चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

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Rohit Kapoor
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by Rohit Kapoor »

बेला तो एक दम मस्त हो गई थी मनोज से चुदने के बाद,,, उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि उसनें मनोज से चूदवा ली है।
मनोज को पहली बार देखी थी तभी से उसके मन में यह तमन्ना थी कि मनोज उससे प्यार करे उसके बदन से खेले लेकिन मनोज कभी भी उसकी तरफ देखा तक नहीं था। मनोज को अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी लेकिन यह संभव नहीं हो सका आज वह उसके बदन की खुशबू महसूस किया और उसको खेत में ले जाकर चोदा तो यह पूनम के ही बदौलत हुआ था। मनोज पूरी तरह से पूनम का दीवाना हो चुका था और उससे बात चीत कराने का वादा बेला ने मनोज को कर चुकी थी। इसी बातचीत कराने के सिलसिले में बेला अपना भी फायदा उठा ली थी। मनोज जिस तरह का लालच ऊसे देकर गया था,,,, अब तो बेला का फर्ज बनता था कि वह पूनम से उसकी बातचीत कर आए क्योंकि इसमें बेला का ही फायदा था क्योंकि उसने उसे अगर वह पूनम से उसका मेलजोल बढ़ा देगी तो मनोज उसके साथ हमेशा उसकी चुदाई करने का वादा कर चुका था। बेला बहुत खुश थी आज उसके मन की बात हो गई थी अब वहां पूनम की बातचीत मनोज से कराने में जुट गई थी लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही थी। मनोज रास्ते में रोज उसी मोड़ पर खड़ा होकर पूनम का इंतजार करता और उसे आते जाते देखता रहता यूं तो उसके हक में बहुत सी लड़कियां थी जो कि उसे अपना बॉयफ्रेंड मानती थी और मनोज उनमें से अधिकतर लड़कियों के साथ अपनी मनमानी कर चुका था लेकिन पूनम एक ऐसा नायाब खजाना थी कि अभी तक अभी तक उसके हाथ नहीं लगी थी। पूनम भी रोज उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखती थी लेकिन उसे जरा भी भाव तक नहीं देती थी ऐसे ही 1 दिन स्कूल छूटने के बाद पूनम और उसकी सहेलियां स्कूल से घर की तरफ आ रही थी। और रास्ते में मनोज उसी जगह पर खड़ा होकर उन लोगों का इंतजार कर रहा था। पूनम फिर से उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बुदबुदाई और जैसे ही उसके आगे निकली वैसे ही पीछे से मनोज ने आवाज लगाया,,,,

बेला,,,,,,,,,, ( आवाज सुनते ही बेला तुरंत रुक गई जैसे कि उसे मालूम था कि मनोज उसे ही आवाज लगाने वाला है।)

क्या है? ( बेला शांत स्वर में बोली।)

यह लो तुम्हारी साइंस कीे नोट्स( इतना कहकर वह बैग खोल कर उसमें से साइंस की नोट निकालकर बेला को थामातेे हुए) तुमने मुझे दी थी ना मैंने इसकी कॉपी कर लिया हूं।

नहीं किए हो तो पूरा कर लो इतनी जल्दबाजी नहीं है।( बेला बात बनाते हुए बोली)

नहीं नहीं मेरा काम पूरा हो गया है इसलिए तो तुम्हें लौटा रहा हूं वरना आज भी नहीं लौटाता।

थैंक्यू मनोज,,,,( बेला मुस्कुराते हुए बोली इन सभी बातों के दौरान पूनम तिरछी नजरों से मनोज की तरफ देख ले रही थी और मन ही मन कुछ बुदबुदा भी रहीे थी। तभी वह जाने क्यों हुई कि फिर से मनोज ने बेला को रोकते हुए बोला।)

बेला अगर तुम्हारा इंग्लिश के नोट्स पूरी हो गई हो तो मुझे दे सकती हो मुझे पूरा करना है।

नही,,,, सॉरी मनोज मेरा काम तो अभी खुद भी बाकी है तो मैं तुम्हें कैसे दे सकती हूं।


सुलेखा तुम्हारा,,,,,,,

अरे नहीं मेरा तो कुछ भी पूरा नहीं है वैसे भी मुझे इंग्लिश में कुछ भी समझ में नहीं आता,,,,
( दोनों का जवाब सुनकर मनोज थोड़ा उदास नजर आने लगा और उदास नजरों से वह पूनम की तरफ देखने लगा जो कि पूनम उसकी तरफ ना देख कर दूसरी तरफ देख रही थी,,,, मनोज का इशारा पहला समझ चुकी थी इसलिए वह बीच में ही बोली।)

मनोज,,,, पूनम को इंग्लिश का नोट जरुर पूरा होगा क्योंकि पूनम इंग्लिश में बहुत ही तेज है,,,,,( बेला की बात सुनते ही पूनम गुस्से में बेला की तरफ देखने लगी) पूनम तुम्हारी इंग्लिश की नोट्स पूरी होगी ना तुम मनोज को दे दो वह पूरा करके तुम्हें कल लौटा देगा,,,,,


