मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है complete

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Kamini
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Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है

Post by Kamini »

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rajsharma
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Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है

Post by rajsharma »

सुल्तान भाई के ज़ोर दार झटकों की बदौलत भाई का लंड पूरे का पूरा मेरे हलक तक पहुँच रहा था.

जब कि भाई के लंड के पानी से मेरे होंठ पूरी तरह गीले हो चुके थे.

इस से पहले के भाई मेरी चुसाइ की वजह से फारिग हो जाता. भाई ने मुझे कंधों से पकड़ कर उपर उठाया और मुझे बिस्तर मार अपने साथ लिटा लिया.

और सुल्तान भाई मेरे उपर आ गया. में भाई के नीचे लेटी हुई अपने भाई के जिस्म के बोझ से दबने लगी.

मेरे उपर आते ही भाई ने अपने होंठ दुबारा मेरे होंठो पर रख दिए.और मेरे गुलाबी होंठों पर लगा अपने लंड के रस को एक भंवरे की तरह चूसने लगा.

इस तरह मेरे उपर लेटे होने की वजह से अब मेरी टाँगो के उपर सुल्तान भाई की टाँगें थीं. जब कि सुल्तान भाई का तना हुआ लंड मेरी फुद्दी के उपर आ कर जम गया था.

इस स्टाइल में मेरे जिस्म के उपर लेटने की वजह से अब सुल्तान भाई मुझे किस करने के साथ साथ मुझे उपर उपर से ही धक्के भी मारने लगा.

अपने भाई के बदन की रगड़ से में गरम हो गई.मेरी साँस फूल कर गहरी हो गई और मेरा चेहरा एक दम लाल सुर्ख हो गया था.

फिर साथ ही साथ भाई ने अपने हाथ को नीचे ला कर उसे मेरी चूत पर फेरने लगा.

मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी. ज्यूँ ही भाई ने अपनी उंगलियों को मेरी चूत पर फेरना शुरू किया तो मेरी साँसे ही मेरे काबू में ना रही.

चूत के लबों से खेलते खेलते भाई ने अचानक एक उंगली मेरी चूत के अंदर घुसा दी..."उईईई माँ......औच्च, भाईईईईईईईईई"में चिल्ला उठी.

सुल्तान भाई मेरी ये बेचैनी देख कर मुस्कुराया और मेरी आँखों में देख कर बोला "रुखसाना, उफ्फ, तेरी फुद्दी बहुत बहुत तंग और गरम है मेरी बहन्न्न्न्न"और साथ ही अब भाई की उंगली मेरी चूत के अंदर बहार होने लगी..

में अपने भाई के हाथों का ये स्वाद पा कर सातवें आसमान पर उड़ने लगी थी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.और मैने भी जोश में आते हुए अपनी चूत उपर की तरफ कर दी. ताकि सुल्तान भाई की उंगली मेरी चूत के अंदर और गहराई तक जा सके.

कुछ देर मेरी चूत को अपनी उंगली से चोदने के बाद सुल्तान भाई ने मुझ बिस्तर पर घोड़ी बन जाने को कहा.और में अपने पेट के बल लेट कर घोड़ी की तरह बिस्तर पर झुक गई.

सुल्तान भाई मेरे पीछे आया और आ कर अपने हाथों से मेरी दोनो टाँगें को खोल दिया.

जिस वजह से मेरी चूत पीछे से उभर कर बाहर को निकल आई. और मेरी फुद्दी का मुँह थोड़ा खुल गया.

सुल्तान भाई मेरे पीछे बिस्तर पर बैठ गया और उस ने मेरी मोटी गुदाज रानो पर अपने गरम होंठ रख कर उन को चूसना शुरू कर दिया.

मेरी जाँघो को चाटते चाटते और उपर बढ़ते सुल्तान भाई मेरी फुद्दी तक आया और आहिस्ता से मेरी चूत को चूमा.

