भाई से कहा “ भाई आप को अब मेरा सारा राज़ पता चल चुका है.और मुझ यकीन है कि गुल नवाज़ को भी ये बात पता चली ही चुकी होगी.कि जिस को वो रात की तनहाई में चोदता है वो उस की बीवी नही बल्कि बहन है.मगर इस के बावजूद मेरी आप से एक गुज़ारिश है कि आप मेरे शोहर गुल नवाज़ से खुद इस बारे में कोई बात ना करना”
“ मुझे तुम्हारी बात की समझ नही आई. जब गुल नवाज़ अपनी बहन को चोद कर इस बात पर शर्मिंदा नही तो फिर उस मेरे और तुम्हारे ताल्लुक़ात पर क्या ऐतराज हो सकता है” सुल्तान भाई ने सवाल पूछा.
“क्यों कि अगर हम ने अपने बीच शरम ओ हया का लगा परदा उतार दिया. तो मुझे डर है कि फिर हम लोग शायद चुदाई के दौरान अहतियात का दामन छोड़ दें. और इस वजह से हमारे अम्मी अब्बू या दूसरे बहन भाई पर भी हमारा राज़ खुल सकता है” मैने भाई को जवाब देते हुए कहा.
” अच्छा मेरी जान में गुल नवाज़ को ये बात नही बताउन्गा कि में उसकी बीवी को चोद चुका हूँ”सुल्तान भाई मुस्कुराते हुए बोला और मेरे लबों पे अपने लब रख कर उन को चूसने लगा.
कुछ देर के बाद हम दोनो बिस्तर से उठे और अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने काम काज में ऐसे मसरूफ़ हो गये. जैसे हमारे दरमियाँ कुछ भी नही हुआ हो.
शाम का अंधेरा फैलने पर नुसरत और मेरा शोहर घर वापिस आए. तो नुसरत की चाल और हुलिया देख कर मेरे और सुल्तान भाई के लिए ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही था. कि मेरे भाई सुल्तान की तरह मेरे शोहर गुल नवाज़ ने भी अपनी बहन नुसरत की भी दिन भर दिल खोल कर चुदाई की है. और अपनी बहन की फुद्दी का का पूरा पूरा स्वाद लिया है.
चूँकि दिन भर की चुदाई से हम सब बहुत थके हुए थे. इस लिए उस रात में और नुसरत अपने अपने कमरे में अपने शोहरों के साथ ही सो गईं.
दूसरे दिन मेरे अम्मी अब्बू और सास सुसर भी मज़ार पर हज़ारी दे कर घर वापिस लौट आए.
मेरी सास ने घर वापिस आते ही मुझे मज़ार से लाया हुआ पढ़ा हुआ पानी एक हफ़्ता हार रोज पीने के लिए दिया. और साथ ही मुझे एक तावीज़ भी अपने गले में बाँधने के लिए दिया.
ताकि में इन चीज़ों की बदोलत उन को पोती या पोते की खूसखबरी दे सकूँ.
भाई के ज़ोरदार धक्कों की बदौलत मेरी छाती से लटकते मेरे बड़े बड़े मम्मे बुरी तरहा हिल हिल कर और उछल उछल कर मेरे बिस्तर के गद्दे के साथ रगड़ खा रहे थे.
जिस की वजह से मेरे मम्मो के निपल्स मज़ीद अकड़ कर खड़े हो गये थे.
और फिर वो वक़्त आ ही गया जब सुल्तान भाई ने अपने लंड का सफेद पानी मेरी गान्ड की वादियों में उडेल दिया.
मेरी गान्ड मेरे भाई के पानी से पूरी की पूरी भर गई.और भाई के लंड का पानी क़तरा क़तरा कर के मेरी गान्ड से बाहर निकल कर मेरी रानो पर बहने लगा.
हम दोनो बहन भाई पसीना पसीना जिस्मो के साथ बिस्तर पर एक दूसरे के उपर अलग बुरी तरह हांप रहे थे.
थोड़ी देर के बाद भाई ने अपना ढीला पड़ता लंड मेरी गान्ड से बाहर निकाला और मेरे बिस्तर पर मेरे बराबर लेट गया.
अब में कमरे में बिस्तर पर अपने नये आशिक़ भाई के साथ लेटी हुई उस की छाती के बालों में अपनी उंगलियाँ फेर रही थी.
