भाभी का बदला
- rangila
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Re: भाभी का बदला
super hot stori hai bhai keep writing.............
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
धन्यवाद दोस्तो अपडेट
थोड़ी ही देर में ...............
Read my all running stories
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
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- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
पायल-भाभी, आप आज बहुत खुश दिख रही हो क्या बात है? आज तो भैया भी नहीं हैं, फिर खुश कैसे?
रजनी-क्या यार, तेरे भाई का नाम मत ले उसके कहां बस की है प्यार करना मेरे जैसे हाट लड़की को।
पायल-क्यों क्या कमी है मेरे भाई में, जो आपको प्यार नहीं कर सकते? अब पायल ने भाभी के मन की बातू जा नना शुरू कर दिया। वो सब जान ना चाहती थी उससे की आज जो लड़का दिन में चोदकर गया कौन था?
रजनी-कमी ही कमी है उसमें तो, बस नाम का पति है काम का नहीं।
पायल-काम का नहीं मतलब?
रजनी-देख पायल शादी के बाद लड़की को माँ बनाने के लिए सेक्स की जरूरत होती है पर तेरे भाई को सेक्स में इंटरेस्ट नहीं है और मुझे सेक्स की बहुत जरूरत होती है।
पायल-ओह्ह भाभी… भाई तो करते होंगे सेक्स आपके साथ तो?
रजनी-यार करते हैं, मगर उनमें दम नहीं है जो मुझे माँ बना सके, उनका वो छोटा सा है।
पायल-वो क्या भाभी? सब बताओ मुझे की आप क्या कहना चाहती हो?
रजनी-यार उनका लण्ड बहुत छोटा है और खड़ा होने के बाद 4½ या 5 इंच का होता है और जो चूत में डालते ही झड़ जाता है, और मैं तड़पती रहती हूँ बिस्तर पर।
पायल-तो भाभी, आपको भाई से बात करनी चाहिए इसके बारे में।
रजनी-कोई फ़ायदा नहीं है तेरे भाई से बात करने में, क्योंकी लण्ड का साइज तो बढ़ना है नहीं और मुझे वो लण्ड बिल्कुल पसंद नहीं है।
पायल-फिर भाभी आप क्या करोगी? क्या आप और भाई कभी माँ पापा नहीं बन सकते?
रजनी-ऐसी बात नहीं है मेरी रानी, सब ठीक हो जाएगा। पर तेरा भाई मेरी बात माने तो।
पायल-कैसी बात? और कौन सी बात मानेंगे भाई जो तुम माँ बन जाओगी?
रजनी-देख पायल, तुम मेरी दोस्त जैसी हो तो मैं तुमको बता देती हूँ कि तेरे भाई के बस की नहीं है मुझे माँ बनाना।
पायल-तो भाभी फिर आप कैसे माँ बनोगी?
रजनी-देख यार, इसके लिए मुझे किसी और लड़के की जरूरत होगी, जो मुझे चोदे और माँ बना दे। पर तेरा भाई खुद तो मर्द है नहीं और मेरी बात मानेगा नहीं, तो ऐसा नहीं हो सकता।
पायल-भाभी, आप होश में तो हो? क्या बकवास कर रही हो? कोई अपनी बीवी को किसी और से कैसे चुदने दे सकता है?