साथ ही हाथ बढ़ा कर भाई ने मेरी चूत को खोला ऑर अपनी ज़ुबान के साथ मेरी फुद्दी से खेलना शुरू कर दिया. उफफफ्फ़ उस पल तो में बिल्कुल पागल हो गई थी.

“उूुुउउफफफफफफफफफफफफ्फ़ भाई जान क्या आज अपनी बहन की चूत सिर्फ़ अपनी ज़ुबान से ही मारोगे क्या”.मैने अपनी चूत को अपने भाई के मुँह पर ज़ोर से रगड़ते हुए भाई से कहा.

सुल्तान भाई ने मेरी चूत को थोड़ा और चाटा और फिर भाई मेरी गान्ड के पीछे से उठ कर दुबारा मेरे पीछे बिस्तर पर अपने घुटनों के बल खड़ा हो गया .

इस पोज़िशन में मेरे पीछे खड़ा हो कर भाई ने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर मेरी टाँगें को चीरा और अपना लंड मेरी पानी पानी होती हुई चूत पर रख कर रगड़ने लगा.

में अपने भाई के लंड की टोपी को अपनी चूत से टच होते हुए महसूस कर के बेताब हो गई.

में:“हाईईईईईई भाई क्यों अपनी बहन की चूत को इस तरह तडपा रहे हो.जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो मेरी चूत आप के लौडे से चुदवाने के लिए मरी जा रही है”.

लेकिन सुल्तान भाई आज शायद मुझे तड़पाने के मूड मे था. और इसी लिए वो मेरी फरियाद को अन सुनी करते हुए अपना लंड मेरी चूत पर मसल्ते रहा.

में अपने भाई की ये बेरूख़ी देख कर मजीद बेचैन हो गई.

“भाई डाल भी दो ना अपना लंड अपनी बहन की प्यासी चूत में हाईईईईईईईईईईईईईईई देखो तुम्हारी लंड के लिए तुम्हारी बहन की चूत कितनी प्यासी हो रही है”मैने फिर सिसकी भरते हुए अपने भाई से इल्तिजा की.

सच्ची बात ये थी कि मेरी चूत उस वक़्त बे इंतिहा गरम हो चुकी थी. और मेरी चूत की गर्मी का इलाज उस वक़्त सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे भाई का मोटा बड़ा लंड ही था.

सुल्तान भाई मेरी बेचैनी को देख कर जैसे लुफ्त अंदोज हो रहा था.

भाई मेरी गान्ड को अपने दोनो हाथों में थामता हुआ बोला ”अच्छा मेरी जान अभी डालता हूँ अपना लंड तेरी इस गरम फुद्दी में”

ये कह कर सुल्तान भाई ने अपना मस्त मोटा लौडा एक दम से मेरी चूत मे घुसा दिया.

घुऊदाप की तेज आवाज़ मेरी चूत से निकली और लज़्ज़त की शिद्दत से मैने सिसकारी लेकर अपनी आँखें बंद कर ली.

आआआआआआआआआआआअहह. कितना गरम है तुम्हारा लंड. उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ पूरा डाल दो ना. मारो मेरी चूत अपनी मोटे लंड से बहुत प्यासी है तुम्हारी बहन की चूत मेरे प्यारी भाई जान. डाल दो अंदर मेरी में पूराआआआआआआआआ और मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो. मज़े की शिदत से मेरे मुँह से ना जाने क्या क्या अल्फ़ाज़ निकल रहे थे. इस का मुझे खुद भी पता नही चल रहा था.

“मेरी जान पूरा लंड तो डाल दया है तुम्हारी प्यासी चूत में, तुम्हारी चूत इतनी गरम है कि लगता है कि ये मेरे लंड को पिघला कर रख दे गी”. सुल्तान भाई ने पीछे से मेरी चूत में अपने पूरा डालते हुए कहा.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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pongapandit
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Re: मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है

Post by pongapandit »

Superb storytelling Raj
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