न,,,, न,,,, नही नही,,,, मेरा अभी कुछ काम बाकी रह गया है,,,, ( पूनम हकलाते हुए) दरअसल पिछले हफ्ते मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए मेरा ढेर सारा लेसन करना बाकी रह गया है। इसलिए मैं अभी नहीं दे सकती,,,,

अच्छा कल दे देना,,,,,( मनोज तपाक से बोला,,,,)

नहीं कल नहीं हो पाएगा,,,,

तो परसों दे देना,,,,,,( मनोज ने फिर से झट से बोला वह एक भी मौका हाथ से गवाना नहीं चाहता था।)

नहीं लेकिन को पूरा करने में तीन-चार दिन तो लग ही जाएगा मुझे समय नहीं मिलता है। ( पुनम बहाना बनाते हुए बोली।)

अच्छा ठीक है कोई बात नहीं कल परसो नर्सों दो-चार दिन में जब भी तुम्हारा काम पूरा हो जाए तो मुझे अपनी नोट्स दे देना मैं भी पूरा कर लूंगा,,,,, इतना भला मेरा कर दो मेभी एग्जाम में पास हो जाऊंगा।
( मनोज बड़े ही भोलेपन से पूनम से बोला,,,, पूनम अजीब सी कशमकश में फंसी हुई थी वाह उसे इंग्लिश के नोट्स देना भी नहीं चाहती थी और उसे ठीक तरह से इनकार भी नहीं कर पा रही थी,,,,, मनोज की चिकनी चुपड़ी बातें सुनकर वह नोट्स देने के लिए हामी भर दी,,,,, मनोज को तो बस मौका चाहिए था पूनम से बात करने का और जैसे ही पूनम ने नोट्स देने के लिए हामी भरी,,,, वह मुस्कुराता हुआ बोला।)

थैंक यू पूनम तुमने मेरी बहुत बड़ी मदद कर रही हो इसलिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया जब भी तुम्हारा लेशन पूरा हो जाए तो मुझे नोट्स दे देना,,,,, बाय टेक केयर
( इतना कहकर मनोज खुश होता हुआ वहां से चला गया और पूनम ना चाहते हुए भी उसे जाता हुआ देखती रही उसके जाने के बाद वह बेला पर गुस्सा निकालते हुए बोली।
बेला यह तूने ठीक नहीं कि तुझे मालूम है कि मनोज को देखते ही मुझे गुस्सा आ जाता है फिर भी तूने मुझे उसे नोट्स देने के लिए क्यों बोली।


अरे पूनम यह तुझे क्या हो गया है अरे तुम ही तो कहती थी कि जहां तक हो सके एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और तेरी मदद पाकर अगर वह एग्जाम में पास हो जाएगा तो तुझे दुआ ही देगा और तुझसे नोट्स ही तो मांग रहा है कौन सा तेरा दिल मांग ले रहा है।
( बेला बात को बनाते हुए बोली।)

लेकिन बेला मैं उसे अपनी नोट्स नहीं देना चाहती हूं मुझे ना जाने क्यों उसे देखते ही गुस्सा आ जाता है उसकी नजरें कितनी बेशर्म है ना जाने कहां कहां घूमती रहती है।


अरे नोट्स नहीं देना था तो उसे सामने से इंकार कर दी होती मैं तो यूं ही कह रही थी क्योंकि तू इंग्लिश में सबसे तेज है और तेरा काम हमेशा पूरा रहता है और नहीं देना था तो इंकार कर देना था ना तू देने के लिए हामी क्यों भरी। और हां ( मुस्कुराते हुए) तुझे उसकी नजरें बेशर्म क्यों लगी कहां-कहां घूम आता रहता है वह अपनी नजर को जरा हमें भी तो बता,,,,,


अच्छा जैसे तुझे पता ही नहीं कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है।


किस नजर से देखता है हमें तो आज तक नहीं पता चला,,,,,

देख बेला अब तू बातें मत बना तुझे भी अच्छी तरह से पता है कि मनोज कैसा लड़का है और लड़कियों को किस नजर से देखता है।


हमें तो नहीं पता चला कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है सुलेखा तुझे पता चला क्या?

नहीं मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगा।( सुलेखा भी बेला की हां में हां मिलाते हुए बोली।)

तुम दोनों बिल्कुल पागल हो देखती नहीं किस तरह से घूरता रहता है हमेशा।


पूनम तू बेवजह उस बेचारे पर शक कर रही है माना कि वह तेरा दीवाना है लेकिन उसे इंग्लिश की नोट की जरूरत है जो कि तुझसे कितने प्यार से मांग रहा था। और तू बेवजह उस पर शक कर रही है कि वह लड़कियों को गंदी नजर से देखता है। हां यह सच है कि लड़कियां उसकी दीवानी जरूर होती हैं लेकिन अभी तो वह तेरे से कितना प्यार से और भोले पन से नोट्स मांग रहा था।