रजनी-हाँ मुझे पता है, इसलिए तेरे भाई से बात नहीं की। और साला वो तो नामर्द है और मुझे ठीक से चोद नहीं सकता पर शादी कर ली कुत्ते नै। नामर्द है वो।
पायल-भाभी, आप भाई को गाली मत दो, मेरा भाई अच्छा है समझी।
रजनी-हाँ जानती हूँ कितना अच्छा है? अब तू जा और मुझे सोने दे, मैं बहुत थकी हुई हूँ ।
पायल-“ठीक है, आज कुछ ज्यादा ही थकी लग रही हो…” पर मैंने उसे एक बार भी शक नहीं होने दिया की आज मैंने उसकी चुदाई देखी है और वीडियो भी बनाया है।
फिर पायल अपने रूम में आ गई और दरवाजा लाक करके अपना पीसी ओन किया और मोबाइल को अपने पीसी से कनेक्ट किया, भाभी की चुदाई का वीडियो पीसी में डाल दिया, और देखने लगी। मैं वीडियो को देखकर कर फिर से गरम होने लगी, मेरी आँखों के आगे बार-बार राज का गधे जैसा लण्ड घूम रहा था और मैं खुद पर कोई कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। और मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।
अब मेरी चूत से मेरी जवानी भी फूट रही थी। 32” साइज की मेरी चुची और मेरे पिंक निपल लाल हो चुके थे। मैंने अपनी दराज़ से एक पेंसिल निकाली और चूत में घुसाने लगी। धीरे-धीरे मैंने उसे पूरा घुसा लिया और अंदर बाहर करने लगी। फिर मैं झड़ गई और बिस्तर पर नंगी ही पड़ी रही और जैसे-तैसे करके पीसी को बंद किया और बेड पर लेट गई।
और मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरी आँख लग गई और सो गई। सुबह आँख खुली तो 6:00 बज रहे थे और मैं पूरी नंगी चादर में लिपटी हुई थी। मैं खड़ी हुई, कपड़े पहने और बाहर आई तो देखा कि तो माँ उठ चुकी और काम में लगी थी, और भाभी किचेन में थी।
मैं फ्रेस हुई और रूम में आ गई और पढ़ने लगी पर मेरा मन बार-बार उसी वीडियो पर अटका था। करीब दो घंटे तक मैं इसी सोच में पड़ी रही। पर मन नहीं था और फिर भाभी ने मुझे आवाज दी और नाश्ते के लिए बुलाया, मैं बाहर गई तो देखा नाश्ता तैयार था।
मैंने मम्मी और भाभी ने नाश्ता किया और मैं फिर मम्मी के साथ मिलकर घर का काम करने लगी। कुछ दिन ऐसे ही बीत गये। कभी-कभी मैं उस चुदाई का वीडियो देख लेती और मजा लेती। और मेरी भाभी अब ज्यादा दिन बिना चुदाई के नहीं रुक सकी। एक दिन शाम को भाई घर पे आया।
और मैंने सोचा क्यों ना आज भाई और भाभी की चुदाई देखी जाए, पर रात को मम्मी के उठने का डर भी था। फिर मैंने सोचा जो होगा देखा जाएगा, आज भाई का लण्ड देखती हूँ की भाभी सही कहती है झूठ ? तो मैंने सोचा आज कुछ भी हो मुझे देखना ही है। मैं रूम में आ गई और सबके सोने का इंतेजार करने लगी। अब मैं रात को 11:00 बजे उठी और बाहर आई। पहले मोम के रूम को देखा तो बंद था। मैं फिर बाहर आई और भाई के रूम में खिड़की से झांकने लगी अंदर की तरफ।
रजनी-क्या यार, तेरे भाई का नाम मत ले उसके कहां बस की है प्यार करना मेरे जैसे हाट लड़की को।
पायल-क्यों क्या कमी है मेरे भाई में, जो आपको प्यार नहीं कर सकते? अब पायल ने भाभी के मन की बातू जा नना शुरू कर दिया। वो सब जान ना चाहती थी उससे की आज जो लड़का दिन में चोदकर गया कौन था?
रजनी-कमी ही कमी है उसमें तो, बस नाम का पति है काम का नहीं।
पायल-काम का नहीं मतलब?
रजनी-देख पायल शादी के बाद लड़की को माँ बनाने के लिए सेक्स की जरूरत होती है पर तेरे भाई को सेक्स में इंटरेस्ट नहीं है और मुझे सेक्स की बहुत जरूरत होती है।
पायल-ओह्ह भाभी… भाई तो करते होंगे सेक्स आपके साथ तो?
रजनी-यार करते हैं, मगर उनमें दम नहीं है जो मुझे माँ बना सके, उनका वो छोटा सा है।
पायल-वो क्या भाभी? सब बताओ मुझे की आप क्या कहना चाहती हो?
रजनी-यार उनका लण्ड बहुत छोटा है और खड़ा होने के बाद 4½ या 5 इंच का होता है और जो चूत में डालते ही झड़ जाता है, और मैं तड़पती रहती हूँ बिस्तर पर।
पायल-तो भाभी, आपको भाई से बात करनी चाहिए इसके बारे में।
रजनी-कोई फ़ायदा नहीं है तेरे भाई से बात करने में, क्योंकी लण्ड का साइज तो बढ़ना है नहीं और मुझे वो लण्ड बिल्कुल पसंद नहीं है।
पायल-फिर भाभी आप क्या करोगी? क्या आप और भाई कभी माँ पापा नहीं बन सकते?
रजनी-ऐसी बात नहीं है मेरी रानी, सब ठीक हो जाएगा। पर तेरा भाई मेरी बात माने तो।
पायल-कैसी बात? और कौन सी बात मानेंगे भाई जो तुम माँ बन जाओगी?
रजनी-देख पायल, तुम मेरी दोस्त जैसी हो तो मैं तुमको बता देती हूँ कि तेरे भाई के बस की नहीं है मुझे माँ बनाना।
पायल-तो भाभी फिर आप कैसे माँ बनोगी?
रजनी-देख यार, इसके लिए मुझे किसी और लड़के की जरूरत होगी, जो मुझे चोदे और माँ बना दे। पर तेरा भाई खुद तो मर्द है नहीं और मेरी बात मानेगा नहीं, तो ऐसा नहीं हो सकता।
पायल-भाभी, आप होश में तो हो? क्या बकवास कर रही हो? कोई अपनी बीवी को किसी और से कैसे चुदने दे सकता है?
रजनी-हाँ मुझे पता है, इसलिए तेरे भाई से बात नहीं की। और साला वो तो नामर्द है और मुझे ठीक से चोद नहीं सकता पर शादी कर ली कुत्ते नै। नामर्द है वो।
पायल-भाभी, आप भाई को गाली मत दो, मेरा भाई अच्छा है समझी।
रजनी-हाँ जानती हूँ कितना अच्छा है? अब तू जा और मुझे सोने दे, मैं बहुत थकी हुई हूँ ।
पायल-“ठीक है, आज कुछ ज्यादा ही थकी लग रही हो…” पर मैंने उसे एक बार भी शक नहीं होने दिया की आज मैंने उसकी चुदाई देखी है और वीडियो भी बनाया है।
फिर पायल अपने रूम में आ गई और दरवाजा लाक करके अपना पीसी ओन किया और मोबाइल को अपने पीसी से कनेक्ट किया, भाभी की चुदाई का वीडियो पीसी में डाल दिया, और देखने लगी। मैं वीडियो को देखकर कर फिर से गरम होने लगी, मेरी आँखों के आगे बार-बार राज का गधे जैसा लण्ड घूम रहा था और मैं खुद पर कोई कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। और मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।
अब मेरी चूत से मेरी जवानी भी फूट रही थी। 32” साइज की मेरी चुची और मेरे पिंक निपल लाल हो चुके थे। मैंने अपनी दराज़ से एक पेंसिल निकाली और चूत में घुसाने लगी। धीरे-धीरे मैंने उसे पूरा घुसा लिया और अंदर बाहर करने लगी। फिर मैं झड़ गई और बिस्तर पर नंगी ही पड़ी रही और जैसे-तैसे करके पीसी को बंद किया और बेड पर लेट गई।
और मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरी आँख लग गई और सो गई। सुबह आँख खुली तो 6:00 बज रहे थे और मैं पूरी नंगी चादर में लिपटी हुई थी। मैं खड़ी हुई, कपड़े पहने और बाहर आई तो देखा कि तो माँ उठ चुकी और काम में लगी थी, और भाभी किचेन में थी।
