चुदाई का वीज़ा complete

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rajsharma
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Re: चुदाई का वीज़ा

Post by rajsharma »

ये सोच कर मैने अपने कपड़े उतार दिए और उन्हे खूब अच्छी तरह निचोड़ कर सोफा पर फेला दिया ताकि खुसक हो जाएँ.

में बेड पर ब्लंकेट ओढ़ कर नंगी ही लेट गई .मेरा इरादा था कि अब्बा के वापिस आने से पहले पहले में दुबारा अपने कपड़े पहन लूँगी.

एक तो सुबह सवेरे जल्दी उठने की वजह, उपर से वीसा ना मिलने की मायूसी और फिर ठंडे जिस्म को कंबल की गर्मी ने मेरे जिस्म को वो राहत पहुँचाई कि मुझ पर एक उनीदी सी छाने लगी.

पता नही में कितनी देर इसी तरह सोती रही. फिर अचानक मेरी आँख खुली तो मुझे महसूस हुआ कि में बेड की एक साइड पर करवट लिए सो रही थी.

अभी मेरी आँखे पूरी तरह खुली भी नही थीं कि मुझे ये अहसास हुआ कि में बेड पर अकेली नही बल्कि कोई और भी मेरे जिस्म के पीछे लेटा हुआ है. और वो जो कोई भी है उस का एक हाथ मेरे नंगे मम्मो को सहला रहा था.

एक लम्हे के लिए तो मुझे कुछ समझ में नही आया कि ये क्या हो रहा है. और फिर में जैसे ही नींद के खुमार से बाहर आई तो अपने मम्मो पर फिसलते हुए किसी के हाथ को महसूस कर के मेरी तो जान ही निकल गई.

में समझी कि शायड ये आदमी मेरे कमरे में समोसे और चाये लाने वाला वेटर हो सकता है.

क्यों कि मैने नोट किया था कि जब वो मुझे खाने देने दरवाज़े पर आया था. तो मुझे ट्रे पकड़ाते वक़्त वो ब गौर मेरे जिस्म का जायज़ा ले रहा था.

में एक दम चीखते हुए उठ बैठी और अपने पीछे लेटे हुए शक्स को बेड से धकेलने लगी.

धक्का देते वक़्त ज्यूँ ही मेरी नज़र उस शक्स के चेहरे पर पड़ी तो मेरा रंग फक हो गया .

क्यों कि वो शक्स होटेल का वेटर नही बल्कि मेरे अपने सुसर (अब्बा जी) मेरे साथ एक बेड पर पूरी तरह नंगे लेटे हुए थे.

में अब्बा को अपने साथ इस हालत में देख कर दम ब खुद हो गई.

मुझे यकीन नही हो रहा था. कि अब्बा अपनी उस बहू के साथ जिस को वो अपनी बेटी कहते नही थकते थे. वो उस के साथ आज इस तरह बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे और उन के चेहरे पर निदमत ( शर्म ) नाम की कोई चीज़ भी नही थी.

में अपना जिस्म ब्लंकेट से छुपाने लगी तो ज़लील अब्बा ने मेरा हाथ थाम लिया और मुझे ज़बरदस्ती अपने साथ लिटाने लगे.

“अब्बा में आप की बेटी हूँ, आप क्यों मेरे साथ ये ज़ुल्म कर रहे हैं” कहते हुए मैने अपने आप को अपने सुसर की क़ैद से छुड़ाने की कॉसिश की.

लेकेन अब्बा ने मेरी बात को अन सुनी करते हुए मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे जिस्म को अपने बाजुओं में भर लिया.

मैने कहा कह “हट जाइए वरना में शोर मचा दूँगी, आप को शरम आनी चाहिए”

लेकिन अब्बा को तो जैसे किसी बात का असर नही हो रहा था.

उन्होने मुझे बेड पर सीधा लिटाया और खुद फॉरन मेरे जिस्म के उपर आ गये.

जब मैने देखा कि अब्बा पर मेरी किसी बात का असर नही हो रहा है.

तो मैने ज़ोर ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया “बचाओ बचाओ”.

लेकिन लगता था कि होटेल का कमरा एर कंडीशन होने के साथ साथ साउंड प्रूफ और चीख प्रूफ भी था. शायद इसी लिए मेरी चीखे कमरे से बाहर किसी और को सुनाई ना दीं.

अब में नगी बिस्तर पर चित लेटी हुई थी. जब कि अब्बा मेरी टाँगों के बीच में बैठे हुए थे.

उन्होने अब मेरी दोनो टाँगों को अपने दोनो हाथों से फैला दिया.जिस की वजह से मेरी फुद्दी पहली बार मेरे अपने सुसर के सामने बिल्कुल खुल गई.

अपनी जवान बहू की सॉफ शफ़ाफ़ और फूली हुई चूत को देख कर अब्बा की आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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rajsharma
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Re: चुदाई का वीज़ा

Post by rajsharma »

ज़ाहिर सी बात है एक 60 साला बूढ़े आदमी को जब एक 24 साला जवान चूत नज़र आ जाए तो उस की तो जैसे लॉटेरी ही निकल आती है.

अब्बा भी मेरी जवान गरम चूत को देख कर मचलने लगे.

60 साल की उमर के होने का बावजूद उन का लंड मेरी चूत और मुझे देख कर तन गया था.

और अब वो मेरे अंदर घुसने के लिए बे करार हो कर उछल कूद में मसरूफ़ था.

अब्बा मेरे उपर लेट गये और उन का लंड मेरी चूत की दीवारों के उपर रगड़ खाने लगा.

मैने एक बार फिर अपने दोनों हाथों से अब्बा के सीने पर रख कर उन को अपने उपर से धकेलने की कॉसिश की.मगर एक मर्द होने के नाते अब्बा में मुझ से ज़्यादा ताक़त थी.

और अब्बा ने अपने लंड को मेरी चूत के उपर टिका कर एक धक्का मारा. तो उन का बूढ़ा लंड मेरी जवान चूत की दीवारों को चीरता हुआ मेरी फुद्दी में दाखिल होने में कामयाब हो गया..

अपने सुसर के लंड को अपनी चूत के अंदर जाता हुआ महसूस कर के मेरी जान ही निकल गई. और बे सकता मेरे मुँह से अपने सुसर के लिए गालियाँ निकाल ने लगीं.

“जॅलील, कुत्ते,कमिने इंसान हट जाओ मेरे उपर से,में तुम्हारी असलियत सब को बताऊंगी चाहे कुछ भी हो जाय” में चीख रही थी.

लेकिन अफ्रीन है बेगैरती और ज़लील अब्बा पर कि वो कुछ ना बोले बस चुप चाप अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करते रहे.

नीचे से अपना लंड मेरी फुद्दी में डालने के बाद उपर से अब्बा ने अपना मुँह आगे बढ़ा कर अपने बूढ़े गलीज़ होंठो को मेरे नादां-ओ-मुलायम होंठों पर रख कर मुझ किस करने की कॉसिश की.

ज्यूँही अब्बा अपना मुँह मेरे मुँह के करीब लाए तो मैने उन को किस देने की बजाए उन के मूँह पर थूक दिया और कहा कि अपनी बेटियों से भी यही करता है कुत्ते.

में अब्बा को गालियाँ देती रही और रोती रही.मगर ऐसा लगता था कि अब्बा तो अंधे और बहरे बन कर बेज़्जती प्रूफ हो चुके थे. उन पर मेरी किसी बी बात और गाली का असर नही हो रहा था.

अब्बा ने जब देखा कि में उन को अपने होंठो से किस नही दे रही. तो उन्हो ने मेरे गाल गर्दन और चुचियों को अपने नापाक होंठो से चूमना चाटना शुरू कर दिया.

वो मेरे मम्मो को अपने मनहूस होंठों से चाट रहे थे और में चुप चाप आँसू बहा रही थी.

साथ ही साथ उन का लंड मेरी फुद्दी में बिना रोक टोक अंदर बाहर होने में मसरूफ़ था.

हालाकि शादी के बाद में अपने शोहर से चुदवाते वक़्त बहुत एंजाय करती और मस्ती और जोश में मेरे मुँह से निकलने वाली सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज कर मेरे शोहर को मजीद जोश में लाती थीं.

मगर अब्बा से सख़्त नफ़रत और उन पर बे पनाह गुस्सा आने की वजह से लगता था कि मेरी फुद्दी वाला हिस्सा जैसे “सुन्न” हो गया था.

इसी लिए में उस वक़्त अपनी चूत और निचले धड में कुछ भी महसूस करने से कसीर हो चुकी थी.

अब्बा काफ़ी देर तक मुझे चोदते रहे और फिर वो ज़लील इंसान मेरे अंदर ही डिसचार्ज हो गया.

अपने लंड का पानी मेरी चूत में गिराने के बाद अब्बा ने अपने कपड़े समेटे और वॉश रूम में चले गये.

जब कि में ब्लंकेट में लिपटी हुई हिचकियाँ लेते हुए रोती रही.
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Re: चुदाई का वीज़ा

Post by pongapandit »

राज भाई एकदम फाडू कहानी हैं दोनो की दोनो
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Rohit Kapoor
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Re: चुदाई का वीज़ा

Post by Rohit Kapoor »

Keep writing dear, Excited for NEXT Update . . . .
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jay
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Re: चुदाई का वीज़ा

Post by jay »

wow superb story bro

maza aa gya
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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