बेला,,,( पूनम गुस्से में बोल कर चलने लगी और साथ में बेला और सुलेखा भी चलने लगी कभी उसके गुस्से को और ज्यादा भड़काते हुए बेला बोली।)

अच्छा पूनम तुझे वह घूमता रहता है तो बता वह क्या देखता है तेरी गोल-गोल नारंगी जैसी चूचियां तेरा लंबे कद का बदन,,, तेरी लंबी लंबी चिकनी टांगे,,,, या तेरी गोल-गोल मदमस्त कर देने वाली भराव दार गांड,,,, ( इतना कहते-कहते बेला मुस्कुराते हुए बात को आगे बढ़ाते हुए बोली।) बता तेरे किस माल को वह घूर रहा था।


बेला अब तू कुछ ज्यादा बोल रही है।

ज्यादा नहीं बोल रही हूं मैं सच कह रही हूं तू भी अच्छी तरह से जानती है कि एक जवान लड़का ही जवान लड़की को घूरता है तो उसके बदन मैं उसके कौन-कौन से अंग को देखता रहता है।
( बेला की बात सुनकर चलते चलते एक बार फिर से उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी।)
अरे तू गुस्सा मत कर,,,,, जिस तरह से तू बोल रही है उस से तो ऐसा ही लग रहा है कि वह तेरी दोनों नारंगीयो और को ही घूरता होगा। और वैसे भी तेरी दोनों नारंगीया इतनी खूबसूरत लगती है कि अगर मैं लड़का होती तो खुद ही तेरी दोनों नारंगीयो को अपने हाथ में ले कर मसल दी होती,,,,,,
( पूनम विला कि यह बात सुनकर गुस्सा भी कर रही थी और उसकी बातों से उसे हंसी भी आ रही थी लेकिन फिर भी अपने चेहरे पर गुस्से का भाव लाते हुए वह बोली।)

बेला तू नहीं सुधरेगी तुझे ज्यादा आग लगी है तो जा कर मसलवा ले अपनी नारंगीयो को,,,,,

अरे मेरी जान मैं तो कब से तैयार बैठी हूं मैं तो चाहती हूं कि वह मेरी दोनों नारंगीयों को अपने हाथ में लेकर मसले और उसे मुंह में लेकर चुसे भी । पर उसको तो तेरी नारंगिया पसंद आ गई है।

बेला तू सच में बहुत हरामी है,,( इतना कहने के साथ ही वह बेला की चोटी अपने हाथ में पकड़कर खींचते हुए बोली।)
अब बोल बहुत बोलती थी मैं कबसे तुझे कह रही हूं कि चुप हो जा चुप हो जा लेकिन तू है की मानती नहीं,,,( इतना कहते हुए वह जोर से चोटी को खींची,,,,)

आहहहहहह,,,, पूनम छोड़ मुझे दर्द कर रहा है।

नहीं तु पहले बोल कि अब यह सब बाते नहीं करेंगी,,,, तभी छोडूंगी,,,,,

अच्छा बाबा मैं ऐसी बातें बिल्कुल नहीं करूंगी अब तो छोड़,,,,,


हां अब आई ना लाइन पर,,,,,( इतना कहते हुए वह उसकी छोटी छोड़ दी,,,, तब तक पूनम का घर भी आ चुका था और बेला फिर से उसे चिढ़ाते हुए बोली,,,)

देखना एक दिन जरूर वह तेरी नारंगी को मसलेगा,,,,,( और इतना कहकर वह फिर से भाग खड़ी हुई पूनम भी उसके पीछे दो चार कदम तक दोड़ी,,,
दरअसल यह सब सारा खेल बेला का ही रचा हुआ था बेलाही मनोज को नोट के बहाने उससे बातचीत शुरू करने को कही थी और जिसमे वह लगभग सफल भी हो चुका था।
बेला मनोज से ऊसकीे बातचीत कराने का वादा कर चुकी थी जिसमें वह धीरे धीरे अपने वादों को पूरा करने में लग भी गई थी। बेला एक लड़की होने के नाते अच्छी तरह से जानती थी कि लड़के की कीस हरकत पर किस बात पर लड़की फिदा हो जाती है। और बार बार ना करने पर भी उसे अपना दिल दे बैठती है इसलिए उसने मनोज को बातचीत करने से ही शुरुआत करने के लिए बोली थी। और बेला की यही मेहनत रंग लाई थी महीनों से मनोज पूनम के पीछे लगा हुआ था लेकिन ऊससे कभी भी बात नहीं कर पाया था। यह सब बेला का ही प्लान था कि महीनों के बाद उसे पूनम से बातचीत करने का मौका मिला था। पूनम से बात करके मनोज बेहद खुश नजर आ रहा था उसे ऐसा लगने लगा था कि सारी दुनिया ऊसकी मुट्ठी में आ गई हो। वह अपने कमरे में बैठकर पूनम के ही ख्यालों में खोया हुआ था बार-बार उसकी आंखों के सामने पूनम की गुलाबी होंठ हिलते हुए नजर आ रहे थे जब वह उससे बात करने के लिए अपने होठों को हरकत दे रही थी। मनोज उसकी सुरीली आवाज के बारे में सोचकर एकदम खुश हो रहा था उसने अभी तक उसकी आवाज इतनी ठीक से नहीं सुना था लेकिन आज पहली बार इतने करीब से उसकी आवाज सुनकर वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था। मनोज अपने बिस्तर पर बैठा बैठा पूनम की खूबसूरती के साथ साथ उसके मादक बदन के बारे में सोचकर उत्तेजित होने लगा वह मन ही मन सोचने लगा कि पूनम की दोनों चूचियां कितनी खूबसूरत लगती हैं। ड्रेस के ऊपर से जो ईतनी तनी हुई नजर आती है तो बिना ड्रेस के कितनी खूबसूरत लगती होगी। कैसा लगेगा जब वह उसकी दोनो चुचिओ को बारी-बारी से अपने मुंह में भर कर चुसेगा उसके निप्पल को दांत से काटेगा। यह सब सोचकर मनोज एकदम से उत्तेजित होने लगा और उसने तुरंत अपने पैंट की चेन खोल कर अपने टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठियाने लगा,,,, पूनम के बारे में गंदी बाते सोच-सोच कर वह इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि वह जोर-जोर से अपने लंड को हिलाने लगा और थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पानी फेंक दिया।

पूनम भी ऊसके बारे में सोच सोच कर हैरान हुए जा रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसने इतनी देर तक उससे बात कैसे कर ली। वह मन ही मन सोचने लगी कि वह तो अब उसके पीछे ही पड़ गया है। कितने ना नुकुर करने के बाद भी वह बिल्कुल भी नहीं माना,,, और वह इंग्लिश के नोट्स लेकर ही रहेगा,,,,
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Kamini
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by Kamini »

Mast update
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Rohit Kapoor
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by Rohit Kapoor »

Kamini wrote: 07 Dec 2017 19:48Mast update
thanks
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Rohit Kapoor
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by Rohit Kapoor »

मनोज रोज इसी तरह से उस मोड़ पर खड़ा होकर पूनम से इंग्लिश की नोट्स मांगने लगा था लेकिन बार बार पूरा ना होने का बहाना बनाकर मनोज की बात को वह टाल जा रही थी। मनोज को इस बात का फायदा जरूर हुआ था कि अब वह सीधे पूनम से ही बात करता था। पूनम से बातें करने में उसे इतना ज्यादा मजा आता था कि इस बात का एहसास मनोज के सिवा दूसरा कोई भी नहीं कर सकता था। उसकी सुरीली आवाज उसके कानों में पडते ही उसके बदन में कामोत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी। उससे बात करते समय उस पल का एहसास उसे चरमोत्कर्ष के एहसास के बराबर लगता था। दो-चार दिन तक ऐसा ही चलता रहा स्कूल जाते समय और स्कूल से आते समय रोज मनोज उसे उसी मोड पर मिलता है और उससे इंग्लिश की नोट्स मांगता। लेकिन बार बार कोई न कोई बहाना बनाकर पूनम इंकार कर देती थी पूनम का यह व्यवहार बेला और सुलेखा को भी अच्छा नहीं लगता था। लेकिन वह कर भी क्या सकती थी कोशिश तो उन दोनों की पूरी थी कि मनोज के साथ उसका व्यवहार अच्छा हो जाए लेकिन कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था शिवाय नोट्स के लेने देने के सिवा,,,,
मनोज पूरी तरह से पागल हो चुका था पहले की अपेक्षा अब तो ज्यादा तड़प बढ़ गई थी। पूनम को हासिल करने की लालसा उसके मन में दिन-ब-दिन और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी। पूनम के नजदीक जाते ही उसके बदन से बड़ी ही मादक खुशबू उसके नथुनों में जाती थी जिनका मादक एहसास ही उसे पूरी तरह से काम ज्वर में जलने के लिए मजबूर कर देता था। मनोज का मन सूखे पत्ते की तरह फड़फड़ा रहा था वह दिन रात किसी जुगाड़ में रहता था कि कैसे वह पूनम को हासिल करें लेकिन पूनम कोई आम लड़की की तरह नहीं थी कि जरा सी मुस्कान और स्टाइल दिखाने पर लड़कों पर फिदा हो जाए। इसलिए तो मनोज की नाक में भी दम आ गया था पूनम के इर्द गिर्द चक्कर काटते-काटते लेकिन पूनम को इस बात का जरा भी एहसास तक नहीं था वह तो अपने में ही पहले की ही तरह मस्त रहती थी हां बस थोड़ा सा अपने आप को मनोज से संभाल कर ही रखती थी।
मनोज किसी भी तरह जुगाड़ कर के पूनम को हासिल करना चाहता था। लेकिन उसका कोई भी जुगाड़ सफल नहीं हो पा रहा था। का मन ही मन यही सोचता रहता था कि जब पूनम एकदम सादगी में भी पूरे कपड़ों में भी उसके बदन में कामोत्तेजना की लहर दौड़ा देती है तो अगर वह उसे बिना कपड़ो के उसकी खूबसूरती का रसपान कर ले तब तो उसके बदन में पूरी तरह से भूकंप ही आ जाए। यही सब सोच सोच कर उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो रही थी। अब मनोज का मन पूनम को नंगी देखने का कर रहा था वह कौन उनकी खूबसूरती को उसके नग्नावस्था मैं देखना चाहता था हालांकि उसने तो ढेर सारी लड़कियों को नंगी देख चुका था और उनके बदन से खेल भी चुका था। लेकिन वाली अच्छी तरह से जानता था कि वह लड़की हो मैं और पूनम में जमीन आसमान का फर्क है इसलिए तो इतना व्याकुल हो चुका था वह उसे नंगी देखने का जुगाड़ बना रहा था लेकिन ऐसा कोई भी जुगाड़ उसकी नजर में सफल होता दिख नहीं रहा था जिससे कि वह पूनम को नंगी देख सके।
पूनम के ख्याल मात्र से ही उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी। उसके लंड का तनाव अपनी सीमा पार कर चुका था जिसे वह अपने हाथों में ले कर के फिर से हिलाने लगा था पूनम के बदन के पोर पोर की कल्पना करके वह मस्त हुआ जा रहा था। तभी उसके मन में एक युक्ति सूझी,,,
अपनी लंड को पेंट में से बाहर निकालकर धीरे धीरे से लाते हुए उस युक्ति को अंजाम देने की सोच रहा था जिसमें उसकी मदद सिर्फ बेला ही कर सकती थी,,,,, उसे अपना प्लान सफल होता नजर आने लगा और वह मन ही मन खुश होने लगा लेकिन पूनम के ख्याल में खो कर वो पूरी तरह से मुक्त हो चुका था और वह अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा। उसकी सांसे तीव्र गति से चलने लगी और जिस तरह से उसकीे सांसे चल रही थी उसी तरह से उसका हाथ ऊसके लंड पर चल रहा था। और अगले ही पल उसने जबरदस्त कल्पना किया कि उसका लंड पूनम की खूबसूरत रसीली और टाइट बुर में प्रवेश कर गई है और तभी उसके लंड ने पानी छोड़ दिया। पूनम के खूबसूरत बदन की कल्पना करके हस्तमैथुन करने में भी जो चरमोत्कर्ष का एहसास होता था उसे किसी की चुदाई करने में भी अब नहीं हो पाता था। इसलिए तो वहपूनम के ख्याल में डूबा रहता था।

दूसरे दिन वह स्कूल में पूनम से बचाकर बेला को इशारा करके अपने पास बुलाया ताकि पूनम उसे देख ना पाए,,,,, मनोज के इशारे पर तो वह कहीं भी कभी भी आ सकती थी इसलिए वह बेहद खुश होकर के स्कूल के पीछे वाली जगह पर मनोज से मिली,,,,, बेला को लग रहा था कि इस तरह से एकांत में बुलाकर वह फिर से,,,, उसकी जमकर चुदाई करना चाहता है तभी तो वह इस तरह से एकांत मैं उसे बुला रहा था। बेला खुशी खुशी स्कूल के पीछे वाली जगह पर पहुंच गई जहां पर मनोज पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था वहां पर पहुंचते ही बेला मुस्कुराते हुए बोली,,,,।

क्या जान लगता है आज फिर से तुम्हारा मूड बन गया है इसलिए मुझे तुम अकेले में बुला रहे हो,,,,

हां कुछ ऐसा ही समझो लेकिन तुम्हें एक काम करना है कैसे करना है यह मैं नहीं जानता लेकिन तुम कर सकती हो इतना जरुर जानता हूं,,,,,
( मनोज की बात सुनकर बेला को कुछ समझ में नहीं आया कि मनोज क्या कहना चाहता है इसलिए वह बोली।)

तुम कहना क्या चाहते हो यह तो बताओ,,,,,,

देखोगे ना तुम यह तो अच्छी तरह से जानती हो कि मैं मन ही मन पूनम से बेहद प्यार करने लगा हूं,,,( इतना कहते हुए मनोज दो कदम आगे बढ़कर बेला के हाथ को अपने हाथ में लेकर उसे सहलाते हुए उसे प्यार करने लगा बेला तो इतने में ही प्रसन्न हो गई उसका मन झनझना गया। और वह मनोज को जवाब देते हुए बोली।)

हां मैं अच्छी तरह से जानती हूं तभी तुम उसके पीछे पागलों की तरह घूमते रहते हो और हम जैसों का ख्याल ही नहीं करते,,,,,,

नहीं ऐसी बात नहीं है देना मैं तुमसे भी प्यार करता हूं तभी तो तुम्हें यहां बुलाया हूं वरना तुम्हें क्यों बुलाता,,,

अपने मतलब से ही बुलाए हो वरना तुमको इतनी निष्ठुर हो गए हो कि मेरी तरफ ठीक से देखते भी नहीं हो,,,,,

बेला तुम समझती नहीं हो तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो तभी तो मैं अपने दिल की बात तुम्हें बताता हूं।
( मनोज की बातें सुनकर मेरा मन ही मन प्रसन्न होने लगी कुड़ी यही तो मनोज की खासियत थी कि अपने बातों से ही हूं लड़कियों के मन को बहला देता था उन्हें अपने वश में कर लेता था। इसलिए तो यह जानते हुए भी कि मनोज पूनम के प्रति पूरी तरह से उसका आशिक हो चुका है लेकिन फिर भी बैला मनोज की दीवानी हो गई थी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोली।)

अच्छा ठीक है लेकिन यह तो बताओ कि यह कौन सा काम है कि जो मैं कर सकती हूं।

( मनोज अच्छी तरह से जानता था कि जिस काम के लिए वह बेला के पास आया है उस काम को करने के लिए बिना जल्दी तैयार नहीं होंगे इसलिए उसे उसको अच्छी तरह से फुशलाना पड़ेगा,,, और मनोज अच्छी तरह से जानता था कि बेला को किस तरह से फुसलाया जा सकता है,,,, इसलिए वह बेला को अपने करीब खींच कर अपने एक हाथ से समीज के ऊपर से ही उसकी चूची को दबाने लगा जिससे बेला भी उत्तेजित होने लगी,,,, और उसकी चूची को दबाते हुए बोला।)

बेला यह जो काम है तुम किसी से बताना नहीं लेकिन तुम्हें करना ही पड़ेगा,,, अगर तुम मेरा यह काम कर दी तो हमेशा मैं तुम्हें खुश रखूंगा (और इतना कहते हुए वह बेला का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया जो कि इस समय पेंट के अंदर गदर मचाए हुए था।, बेला का हाथ उस पर पड़ते ही बेला की बदन में सिहरन सी दौड़ गई,,, उसकी सांसे ऊपर-नीचे हो गई,,,,, मनोज समझ गया कि अब इससे अपने मतलब की बात करना ठीक रहेगा,,, वह एकदम उत्तेजना में बेला की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

बेला आई लव यू,,,,,

लव यू टू मनोज,,,,,( बेला खुश होते हुए बोली)

बेला उस दिन झाड़ियों में मैंने तुम्हारी जम के चुदाई किया,,,, कसम से मुझे बहुत मजा आया मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तुम्हारी बुर एकदम टाइट और रसीली है,,,,( बेला तो अपने बदन की तारीफ मनोज के मुंह से सुनकर एकदम गदगद हो गई।) उस पल का मजा में बार बार लेना चाहता हूं।

मैं तैयार हूं मनोज,,,,,, ( बेला झट से बोली,,,)

मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेला,,, लेकिन उससे पहले तुम्हें मेरा एक काम करना होगा,,,,( इतना कहते हुए मनोज ने जोर से उसकी चूची को दबाया की बेला की सिसकारी निकल गई।)

क्या करना होगा मनोज,,,,,( बेला सिहरते हुए बोली।)

तुम्हें रीशेष. के समय पूनम को उसी झाड़ियों तक लाना होगा।

( मनोज कि यह बात सुनते ही देना कि तो सांस ही अटक गई उसे कुछ समझ में नहीं आया कि मनोज क्या कह रहा है लेकिन जो भी कह रहा था वह बिल्कुल गलत ही था देना यह समझ रही थी कि झाड़ियों में पूनम को लाना मतलब मनोज उसके साथ कुछ गलत करना चाहता है। उसको इसका आभास होते ही अंदर तक सिहर उठी। और डरते हुए. बोली।)

नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती मनोज कुछ ऊंच नींच हो गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। नहीं मनोज तुम कुछ भी कर लो लेकिन मैं ऐसा नहीं करुंगी प्यार व्यार की बात तक सब कुछ ठीक था लेकिन इस तरह के कदम मैं नहीं उठा सकती।
( बेला शंका जताते हुए बोली,,,, बेला की बात सुनकर मनोज को अपना प्लान फेल होता नजर आने लगा लेकिन वह समझ रहा था कि बेला कुछ और ही समझ रही है इसलिए वह बात मानने से इनकार कर रही हैं,,,, मनोज बेला का हाथ पकड़कर झोपड़ी की तरफ ले जाने लगा जहां पर कोई भी आता जाता नहीं था। बेला कुछ समझ पाती इससे पहले ही वह बेला को झोपड़ी में ले आया और आते ही उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा,,,, कुछ ही सेकंड में बेला का तन बदन सूखे हुए पत्ते की तरह कांपने लगा क्योंकि मनोज ने तुरंत उसके होठों को चूसते हुए एक हाथ से उसके सलवार की डोरी खोलकर सलवार नीचे गिरा दिया था। और अपने हाथ को उसकी पैंटी में डाल कर उस की रसीली बुर को मसलने लगा जो कि ईस समय एकदम पनिया गई थी।
मनोज की इस हरकत पर बेला एकदम से मचल उठी,,,,
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

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और बेला की बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई। बेला को यकीन नहीं हो रहा था कि मनोज कुछ ऐसा करेगा,,,, मनोज पागलों की तरह उसके गुलाबी होंठ को चूसेे जा रहा था और एक हाथ से उसकी रसीली बुर को मसले जा रहा था। कुछ ही पल में बेला भी मस्त होने लगी और वह भी मनोज का साथ देते हुए उसके होठ को चूसना शुरु कर दी। मनोज अच्छी तरह से जानता था कि बेला बहुत ही चुदवासी लड़की है। अगर उसको मनाना है तो इसी तरह से मनाना होगा वरना वह इंकार कर देगी। मनोज के बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़नेें लगी थी भले ही उसके दिमाग में पूनम बसी हुई थी लेकिन बेला भी कुछ कम नहीं थी उसका भी बदन बहुत ही खूबसूरत और कामुकता से भरा हुआ था इसलिए तो मनोज भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था। यही सही मौका था बेला से अपने मन की बात करने का इसलिए मनोज ने जल्दी से अपने होठों को बेला को गुलाबी होठों से अलग किया,,,, लेकिन वह कुछ बोल पाता इससे पहले ही बेला कामोत्तेजना के रंग में पूरी तरह से रंग चुकी थी इसलिए तुरंत उसने मनोज के लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़ कर मसल ना शुरू कर दी,,,,, उत्तेजित अवस्था में बेला ने इतनी जोर से पैंट के ऊपर से मनोज के लंड को दबाई कि मनोज की आह निकल गई। वह पैंट के ऊपर से ही जोर जोर से मनोज के लंबे लंड को मसलना शुरू कर दी थी। मनोज जानता था कि ज्यादा समय इन दोनों के पास नहीं है इसलिए वह बेला के सामने घुटनों के बल बैठते हुए बोला,,,,
बेला तुम मेरी बात मान जाओ तो मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा,,,
( इतना कहने के साथ ही वह बेला के पेर में से उसकी सलवार और पैंटी दोनों को निकालने लगा,,,, सलवार और पेंटी को निकालने के बाद वह फिर से खड़ा हुआ और तुरंत अपने पेंट की बटन खोल कर अंडर वियर सहित उसे घुटनों तक सरका दीया,,, पेंट के उतरते ही मनोज का खड़ा लंड हवा में झूलने लगा जिस पर नज़र पड़ते ही बेला कि बुर में चीटियां रेंगने लगी। उसकी आंखें फटी की फटी रह गई वह बड़े आश्चर्य के साथ मनोज के लंड को देखे जा रही थी। और देखते ही देखते मनोज फिर से उसके सामने घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी बड़ी गांड पर रखकर अपने होठों को बेला की जांघों के बीच बढ़ाते हुए बोला।)

बेला बस एक बार मेरा कहा मान लो मैं तुम्हें हमेशा इसी तरह से मस्त करता रहूंगा तो मैं दुनिया की हर खुशी दूंगा तुम्हें कभी भी शिकायत का मौका नहीं दूंगा,,,,( इतना कहने के साथ ही मनोज अपनी प्यासी जीभ को बेला की दहकति बुर पर रखकर उसे चाटना शुरू कर दिया। मनोज से बेला को इस हरकत की बिल्कुल भी उम्मीद ही नहीं थी वह तो जैसे ही मनोज की जीभ ऊसकी बुर पर स्पर्श हुई,,, उसका पूरा बदन उत्तेजना के मारे ऐंठ सा गया। उसके मुंह से तुरंत गरमागरम सिंसकारी निकल गई,,,,

सससससहहहहहह,,,, आहहहहह,,,, मनोज,,,,, ऊहहहहह,,,,,
( मनोज लड़कियों को अपने वश में करना अच्छी तरह से जानता था इसलिए उसने एक पल भी गम आए बिना ही जल्दी जल्दी अपनी जीभ से उसकी गुलाबी पंखुड़ियों को चाटना शुरू कर दिया। मनोज की हरकत पर बेला की तड़प और ़ ज्यादा बढ़ती जा रहेी थी। उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह अपने दोनों हाथों से मनोज का सिर पकड़कर उसके बालों को भींचते हुए उसका मुंह अपनी बुर से सटा दी,,,, मनोज समझ गया कि बेला एकदम काम वीह्वल हो गई है।
बेला को बहुत मजा आ रहा था लेकिन मनोज उसे और भी ज्यादा तड़पाना चाहता था इसलिए तुरंत अपना मुंह उसके बुर से हटा दिया,,, और खड़े हो कर के अपने लंड को बेला की बुर से रगड़ते हुए बोला।