मैं फ्रेस हुई और रूम में आ गई और पढ़ने लगी पर मेरा मन बार-बार उसी वीडियो पर अटका था। करीब दो घंटे तक मैं इसी सोच में पड़ी रही। पर मन नहीं था और फिर भाभी ने मुझे आवाज दी और नाश्ते के लिए बुलाया, मैं बाहर गई तो देखा नाश्ता तैयार था।
मैंने मम्मी और भाभी ने नाश्ता किया और मैं फिर मम्मी के साथ मिलकर घर का काम करने लगी। कुछ दिन ऐसे ही बीत गये। कभी-कभी मैं उस चुदाई का वीडियो देख लेती और मजा लेती। और मेरी भाभी अब ज्यादा दिन बिना चुदाई के नहीं रुक सकी। एक दिन शाम को भाई घर पे आया।
और मैंने सोचा क्यों ना आज भाई और भाभी की चुदाई देखी जाए, पर रात को मम्मी के उठने का डर भी था। फिर मैंने सोचा जो होगा देखा जाएगा, आज भाई का लण्ड देखती हूँ की भाभी सही कहती है झूठ ? तो मैंने सोचा आज कुछ भी हो मुझे देखना ही है। मैं रूम में आ गई और सबके सोने का इंतेजार करने लगी। अब मैं रात को 11:00 बजे उठी और बाहर आई। पहले मोम के रूम को देखा तो बंद था। मैं फिर बाहर आई और भाई के रूम में खिड़की से झांकने लगी अंदर की तरफ।
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: भाभी का बदला
पर अंदर बस नाइट-लैम्प जल रहा था और भाई बेड पर लेटे हुए थे और भाभी बैठी हुई थी और टीवी देख रही थी। करीब मैं एक घंटे तक इंतेजार करती रही। फिर भाई खड़े हुए और भाभी को पकड़ने लगे, तो भाभी ने उनको दूर कर दिया, और खड़ी हो गई और दराज़ खोलकर ड्रिंक की बोतल निका ली और ड्रिंक करने लगी। भाई भी खड़े हो गये और ड्रिंक करने लगे।
फिर भाई ने भाभी को पकड़ा और किस करने लगे, पर भाभी मन से साथ नहीं दे रही थी, उन्होंने उनको हटा दिया और बेड पर आकर लेट गई और बोली-“मुझे सोने दो, मुझे मत गरम करो, तुम्हारे बस का कुछ नहीं है, तुम्हारा लण्ड छोटा है, और तुम मुझे सही से नहीं चोद पाते हो…”
तो भाई बोला-“क्या यार रजनी, अब लण्ड छोटा है तो क्या करूं? आज पूरी कोशिस करूंगा तुमको सही से चोदने की…”
भाभी बोली-“नहीं, तुम नहीं चोद सकते हो मुझे। तुम्हारे छोटे लण्ड से तो अच्छा, मैं उंगली करके शांत कर लूँगी खुद को…”
भाई ने फिर उनको बोला-“अच्छा… पर मेरा लण्ड शांत कर दे…”
तो भाभी बेमन से उनके साथ किस करने लगी और भाभी और भाई ने एक दूसरे को नंगा कर दिया। भाई बस अंडरवेर में था और भाभी पूरी नंगी थी। भाई भाभी को किस कर रहा था,
फिर चुची से खेलने लगा। भाभी अब धीरे-धीरे गरम हो रही थी। भाई ने 5 मिनट तक चुची को चूसा होगा बारी-बारी से, और फिर भाभी की चूत को चाटने लगा।
इधर अब भाभी भी गरम हो रही थी, वो भी सिसकारियां लेने लगी-“आआऽ उम्म्म्म… ओह्ह… चाटो ऊह्ह… अह्ह…”
और भाई उसकी चूत को चाट रहा था। फिर भाई ने भाभी की चूत से मुँह उठा लिया और अपना अंडरवेर भी उतार दिया। नाइट लैंप की रोशनी कम थी। फिर भाई ने भाभी को लण्ड चूस ने को बोला, तो भाभी उनके ऊपर आ गई। भाई का सिर मेरी तरफ होने के कारण मैं लण्ड नहीं देख पा रही थी।
भाभी और भाई दोनों एक दूसरे के अंगों को चूस चाट रहे थे। फिर कुछ देर बाद भाई-“अह्ह… ओह्ह… चुस्स रजनीऽऽ ओह्ह… जोरन से ओह्ह…” और झड़ गये।
भाभी उठ खड़ी हुई और साइड में आ गई और बोली-“बस हो गया तेरा ना? बोला था मुझे गरम मत कर, अब मेरी चूत को शांत कौन करेगा?
जैसे ही भाभी नीचे आई तो भाई खड़ा हो गया और उनका लण्ड मुझे दिखा। उनका लण्ड छोटा और पतला था भाई जल्दी झड़ गये तो लण्ड उनका लटक गया था। भाभी अभी बेड पर नंगी लेटी थी, और भाई साइड में लेटे थे उनका लण्ड किसी बच्चे के लण्ड जैसा था। मैंने सोचा भाभी सही कह रही थी पर भाभी गरम हो चुकी थी तो वो चूत में दो उंगली घुसाकर उंगली कर रही थी। इधर भाई आराम से लेटे थे। आज मुझे पहली बार मेरे भाई पर उनका लण्ड देखकर गुस्सा आ रहा था।
भाभी ने भाई को बोला की उनको शांत करे। भाई ने भाभी की चूत में उंगली डाली और चोदने लगा और चाटने लगा। कुछ ही देर में भाभी-“आऽ ओह्ह… साले नामर्द्नर्द्द ओह्ह… चाट…” जैसी आवाज आने लगी।
अब भाई का लण्ड फिर से खड़ा हो गया, लण्ड पूरा टाइट था जो मुश्किल से 4-5 इंच का था। उसने भाभी की चूत में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा।
भाभी तो बहुत गरम हो चुकी थी और भाई को गाली दे रही थी-“साले हिजड़े भैन के लौड़े, जब तेरे बस की नहीं है तो माँ के लौड़े की ही क्यों? भैनचोद मुझे और ये क्या?
भाई 10 मिनट में फिर से भाभी की चूत में झड़ गये और भाभी तो अभी एक बार भी नहीं झड़ी थी। भाई निढाल होकर पड़ गये और उनका लण्ड सिकुड़ गया। भाभी को बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, उसने भाई को साइड में किया और बोली-“भोसड़ी के अब इस चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा? साला हिजड़ा कुत्ता…” और भाई को साइड में कर दिया और खुद चूत में उंगली करने लगी।
भाभी दो उंगली डालकर उंगली करती रही करीब 10 मिनट में भाभी की ज्वाला फूट पड़ी और झड़ गई फिर भाभी लेटी रही और मैं भी रूम में आकर सो गई।
*****
अगले दिन सुबह भाई को जाना था तो वो चले गये। फिर मैं भाभी और मम्मी ही रह गये थे घर में। कुछ दिन ऐसे ही निकलते रहे, और मैं भाभी का वीडियो देखकर उंगली से आग बुझाती रही।
और उधर भाभी राज से चुदती रही। भाभी कोई भी मोका नहीं छोड़ती थी। यदि मैं कालेज़ जाती तो वो राज को घर में बुलाकर चुदवाती, और घर में रहती तो खुद बाहर जाकर राज से चुदवाती। चुदाई के कारण मेरी भाभी बहुत सेक्सी हो गई थी, और मस्त फिगर हो गया था।
मैं भाभी की कई बार चुदाई देख चुकी थी, और सोचती काश, राज जैसा लौड़ा कोई मेरी चूत को फाड़ दे, पर डर भी लगता था और कंट्रोल करती थी। पर उस दिन जब मैं कालेज़ गई हुई थी और जल्दी वापस गई, करीब दिन के दो बज रहे थे, तो मैंने सोचा की भाभी अकेली ही होंगी, तो मैं जल्दी घर आ गई। और जैसे ही उनके रूम के पास गई तो देखा की भाभी किसी से बात कर रही हैं।
मैंने अंदर जाकर देखा तो राज और भाभी आपस में बातें कर रहे थे। मुझे देखकर राज घबरा गया और मेरी भाभी भी। उनके रूम में घुसते ही मुझे पता चल गया की उनकी चुदाई अभी-अभी खतम हुई है, क्योंकी बेड की चादर में सिलवटें थीं, और रूम से लण्ड और चूत के पानी की महक आ रही थी।
भाभी ने मेरा परिचय राज से करवाया और बोली-“ये मेरा दोस्त राज है आज ही कई दिनों बाद आया है तो मिलने आ गया। हम कालेज़ में साथ पढ़े थे…”
पर मुझ कोई इंटरेस्ट नहीं था और मैं रूम में आ गई और कपड़े बदलने करने लगी। मैं घर पर अक्सर छोटे कपड़े पहनती हूँ जैसे स्कर्ट और टाप।
उस दिन मैंने एक छोटी स्कर्ट पहन ली, जो बस मेरे घुटनों तक थी और ऊपर से बस एक टी-शर्ट डालकर बैठ गई। तभी मेरे रूम पर नाक हुई तो मैंने बोला-कौन है?
तो बाहर से भाभी की आवाज आई-मैं हूँ , रूम खोलो…”
मैंने रूम खोल दिया।
भाभी बोली-“क्या हुआ, मेरे रूम में आ जाओ?”
मैं कुछ देर तक सोचती रही और फिर भाभी के रूम में चली गई। वहां जाकर देखा तो राज जा चुका था। बस अब मैं और भाभी थी तो मैंने भाभी से पूछा -कौन था ये?
भाभी ने मुझे बताया की ये मेरा दोस्त है, बाहर नोकरी करता है, आज शहर में आया तो मुझसे मिलने आ गया।
मैं बोली-“भाभी, इस लड़के को मैंने कहीं देखा है…”
भाभी थोड़ा सा डर गई।
अब मैं भाभी से सब कुछ उनके मुँह से सुनना चाहती थी। तो मैंने पूछा -“इनको मैंने एक दिन बस स्टैंड के पास देखा था, और कई बार देख चुकी हूँ । मुझे लगता है ये यहीं का है…”
भाभी बोली-“नहीं, ऐसी बात नहीं है। ये इसी शहर का है और नोकरी के कारण दूर रहता है। आज ही आया था तो मिलने आ गया…”
अब मैंने बोला-“भाभी अगर इनको मिलना ही था तो शाम को भी आ सकता था अभी क्यों? और मेरे आते ही चला क्यों गया? सच बोलिए भाभी कौन है ये?”
फिर भाई ने भाभी को पकड़ा और किस करने लगे, पर भाभी मन से साथ नहीं दे रही थी, उन्होंने उनको हटा दिया और बेड पर आकर लेट गई और बोली-“मुझे सोने दो, मुझे मत गरम करो, तुम्हारे बस का कुछ नहीं है, तुम्हारा लण्ड छोटा है, और तुम मुझे सही से नहीं चोद पाते हो…”
तो भाई बोला-“क्या यार रजनी, अब लण्ड छोटा है तो क्या करूं? आज पूरी कोशिस करूंगा तुमको सही से चोदने की…”
भाभी बोली-“नहीं, तुम नहीं चोद सकते हो मुझे। तुम्हारे छोटे लण्ड से तो अच्छा, मैं उंगली करके शांत कर लूँगी खुद को…”
भाई ने फिर उनको बोला-“अच्छा… पर मेरा लण्ड शांत कर दे…”
तो भाभी बेमन से उनके साथ किस करने लगी और भाभी और भाई ने एक दूसरे को नंगा कर दिया। भाई बस अंडरवेर में था और भाभी पूरी नंगी थी। भाई भाभी को किस कर रहा था,
फिर चुची से खेलने लगा। भाभी अब धीरे-धीरे गरम हो रही थी। भाई ने 5 मिनट तक चुची को चूसा होगा बारी-बारी से, और फिर भाभी की चूत को चाटने लगा।
इधर अब भाभी भी गरम हो रही थी, वो भी सिसकारियां लेने लगी-“आआऽ उम्म्म्म… ओह्ह… चाटो ऊह्ह… अह्ह…”
और भाई उसकी चूत को चाट रहा था। फिर भाई ने भाभी की चूत से मुँह उठा लिया और अपना अंडरवेर भी उतार दिया। नाइट लैंप की रोशनी कम थी। फिर भाई ने भाभी को लण्ड चूस ने को बोला, तो भाभी उनके ऊपर आ गई। भाई का सिर मेरी तरफ होने के कारण मैं लण्ड नहीं देख पा रही थी।
भाभी और भाई दोनों एक दूसरे के अंगों को चूस चाट रहे थे। फिर कुछ देर बाद भाई-“अह्ह… ओह्ह… चुस्स रजनीऽऽ ओह्ह… जोरन से ओह्ह…” और झड़ गये।
भाभी उठ खड़ी हुई और साइड में आ गई और बोली-“बस हो गया तेरा ना? बोला था मुझे गरम मत कर, अब मेरी चूत को शांत कौन करेगा?
जैसे ही भाभी नीचे आई तो भाई खड़ा हो गया और उनका लण्ड मुझे दिखा। उनका लण्ड छोटा और पतला था भाई जल्दी झड़ गये तो लण्ड उनका लटक गया था। भाभी अभी बेड पर नंगी लेटी थी, और भाई साइड में लेटे थे उनका लण्ड किसी बच्चे के लण्ड जैसा था। मैंने सोचा भाभी सही कह रही थी पर भाभी गरम हो चुकी थी तो वो चूत में दो उंगली घुसाकर उंगली कर रही थी। इधर भाई आराम से लेटे थे। आज मुझे पहली बार मेरे भाई पर उनका लण्ड देखकर गुस्सा आ रहा था।
भाभी ने भाई को बोला की उनको शांत करे। भाई ने भाभी की चूत में उंगली डाली और चोदने लगा और चाटने लगा। कुछ ही देर में भाभी-“आऽ ओह्ह… साले नामर्द्नर्द्द ओह्ह… चाट…” जैसी आवाज आने लगी।
अब भाई का लण्ड फिर से खड़ा हो गया, लण्ड पूरा टाइट था जो मुश्किल से 4-5 इंच का था। उसने भाभी की चूत में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा।
भाभी तो बहुत गरम हो चुकी थी और भाई को गाली दे रही थी-“साले हिजड़े भैन के लौड़े, जब तेरे बस की नहीं है तो माँ के लौड़े की ही क्यों? भैनचोद मुझे और ये क्या?
भाई 10 मिनट में फिर से भाभी की चूत में झड़ गये और भाभी तो अभी एक बार भी नहीं झड़ी थी। भाई निढाल होकर पड़ गये और उनका लण्ड सिकुड़ गया। भाभी को बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, उसने भाई को साइड में किया और बोली-“भोसड़ी के अब इस चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा? साला हिजड़ा कुत्ता…” और भाई को साइड में कर दिया और खुद चूत में उंगली करने लगी।
भाभी दो उंगली डालकर उंगली करती रही करीब 10 मिनट में भाभी की ज्वाला फूट पड़ी और झड़ गई फिर भाभी लेटी रही और मैं भी रूम में आकर सो गई।
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अगले दिन सुबह भाई को जाना था तो वो चले गये। फिर मैं भाभी और मम्मी ही रह गये थे घर में। कुछ दिन ऐसे ही निकलते रहे, और मैं भाभी का वीडियो देखकर उंगली से आग बुझाती रही।
और उधर भाभी राज से चुदती रही। भाभी कोई भी मोका नहीं छोड़ती थी। यदि मैं कालेज़ जाती तो वो राज को घर में बुलाकर चुदवाती, और घर में रहती तो खुद बाहर जाकर राज से चुदवाती। चुदाई के कारण मेरी भाभी बहुत सेक्सी हो गई थी, और मस्त फिगर हो गया था।
मैं भाभी की कई बार चुदाई देख चुकी थी, और सोचती काश, राज जैसा लौड़ा कोई मेरी चूत को फाड़ दे, पर डर भी लगता था और कंट्रोल करती थी। पर उस दिन जब मैं कालेज़ गई हुई थी और जल्दी वापस गई, करीब दिन के दो बज रहे थे, तो मैंने सोचा की भाभी अकेली ही होंगी, तो मैं जल्दी घर आ गई। और जैसे ही उनके रूम के पास गई तो देखा की भाभी किसी से बात कर रही हैं।
मैंने अंदर जाकर देखा तो राज और भाभी आपस में बातें कर रहे थे। मुझे देखकर राज घबरा गया और मेरी भाभी भी। उनके रूम में घुसते ही मुझे पता चल गया की उनकी चुदाई अभी-अभी खतम हुई है, क्योंकी बेड की चादर में सिलवटें थीं, और रूम से लण्ड और चूत के पानी की महक आ रही थी।
भाभी ने मेरा परिचय राज से करवाया और बोली-“ये मेरा दोस्त राज है आज ही कई दिनों बाद आया है तो मिलने आ गया। हम कालेज़ में साथ पढ़े थे…”
पर मुझ कोई इंटरेस्ट नहीं था और मैं रूम में आ गई और कपड़े बदलने करने लगी। मैं घर पर अक्सर छोटे कपड़े पहनती हूँ जैसे स्कर्ट और टाप।
उस दिन मैंने एक छोटी स्कर्ट पहन ली, जो बस मेरे घुटनों तक थी और ऊपर से बस एक टी-शर्ट डालकर बैठ गई। तभी मेरे रूम पर नाक हुई तो मैंने बोला-कौन है?
तो बाहर से भाभी की आवाज आई-मैं हूँ , रूम खोलो…”
मैंने रूम खोल दिया।
भाभी बोली-“क्या हुआ, मेरे रूम में आ जाओ?”
मैं कुछ देर तक सोचती रही और फिर भाभी के रूम में चली गई। वहां जाकर देखा तो राज जा चुका था। बस अब मैं और भाभी थी तो मैंने भाभी से पूछा -कौन था ये?
भाभी ने मुझे बताया की ये मेरा दोस्त है, बाहर नोकरी करता है, आज शहर में आया तो मुझसे मिलने आ गया।
मैं बोली-“भाभी, इस लड़के को मैंने कहीं देखा है…”
भाभी थोड़ा सा डर गई।
अब मैं भाभी से सब कुछ उनके मुँह से सुनना चाहती थी। तो मैंने पूछा -“इनको मैंने एक दिन बस स्टैंड के पास देखा था, और कई बार देख चुकी हूँ । मुझे लगता है ये यहीं का है…”
भाभी बोली-“नहीं, ऐसी बात नहीं है। ये इसी शहर का है और नोकरी के कारण दूर रहता है। आज ही आया था तो मिलने आ गया…”
अब मैंने बोला-“भाभी अगर इनको मिलना ही था तो शाम को भी आ सकता था अभी क्यों? और मेरे आते ही चला क्यों गया? सच बोलिए भाभी कौन है ये?”
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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