जब कि सुल्तान भाई अपनी माशूक बहन के बड़े बड़े मम्मो और तने हुए निपल्स के साथ खेलने में मशगूल था.
मैने अपने भाई के ढीले पड़ते लंड पर अपना हाथ फेरते हुए भाई से कहा “ भाई आप को अब मेरा सारा राज़ पता चल चुका है.और मुझ यकीन है कि गुल नवाज़ को भी ये बात पता चली ही चुकी होगी.कि जिस को वो रात की तनहाई में चोदता है वो उस की बीवी नही बल्कि बहन है.मगर इस के बावजूद मेरी आप से एक गुज़ारिश है कि आप मेरे शोहर गुल नवाज़ से खुद इस बारे में कोई बात ना करना”
“ मुझे तुम्हारी बात की समझ नही आई. जब गुल नवाज़ अपनी बहन को चोद कर इस बात पर शर्मिंदा नही तो फिर उस मेरे और तुम्हारे ताल्लुक़ात पर क्या ऐतराज हो सकता है” सुल्तान भाई ने सवाल पूछा.
“क्यों कि अगर हम ने अपने बीच शरम ओ हया का लगा परदा उतार दिया. तो मुझे डर है कि फिर हम लोग शायद चुदाई के दौरान अहतियात का दामन छोड़ दें. और इस वजह से हमारे अम्मी अब्बू या दूसरे बहन भाई पर भी हमारा राज़ खुल सकता है” मैने भाई को जवाब देते हुए कहा.
” अच्छा मेरी जान में गुल नवाज़ को ये बात नही बताउन्गा कि में उसकी बीवी को चोद चुका हूँ”सुल्तान भाई मुस्कुराते हुए बोला और मेरे लबों पे अपने लब रख कर उन को चूसने लगा.
कुछ देर के बाद हम दोनो बिस्तर से उठे और अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने काम काज में ऐसे मसरूफ़ हो गये. जैसे हमारे दरमियाँ कुछ भी नही हुआ हो.
शाम का अंधेरा फैलने पर नुसरत और मेरा शोहर घर वापिस आए. तो नुसरत की चाल और हुलिया देख कर मेरे और सुल्तान भाई के लिए ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही था. कि मेरे भाई सुल्तान की तरह मेरे शोहर गुल नवाज़ ने भी अपनी बहन नुसरत की भी दिन भर दिल खोल कर चुदाई की है. और अपनी बहन की फुद्दी का का पूरा पूरा स्वाद लिया है.
चूँकि दिन भर की चुदाई से हम सब बहुत थके हुए थे. इस लिए उस रात में और नुसरत अपने अपने कमरे में अपने शोहरों के साथ ही सो गईं.
दूसरे दिन मेरे अम्मी अब्बू और सास सुसर भी मज़ार पर हज़ारी दे कर घर वापिस लौट आए.
मेरी सास ने घर वापिस आते ही मुझे मज़ार से लाया हुआ पढ़ा हुआ पानी एक हफ़्ता हार रोज पीने के लिए दिया. और साथ ही मुझे एक तावीज़ भी अपने गले में बाँधने के लिए दिया.
ताकि में इन चीज़ों की बदोलत उन को पोती या पोते की खूसखबरी दे सकूँ.
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- sexi munda
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- Joined: 12 Jun 2016 12:43
Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
bahut hi behatareen update hai
मित्रो नीचे दी हुई कहानियाँ ज़रूर पढ़ें
जवानी की तपिश Running करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा Running सिफली अमल ( काला जादू ) complete हरामी पड़ोसी complete मौका है चुदाई का complete बड़े घर की बहू (कामया बहू से कामयानी देवी) complete मैं ,दीदी और दोस्त complete मेरी बहनें मेरी जिंदगी complete अहसान complete
जवानी की तपिश Running करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा Running सिफली अमल ( काला जादू ) complete हरामी पड़ोसी complete मौका है चुदाई का complete बड़े घर की बहू (कामया बहू से कामयानी देवी) complete मैं ,दीदी और दोस्त complete मेरी बहनें मेरी जिंदगी complete अहसान complete
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- Joined: 08 Sep 2017 08:36
Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
Wonderful Story
They way the initial shyness and confusion is being explored is worthy appreciation
Keep it up.
They way the initial shyness and confusion is being explored is worthy appreciation
Keep it up.
- Dolly sharma
- Pro Member
- Posts: 2734
- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
Great story, update more
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete