चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

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Rohit Kapoor
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by Rohit Kapoor »

बेला भी पागलों की तरह एकदम से चुदवासी हो करके उससे लिपटने चिपटने लगी,,,, मनोज के पास ज्यादा समय नहीं था इसलिए वह ड्रेस के ऊपर शायरी उसकी दोनों चुचियों को पकड़कर दबाने लगा बेला पहले भी कई लड़कों के साथ चुदाई का सुख भोग चुकी थी इसलिए लड़के उसकी चूचियों को दबा दबा कर उसको मुंह में भर कर चूस चूस कर बड़ी कर दिए थे इसलिए मनोज को और ज्यादा मजा आ रहा था। वह जोर जोर से उसके चुचियों को दबाते हुए बोला।


ऊहहहहहह,,,,, बहुत मस्त चूची है रे तेरी बड़ी-बड़ी,,,, बहुत मजा आ रहा है दबाने मे।
( तभी बेला से रहा नही गया और वह पैंट के ऊपर से ही मनोज के लंड को पकड़ लीे जो कि काफी तना हुआ था,,,,)

तेरा भी तो बहुत जोरदार लग रहा है,,,,,

पकड़ने से जोरदार नहीं लगेगा ईसे तू अपनी बुर में लेगी तो तुझे जोरदार लगेगा।


तो डाल देना मेरी बुर में तुझे रोका किसने है ।


तू तो एकदम रंडी की तरह बोल रही है बेला।


तेरी तो में सब कुछ बनने के लिए तैयार हूं बस तू ही ना जाने क्यूं पूनम के पीछे मरता रहता है। क्या मेरे से ज्यादा बड़ी बड़ी चूची है उसकी,,,,, मेरे से छोटी छोटी है उसकी तुझे दबाने मे भी तो मजा नही आएगा,,,,,,

( बेला उसे यह कह रही थी कि उसने झट से बेला की सलवार की डोरी को खोल दिया,,,, और उसकी पैंटी सहित नीचे सरकाते हुए बोला,,,)

बेला मेरी जान तू भी बहुत मस्त माल है लेकिन ना जाने क्यों पुनम की बात ही कुछ और है।साली एतदम दिल में उतर गई है। ( इतना कहने के साथ ही वह बेला को पेड़ की तरफ घुमा दिया और उसे नीचे की तरफ थोड़ा झुकने के लिए बोला,,,, बेला को मालूम था कि उसे क्या करना है वह भी पेड़ की तरफ घूम गई और पेड़ पकड़कर झुकते हुए अपनी बड़ी बड़ी गांड को बाहर की तरफ उठा दी,,,, गांड ऊठाते ही एकदम गोल गोल बड़ी बड़ी मदमस्त गांड मनोज की आंखों के सामने नाचने लगी जिसे देखकर वह एक दम से पागल हो गया,,,, और तुरंत अपनी पेंट की चेन को खोल कर पेंट में से लंड को बाहर निकाल लिया जिसे बेला अपनी नजरें घुमा कर देख रही थी और मन ही मन बहुत उत्तेजित और खुश भी हो रही थी। मनोज को अच्छी तरह से मालूम था कि किसी भी समय विशेष पूरी हो सकती है इसलिए तुरंत बेला की गांड को पकड़ कर,,, थोड़ा ऊपर की तरफ उठाया और उसके गुलाबी छेद पर एक नजर डाल कर अपने लंड के सुपाड़े को गुलाबी बुर के छेद पर रख दिया,,,, जैसे ही मनोज का गरम सुपाड़ा बेला की गुलाबी बुर पर स्पर्श हुआ बेला अंदर ही अंदर सिहर उठी,,,,
सससहहहह,,,,, मनोज तेरा तो बहुत मोटा है।

अरे मोटा है तभी तो लड़कियां मेरी दीवानी है एक बार लेने के बाद वह दुबारा मेरे पास जरुर आती हैं,,,


पर मैं तो वैसे भी तेरी दीवानी हूं।

सब दीवानी है केवल पूनम को छोड़कर जितना मैं उसके पीछे पापड़ बेल चुका हूं उतना आज तक किसी लड़की के पीछे मुझे इतना हैरान नहीं होना पड़ा,,,,,( इतना कहते हुए मनोज ने धीरे-धीरे अपने लंड को बेला की बुर में सरकाना शुरू कर दिया,,,) देखना जिस दिन पूनम मेरे प्यार में पड़ गई ना उस दिन पूनम की गुलाबी बुर का स्वाद अच्छे से चखूंगा,,,,
( तभी मनोज ने जोरदार प्रहार किया और उसका आधा से भी ज्यादा लंड बेला कि बुर में समा गया,,, और बेला की चीख निकल गई,,,)

आााहहहहहह,,,,,, ओहहहह,,,,, मां,,,,,,,,

क्या हुआ मेरी जान बस ईतने ं से ही आहहहह,,,,, ऊहहहहहह,,, करने लगी,,,,,

दर्द में ही तो मजा है,,,,,, ( तब तक मनोज ने पूरा लंड ऊसकी बुर में डाल दिया और एक बार फिर से उसके मुंह से चीख नीकल गई। ) आाहहहहहह,,,,,,,,,, क्या सच में तू पूनम को भी चोदना चाहता है।

हां क्यों नहीं पूनम को चोदने के लिए तो मैं तड़प रहा हूं उसकी मदमस्त गांड को अपने हाथों में पकड़ कर मसलना चाहता हूं उसकी छोटी छोटी नारंगीयों को दबाना चाहता हूं। मैं उसके बदन के रस को चुसना चाहता हूं। ( इतना कहते हुए और जोर जोर से धक्के लगा कर बेला को चोदने लगा बेला को भी बहुत मजा आ रहा था उसका लंबा लंड उसकी बुर की गहराई तक पहुंच रहा था। वह मस्त होते हुए बोली।)
क्या पूनम तुझे से चुदने के लिए मान जाएगी क्योंकि जहां तक मैं जानती हूं वह ऐसी लड़की बिल्कुल भी नहीं है।

तू ऊससे एक बार मेरी उस से जान पहचान करवा दी उसके बाद मैं खुद ही संभाल लूंगा और हां अगर तूने मेरी उससे जान पहचान करवा दी तो तुझे रोज ही मस्त कर दूंगा।

क्या,,, तू सच कह रहा है ना,,,,,,,,

हां मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं (मनोज जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला)

तू चिंता मत कर मैं जरुर तेरा कुछ ना कुछ करवा ही दूंगी,,,,,
बस अब जोर जोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोद,,,,


उसके कहने के साथ ही मनोज जोर जोर से धक्के लगाते हुए उसे चोदने लगाओ बेला की बड़ी बड़ी गांड पकड़ कर चोदने मैं उसे बहुत मजा आ रहा था। बेला भी एक दम मस्त हो गई थी वह भी अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल ठेल कर उसके लंड को लें रही थी। थोड़ी ही देर में बेला के साथ साथ वह भी अपना पानी झड़ते हुए बेला की बुर को भर दिया।
बेला अपनी सलवार की डोरी बांधते हुए मनोज को आगे का प्लान समझाते हुए बोली,,,

कल तुम मुझसे साइंस के नोट्स मांगना और मुझे मेरी मैथ की नोट्स देना देखना ऐसे ही किताबों की लेने देने से जरूर पूनम तुझ से बातें करने लगेगी।
( मनोज की बेला का यह प्लान सुन कर बहुत खुश हुआ और उसे पहले झाड़ियों के बाहर भेज दिया ताकि किसी को कुछ शक ना हो और थोड़ी देर बाद खुद भी झाड़ियों से बाहर निकल कर क्लास में जाकर बैठ गया।)
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Kamini
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

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rajaarkey
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Re: चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Post by rajaarkey »

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