बोलो बेला मेरा काम करोगी ना,,,,

( अब तो ना बोलने का कोई सवाल ही नहीं उठता था मनोज अच्छी तरह से जानता था कि जो काम होश में नहीं होता वह काम आवेश में हो जाता है। और यही बेला के साथ भी हुआ था वह अब तक ना नुकुर कर रही थेी,,, लेकिन इस समय उसके बदन की तरफ बढ़ चुकी थी उसे अपनी बुर में मनोज का लंड लेना था इसलिए वह मनोज की हर बात मान गई। और हामी भर दी मनोज ने तुरंत उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा और एक टांग को ऊपर उठा कर अपने दूसरे हाथ से पकड़ लिया,,, बेला अच्छी तरह से जानती थी कि उसे अब क्या करना है। उसने तुरंत अपना हाथ नीचे ले जाकर मनोज के लंड को पकड़कर अपनी बुर को सटा दी,,,, मनोज भी एक पल गवाएं बिना ही अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया और उसका पूरा लंड बेला की बुर मे समा गया,,,,मनोज ऊसे जोर जोर से चोदना शुरु कर दीया। और. चोदते हुए उसे अगला प्लान बताने लगा,,, उसने बोला को साफ साफ बता दिया कि वह पूनम के साथ झाड़ियों में कुछ करना नहीं चाहता बल्कि उस के नंगे बदन का रसपान करना चाहता है उसे दूर से ही देखना चाहता है। और यह काम पहले पूनम को उधर लाकर पेशाब करने के बहाने उसके भरावदार खूबसूरत नितंबो का दर्शन उसे करा सकती है। मनोज का यह प्लान सुन कर बेला की जान में जान आई,,, क्योंकि अब तक वह घबरा रहे थे उसे लग रहा था कि मनोज कुछ गलत करेगा लेकिन वह तो सिर्फ उस के नितंबों के दर्शन करना चाहता था। जो कि बोला पूनम को उधर लाकर बड़े आराम से नितंबों के दर्शन करा सकती थी। मनोज का प्लान सुनकर बेला खुश होते हुए खुद भी अपनी कमर आगे पीछे करके मनोज के लंड को अपनी बुर में लेने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से दोनों एक साथ झढ़ गए और बड़े आराम से क्लास में आकर बैठ गए और रिशेष होने का इंतजार करने लगे।

बेला क्लास में बहुत खुश नजर आ रही थी और खुश भी क्यों ना हो उसे तो बस मजा आ रहा था। जिसके साथ उसे थोड़ी भी उम्मीद नहीं थी उसके साथ वह दो बार चुद चुकी थी,,,,
मनोज के कहे अनुसार अगर वह सचमुच उसका काम कर देती है तो हमेशा मनोज के साथ उसे मस्ती करने का पूरा मौका मिलेगा,,,,, इसलिए वह क्लास में बैठे-बैठे आगे का प्लान बनाने लगी कि पूनम को किस तरह से उन झाड़ियों में ले जाया जाए,,,,, कुछ देर सोचने के बाद उसके मन में एक युक्ति सूजी और उस युक्ति को आजमाने की सोच कर उसके बदन में उत्सुकता होने लगी। प्लान के बारे में सोच कर उसके चेहरे पर खुशी झलकने लगी,,,, दूसरी तरफ मनोज रिशेस होने का इंतजार कर रहा था उस की उत्सुकता झाड़ियों में होने वाली हलचल को लेकर बढ़ती जा रही थी उसे यकीन था कि बेला उसे झाड़ियों तक जरूर लेकर आएगी इसलिए उसकी मन की तरंगे बार-बार लहरा उठ रही थी।
पूनम इन सब बातों से बिलकुल बेखबर थी वह तो अपने में ही मस्त क्लास में पढ़ाई कर रही थी,,,,, तभी समयानुसार रीशेष की घंटी बज गई। मनोज उठकर क्लास के बाहर आ गया वह पहले से ही झाड़ियों के अंदर छिपना चाहता था इसलिए झाड़ियों की तरफ जाने लगा,,,,,,, लेकिन तभी रास्ते में उसे उसका दोस्त गुल्लू मिल गया मनोज उससे पीछा छुड़ाना चाहता था लेकिन गुल्लू जब भी मनोज से मिलता था तो उसके पीछे ही लग जा रहा था। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसे मौके पर उस से कैसे पीछा छुड़ाया जाए। ,,,, लेकिन वह पीछा छोड़ने वालों में से नहीं था वह मनोज को देखते ही बोला।

अरे मनोज तुम इन झाड़ियों की तरफ कहां जा रहे हो रुको मैं भी चलता हूं।

कहीं नहीं जा रहा हूं बस ऐसे ही घूम रहा हुं( मनोज चिढ़ते हुए बोला। )
अच्छा कोई बात नहीं हम दोनों साथ में ही घूमते हैं। वैसे भी कुछ दिनों से तुमसे मुलाकात नहीं हुई।

तो क्या करेगा मेरे से मुलाकात करके जा अभी मुझे परेशान मत कर मुझे बहुत जरुरी काम है।

क्या काम है मुझे तो बताओ,,,,, कहीं मस्ती करने तो नहीं जा रहे हो,,,,

हां करने जा रहा हूं तेरी बहन मुझे झाड़ियों में बुलाई है। ( मनोज नाराज होते हुए बोला।)
यार तु तो जब देखो नाराज हो जाता है। मैं तुझे रोक तो नहीं रहा हूं ना,,,, लेकिन तुझे अकेले भी नहीं जाने दूंगा मैं भी चलूंगा मैं भी देखना चाहता हूं कि तू अंदर क्या करता है।
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